शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

सरकार के निशाने पर बड़े माफिया नेटवर्क

लखनऊ। योगी सरकार ने प्रदेश के बड़े माफिया नेटवर्क को धराशायी करने का बड़ा अभियान चलाया है।अभियान में निशाने पर मुख्य रूप से माफिया डॉन मुख्तार अंसारी,अतीक अहमद,अनिल दुजाना और सुंदर भाटी हैं। इन माफिया सरगनाओं की संपत्ति को जब्त करने के साथ ही इनके गुर्गों पर कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक यूपी में 40 माफिया सरगनाओं पर यूपी सरकार और पुलिस की टेढ़ी नज़र है,जिसके चलते उनकी करीब 300 करोड़ रूपये की अवैध सम्पत्ति और अवैध धंधे बंद कराये जा चुके हैं।यूपी सरकार ने अब तक प्रदेश में गैंगस्टर एक्ट मे 495 मुक़दमे दर्ज किए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मु्ख्तार अंसारी के गुर्गों और करीबियों के खिलाफ है।
पुलिस ने माफिया के खिलाफ इस बड़े अभियान में अब तक आगरा जोन में 48 करोड़,वाराणसी जोन मे 47 करोड,बरेली जोन मे 25 करोड़,इसी तरह आजमगढ, गाजीपुर,नोएडा में करीब दस-दस करोड़ रूपयों की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है। अकेले मुख्तार अंसारी की ही 100 करोड़ रूपये की सम्पत्ति सरकार जब्त कर चुकी है।
कल ही लखनऊ के सबसे पॉश इलाकों में से एक हजरतगंज के डाली बाग में मुख्तार अंसारी की करोड़ों की संपत्ति को जमींदोज कर दिया गया।मुख्तार के बेटे अब्बास और उमर के नाम पर संपत्ति थी। लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम 20 जेसीबी और 250 से अधिक पुलिसकर्मियों और पीएसी के साथ मौके पर पहुंची और दो मंजिला बिल्डिंग गिरा दी गईं।
लखनऊ विकास प्राधिकरण की माने तो प्राधिकरण के दस्तावेजों में दर्ज गाटा संख्या 93 का यह हिस्सा शत्रु या निष्क्रांत संपत्ति है, जिसको 20 साल पहले दस्तावेजों में हेराफेरी कर पहले मुख्तार अंसारी की मां राबिया के नाम दर्ज कराया गया और फिर मुख्तार के दोनों बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी इस सरकारी संपत्ति के मालिक बन बैठे।
लखनऊ विकास प्राधिकरण की इस जमीन पर बने अवैध निर्माण को गिराने में जो खर्च आया उसको भी अब्बास अंसारी और उमर अंसारी से वसूला जाएगा।साथ ही एफआईआर दर्ज कर उन अफसरों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं, जिनके कार्यकाल में इस सरकारी जमीन पर न सिर्फ कब्जा हुआ बल्कि निर्माण तक करा दिया गया।               


डाकघर से ₹25000 निकालने की मंजूरी

बरेली। गांवों में चल रहे ब्रांच पोस्ट ऑफिसों में अब उपभोक्ता सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। जिससे वहां के उपभोक्ताओं को डाक विभाग की तमाम योजनाओं का लाभ उनके क्षेत्र में ही मिल सके। उन्हें गांव से शहर न आना पड़े। अफसरों की माने तो बचत खाता व निकासी जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। अब तक सिर्फ 5000 निकासी की जा सकती थी। इसे बढ़ाकर अब 25000 एक दिन में करने की योजना है। 10 हजार से 50 हजार रुपये जमा भी कर सकेंगे। छोटे-बड़े करीब 320 डाकघरों का विस्तार होगा जिससे गांव के चार से पांच लाख उपभोक्ताओं को लाभ होगा।


यह योजनाएं भी शुरू होंगी


केंद्र सरकार ग्रामीणों को नेटवर्क और डाक संचालन को मजबूती देने के लिए कई योजनाएं लागू करेगा। अभी तक सेविंग, आरडी, इंडिया पोस्टपेमेंट बैंक का लाभ मिलता था। अब लघु बचत योजनाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डाक विभाग विस्तार कर रहा है जिसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), किसान विकास पत्र (केवीपी), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी), मंथली इनकम स्कीम (एमआईएस) और सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस) जैसी योजनाओं का लाभ ग्रामीण डाकघरों में मिलेगा।


