मंगलवार, 7 सितंबर 2021
अनियंत्रित होकर सड़क पर पलटा वाहन, घायल
सरकार के गठन की घोषणा की तैयारियां पूरी की
शेरवुड कॉलेज से कक्षा नौवीं व दसवीं की पढ़ाई की
पंकज कपूर
नैनीताल। प्रकृति के बची बसी सरोवर नगरी नैनीताल की सुरम्य वादियां दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसकी यादें आज भी लोगों के दिलों में बसी है। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भी कई बार अलग-अलग मंच से यहां की यादें लोगोें से साझा कर चुके हैं। अब एक बार फिर उन्होंने नैनीताल में पढ़ाई के दौरान की एक घटना लोगों के सामने रखी है। बता दें की अमिताभ बच्चन 1956 से 1958 के बीच नैनीताल के शेरवुड कॉलेज से कक्षा नौवीं व दसवीं की पढ़ाई की है। यहां पढ़ाई के दौरान ही उनके अभिनय की शुरुआत हुई। यहां वह कई नाटकों में अभिनय कर चुके है। इसी दौरान की एक घटना उन्होंने अब दुनिया के सामने रखी है।
सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहे काैन बनेगा करोड़पति के सीजन 13 में सोमवार की रात उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही फिल्मों का शौक था। पढ़ाई के दौरान उन्होंने नाटकों में अभिनय भी किया। उनके अभिनय की पहली पाठशाला नैनीताल का शेरवुड कालेज रहा है। वह फिल्मों के इतने शौकीन थे कि रात में काॅलेज से कंबल ओढ़कर छिपते हुए फिल्म देखने जाते थे।
वह बोले, शेरवुड स्कूल नैनीताल की पहाड़ी में स्थित था। उन्हेंं फिल्मों का खासा शौक था लेकिन स्कूल का अनुशासन इसमें आड़े आता था। इस वजह से रात में वह हास्टल से जैसे-तैसे दीवार फांदकर निकलते थे। फिर बाहर आकर कंबल ओढ़कर लेते थे ताकि पहचाने न जाएं। तब नैनीताल में एकमात्र सिनेमाघर था। फिल्म देखने के बाद वह फिर से कंबल ओढ़कर ही लौट जाते थे। प्रिंसिपल को पता नहीं चलता था।
शिक्षक भर्ती पद के लिए नोटिफिकेशन जारी किया
भारत के कप्पाड तट पर केरल पहुँचा था वास्को
नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी। वास्को दी गामा को भारत की खोज करने का श्रेय देते हुए इतिहासकार उसके गुणगान करते दिखेंगे। उस काल में जब यूरोप से भारत के मध्य व्यापार केवल अरब के माध्यम से होता था। उस पर अरबवासियों का प्रभुत्व था। भारतीय मसालों और रेशम आदि की यूरोप में विशेष मांग थी। पुर्तगालवासी वास्को दी गामा समुद्र के रास्ते अफ्रीका महाद्वीप का चक्कर लगाते हुए भारत के कप्पाड तट पर 14, मई, 1498 कालीकट, केरल पहुँचा था। केरल का यह प्रदेश समुद्री व्यापार का प्रमुख केंद्र था। स्थानीय निवासी समुद्र तट पर एकत्र होकर गामा के जहाज को देखने आये क्यूंकि गामा के जहाज की रचना अरबी जहाजों से अलग थी
केरल के उस प्रदेश में शाही जमोरियन राजपरिवार के राजा समुद्रीन का राज्य था। राजा अपने बड़े से शाही राजमहल में रहता था। गामा अपने साथियों के साथ राजा के दर्शन करने गया। रास्ते में एक हिन्दू मंदिर को चर्च समझ कर गामा और उसके साथी पूजा करने चले गए। वहां स्थित देवीमूर्ति को उन्होंने मरियम की मूर्ति समझा और पुजारियों के मुख से श्री कृष्ण के नाम को सुनकर उसे क्राइस्ट का अपभ्रंश समझा। गामा ने यह सोचा कि लम्बे समय तक यूरोप से दूर रहने के कारण यहाँ के ईसाईयों ने कुछ स्थानीय रीति रिवाज अपना लिए है। इसलिए ये लोग यूरोप के ईसाईयों से कुछ भिन्न मान्यताओं वाले है। गामा की सोच उसके ईसाईयत के प्रति पूर्वाग्रह से हमें परिचित करवाती है। राजमहल में गामा का भव्य स्वागत हुआ। उसे 3000 सशस्त्र नायर सैनिकों की टुकड़ी ने अभिवादन दिया। गामा को तब तक विदेशी राजा के राजदूत के रूप में सम्मान मिल रहा था। सलामी के पश्चात गामा को राजा के समक्ष पेश किया गया। जमोरियन राजा हरे रंग के सिंहासन पर विराजमान था। उनके गले में रतनजड़ित हीरे का हार एवं अन्य जवाहरात थे। जो उनकी प्रतिष्ठा को प्रदर्शित करते थे। गामा द्वारा लाये गए उपहार अत्यंत तुच्छ थे। राजा उनसे प्रसन्न नहीं हुआ। फिर भी उसने सोने, हीरे आदि के बदले मसालों के व्यापार की अनुमति दे दी।
