शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

अजूबाः 2 मुँह वाले बकरें का हुआ जन्म

रामकुमार यादव


अंबिकापुर। प्रकृति अजूबों से भरी पड़ी है। प्रकृति ने एक अजूबा अंबिकापुर के ग्राम चठीरमा में भी दिखाया है, जहां एक बकरी ने दो सिर वाले बच्चे को जन्म दिया है।









इस बकरे की तीन कान, चार आंखें हैं। बकरी दोनों सर से दूध पीती है और दोनों ही मुंह से आवाज निकालता है।














अंंबिकापुर के चठीरमा निवासी देवशरण राम पंडा के घर में 2 दिन पहले जन्मे बकरी के बच्चे को देखने लोग काफी दूर से पहुंच रहे हैं। बकरी के मालिक देव शरण का कहना है कि यह अजूबा ही है। अब बकरे के देखभाल की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है। क्योंकिं भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्या आ सकती है।         







याचिका की सुनवाई 10 तक टलीः एससी

नई ​दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देश भर के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितम्बर तक आयोजित करने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गत छह जुलाई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई 10 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।


न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने शुक्रवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई 10 अगस्त तक स्थगित कर दी। इस बीच मेहता ने कहा कि किसी विद्यार्थी को अभी फिलहाल यह धारणा नहीं बनानी चाहिए कि शीर्ष अदालत में मामला लंबित नहीं होने के कारण परीक्षा नहीं होगी और छात्रों को अपनी पढ़ाई की तैयारी जारी रखनी चाहिए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता यश दुबे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि कई ऐसे विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षा के लिए ज़रूरी सुविधा नहीं है, इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि ऑफ लाइन का भी विकल्प है। इस पर सिंघवी ने कहा, “लेकिन बहुत से लोग स्थानीय हालात या बीमारी के चलते ऑफलाइन परीक्षा नहीं दे पाएंगे। उन्हें बाद में परीक्षा देने का विकल्प देने से और भ्रम फैलेगा।”

इस पर फिर न्यायालय ने कहा कि यह तो छात्रों के हित में नजर आता है। इस बीच, न्यायालय ने महाराष्ट्र में राज्य आपदा प्रबंधन समिति की तरफ से लिये गए फैसले की कॉपी रिकॉर्ड पर रखने को कहा है और सुनवाई 10 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि यूजीसी ने गुरुवार को शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर करके कहा था कि 30 सितम्बर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर अधिसूचना का उद्देश्य विद्यार्थियों के अगले साल की पढ़ाई में विलम्ब होने से रोकना है। आयोग का कहना है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम के तहत उन्हें बच्चों की उच्च शिक्षा के संदर्भ में नीतिगत फैसला लेने का अधिकार है। इसी अधिकार के तहत उन्होंने बच्चों के भविष्य की बेहतरी को देखते हुए ही 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने का निर्देश दिया है। आयोग का कहना है कि अंतिम वर्ष महत्वपूर्ण होता है, जिसके परीक्षाफल के आधार पर छात्रों का आगे का भविष्य निर्भर करता है। इसलिए इसमें बिना परीक्षा के परिणाम घोषित नहीं किए जा सकते।


उधर, आयोग के हलफनामा के बाद याचिकाकर्ताओं ने देर शाम जवाबी हलफनामा दायर किया, जिसमें उन्होंने कहा कि आयोग उनकी शिकायतों पर सही तरीके से जवाब देने में असफल रहा है।   


फारूख खान                     


बंदरों पर वैक्सीन का सफल परीक्षण

वाशिंगटन डीसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन भले ही कह रहा हो कि अभी कुछ वक़्त के लिए दुनिया को कोरोना वायरस के साथ जीना सीख लेना चाहिए। लेकिन इसकी वैक्सीन बना रहीं टीमों से भी अच्छी खबर आ रही हैं। दुनियाभर में करीब 25 वैक्‍सीन ह्यूमन ट्रायल के दौर में हैं जिनमें से दो भारत की है। दुनिया भर में 4 ऐसी वैक्सीन हैं जो इस दौड़ में सबसे आगे हैं और बंदरों पर इनका प्रयोग सफल रहा है। इन वैक्सीन का इंसानों की सीमित संख्या पर प्रयोग भी हो चुका है बस अब बड़े दलों और गंभीर मरीजों पर इनका परीक्षण शुरू कर दिया गया है।


