सोमवार, 4 मई 2020

कृषि में निवेश एवं प्रोत्साहन की जरूरत

खेती में निवेश एवं प्रोत्साहन बढ़ाए जाने की जरूरत


 करोना संकट के समय चीनी मिलों ने निराश किया


     अब जबकि देश लाकडाउन के तीसरे दौर में प्रवेश कर गया है तथा उद्योग एवं व्यवसाय कारोबार को बचाने की चिंता जोर पकड़ रही है तथा कारोबारी जगत एवं उनके पैरोकार अर्थ विशेषज्ञ सरकारो को तमाम सहायता एवं रियायतो को दिए जाने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे समय कारोबार जगत द्वारा पोषित एवं पालित मीडिया समूह एवं अर्थ चिंतक खेती-बाड़ी एवं उस पर आश्रित लोगों की समस्याओं से नजर बचाते दिखाई पड़ रहे हैं, मेरा अपना मत है कि कारोबारी जगत यदि बड़े मुनाफा मार्जिन के लालच पर कुछ माह तक विराम लगा सके तो करोना संकट के झटको से कुछ महीनों में स्वयं उबर सकता है। संगठित उद्योग जगत को केंद्र एवं राज्य सरकारों पर अनावश्यक दबाव डालने से बचने का प्रयास करना चाहिए। कारोबार जगत को उत्पादन प्रोत्साहन पैकेज से बहुत लाभ नहीं होने वाला है क्योंकि खरीदने वाला अधिकांश निम्न मध्यमवर्गीय खेती आश्रित समूह एवं छोटा व्यवसाय करने वाला वर्ग जो गांव एवं छोटे-छोटे कस्बों में रहता है, सरकारों को उस वर्ग की खरीदने की क्षमता बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए,शहरों से पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों का दबाव अंततः लम्बे समय तक खेती-बारी आश्रित परिवारों पर ही पड़ने वाली है ,करोना संकट के समय सरकारों ने जिस आत्मविश्वास को दिखाया है उसका बड़ा कारण विपुल अन्न भंडार तथा बड़ी आबादी का खेती पर निर्भरता ही है।
      पिछले कुछ वर्षों में कर्ज माफी एवं किसान सम्मान लाभ के जरिए सरकारों ने थोड़ी राहत पहुंचाने का प्रयास किया है लेकिन सोच में अभी परिपूर्णता आना बाकी है इस देश में 80% से ऊपर बहुत छोटी जोत वाले किसान हैं जिनके परिवार के लोग प्रवासी मजदूर एवं खेतिहर मजदूर भी हैं तथा केवल अपने परिवार के भरण-पोषण के लायक अन्न पैदा कर लेते हैं मेरे अनुभव में *3:5 एकड़ से 18 एकड़* तक जोत वाले किसान परिवार जिनके आय का एकमात्र साधन खेती उत्पाद है वही वास्तविक संकट में है क्योंकि देश के बाजारों एवं गोदामों के लिए वही अन्न पैदा कर रहे हैं तथा प्रति एकड़ अधिकतम मानव रोजगार दे रहे हैं सरकारों ने *5 एकड़ से 18 एकड़ तक वालों को लगभग स्वयं के पुरुषार्थ एवं भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है।
अर्थ विशेषज्ञों द्वारा मान लिया गया है कि 5 से 18 एकड़ वाले मध्य वर्ग में आते हैं जबकि हकीकत में ठेला, खोमचा,रेडी दुकानदार वालो से थोड़ा ऊंचा तथा गैर जीएसटी वाले व्यवसायियों के बराबर एवं उससे कुछ कुछ कम आमदनी वाले श्रेणी में है, खेती बारी वाले तबके के संबंध में किसी अन्य मौके पर विस्तृत चर्चा करूंगा!
करोना संकट के समय जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसिक एवं सामयिक निर्णय से देश को बचाने हेतु नेतृत्व देने का प्रयास किया है तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के बाहर फंसे लोगों के प्रति दिलेरी दिखाई है उसे देश एवं प्रदेश का मनोबल बढ़ाने में सहायता मिला है* देश के अनेक मुख्यमंत्री एवं करोना के मोर्चे पर लड़ने वाले सरकारी तंत्र के योद्धाओ ने अब तक अभूतपूर्व समर्पण का परिचय दिया है लेकिन चीनी मिलों के मालिकों ने निराश किया है पिछले कुछ वर्षों से सरकारी सहायता के अभ्यस्त हो चुकी चीनी मिलों ने अनुदान की प्रत्याशा में गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को बहुत पीछे  एवं धीमा कर दिया है जबकि उन्हें करोना संकट के समय उदारता दिखाना चाहिए था। करोना ने कुछ गहरी चोट, संदेश एवं संकेत दिया है जिसे समय रहते समझने की जरूरत है परस्पर स्वावलंबी गांव, आत्मनिर्भर समाज एवं राज्य, तथा श्रम प्रधान एवं सस्ती तकनीक आधारित उत्पादन प्रणाली ही राष्ट्र को भविष्य के आर्थिक संकट, वायरसों के प्रकोप, तथा प्रकृति की नाराजगी से बचा पाएगी।
नीतिकारो, शासनाध्यक्षों को महात्मा गांधी के हिंद स्वराज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया एवं चौधरी चरण सिंह को जरूर पढ़ना चाहिए, जीवन-शैली अर्थनीति तथा उत्पादन प्रणाली में बदलाव भविष्य की जरूरत बन गई है उत्पादन प्रणाली मनुष्य की उपयोगी तथा प्रकृति की सहयोगी होनी चाहिए ।