स्थानीय अरबी व्यापारी राजा के इस अनुमति देने के विरोध में थे। क्यूंकि उनका इससे व्यापार पर एकाधिकार समाप्त हो जाता। गामा अपने जहाज़ से वापिस लौट गया। उसकी इस यात्रा में उसके अनेक समुद्री साथी काल के ग्रास बन गए। उसका पुर्तगाल वापिस पहुंचने पर भव्य स्वागत हुआ। उसने यूरोप और भारत के मध्य समुद्री रास्ते की खोज जो कर ली थी। आधुनिक लेखक उसे भारत की खोज करने वाला लिखते है। भारत तो पहले से ही समृद्ध व्यापारी देश के रूप में संसार भर में प्रसिद्द था। इसलिए यह कथन यूरोपियन लेखक की पक्षपाती मानसिकता को प्रदर्शित करता है।
पुर्तगाल ने अगली समुद्री यात्रा की तैयारी आरम्भ कर दी। इस बार लड़ाकू तोपों से सुसज्जित 13 जहाजों और 1200 सिपाहियों का बड़ा भारत के लिए निकला। कुछ महीनों की यात्रा के पश्चात यह बेड़ा केरल पहुंचा। कालीकट आते ही पुर्तगालियों ने राजा के समक्ष एक नाजायज़ शर्त रख दी कि राजा केवल पुर्तगालियों के साथ व्यापारिक सम्बन्ध रखेंगे। अरबों के साथ किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं करेंगे। राजा ने इस शर्त को मानने से इंकार कर दिया। झुंझला कर पुर्तगालियों ने खाड़ी में खड़े एक अरबी जहाज को बंधक बना लिया।
अरबी व्यापारियों ने भी पुर्तगालियों की शहर में रुकी टुकड़ी पर हमला बोल दिया। पुर्तगालियों ने बल प्रयोग करते हुए दस अरबी जहाजों को बंधक बना कर उनमें आग लगा दी। इन जहाजों पर काम करने वाले नाविक जिन्दा जल कर मर गए। पुर्तगालियों यहाँ तक नहीं रुके। उन्होंने कालीकट पर अपनी समुद्री तोपों से बमबारी आरम्भ कर दी। यह बमबारी दो दिनों तक चलती रही। कालीकट के राजा को अपना महल छोड़ना पड़ा। यह उनके लिया अत्यंत अपमानजनक था। पुर्तगाली अपने जहाजों को मसालों से भरकर वापिस लौट गए। यह उनका हिन्द महासागर में अपना वर्चस्व स्थापित करने का पहला अभियान था।
गामा को एक अत्याचारी एवं लालची समुद्री लुटेरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित करनी थी। इसलिए वह एक बार फिर से आया। इस बार अगले तीन दिनों तक पुर्तगाली अपने जहाजों से कालीकट पर बमबारी करते रहे। खाड़ी में खड़े सभी जहाजों और उनके 800 नाविकों को पुर्तगाली सेना ने बंधक बना लिया। उन बंधकों की पहले जहाजों पर परेड करवाई गई। फिर उनके नाक-कान, बाहें काटकर उन्हें तड़पा तड़पा कर मारा गया। अंत में उनके क्षत-विक्षत शरीरों को नौकाओं में डालकर तट पर भेज दिया गया।
ज़मोरियन राजा ने एक ब्राह्मण संदेशवाहक को उसके दो बेटों और भतीजे के साथ सन्धि के लिए भेजा गया। गामा ने उस संदेशवाहक के अंग भंग कर, अपमानित कर उसे राजा के पास वापिस भेज दिया। और उसके बेटों और भतीजे को फांसी से लटका दिया। पुर्तगालियों का यह अत्याचार केवल कालीकट तक नहीं रुका। वे पश्चिमी घाट के अनेक समुद्री व्यापार केंद्रों पर अपना कहर बरपाते हुए गोवा तक चले गए। गोवा में उन्होंने अपना शासन स्थापित किया। यहाँ उनके अत्याचार की एक अलग दास्तान फ्रांसिस ज़ेवियर नामक एक ईसाई पादरी ने लिखी।
