मंगलवार, 10 नवंबर 2020

पंजाबः सीबीआई मंजूरी के बिना नही करेगी जांच

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने सीबीआई को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके अनुसार अब सीबीआई को पंजाब में किसी भी नए केस की जांच के लिए राज्‍य सरकार की मंजूरी लेनी जरूरी होगी। राज्‍य की अमरिंदर सरकार ने एक आदेश पारित करके सीबीआई को राज्‍य में न्‍यायक्षेत्र और शक्तियों के इस्‍तेमाल के लिए दी गई सहमति को वापस ले लिया है। हालांकि सीबीआई जनरल कंसेंट वापसी से पहले तक पंजाब में जो भी केस दर्ज किए हैं, उनकी जांच एजेंसी कर सकेगी। बता दें कि सीबीआई के कार्यक्षेत्र और कार्यप्रणाली को लेकर कुछ राज्‍य पहले ही सवाल उठा चुके हैं। पश्चिम बंगाल, केरल, छत्‍तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, सिक्किम, त्रिपुरा, राजस्‍थान में भी सीबीआई को केस की जांच से पहले राज्‍य सरकारों की अनुमति लेना अनिवार्य है। इन राज्‍यों में सीबीआई की एंट्री रोकी जा चुकी है। बता दें कि सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम द्वारा शासित की जाती है। इस अधिनियम के तहत उसे किसी भी राज्य में जांच के लिए राज्य सरकार की सहमति लेना अनिवार्य है।              


एमपीः कंप्यूटर बाबा के खिलाफ कार्रवाई जारी

भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में राज्य मंत्री के दर्जे के साथ नदी संरक्षण न्यास के अध्यक्ष रहे कंप्यूटर बाबा द्वारा धार्मिक स्थलों की आड़ में जमीनों पर कथित रूप से अवैध कब्जा जमाने के खिलाफ प्रशासन की मुहिम आज भी जारी रही। इस मुहिम के तहत कुल 40,000 वर्ग फुट की 2 जमीनें अतिक्रमण से मुक्त कराई गईं जिनका मौजूदा बाजार मूल्य 13 करोड़ रुपये आंका जा रहा है।


इसस बाबत अनुविभागीय मजिस्ट्रेट राजेश राठौड़ ने बताया कि शहर के सुपर कॉरिडोर क्षेत्र में एक मंदिर से सटी 20,000 वर्ग फुट जमीन पर कंप्यूटर बाबा के अवैध निर्माण को ढहा दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह निर्माण उस जमीन पर किया गया जो इंदौर विकास प्राधिकरण की एक योजना में शामिल थी और कंप्यूटर बाबा के अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई इस जमीन का मौजूदा बाजार मूल्य लगभग 5 करोड़ रुपये है। इसके अलावा एसडीएम ने बताया कि प्रशासन ने अम्बिकापुरी एक्सटेंशन में श्री दक्षिण काली पीठ त्रिमहाविद्या मंदिर के परिसर में 20,000 वर्ग फुट पर किया गया कंप्यूटर बाबा का अवैध कब्जा हटा दिया है। इस जगह का मौजूदा बाजार मूल्य 8 करोड़ रुपये के आस-पास है।

सीएससी केंद्र पर आवेदन शुल्क ₹30 हुआ

संदीप मिश्र


लखनऊ। प्रदेश में जन सेवा केन्द्र (सीएससी) के जरिए आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र, छात्रवृत्ति से लेकर राशन कार्ड तक का आवेदन करना महंगा हो जाएगा। प्रमाणपत्र – राशनकार्ड समेत करीब दो दर्जन से अधिक योजनाओं में आवेदन के लिए आवेदनकर्ता को अब 30 रुपए का शुल्क (यूजर चर्ज) अदा करना पड़ेगा। 16 नवम्बर से सीएससी के तहत यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।


ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के तहत मौजूदा समय में प्रदेश के गांवों से लेकर शहर तक करीब 65 हजार जन सेवा केन्द्र कार्य कर रहे हैं। लोग इनके जरिए ही सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन करते हैं। अभी तक सीएससी के जरिए प्रमाणपत्र व अन्य योजनाओं में आवेदन करने पर 20 रुपए का शुल्क पड़ता है। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) विपिन मिश्रा ने बताया कि 16 तारीख से सीएससी से आवेदन करने पर 30 रुपए का शुल्क पड़ेगा।


65 हजार सीएससी संचालकों की बढ़ेगी आय
सीएससी 3.0 के तहत 65 हजार सीएससी संचालकों की आय में भी अब इजाफा होगा। अभी तक प्रति आवेदन पर सीएससी संचालकों (वीएलई) को 20 रुपए में मात्र चार से पांच रुपए ही कमीशन मिलता था। अब यह बढ़कर 12 से 15 रुपए  हो जाएगा। सीएससी संचालक वर्षों से इसकी मांग कर रहे थे।


हर जिले में दो संस्थाएं करेंगी संचालन 
जन सेवा केन्द्र योजना (सी.एस.सी. 3.0) के संचालन के लिए सभी 75 जिलों में अब दो डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर (डीएसपी) संस्थाएं काम करेंगी। लखनऊ में दो डीएसपी संस्थाएं सीएससी वाईफाई चौपाल और एसआरईआई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड काम करेंगी।


ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाएं –
जाति, आय, निवास , हैसियत प्रमाणपत्र, खतौती की नकल, लाउडस्पीकर की अनुमति,  छात्रवृत्ति आवेदन, शादी और बीमारी अनुदान , अत्याचारों की शिकायत का आवेदन, दहेज प्रथा से पीड़ित महिलाओं के लिए वित्तीय व कानूनी सहायता, दंपत्ति पुरस्कार, दिव्यांग कृत्रिम अंगों का अनुदान के लिए आवेदन।


22 करोड़ की लागत से तटबंध बनाने की घोषणा

दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज ग्राम रानीतराई में दक्षिण पाटन के लिए सिंचाई सुविधाओं हेतु एवं कटाव रोकने की महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने 22 करोड़ रुपये की लागत से खारुन के बायीं ओर तटबंध बनाने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि धमतरी की ओर से यह तटबंध बन चुका है। पाटन से लगे गांवों में कटाव की वजह से यह मांग आ रही थी। अब यह समस्या दूर हो सकेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 5 करोड रुपये की लागत से खपरी, ओदरागहन, चुलगहन में सौर सामुदायिक योजना से प्रोजेक्ट बनाने की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां नदी नालों में लिफ्ट इरीगेशन की गुंजाइश है वहां परीक्षण कराकर प्रोजेक्ट स्वीकृत किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्यामाचरण शुक्ल कहते थे कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी दे दें, वे अपना विकास स्वयं कर लेंगे। हमारी सरकार की प्राथमिकता है किसानों के लिए अधिकाधिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना। धान की खेती बढने से इसकी मांग और बढी है। दक्षिण पाटन में तांदुला तंत्र से पानी आता है लेकिन टेल एंड तक सिंचाई की गुंजाइश काफी कम हो जाती है। नदी तथा नालों में सोलर लिफ्ट योजनाएं चलाई जाएंगी। इनकी सिंचाई क्षमता बढाने के लिए तालाबों में जल भरा जाएगा। तालाब नहीं होने पर  तालाब खुदवाने की प्रक्रिया की जाएगी।


उन्होंने कहा कि इससे सिंचाई सुविधा की गुंजाइश काफी बढ जाती है। उन्होंने कहा कि भूमिगत जल का स्तर बढाने के लिए नरवा योजना के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। इनके साथ सोलर योजनाएं आरम्भ होने से सिंचाई का रकबा बढाने में बडी मदद मिलेगी।उन्होंने कहा कि आज मैंने बाडी देखी। केसरा, कौही, बोरेन्दा में स्वसहायता समहों की महिलाओं ने बहुत अच्छा काम किया है। उनकी बाडी में कई प्रकार की सब्जी लग रही थी। उनके चेहरे पर उत्साह था। बाडी योजना महिलाओं को उत्साह भी दे रही है और आर्थिक रूप से मजबूत भी कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हम ऐसी योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं जिससे स्वावलंबी गांव तैयार हो सकें। आर्थिक स्तर बढे। इसमें भागीदारी भी ग्रामीणों की ही है। गौठान के संचालन की जिम्मेदारी गौठान समिति की है यह ऐसा मॉडल है जिससे खेती और पशुपालन दोनों को ब?ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में मोबाइल मेडिकल यूनिट आरम्भ हो जाने से ग्रामीण अंचल के लोगों को विशेष रूप से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पाटन में इंग्लिश मीडियम स्कूल भी आरम्भ करने का निर्णय लिया गया है। 6 स्कूलों के आरम्भ होने से लोग शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल में भी बच्चों को पढा सकेंगे।              


यूपीः संक्रमण को लेकर सजग, सावधान रहें

संदीप मिश्र


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 को देखते हुए पर्वों के दौरान पूरी सतर्कता व सावधानी बरती जाए। कोरोना संक्रमण की दर में कमी आ रही है।


इसके बावजूद किसी भी स्तर पर लापरवाही जोखिमपूर्ण हो सकती है। इसलिए संक्रमण की रोकथाम व उपचार की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखी जाए। मुख्यमंत्री सोमवार को अपने आवास पर कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में नर्सिंग होम संचालकों तथा आईएमए के पदाधिकारियों से नियमित संवाद कर यह सुनिश्चित कराया जाए कि वे संक्रमित मरीज को उपचार के लिए कोविड अस्पताल भेजने में कतई विलंब न करें। कोविड अस्पतालों की व्यवस्था चाक-चौबंद रखी जाए।
कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के संबंध में लोगों को लगातार जागरूक किया जाए। इसके लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों का भरपूर उपयोग करें। उन्होंने निर्देश दिए कि डीएम व सीएम सवेरे कोविड अस्पताल व शाम को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में बैठक करें।                 


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)


 नवंबर 11, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-87 (साल-02)
2. बुधवार, नवंबर 11, 2020
3. शक-1980, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि- एकादशी, विक्रमी संवत 2077।


4. प्रातः 06:38, सूर्यास्त 05:18।


5. न्‍यूनतम तापमान 13+ डी.सै., अधिकतम-27+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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