गुरुवार, 7 जुलाई 2022

निचली अदालत का सीबीआई को नोटिस जारी

निचली अदालत का सीबीआई को नोटिस जारी 
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दोषी ठहराए जाने और चार साल की सजा देने से संबंधित उनका जेल रिकॉर्ड बृहस्पतिवार को मांगा। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने इस मामले में चौटाला की दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने के साथ-साथ निचली अदालत में उनकी सजा को निलंबित करने की उनकी याचिका पर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया।
वरिष्ठ वकील सुधीर नंदराजोग ने अदालत से पूर्व मुख्यमंत्री की चार साल की सजा को निलंबित करने का आग्रह करते हुए दलील दी कि वह पहले ही इस मामले में पांच साल जेल की सजा काट चुके हैं। न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा,‘‘ मुझे इस पर विचार करने दें, मैं आपको एक तारीख दूंगा।’’ इसके बाद उन्होंने मामले को 25 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने 27 मई को 1993 से 2006 तक आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में चौटाला को चार साल की सजा सुनाई थी और उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। न्यायाधीश ने संबंधित अधिकारियों को उनकी चार संपत्तियों को जब्त करने का भी निर्देश दिया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने चौटाला के खिलाफ 2005 में मामला दर्ज किया था।
एजेंसी ने 26 मार्च 2010 में दाखिल आरोप पत्र में आरोप लगाया था कि चौटाला ने 1993 से 2006 के बीच आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति जुटाई। सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, चौटाला ने 24 जुलाई 1999 से पांच मार्च 2005 तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए परिवार और अन्य के साथ साठगांठ कर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक चल एवं अचल संपत्ति अर्जित की। यह संपत्ति चौटाला और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर अर्जित की गई।


‘विश्वासघात के घाव’ पर नमक रगड़ने की तरह, बयान

‘विश्वासघात के घाव’ पर नमक रगड़ने की तरह, बयान 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में नीति आयोग के एक सदस्य के बयान को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह किसानों को सरकार द्वारा दिए गए ‘विश्वासघात के घाव’ पर नमक रगड़ने की तरह है। पार्टी सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि सरकार को संयुक्त किसान मोर्चा से किए गए वादे के मुताबिक, एमएसपी पर तत्काल समिति गठित करनी चाहिए और देश में चल रहे ‘अनाज संकट’ पर श्वेत पत्र लाना चाहिए।
हुड्डा ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि देश में ‘अनाज संकट’ है क्योंकि बड़े पैमाने पर गेहूं निर्यात कर दिया गया और कई भाजपा शासित राज्यों ने भी केंद्र सरकार से गेंहू की मांग की है। उन्होंने एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस, सरकार के ‘विश्वासघात’ के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रमों का नैतिक समर्थन करती है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार द्वारा इस कथित ”विश्वासघात” के विरोध में, 18 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से 31 जुलाई – शहीद ऊधम सिंह के शहादत दिवस तक, देशभर में जिला स्तर पर ”विश्वासघात के खिलाफ विरोध” जनसभाओं का आयोजन किया जाएगा। हुड्डा ने कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा के साथ जो समझौता हुआ था कि उसके तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर समिति बननी चाहिए थी।
अब तक अजय कुमार मिश्रा को मंत्री से हटाया भी नहीं गया। यह विश्वासघात है।’’ उन्होंने नीति आयोग के एक सदस्य के बयान का हवाला देते हुए कहा कि यह किसानों को दिए गए ‘विश्वासघात के घाव’ पर नमक रगड़ना है। उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बुधवार को कहा कि कृषि फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था तब तक जारी रहना चाहिए जब तक कि बाजार प्रतिस्पर्धी और कुशल न हो जाए, लेकिन इसे खरीद के अलावा अन्य किसी माध्यम से दिया जाना चाहिए।
एमएसपी के विषय को लेकर हुड्डा ने दावा किया, ‘‘28 मार्च को सरकार की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा के लोगों के पास फोन आया था कि समिति के लिए दो-तीन नाम दे दो। मोर्चा की तरफ से पूछा गया कि समिति को बनाने का मानदंड और अधिकार क्षेत्र क्या होगा।  सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। सरकार ने धोखा दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘वादा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना की जाएगी, लेकिन यह तो हुआ नहीं, बल्कि किसानों का कर्ज और खर्च बढ़ गया। अब भाजपा के लोग किसानों की आय दोगुनी करने की बात ही नहीं करते। यह बड़ा धोखा किया गया है।’’ हुड्डा ने सरकार से आग्रह किया, ‘‘तत्काल एमएसपी पर समिति का गठन हो। अनाज संकट पर श्वेत पत्र लाए जाए ताकि पता चल सके कि 10 प्रदेशों के भंडार में कटौती क्यों करनी पड़ी।’’

