शनिवार, 25 जून 2022

द्रोपदी ने चुनाव से पहले कईं दलों से समर्थन मांगा

द्रोपदी ने चुनाव से पहले कईं दलों से समर्थन मांगा
इकबाल अंसारी  
रांची। राजग की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की और उनसे राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन करने की अपील की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुर्मू ने सोरेन से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया और उनसे उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने का अनुरोध किया। मुर्मू ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी संपर्क किया था।
सूत्रों ने बताया कि तीनों नेताओं ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी। इस बीच, आदिवासी पार्टी कही जाने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा करने के लिए शनिवार को अपने सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई है। झामुमो कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का घटक है और गठबंधन के तहत ही झारखंड की सत्ता पर काबिज है। मुर्मू ने शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पीठासीन अधिकारी पी.सी.मोदी को अपना नामांकन पत्र सौंपा।
इस मौके पर उनके साथ अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी सहित कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। मुर्मू के नामांकन के वक्त योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, जयराम ठाकुर, पुष्कटर सिंह धामी सहित कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। उनके नामांकन के वक्त राजग का समर्थन कर रहे वाईएसआर कांग्रेस, बीजद और अन्नाद्रमुक के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

कब्रिस्तान: 1428 गांव, जमीन तलाशने का आदेश

कब्रिस्तान: 1428 गांव, जमीन तलाशने का आदेश
इकबाल अंसारी  
बेंगलुरू। कर्नाटक सरकार के राजस्व विभाग ने उच्च न्यायालय के प्रकोप से बचने के लिए अधिकारियों को राज्य के 1,428 गांवों में कब्रिस्तान के लिए जमीन तलाशने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने चेतावनी दी है कि जमीन उपलब्ध कराने में विफल रहने पर विभाग के प्रधान सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
इस संबंध में बेंगलुरु निवासी मोहम्मद इकबाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति बी. वीरप्पा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मुद्दे पर कड़ी चेतावनी जारी की है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 29,076 गांव हैं। इनमें से 27,648 गांवों और 299 कस्बों में कब्रिस्तान की जमीन आवंटित की गई है।
शिवमोग्गा जिले के 1,428 गांवों और एक कस्बे में जमीन दी जानी है। विभाग का दावा है कि सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं है और निजी मालिक अपनी जमीन बेचने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। प्रत्येक गांव में, स्थानीय लोगों द्वारा प्रचलित रीति-रिवाज, परंपराएं हैं और दफन के लिए भूमि खोजना बहुत कठिन हो गया है।
हालांकि सरकार ने इन सभी कारणों को बताकर और दो साल का समय मांगकर अदालत को समझाने की कोशिश की, लेकिन अदालत ने इनमें से किसी भी कारण पर ध्यान नहीं दिया। कोर्ट ने गौर किया है कि सिंगल जज बेंच ने तीन साल पहले आदेश दिया था। पीठ ने 20 अगस्त 2019 को यह भी चेतावनी दी थी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के बाद प्रधान सचिव को जेल भेजा जाएगा। खंडपीठ ने नौ जून को कब्रिस्तान के लिए जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था, जिसका विभाग ने उल्लंघन किया।

हमारा दायित्व सुरक्षा-आश्रय प्रदान करना: हिमंत

हमारा दायित्व सुरक्षा-आश्रय प्रदान करना: हिमंत
इकबाल अंसारी  
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि उन्हें खुशी है कि शिवसेना की राजनीतिक खींचतान असम तक पहुंच गई है और पूर्वोत्तर राज्य में बाढ़ की स्थिति को उजागर करने में मददगार साबित हुई है। सरमा ने पूरे प्रकरण में असम भारतीय जनता पार्टी की किसी भी तरह की संलिप्तता से स्पष्ट रूप से इनकार किया है। उन्होंने कहा, “ हमारा दायित्व बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा और आरामदायक आश्रय प्रदान करना है। कल, भले ही कांग्रेस आए, मैं वैसा ही स्वागत करूंगा। मैं आभारी हूं कि शिवसेना आई, इसकी वजह से असम की बाढ़ को उजागर किया गया।
इस साल अप्रैल से अब तक असम के 35 में से 28 जिलों में 33 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। अप्रैल से अब तक बाढ़ और भूस्खलन में 117 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के दूसरे सबसे बड़े शहर सिल्चर का करीब 80 फीसदी हिस्सा पानी में डूब गया है जबकि लोग भोजन और पानी की आपूर्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बाढ़ की गंभीर स्थिति ने निवासियों को भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाने के लिए प्रेरित किया है। गुवाहाटी में, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि महाराष्ट्र के विधायकों को वापस भेजा जाए और सरकार बाढ़ के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करे।

