शनिवार, 3 सितंबर 2022

सर्वजातीय महापंचायत की तैयारियां पूर्ण, जायजा लिया 

सर्वजातीय महापंचायत की तैयारियां पूर्ण, जायजा लिया 

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। कंडेला में रविवार को आयोजित होने जा रही किसानों-मजदूरों व सर्वजातीय महापंचायत की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। एसडीएम कैराना ने पंचायत स्थल पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कैराना क्षेत्र के गांव कंडेला के चौधरी मानसिंह राजकीय इंटर कॉलेज के खेल मैदान में रविवार को किसानों-मजदूरों व सर्वजातीय महापंचायत का आयोजन होने जा रहा है। शेखूपुरा के पूर्व प्रधान विलियम चौहान ने बताया कि महापंचायत की सारी तैयारियां मुकम्मल कर ली गई है।

जनपद शामली के अलावा दूसरे जिलों से भी भारी संख्या में लोगो के महापंचायत में पहुंचने की प्रबल संभावना है। वहीं, एसडीएम कैराना शिवप्रकाश यादव कंडेला पहुंचे और पंचायत स्थल का जायजा लिया। उधर, प्रशासन व खुफिया विभाग की नजर भी होने वाली महापंचायत पर बनी हुई है।

देवरिया: डीएम की अध्यक्षता में बैठक आयोजित 

देवरिया: डीएम की अध्यक्षता में बैठक आयोजित 

हरिशंकर त्रिपाठी 

देवरिया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में देर शाम मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य व्यवस्था को जन अपेक्षाओं के अनुरूप बनाने के संबन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों एवं उनके तीमारदारों को बेहतर जन-सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। नगर पालिका मेडिकल कॉलेज परिसर में यूरिनल सुविधा युक्त शौचालय का निर्माण करेगा। मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए बैठने के समुचित इंतजाम किए जाएंगे। मेडिकल कॉलेज परिसर में पुलिस चौकी की स्थापना की कार्यवाही भी शीघ्र प्रारंभ की जाएगी।

जिलाधिकारी ने सिटीजन चार्टर के अनुरूप मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टरों के नाम एवं कार्य अवधि उनके कार्य कक्ष के बाहर लिखने का निर्देश दिया। यदि डॉक्टर किसी कारणवश उपास्थिति न हों तो उनके स्थान पर तैनात डॉक्टर का नाम फ्लेक्स पर अंकित किया जाए। बैठक में नए जिला अस्पताल के लिए भूमि तलाशने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। इस संबन्ध में भुजौली में स्थित नगर पालिका की छह एकड़ से अधिक की भूमि पर भी विचार किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि नया जिला अस्पताल बनने से जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी, इसलिए इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। जिलाधिकारी ने सीएमएस (महिला) के सीजीरियन डिलीवरी के दृष्टिगत 24 घन्टे, तीन शिफ्टों में पैथोलॉजी सुविधा उपलब्ध कराने के सुझाव से सहमति जताई और इस संबन्ध में व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सीएमओ को आवश्यक निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने यह भी निर्देशित किया कि सभी डिलीवरी प्वाइंट को क्रियाशील किए जाएं। सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी अपने विकास खंडों के सभी डिलीवरी प्वाइंट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आदि का निरीक्षण कर लें। यदि कहीं पर किसी प्रकार की कमी है तो उसको दूर करते हुए उसका संचालन प्रारंभ कराएं। डिलीवरी प्वाइंट के संचालित न पाए जाने पर प्रभारी चिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। बैठक में सीडीओ रवींद्र कुमार, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. राजेश कुमार बरनवाल, प्रभारी सीएमओ डॉ. सुरेंद्र सिंह, सीएमएस डॉ. आनंद मोहन वर्मा, एडीएम (प्रशासन) गौरव श्रीवास्तव, एसडीएम सौरभ सिंह, इओ नगर पालिका रोहित सिंह सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।

