गुरुवार, 19 मार्च 2020

पीएम संबोधनः बचाव ही उत्तम उपाय

कविता उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देश की जनता को संबोधित किया। वैश्विक महामारी को केंद्रित करते हुए कहा कि देश की जनता को विचलित और भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। यह एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है। जिसके लिए हमें सूझबूझ और समझदारी से काम लेना होगा। किसी भी नागरिक को यह समझने की आवश्यकता नहीं है कि वह खुलेआम भीड़भाड़ वाले स्थानों पर घूम सकता है। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से परहेज किया जाए क्योंकि भीड़ से ही कोरोना बीमारी का संक्रमण फैलता है। और आपका जीवन आपके परिजनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए मैं प्रत्येक नागरिक से यह अपील करता हूं कि वह इस लाइलाज बीमारी से बचने का जतन करें। देश में खदान की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। अन्य किसी प्रकार की चिंता करने की भी आवश्यकता नहीं है। गवर्नमेंट प्रत्येक व्यक्ति के प्रति चिंतित और जिम्मेदार है। सभी देश वासियों से अनुरोध है कि वह भीड़ से बचे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। समाज को सार्वजनिक समारोह से बचना चाहिए। वृद्ध, दिव्यांग और बच्चे  घर पर ही रहे तो बेहतर होगा।
हमें कुछ नहीं होगा, अत्याधिक आत्मविश्वास वाली सोच से बचें। जितना सम्भव हो सके दफ्तर का काम अपने घर से करें। 22 मार्च रविवार को सुबह 7 से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील।कोई भी नागरिक इस दौरान घरों से बाहर ना निकले।घर मे रहने की सलाह। जनता कर्फ्यू के माध्यम से आने वाली चुनोतियों से निपटने में सक्षम होंगे। भारत की सभी राज्य सरकारों से जनता कर्फ्यू लागू करवाने का अनुरोध।


निश्चित समय पर आरोपियों को फांसी

नई दिल्ली। निर्भया के गुनहगारों को 20 मार्च की सुबह फांसी दी जाएगी। चार आरोपियों में से एक पवन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई क्यूरेटिव पिटिशन को खारिज कर दिया गया है। पवन ने खुद को नाबालिग बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की थी। लेकिन उसने कोर्ट ने खारिज कर दिया।


निर्भया के गुनहगार अब तक कानूनी हथकंडों का इस्तेमाल कर खुद को फांसी से बचाते रहे हैं। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचली अदालतों तक को यह खेल समझ में आ गया है। कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकील के रवैया पर बुधवार को आपत्ति भी जताई थी। इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने गुरुवार की रात 12 बजे तक तिहाड़ जेल के अधिकारियों और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी और कहा है कि अंतिम समय तक अदालत का रुख किया जाना बिल्कुल हैरत भरा है। निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए नए डेथ वारंट जारी हुआ है। निर्भया के गुनहगारों को 20 मार्च को सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दी जाएगी। इससे पहले 22 जनवरी,1 फरवरी और 3 मार्च डेथ वारंट तय हुआ था, लेकिन दोषियों को फांसी नहीं हो पाई।


भारत में इंटरनेशनल फ्लाइट लैंडिंग पर रोक

नई दिल्ली। इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है दिल्ली से जहां भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए भारत में इंटरनेशनल फ्लाइट्स की लैंडिंग पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी गई है। भारत में 22 मार्च से एक हफ्ते के लिए इंटरनेशन फ्लाइट्स की लैंडिंग पर रोक लगा दी गई है।


देश में कोरोना वायरस से अब तक कुल चार मौतें हो चुकी हैं। आखिरी मौत पंजाब में हुई है। वहीं, भारत में कोरोना वायरस की चपेट में आने वालों की संख्या 180 तक पहुंच गई है। 5 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। यानी अभी कोरोना वायरस के एक्टिव केस 167 हैं। कोरोना से महाराष्ट्र में पीड़ितों का आंकड़ा बढ़कर 49 हो गया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में 2, दिल्ली में 10, हरियाणा में 17, कर्नाटक में 14 ,केरल में 27, पंजाब में 2, राजस्थान में 7, तमिलनाडु में एक, तेलंगाना में 13, जम्मू-कश्मीर में 4, लद्दाख में 8, उत्तर प्रदेश में 19, उत्तराखंड में एक, ओडिशा में एक, छत्तीसगढ़ में एक और पश्चिम बंगाल में एक केस सामने आए हैं। महाराष्ट्र देश के सबसे बड़े कोरोना प्रभावित राज्य में शुमार हो गया है। यहां कोरोना के सबसे ज्यादा 47 केस सामने आए हैं। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। लेकिन पिछले चौबीस घंटे के भीतर कोरोना के सात मामले महाराष्ट्र में सामने आ चुके हैं।इसके अलावा टिफिन सप्लाई करने वाले एशिया के सबसे बड़े समूह डब्बावाला की सेवा भी लोगों को नहीं मिलेंगी।मुंबई डब्बावाला के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने कहा कि एहतियातन हमारी सेवा शुक्रवार से 31 मार्च तक बंद रहेंगी।


