गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

चीन छोड़ कर आना चाहती है कंपनियां

नोएडा। कोरोना महामारी के बाद मल्टीनेशनल कंपनियों का मोह चीन से भंग होने लगा है। अब वह अपने आगे का कारोबार चीन में रहकर नहीं करना चाहती हैं। यही वजह है कि उन्‍होंने अब भारत में अपनी कंपनियों के लिए अवसर खोजना शुरू कर दिया है। वहीं, इन कंपनियों की चाहत को भांपते हुए उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी तरह से एक पहल की है। इस पहल के तहत, यूपी सरकार ने चीन छोड़कर आने वाली कंपनियों को उत्‍तर प्रदेश में निवेश करने का आमंत्रण दिया है। वहीं, सूबे के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इन कंपनियों को भरोसा दिलाया है कि उन्‍हें उत्‍तर प्रदेश में व्‍यापार के समुचित माहौल के साथ हर संभव सुविधा और सहूलियतें दी जाएंगी। योगी सरकार की इस पहल का अब सकारात्‍मक असर भी दिखने लगा है।


दो कंपनियों ने यमुना अथॉरिटी को भेजा आवेदन
मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के आमंत्रण की खबर लगते ही चीन छोड़ कर जाने को तैयार कंपनियों को मुंह मांगी मुराद मिल गई है। हाल में, ऐसी दो कंपनियां सामने आई हैं, जो चीन से अपना व्‍यापार खत्‍म कर उत्‍तर प्रदेश में अपनी कारखाने लगाना चाहती है। हुआके और हुंसान नामक इन दोनों कंपनियों ने यमुना अथॉरिटी को अपने आवेदन भेज दिए हैं। वहीं, यमुना अथॉरिटी ने भी इन दोनों कंपनियों के आवेदन स्‍वीकार कर लिए हैं। यमुना अथॉरिटी के एक वरिष्‍ठ अधिकारी की माने तो उत्‍तर प्रदेश में अपना भविष्‍य तलाशने वाली कंपनियों में कई अन्‍य कंपनियां भी शामिल है। इन कंपनियों ने भले ही अभी तक औपचारिकतौर पर अपना आवदेन नहीं दिया हो, लेकिन बीते कई दिनों से अथॉरिटी के अधिकारियों के संपर्क में हैं। जल्‍द ये कंपि‍नयां भी उत्‍तर प्रदेश में निवेश का फैसला कर सकती है।


जल्‍द शुरू होगी आवंटन की ऑनलाइन प्रक्रिया यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बातचीत में बताया कि हुआके और हुंसान नामक दो कंपनियों के आवेदन स्‍वीकार किए गए हैं। अगले सप्‍ताह से आवंटन की प्रक्रिया को ऑनलाइन पूरा किया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि हुआके कैमरे के ऐसेसिरिज बनाने वाली कंपनी है। वहीं हुंसान इलेकट्रॉनिक कंपोनेंट तैयार करती है। उन्‍होंने बताया कि चीन छोड़कर भारत आने वाली कंपनियों के लिए निवेश का बेहतर वातावरण यूपी में मौजूद है, जिसको देखते हुए वीवो या ओपो जैसी मोबाइल कंपनियों के कंपोनेंट तैयार करने वाली कंपनियां उत्‍तर प्रदेश में निवेश के अवसर खोज रही हैं। वहीं, नोएडा और गाजियाबाद में विशेष रूप से तैयार किए गए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग जोन भी विदेशी कंपनियों को आकर्षित कर रहा है। जल्‍द ही, भारत में अपना भविष्‍य तलाशती विदेशी कंपनियां इन्‍हीं क्षेत्रों में निवेश करती नजर आएंगी।


विदेशी कंपनियों को यूपी में मिलेगी विशेष छूट
यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बातचीत में बताया कि यूपी सरकार ने अपनी औद्योगिक नीति के तहत विदेश से आकर निवेश करने वाली कंपनियों को कई तरह की रियायतें दी गई हैं, जिनमें विदेश से आकर निवेश करने वाली कंपनियों को 25 फीसदी की लैंड सब्सिडी भी शामिल है। इसके अलावा, इन कंपनियों को स्‍टैंप ड्यूटी और इलेक्ट्रिसिटी रेट में भी छूट दी जा रही है। सरकार ने इन कंपनियों को रिसर्च एण्‍ड डेवलपमेंट के लिए अलग राशि का प्रावधान किया है। इतना ही नहीं, कपंनियों को दस साल तक राज्‍य सरकार की जीएसटी के रीइंबर्समेंट का प्रावधान भी शामिल है। इन कंपनियों के लिए रियायती दरों पर बैंक लोन भी उपलब्‍ध कराया गया है। सीईओ अरुणवीर सिंह के अनुसार, विदेश से आकर यूपी में निवेश करने वाली सभी कंपनियों को यह छूट दी जा रही है।