एमपी: महिला टीचर ने स्कूल के क्लर्क को थप्पड़ मारा 

एमपी: महिला टीचर ने स्कूल के क्लर्क को थप्पड़ मारा 

मनोज सिंह ठाकुर 

सागर‌‌। मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक महिला टीचर ने स्कूल के क्लर्क को थप्पड़ मार दिया। इस घटना का वीडियो सामने आया है। यह वीडियो सीएम राइज हायर सेकंडरी स्कूल नरयावली का बताया जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक ने सहायक संचालक के निर्देश में एक जांच दल गठित किया है। टीम मामले की जांच कर रही है। दरअसल, हायर सेकंडरी स्कूल नरयावली में महिला टीचर नीता विश्वकर्मा की स्कूल के क्लर्क महेश जाटव से सैलरी को लेकर हुई किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इसी बीच महिला टीचर ने क्लर्क को थप्पड़ मार दिया। इस पर क्लर्क ने भी टीचर पर हाथ उठाया। इस दौरान वीडियो बना रहे शख्स ने बीच-बचाव किया। इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे से अपशब्द भी कहे। फिर स्कूल प्रिंसिपल और अन्य लोगों बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।

वायरल वीडियो को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक का कहना है कि वीडियो तो नहीं देखा, लेकिन मामले के बारे में जानकारी हुई है। यह मामला नरयावली हायर सेकंडरी स्कूल का है। मामले की जांच करवाई जा रही है। सहायक संचालक का दल बनाकर नरयावली स्कूल भेजा है। टीम मामले की जांच कर रही है। इसमें जो भी दोषी व्यक्ति होगा, उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विद्यालय में इस तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी। प्राथमिक तौर पर दोनों ही पक्ष अपनी जानकारी रख रहे हैं। बता दें कि 5 दिन में यह इस तरह का दूसरा मामला सामने है। इससे पहले देवरी के रसेना में भी प्राचार्य पर चप्पल फेंकने का वीडियो वायरल हुआ था।

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए विभाग को बधाई 

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए विभाग को बधाई 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अमल में मध्यप्रदेश 30 लाख से अधिक हितग्राहियों के पंजीयन, 1294 करोड़ की राशि वितरण और वर्तमान वित्त वर्ष में अगस्त माह तक 2 लाख 26 हजार 306 हितग्राहियों को लाभान्वित कर देश में अव्वल है। चौहान ने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए महिला बाल विकास विभाग को बधाई दी है। मध्यप्रदेश लगातार चौथे वर्ष इस योजना में वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय स्थान पर प्रथम स्थान पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग किए गए नवाचारों और उपलब्धियों की ब्रांडिंग कर जनता तक इन कार्यों का संदेश पहुंचाएं। चौहान ने कहा कि जिस तरह जन्म-दिवस और विवाह वर्षगांठ पर पौधा लगाने का आव्हान किया गया है, उसी तरह आंगनवाड़ी केंद्र में जा कर बच्चों के साथ मिष्ठान वितरण और भोजन ग्रहण करने का कार्य नागरिक बंधु कर सकते हैं। इसके लिए विभाग द्वारा भी प्रयास किए जाएं। बैठक में ‘एडॉप्ट एन आंगनवाड़ी’ की समीक्षा के दौरान बताया गया कि मुख्यमंत्री चौहान की पहल पर आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए प्रदेश में खिलौने, अन्य सामग्री सहित 25 करोड़ का जन-सहयोग मिला है। अधो-संरचना के कार्यों की पहल हुई है। आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए आउटडोर खेल सामग्री झूला और फिसलपट्टी आदि का प्रदाय हुआ है। डेढ़ हजार से अधिक केंद्र का आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में उन्नयन किया गया है। बच्चों के लिए जूते-चप्पल और स्वच्छता किट का भी प्रदाय हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रथम प्रसव की पात्र गर्भवती महिला और धात्री माता को 5 हजार रूपए की राशि और द्वितीय प्रसव में बालिका के जन्म पर शिशुवती माता को 6 हजार रूपए की राशि दिलवाने का कार्य प्राथमिकता से किया गया है। योजना में लगभग 80 लाख आवेदनों की मंजूरी एक उपलब्धि है। इसी प्रकार कम वजन वाले बच्चों का कुपोषण कम करने के प्रयासों में भी मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है। चौहान ने पोषण के क्षेत्र में जन-सहयोग से मिल रही सफलताओं पर प्रसन्न्ता व्यक्त की और महिला एवं बाल विकास विभाग को अच्छे प्रयासों के लिए बधाई दी। प्रदेश में सक्षम आँगनवाड़ी और पोषण 2.0 में 6 माह से तीन साल आयुवर्ग के 30 लाख बच्चे पूरक पोषण आहार का लाभ ले चुके हैं। इसी तरह 10 लाख 81 हजार गर्भवती और धात्री माताएं भी लाभान्वित हो चुकी है। प्रदेश में टेक होम राशन का लाभ 38 लाख से अधिक हितग्राही ले चुके हैं। वर्तमान में पोषण ट्रैकर पर 71 लाख 20 हजार हितग्राहियों का आधार सत्यापन भी पूरा हो चुका है। प्रदेश में 13 संयंत्रों से टेक होम राशन उत्पादन का कार्य हो रहा है।