औद्योगिक घरानों का पोषण, किसान-गरीबों का शोषण

औद्योगिक घरानों का पोषण, किसान-गरीबों का शोषण

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार की नीति कुछ बड़े औद्योगिक घरानों का पोषण कर किसानों तथा गरीबों का शोषण करना है। इसलिए वह किसानों से किए वादे पूरे करने की बजाय उन्हें धोखा देकर पिछले दरवाजे से कृषि विरोधी कानून ला रही है। कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है और पिछले दरवाजे से उसी कृषि विरोधी कानून को लाने के प्रयास में है जिसको वापस करने के लिए किसानों को लम्बे समय तक आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ा था।
किसान विरोधी मोदी सरकार अब पीछे के दरवाजे से उसी कृषि कानून को दोबारा लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से किसानों की आमदनी दोगुना करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी के लिए समिति गठित करने तथा उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में किसानों के कुचलने के लिए दोषी युवक के पिता एवं केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटाने की बात की थी लेकिन अब वह इन वादों से मुकर गई है और इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस सरकार का मकसद एमएसपी को धीरे-धीरे खत्म करना है और किसानों के साथ किये वादों से पीछे हटकर उन्हें धोखा देना है। उनका कहना था कि सरकार के मन में पहले से ही घोखा था इसलिए उसने गत मार्च में किसानों से लिखितरूप से बात करने की बजाय किसान मोर्चा के नेताओं को फोन करके समिति के लिए मौखिक रूप से नाम देने को कहा था लेकिन इस बारे में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि यही नहीं सरकार ने किसान की फसल की खरीद को भी कम कर दिया है जबकि वह उनकी आय दोगुना करने की बात करती है। गेहूं का स्टॉक 15 साल में सबसे कम हो गया है और यह 2008 के स्तर पर पहुंच गया है। सरकार को इस साल जितनी खरीद करनी थी वह खरीद नहीं हुई है और इस साल किसान से पहले की तुलना में 56 प्रतिशत कम खरीद हुई है। इस तरह से किसान को मौसम की मार झेलने के साथ ही सरकार की नाकामयाबी का खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस समय यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की जबरदस्त मांग है। यूक्रेन से बड़े स्तर पर विश्व बाजार में गेहूं की आपूर्ति होती है लेकिन इस बार युद्ध में फंसे होने के कारण वहां से विश्व बाजार में गेहूं नहीं पहुंच रहा है और गेहूं के दाम बहुत ऊंचे स्तर पर पहुंच गये हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की बढ़ी हुई इन कीमतों का फायदा देश के किसानों की बजाय बिचौलियों और कारोबारियों को मिला है।

ईआरसीपी को लेकर कोई राजनीति नहीं करना चाहतें

ईआरसीपी को लेकर कोई राजनीति नहीं करना चाहतें 

नरेश राघानी 
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर कोई राजनीति नहीं करना चाहतें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की रुचि इस परियोजना को समयबद्ध ढंग से पूरी करने में है। गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम ईआरसीपी पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते। हम चाहेंगे कि ये योजना समय पर पूरी हो।’
गहलोत ने कहा, हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार को इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार व मुख्यमंत्री लगातार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। परियोजना 37000 करोड़ रुपये से अधिक की है इससे राज्य के 13 जिलों में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