स्कूल के विरुद्ध एसडीएम को ज्ञापन

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन


सचिन विशौरिया
गाजियाबाद। लोनी लालबाग स्थित बी ब्लॉक में ब्लूमिंग पब्लिक स्कूल प्रबंधक ने वन-विभाग की भूमि पर कब्जा कर कांटे सैकड़ों पेड़। आवासीय कॉलोनी मे स्कूल चलाने व
बहुत अधिक ऐडमिशन फीस लेकर ऐडमिशन और अवैध रूप से  वन विभाग की जमीन पर कब्जा करना। स्कूलों द्वारा लेट फीस के नाम पर अवैध उगाई के सम्बंध मे भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पंडित सचिन शर्मा उप जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि ब्लूमिंग पब्लिक स्कूल पर मुकदमा दर्ज कर, मान्यता रद्द की जाए। जबकि गवर्नमेंट ने ऐडमिशन पर एक्स्ट्रा फीस एवं डोनेशन पर रोक लगा रखी है फिर भी प्राइवेट स्कूल कर्मी सरकार के आदेश की अवहेलना कर कार्य कर रहे हैं ऐसे में गरीब व मीडियम वर्क का व्यक्ति अपने बच्चों को अपने पास में अच्छी शिक्षा कैसे दिलवा सकता है  इस दौरान सचिन शर्मा ने बताया कि प्राइवेट स्कूल मैं 1 महीने से ज्यादा फीस लेट होने पर पलेंटी लगाई जाती है  अगर आप जांच करेंगे तो इनके स्कूलों में एक भी गरीब बच्चा शिक्षा नहीं प्राप्त करता है इन लोगों ने सरकार के नियम कायदे ताक पर रख शिक्षा को भी व्यापार बना दिया है 
 लोनी क्षेत्र की अधिसंख्य जनता आज भी अपना जीवन यापन मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण कर रहे है केंद्रीय शिक्षा विभाग के मानकों के अनुरूप 25 %कोटा गरीब असहाय,या शहीद परिवार के लिए होता है जिसका कोई भी स्कूल पालन नही कर रहा।
गरीब मीडियम वर्ग के व्यक्तियों के बच्चों को  इन स्कूलों में शिक्षा प्राप्त नहीं हो पा रही।


चीन का दावा, वैक्सीन परीक्षण जारी

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के कहर के बीच चीन ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस का टीका तैयार कर लिया है और इसका इंसानों पर परीक्षण शुरू हो गया है।


यह चीन की पहली वैक्‍सीन है जिसे ‘टर्मिनेटर ऑफ इबोला’ कही जाने वाली देश के शीर्ष सैन्‍य जैव-युद्ध विशेषज्ञ ने तैयार किया है। वुहान से कोरोना वायरस की शुरुआत के बाद चीन अभी तक इस बीमारी से जूझ रहा है। इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन में कोरोना वायरस से संक्रमण का दूसरा दौर शुरू हो सकता है। चीन की घोषणा उस वक्त आई है जब दुनिया के देश कोरोनावायरस का टीका खोजने में लगे हैं। इससे कई देशों में गंभीर संकट खड़ा हो गया है। कई देशों में स्थिति बेहद भयानक है। ऐसे में चीन का दावा कितना सही और कारगर है ये तो वक्त ही बताएगा।


रेलवे के 60 परसेंट टिकट कैंसिल

नई दिल्ली। कोरोना ने रेलवे को दिया बड़ा झटका दिया है। कोरोना के डर से यात्री यात्रा करने से बच रहे हैं। जिसके कारण देश में 60 फीसदी टिकट कैंसिल हो गया है। रेलवे के तैयारियों पर लोगों को भरोसा कम हो रहा है। इसलिए यात्रा कम कर रहे हैं। संसदीय समिति ने चेयरमैन को लगाई फटकार: कोरोना को लेकर की गई। तैयारियों को लेकर संसदीय समिति नाराज है। इसमें बड़ी लापरवाही को देखते समिति ने बोर्ड के चेयरमैन को को फटकार लगाई है। संक्रमण के मद्देनजर तैयारियों और इससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव की आलोचना की। बैठक में संसदीय समिति के 20 सदस्य मौजूद थे।