नाश्ता एवं गर्म पका भोजन ग्रामीण क्षेत्रों में 50 हजार से अधिक सांझा चूल्हा समूहों द्वारा किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में भी 2 हजार से अधिक समूह यह कार्य कर रहे हैं। मंडला और डिंडौरी जिलों में सप्ताह में एक दिन मोटा अनाज दिया जा रहा हैं। कोदो-कुटकी आधारित नाश्ता प्रदाय करने की व्यवस्था इन जिलों में की गई है। आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण मटका से प्राप्त अनाजों से रूचिकर पकवान तैयार कर पोषण कॉर्नर के रूप में बच्चों के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं। प्रदेश के 85 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रो में पोषण कॉर्नर स्थापित हुए हैं। साथ ही पोषण वाटिकाएँ भी निर्मित की गई हैं। प्रदेश में कम वजन के बच्चों का कुपोषण दूर करने, दुबलेपन और ठिगनेपन जैसे लक्षणों से बच्चों को बचाने की दिशा में मध्यप्रदेश देश के श्रेष्ठ कार्य करने वाले राज्यों में शामिल है। जहाँ कम वजन के बच्चों को सहायता पहुंचाने के मामले में प्रदेश राष्ट्रीय रैंकिंग में दूसरे क्रम पर, दुबलेपन के कारण कम वजन की समस्या के समाधान में तीसरे क्रम पर और ठिगनेपन के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण की दृष्टि से राष्ट्रीय रैंकिंग में छठवें क्रम पर है।

मुख्यमंत्री चौहान ने इस क्षेत्र में प्रगति के लिए विभाग को बधाई दी। कम वजन के बच्चों की संख्या में जहाँ देश में 3.7 प्रतिशत की गिरावट हुई है वहीं प्रदेश में यह गिरावट सर्वाधिक 9.8 प्रतिशत दर्ज हुई है। इसी तरह दुबलेपन के कारण कुपोषण की समस्या में देश में 1.7 प्रतिशत की कमी लाई गई है, वहीं मध्यप्रदेश में 6.8 प्रतिशत कमी लाने में सफलता मिली है। ठिगनेपन के मामलों में भी देश में 3 प्रतिशत की कमी के मुकाबले मध्ययप्रदेश में 6.3 की कमी लाने में सफलता मिली है। चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना में कल्ब बनाने और नगरवार लाड़लियों के सम्मेलन की रूप रेखा तैयार की जाए। यह योजना मध्यप्रदेश सरकार की प्रमुख उपलब्धि के रूप में स्थापित है। योजना में विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जाए। बैठक में लाड़ली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन की जानकारी देते हुए बताया गया कि अब तक योजना में 43 लाख बालिकाओं को लाभ मिला है। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 में कक्षा 6,9,11 और 12 की चार लाख 87 हजार 731 बालिकाओं को छात्रवृत्ति की राशि मिली है। लाड़लियों से सतत संवाद के लिए एप प्रारंभ किया गया है।

अन्‍य योजनाओं की समीक्षा के साथ ही चौहान ने विभाग की अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजना शौर्या दल से जुड़ी बालिकाओं और महिलाओं को समाज की ताकत बनाया गया है। इन बहनों का समाज हित में रचनात्मक उपयोग हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा जेंडर बजटिंग का विश्लेषण भी करें। मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष, मिशन शक्ति, मिशन वात्सलय, स्ट्रीट चिल्ड्रन कल्याण, प्रदेश की बाल संरक्षण नीति, गैर संस्थागत पुनर्वास एवं निजी स्पॉन्सरशिप, पीएम केयर्स स्कीम फॉर चिल्ड्रन, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना और मुख्यमंत्री उद्यम शक्ति योजना पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव महिला एवं बाल विकास अशोक शाह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बंगाल सरकार पर 3,500 करोड़ का जुर्माना: एनजीटी 