बरेली के प्रवर डाक अधीक्षक पीके सिंह ने बताया कि देहात क्षेत्रों में जो शाखा डाकघर हैं, वहां उवभोक्ता सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। भविष्य निधि, मासिक आय योजना, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, किसान विकास पत्र और वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाओं की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। गांव के डाकघर में बैंक वाली सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।               


परीक्षाओं को लेकर आप ने दिया धरना

बृजेश केसरवानी


लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित हनुमान सेतु मंदिर के पास आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को नीट-जेईई परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री की अर्थी लेकर परीक्षाओं का विरोध जताया। इस बीच पुलिस ने उनसे अर्थी छीन ली, जिससे वह सड़क पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं में नोकझोंक हुई। इसके बाद पुलिस ने आम आदमी पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।                     


चुनाव स्थगित कराने वाली याचिका रद्द

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) चुनाव स्थगित करने का आधार नहीं हो सकता, और उसने बिहार के कोरोना मुक्त होने तक विधानसभा चुनाव स्थगित कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।


न्यायाधीश अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि कोविड-19 चुनाव स्थगित करने का आधार नहीं हो सकता है और अदालत चुनाव आयोग को यह नहीं बता सकती है कि इस मुद्दे पर क्या किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत के समक्ष तर्क दिया कि उसे चुनाव की अधिसूचना को रोकना चाहिए। पीठ ने जवाब दिया, “हम चुनाव आयोग से चुनाव नहीं कराने के लिए कैसे कह सकते हैं?” याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून कहता है कि असाधारण परिस्थितियों में चुनाव स्थगित किए जा सकते हैं। पीठ ने जवाब दिया कि यह फैसला चुनाव आयोग को करना है न कि शीर्ष अदालत को। पीठ ने दोहराया कि वह चुनाव आयोग को चुनाव नहीं कराने का निर्देश नहीं दे सकती है।

याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि मानव जीवन सर्वोपरि है न कि चुनाव, क्योंकि लोग कोरोनोवायरस संक्रमण के कारण पीड़ित हैं। पीठ ने कहा कि वह ऐसा आदेश पारित नहीं कर सकती। यह भी कहा कि याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है क्योंकि राज्य चुनाव की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है और यह समय से पहले है। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से चुनाव आयोग और राज्य में बीमारी को लेकर जमीनी हालात के संबंध में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगने का अनुरोध किया। पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग स्थिति के बारे में देखेगा और मामले पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी।           


11 दिन में 60,000 पहुंची मृतकों की संख्या

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है वहीं इससे मरने वालों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है और महज 11 दिन में मृतकों का आंकड़ा 50 से 60 हजार पर पहुंच गया है। केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में पिछले 24 घंटों में 1057 मरीजों की मौत से कुल 61529 मरीजों की वायरस जान ले चुका है। कोरोना से मरने वालों की संख्या पर नजर डाली जाए तो यह तेजी से बढ़ी जरुर किंतु वायरस के रिकाॅर्ड मामले आने के बीच कुल संक्रमितों की तुलना में मरने वालों का प्रतिशत भी विभिन्न कदमों से तेजी से कम करने में मदद मिली। इनमें आक्रामक जांच, व्यापक निगरानी और वायरस से संपर्क में आने वाले की जल्दी पहचान से वायरस से होने वाली मौतों पर काफी हद तक नियंत्रण रखने में कामयाबी मिली है। आंकड़ों के अनुसार कोरोना से एक से दस हजार मौतों की संख्या पहुंचने में 96 दिन लगे और कुल मरीजों की तुलना में मृतकों का प्रतिशत सबसे अधिक 3.4 प्रतिशत था। मृतकों की संख्या दस से बीस हजार होने में बीस दिन ही लगे हालांकि प्रतिशत घटकर‌ 2.8 रह गया। बीस से तीस हजार होने में दिनों की संख्या घटकर 17 ही रह गई किंतु राहत की बात रही कि प्रतिशत और घटकर 2.4 पर आ गया। तीस से चालीस हजार मृतक होने में 13 दिन ही लगे और प्रतिशत‌ 2.1 रह गया। चालीस से पचास हजार की संख्या में सबसे कम महज दस दिन लगे और प्रतिशत और घटकर 1.9 रह गया। अगले दस हजार ‌अर्थात पचास से साठ हजार की संख्या पहुंचने में 11 दिन लगे और मृतक प्रतिशत घटकर 1.8 रह गया।           


फ्लाईओवर से नीचे गिरी कार, 2 घायल

 अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी इलाके में एक कार के फ्लाईओवर से नीचे गिर जाने पर दो व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी सूचना दी।