चॉकलेट, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद

चॉकलेट, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद

सरस्वती उपाध्याय 
आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आम हो गई है। अगर आपका ब्लड प्रेशर हमेशा ज्यादा बढ़ा रहता है तो हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज, स्ट्रोक और भी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन आप डार्क चॉकलेट की मदद से हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकते हैं। डार्क चॉकलेट में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते है। डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले बायोएक्टिव कंपाउंड चेहरे के लिए बहुत अच्छे होते हैं‌।
डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले फ्लेवनॉल्स, तेज़ धूप से त्वचा की रक्षा करते हैं। इतना ही नहीं त्वचा में रक्त के प्रवाह में सुधार करने और उसे हाइड्रेटेड बनाए रखने में भी डार्क चॉकलेट सहायक मानी जाती है। डार्क चॉकलेट में मौजूद तत्व तनाव, चिंता और डिप्रेशन को कम करता है। इसके अलावा आपको रिलैक्स करने में भी मदद करता है। वर्ल्ड चॉकलेट डे पर जानें डार्क चॉकलेट खाने के फायदे।
डार्क चॉकलेट खाने के फायदे...
लाइफ एनचिरिंग के मुताबिक अगर आप दिन में 30- 60 ग्राम चॉकलेट खाते हैं तो आपका बीपी कंट्रोल रहता है। डार्क चॉकलेट में व्हाइट चॉकलेट के मुकाबले कम दूध और चीनी होती है। इसलिए इसकी कैलोरीज की मात्रा कम होती है जो हमारा शरीर आसानी से पचा पाता है लेकिन बहुत ज्यादा चॉकलेट खाना आपको नुक्सान भी पहुंचा सकता है।
डार्क चॉकलेट में फ्लेवनॉल्स पाया जाता है, जो शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाने के लिए धमनियों की परत को उत्तेजित करता है। नाइट्रिक ऑक्साइड धमनियों को आराम देने और रक्त प्रवाह के प्रतिरोध को कम करने में सहायक होता है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर के खतरे को कम किया जा सकता है।
डार्क चॉकलेट में विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो स्किन के लिए काफी फायदेमंद हैं। साथ ही यह उम्र बढ़ने के लक्षणों को भी कम करती है। डार्क चॉकलेट में थियोब्रोमीन होता है जो हमारे दांतों के इनैमेल को मजबूत बनाता है। जिससे कैविटी का खतरा भी कम हो जाता है।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 18,930 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 18,930 नए मामलें 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। बीते 24 घंटे के दौरान देश भर में कोरोना के 18,930 नए मामलें मिलें है। जबकि इस दौरान 35 लोगों की मौत हो गई।बुधवार के मुकाबले आज करीब ढाई हज़ार ज्यादा केस आए हैं। देश में एक्टिव केस की संख्या अब 119457 हो गई है। डेली पॉजिटिविटी रेट अब 4.32% पर पहुंच गई है।
महाराष्ट्र में एक बार फिर से कोरोना के तीन हजार से ज्यादा केस मिले। बुधवार को यहां 3142 लोगों को वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया। मुंबई में 695 लोग कोरोना से संक्रमति हुए। अब राज्य में एक्टिव केस की संख्या 19981 पर पहुंच गई है‌। ठाणे जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के 358 नए मामले सामने आने के बाद यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,30,427 हो गई।

तमिलनाडु का हाल...
स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को कहा कि तमिलनाडु में कोरोना के 2,743 नए मामले दर्ज किए। मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में 1,791 लोग कोरोना से ठीक हुए।राजधानी चेन्नई में 1,062 नए केस सामने आए।