मदन गोविन्द राव
   पूर्व विधायक
 कुशीनगर (ऊ.प्र.)


गैरहाजिर सिपाही की संदिग्ध मौत

भानु प्रताप उपाध्याय


शामली। सिम्‍भालका गांव में एक सिपाही की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनकी तैनाती बुलंदशहर जिले में थी लेकिन वह गैरहाजिर चल रहे थे। शनिवार देर रात शव घर में बंद कमरे में मिला। पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट न होने पर बिसरा सुरक्षित रखा गया है।नगर कोतवाली शामली के सिम्‍भालका गांव निवासी 35 वर्षीय कुलदीप पुत्र बलजोर उप्र पुलिस में थे और वर्तमान में उनकी तैनाती बुलंदशहर जिले के थाना औरंगाबाद में थी। सिपाही की शादी 2011 में सिसौली निवासी स्वाति से हुई थी। स्वाति के पिता प्रेमपाल दारोगा हैं और नोएडा में तैनात हैं। नगर कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर राणा ने बताया कि कुलदीप एक जनवरी को तीन दिन के अवकाश पर घर आए थे लेकिन वापस ड्यूटी पर नहीं गए।कोतवाल ने बताया कि कुलदीप नशे के भी आदी थे। उनकी पत्नी डेढ़ साल पहले दोनों बेटियों को लेकर मायके चली गई थी। इसके बाद कुलदीप अपने चार भाइयों और अन्य स्वजनों से अलग मकान में रहने लगे। शनिवार देर रात मकान से दुर्गंध आने पर लोगों ने उनके पिता को सूचना दी। पुलिस ने मकान का दरवाजा तोड़ा और अंदर देखा तो एक तख्त पर कुलदीप मृत पड़े थे। शरीर पर चोट आदि का कोई निशान नहीं था। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट न होने से बिसरा सुरक्षित रखा गया है।