बंगाल सरकार पर 3,500 करोड़ का जुर्माना: एनजीटी 

अकांशु उपाध्याय/मिनाक्षी लोढी 

नई दिल्ली/कोलकाता। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ठोस और तरल अपशिष्ट के उत्पादन और निस्तारण में भारी अंतर को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर 3,500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने कहा कि बंगाल सरकार सीवेज और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं की स्थापना को प्राथमिकता देती नजर नहीं आ रही है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राज्य के बजट में शहरी विकास और नगरपालिका से जुड़े मामलों पर 12,818.99 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को लंबे समय के लिए टाला नहीं जा सकता। साथ ही उसने स्पष्ट किया कि प्रदूषण मुक्त वातावरण प्रदान करना राज्य और स्थानीय निकायों की संवैधानिक जिम्मेदारी है। एनजीटी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में 2,758 मिलियन लीटर सीवेज प्रतिदिन (एमएलडी) पैदा होता है और 1505.85 एमएलडी (44 एसटीपी (सीवेज शोधन संयंत्र) की स्थापना से) की शोधन क्षमता से महज 1268 एमएलडी सीवेज का शोधन किया जाता है, जिससे 1490 एमएलडी का एक बड़ा अंतर रह जाता है।

हरित पैनल ने कहा कि जीवन के अधिकार का हिस्सा होने के नाते, जो एक बुनियादी मानवाधिकार और राज्य का पूर्ण दायित्व भी है, धन की कमी के हवाले से इस तरह के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता है। उसने कहा कि हालांकि, इस संबंध में केंद्र से धन हासिल करने पर कोई आपत्ति नहीं हो सकती है, लेकिन राज्य अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती या उस बहाने कर्तव्यों के निर्वहन में देरी नहीं कर सकती।

एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण को नुकसान को ध्यान में रखते हुए हम मानते हैं कि जल्द से जल्द अनुपालन सुनिश्चित करने के अलावा राज्य द्वारा पिछले उल्लंघनों के लिए मुआवजे का भुगतान किया जाना चाहिए। उसने कहा कि दो मदों (ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन) के तहत मुआवजे की अंतिम राशि 3,500 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसे पश्चिम बंगाल राज्य द्वारा दो महीने के भीतर अलग खाते में जमा कराया जा सकता है। एनजीटी ने स्पष्ट किया कि यदि उल्लंघन जारी रहता है तो अतिरिक्त मुआवजा वसूलने पर विचार किया जा सकता है।

ग्राम पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह 

ग्राम पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने सरपंचों/ग्राम प्रधानों को पत्र लिखकर उनसे नए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया में सभी ग्राम पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। संशोधित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के लिए आवेदन आमंत्रित करने की प्रक्रिया 10 सितंबर, 2022 से प्रारंभ होंगी। प्रविष्टियों को ऑनलाइन रूप में जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2022 है। केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री ने अपने पत्र में बताया है कि राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों का प्रारूप, प्रक्रियाएं तथा श्रेणियां व्यापक रूप से संशोधित की गई हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीयकरण और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीसी) की प्राप्ति जैसे विषयों में ब्लॉक, जिला, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तरों पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पंचायतों को मान्यता प्रदान की जाएं, सम्मानित और प्रोत्साहित किया जाए।

उन्होंने बताया कि पंचायतों में स्थानीयकरण तथा सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की गति तेज करने के लिए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के प्रारूप तथा श्रेणियों में काफी संशोधन किया गया है और बहु-स्तरीय स्पर्धा कराने के लिए इन्हें सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के 9 विषयों के साथ जोड़ा गया हैं। यह विषय हैं- (1) गरीबीमुक्त तथा परिष्कृत आजीविका ग्राम (2) स्वस्थ ग्राम (3) बाल अनुकूल ग्राम (4) पर्याप्त जल ग्राम (5) स्वच्छ और हरित ग्राम (6) गांव में स्वावलंबी अवसंरचना (7) सामाजिक रूप से सुरक्षित तथा सामाजिक रूप से न्याय आधारित ग्राम (8) सुशासन के साथ ग्राम (9) महिला अनुकूल पंचायत (पहले इन्हें गांव में उत्पन्न विकास कहा जाता था।