21 जून से ठाकरे के खिलाफ बगावत का नेतृत्व

21 जून से ठाकरे के खिलाफ बगावत का नेतृत्व 
कविता गर्ग  
पुणे। महाराष्ट्र के सातारा जिले से शिवसेना के बागी विधायक महेश शिंदे ने शनिवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी (एमवीए) के तीन घटकों में से एक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने उनकी पार्टी को धोखा दिया और उन्होंने तथा अन्य ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समक्ष उठाया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। कोरेगांव सीट से विधायक महेश शिंदे वर्तमान में एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी में हैं, जो 21 जून से ठाकरे के खिलाफ बगावत का नेतृत्व कर रहे हैं।
एकनाथ शिंदे खेमे की मुख्य मांग यह है कि शिवसेना एमवीए से हट जाए, जिसमें राकांपा और कांग्रेस भी शामिल हैं। महेश शिंदे ने एक रिकॉर्डेड संदेश में उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर विकास निधि आवंटन में शिवसेना विधायकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। महेश ने संदेश में कहा, ‘‘कुछ अधिकारियों की उपस्थिति में वर्षा बंगले में मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान हमने अपने निर्वाचन क्षेत्रों को आवंटित धन के बारे में विवरण मांगा।
अधिकारियों ने कोष के बारे में गलत जानकारी दी। जब हमने उन्हें असली आंकड़ों के बारे में बताया तो मुख्यमंत्री हैरान रह गए।’’ महेश शिंदे ने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि उन्होंने और राकांपा नेताओं ने पार्टी को धोखा दिया है। लेकिन इसके बावजूद बाद में कोई बदलाव नहीं दिखा। शिवसेना के विधायकों को जहां उनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 50 से 55 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई, वहीं राकांपा के विधायकों को 700 करोड़ रुपये से 800 करोड़ रुपये मिले।
’’ शिंदे ने कहा कि राकांपा विधायकों, जिन्हें पहले शिवसेना नेताओं ने हराया था, को अधिक धन दिया गया और उद्धव के नेतृत्व वाली पार्टी के कई विधायकों को आधिकारिक कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। शिंदे ने दावा किया, ‘‘हमने मुख्यमंत्री के साथ तीन बैठकें कीं, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया कि (धन के आवंटन में) सुधार होगा। उन्होंने कई चीजों पर रोक लगा दी थी लेकिन उपमुख्यमंत्री ने इस तरह के आदेशों को स्वीकार नहीं किया।
इसके विपरीत मुख्यमंत्री के रोक के आदेश को कूड़ेदान में फेंक दिया गया और हमारे प्रतिद्वंद्वियों के विकास कार्यों को प्राथमिकता दी गई।’’ शिंदे ने कहा कि राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल शिवसेना के विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करते और खुले तौर पर दावा करते थे कि क्षेत्र का भावी विधायक उनकी पार्टी का होगा न कि शिवसेना का।
शिंदे ने कहा, ‘‘हम ऐसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री को अवगत करा रहे थे और उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि ये चीजें नहीं होंगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। ऐसे में हमारे लिए काम करना मुश्किल हो गया था। राकांपा एमवीए के एकजुट रहने की बात करते हुए असल में शिवसेना की पीठ में चाकू घोंप रही थी।’’ कोरेगांव के विधायक ने कहा कि राकांपा की भूमिका पर आक्रोश के कारण असंतुष्ट विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एकत्र हुए।

