सोमवार, 23 मार्च 2020

देश हित में खत्म किया धरना-प्रदर्शन

घंटाघर की प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कोरोना वायरस के मद्देनजर देश हित मे स्थगित किया धरना प्रदर्शन…


लखनऊ। सीएए एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ जहां पूरे देश में लगातार महिलाओं का धरना प्रदर्शन चल रहा था वही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी ऐतिहासिक घंटाघर पर पिछले 66 दिनों से उक्त कानून के खिलाफ लगातार महिलाओं का धरना प्रदर्शन जारी था, मगर दुनिया में फैले कोरोना वायरस जैसी भयानक बीमारी का अपने देश भारत में भी पैर पसारने के चलते 66 दिनों से प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने देश हित में और कोरोना वायरस जैसी बीमारी से लड़ने के लिए आज 67 वें दिन यानी 23 मार्च 2020 में धरने को स्थगित कर दिया है।


जैसा कि आप सभी जानते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून एनपीआर और एनआरसी के विरोध में पूरे देश में लगातार प्रदर्शन जारी थे और शाहीन बाग में महिलाओं ने ऐसे बिल और कानून के खिलाफ जंग छेड़ी थी, वही लखनऊ के ऐतिहासिक घंटाघर पर भी महिलाओं ने उक्त कानून का पुरजोर विरोध किया जिसमें उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा, कभी पानी, खाना, दवाई जैसी कई तरह की सुविधाओं के भाव में भी धरने को लगातार जारी रखा और पुलिस प्रशासन की सख्ती को भी झेलना पड़ा। मगर अपने इरादों से मजबूत महिलाओं ने किसी भी तरह की परेशानियों से हार ना मानते हुए 66 दिनों तक लगातार प्रदर्शन जारी रखा, पुलिस ने कई बार बल का प्रयोग भी किया और कई तरह से धरने को खत्म करने की कोशिश में कई बार कड़े कदम उठाए और उक्त प्रदर्शन में पुलिस की बर्बरता भी सामने आई, फिर भी महिलाएं निडर और जान की परवाह किए बगैर धरने पर बैठी रही।


इस प्रदर्शन के बीच महिलाओं और उनके घर वालों झेलनी पड़ीं सैकड़ो परेशानियां…


लखनऊ का ऐतिहासिक घंटाघर भी महिलाओं के प्रदर्शन से एक बार फिर इतिहास में अपनी जगह बना गया। कड़कड़ाती ठंड, जबरदस्त बारिश और ओलावृष्टि के साथ ही भयंकर गर्मी की मार झेलने के बाद भी महिलाओं के हौसले नहीं टूटे थे, परंतु एक तरह की राष्ट्रीय आपदा कोरोना वायरस के रूप में भारत में प्रवेश कर गई जिसके चलते महिलाओं ने समझदारी और देशभक्ति का परिचय देते हुए लंबे समय से चल रहे इस धरना प्रदर्शन को स्थगित कर देशभक्ति का सबूत तो दिया ही साथ ही पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र लिखकर देश हित मे धरना स्थगित करने की बात कही और पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र के ज़रिए सरकार से यह भी कहा कि हम सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस भयानक बीमारी से लड़ने और देश को इस आपदा से बचाने के लिए साथ खड़े हैं।


 


सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती था प्रदर्शन, मुकदमें और गिरफ्तारियां कर पुलिस ने निकाली थी खुन्नस…


यह धरना प्रदर्शन जहां एक तरफ सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ था वही न जाने कितने बेकसूर लोगों के खिलाफ अनगिनत मुकदमे भी दर्ज हुए कितने लोगों को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा और इस धरने में 3 मासूम जाने भी गई जिसमें दो वृद्ध महिलाएं और एक जवान युवती ने अपने प्राणों की आहुति देकर यानि शहादत में अपना नाम लिखवा कर देश के भविष्य के लिए कुर्बानी दे दी। मगर सरकार का रवैया नहीं बदला और आखिर एक ऐसी आपदा पूरी दुनिया के कई देशों के साथ ही भारत में भी प्रवेश कर गई जिससे भयानक महामारी तक संभावित है, इसी के मद्देनजर महिलाओं ने धरने को समाप्त करने या स्थगित करने का देश हित में फैसला लिया और अपने अपने घर वापस लौट गई।