बैक डोर की राजनीति में रुचि नहीं

मुंबई। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल ने उद्धव ठाकरे को विधान परीषद में मनोनीत करने की दूसरी बार सिफारिश की थी और इसी सिलसिले में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के सदस्य मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मिले थे, जिसके बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बड़ा बयान दिया है, फडणवीस ने कहा कि भाजपा पीछे के दरवाजे से घुसकर राजनीति करने में कोई रुचि नहीं रखती है।


मैं बस यह कहना चाहूंगा कि राज्यपाल जो भी फैसला लेंगे वो संवैधानिक नियमों के अनुरूप और उचित होगा, उद्धव ठाकरे को परिषद में मनोनीत करने और सीएम के रूप में जारी रखने के लिए भाजपा बहुत खुश होगी क्योंकि बीजेपी राज्य में अस्थिरता नहीं चाहती है। मालूम हो कि ऐसी खबर है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है, दरअसल उद्धव ठाकरे के विधान परिषद में राज्यपाल नामित सदस्य के तौर पर नियुक्ति का निर्णय फिलहाल राजभवन में लंबित है, ठाकरे ने पीएम मोदी से इस बारे में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से बात कर अपना रास्ता साफ कराने का आग्रह किया है।


‘राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिशें की जा रही है’


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से फोन पर बात कर उन्हें बताया कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिशें की जा रही है। कोरोना संकट के चलते राज्य में विधानसभा या विधान परिषद का उप-चुनाव अभी संभव नहीं है। ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वह अपने कोटे से मुख्यमंत्री को विधान परिषद के लिए मनोनीत करें, दरअसल राज्यपाल के पास विधान परिषद में दो सदस्यों करने को मनोनीत करने का अधिकार है। हालांकि, राज्यपाल ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। अगर राज्यपाल एक महीने के भीतर ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत नहीं करते हैं, तो उनका मुख्यमंत्री बने रहना संभव नहीं होगा और इस्तीफा देना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि उद्धव की बातें सुनकर पीएम मोदी ने उन्हें मामले को जल्द देखने की बात कही है।


अंतिम संस्कार में 24 लोग हुए शामिल

मुंबई। अभिनेता ऋषि कपूर ने 67 की उम्र में गुरुवार की सुबह आखिरी सांसे लीं। बुधवार (29 अप्रैल) को उनकी तबीयत अचानक से बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है, जब परिवार ने एच एन रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया था। ऋषि कपूर ने निधन की खबर सुनते ही रिश्तेदार और करीबी उनके अंतिम दर्शन के लिए यहां पहुंच रहे हैं। नीतू कपूर भी आदर जैन के साथ पहुंची हैं।


आलिया भट्ट, करीना कपूर, सैफ अली खान, आदर जैन समेत कपूर खानदान के कई सदस्य अस्पताल पहुंच चुके हैं। जहां करीना कपूर की तस्वीर सामने आई है, आलिया भट्ट को कार में स्पॉट किया गया है। बता दें, आलिया और रणबीर एक दूसरे को डेट कर रहे हैं और आलिया कपूर परिवार के काफी करीब है। लिहाजा, इस दुख के समय में वो परिवार के साथ हैं। ऋषि कपूर के निधन की जानकारी शेयर करते हुए नीतू कपूर ने लिखा- इस क्षति के मौके पर, हम महसूस करते हैं कि दुनिया एक संकट के समय से गुजर रहा है। लॉकडाउन है और लोग एकत्रित नहीं हो सकते। हम सभी फैंस और चाहने वालों से विनती करते हैं कि नियमों का उल्लंघन ना करें।


