शनिवार, 27 अप्रैल 2019

कांग्रेस में पड़ गया है सिंधी समाज की लीडरशिप का अकाल

 कांग्रेस में पड़ गया है सिंधी समाज की लीडरशिप का अकाल


नरेश राघानी


इस लोकसभा चुनाव में सिंधी समाज के लोगों को इकट्ठा करने के लिए अजमेर की कांग्रेस बहुत प्रयास किया लेकिन पूरी सफलता नहीं मिली । क्योंकि *पिछले विधानसभा चुनाव में सिन्धी समुदाय को पूरी तरह से दरकिनार कर चुकी कांग्रेस अब सिंधियों के पास जाए तो कैसे ?* लगभग सभी *मजबूत चेहरे कांग्रेस छोड़कर चले जाने से अब संगठन के अंदर ही सिंधी नेतृत्व का टोटा पड़ गया है।* आपको बता दें उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी ने , *प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य दीपक हासानी* को विधानसभा टिकट जैसे सब्जबाग दिखाए थे। दीपक हासानी पूरी तरह से धनबल और जनबल लगा कर विधायक बनने के अभियान में जुट भी गए। *परंतु प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट द्वारा ऐन वक्त पर यहां से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव महेंद्र सिंह रलावता को टिकट दे दिया गया।* जो कि एक बार फिर कांग्रेस के लिए *शहर में घातक सिद्ध हुआ।* अजमेर जिले के सिंधी समुदाय के *लगभग 90 हज़ार वोटों ने इस से रुष्ट होकर ,अजमेर उत्तर में तो एकमुश्त मतदान भाजपा के सिन्धी प्रत्याशी पूर्व मंत्री रहे वासुदेव देवनानी के पक्ष में किया।और बाकी विधानसभाओं जिसमें प्रमुखता से अजमेर दक्षिण में भी कांग्रेस को समर्थन नहीं दिया। और अजमेर शहर में कांग्रेस को मूँह की खानी पड़ी।* पायलट के वादाखिलाफ रवैये के बाद *सिंधी समुदाय का शायद पूर्ण रूप से अजमेर में कांग्रेस से अब मोह भंग हो चुका है।* यह बात इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधी मतदाताओं को लुभाने हेतु किए गए कांग्रेस के *असफल प्रयासों से सिद्ध होती है।* कांग्रेस ने सिन्धी समुदाय का टिकट काटने के बावजूद इस लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस सदस्य दीपक हासानी को बिल्कुल भी नहीं गांठा। उस पर न जाने किस *ज्यादा समझदार नेता* के निर्देश पर, एक नए सिंधी नेता की तलाश शुरू कर दी।और अगरबत्ती व्यवसायी *राजकुमार लुधानी* को समाज की मीटिंग ,कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी झुनझुनवाला के पक्ष में रखने को कही गई। *इस मीटिंग में मुश्किल से 10 सिंधी लोग पहुंचे। और आनन-फानन में होटल ब्राविया के हॉल में आयोजित इस मीटिंग में कांग्रेस को अपनी इज्जत बचाने के लिये अन्य लोगों को उस हाल में बिठाना पड़ा था।*