परीक्षण के बेहद उत्साहपूर्ण नतीजे आ रहे हैं।इस वैक्सीन का तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल जारी है। वहीं, दूसरे चरण के नतीजों को लेकर कंपनी ने खुशी जताई है। जल्द ही इसका डेटा साइंस जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा। कंपनी के चीफ एक्जिक्यूटिव पास्कल सोरिट्स ने कहा कि वैक्सीन का विकास बहुत अच्छा चल रहा है। हमें वैक्सीन के परीक्षण को लेकर अब तक का सबसे अच्छा डेटा मिल रहा है। इसे जिन वॉलंटियर्स को दिया गया था, उनके शरीर में वायरस के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडी के साथ-साथ वाइट ब्लड सेल्स के किलर सेल्स, भी पाए गए हैं। उधर ब्रिटेन में ही जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्‍सीन ने भी ऐसे ही नतीजे दिए है।


नीदरलैंड्स को भी वैक्‍सीन के ट्रायल में बड़ी कामयाबी मिली है। वैक्‍सीन की एक सिंगल डोज से बंदरों में कोरोना वायरस संक्रमण को पूरी तरह रोकने में मदद मिली। वैक्‍सीनेशन के बाद लगभग सारे बंदरों में एंटीबॉडीज बनीं और T सेल्‍स की।जब वायरस से बंदरों को एक्‍सपोज कराया गया तो सारे बंदरों के फेफड़ों में इन्‍फेक्‍शन नहीं हुआ। छह में से पांच बंदरों की नाक में भी वायरस की मात्रा नहीं मिली।
कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने के लिए दुनियाभर में करीब 180 विकल्पों पर इस वक्त काम चल रहा है और अलग-अलग रिसर्च में सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। अमेरिका की वैक्सीन इंसानों पर पहले ट्रायल में सफल भी रही है। मॉडर्ना की वैक्‍सीन के बंदरों पर ट्रायल के नतीजे भी शानदार रहे थे. यानी अब तक कुल चार वैक्‍सीन ऐसी रही हैं जिन्‍होंने बंदरों में पूरी तरह कोरोना इन्‍फेक्‍शन को रोकने में कामयाबी पाई है।
रूस और चीन की एक-एक वैक्‍सीन दुनियाभर में सबसे आगे है। ये दोनों भी इंसानों पर ट्रायल के एडवांस्‍ड स्‍टेज में हैं। रूस ने 10 अगस्त तक दुनिया की पहली कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंजूरी देने की योजना बनाई है। वैक्सीन के मंजूरी मिलने के तीन-चार दिन बाद संस्थान बाजार में वैक्सीन उतार सकता है। सूत्रों ने बताया, ‘पंजीकरण के दस्तावेज 10-12 अगस्त तक तैयार हो जाने चाहिए। इसके बाद बाजार में इसके 15-16 अगस्त तक उतरने की संभावना है। न्यूज चैनल सीएनएन ने बताया कि रूस 10 अगस्त तक वैक्सीन को मंजूरी देने की योजना बना रहा है, जिसे मॉस्को स्थित गामालेया महामारी संस्थान ने बनाया है। उधर चीन ने मई महीने में ही साल के अंत तक वैक्सीन ईजाद कर लेने का दावा किया था। चीन के एसेट्स सुपरविज़न एंड एडमिनिस्ट्रेशन कमीशन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि चीन में बनी कोरोना वायरस की वैक्सीन इस साल के अंत तक वितरण के लिए मार्केट में आ सकती है। वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स और बीजिंग इंस्टिट्यूटऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्टस की ओर से तैयार की गई वैक्सीन का ट्रायल 2000 लोगों पर करने का दावा किया गया था।             


भूमि-पूजन के लिए 1 लाख 1 हजार लडडू

अयोध्या। अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए जाने वाले भूमि पूजन के बाद प्रसाद के रूप में लड्डु बांटा जायेगा। भूमि पूजन के लिए मणिराम दास छावनी में एक लाख 11 हजार लड्डू तैयार किए जा रहे हैं। इन्हें 11 थालियों में सजाकर रामलला को भोग लगाया जाएगा। भूमि पूजन के दिन ये लड्डू अयोध्या धाम व तीर्थ स्थलों में वितरित किए जाएंगे।             


मनोज सिंह ठाकुर


आज से कम होगी एलपीजी की कीमत

नई दिल्‍ली । एक अगस्‍त से एलपीजी सिलिंडर के दाम घट सकते हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार के स्‍तर पर तैयारी चल रही है। अनलॉक -2 के दोनों चरण 31 जुलाई तक पूरे हो रहे हैं। इसके बाद केंद्र सरकार क्‍या तय करती है ? इस पर अब सबकी निगाहें हैं। तेल कंपनियों के वरीय अधिकारी की मानें या यह संभावना है कि एक अगस्‍त को रिवाइज होने वाले एलपीजी सिलिंडर के दाम घटेंगे और सब्सिडी सिलिंडर सस्‍ता हो सकता है।


