शुक्रवार, 24 मार्च 2023

पुरानी और नई पेंशन स्कीम को लेकर खींचतान, फैसला 

पुरानी और नई पेंशन स्कीम को लेकर खींचतान, फैसला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। पुरानी पेंशन और नई पेंशन स्कीम को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच खींचतान के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। शुक्रवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि हर गैर-बीजेपी शासित राज्यों में विपक्ष ये मुद्दा उछाल रही है वहीं हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन को बड़ा मुद्दा बनाया था और सरकार बनने के बाद इसे लागू करने का ऐलान भी कर दिया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी नई पेंशन स्कीम का रिव्यू करेगी, वित्त मंत्री ने लोकसभा में फाइनेंस बिल पेश किया और हंगामें के बीच ही इस पर वोटिंग हुई। लोकसभा में फाइनेंस बिल को पास करा लिया गया है। देश में एक जनवरी 2004 से एनपीएस यानी नई पेंशन स्कीम लागू है। दोनों पेंशन के कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी हैं, पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। क्योंकि पुरानी स्‍कीम में पेंशन का निर्धारण सरकारी कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई दर के आंकड़ों के अनुसार होता है। इसके अलावा पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारियों के वेतन से कोई पैसा कटने का प्रावधान नहीं है।

वहीं, पुरानी पेंशन योजना में भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है, सबसे खास बात पुरानी पेंशन स्कीम में हर 6 महीने बाद मिलने वाले डीएक का प्रावधान है, यानी जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है, तो भी इससे पेंशन में बढ़ोतरी होती है।

कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं...

नई पेंशन स्‍कीम का निर्धारण कुल जमा राशि और निवेश पर आए रिटर्न के अनुसार होता है। इसमें कर्मचारी का योगदान उसकी बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी कर्मचारियों को प्राप्त होता है। इतना ही योगदान राज्य सरकार भी देती है। एक मई 2009 से एनपीएस स्कीम सभी के लिए लागू की गई। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी। एनपीएस में कर्मचारियों की सैलरी से 10फीसदी की कटौती की जाती है। पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा होती थी, लेकिन नई स्कीम में इसकी सुविधा नहीं है।

पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी, जबकि नई पेंशन योजना में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है। क्योंकि पुरानी पेंशन स्कीम एक सुरक्षित योजना है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से होता है, वहीं, नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जिसमें बाजार की चाल के अनुसार, भुगतान किया जाता है। नई पेंशन स्कीम पर रिटर्न अच्‍छा रहा तो प्रोविडेंट फंड और पेंशन की पुरानी स्कीम की तुलना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अच्छा पैसा मिल सकता है। क्योंकि ये शेयर बाजार पर निर्भर रहता है, लेकिन कम रिटर्न की स्थिति में फंड कम भी हो सकता है।

घरेलू शेयर बाजारों में लगातार दूसरे दिन गिरावट

घरेलू शेयर बाजारों में लगातार दूसरे दिन गिरावट

कविता गर्ग 

मुंबई। बिकवाली दबाव के बीच घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 398 अंक नुकसान में रहा। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के साथ धातु, ऊर्जा और रियल्टी शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया। कारोबारियों के अनुसार इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।

इस दौरान, तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 398.18 अंक यानी 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,527.10 अंक पर बंद हुआ। इसके 24 शेयरों में गिरावट रही। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ऊंचे में 58,066.40 अंक तक गया और नीचे में 57,422.98 अंक तक आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 131.85 अंक यानी 0.77 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,000 अंक स्तर के नीचे आ गया और यह 16,945.05 अंक पर बंद हुआ।

निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में से 41 शेयर नुकसान में रहे। साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 462.8 अंक यानी 0.79 प्रतिशत तक गिर गया, जबकि निफ्टी 155 अंक या 0.90 प्रतिशत फिसला। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘किसी भी उत्साहजनक संकेतों के अभाव में, बाजारों में गिरावट जारी रही और आधा प्रतिशत से अधिक से अधिक के नुकसान में रहा।