लॉक डाउन का सख्ती से हो पालनः योगी

लखनऊ। लॉकडाउन का तीसरा चरण लागू होने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती से इसके पालन करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों से कहा है कि हॉटस्पॉट में रहने वाले लोग किसी भी सूरत में अपने कार्यस्थल पर न जा पाएं। ये लोग अपने सहकर्मियों के लिए कोरोना कैरियर साबित हो सकते हैं। उन्होंने प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के संचालन के लिए भी जल्द कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है।लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर रविवार को टीम-11 के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त लेबर रिफार्म पर कार्ययोजना बनाएं। गाइडलाइन के अनुसार औद्योगिक गतिविधियों के लिए कार्ययोजना बनाकर उन्हें संचालित कराएं। सीएम योगी ने कहा कि लाभार्थियों के बैंक खाते में भरण-पोषण भत्ते की धनराशि यथाशीघ्र भेजें। क्वारंटाइन सेंटर व कम्युनिटी किचन आदि व्यवस्थाओं का अधिकारी सतत निरीक्षण करें। इस कार्य में कोई भी शिथिलता न बरती जाए। डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को और प्रभावी बनाएं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाहर से ट्रेन से आ रहे प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को क्वारंटाइन सेंटर में रखकर उनकी सही ढंग से स्क्रीनिंग की जाए। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को बाहर से आ रही ट्रेनों से आ रहे प्रवासी लोगों के संबंध में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि मंडियों में किसानों, थोक व्यापारियों, खुदरा व्यापारियों के लिए समय सारिणी बना लें।


मंडियों का निरंतर निरीक्षण होना चाहिए।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं को पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चलवाएं। स्वास्थ्य मंत्री को भी इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराने वाले अस्पतालों से दूरभाष पर जानकारी लेने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों के साथ ही डिग्री व माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को भी प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए व्यापक पैमाने पर प्रशिक्षण दिलाने के लिए प्रत्येक जिले में मास्टर ट्रेनर्स लगाए जाएं। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आरके तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


यूपीः158 नए संक्रमित, आंकड़ा-2645

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण की रफ्तार अभी कम नहीं हुई है। रविवार ऐसा दिन रहा जब एक ही दिन में रिकॉर्ड 158 नए कोरोना पॉजिटिव लोग मिले हैं और तीन लोगों की मौत हो गई है। इनमें मेरठ, मथुरा और कानपुर के एक-एक शामिल हैं। राज्य में कुल संक्रमित लोगों का आंकड़ा 2645 पहुंच गया है, जबकि 49 लोगों अभी तक इसके शिकार हो चुके हैं। इनमें तब्लीगी जमात और उनके संपर्क में आए कोरोना संक्रमितों की संख्या 1138 है। उत्तर प्रदेश के आगरा में सर्वाधिक 596 कोरोना संक्रमित लोग हैं और दूसरे नंबर पर अब कानपुर में 256 संक्रमित लोग हैं। तीसरे नंबर पर 241 संक्रमित लोगों  के साथ लखनऊ है। इस बीच राहत देने वाली बात यह है कि रविवार को 56 संक्रमित लोग ठीक हो गए हैं। अब तक राज्य में 754 संक्रमित लोग अब ठीक हैं, उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। यानी अब राज्य में कुल 1891 एक्टिव केस हैं। अब तक कोरोना वायरस 64 जिलों में अपने पैर पसार चुका है। राज्य सरकार ने आठ जिलों को संक्रमण मुक्त घोषित किया था, लेकिन बाराबंकी में फिर संक्रमित सामने आया है। ऐसे में अब 57 जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं।रविवार को जो 158 संक्रमित चिह्नित किए गए उसमें आगरा में 60 पॉजिटिव हैं। इसमें 46 संक्रमित रविवार के हैं और 14 संक्रमित वे है, जिन्होंने प्राइवेट लैब में जांच करवाई थी, मगर आंकड़ा अब तक नहीं जुड़ पाया था। इसी तरह गाजियाबाद में 14 संक्रमित मिले इसमें से 9 लोग रविवार के हैं और पांच संक्रमित वे है जिन्होंने प्राइवेट लैब में जांच करवाई थी। संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ विकास इंदु अग्रवाल ने बताया कि रविवार को आंकड़ों के मिलान के दौरान यह विसंगति दूर की गई।इसके अलावा जो संक्रमित रविवार को पाए गए उनमें लखनऊ में चार, नोएडा में नौ, कानपुर में 29, मुरादाबाद में दो, वाराणसी में तीन, मेरठ में एक, बुलंदशहर में एक, हापुड़ में नौ, फीरोजाबाद में 10, प्रतापगढ़ में एक, हाथरस में एक, औरैया में दो, बाराबंकी में एक, प्रयागराज में एक, मथुरा में पांच, मुजफ्फरनगर में एक, संभल में दो, अलीगढ़ में एक और जालौन में एक संक्रमित पाया गया है। इस तरह कुल 2645 संक्रमित लोग अभी तक पाए जा चुके हैं।यूपी में अब तक 95841 लोगों के नमूने जांच के लिए लैब भेजे जा चुके हैं। इसमें से 91828 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।