पंचायती राज मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (एनपीआरडी) मनाया जाता है। यह देश में पंचायती राज प्रणाली को संवैधानिक दर्जा प्राप्ति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह पूरे देश के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ सीधा संवाद करने के साथ-साथ पंचायतों को सशक्त बनाने और प्रेरित करने के लिए उनकी उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करने का अवसर देता है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाने का उद्देश्य पंचायतों तथा ग्राम सभाओं के बारे में उनकी भूमिकाओं, उत्तरादायित्व, उपलब्धियों, चिंताओं, प्रस्ताव आदि के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से उपयुक्त तरीके से राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाने का अनुरोध किया गया है और पंचायती राज संस्थानों/ग्रामीण स्थानीय निकायों से सम्पूर्ण समाज के दृष्टिकोण से राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाने को कहा गया है ताकि अधिकतम जनभागीदारी संभव हो सके। इस अवसर पर प्रत्येक वर्ष पंचायती राज मंत्रालय पंचायतों के प्रोत्साहन के अंतर्गत सेवाओं तथा लोक हित डिलीवरी में सुधार के लिए अच्छे कार्यों को मान्यता देने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पंचायतों/राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को पुरस्कृत करता रहा है।

5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना 'भारत' 

5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना 'भारत' 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना है और इसके आगे अब अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं। भारत ने पिछले 10 सालों में शानदार आर्थिक विकास दर हासिल की है और जहां एक दशक पहले भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी था वहीं अब ये 6 स्थान आगे बढ़कर 5वें स्थान पर आ गया है । बसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है और ब्रिटेन अब छठे पायदान पर है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर में की गई गणना के अनुसार भारत ने 2021 की आखिरी तिमाही में यूके को पीछे छोड़ा है। वहीं आईएमएफ के जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक 2022 की पहली तिमाही भारत ने अपनी बढ़त और मजबूत की है। अनुमानों के अनुसार इस ग्रोथ के साथ भारत सालाना आधार पर भी जल्द दुनिया की 5वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

यूके से कितनी बड़ी है भारतीय अर्थव्यवस्था...

आईएमएफ के द्वारा जारी आंकड़ों और मार्च तिमाही के अंत में डॉलर के एक्सचेंज रेट के आधार पर ब्लूमबर्ग ने जानकारी दी है कि नॉमिनल कैश में भारतीय अर्थव्यवस्था का साइज 854.7 अरब डॉलर था। इसी अवधि में इसी आधार पर यूके की अर्थव्यवस्था का आकार 816 अरब डॉलर था। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में भारत ब्रिटिश इकोनॉमी के मुकाबले अपनी बढ़त और मजबूत करेगा। दरअसल भारत के लिए ग्रोथ अनुमान 7 प्रतिशत रखा गया है, जो कि दुनिया में सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज है। वहीं दूसरी तरफ यूके की अर्थव्यवस्था में सुस्ती की संभावना जताई जा रही है। इसे देखते हुए आईएमएफ ने अनुमान दिया है कि सालाना आधार पर डॉलर मूल्य में भारत यूके को पीछे छोड़कर पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

20 साल में 10 गुना बढ़ी भारत की जीडीपी...

सालाना आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था 3.17 लाख करोड़ डॉलर की है और यूके से कुछ पीछे ही छठे स्थान पर है। यूके की जीडीपी फिलहाल 3.19 लाख करोड़ डॉलर की है। 7 प्रतिशत की अनुमानित ग्रोथ के साथ भारत के इसी साल यूके को सालाना आधार पर भी पीछे छोड़ने की संभावना है। फिलहाल दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है जिसके बाद चीन, जापान और जर्मनी की स्थान आता है। भारत की जीडीपी ने बीते 20 साल में 10 गुना बढ़त दर्ज की है।

पीएम की नजरों में अच्छी बने रहने के लिए ‘नाटक’ 

पीएम की नजरों में अच्छी बने रहने के लिए ‘नाटक’ 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा तेलंगाना में कामारेड्डी के जिलाधिकारी जितेश पाटिल को फटकार लगाएं जाने को अशोभनीय व्यवहार करार देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरों में अच्छी बने रहने के लिए उन्होंने यह ‘नाटक’ किया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि मनमोहन सिंह की सरकार सितंबर, 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लाई थी। ऐसी कोई उम्मीद नहीं की गई थी श्रेय लेने के लिए नेताओं की तस्वीरें इस्तेमाल की जाएंगी।