यूपी के सभी जोनों में छूट की तैयारी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण से अब तक अछूते या कम प्रभावित जिलों में कुछ गतिविधियां शुरू करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन तथा ओरेंज जोन में छूट वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा है कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है। मुख्यमंत्री ने यह बात टीम 11 के अधिकारियों के साथ लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि 3 मई के पश्चात औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरू किया जाए, इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की कार्य योजना बनायी जाए।


जोनवार जिलों की श्रेणी–


रेड जोन के जिले ( 20 से ज्यादा मरीज वाले जिले) : – आगरा, लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, शामली, मेरठ, बुलंदशहर, बस्ती, हापुड़, फिरोजाबाद, सहारनपुर, रायबरेली, बिजनौर, सीतापुर, रामपुर, अमरोहा, संतकबीरनगर, अलीगढ़।


आरेंज जोन :- ( जहां पिछले 14 दिनों में कोई नया केस नहीं आया ):श्रावस्ती, बहराइच,बागपत, बरेली, गाजीपुर, आजमगढ़, हरदोई, प्रतापगढ़, शाहजहांपुर, बांदा, महाराजगंज, हाथरस, मिर्जापुर, औरैया, बाराबंकी, कौशांबी, प्रयागराज, मथुरा, बदायूं, मुजफ्फरनगर, भदोही, कासगंज, इटावा, संभल, उन्नाव, कन्नौज, मैनपुरी, गोंडा, मऊ, लखीमपुर, पीलीभीत, एटा, सुलतानपुर बलरामपुर, अयोध्या, जालौन, गोरखपुर व झांसी…।


ग्रीन जोन:- अंबेडकरनगर, अमेठी, बलिया, देवरिया, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, फतेहपुर, चंदौली और सोनभद्र। ( सभी ऐसे जिले जहां अभी तक कोई कोरोना संक्रमण का केस नहीं है। रेड जोन का जिला भी ग्रीन जोन में जा सकता है, जहां 28 दिनों में कोई नया केस नहीं आया है


कोविड अस्पतालों का डीएम व सीएमओ करें निरीक्षण


मुख्यमंत्री ने कहा,शेल्टर होम में 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरा करने वालों का चिकित्सीय परीक्षण कराके होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। मेडिकल टेस्टिंग के लिए पूल टेस्टिंग व रैण्डम टेस्टिंग का उपयोग किया जाए। जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों, शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा है कि शेल्टर होम को जियो टैग किया जाए।


कोविड अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी को दें बढ़ावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एल-1, एल-2 अस्पतालों में आक्सीजन की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। एल-1 श्रेणी के कोविड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि की जाए। एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड्स बढ़ाये जाएं। सभी चिकित्सालयों में पीपीई किट तथा एन-95 मास्क की सुचारु उपलब्धता की जाए। कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। सभी टेस्टिंग लैब्स में पूल टेस्टिंग की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के मद्देनजर वैश्विक स्तर पर टेक्नोलाजी प्राप्त करने पर विचार किया जाए।


स्वास्थ्य कर्मियों को करें प्रशिक्षितः मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है। मेडिकल इन्फेक्शन को रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये। मुख्य चिकित्सा अधिकारी नर्सिंग होम के संचालकों तथा अन्य डाक्टरों के साथ बैठक करते हुए टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने वाले डाक्टरों की व्यवस्था करें।


भूसा बैंक बनाने के निर्देशः मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश के लिए गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए।


संवाददाता-कैलाश नाथ राना की रिपोर्ट…


शराब की दुकानें खोलने की मांग

नई दिल्ली। लॉकडाउन के बाद देश में सभी शराब की दुकानें बंद पड़े हैं। पिछले कई दिनों से इन दुकानों को खोलने पर बातचीत हो रही है। केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में इन दुकानों को खोलने पर चर्चाएं भी हुई। इसके बावजूद कामयाबी नहीं मिली। लेकिन अब एक संगठन सामने आया है जिसने देश के 10 राज्यों में शराब की दुकानों को खोलने की मांग की है। संगठन से कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच एक नायाब आइडिया भी सरकार को दिया है।


CIABC आया सामने
शराब निर्माता कंपनियों के संगठन दि कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहल बेवरेज कंपनीज (CIABC) सामने आया है। संगठन ने दस राज्यों में शराब की दुकान खोलने की मांग की है। संगठन से सुझाया है कि इन राज्यों में कई ऐसी जगह है जहां कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। राज्यों से अनुरोध किया गया है कि इन स्थानों की निशानदेही कर यहां शराब की दुकानें दोबारा खोलने की इजाजत देनी चाहिए।


दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत 10 राज्यों से की मांग
संगठन के एक अधिकारी ने बताया कि हमने राजधानी दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्णाटक के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। हमने राज्यों से कहा है कि इन राज्यों के कई जिलों में कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। ऐसे में इन जिलों में सुरक्षा के सभी उपायों के साथ शराब की दुकान खोलने की इजाजत मिलनी चाहिए। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल राज्यों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।


हो रहा है करोड़ों का नुकसान
मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से शराब निर्माता कंपनियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। देश में सभी शराब की दुकानें बंद हैं। ऐसे में कंपनियों के प्रोडक्ट नहीं बिक रहे हैं। इसी वजह से राज्यों को भी राजस्व का भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। संगठन को उम्मीद है कि जल्द सरकार इस मामले में कदम उठाएगी और शराब की दुकानों को दोबारा खोलने की इजाजत दे देगी।


पंजाबः 23 श्रद्धालुओं में मिला संक्रमण

अमृतसर। पंजाब में कोरोना के पाजीटिव मामले सामने रहे हैं। गुरुद्वारा श्री हजूर साहिब नांदेड़ साहिब से श्रद्धालुओं का पंजाब आना लगातार जारी है। हालांकि सरकार की तरफ से सभी श्रद्धालुओं को आते ही उन्हें चेक करने और उन्हें क्वॉरेंटाइन करने के पूरे इंतजाम किए गए हैं लेकिन श्रद्धालुओं ने पंजाब के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। आज पंजाब में 52 श्रद्धालुओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिनमें से 23 श्रद्धालु अमृतसर जिले में है। तरनतारन में 7 श्रद्धालु पाजीटिव पाए गए हैं। तरनतारन में अब कुल संख्या 15 हो गई है। जालंधर से भी एक श्रद्धालु पाजीटिव पाया गया है। पंजाब में अब तक 87 श्रद्धालु कोरोना पाजीटिव पाए गए हैं। वहीं प्रदेश में पाजीटिव केसों की संफ्या 400 हो गई है। इसमें एक और भी बड़ी बात सामने आ रही है कि ज्यादातर पाजीटिव पाए गए श्रद्धालुओं में कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं पाए गए हैं जो एक बड़ी चिंताजनक बात है। जालन्धर में भी एक श्रद्धालु की रिपोर्ट पाजीटिव आई है। ज्यादातर श्रद्धालु वो पाजीटिव आए है जो कि निजी वाहनों से वापस आए है।


मददः 65 हजार करोड़ की जरूरत

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और जानेमाने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां जल्द खोलने की पैरवी करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के साथ ही लोगों की आजीविका की सुरक्षा करनी होगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किए गए संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि देश के गरीबों, मजदूरों और किसानों की प्रत्यक्ष अंतरण के माध्यम से वित्तीय मदद करनी होगी जिसमें 65 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।


गरीबों की मदद जरूरी
गांधी के एक प्रश्न के उत्तर में राजन ने कहा कि सामाजिक सौहार्द में लोगों की भलाई है और इस चुनौतीपूर्ण समय में हम विभाजित रहने का जोखिम नहीं उठा सकते। राजन ने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था 200 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है और हम 65 हजार करोड़ रुपये वहन कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को जल्द खोलना होगा और साथ ही कोरोना वायरस से निपटने के कदम भी उठाते रहने होंगे।


रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने भारत में कोरोना की जांच की संख्या के मुद्दे पर कहा कि अमेरिका में रोजाना औसतन 1,50,000 जांच हो रही हैं। बहुत सारे विशेषज्ञ कह रहे हैं कि पांच लाख लोगों की जांच करनी चाहिए। भारत में हम रोजाना 20-25 हजार जांच कर रहे हैं। ऐसे हमें बड़े पैमाने पर जांच करनी होगी। वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था को लेकर रघुराम राजन ने कहा कि मुझे लगता है कि ग्लोबल आर्थिक सिस्टम में कुछ गलत तो है, लोगों के पास नौकरी नहीं हैं, जिनके पास नौकरी है उनको आगे की चिंता है, आय का असमान वितरण हो रहा है अवसरों का सही वितरण करना होगा।