यानी इनमें कोरोना वायरस नहीं पाया गया है। वही 1008 लोगों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।उत्तर प्रदेश में कोरोना के कारण अब तक 49 लोग काल के मुंह में समा चुके हैं। इनमें सर्वाधिक आगरा के 15 लोग शामिल हैं। ऐसे मेरठ व मुरादाबाद में सात-सात, कानपुर में पांच, फीरोजाबाद व मथुरा में दो-दो और गाजियाबाद, लखनऊ, अमरोहा, बरेली, बस्ती, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, वाराणसी, कानपुर देहात व श्रावस्ती में एक-एक संक्रमित लोगों की मौत हुई है।अब तक आगरा में 596, लखनऊ में 226, गाजियाबाद में 82, नोएडा में 168, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर में 256, पीलीभीत में 3, मुरादाबाद में 115, वाराणसी में 64, शामली में 27, जौनपुर में 8, बागपत में 17, मेरठ में 114, बरेली में 10, बुलंदशहर में 55, बस्ती में 32, हापुड़ में 44, गाजीपुर में 6, आजमगढ़ में 8, फिरोजाबाद में 147, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 9, सहारनपुर में 202, शाहजहांपुर में 1, बांदा में 7, महाराजगंज में 7, हाथरस में 7, मिर्जापुर में 3, रायबरेली में 44, औरैया में 12, बाराबंकी में 2, कौशांबी में 2, बिजनौर में 34, सीतापुर में 20, प्रयागराज में 10, मथुरा में 27, बदायूं में 16, रामपुर में 25, मुजफ्फरनगर में 24, अमरोहा में 30, भदोही में 2, कासगंज में 3, इटावा में 2, संभल में 21, उन्नाव में 3, कन्नौज में 7, संत कबीर नगर में 25, मैनपुरी में 7, गोंडा में 3, मऊ में 1, एटा में 11, सुल्तानपुर में 3, अलीगढ़ में 42, श्रावस्ती में 6, बहराइच में 14, बलरामपुर में 1, अयोध्या में 1, जालौन में 5, झांसी में 9, गोरखपुर में 3, कानपुर देहात में 1, सिद्धार्थनगर में 4, देवरिया में 2, महोबा में 2 व्यक्ति अब तक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।


चरित्र पर संदेह, पत्नी की नाक काटी

कानपुर। कानपुर के नवाबगंज थाना क्षेत्र में पति ने शक की वजह से पत्नी की धारदार हथियार से नाक काट दी। इस घटना को अंजाम देने के बाद पति खुद ही थाने पहुंचकर पुलिस के सामने पेश हो गया। हालांकि, महिला ने इस घटना की शिकायत करने से इनकार करते हुए अपना इलाज एक निजी अस्पताल में करा लिया है। एनबीटी ऑनलाइन ने इस मामले में एसओ नवाबगंज आरके पचौरी से बात की। उन्होंने बताया कि हमने धारा 151 के तहत केस दर्ज कर लिया है लेकिन महिला मामले में कुछ भी बोलने को लेकर तैयार नहीं है।