इस असफल प्रयास के बाद यह जिम्मेदारी राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव *ललित भाटी ने संभाली।* जिन्होंने सिंधी समुदाय के व्यापारियों की एक बैठक होटल कनक सागर में कल रात आयोजित की। *हालांकि यह मीटिंग पहली वाली मीटिंग से बेहतर थी।लेकिन इस बैठक में भी मुश्किल से वही सिंधी चेहरे नजर आए जिनमें अधिकांश कांग्रेस संगठन के अंदर पदों पर आसीन लोगों के परिजन ही थे।* ललित भाटी के इस आयोजन पर सर्व सिन्धी समाज के अध्यक्ष सोना धनवानी, महेश और रश्मि हिंगोरानी, राजेश आनंद,राजकुमार तुलसियानी,निशा जेसवानी, गिरधर तेजवानी सहित सिन्धी समुदाय के कांग्रेसी चेहरे वहाँ मौजूद थे। लेकिन जैसे ही *डॉ बाहेती और महेंद्रसिंह रलावता लोकसभा प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला के साथ गाड़ी से उतरे, वहाँ मौजूद कुछ लोगों के के दिमाग का दही हो गया ।* और वहां मौजूद लोग मुखर होकर कांग्रेस पार्टी द्वारा सिन्धी समुदाय के साथ किये गए कुठाराघात पर रिजु के सामने बोलने लगे। मौजूद लोगों ने रिजु के समक्ष यह तक कहा कि - *प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट तक ने सिन्धी समुदाय के साथ कुठाराघात करने वालों को अपने साथ रख रखा है। और समाज को टिकट देने का वादा करके वादाखिलाफी की है। जिसके परिणाम स्वरूप अजमेर शहर की दोनों सीटें कांग्रेस विधानसभा में हारी है।*
सुनकर बाहेती और रलावता चुप खड़े रहे लेकिन *ललित भाटी ने मोर्चा संभालते हुए कहा - देखिए !!! क्योंकि आज रिजु ऐसा कोई निर्णय करने की स्थिति में नहीं है। परंतु यदि आप लोग अपना मत समर्थन और हिम्मत लोकसभा प्रत्याशी को दें देंगे तो एक नया रास्ता ज़रूर खुलेगा।*
भीड़ में खड़ा एक युवक बोला कि *कांग्रेस के सचिव राजकुमार कलवानी के बेटे दिनेश के देहांत तक पर एक भी वरिष्ठ कांग्रेसी चेहरा नज़र नहीं आया साहब !!!* जिस पर सोना धनवानी ने बात संभालने की कोशिश की। माहौल की नाजुकता देखते हुए आखिर बात रिजु ने खुद ही संभालते हुए बहुत सरलता से मस्त लहज़े में कहा - *चलिये ... आराम से बैठ कर बात करें ? और मंच पर ही एक अबोध बालक की तरह ज़मीन पर बैठ गए। रिजु का यह मित्रवत व्यवहार देखते ही वहां मौजूद लोगों ने भी रिजु के इस सादेपन को स्वीकार किया और रिजु को चारों तरफ से घेर कर बैठ गए।फिर सबने बारी बारी अपनी बात कही।*
सबकी सुनने के बाद कहा - कि *देखो भाई !!! मैं पॉलिटिक्स में बिल्कुल नया हूँ , इसलिए ये सब पोलिटिकल बातें कम समझता हूँ । मुझे यहां आकर ही आप लोगों से यह सब मालूम हुआ है। इसलिए ,आप लोगों से ऐसा कोई भी झूठा वादा मैं नहीं करूंगा , जो की बाद में पूरा ना कर सकूं। हाँ यह जरूर कहूंगा कि आप मुझे मजबूती दो और यदि मैं आपकी कृपा और आशीर्वाद से यह चुनाव जीत जाता हूं, तो हम सब मिलकर फिर इसी तरह साथ बैठेंगे । और जो भी उचित निर्णय होगा सिंधी समुदाय के हित में, वही करेंगे।* रिजु के इतना कहते ही वहां मौजूद लोगों उत्साह वश खड़े होकर रिजु भैया जिंदाबाद के नारे लगाने लगे।


यह तो था मीटिंग का ब्यौरा अब जरा इतिहास पर नज़र डालते हैं। सिंधी समुदाय से कांग्रेस में वरिष्ठ एवं कद्दावर नेता *स्वर्गीय किशन मोटवानी उत्तर क्षेत्र से वर्षों तक विधायक और मंत्री बनते रहे।* उनकी मृत्यु उपरांत कांग्रेस संगठन के ही *कुछ अन्य नेताओं ने शहर की फिजाओं में सिंधी बनाम गैर सिंधी का जहर घोलना शुरू कर दिया। और कांग्रेस के आला नेताओं की आंखों पर गलत चश्में पहना पहना कर यह सीट सदा सदा के लिए भाजपा को परोस कर दे दी गयी।*
यह सब उन नेताओं के निजी स्वार्थों की पूर्ति और अजमेर उत्तर सीट पर खुद के कब्जे की मनोवृति से किया कृत्य है।
*अजमेर एक अपवाद के रूप में पूरे राजस्थान में देखा जाता था, जहाँ कांग्रेस के टिकट पर एक सिन्धी समुदाय का प्रत्याशी लगातार निर्बाध रूप से जीतता आया है।* परंतु अब उसी अजमेर की कांग्रेस पार्टी में सिंधी समुदाय की लीडरशिप खत्म हो गयी है। धीरे धीरे *सिन्धी समाज के सभी प्रभावशाली लोग कांग्रेस से किनारा करने लगे हैं।* प्रणाम स्वरूप कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा सिंधी बनाम गैर सिंधी का नारा देकर *जो खिलवाड़ शहर के कांग्रेस जनाधार के साथ लोकल नेताओं द्वारा किया गया है वह अब कांग्रेस को भारी पड़ने लगा है। जिसकी वजह से अजमेर उत्तर और दक्षिण दोनों ही भाजपा का गढ़ बन कर रह गए हैं।* अब देखना यह है कि क्या रिजु का *हाईटेक प्रचार* और *फिल्मी सितारों की चमक* अजमेर शहर रूपी इस भाजपा के गढ़ को भेद पाती है या नहीं ?


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