पुर्तगालियों का यह अत्याचार केवल लालच के लिए नहीं था। इसका एक कारण उनका अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध करना भी था। इस मानसिकता के पीछे उनका ईसाई और भारतीयों का गैर ईसाई होना भी एक कारण था। इतिहासकार कुछ भी लिखे मगर सत्य यह है कि वास्को दी गामा एक नाविक के भेष में दुर्दांत, अत्याचारी, ईसाई लुटेरा था। खेद है वास्को डी गामा के विषय में स्पष्ट जानकारी होते हुए भी हमारे देश के साम्यवादी इतिहासकार उसका गुणगान कर उसे महान बनाने पर तुले हुए है। इतिहास का यह विकृतिकरण हमें संभवत विश्व के किसी अन्य देश में नहीं मिलेगा।
यूके: 10 सितंबर तक बारिश का दौर रहेगा जारी
पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड में फिलहाल बारिश से राहत मिलने वाली नहीं है। राज्य में अगले 4 दिन यानी 10 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहेगा। जिसको लेकर मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी कर दिया है तथा साथ ही लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।मौसम विभाग ने 6 एवं 7 सितंबर को राज्य के नैनीताल पिथौरागढ़ बागेश्वर जनपदों में कहीं-कहीं तीव्र बौछार के साथ भारी बारिश की आशंका जताई है, वहीं राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में आकाशीय बिजली चमकने के साथ गर्जन होने के संभावना है।
8 सितंबर को राज्य के चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी,नैनीताल , बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिलों में भारी बारिश व तीव्र बौछार का येलो अलर्ट रहेगा। जबकि आगामी 9 एवं 10 सितंबर को राज्य के लगभग सभी पर्वतीय एवं मैदानी जनपदों में हल्की एवं मध्यम वर्षा गरज चमक के साथ होने की संभावना जताई गई है। जबकि पर्वतीय राज्यों में कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है। बारिश के येलो अलर्ट के बाद प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है।
भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका: पीएम
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सांकेतिक भाषा शब्दकोष, टॉकिंग बुक्स, निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और विद्यांजलि पोर्टल जैसी, शिक्षा क्षेत्र में नयी पहलों की शुरुआत की तथा कहा कि यह योजनाएं भविष्य के भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ”शिक्षक पर्व” के पहले सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ”भविष्य की नीति” बताया और इसे नये स्तर तक ले जाने के लिए जनभागीदारी का आह्वान।
उन्होंने भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश (श्रवण बाधितों के लिए ऑडियो और अंतर्निहित पाठ सांकेतिक भाषा वीडियो, ज्ञान के सार्वभौमिक डिजाइन के अनुरूप), बोलने वाली किताबें (टॉकिंग बुक्स, नेत्रहीनों के लिए ऑडियो किताबें), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की स्कूल गुणवत्ता आश्वासन और आकलन रूपरेखा, निपुण भारत के लिए ‘निष्ठा’ शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और विद्यांजलि पोर्टल की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज शिक्षक पर्व पर अनेक नई परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है। यह पहल इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि देश अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 100वें वर्ष में भारत कैसा होगा, इसके लिए देश आज नए संकल्प ले रहा है। आज जो योजनाएं शुरु हुई हैं, वह भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगी।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ नीति ही नहीं, बल्कि सहभागिता आधारित है और इसके निर्माण से लेकर इसके क्रियान्वयन के हर स्तर पर देश के शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा, ”अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है। जब समाज मिलकर कुछ करता है तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं। और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्षों में जनभागीदारी अब फिर भारत का राष्ट्रीय चरित्र बनता जा रहा है।”