दिल्ली में 600 केस...
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 600 नए मामले सामने आयए और महामारी से एक और व्यक्ति की मौत हो गई जबकि संक्रमण दर कम होकर 3.27 प्रतिशत रही। दिल्ली में संक्रमण के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 19,38,648 हो गई है और मृतकों की संख्या 26,276 पहुंच गई है। मंगलवार को संक्रमण के 615 मामले दर्ज किये गये थे जबकि तीन लोगों की मौत हुई थी। दिल्ली में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 2,590 हैं। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को 420 मामले दर्ज किये गये थे जबकि संक्रमण दर 5.25 प्रतिशत थी जबकि एक व्यक्ति की मौत हुई थी‌।

छत्तीसगढ़ में कोरोना के केस...
छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से 220 और लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही राज्य में बुधवार तक कोविड-19 की चपेट में आने वालों की कुल संख्या 11,55,244 हो गई है।चार लोगों को संक्रमण मुक्त होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई है। रायपुर से 36, दुर्ग से 62, राजनांदगांव से 13, बालोद से चार, बेमेतरा से नौ, कबीरधाम से सात, धमतरी से एक, बलौदाबाजार से 12, बिलासपुर से 20, रायगढ़ से चार, कोरबा से नौ, जांजगीर-चांपा से 14, मुंगेली से दो, सरगुजा से 15, कोरिया से तीन, सूरजपुर से दो, बलरामपुर से दो, जशपुर से दो और बस्तर से तीन मामले सामने आए।

केवल 40 मिनट का होगा, केदारनाथ का सफर

केवल 40 मिनट का होगा, केदारनाथ का सफर 

पंकज कपूर 
देहरादून। केदारनाथ का सफर 7-8 घंटे के बजाएं, केवल 40 मिनट का होगा। हर उम्र के लोग आसानी से केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे। श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए केन्‍द्र सरकार ने यहां पर रोपवे निर्माण का फैसला किया है। रोपवे निर्माण का काम सितंबर तक आवार्ड करने की तैयारी है और अगले साल मार्च तक निर्माण काम शुरू होने की संभावना है। रोपवे निर्माण में 3 साल का समय लग जाएगा‌।
मौजूदा समय केदारनाथ जाने का दो विकल्‍प हैं, पहला पैदल 7-8 घंटे का सफर कर पहुंचा जा सकता है और दूसरा हेलीकॉप्‍टर सेवा है। हेलीकॉप्‍टर सेवा महंगी होने के साथ साथ अधिक मांग होने की वजह से असानी से उपल्‍ब्‍ध नहीं होता है। इस वजह से ज्‍यादा श्रद्धालु पैदल ही केदारनाथ पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा को सड़क परिवहन मंत्रालय रोपवे निर्माण पर काम शुरू कर दिया है। इसका निर्माण एनएचएआई की कंपनी एनएचएलएमएल कर रही है।
सीईओ प्रकाश गौड़ बताते हैं कि सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देशन में केदारनाथ रोपवे निर्माण की प्रक्रिया काफी तेजी से चल रही है। सितंबर तक काम अवार्ड कर दिया जाएगा। निर्माण करने वाले कंपनी को साइट बनाने में समय लगेगा। इस तरह संभावना है कि मार्च 2023 तक निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पहाड़ी इलाका होने की वजह से निर्माण कार्य में समय लगेगा। तीन साल में रोपवे निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।इस तरह वर्ष 2026 से केदारनाथ रोपवे से पहुंचा जा सकेगा।
सीईओ प्रकाश गौड़ के अनुसार इस रोपवे में देश में पहली बार विश्‍व की सबसे सुरक्षित तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा। थ्री एस ट्राइ केबल तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा। इसमें केबल कार तीन तारों पर चलेगी। यह तकनीक विश्‍व में कुछ चुनिंदा जगह इस्‍तेमाल की गयी है।
रोपवे की कुल लंबाई 13 किमी. होगी।
सोनप्रयाग से शुरू होकर केदारनाथ पहुंचेगा।
सोनप्रयाग, केदानाथ के अलावा गौरीकुंड, चिरवासा और लिंटोली स्‍टेशन होंगे।

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...