देश में तनाव और हिंसा का माहौल बनाया: सीएम

देश में तनाव और हिंसा का माहौल बनाया: सीएम
नरेश राघानी 
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि देश में तनाव और हिंसा का माहौल है। उन्होंने यह भी कहा कि तनाव की राजनीति देश और प्रदेश के हित में नहीं है। गहलोत शनिवार को कोठ्यारी, लक्ष्मणगढ़ (सीकर) में पूर्व विधायक सांवरमल मोर की मूर्ति के अनावरण एवं श्रद्धा शिक्षा भवन (बालिका महाविद्यालय) के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हम बार-बार कहते हैं कि देश और प्रदेश में तनाव की राजनीति उचित नहीं है, क्योंकि जिस परिवार में तनाव होता है, वह आगे नहीं बढ़ता और बर्बाद हो जाता है। यही बात गांव, देश और प्रदेश पर भी लागू होती है।
” गहलोत ने कहा, “आज देश में तनाव, अविश्वास और हिंसा का माहौल है…। कुछ लोग खुश हो सकते हैं कि बुलडोजर चल रहे हैं। पर मत भूलें कि यह बुलडोजर कभी आपके यहां भी आ सकता है।” उन्होंने कहा कि बिना कानून के आप किसी को अपराधी नहीं ठहरा सकते और जब तक दोष सिद्ध न हो, तब तक आप दोषी को भी दोषी नहीं कह सकते। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर गहलोत ने केंद्र की भाजपा सरकार व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा।
साल 2020 में अपनी सरकार पर आए राजनीतिक संकट को लेकर शेखावत के एक बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “वह कहते हैं कि अगर राजस्थान में सरकार बदल जाती और सचिन पायलट चूकते नहीं तो राज्य में पानी आ जाता। क्या कोई केंद्रीय मंत्री ऐसी भाषा बोल सकता है? इससे अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है कि सरकार बदलो तो पानी मैं भेज दूंगा?” उल्लेखनीय है कि गहलोत ईआरसीपी को लगातार केंद्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
37,000 करोड़ रुपये से अधिक की यह परियोजना राज्य के 13 जिलों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकेगी। कार्यक्रम को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत अभियान लगातार जारी

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत अभियान लगातार जारी
इकबाल अंसारी 
दिसपुर/शिलोंग। वायु सेना बाढ़ से प्रभावित पूर्वोत्तर के राज्यों असम और मेघालय में पिछले चार दिनों से लगातार राहत अभियान चला रही है और इस दौरान उसके विमानों ने अब तक 74 उड़ान भरी हैं। वायु सेना ने शनिवार को यहां बताया कि वह नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर 21 जून से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत अभियान चला रही है और इस दौरान उसके विमानों ने 74 उड़ान भरी, बाढ़ के कारण फंसे 273 लोगों को बचाया और मानवीय सहायता के तहत 200 टन से भी अधिक राहत सामग्री प्रभावित क्षेत्रों में गिराई।
वायु सेना ने राहत अभियान में अपने विशालकाय मालवाहक विमान सी 130जे सुपर हरक्यूलिस और एन-32 को उतारा है। इसके अलावा एमआई-17 वी 5 , उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव और एमआई-17 हेलीकॉप्टर को भी बाढ़ में फंसे लोगों तक राहत आपूर्ति पहुंचाने के लिए लगाया गया है। नागरिक प्रशासन के तालमेल से प्रभावित क्षेत्रों में वायु सेना निरंतर राहत अभियान चला रही है।


संकट के बादल छाए, पार्टी टूटने की कगार पर

संकट के बादल तो छाए, पार्टी टूटने की कगार पर
कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी संकट बरकरार है। और राजनीतिक का बाजरा गर्म है। एकनाथ शिंदे के बागी तेवर की वजह से एमवीए सरकार पर संकट के बादल तो छाए ही हैं साथ ही पार्टी टूटने की कगार पर है। इस बीच एकनाथ शिंदे ने आज अपने समर्थक विधायकों कीक बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक दोपहर 2 बजे ये बैठक बुलाई गई है। एक बजे शिवसेना भवन में पदाधिकारियों की बैठक के बाद शिवसेना का क्या स्टैंड होगा उस पर चर्चा की जाएगी।
माना जा रहा है कि पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद निलंबन को लेकर अगर पार्टी में कोई फैसला हुआ तो आगे की रणनीति के तहत डिप्टी स्पीकर के जरिये निलंबन का नोटिस दिया जा सकता है। साथ ही 2 तिहाई विधायको के समर्थन के बाद अगला मूव क्या हो उस पर भी चर्चा की जाएगी।