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “गुरुवार रात 11 बजे के करीब एक होंडा सिटी कार विकासपुरी फ्लाईओवर से नीचे गिर गई। हादसे में घायल हुए एक व्यक्ति की पहचान अनुज के रूप में हुई है जिसे डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि दूसरे को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया है।”विकासपुरी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, घटना की जांच जारी है।           

मेरिट लिस्ट में 'सनी लियोन' का नाम

कोलकाता। फिल्म अभिनेत्री सनी लियोन अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी बोल्ड तस्वीरों की वजह से चर्चा में रहती हैं, लेकिन इस बार वह अलग वजह से मीडिया की सुर्खियों में हैं। दरअसल सनी लियोन का नाम कोलकाता के अंडरग्रैजुएट एडमिशन की लिस्ट में दर्ज है। कोलकाता के एक कॉलेज में दाखिले के लिए जो मेरिट लिस्ट तैयार की गई है, उसमे पहले स्थान पर सनी लियोन का नाम है। कोलकाता के आशुतोष कॉलेज में अंग्रेजी विषय से बीए ऑनर्स में दखिले के लिए मेरिट लिस्ट जारी की गई है, इस लिस्ट में सनी का नाम पहले स्थान पर है। कॉलेज में दाखिले के लिए सनी लियोन का नाम मेरिट लिस्ट में सबसे पहले पायदान पर आने के बाद से यह यह खबर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है।
अहम बात यह है कि लिस्ट में सनी लियोन का नाम, आवेदन आईडी, रोल नंबर वगैरह सब कुछ दर्ज है। लिस्ट में इस बात की भी जानकारी दर्ज है कि 12वीं की परीक्षा में सनी लियोन ने चार विषयों में सर्वाधिक अंक हासिल किए हैं। लिस्ट में सनी लियोन के नाम के साथ इंटर में उन्हें चार विषयों में 400 अंक दिए गए हैं, यह भी दर्ज है। वहीं इस पूरे मामले पर कॉलेज के अधिकारी ने सफाई दी है और इसे शरारती तत्व की हरकत बताई है। कॉलेज के एक अधिकारी ने बताया कि यह किसी शरारती व्यक्ति का काम है, जानबूझकर किसी ने सनी लियोन के नाम से गलत आवेदन किया। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद हमने प्रवेश विभाग से इसे सही करने के लिए कहा है। हम पूरी घटना की जांच करेंगे और इसके पीछे कौन है इसका पता लगाएंगे। लेकिन जिस तरह से कॉलेज की मेरिट लिस्ट में सनी लियोन का नाम पहले पायदान पर दर्ज हुआ, उसके बाद कॉलेज की प्रवेश परीक्षा पर भी सवाल खड़ा हो गया है।           


एक्शनः राशन ना मिलें तो शिकायत करें

नई दिल्ली। देश के अलग-अलग जगहों से खाद्यान्न वितरण लेेकर शिकायतें आ रही हैं। बुधवार को ही उत्तर प्रदेश (UP) के कानपुर में खाद्यान्न वितरण में अनियिमितता और भ्रष्टाचार के आरोपों की शिकायत पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया। देश में लॉकडाउन के बाद से अक्सर देखा जा रहा है कि राशन डीलर कार्डधारकों के साथ-साथ वगैर राशन कार्डधारकों को उनके कोटे का अनाज देने में आनाकानी करते हैं। इस समस्या से पार पाने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। उपभोक्ताओं को लगता है कि उनके हिस्से का अनाज डीलर ने कम दिया है या नहीं दिया है तो वह इन नंबरों पर फोन कर डीलर की शिकायत कर सकते हैं।          


जेल में उगाई करने वाले रैकेट का भंडाफोड़

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर दिल्ली की मंडोली जेल से चलाए जा रहे एक उगाही (जबरन वसूली) रैकेट का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस सिलसिले में जेल के 50 वर्षीय मुख्य जेल वार्डन सहित पांच को गिरफ्तार किया गया है।


पुलिस ने कहा कि नंदू गैंग का एक सक्रिय सदस्य जो जबरन वसूली कर धंधे में शामिल होने के कारण कुख्यात है, उसकी पहचान विकास के रूप में हुई है जो रैकेट का मास्टरमाइंड है और कथित तौर पर जेल से इसका संचालन करता है, जहां वह वर्तमान में बंद है। जहां मुख्य वार्डन की पहचान राजेंद्र सिंह के रूप में की गई है, वहीं अन्य चार आरोपी जगमोहन (23), विकास (28), प्रमोद कुमार (30) और हनी राजपाल (35) हैं।