प्रधानमंत्री की नजरों में अच्छी बनी रहने के लिए वित्त मंत्री द्वारा इस तरह का नाटक किया जाना बहुत अशोभनीय है।’’ शुक्रवार को, सीतारमण ने उचित मूल्य की दुकानों के जरिये चावल की आपूर्ति में केंद्र और राज्य का हिस्सा पूछे जाने पर जवाब नहीं दे पाने के कारण कामारेड्डी के जिलाधिकारी पाटिल को फटकार लगाई थी। बिरकूर में पीडीएस (जन वितरण प्रणाली) की एक दुकान के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने जिलाधिकारी से यह भी पूछा था कि वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्यों नहीं है।

आईआईटी की गाथा को 'भारत' की कहानी बताया 

आईआईटी की गाथा को 'भारत' की कहानी बताया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईआईटी की गाथा को स्वतंत्रत भारत की कहानी बताते हुए शनिवार को कहा कि आने वाले समय में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से जलवायु परिवर्तन, जीवाश्म ईंधन, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में योगदान की अपेक्षा हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी राष्ट्र का गौरव रहे हैं और उनकी कहानी स्वतंत्र भारत की कहानी है।

उन्होंने कहा कि भारत के पास प्रतिभाओं का बड़ा भंडार हैं जिनका पूर्ण रूप से अभी तक उपयोग नहीं किया गया है। इस दिशा में आईआईटी की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुर्मू ने कहा कि आईआईटी, दिल्ली ने समाज से जुड़े मुद्दों के प्रति हमेशा अतिरिक्त संवेदनशीलता दिखायी है और कोविड-19 महामारी के प्रथम चरण में संस्थान द्वारा रैपिड एंटीजेन किट, फेस मास्क आदि विकसित किया गया था। उन्होंने कि महामारी के दौरान आईआईटी, दिल्ली का योगदान इस बात का उदाहरण है कि स्वास्थ सुरक्षा के विषय में अकादमिक संस्थान किस प्रकार से योगदान दे सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश की जनसंख्या अधिक होने के मद्देनजर भविष्य के लिए नीतियां महत्वपूर्ण हैं क्योंकि तभी आबादी का लाभ उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने संस्थानों को नये तरह के अध्ययन के ढांचे, व्यवस्था एवं पाठ्य सामग्रियों से लैस करने की जरूरत है ताकि इन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। मुर्मू ने कहा कि आईआईटी, दिल्ली बड़े पैमाने पर अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार में योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम वर्ष 2047 का उल्लेख करते हैं तब जलवायु परिवर्तन हमारे समक्ष गंभीर चुनौती बन कर आ रहा है और एक विकासशील देश होने के नाते हमारे अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ता है।’’ उन्होंने जीवाश्म ईंधन का जिक्र करते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व को रेखांकित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि देश को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिये आईआईटी से काफी अपेक्षाएं हैं । उन्होंने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर भारत की बेहतर होती स्थिति में आईआईटी का बड़ा योगदान है।

देश के विकास एवं आत्मनिर्भर बनाने के अथक परिश्रम 

देश के विकास एवं आत्मनिर्भर बनाने के अथक परिश्रम 

नरेश राघानी 

जयपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के विकास एवं आत्मनिर्भर बनाने के अथक परिश्रम कर रहे हैं और इसी कारण जनता उन्हें चाहती हैं। जावड़ेकर आज आमेर में मोदी/20 पुस्तक पर व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी ने बीस साल में एक भी छुट्टी नहीं ली, ना कभी अस्वस्थ हुये स वह देश के विकास के लिये और आत्मनिर्भर बनाने के अथक परिश्रम करते हैं, विजनरी लीडर हैं, गांव से आते हैं, गरीब घर में पैदा हुये, विकास के एजेंडे पर काम करते हैं, इसलिये उन्हें जनता प्यार करती है, विकास के लिये ही जनता उन्हें निरन्तर सत्ता सौंप रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र से पूरा पैसा लाभार्थियों के खातों में जाता है, कांग्रेस शासन में एक रुपये भेजते थे तो 20 पैसा ही पहुंचता था, अब मोदी शासन में पूरा पैसा जाता है स उन्होंने कहा कि विमान पायलट को सुरक्षित पाकिस्तान से लाया गया, घर में घुसकर आतंकवादियों के कैम्प को तबाह किया, अब भारत की तरफ किसी की आंख उठाने की हिम्मत नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री का कुशल एवं मजबूत नेतृत्व हमारे पास है। जावड़ेकर ने कहा भाजपा की राजस्थान में सरकार बनने तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने साफा नहीं पहनने का संकल्प लिया है, लेकिन 14 महीने बाद राजस्थान में भाजपा की प्रचण्ड बहुमत की सरकार बनेगी और परिश्रमी डॉ.पूनियां को मैं स्वयं साफा पहनाऊंगा।