स्वच्छता अभियान, उज्जवला योजना , डिजिटल लेने देन जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले छह-सात वर्षों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के विभिन्न माध्यमों का उपयोग करते हुए भारत की शिक्षा व्यवस्था ने दुनिया को अपनी सामर्थ्य दिखायी है।
उन्होंने कहा, ”इन मुश्किल परिस्थितियों में हमने जो सीखा है, उन्हें अब आगे बढ़ाने का समय है।” उन्होंने कार्यक्रम में शामिल छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे समय बाद स्कूल जाना, दोस्तों से मिलना और क्लास में पढ़ाई करने का आनंद ही कुछ और है। साथ ही उन्होंने सभी को सचेत किया कि उत्साह के साथ-साथ उन्हें कोरोना नियमों का पालन भी पूरी कड़ाई से करना है। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी, राजकुमार रंजन सिंह और सुभाष सरकार भी उपस्थित थे।
मानकर बेग ने भगवान जगन्नाथ की प्रार्थना शुरू की
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सालबेग 17वीं शताब्दी की शुरूआत में मुगलिया शासन के एक सैनिक थे, जिन्हें भगवान जगन्नाथ का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है। सालबेग की माता ब्राह्मण थीं, जबकि पिता मुस्लिम थे। उनके पिता मुगल सेना में सूबेदार थे। इसलिए सालबेग भी मुगल सेना में भर्ती हो गए थे। एक बार मुगल सेना की तरफ से लड़ते हुए सालबेग बुरी तरह से घायल हो गए थे। तमाम इलाज के बावजूद उनका घाव सही नहीं हो रहा था। इस पर उनकी मां ने भगवान जगन्नाथ की पूजा की और उनसे भी प्रभु की शरण में जाने को कहा। मां की बात मानकर बेग ने भगवान जगन्नाथ की प्रार्थना शुरू कर दी। उनकी पूजा से खुश होकर जल्द ही भगवान जगन्नाथ ने सालबेग को सपने में दर्शन दिया। अगले दिन जब उनकी आंख खुली तो शरीर के सारे घाव सही हो चुके थे।
इसके बाद बेग ने मंदिर में जा कर भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया क्योंकि जगन्नाथ पुरी नें गैर हिन्दू का प्रवेश वर्जित है। इसके बाद सालबेग मंदिर के बाहर ही बैठकर भगवान की अराधना में लीन हो गए। इस दौरान उन्होंने भगवान जगन्नाथ पर कई भक्ति गीत व कविताएं लिखीं। उड़ीया भाषा में लिखे उनके गीत काफी प्रसिद्ध हुए, बावजूद उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं मिला। इस पर बेग ने एक बार कहा था कि अगर उनकी भक्ति सच्ची है तो उनके मरने के बाद भगवान जगन्नाथ खुद उनको दर्शन देने के लिए आएंगे। सालबेग की मौत के बाद उन्हें जगन्नाथ मंदिर और गुंडिचा मंदिर के बीच ग्रांड रोड के करीब दफना दिया गया।
‘टाइगर 3’ के डांस रिहर्सल का वीडियो शेयर किया
कविता गर्ग
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने अपनी आने वाली फिल्म ‘टाइगर 3’ के डांस रिहर्सल का वीडियो शेयर किया है। कैटरीना कैफ इन दिनों सलमान खान के साथ फिल्म ‘टाइगर 3’ की शूटिंग में बिजी हैं। फिल्म की शूटिंग तुर्की में चल रही है। कैटरीना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर अपने फैंस को ‘टाइगर 3’ के लिए चल रही अपने डांस रिहर्सल की एक झलक दिखाई है।