चेयरमैन को हर बात पर घेरा: चेयरमैन ने कहा कि यात्रियों को जागरूक करने के लिए पम्पलेट तैयार किए हैं, जिसमें कोरोनावायरस के प्रति सजगता बरतने के निर्देश हैं। इसको हर यात्रियों को दिए जा रहे हैं। इसके बाद समिति ने चेयरमैन से पूछा कि जो यात्री पढ़ा लिखा नहीं है उसको कैसे जागरूक करेंगे। इस पर वह कुछ नहीं बोल पाए। समिति ने कहा कि वायरस संक्रमण से निपटने न तो आप तैयार हैं और न ही रेलवे। जिसका खामियाजा यात्री को सेहत और रेलवे को आर्थिक नुकसान को लेकर उठाना पड़ रहा है।


सावधान अजमेर, मोटिवेशनल वायरस

मधुकर कहिन


सावधान अजमेर!! इसे कहते हैं मोटिवेशनल वायरस


नरेश राघानी


इन दिनों इंटरनेट के माध्यम से छाए हुए मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विवेक बिंद्रा बड़ी चर्चाओं में हैं। वैसे तो डॉ बिंद्रा एक प्रेरणादायक वक्ता है। जिसे अंग्रेजी में मोटिवेशनल स्पीकर बोलते हैं। परंतु इनकी वेबसाइट बड़ा बिजनेस डॉट कॉम इससे भी आगे कई और चीजें करने का दावा करती है। जिसमें यह मोटिवेशन स्पीच के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने हेतु फीस लेते हैं। लोग इन्हें सुन भी रहे हैं और फीस भी दे रहे हैं।  विवेक बिंद्रा ने कंपनी भी खोल रखी है। जिसकी  कुल मिलाकर कागजों पर कैपिटल 10 लाख मात्र है। ऐसी तीन कंपनियां रेजिस्टर है। यानी कि कुल मिलाकर 30 लाख ।
                            कंपनी का काम काज देखकर आपको ऐसा बिल्कुल नहीं लगेगा कि यह एक ही सेमिनार या एक कोर्स फ्रैंचाइज़ के 15 लाख ले लेती है। परंतु यहां बात जब पैसे की है तो डॉ बिंद्रा से यह पूछना बहुत आवश्यक हो जाता है कि अगर इसे एक कोर्स कह रहे हैं जो कि किसी पाठ्यक्रम की तरह सुनाई दे रहा है। तो ऐसा पाठ्यक्रम की मान्यता किस यूनिवर्सिटी अथवा कौंसिल से है ? क्या उनके पास इस तरह से बिना किस उपयुक्त मान्यता के शिक्षा को इस तरह से बेचने का कोई वैधानिक अधिकार सरकार द्वारा है या नहीं है ? क्या उनकी कंपनी ने मानव संसाधन मंत्रालय , एआईसीटीई , या किसी भी सरकारी अकादमिक परिषद से इस की अनुमति या मान्यता ली है अथवा नहीं ? क्या उन्हें यह मालूम है कि उनके प्रतिनिधि जिन्हें वह फ्रैंचाइज़ के नाम पर धन लेकर व्यावसायिक अधिकार दे रहे हैं , वह आम लोगों से इसका कितना पैसा ले रहे हैं ? और किस रूप में ले रहे हैं ? पैसे की रसीद भी देते हैं या नहीं ? क्या इंटरनेट पर चल रहे उनके यूट्यूब चैनल को भारतीय प्रसार नियमों के तहत अनुज्ञा प्राप्त है या नहीं ? क्या लोगों से ली गयी राशि पर जीएसटी लिया जा रहा है या नहीं ? क्या सर्विस टैक्स नियमों की पालना हो रही है या नहीं ? फिर जिस मोटिवेशन कोर्स का आपके सहयोगी पैसा ले रहे हैं , वह वीडिओज़ क्या वैसे ही आपके यूट्यूब पर उपलब्ध है या नहीं ?


