शनिवार, 16 मई 2020

तेज बढ़ते 'संक्रमण' के लिए सुझाव

नई दिल्ली। भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर लगाम लगाने के लिए विशेषज्ञों ने एक सुझाव दिया है। अमेरिका स्थित येल स्कूल ऑफ मेडिसिन सहित विभिन्न संस्थानों के शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत जब तक कोरोना का टीका विकसित नहीं हो जाता तब तक रेड लाइट एरिया को बंद करके संक्रमण के 72 फीसद मामलों को रोक सकता है। यही नहीं शोधकर्ताओं का यह भी दावा है कि भारत ऐसा कदम उठाकर महामारी के चरम में पहुंचने में 17 दिन की और देरी कर सकता है।


वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि इस अध्ययन के नतीजों को भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझा भी किया गया है। इसमें वैज्ञानिकों ने सरकारों से अनुशंसा की है कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद भी रेड लाइट इलाकों को बंद रखा जाए। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस पहलकदमी से 45 दिनों में कोरोना संक्रमण के 72 फीसद मामलों में कमी आएगी। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद रेड लाइट इलाके को बंद रखा जाता है तो शुरुआती 60 दिनों में कोरोना से होने वाली मौतों में 63 फीसद तक की कमी लाई जा सकती है।


वैज्ञानिकों ने इस अध्‍ययन में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन यानी एनएसीओ का भी हवाला दिया है जिसके मुताबिक, भारत में करीब 6,37,500 यौन कर्मी हैं और करीब पांच लाख ग्राहक हर रोज रेड लाइट इलाकों का रुख करते हैं। शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि लॉकडाउन के बाद ये इलाके बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि पांच भारतीय शहरों के रेड लाइट एरिया इस समय रेड जोन में शामिल हैं।


चीन से ₹5 लाख करोड़ लाएगा भारत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना प्रकोप से त्रस्त, आर्थिक नजरिए से ध्वस्त और अंतर्मन से जले-भुने भारतवासियों के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है कि, चीन से 5 लाख करोड़ रुपए लाएगे। वह बदलते वक्त के लिहाज से एक दूरदर्शितापूर्ण कदम है। साथ ही, जितनी चतुराई से उन्होंने लोकल को वोकल बनकर ग्लोबल बनाने का आह्वान किया है,वह बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की लगभग तीन दशकीय परिलक्षित मानसिकता पर एक मजबूत चोट है। लगे हाथ पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने संजोते हुए समाज के सभी संघर्षशील वर्गों को संतुष्ट करने की जो भागीरथ कोशिश की है, उसके गहरे आर्थिक और सियासी निहितार्थों की अनदेखी भी नहीं की जा सकती है।


लावा इंटरनेशनल कंपनी ने फैसला लिया

नई दिल्ली। मोबाइल उपकरण बनाने वाली घरेलू कंपनी लावा इंटरनेशनल ने कहा कि वह चीन से अपना कारोबार समेट कर भारत ला रही है। भारत में हाल में किए गए नीतिगत बदलावों के बाद कंपनी ने यह कदम उठाने का फैसला किया है।


कंपनी ने अपने मोबाइल फोन विकास और विनिर्माण परिचालन को बढ़ाने के लिये अगले पांच साल के दौरान 800 करोड़ रुपये निवेश की योजना बनाई है। लावा इंटरनेशनल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हरी ओम राय ने कहा, उत्पाद डिजाइन के क्षेत्र में चीन में हमारे कम से कम 600 से 650 कर्मचारी है। हमने अब डिजाइनिंग का काम भारत में स्थानांतरित कर दिया है।भारत में हमारी बिक्री जरूरत को स्थानीय कारखाने से पूरा किया जा रहा है। भारत में लॉकडाउन अवधि के दौरान लावा ने अपनी निर्यात मांग को चीन से पूरा किया।


राय ने कहा, मेरा सपना है कि चीन को मोबाइल उपकरण निर्यात किये जायें। भारतीय कंपनियों मोबाइल चार्जर पहले ही चीन को निर्यात कर रही हैं। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना से हमारी स्थिति में सुधार आयेगा। इसलिये अब पूरा कारोबार भारत से ही किया जायेगा।


गुजारिशः मंदिर-तीर्थ स्थलों को खोल दें

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच शनिवार को अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की है कि वे देश के सभी मंदिर और तीर्थ स्थलों को फिर से खोल दें। महासभा ने इसके अलावा कोरोनावायरस को असुर करार देते हुए दावा किया है कि उसे केवल और केवल दैवीय शक्तियां ही मार सकती हैं।