कटरीना ने अपनी सोशल मीडिया स्टोरी पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह कोरियोग्राफर्स के साथ डांस करती नजर आ रही हैं। इस वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा, “हम तुर्की में भी डांस करने के लिए जगह ढूंढ लेते हैं।” गौरतलब है कि यश राज बैनर तले बन रही फिल्म ‘टाइगर 3’ वर्ष 2012 में प्रदर्शित एक था टाइगर संस्करण की तीसरी कड़ी है। सलमान खान, कैटरीना कैफ के साथ ‘टाइगर 3’ में इमरान हाशमी की भी अहम भूमिका है। टाइगर 3 वर्ष 2022 में रिलीज हो सकती है।
फिल्म में विक्की के साथ काम करेंगीं फातिमा शेख
कविता गर्ग
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री फातिमा शेख, फील्ड मार्शल मानेकशॉ के जीवन पर बन रही फिल्म में विक्की कौशल के साथ काम करती नजर आयेंगी। फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की जिंदगी पर बन रही फिल्म सैम बहादुर में मानेकशॉ के किरदार के लिए विक्की कौशल का नाम फाइनल हो चुका है। रोनी स्क्रूवाला निर्मित इस फिल्म को मेघना गुलजार निर्देशित कर रही हैं। कहा जा रहा है कि इस फिल्म में दंगल गर्ल फातिमा सना शेख महत्वपूर्ण किरदार निभाती नजर आ सकती हैं। अभी फिल्म का प्री-प्रोडक्शन वर्क चल रहा है। उम्मीद है कि यह फिल्म अगले साल रिलीज की जाएगी।
गौरतलब है कि भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानकेशॉ को सैम बहादुर कहकर भी बुलाया जाता था। उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध में भारतीय सेनाओं की अगुआई की थी और भारत ने यह युद्ध जीता था। उन्हें पद्मविभूषण उपाधि से नवाजा गया।
विधानसभा में विधायकों ने हंगामा करना शुरू किया
रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया इसके कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी विधायकों के व्यवहार से आहत स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि सदन को फुटपाथ ना बनाएं।के बाद भाजपा के विपक्षी विधायकों ने सदन के वेल में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को व्यवस्थित करने का हर संभव प्रयास किया। हंगामा बढ़ते देख अध्यक्ष ने 11 बजकर 37 मिनट पर विधानसभा की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा सत्र की कार्यवाही आज 11 बजकर 11 मिनट पर जैसे ही शुरू हुई और विधानसभा अध्यक्ष के अवसर पर बैठते ही भाजपा विधायकों ने जय श्री राम के नारे लगाने लगे।
मेरठ एक्सप्रेस-वे पर ट्रक और कार की भिडंत हुईं
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। गाजियाबाद के मेरठ एक्सप्रेस-वे पर ट्रक और कार की भिडंत हो गई है। यह हादसा थाना मसूरी क्षेत्र में हुआ है। बताया जा रहा है कि कार में दो परिवार के लोग सवार थे, जिसमें 4 बड़े और तीन बच्चे थे। हादस में 4 बडों सहित एक बच्ची की मौत हो गई, बाकि दोनों घायलों बच्चों को राहगीरों ने चिकित्सालय में एडमिट करा दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक हरिद्धार से गाजियाबाद आने वाले मेरठ एक्सप्रेसवे थाना मसूरी क्षेत्र के ग्राम कलछीना के आसपास ट्रक से कार की टक्कर हो गई, जिसमें 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। बताया जा रहा है कि दो परिवार के लोग कार में सवार थे, जिसमें 3 बच्चे और 4 बड़े थे। दोनों परिवार के दोनों पति-पत्नी और एक बच्चे सहित पांच की मौत हो गई। हादसे में मरने वालो के नाम आशीष पुत्र बीपी सिन्हा, शिल्पी पत्नी आशीष, देव पुत्र आशीष निवासी लखनऊ के अलावा सोनू, परी पुत्री सोनू है। दो घायल बच्चों को चिकित्सालय में एडमिट कराया गया है। थाना भोजपुर पुलिस ने संबंधित ट्रक और उसके चालक को पकड़ लिया है।
यूपी: क्षेत्रों में डेंगू के 25 मरीज मिलें, फैला संक्रमण