सामूहिक बलात्कार के मामलें में अवमानना ​​नोटिस जारी 

सामूहिक बलात्कार के मामलें में अवमानना ​​नोटिस जारी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने एक महिला के साथ हुए कथित सामूहिक बलात्कार के मामलें में दिल्ली पुलिस आयुक्त को अवमानना ​​नोटिस जारी किया है। साथ ही, अदालत ने कहा कि इस मामले में घटनाओं का वर्णन और क्रम दिल्ली पुलिस के कामकाज की खराब और दयनीय स्थिति को दर्शाता है।अदालत ने मामले में एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के दौरान कहा कि पीड़िता द्वारा संगम विहार के थानाधिकारी (एसएचओ) के सामने शिकायत दायर करने के लगभग 36 दिन बाद थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। अदालत ने कहा कि अगस्त 2022 में तीन अदालती आदेश जारी किये जाने के बावजूद पुलिस आयुक्त की ओर से जानबूझकर अनुपालन नहीं किया गया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने 31 अगस्त को एक आदेश में कहा कि इसलिए दिल्ली के पुलिस आयुक्त को इस बारे में कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए कि आदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जाए। पुलिस आयुक्त की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), दक्षिण दिल्ली को अधिकृत किये जाने संबंधी कोई सामग्री प्रस्तुत नहीं किये जाने का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा, ‘‘इसलिए, प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि डीसीपी (दक्षिण) ने धोखाधड़ी का अपराध किया है।

अदालत ने कहा कि डीसीपी (दक्षिण) को भी एक नोटिस जारी किया जाए कि उपरोक्त अपराध के मद्देनजर कानून के उचित प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाए जाएं। अदालत ने कहा कि डीसीपी (दक्षिण) और पुलिस आयुक्त सहित संबंधित पुलिस अधिकारियों का इरादा, जैसा कि घटनाओं के उपरोक्त विवरण से अनुमान लगाया जा सकता है।

अदालत द्वारा जारी विभिन्न आदेशों को दरकिनार करना या उनका उल्लंघन करने का है। यह अदालत का कर्तव्य है कि वह अपने आदेशों को लागू करवाएं। अन्यथा अदालत द्वारा जारी आदेश मज़ाक और कागजी आदेश बनकर रह जाते हैं। अदालत ने कहा कि इस मामले में, घटनाओं का वर्णन और क्रम दिल्ली पुलिस के कामकाज की खराब और दयनीय स्थिति को दर्शाता है। पूरा विषय सुधारात्मक कार्रवाई के लिए गृह सचिव, केंद्रीय गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाए जाने की जरूरत है। अदालत ने इससे पहले कहा था कि पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता के साथ एक आरोपी की तरह व्यवहार किया और सामूहिक बलात्कार की पीड़ित महिला को दर-दर भटकने के लिए मजबूर किया।

पीएम पर संस्थाओं का दुरुपयोग करने का आरोप 

पीएम पर संस्थाओं का दुरुपयोग करने का आरोप 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी

नई दिल्ली/रांची। झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता आभा सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि देश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एवं आयकर विभाग शासन चला रहे हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि इन तीनो केंद्रीय संस्थाओं के माध्यम से देश में सरकारें गिराने का काम किया जा रहा है। पहले भी देश में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में सरकारे गिराई जा चुकी हैं। यह तो अच्छा हुआ कि झारखंड में इनकी दाल नहीं गल रही है, नहीं तो इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

सिन्हा ने कहा कि देश में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। माहौल बहुत डरावना होता जा रहा हैं। देश में सद्भावना, विश्वास एवं प्यार की जरुरत हैं लेकिन केंद्र की मोदी इन तीन एजेन्सीयों के माध्यम से देश में भयावह स्थिति पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार अपने करीबियों को संरक्षण देकर उनके प्रतिद्वन्दियों को इन तीन एजेन्सीयों के माध्यम से डरा रही है, जो कि देश के भविष्य के ठीक नहीं है। साथ हीं अपने व्यवसायिक दोस्तों को फायदा पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता सब देख रही है और मंहगाई आदि से जूझ रही है, जिसका करारा जवाब आगामी लोकसभा चुनाव में अपने मतों का प्रयोग कर देश की जनता देगी।

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