इसी बीच, ने प्रवासी मजदूरों पर एक सेंट्रल ऑनलाइन रेपॉजिट्ररी तैयार किया है, जिसका नाम है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, इसकी मदद से राज्यों के बाहर आसानी से आवागन संभव हो सकेगा। मंत्रालय ने इस बाबत राज्यों से कहा है कि वे बेहतर सहयोग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और आवाजाही की निगरानी के लिए एनएमआईएस डैशबोर्ड पर डेटा अपलोड करे।


इससे पहले, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि वे कोरोनावायरस से लड़ाई के बीच अपने दोस्त भारत को वेंटिलेटर पहुंचाएंगे। ट्रंप ने  कहा था कि महामारी के इस मुश्किल दौर में हम प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हैं। इस पर अब पीएम ने राष्ट्रपति ट्रंप को शुक्रिया कहा। मोदी ने कहा, “इस महामारी से हम मिलकर लड़ रहे हैं। ऐसे समय में सभी देशों को साथ काम करने और दुनिया को स्वस्थ और कोरोना से स्वतंत्र बनाने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करनी होंगी। भारत-अमेरिका की दोस्ती को और ज्यादा मजबूती मिले।”


वित्तमंत्रीः 163343 करोड़ की 11 घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक पैकेज में सारा फोकस कृषि, मछली पालन और डेयरी पर रखा। सरकार ने कुल 1,63,343 करोड़ रुपए की 11 घोषणाएं की हैं।


नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज में सारा फोकस कृषि, मछली पालन और डेयरी पर रखा। आज सरकार ने कुल 1,63,343 करोड़ रुपए की 11 घोषणाएं की हैं। यह घोषणाएं इस प्रकार हैं।


1 लाख करोड़ रुपए का फंड बनाया जाएगा, फार्मर प्रोड्यूस ऑर्गनाइजेशन, कोऑपरेटिव,एग्रीगेटर को ये फंड इन्फ्राट्रक्चर सुधारने के लिए दिया जाएगा। इससे किसान के लिए भंडारण में आसानी होगी ,पोस्ट हार्वेस्ट वैल्यू चैन बनेगी, किसान की आय बढ़ेगी। छोटे आकार के फूड इंटरप्राइजेज के लिए 10,000 करोड़ रुपए फंड की व्यवस्था, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हर्बल प्रोडक्ट न्यूट्रिशन प्रोडक्ट के लिए, 2 लाख छोटे आकार के फूड इंटरप्राइजेज को इससे फायदा होगा। अपना प्रोडक्ट एक्सपोर्ट अच्छे से कर पाएंगे ये इंटरप्राइज। इसमें कैटेगरी और महिलाओं पर विशेष फोकस रहेगा। केसर, बांस, मिर्ची, मखाना जैसे फसलों के क्लस्टर में शामिल इसमें,छोटे आकार के फूड इंटरप्राइजेज को इस स्कीम से बहुत फायदा होगा।


मत्स्य संपदा योजना के तहत 55 लाख लोगों को रोज़गार, 1 लाख करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट बढ़ेगा। इसमें मछली पालन में लगे किसानों, मछुआरों को फायदा होगा। इसके लिए 20,000 करोड रुपए फंड की व्यवस्था की गई है।नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत 13,343 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, देश में 53 करोड़ एनिमल है। इनकी हंड्रेड परसेंट वैक्सीनेशन होंगी। अब तक डेढ़ करोड़ गाय और भैंसों का वैक्सीनेशन हो चुकी है। सरकार का मकसद फुट एंड माउथ डिजीज को खत्म करना है। इससे डेयरी प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ेगी और किसानों का प्रोडक्ट अच्छा बिकेगे।


करोड रुपए पशुपालन के तहत डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए दिए जाएंगे. निजी भागीदारी करने वालों को भी इससे फायदा होगा। डेयरी इंडस्ट्रियल प्लांट्स को इससे बढ़ावा देंगे, पशुओं के अच्छे चारे का इंतजाम इसके जरिए होगा। हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, 2.25 लाख हेक्टेयर में इस समय हर्बल खेती हो रही है। अगले 2 साल में 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल खेती होगी। इससे किसानों की इनकम इससे 5000 करोड़ रुपए बढ़ेगी. मेडिसिनल प्लांट बोर्ड गंगा नदी के आजू-बाजू में हर्बल खेती को बढ़ावा देगा। हर्बल खेती के उत्पादों के लिए रीजनल मंडी तैयार की जाएंगी। मधुमक्खियों को बचाने के विशेष अभियान के जाएगा इसके लिए 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की , इससे 2लाख किसानों को फायदा होगा जो मधुमक्खी पालन में लगे हैं।मधुमक्खी जो वैक्स बनाती हैं वह इंपोर्ट किया जाता है, वह पैदा किया जाएगा यहीं पर। ग्रामीण महिलाओं को इससे जॉब मिलेगा. उपभोक्ताओं को बेहतर शहद मिल पाएगा।