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना के बाद अब लोगों के लिए डेंगू परेशानी का सबब बनता जा रहा है। सरकारी आंकड़ों को ही देखें तो पिछले 1 माह में ही उसने क्षेत्रों में अभी तक 25 मरीज डेंगू के सामने आ चुके हैं। इसमें सुसनेर नगर के 10 एवं ग्रामीण क्षेत्रों के 15 मरीज शामिल हैं। जिले के आंकड़े को देखे तो या 165 है। इनमें वे लोग नहीं है जो प्राइवेट लैब पर जांच में डेंगू के लक्षण आने के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाने के लिए जा रहे हैं। इसके बाद भी मलेरिया विभाग गंभीर नहीं है ना लारवा ढूंढ पाए ना रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 10 अगस्त को सुसनेर में दो डेंगू के मरीज सामने आए थे। इसके बाद से लगातार मरीज सामने आ रहे हैं अभी तक नगरी क्षेत्र में 10 मरीज सामने आ चुके हैं । साथ ही ग्राम आकली में एक ,मालन मासा में दो , गणेशपुरा में दो , गैलाना में दो ,कजलास में एक , त्रिलोकपुरा में एक , लटूरी गुर्जर में एक , किट खेड़ी में एक , खेरिया सोयत में एक मरीज सामने आ चुके ही। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुसनेर में डेंगू की पुष्टि वाली एलाइजा जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है यह सुविधा सिर्फ जिला स्तर पर है। जांच की सुविधा ना होने से खून की जांच में प्लेटलेट्स की जांच के माध्यम से ही डेंगू के संदिग्ध मरीज होने की पुष्टि की जा रही है ।जांच एवं इलाज के अभाव में मरीज इलाज के लिए उज्जैन , इंदौर राजस्थान के झालावाड़ में जा रहे हैं।
वर्तमान में नगर डेंगू के साथ मलेरिया वायरल बीमारियों की चपेट में है । किंतु सुसनेर अस्पताल में मलेरिया स्टाफ के रूप में एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं है। विभाग में कार्यरत बी ई ई ही कार्य कर रहे हैं जबकि अस्पताल में मलेरिया इंस्पेक्टर मलेरिया वर्कर आदि की पोस्ट रिक्त है।टिम का सर्वे कराया जा रहा है। बी ई ई प्रेम नारायण यादव के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न ग्रामों एवं नगर में 18 टीमों के माध्यम से लारवा सर्वे करवाया जा रहा है । इन टीमों में स्वास्थ्य विभाग की ए एन एम के साथ आशा कार्यकर्ता आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल है ।इन टिमों में दो सुसनेर एवं 1 सोयत नगर में कार्य कर रही है।
किसान महापंचायत पर व्यवस्था के इंतजाम किए
जेल की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए 6 फलस्तीनी भागें
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली/जेरूसलम। सुरक्षित मानी जाने वाली इजराइल की जेल की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए 6 फलस्तीनी कैदी भाग निकले हैं। इजराइल जेल सेवा के एक अधिकारी ने 6 कैदियों के फरार हो जाने की घटना को बड़ी सुरक्षा और खुफिया चूक बताया है। जेल से 6 कैदियों के फरार हो जाने से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। कैदियों की तलाश में देशभर के विभिन्न स्थानों पर नाकेबंदी करते हुए उन्हें दबोचने के प्रयास किए जा रहे हैं। इजराइल की अति सुरक्षित माने जाने वाली गिलबोआ जेल की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए 6 फलस्तीनी कैदी भाग निकले हैं। जेल के स्टाफ को कैदियों के भागने की इस वारदात का उस समय पता चला जब रोजाना की तरह कैदियों की गिनती की गई और उसमें 6 लोग लापता पाए गए। माना जा रहा है कि जेल की सुरक्षा में सेंध लगाकर फरार हुए फलस्तीनी कैदियों ने अपने बाथरूम के फर्श से होते हुए एक सुरंग खोदी जो जेल के बाहर सडक पर जाकर निकली।