कानपुर के रहने वाले एक शख्स ने पत्नी पर शक के चलते हमला कर दिया। इसके बाद वह चाकू लेकर नवाबगंज थाने में पहुंच गया। पुलिसवालों ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु कर दी। इन्स्पेक्टर नवाबगंज आरके पचौरी ने बताया कि ज्योरा गांव में रहने वाला एक शख्स मजदूरी का काम करता है। वह लॉकडाउन की वजह से इन दिनों घर में ही रह रहा है। रविवार को उसका पत्नी से विवाद हो गया। इस दौरान उसने पत्नी की नाक पर हमला कर दिया। फिर वह नवाबगंज थाने पहुंचा, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।


पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि बीते दो महीने से पति उस पर शक कर रहा था, जिसकी वजह से उन दोनों के बीच अकसर विवाद होता था। रविवार को उसने अचानक चाकू से हमला कर दिया। महिला ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई कराने से मना कर दिया है।


केरल में 495 मामले, गुजरात में 2788

तिरुवंतपुरम। जिद्दी रिपोर्टर ने राज्यों के आंकड़ों के लिए एक ग्राफ बनाया है। आप प्रत्येक राज्य पर क्लिक करते ही पता चल जाता है कि राज्य में कोविड-19 का पहला केस किस तारीख को आया और उसके बाद अभी कितनी संख्या है। यानि कितने कम समय में किस राज्य में मरीज़ों की संख्या में तेज़ी आई है।


उड़ीसा में 16 मार्च को पहला केस आया। अभी वहां पर कुल केस की संख्या 157 ही है। 47 दिनों में उड़ीसा में 157 केस हैं। इसे शानदार रिकार्ड कहा जाना चाहिए। केरल का रिकार्ड और भी शानदार है। पहला केस 31 जनवरी को दर्ज हुआ था। 92 दिनों में केरल में संक्रमित मरीज़ों की संख्या 495 ही पहुंची है। मध्य प्रदेश की स्थिति बहुत ख़राब है। यहां पहला केस 21 मार्च को रिपोर्ट हुआ था। लेकिन मात्र 39 दिनों में यहां संक्रमित मरीज़ों की संख्या 2,788 हो गई है।


मध्य प्रदेश से बहुत पहले राजस्थान में पहला केस 3 मार्च को रिपोर्ट हुआ था। लेकिन 61 दिनों के बाद यहां संक्रमित मरीज़ों की संख्या 2,772 हो चुकी है। दिल्ली में पहला केस 2 मार्च को रिपोर्ट हुआ था। 62 दिन लगे दिल्ली को 3843 पर पहुंचने में।


गुजरात में पहला केस 20 मार्च को रिपोर्ट हुआ था। 44 दिनों में ही गुजरात में संक्रमित मरीज़ों की संख्या  5054 हो गई है। अगर आप पहले केस के दिन से ताज़ा आंकड़ें देखेंगे तो पता चलेगा कि गुजरात में कितनी तेज़ी से संक्रमित मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है। यह राज्य टेस्ट करने के मामले में काफी पीछे है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 5000 टेस्ट हर दिन किए जाने की ही खबर आती रही है। गुजरात के 5054 मामलों में से 3,543 मरीज़ केवल अहमदाद ज़िले में हैं। विगत 24 घंटे में अहमदाबाद में 250 और पूरे गुजरात में 333 मामले सामने आए हैं। अहमदबाद में शनिवार को 20 लोगों की मौत हुई है। महाराष्ट्र में 10 मार्च को पहला केस रिपोर्ट हुआ था। अब वहां पर 12,296 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। 54 दिनों के भीतर ही इस राज्य में 12000 से अधिक मामले हो गए।  स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार शनिवार को 2,411 नए मामले सामने आए हैं। यह अब तक किसी भी एक दिन में सबसे अधिक संख्या है। देश भर में कुल संक्रमित मरीज़ों की संख्या 37 हज़ार से अधिक हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने सैंपल टेस्ट की संक्या 10 लाख से अधिक पार कर ली है। इस वक्त हर दिन करीब 75000 सैंपल टेस्ट हो रहे हैं।