लॉक डाउन: जारी होगी नई गाइडलाइन

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने की रणनीति के तहत वह नए दिशा निर्देश जारी करेगी जो कि चार मई से लागू होंगे और उनमें अनेक जिलों को कई छूट दी जाएंगी।


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज ट्वीट कर कहा कि कोरोना के खिलाफ अभियान के तहत लॉकडाउन के संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे जो कि चार मई से लागू होंगे। इनमें अनेक जिलों को कई प्रकार की छूट दी जाएगी। मंत्रालय जल्द ही इन दिशा निर्देश की घोषणा करेगा। मंत्रालय ने देश भर में कोरोना महामारी के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण उत्पन्न स्थिति की आज व्यापक समीक्षा की। समीक्षा में यह बात सामने आई कि लॉकडाउन के कारण स्थिति में काफी सुधार हुआ है और यह निर्णय लिया गया कि सुधार की इस स्थिति को बनाये रखने और इससे अधिक फायदे के लिए लॉकडाउन को तीन मई तक सख्ती से लागू करना जरूरी है। मंत्रालय की आज की घोषणा को इस संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि अनेक छूटों के साथ लॉकडाउन की अवधि को तीन मई से आगे बढ़ाया जा सकता है।


गृह मंत्रालय ने देश भर में अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए लोगों को राहत देते हुए आज ही राज्यों के बीच आवागमन को खोलने की अनुमति दी थी। उल्लेखनीय है कि देश भर में तीन मई तक लॉकडाउन लागू है और सरकार को इसके बाद कि रणनीति तय करनी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस संबंध में बैठक भी की थी। इससे पूर्व आज सरकार ने घोषणा की थी कि कोरोना महामारी के कारण विभिन्न जगहों पर पूर्णबंदी के कारण फंसे प्रवासी मजदूरों,श्रद्धालुओं, श्रमिकों, पर्यटकों , छात्रों और अन्य लोगों को सड़क मार्ग से उनके गृह राज्यों में जाने की अनुमति देते हुए देश में अंतर्राज्यीय आवागमन की मंजूरी दे दी है।


केन्द्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को आज पत्र लिखकर इन लोगों के एक राज्य से दूसरे राज्य में आवागमन की सुविधा करने को कहा है। इससे पहले दोनों संबंधित राज्यों को इस बारे में सलाह मश्विरा कर आम सहमति बनानी होगी। सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से इसके लिए नोडल अधिकारी की निुयक्ति के साथ साथ फंसे हुए लोगों के राज्यों में आने और उन्हें भेजने के लिए मानक प्रोटोकोल बनाने को कहा गया है।


नोडल अधिकारी अपने यहां फंसे लोगों का पंजीकरण भी करेंगे। किसी भी व्यक्ति के आवागमन से पहले उसकी मेडिकल जांच की जायेगी और उसमें बीमारी के लक्षण नहीं होने पर उसे जाने की अनुमति दी जायेगी। गंतव्य पर भी स्थानीय स्तर पर उनकी जांच की जायेगी और उन्हें घर में ही रहने को कहा जायेगा। उनके स्वास्थ्य पर निरंतर नजर भी रखी जायेगी।आदेश में राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे इन लोगों को अपने फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए भी प्रोत्साहित करें।


सहारनपुर से दिखी हिमालय की चोटी

नई दिल्ली/सहारनपुर। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 24 मार्च के बाद से ही पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। भारत की पूरी आबादी इस वक्त अपने घरों में कैद है और कल-कारखानों पर भी ताला लगा है। इस लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण के स्तर में भी भारी कमी आई है और प्रकृति अपने पूराने स्वरूप में लौट आई है। लॉकडाउन में लोगों ने पहली बार प्रकृति को इतनी नजदीक से देखा व उससे जुड़ाव महसूस किया है। वाहन-फैक्ट्री सब बंद होने से हवा साफ व धूल-धुंए से मुक्त हो गईं है और प्रकृति के नजारे आम हो गए हैं। जी हां, नीले आसमान में दृश्यता का आलम यह है कि सहारनपुर से अपर हिमालयन रेंज की बर्फीली पहाड़ियां तक आसानी से देखी जा रही हैं। ऐसे ही कुछ खुशनुमा पल इनकम टैक्स अधिकारी दुष्यंत कुमार सिंह ने अपने कैमरे में कैद किए है। दुष्यंत सिंह के अनुसार, रविवार शाम बारिश के बाद नजारा देखकर वह भी एक बारी चौक गए थे। चकराता से ऊपर की ओर गंगोत्री यमुनोत्री पर्वत श्रंखला की बंदरपूंछ आदि की पहाड़ियां साफ दिखाई दे रही थी जिन्हें उन्होंने अपने कैमरे में कैद किया हैं। सिंह की अध्यापक पत्नी निधि बताती हैं कि यह पहाड़ियां करीब 200 किलोमीटर दूर है।