प्रमुख शेयरों में गिरावट से निफ्टी सूचकांक 17,000 की स्तर से नीचे आ गया। इस दौरान धातु, रियल एस्टेट और ऊर्जा के शेयरों में बिकवाली जारी रही।’’ सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से बजाज फिनसर्व को सबसे ज्यादा 3.81 प्रतिशत नुकसान हुआ। इसके अलावा, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एचसीएल टेक, भारतीय स्टेट बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एक्सिस बैंक और टाइटन भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और 1.96 प्रतिशत नीचे आया। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स और विप्रो शामिल हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘लोकसभा में सरकार के वित्त विधेयक 2023 पारित करने के बाद से घरेलू शेयर दबाव में आ गए। संशोधनों के अनुसार, वायदा और विकल्प (एफएंडओ) खंड में बिक्री पर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ा दिया गया है। हालांकि, वृद्धि से संबंधित चीजें अभी स्पष्ट नहीं है और उसकी प्रतीक्षा है। विधेयक में बॉन्ड में निवेश से जुड़े म्यूचुअल फंड के मामले में दीर्घकालीन कर लाभ को भी वापस लिया गया है।’’ एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर के कारोबार गिरावट का रुख था। बृहस्पतिवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74.60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 995.01 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया 

गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम। वायनाड सीट (केरल) से निर्वाचित राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने की अधिसूचना पर कानूनी पंडितों की अलग-अलग व्याख्या देखने को मिली है। कांग्रेस से लंबे समय तक जुड़े रहने के बाद, समाजवादी पार्टी के सहयोग से राज्य सभा सदस्य बने कपिल सिब्बल ने कहा कि कानून में लिखा है, “यदि आप किसी आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जाते हो और आपको कम से कम दो साल की सजा सुनायी जाती है, तो आपकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है, लेकिन उन्होंने सूरत की अदालत द्वारा राहुल गांधी को मानहानि का दोषी करार दिए जाने के फैसले को, अजीबो-गरीबो करार दिया है।  

उनका कहना है,  कानून कहता है कि यदि किसी जुर्म में आपको दोषी करार दिया जाता है और आपको दो साल की सजा हो जाती है, तो आपकी सीट रिक्त हो जाती है। अध्यक्ष कानून के अऩुसार ही इस संबंध में कदम उठाते हैं।  कांग्रेस नेता और कानून के विशेषज्ञ पी चिदंबरम ने शुक्रवार को गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद, ट्वीट किया, निर्णय 23 मार्च, अयोग्यता 24 मार्च। व्यवस्था ने जिस गति से काम किया है, वह चौंकाने वाला है।

सोच-विचार और समझने या कानूनी समीक्षा पर जरा सा भी समय नहीं लगाया गया।  कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट किया,  कार्रवाई की रफ्तार से मैं चकित हूं, अदालत के निर्णय के 24 घंटे के अंदर (कार्रवाई) कर दी गयी, जबकि यह पता था कि (निर्णय के खिलाफ) अपील की जाएगी। यह बेदर्दी भरी राजनीति है और यह हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है।  विभिन्न कानूनी विशेषज्ञों ने फैसला आने के बाद ही कहा था कि राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने का प्रावधान तत्काल प्रभाव से स्वतः लागू हो गया है। भले ही न्यायालय ने उनकी जमानत मंजूर कर ली है।

वर्ष 2013 से लागू कानूनी संसोधनों के बाद ऐसी स्थितियों में बिहार के नेता लालू प्रसाद यादव, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता, राज्यसभा सदस्य रशीद मसूद और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक आजम खान सहित कई नेताओं की सदस्यता उनकी सजा घोषित होने से तत्काल बाद स्वतः समाप्त हो चुकी है। लोकसभा सचिवालय द्वारा  गांधी की सदस्यता समाप्त होने के संबंध में शुक्रवार को जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट है कि कानून के अऩुसार, वायनाड से निर्वाचित इस सांसद की सदस्यता सूरत की अदालत का फैसला आने के साथ ही समाप्त हो गई है।

अधिसूचना में कहा गया है, केरल के वायनाड संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सदस्य  राहुल गांधी को सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा अपराधिक वाद सीसी/18712/2019 मामले में दोषी घोषित किये जाने के परिणामस्वरूप उन्हें दोषी करार दिये जाने की तिथि अर्थात 23 मार्च 2023 से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 (1)(ई) के अनुसार तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1991 की धारा 8 के दृष्टिगत लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया जाता है।