एमपी में नहीं खुलेगी शराब की दुकानें

भोपाल। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन का समय बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया है। साथ ही जिलों को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में बांटकर लॉकडाउन में छूट दी है। इसी छूट में शराब की दुकानें खोलने का भी निर्देश था, जिस पर आज मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की ओर से फैसला लिया गया। साथ ही यह तय किया गया की प्रदेश में शराब की दुकानें लॉकडाउन खत्म होने यानी 17 मई तक नहीं खुलेंगी। वहीं दूसरी ओर सरकार ने सिनेमाघरों के लिए एक आदेश जारी भी कर दिया है, जिसके तहत प्रदेश में सभी सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स को 17 मई तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। गौरतलब है कि एमपी में कुल 9 जिले रेड जोन में शामिल है, वहीं 19 जिले ऑरेंज जोन में शामिल किए गए हैं और 24 जिले ग्रीन जोन में शामिल हैं।


मध्यप्रदेश के रीवा समेत 24 जिले ग्रीन जोन में, 19 ऑरेंज और 9 रेड जोन की सूची में रखे गए हैं। जानिए सूची के मुताबिक़ मध्यप्रदेश के कौन से जिले किस जोन में हैं।


ग्रीन जोन वाले 24 जिले- रीवा, अशोकनगर, राजगढ़, शिवपुरी, अनूपपुर, बालाघाट, भिंड, छतरपुर, दमोह, दतिया, गुना, झाबुआ, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, नीमच, पन्ना, सतना, सीहोर, सिवनी, सीधी, उमरिया, सिंगरौली, निवाड़ी


ऑरेंज जोन वाले 19 जिलेः खरगोन, रायसेन होशंगाबाद, रतलाम, आगर-मालवा, मंदसौर, सागर, शाजापुर, छिंदवाड़ा, आलीराजपुर, टीकमगढ़, शहडोल, श्योपुर, डिंडोरी, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, विदिशा, मुरैना


रेड जोन वाले 9 जिलेः इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, धार, बड़वानी, पूर्व निमाड़ (खंडवा), देवास, ग्वालियर


भीड़ ने प्रशासन के हाथ पांव फुलाए

विपिन बंसल


नई दिल्ली। डेढ़ महीेने के इंतजार के बाद जब आज सुबह शराब की दुकानें खुली, तो भीड़ ऐसे टूटी, मानों खैरात बंट रहा हो। कोई तड़के चार बजे से कतार में खड़ा हो गया। तो कोई सुबह से 5 बजे से ही मोर्चे पर डट गया। ना भूख की परवाह और ना धूप की। बस अनुशासित सिपाही की तरह बनाये गोले पर सुबह से ही जम गया। हालांकि इस समर्पण के बाद कईयों को तो शराब नसीब हो गयी। लेकिन कई ऐसे भी लोग थे जो सुबह तीन-चार बजे से कतार में रहने के बाद भी मायूस होकर घर लौटने को मजबूर हो गये। दरअसल रविवार दोपहर राज्य सरकार ने शराब दुकान के संचालन का आदेश जारी तो कर दिया था, लेकिन साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के सख्त निर्देश भी जारी किये थे, लिहाजा कई दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर व्यवस्थाएं नहीं की जा सकी। ऐसे में उन दुकानों को व्यवस्था दुरुस्त किये बगैर शराब दुकान खोलने की इजाजत नहीं दी गयी।


राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली स्थित उत्तर पूर्वी दिल्ली में शराब की दुकानों का आलम बहुत बुरा था। भीड़ बेकाबू हो जाने के कारण प्रशासन के द्वारा दुकानों के शटर गिरा दिए गए। हालांकि कई राज्यों से इसी प्रकार के इनपुट मिल रहे हैं। पब्लिक ने अपना आपा खो दिया है। जिस को संयमित करने के लिए प्रशासन जीत और प्रयास कर रहा है। हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान आदि राज्यों में समान स्थिति रही। शराब दुकान का संचालक नहीं किया जा सका। सुबह यहां 3 बजे से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी, सुबह 7 बजते-बजते लोगों की लंबी कतारें यहां सज चुकी है, लेकिन सुबह 10 बजे से NPG की टीम मौके पर पहुंची तो दुकानें नहीं खुली थी, लिहाजा लोगों में जबरदस्त गुस्सा भी यहां देखा गया। वही आलम माना और देवपुरी में भी देखने को मिला, जहां सुबह से कतार में खड़े होने के बावजूद लोगों को सुबह 8 बजे से दुकान नहीं खुलने के बाद अफसोस के साथ वापस लौटना पड़ा। दुकान में पहुंचे लोगों से जब NPG की टीम ने बात की तो मालूम चला कि कई लोग शराब के लिए लंबे समय से पैसे को बचाकर रखे थे…तो कईयों ने बताया कि इसके लिए उसने उधार ली है। इनमें से कुछ ऐसे भी थे, तो सुबह दुकान खुलने की आस में रात भर सो ही नहीं पाये।


श्रमिकों की यात्रा का खर्च उठाएगेंः सीएम

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के श्रमिक जो लाॅकडाउन के कारण अन्य राज्यांे में फंसे हुए हैं, उनकी घर वापसी के लिए अहम फैसला लेते हुए कहा है कि छत्तंीसगढ़ के श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन द्वारा छत्तंीसगढ़ लाने पर उनके यात्रा किराया का व्यय भार राज्य सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर राज्य के परिवहन आयुक्त डाॅ. कमलप्रीत सिंह ने रायपुर के डिवीजनल रेलवे मैनेजर एवं नोडल अधिकारी (रेलवे) श्री श्याम सुंदर गुप्ता को पत्र लिखकर राज्य शासन के निर्णय से अवगत कराते हुए छत्तीसगढ़ के श्रमिकों की वापसी के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन हेतु यथोचित आवश्यक कार्यवाही करने का आग्रह किया है।
परिवहन आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा कि कोविड-19 के तहत भारत सरकार द्वारा संपूर्ण देश में तृतीय लाॅकडाउन के तहत 4 मई से दो सप्ताह की प्रभावी अवधि तक लाॅकडाउन घोषित किया गया है। लाॅकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ राज्य के मजदूर-श्रमिक जो अन्य राज्यों में फंसे है, उन मजदूरों-श्रमिकों को रेल सुविधा के माध्यम से लाने हेतु राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ के मजदूरों-श्रमिकों को अन्य राज्य से छत्तीसगढ़ आने रेलवे द्वारा श्रमिक स्पेशल रेल सुविधा प्रदाय करने पर, उनके यात्रा किराये का व्यय भार राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। इस संबंध में यथोचित आवश्यक आगामी कार्यवाही करते हुए, अवगत कराने का कष्ट करें।


कर्फ्यू हटते ही आईएएस ने दिया इस्तीफा

चंडीगढ़ । पिछले काफी समय से विवादों में रही 2014 बैच की आईएएस रानी नागर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हरियाणा कैडर की IAS अधिकारी रानी नागर ने इस्तीफा की प्रति अपने फेसबुक अकाउंट पर डाल कर इसकी जानकारी दी है। रानी नागर ने पिछले माह 23 अप्रैल को एक वीडियो जारी कर कहा था कि उन्हेंं और उनकी बहन की जान को खतरा है, इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए। तब भी रानी ने अपने त्यागपत्र का मुद्दा उठाया था। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्य सचिव को भेजा। अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट लिखकर उन्होंने इसकी जानकारी दी। इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने अपने घर गाजियाबाद लौटने के लिए पास का आवेदन भी कर दिया है।