खास है कि अभी तक वायुमंडल में पसरे घने प्रदूषण के चलते देहरादून-मसूरी की पहाड़ियां भी कभी-कभार बारिश के बाद मुश्किल से दिखाई दे पाती थीं लेकिन आज अपर हिमालयन रेंज की पर्वत श्रृंखलाएं सहारनपुर से दिखाई दे रही हैं तो मतलब साफ है। हवाओं को साफ व प्रदूषण मुक्त बनाने का जो काम पूरी सरकारी मशीनरी न कर पाई हो, उसे लॉकडाउन ने कर दिखाया हैं। लॉक डाउन के चलते वाहन फैक्ट्री सब बंद होने से धूल धुंए के साथ हवा में हानिकारक गैसें आदि का प्रभाव खत्म हो गया और लोगों ने पहली बार प्रकृति को इतनी नजदीक से देखा और उसकी अप्रतिम सुंदरता का अहसास किया है।प्रदूषण विभाग के भी अनुसार, लॉक डाउन के चलते हवाओं की गुणवत्ता में करीब 35% तक सुधार है। जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई लेवल 70 पर आ गया है। जो दिवाली के आसपास 300 पार पहुंच जाया करता था और 120-125 से कम तो कभी आता ही नहीं था।


सहायक वैज्ञानिक अधिकारी गीतेश चंद्र कहते हैं कि लाक डाउन में वाहन फैक्ट्री आदि सब बंद है। बारिश में धूल-धुंआ आदि सब धुल गया है तो आसमान साफ दिखेगा ही। बता दें कि बीते 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन जारी है और इसकी वजह से गंगा नदी का जल भी काफी साफ हो गया है। इतना ही नहीं, वायु प्रदूषण में भी काफी कमी देखने को मिली है।


प्रयागराज-जौनपुर बॉर्डर का निरीक्षण

मण्डलायुक्त व आईजी ने प्रयागराज-जौनपुर बार्डर का किया निरीक्षण
बाहर से आने वाले लोगो की थर्मल स्कैनिंग करने के पश्चात ही उनको जाने की दे अनुमति-मण्डलायुक्त
आईजी ने पुलिस कर्मियों को लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन कराने के दिए निर्देश