500 करोड़ रुपए की योजना में टमाटर, प्याज और आलू के अलावा दूसरी सब्जियों को भी फायदा होगा। किसानों को ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज के लिए 50- 50% सब्सिडी मिलेगी। योजना के तहत अब तक केवल टमाटर, प्याज, आलू को ही इस योजना में शामिल किया गया था,अब यह योजना सारी फल और सब्जियों के लिए जाल लागू होगी यानि योजना नाम होगा इसका।


एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में बदलाव किया जा रहा है, ताकि किसानों को सही कीमत मिल सके। अनाज, तेल ,तेल बीज दाल प्याज आलू इनको डेरेगुलेटेड किया जाएगा। यानि इनमें स्टॉक लिमिट साधारण स्थिति में नहीं लगाई जाएगी और एसेंशियल कमोडिटी एक्ट केवल विशेष परिस्थितियों में लगाया जाएगा। स्टॉक लिमिट बहुत ही विशेष परिस्थिति में लगाई जाएंगी यह प्राकृतिक आपदाओं के समय होगा।


एग्रीकल्चर मार्केटिंग नियमों में बदलाव किए जाएंगे ताकि किसान अपनी फसल को किसी भी राज्य में बेच सकें।किसानों के पास अब यह चॉइस रहेगी कि वह अपना उत्पाद किसे बेचे, जरूरी नहीं कि वह निर्धारित लाइसेंसी को ही भेजेगा अब। इसके लिए केंद्र सरकार कानून में बदलाव करेगी।


किसान को अपनी फसल को बोने के पहले ही यह पता होगा कि जब फसल आएगी तो यह कितने दाम पर बिक सकेगी, वह अपना दाम पहले ही फिक्स कर ले, इसलिए हम कानूनों में बदलाव करेंगे। इसमें प्रोसेसर एग्रीगेटर लाज रिटेलर और एक्सपोर्टर्स की सहायता भी ली जाएगी। इस फ्रेमवर्क से किसान को एक अश्योर्ड रिटर्न मिलेगा उसकी फसल का कल और परसों भी सरकार घोषणाएं करेगी।


स्वास्थ्य-कर्मियों के लिए दिशा-निर्देश जारी

नई दिल्‍ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में ड्यूटी कर रहे हेल्‍थ केयर वर्कर्स यानि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे अस्‍पतालों और अन्‍य हॉस्पिटलों दोनों के लिए जारी किए गए हैं। मंत्रालय ने अस्पतालों को सलाह दी है कि वे अपने यहां के अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समितियों (एचआईसीसी) को सक्रिय करें। इन समितियों पर अस्‍पतालों में संक्रमण बचाव एवं नियंत्रण (आईपीसी) तथा कर्मचारियों के सामान्य प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होगी।


स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि हर अस्‍पताल एक नोडल ऑफिसर (संक्रमण नियंत्रण अधिकारी) नियुक्त करे। यह नोडल ऑफिसर स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने से जुड़ी सभी चीजों/बातों का ख्याल रखेगा। नोडल अधिकारी सुनिश्चित करेगा कि अस्पतालों में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तय दिशा-निर्देश के आधार पर अपने जोन के खतरे के अनुरूप पीपीई का उपयोग करें।


 


साथ ही दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी हेल्‍थकेयर वर्कर्स की प्रतिदिन थर्मल स्‍क्रीनिंग होनी चाहिए। एल्‍कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर, मास्‍क, गलव्‍स और अन्‍य सामान स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को उपलब्‍ध कराए जाएं। इसके साथ ही जो स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी पीपीई किट और अन्‍य दिशा-निर्देशों का पालन न करे, उसके बारे में तुरंत सूचित किया जाए।


गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। अब ये बढ़कर चीन से भी अधिक हो गई है। हालांकि, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों के प्रतिशत में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इधर, लॉकडाउन में भी काफी छूट दी गई हैं। जरूरी सामान के साथ शराब की दुकाने भी ज्‍यादातर राज्‍यों में खुल गई है। ऐसे में अस्‍पतालों को आम लोगों के साथ-साथ हेल्‍थकेयर वर्कर्स को भी सुरक्षित रखने की जरूरत है।


सीएम केजरीवाल ने पीएम को लिखा पत्र

नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम ने पीएम को लिखा पत्रः दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने (पीएम मोदी को लिखे पत्र में) लिखा है-कंटेनमेंट जोन में कोई छूट नहीं होनी चाहिए, लेकिन अन्य हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां शुरू होनी चाहिए। इससे कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं, लेकिन हमने इससे निपटने के लिए व्यवस्था की है। 


देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। संक्रमण के आंकड़े जहांं 82 हजार के करीब पहुंच गए हैं, वहीं इस घातक संक्रमण से अब तक 2600 से ज्‍यादा लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। 


 


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...