अपने फेसबुक अकाउंट पर आज रानी नागर ने लिखा, “मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाज़ियाबाद गांव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूं कि मैंने आज दिनांक 04 मई 2020 को आइएएस के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। मैं व मेरी बहन रीमा नागर माननीय सरकार से अनुमति लेकर चंडीगढ़ से अपने पैतृक शहर ग़ाज़ियाबाद वापस जा रहे हैं। हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे।”बता दें कि 2014 बैच की आईएएस अधिकारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश की निवासी हैं। गत 23 अप्रैल को अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट डाली थी, जिससे अफसरशाही में हलचल मच गई थी। वह दिसंबर 2019 से बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 311 में किराए पर रह रही हैं।


अपने फेसबुक अकाउंट पर आज रानी नागर ने लिखा, “मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाज़ियाबाद गांव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूं कि मैंने आज दिनांक 04 मई 2020 को आइएएस के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। मैं व मेरी बहन रीमा नागर माननीय सरकार से अनुमति लेकर चंडीगढ़ से अपने पैतृक शहर ग़ाज़ियाबाद वापस जा रहे हैं। हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे।”बता दें कि 2014 बैच की आईएएस अधिकारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश की निवासी हैं। गत 23 अप्रैल को अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट डाली थी, जिससे अफसरशाही में हलचल मच गई थी। वह दिसंबर 2019 से बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 311 में किराए पर रह रही हैं।


एससी के इतिहास में पहली वर्चुअल विदाई

रोनक दुबे


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार किसी जज का विदाई समारोह वर्चुअल तरीके से होने जा रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉकडाउन में चल रहा है। हालांकि 4 मई से इसमें कुछ ढील दी गई है लेकिन अधिकांश कार्यों पर अभी पाबंदी जारी है। इस बीच 6 मई को जस्टिस दीपक गुप्ता का वर्चुअल विदाई समारोह सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) आयोजित करने जा रहा है।


इस वर्चुअल विदाई में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस ए बोबडे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समारोह की अध्यक्षता करेंगे। SCBA के पदाधिकारी और सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही वर्चुअल समारोह में शामिल होंगे। लॉकडाउन के दौरान ही जस्टिस दीपक गुप्ता सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जस्टिस गुप्ता इस तरह सेवानिवृत्त होने वाले सुप्रीम कोर्ट के पहले जज होंगे।


परंपरा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में हरेक जज जॉइनिंग और रिटायरमेंट यानी अपने पहले और अंतिम कार्य दिवस पर चीफ जस्टिस के साथ उनकी बेंच में बैठते हैं। एक से ज्यादा जज एक ही दिन जॉइन करते हैं तो पहले नंबर पर शपथ लेने वाले जज चीफ जस्टिस के साथ और बाकी जज शपथ ग्रहण के क्रमानुसार वरिष्ठता क्रम में दो तीन या चार नंबर कोर्ट वाली बेंच में बैठते हैं। जज जॉइन भले ही एक दिन करें लेकिन रिटायरमेंट तो जन्मतिथि के हिसाब से अलग-अलग दिन होता है. यानी 65वीं सालगिरह से ठीक एक दिन पहले। जस्टिस गुप्ता की विदाई भले ही इस रीति-रिवाज से नहीं हो लेकिन सभी जज उन्हें शुभकामनाएं जरूर देंगे।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 05, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-268 (साल-01)
2. मंगलवार, मई 05, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- द्वादशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:54।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., तेज हवाएं चलने की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


https://universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.:-935030275
 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...