बृजेश केसरवानी
 प्रयागराज।मण्डलायुक्त प्रयागराज श्री आर0 रमेश कुमार व आईजी के0पी0 सिंह ने फूलपुर तहसील स्थित प्रयागराज-जौनपुर बार्डर का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि लोगो की एवं माल वाहक गाड़ियों की बिना चेकिंग आने-जाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां पर एक डाॅक्टर्स की टीम लगाये, जो कि बाहर से आने वाले लोगो की थर्मल स्कैनिंग करें, उसके पश्चात ही उनको जाने की अनुमति दी जाये। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया कि आने वाले लोगांे का एक रजिस्टर तैयार करें, जिसमें इनका पूरा विवरण साथ ही इनकी यात्रा का डिटेल अंकित किया जाये। उन्होंने विशेष तौर पर बाहर से आने वाले लोगो को क्वारंटीन सेंटर में 14 दिन के लिए क्वारंटीन करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बार्डर पर किसी स्कूल को क्वारंटीन सेंटर के रूप में विकसित करें, जिससे वहां पर लोगो को क्वारंटीन किया जा सके।
तत्पश्चात मण्डलायुक्त फूलपुर तहसील स्थित उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्यालय में साफ-सफाई, सैनीटाइजेशन इत्यादि कार्यों का जायजा लिया एवं इसे और बेहतर करने के निर्देश दिए। मण्डलायुक्त ने ग्राम पंचायत कनेहटी स्थित कान्हा गौशाला, गो-वंश आश्रय स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने वहां कर्मचारियों से गायों को दिया जाने वाला चारा, पानी एवं अन्य सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली एवं इनकी देखभाल प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कान्हा गौशाला में साफ-सफाई एवं जानवरों की देखभाल हेतु पशुचिकित्सकों की लगायी गयी ड्यूटी के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने गौशाला कार्यरत कर्मचारियों का रजिस्टर देखा एवं उनके ड्यूटी चार्ट के बारे में भी पूछा।
पुलिस महानिरीक्षक श्री कवीन्द्र प्रताप सिंह ने बार्डर पर चेकिंग के दौरान पुलिस अधिकारियों को अपनी ड्यूटी कड़ाई से करने, किसी भी व्यक्ति को बिना जांच किए एवं उनका पूरा विवरण लिए बिना अंदर प्रवेश न करने देने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बार्डर एरिया पर अन्य साइड मार्गो की चेकिंग पूरी मुस्तैदी के साथ करें, जिससे कि जिले की सीमा पर कोविड-19 की बिना जांच कराये कोई भी व्यक्ति जिले में प्रवेश न कर सके। उन्होंने कहा कि अनाउंसमेंट सिस्टम एवं पम्फलेट के माध्यम से कोविड-19 की जानकारी आम लोगो तक पहुंचाये।
निरीक्षण के दौरान मण्डलायुक्त ने शास्त्रीपुल पर आने-जाने वाले लोगो को रोककर उनसे पूछताछ की एवं लाॅकडाउन का पालन करने के निर्देश दिए। इसके साथ बाहर से आने वालों को क्वारंटाइन करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान अपर आयुक्त प्रथम-श्री भगवान शरण, संयुक्त विकास आयुक्त-श्री शिव कुमार पाण्डेय सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।


विशेष ट्रेनों के संचालन की मांग की

जालोर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा श्रमिकों एवं प्रवासियों के अन्तराज्यीय आवागमन के संबंध में बुधवार को जारी किए गए आदेश का स्वागत किया है। प्रवासियों को सकुशल उनके घर पहुंचाने के लिए राजस्थान सरकार ने एक व्यवस्थित एवं सुगम प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है जिसमें बुधवार रात तक करीब 6 लाख 35 हजार श्रमिकों एवं प्रवासियों ने अपना पंजीयन कराया है।
आने वाले समय में और भी श्रमिक अपना पंजीयन करा सकते हैं। ऐसे में कामगारों की इतनी बड़ी संख्या तथा लंबी दूरी को देखते हुए विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाना  कामगारों के सुरक्षित घर लौटने का व्यावहारिक समाधान होगा। प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि इन लाखों प्रवासियों एवं श्रमिकों के सुरक्षित आवागमन के लिए भारत सरकार को बिना किसी देरी के विशेष ट्रेनों का संचालन प्रारंभ करना चाहिए।
राजस्थान सरकार द्वारा लगातार की जा रही मांग के बाद केन्द्र सरकार द्वारा श्रमिकों एवं प्रवासियों को उनके गृह स्थान पहुंचाने के लिए जारी आदेश का स्वागत है। बड़ी संख्या में राजस्थान के प्रवासी विभिन्न राज्यों में फंसे हुए थे। साथ ही अन्य राज्यों के लोग भी यहां अटके हुए थे। दोनों ही संकट की इस घड़ी में अपने परिवारजनों के पास पहुंचना चाहते थे। राज्य सरकार ने उनकी भावनाओं को समझा और इस दिशा में लगातार सकारात्मक प्रयास किए, जिससे उनकी घर लौटने की राह खुल सकी।
विभिन्न पत्रों एवं प्रधानमंत्री के साथ समय-समय पर हुई वीडियो कांफ्रेंस में प्रवासियों एवं श्रमिकों की इस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया था। साथ ही प्रवासी राजस्थानियों की सहायता एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को संबंधित राज्य सरकारों के साथ समन्वय की जिम्मेदारी दी गई थी। पत्र में कहा कि काफी समय से घर से दूर रहने की पीड़ा झेल रहे इन श्रमिकों एवं प्रवासियों की इस समस्या को दूर करने के लिए हमें व्यावहारिक मार्ग अपनाना होगा।


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