 


प्रदर्शन स्थगित होने पर सरकार और पुलिस प्रशासन ने ली राहत की सांस…


वही धरना खत्म होने पर पुलिस प्रशासन और सरकार ने राहत की सांस ली और पुलिस प्रशासन ने महिलाओं को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया महिलाओं का कहना था की हम पहले भी देश के आने वाले भविष्य के लिए इस आंदोलन के जरिए लड़ रहे थे और अब कोरोना वायरस जैसी भयानक बीमारी और आपदा से लड़ने के लिए तैयार हैं और हर कदम पर सरकार के साथ हैं इस वक्त किसी भी तरह के कानून से ज्यादा जरूरी है कोरोना वायरस जैसे बीमारी से लड़ने की इसलिए हम अपनी स्वेच्छा से देश हित में इस धरने को स्थगित करते हैं। अगर सरकार ने CAA, NPR और NRC को वापस नहीं लिया तो हम इस कानून और सरकार के खिलाफ फिर से बड़ा आंदोलन और धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे।


जुनैद खान “पठान” की रिपोर्ट…


संकट की इस घड़ी में हम सब साथ

संकट की इस घड़ी में हम आपके साथ हैं!

कोटा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के अंदर जब जब भी वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे तब तब उन्होंने राज्य के एक जिम्मेदार व्यक्ति का जो फर्ज होना चाहिए। वह फर्ज मुस्तैदी के साथ निभाया, चाहे वह प्राकृतिक आपदा से लड़ते हुए समस्या का समाधान करने का मामला हो या फिर कोरोना जेसी घातक बीमारी से प्रदेश की जनता को बचाने का मामला हो। अशोक गहलोत ने हमेशा संवेदन शीलता दिखाई है, गहलोत सरकार कोरोना को लेकर पहले दिन से ही इस समस्या के समाधान के लिए एक्टिव हो गई थी,  वैसे भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के अंदर बीमारी और बीमार मरीजों के लिए हमेशा संवेदनशील रहे हैं उनकी प्रदेशवासियों को " मुफ्त इलाज" की योजना देश और विदेश में चर्चित रही है आज भी प्रदेश की जनता उसका लाभ उठा रही है!
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने अपना 1 दिन का वेतन कोरोना बीमारी से निपटने के लिए राज्य सरकार को देने की घोषणा की है राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का यह कदम सराहनीय है!
क्या राजस्थान के 200 विधायक अपने विधायक कोष के पैसों मैं से एक बड़ी रकम अपने विधानसभा क्षेत्रों के अस्पतालों पर खर्च करेंगे करना चाहिए क्योंकि वैसे भी ज्यादातर विधायक विधायक कोष का पैसा पूरी तरह से खर्च नहीं कर नहीं कर पाते हैं यह अवसर है विधायक अपने अपने विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों मैं कोरोना से लड़ने के लिए उपकरण और अन्य सामग्री पहुंचाएं एक कदम जनता बढ़ा रही है दूसरा कदम सरकार एक कदम विधायक भी बढ़ाएं!
                   देवेंद्र यादव


शिवराज चौथी बार एमपी के सीएम

भोपाल। शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के चौथे सीएम होंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। शिवराज सिंह आज शाम 7 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। शाम को बीजेपी विधायक दल की बैठक होने वाली है। इसमें उन्हें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद राज्यपाल लालजी टंडन उन्हें राजभवन में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे।