मिली जानकारी के अनुसार दस से बीस रुपये तक एलपीजी सिलिंडर के दाम घट सकते हैं। दो महीने तक महंगी होने के बाद अगर एलपीजी सस्‍ती होती है तो उपभोक्‍ताओं के खाते में सब्सिडी कम आ सकती है। इस वक्‍त पटना में एलपीजी सिलिंडर की कीमत 689 रुपये है, जबकि जून में इसकी कीमत 685 रुपये थी। इसी साल फरवरी, मार्च और अप्रैल में लगातार तीन महीनों तक एलपीजी सिलिंडर के दाम घटे थे। इसके चलते सिलिंडर के दाम 275 रुपये तक कम हो गये थे।वहीं आप इंडियन ऑयल के उपभोक्ता हैं, तो आपके लिए अहम खबर है। अगले माह से सिलिंडर बुकिंग सिस्टम पूरी तरह ऑनलाइन हो जायेगा। फिलहाल उपभोक्ताओं की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन की सुविधा दी गयी है। इसे लेकर वितरक को सूचना भेजी जा चुकी है।


सूचना में कहा गया है कि सीबेल में वितरण की पुष्टि बंद कर दी जायेगी। केवल मोबाइल वितरण एप से अनुमति दी जायेगी और डिलिवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएसी) ओवरराइड विकल्प भी उपलब्ध नहीं होगा। डिलिवरी की पुष्टि केवल डीएसी के साथ की जायेगी।


भारतीय नौसेना में करोड़ों का घोटाला


  • आईटी हार्डवेयर की आपूर्ति के नाम पर घोटाला

  • सीबीआई ने चार राज्यों के 30 ठिकानों पर की छापेमारी


नई दिल्ली। नौसेना में फर्जी बिल के जरिए घोटाले का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने चार राज्यों दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के करीब 30 ठिकानों पर छापेमारी की. दरअसल, पश्चिमी नौसेना कमान को आईटी हार्डवेयर की आपूर्ति के लिए जाली बिल बनाकर 6.76 करोड़ रुपये के घपले का आरोप है। आरोप है कि कैप्टन अतुल कुलकर्णी, कमांडर मंदार गोडबोले और आरपी शर्मा और पेटी ऑफिसर एलओजी (एफ&ए) कुलदीप सिंह बघेल ने कथित रूप से 6.76 करोड़ रुपये के सात फर्जी बिल तैयार किए। छापेमारी के दौरान पुलिस को 10 लाख रुपये की नकदी मिली है। इसके अलावा कुछ अहम दस्तावेज भी मिले हैं।


क्या है पूरा मामला


यह पूरा मामला पश्चिमी नौसेना कमान में आईटी हार्डवेयर की आपूर्ति के लिए आकस्मिक व्यय बिल के भुगतान से जुड़ा हुआ है। इस पूरे घोटाले का खुलासा रक्षा मंत्रालय की आंतरिक जांच में हुआ। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने 23 अक्टूबर 2019 को सीबीआई को जानकारी दी। रक्षा मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया।


6.76 करोड़ से अधिक हो सकता है घोटाला


सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि यह घोटाला 6.76 करोड़ से बड़ा सकता है। मामले की तफ्तीश शुरू कर दी गई है और पुराने बिलों के भुगतान की भी पड़ताल की जा सकती है। फिलहाल, सीबीआई की ओर से नेवी अफसरों और कंपनियों से जानकारी जुटाई जा रही है।


किन लोगों पर दर्ज हुआ केस


बताया जा रहा है कि सीबीआई ने कैप्टन अतुल कुलकर्णी, कमांडर मंदर गोडबोले, कमांडर आर पी शर्मा, पेटी ऑफिसर एलओजी (एफ&ए) कुलदीप सिंह बघेल के अलावा एस एम देशमने, ए.के. के. विश्वास, इंदू कुंभरे, अनमोल कंदियाबूरू, प्रदीप चौहान, अमर देववाणी (प्राइवेट पर्सन), मेसर्स ACME नेटवर्क एंड आईटी सॉल्यूशन ( कंपनी), कौशल पंचाल साइबरस्पेस इंफोविजन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक, जीतू मेहरा (मेसर्स मोक्ष इंफोसिस कंपनी के मालिक) और मेसर्स स्टार नेटवर्क कंपनी के मालिक लाल चंद यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)


 अगस्त 01, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-352 (साल-01)
2. शुक्रवार, अगस्त 01, 2020
3. शक-1943, श्रावण,शुक्ल-पक्ष, तिथि- द्वादशी/त्रयोदशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:20,सूर्यास्त 07:18।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.। भारी बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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