प्रमोद, जो न्यायिक हिरासत में था, को हाल ही में अंतरिम जमानत मिली थी, जबकि राजपाल हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं।  पूछताछ के दौरान, प्रमोद ने कबूला कि जेल में उसकी मुलाकात राजपाल से हुई, जो इस समय एक हत्या के मामले में मंडोली जेल में है। जब उसे अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया, तो राजपाल ने प्रमोद को जेल में 10 सिम कार्ड देने और मुख्य वार्डन राजेंद्र के माध्यम से जेल भेजने के लिए बुलाया, जिसके लिए उसे 2000 रुपये प्रति सिम देने का वादा किया गया था।


द्वारका के डीसीप एन्टो अल्फोंस ने कहा, “इस पर, उसने अपने नाम पर 4 सिम जारी कराए और अपने भाई जगमोहन के नाम पर 6 सिम जारी कराए और अलग-अलग मौकों पर मुख्य वार्डन राजेंद्र को मंडोली जेल और खजुरी खास चौक पर सौंप दिया।”जांच के दौरान, सिम कार्ड डीलरों की जांच की गई, उनका रिकॉर्ड चेक किया गया और 50 वर्षीय आरोपी राजेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया गया।


उसके खुलासे और व्हाट्सएप चैट के आधार पर, टीम ने दिल्ली के गांव बक्करवाला निवासी हनी राजपाल और इस रैकेट के मास्टरमाइंड विकास उर्फ पीके को गिरफ्तार कर लिया।           


पीएम ने योजना को 'गेम चेंजर करार' दिया

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरूआत को छह साल पूरे हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना को गेम चेंजर करार दिया है। उन्होंने शुक्रवार को छठी वर्षगांठ पर इस योजना की उपलब्धियों से जुड़े आंकड़े भी जारी किए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज, छह साल पहले, प्रधानमंत्री जनधन योजना को बैंकिंग के महत्वाकांक्षी उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था। यह पहल एक गेम चेंजर रही है, जो कई गरीबी उन्मूलन पहलों के लिए आधार के रूप में काम करती है, जिससे करोड़ों लोगों को लाभ होता है।”


उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री जन धन योजना की बदौलत कई परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो गया है। लाभार्थियों का एक उच्च अनुपात ग्रामीण क्षेत्रों से है, जिसमें महिलाएं हैं। मैं उन सभी लोगों की सराहना करता हूं, जिन्होंने प्रधानमंत्री जनधन योजना को सफल बनाने के लिए अथक परिश्रम किया है।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की उपलब्धियां बताने के लिए ट्वीट कर योजना से जुड़े आंकड़ों का चार्ट भी जारी किया है। जिसके मुताबिक, अगस्त 2020 तक देश में कुल 40.35 करोड़ खाते खुल चुके हैं, जबकि पिछले साल अगस्त 2019 तक यह आंकड़ा 36.79 करोड़ था। 63 प्रतिशत बैंक खाते गांवों में खुले हैं। सर्वाधिक 55.2 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। इस योजना के तहत दो लाख रुपये की निशुल्क दुर्घटना बीमा के साथ डेबिट कार्ड भी जारी किए गए हैं।           


सितंबर में होंगे 'फाइनल ईयर' के एग्जाम

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का 30 सितंबर से पहले अंतिम वर्ष की विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित कराने का दिशानिर्देश सही है और राज्य और विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित किए बिना छात्रों को प्रमोट नहीं कर सकते।


न्यायाधीश अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह की पीठ ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य सरकारों को महामारी के मद्देनजर परीक्षा स्थगित करने का आदेश देने का अधिकार है और इसके लिए, यदि कोई राज्य यूजीसी के दिशानिर्देश के परे जाकर अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को स्थगित करना चाहता है तो फिर संबंधित राज्य को उस राज्य में अंतिम वर्ष की परीक्षा के लिए नए सिरे से तारीख तय करने के लिए यूजीसी से परामर्श करना चाहिए।

इसका मतलब यह है कि यूजीसी की 30 सितंबर की समय सीमा राज्य सरकारों के लिए पालन करना अनिवार्य नहीं है और वे फाइनल परीक्षा आयोजित करने के लिए 30 सितंबर से आगे की तारीख तय कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने यूजीसी से पूछा था कि अगर किसी राज्य में कुछ निश्चित स्थिति है, तो परीक्षाओं के समय पर अपना फैसला ले सकता है। शीर्ष अदालत का फैसला देश भर के विश्वविद्यालयों को यूजीसी के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं के मद्देनजर आया है।           


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...