गौरतलब है कि सिंधिया खेमे के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत आ गई। इसके बाद कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।बाद में ये सभी बागी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। 6 महीने में कराना होगा उपचुनावः विधायकों की इस्तीफे के बाद सदन में कांग्रेस विधायकों संख्या घटकर 92 हो गई हैं। वहीं, बीजेपी के पास कुल 106 विधायक है। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बागी विधायकों के इस्तीफा और दो विधायकों की मौत के बाद कुल 24 सीट खाली हो गई हैं।  इन सीटों पर 6 महीने में चुनाव होने हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते राज्य के लिए स्थाई सरकार की जरूरत है। इसलिए भाजपा ने शाम 6 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है।सभी विधायकों को अकेले पार्टी दफ्तर आने के लिए कहा गया है। पार्टी हाईकमान द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक दिल्ली से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए विधायकों से संवाद करेंगे। उसके बाद ही नए नेता के नाम का ऐलान होगा। तीन नामों की थी चर्चाः शिवराज सिंह चौहान 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस बार मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं। इस बार शिवराज के साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम का कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन आलाकमान ने शिवराज सिंह का नाम तय किया। सिंधिया को 6 महीने तक बंगला अलॉट नहीं हुआ थाः ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया का भाजपा में शामिल होना मीडिया में काफी सुर्खिया बटोरी। इसी बीच सिंधिया के करीबी पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि ‘छोटी-छोटी बातों में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनदेखी की जाती थी। उन्हें 6 महीने तक बंगला तक अलॉट नहीं किया गया।


वायरसः बलिया में मिला एक संदिग्ध

बलिया। विश्व भर में फैली व्यापक महामारी कोरोनावायरस ने अपना संक्रमण हर जगह फैला रखा है। जिसके अंतर्गत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दी है। उसी क्रम में शासन प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस ली है। बलिया जिला अस्पताल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के कहने पर रिहलसह के लिए कोरोना पीड़ित संदिग्ध व्यक्ति व्यक्ति को हॉस्पिटल लाया गया। जिसे ईलाज के लिए भेजा गया है|


जरूरतमंदों तक पहुंचाएं भोजन सामग्री

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) ने कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन वाले राज्यों में लोगों की दिक्कतों को दूर करने के लिए पहल की है। संघ ने अपने स्वयंसेवकों को जरूरतमंदों तक भोजन सामग्री पहुंचाने की अपील की है। संघ ने स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के लिए छोटे-छोटे गुटों में संवाद करने की भी अपील की है।


आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी ने स्वयंसेवकों से अपील करते हुए कहा, “सभी स्वयंसेवक समाज में स्वच्छता, स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर छोटे-छोटे गुटों में संवाद करने की योजना करें तथा जरूरतमंद लोगों को भोजन सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था करें।”


सुरेश भैय्याजी जोशी ने आगे कहा, “सभी स्वयंसेवक स्थानीय प्रशासन, जन प्रतिनिधियों से सम्पर्क करते हुए अपेक्षायें समझकर सहयोग करें तथा शासन द्वारा लिए गए निर्णयों के पालन में पूर्ण सहयोग करें।” आरएसएस का मानना है कि लॉकडाउन वाले स्थानों पर कमजोर तबके के लोगों को राशन आदि की दिक्कत हो सकती है।


ऐसे में मानवता का तकाजा है कि ऐसे जरूरतमंदों तक दैनिक जरूरत की वस्तुएं पहुंचाई जाएं। जिससे लॉकडाउन की स्थिति में भी भोजन सामग्री के अभाव में कोई भूखा न रहने पाए।


लाकडाउन को गंभीरता से ले लोग

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाॅकडाउन को गंभीरता से नहीं लिये जाने पर चिंता जाहिर करते हुए सभी राज्य सरकारों से नियमों और कानूनों को सुनिश्चित कराने का सोमवार को अनुरोध किया। मोदी ने ट्वीट कर कहा, “लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कृपया करके अपने आपको बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं।”


गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए विभिन्न राज्यों के 75 जिलों और शहरों को लॉकडाउन घोषित किया गया है। कोराेना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप को रोकने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में सोमवार से 31 मार्च तक लॉकडाउन रहेगा। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य गतिविधियां पूरी तरह से बंद रहेंगी।