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कुछ तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से दिखाई दे रहा है कि इजरायली अधिकारी जेल की एक सिंक के नीचे एक छोटे से छेद और जेल की दीवारों से सटी हुई धूल भरी सड़क पर दूसरे छेद की जांच कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि फलस्तीनी कैदियों ने किसी तरह जेल के बाहर के लोगों से संपर्क कर लिया था। किसी तरह उन्होंने जेल में मोबाइल प्राप्त कर लिया और भागने में उसका इस्तेमाल किया। जेल में सेंधमारी करते हुए बाहर आने के बाद कैदियों ने फोन करके तुरंत कार बुला ली। इजराइल की अति सुरक्षित मानी जाने वाली जेल से 6 फलस्तीनी कैदियों के फरार होने की घटना की तुलना हॉलीवुड की किसी थ्रिलर फिल्म से की जा रही है। अब इजराइली अधिकारी रातों-रात जेल में सेंधमारी करके भागने वाले आधा दर्जन फलस्तीनी कैदियों को दबोचने के लिए देश भर में बड़े स्तर पर नाकेबंदी करते हुए तलाशी अभियान चला रहे हैं। उधर बताया जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा किसानों से की गई बातचीत में पता चला है कि उन्होंने समीप के खेतों में ही कुछ संदिग्ध लोगों को देखा है। बहरहाल मामला कुछ भी रहा हो लेकिन इजराइल की सुरक्षित जेल से 6 कैदियों ने फरार होकर इस बात को साबित कर दिया है कि समूचे विश्वभर में कोई भी जेल सुरक्षित नहीं है। उधर फलीस्तीनी चरमपंथी गुटों ने 6 कैदियों के जेल में सेंधमारी कर के भागने को जांबाजी भरा कदम बताया है।
सीएम ने नगर निगम कार्यालय का निरीक्षण किया
पंकज कपूर
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून नगर निगम कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने अनेक कक्षों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम में अपने विभिन्न कार्यों के लिए आने वाले लोगों को समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाय। सभी काउंटर पर कार्य की टाइमिंग को जानकारी चस्पा की जाय। आगंतुकों को बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाय।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने कार्यों के लिए आए लोगों से बातचीत कर जानकारी ली की कोई परेशानी तो नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा की लगातार विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया जायेगा। कार्यों के सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
फूलमालाओं से जिला प्रभारी का स्वागत किया
पंकज कपूर
रुड़की। मेनिफेस्टो कमेटी हरिद्वार जिला प्रभारी सरवर यार खान गत दिवस कलियर पहुँचे। जहाँ कार्यकर्ताओ ने फूलमालाओं से उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं से सुझाव मांगे। बीते सोमवार को पिरान कलियर पहुँचे मैनिफेस्टो कमेटी जिला प्रभारी सरवर यार खान ने कहा कि, विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणा पत्र तैयार किया जाना है, जिसको लेकर टीम गठित की गई है और मुझे हरिद्वार की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसमें हरिद्वार के कार्यकर्ताओं और विधायकों से रायशुमारी कर उनके सुझाव मांगे जा रहे हैं। कार्यकर्ता जो सुझाव देंगे उनको शिक्षक नेताओं को सौंप दिया जाएगा।
इस दौरान कलियर विधायक हाजी फुरकान अहमद ने अपने क्षेत्र के प्रमुख सुझाव दिये, जिनमे कॉलेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का उच्चीकरण और पुल की समस्या के साथ-साथ कलियर को पांचवा धाम घोषित कर उर्स/मेले को सरकारी मेला घोषित करने, स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाने सम्बंधित आदि सुझाव दिए।
इसके साथ कांग्रेस कार्येकर्ताओ ने भी पेंशन बहाली करने आदि सुझाव दिए हैं।