702 ग्राम पंचायतों के 26,902 केन्‍द्रों पर मतदान

702 ग्राम पंचायतों के 26,902 केन्‍द्रों पर मतदान
मनोज सिंह ठाकुर  
भोपाल। मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के तहत आज प्रथम चरण के मतदान के दौरान 52 जिलों में 115 विकासखंड में पंचायत की करीब आठ हजार ग्राम पंचायतों में सुबह सात बजे से मतदान शुरु हो गया। आधिकारिक जानकारी के अनुसार मतदान दोपहर तीन बजे तक होगा। आज करीब डेढ़ करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान के तुरन्‍त बाद मतदान केन्‍द्र पर ही मतगणना होगी। राज्‍य निर्वाचन आयुक्‍त बसंत प्रताप सिंह ने बताया कि सभी मतदान केन्‍द्रों पर सुरक्षा की पुख्‍ता व्‍यवस्‍था की गयी है। निर्वाचन कार्य में बाधा डालने वाले व्‍यक्तियों के विरूद्ध सख्‍त वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।
प्रथम चरण के मतदान के लिए 52 हजार से अधिक पुलिस बल की तैनाती की गई है। प्रथम चरण में 52 जिलों के 115 विकासखण्ड की आठ हजार 702 ग्राम पंचायतों के 26 हजार 902 मतदान केन्‍द्रों पर मतदान होना है। इनमें से 22 हजार 915 सामान्‍य और तीन हजार 989 संवेदनशील मतदान केन्‍द्र हैं। आज जिला भोपाल की जनपद पंचायत फंदा, बैरसिया, जिला राजगढ़ के ब्यावरा, राजगढ़, जिला रायसेन के सिलवानी, बाड़ी, सीहोर के सीहोर, जिला विदिशा के बासोदा, विदिशा, जिला इंदौर के इंदौर, डॉ. अम्बेडकर नगर (महू), सांवेर, देपालपुर, जिला खरगोन के भगवानपुरा, झिरन्या, सेगांव, जिला खण्डवा के खण्डवा, हरसूद, बलड़ी (किल्लोद), जिला धार के निसरपुर, कुक्षी, बाग, डही, बदनावर, जिला झाबुआ के पेटलावद, थांदला की जनपद पंचायत की पंचायतों में मतदान हो रहा है।
इसके अलावा जिला बुरहानपुर के बुरहानपुर, जिला अलीराजपुर के चंद्रशेखर आजाद नगर (भाबरा), कट्ठिवाड़ा, जिला बड़वानी के सेंधवा, पानसेमल, जिला ग्वालियर के मुरार, भितरवार, घाटीगांव, डबरा, जिला गुना के गुना, बमोरी, जिला शिवपुरी के खनियाधाना, बदरवास, जिला अशोकनगर के अशोकनगर, जिला दतिया के दतिया, जिला जबलपुर के सिहोरा, कुंडम, पनागर, बरगी, जिला छिंदवाड़ा के छिंदवाड़ा, तामिया, हर्रई, अमरबाड़ा, जिला सिवनी के सिवनी, बरघाट, जिला बालाघाट के बैहर, परसवाड़ा, वारासिवनी, खैरलांजी, जिला मंडला के बिछिया, मवई, नैनपुर, जिला डिण्डौरी के शहपुरा, मेहदवानी और जिला नरसिंहपुर के नरसिंहपुर, गोटेगांव, करेली, चावरपाठा, बाबई चीचली, साईखेड़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में भी मतदान हो रहा है।
इसी तरह जिला कटनी के विजयराघवगढ़, ढ़ीमरखेड़ा, जिला उज्जैन के बड़नगर, उज्जैन, जिला नीमच के नीमच, जिला रतलाम के विकासखण्ड आलोट, जिला शाजापुर के शाजापुर, जिला आगर-मालवा के बड़ौद, जिला मंदसौर के मंदसौर, जिला देवास के बागली, कन्नौद, खातेगांव, जिला सागर के सागर, रेहली, केसली, जिला छतरपुर के छतरपुर, राजनगर, जिला दमोह के दमोह, पथरिया, जिला टीकमगढ़ के बलदेवगढ़, जिला निवाड़ी के निवाड़ी, जिला पन्ना के पन्ना, अजयगढ़, जिला रीवा के हनुमना, मऊगंज, नईगड़ी, जिला सिंगरौली के बैढ़न।
जिला सीधी के सिंहावल, कुसमी, जिला सतना के चित्रकूट (मझगवां), सुहावल (सतना), उचहेरा, जिला नर्मदापुरम के सोहागपुर, केसला, जिला बैतूल के बैतूल, आमला, शाहपुर, जिला हरदा के हरदा, टिमरनी, खिरकिया, जिला शहडोल के सोहागपुर, जिला उमरिया के उमरिया (करकेली), पाली नं. 2, अनूपपुर के पुष्पराजगढ़, जिला भिण्ड के मिहोना (रौन), लहार, जिला श्योपुर के श्योपुरकलां और जिला मुरैना के अंबाह और पोरसा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में भी मतदान है।