मोदी ने जानलेवा कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे लोगों के प्रति धन्यवाद अदा करने वाले लोगों की सराहना करते हुए उन्हें इस चुनौती के खिलाफ लड़ने के लिए लामबंद होने को कहा है। मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संदेश में लोगों से रविवार को जनता कर्फ्यू में शामिल होने तथा इस वायरस से जंग लड़ रहे लोगों के प्रति धन्यवाद अदा करने के लिए शाम पांच बजे ताली या थाली बजाने (शंखनाद) का आह्वान किया था।


उन्होंने लोगों द्वारा जनता कर्फ्यू और शंखनाद में बडे पैमाने पर शामिल होने और इसका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट किया, “ कोरोना वायरस की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को देश ने एक मन होकर धन्यवाद अर्पित किया। देशवासियों का बहुत-बहुत आभार।”


उन्होंने कहा, “ये धन्यवाद का नाद है, लेकिन साथ ही एक लंबी लड़ाई में विजय की शुरुआत का भी नाद है। आइए, इसी संकल्प के साथ, इसी संयम के साथ एक लंबी लड़ाई के लिए अपने आप को बंधनों सोशल डिस्टेन्सिंग में बांध लें। ” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “आज का जनता कर्फ्यू भले ही रात 9 बजे खत्म हो जाएगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सेलिब्रेशन शुरू कर दें। इसको सफलता न मानें। यह एक लम्बी लड़ाई की शुरुआत है। आज देशवासियों ने बता दिया कि हम सक्षम हैं, निर्णय कर लें तो बड़ी से बड़ी चुनौती को एक होकर हरा सकते हैं।”


उन्होंने लोगों से कहा कि वे केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से जारी किए जा रहे निर्देशों का जरूर पालन करें। जिन जिलों और राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा हुई है, वहां घरों से बिल्कुल बाहर न निकलें। इसके अलावा बाकी हिस्सों में भी जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक घरों से बाहर न निकलें। ” उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस से अबतक सात लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 390 लोग संक्रमित हुए हैं।


यात्री ने छीका, पायलट खिड़की से कूदा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। इसकी दहशत का अंदाजा इस कदर लगाया जा सकता है कि एक प्लेन में पैसेंजर को छींक आ गई और हुआ ये कि उसका पायलट कॉकपिट के इमरजेंसी गेट यानी खिड़की से बाहर कूद गया।


दरअसल, यह घटना एयर एशिया इंडिया की पुणे-दिल्ली फ्लाइट  I5-732 की है, शुक्रवार को प्लेन के अंदर तब अफरातफरी मच गई जब पता चला कि फ्लाइट में कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मरीज यात्री कर रहा है। क्योंकि एक यात्री को छींक आ गई और उसने छींक दिया। इसकी खबर मिलते ही जैसे ही लैंडिंग हुई पायलट-इन-कमांड ने कॉकपिट के इमरजेंसी एक्जिट से छलांग लगा दी। आम तौर पर पायलट प्लेन के सामने वाले गेट का ही उपयोग करते हैं लेकिन जब उसे पता चला कि पहले ही पंक्ति में बैठे यात्री ने छींका है तो वह घबरा गया और छलांग लगा दी। इसके बाद सभी यात्रियों में अफरातफरी मच गई। हालांकि सभी यात्रियों को पिछले दरवाजे से सुरक्षित बाहर निकाला गया।


जिस यात्री को छींक आई थी, उसे आगे वाले गेट से बाहर निकाला गया। सभी यात्रियों की बाद में जांच की गई और सभी का टेस्ट नेगेटिव आया। सुरक्षा उपाय के रूप में लैंडिंग के बाद विमान को अलग खड़ा किया गया था। घटना के बाद एयर एशिया इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि विमान की पूरी तरह से एंटी इन्फेक्शन से गहरी सफाई की गई। हमारे चालक दल ऐसी घटनाओं के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस विषम परिस्थिति में भी धैर्य से काम लिया, ये बहुत तारीफ की बात है।


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...