महिलाओं को तितर करने के लिए चलाईं गोलियां
नई दिल्ली/ काबुल। अफगानिस्तान में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के विरोध में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर रही महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए तालिबान की ओर से गोलियां चलाई गई है। जिससे मौके पर तनाव के हालात पैदा हो गए हैं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान की ओर से किए गए कब्जे के बाद में आम लोग लगातार पाकिस्तान का विरोध कर रहे हैं। राजधानी काबुल की सड़कों पर लोग उतरते हुए पाकिस्तान मुर्दाबाद, आजादी और सपोर्ट पंचशीर के नारे लगा रहे हैं। विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रदर्शनकारी लोग काबुल स्थित पाकिस्तान दूतावास तक जा पहुंचे हैं। जहां पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं को तितर बितर करने के लिये तालिबान की ओर से उनके ऊपर गोलियां चलाई गई है। अफगानिस्तान में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का विरोध करते हुए सड़क पर उतरी महिलाएं जमकर पाकिस्तान का विरोध कर रही है। प्रदर्शनकारी महिलाएं पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उससे अफगानिस्तान छोड़ने की मांग कर रही हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान पर तालिबान को सपोर्ट करने के आरोप लगते रहे हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स ने इस बात का सबूत भी पेश किया है कि कैसे पाकिस्तान अफगानिस्तान सरकार को अस्थिर करके तालिबान का सहयोग कर रही है। अफगानिस्तान और अमेरिका के साथ सालों से जारी युद्ध में पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश रहा है जो तालिबान का समर्थक है। तालिबान ने लगातार पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताया है। हाल ही पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान, तालिबान का संरक्षक रहा है और लंबे वक्त तक उनकी देखभाल की है। पाकिस्तान, तालिबान शासन को मान्यता देने वाला सबसे पहला देश हो सकता है।
आरोपी की मृत्यु हो जाने को लेकर थाने पर हमला
मनोज सिंह ठाकुर
खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में डकैती के आरोपी की न्यायिक हिरासत में मृत्यु हो जाने को लेकर आज ग्रामीणों ने बिस्टान थाने पर हमला बोल दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस पिटायी के चलते व्यक्ति की मृत्यु की घटना हुयी है। पुलिस अधीक्षक खरगोन शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि हाल ही में यहां से 17 किलोमीटर दूर बिस्टान पुलिस ने राहगीरों से लूटपाट करने के आरोप में खैरकुंडी ग्राम निवासी 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से आठ आरोपियों को 4 सितंबर को तथा शेष चार को 6 सितंबर को न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
कल रात्रि जेल में एक आरोपी खैर कुंडी निवासी 35 वर्षीय आदिवासी बिशन को घबराहट हुई और उसे जिला अस्पताल भेजा गया। वहां उसकी मृत्यु हो जाने के बाद परिजनों को सूचित कर जिला अस्पताल बुलवाया गया था। घटना के चलते चलते आज खैरकुंडी ग्राम के लगभग 200 ग्रामीणों ने बिस्टान पुलिस स्टेशन पर पत्थरों हमला बोल दिया। उन्होंने बताया कि बिस्टान थाना प्रभारी राकेश आर्य समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने अपने आपको थाने के अंदर बंद कर लिया। थाना परिसर में उन्होंने जमकर तोड़फोड़ की तथा पुलिस वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
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