पीएम मोदी के खिलाफ चुनौती याचिका खारिज की

पीएम मोदी के खिलाफ चुनौती याचिका खारिज की
अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली/गांधीनगर। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने 2002 गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को विशेष जांच दल की ओर से दिए गए क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। जिसपर केंद्र गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक इंटरव्यू में कहा, ’18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा।
‘मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है।
अमित शाह ने अपने इंटरव्यू में गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट से पीएम मोदी को क्लीन चिट मिलने पर कहा कि 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ आ रहा है, तो अब आनंद आ रहा है। अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है। आप कह सकतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे।


सिन्हा नामांकन के लिए तैयार, विपक्ष में मतभेद

सिन्हा नामांकन के लिए तैयार, विपक्ष में मतभेद
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए तैयार हैं। लेकिन विपक्षी खेमे में फिलहाल मतभेद दिखाई दे रहे हैं क्योंकि झामुमो का झुकाव राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की ओर है। यह बात की जानकारी सुत्रो के मुतबिक सामने आई है। जेडीएस नेता एच.डी. देवेगौड़ा ने एनडीए उम्मीदवार की प्रशंसा की और उन्हें ‘उपयुक्त’ और ‘गैर-विवादास्पद’ करार दिया। इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए शनिवार को झामुमो की बैठक हो रही है।
सिन्हा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालयों को फोन कर चुनाव के लिए समर्थन मांगा। उन्होंने विपक्षी दलों के सभी नेताओं को एक पत्र भी लिखा है। उन्होंने ट्वीट किया, “राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए मुझे अपने आम उम्मीदवार के रूप में चुनने के लिए उनका धन्यवाद। मैं वास्तव में सम्मानित हूं। संविधान की रक्षा करना हमारा गंभीर वादा, प्रतिज्ञा और प्रतिबद्धता है।”उनेहोंने लिखा, “भारत बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है, मैं आम लोगों के लिए आवाज उठाऊंगा।”नामांकन दाखिल करने के बाद सिन्हा ने कहा कि वह सांसदों और विधायकों से मिलने के लिए अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।
सिन्हा ने बुधवार को कहा कि दूसरी विचारधारा के नेता संविधान का गला घोंटने और चुनावों में जनादेश का मजाक बनाने पर आमादा हैं। उन्होंने कहा, “निर्वाचित होने पर मैं राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता और अखंडता को हथियार बनाने की अनुमति नहीं दूंगा, जैसा कि अभी हो रहा है।”उन्होंने कहा, “संविधान के संघीय ढांचे पर चल रहे हमलों, जिससे सरकार राज्य सरकारों को उनके वैध अधिकारों और शक्तियों को लूटने का प्रयास कर रही है, को पूरी तरह से अस्वीकार्य माना जाएगा।
“मैं अपने कार्यालय के अधिकार का उपयोग खतरनाक शक्ति की जांच के लिए भी करूंगा। गलत तरीके से कमाया गया धन भारतीय लोकतंत्र की आत्मा की हत्या कर रहा है और चुनावों में जनादेश का मजाक बना रहा है।”एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों ने मंगलवार को सिन्हा को अपना उम्मीदवार घोषित किया, उसी दिन भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-260, (वर्ष-05)
2. रविवार, जून 26, 2022
3. शक-1944, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-त्रियोदशी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 30 डी.सै., अधिकतम-40+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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           (सर्वाधिकार सुरक्षित)

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...