सिब्बल ने फैसले के बाद एक टीवी चैनल से कहा था कि  गांधी को सजा निलंबित किए जाने से कोई राहत नहीं मिलने वाली। उन्होंने कहा था कि यदि उनको दोषी करार दिए जाने के निर्णय पर रोक लगती है, तभी उनकी सदस्यता बच सकती है। कांग्रेस ने  गांधी की सदस्यता समाप्त किए जाने पर कहा कि भाजपा सच बोलने वालों की आवाज बंद करना चाहती है। भाजपा ने गांधी को अदालत में दोषी करार दिए जाने पर कहा है कि कोई भारत में कानून के सामने सभी बराबर हैं।

ओपीडी सेवा शुरू, समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर 

ओपीडी सेवा शुरू, समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय और पूर्व सैनिक कल्याण विभाग (ईसीएचएस) ने शुक्रवार को देशभर में ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में आयुर्वेद की पांच साल की अवधि के लिए ओपीडी सेवा शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आयुष मंत्रालय ने यहां बताया कि ये ओपीडी सेवा अंबाला, मैसूर, रांची, नागपुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चेन्नई, मेरठ, दानापुर और एलेप्पी (अलप्पुझा) के 10 पॉलीक्लिनिक में दी जाएंगी।

इसके अलावा 37 छावनी अस्पतालों, एएफएमसी के 12 सैन्य अस्पतालों और एएच आर एंड आर में आयुर्वेद ओपीडी, एएफ अस्पताल हिंडन और पांच ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में आयुर्वेद केंद्र पहले से मौजूद हैं। आयुष मंत्रालय की ओर से आयुर्वेद सलाहकार डॉ. मनोज नेसारी ने विशेष सचिव प्रमोद कुमार पाठक की उपस्थिति में पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना के प्रबंध निदेशक मेजर जनरल एन.आर. इंदुरकर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

समझौते के अनुसार आयुर्वेद ओपीडी स्वैच्छिक आधार पर सभी ईसीएचएस सदस्यों के लिए भारत के विभिन्न क्षेत्रों में 10 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक और डिस्पेंसरियों में स्थापित की जाएगी। मंत्रालय समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करेगा और आयुर्वेद डॉक्टरों और फार्मासिस्टों को उनकी नियुक्ति के लिए सूचीबद्ध करेगा और आवश्यक आयुर्वेद दवाओं की सूची और अन्य तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। पूर्व सैनिक कल्याण विभाग संबंधित पॉलीक्लिनिक में उपयुक्त स्थान पर आवश्यक बुनियादी ढांचा - कमरे, फर्नीचर, अन्य सुविधाएं प्रदान करेगा। आयुर्वेद विशेषज्ञों, आयुर्वेद सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ को अनुबंध के आधार पर नियुक्त करेगा। 

सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी पर हमला बोला 

सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी पर हमला बोला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि उनके नेतृत्व में देश को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली विधानसभा में एक संबोधन में उन्होंने उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार के काम में बाधा डालने का भी आरोप लगाया।केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं भाजपा के लोगों को बताना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है। जो लोग देश को नष्ट करना चाहते हैं, उन्हें भाजपा में होना चाहिए और जो देश को बचाना चाहते हैं, उन्हें भाजपा छोड़ देनी चाहिए।’’ केजरीवाल के प्रधानमंत्री के बारे में बोलने पर विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया।

राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘‘वे डरे हुए हैं।’’ गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने पर उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। केजरीवाल ने उपराज्यपाल सक्सेना से दिल्ली के विकास के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने को कहा।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं उपराज्यपाल साहब से कहना चाहता हूं कि आप गुजरात से आए हैं। आप हमारे मेहमान हैं।’ मुझे नहीं लगता कि वह दिल्ली की सड़कों के नाम भी जानते होंगे। लेकिन हम लड़ाई नहीं चाहते। हम साथ काम करना चाहते हैं। आने वाली पीढि़यां क्या कहेंगी? वे लड़ रहे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें घर-घर सीवर कनेक्शन देना है, नयी बसें खरीदनी हैं, ट्रैफिक की स्थिति सुधारनी है...आइए मिलकर काम करें।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम आपके साथ काम करेंगे। यह भारत-पाकिस्तान युद्ध नहीं है। जब मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल एक साथ काम करना शुरू करेंगे, तो यह वास्तव में एक डबल इंजन सरकार होगी।’’ 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-162, (वर्ष-06)

2. शनिवार, मार्च 25, 2023

3. शक-1944, चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 15 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

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