वगैराह ... वगैराह 


खैर !!!! सुनाई यह दिया है कि अजमेर में 15 से 20 हज़ार की फीस लेकर इस तरह का कोर्स offline बेचा जा रहा है।


देश में आयोजित ऐसे हर एक सेमिनार में सैकड़ों लोग होते हैं। जो फीस देकर डॉ बिंद्रा को सुनते हैं। और ऐसे एक सेमिनार की कमाई लगभग 15000 प्रति श्रोता के हिसाब से ली जा रही है। अब आप यदि 15 हज़ार को सेमिनार में बैठे श्रोताओं की संख्या से गुना करतेहैं तो यह आंकड़ा लाखों पार कर जाता है । यानी कि एक सेमिनार से लगभग 15 लाख रुपये मिलते हैं। और बिंद्रा इस तरह के सैकड़ों सेमिनार कर चुके हैं।  जबकि सरकारी रिकॉर्ड में शायद डॉ बिंद्रा की एक कंपनी की टोटल पेड अप कैपिटल 1 लाख मात्र दिखाई दे रही है । ऐसी और भी कंपनियां सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है परंतु कोई भी कंपनी अब तक डेढ़ साल से ज्यादा पुरानी नहीं हैं। शायद हर साल नई कंपनी बना कर यह किया जाता होगा !!!!


फिर भी जो व्यवसाय कागज पर मात्र 10 लाख का है। वह एक ही फ्रैंचाइज़ शो में 15 लाख छाप रहा है ???  वह भी बिना किसी रसीद के ?? कैसे ???


          और सरकारी महकमों को अब तक आखिर भनक भी क्यूँ नहीं लगी है ? इन सब बातों पर क्या सरकारी जांच की आवश्यकता महसूस नहीं होती ? हमारे सिस्टम की प्रॉब्लम यह है कि यह सिस्टम खुद लोगों को बढ़ावा देता है , और खुद ही कुछ बहुत बड़ा हो जाने के बाद इन्हें रास्ता भी दे देता है बच के निकलने का ...
           मेरे इस कथन का बिल्कुल यह मतलब नहीं है कि डॉ बिंद्रा कोई बहुत गलत काम करने जा रहे हैं। हां यह मतलब अवश्य है की यह पूरा सही दिखाई नहीं दे रहा है। और जितना गलत है उतना पूछने का अधिकार इस देश में हर किसी को है ? वक्त पर हमारे जैसे कुछ सनकी गला फाड़कर लोग चिल्ला लेते हैं। तो कुछ हो जाता है। नहीं तो जो जैसे चल रहा है , बस वैसे ही काम चल जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि मैं यह सब बातें यहां अजमेर में बैठे लोगों को क्यों बता रहा हूँ ??? तो साहब सतर्क हो जाइए और वो इसलिए क्योंकि


 इस कंपनी का अगला निशाना अब अजमेर है । 


अजमेर की कुछ घरेलू महिलाओं का क्लब अब इसका शिकार होने जा रहा है । जिस का संचालन अजमेर के एक राजनीतिक परिवार की ग्रहणी करने जा रही है। जो कि शायद इन सब बातों से खुद भी अनजान है । परंतु जाने या अनजाने यदि कोई नुकसान हुआ तो वह अजमेर वासियों के ही होगा। एक ज़िम्मेदार नागरिक को इस तरह का कोई भी कदम सोच समझ कर पारिवारिक और सामाजिक प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए ही उठाना ज़रूरी होता है। जयपुर में बैठे इस कंपनी के कुशल कारीगरों का इतिहास एमएलएम कंपनियों से जुड़ा है। जो कि अक्सर अपने ही चेंनल पार्टनरों से लेनदेन को लेकर विवाद में उलझे रहने हेतु मशहूर होते है।परंतु इन्हें यह मालूम नहीं है कि ये अजमेर है बाबू।
 अब अजमेर तो !!!! सदा ही मशहूर रहा है क्योंकि अजमेर ने कभी भी आधी सही या पूरी गलत चीज को स्वीकार नहीं किया है। चाहे वह प्रवीण तोगड़िया का त्रिशूल दीक्षा के बहाने त्रिशूल बाँटनां हो या फिर कोई भी छोटे से छोटा घोटाला । किसी भी तरह की कोई थोड़ी सी भी बेवाजिब बात जब जब भी अजमेर की धरा पर हुई है। अजमेर के लोगों ने उछल कर बाउंस बैक किया है।और बड़े से बड़े धुरंधरों को धूल चटाई है। जिन का विजय रथ शायद पूरे हिंदुस्तान में कहीं भी नहीं रुकता था। उनके विजय रथ के परखच्चे अजमेर की धरा पर पढ़ते ही उड़ गए हैं। इसका इतिहास गवाह है।
             प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की गतिविधियों और ऐसे आसमानी आयोजन करने वाले बाहरी व्यावसायिक समूहों की हरकतों पर नज़र रखे , ताकि अजमेर की भोली भाली जनता किसी आर्थिक हानि का शिकार न बने।
      मेरा यह मानना है कि पत्रकार को इंसाफ के झगड़े में नहीं पड़ना चाहिए। पत्रकार का काम आवाज उठाना रहा है। सो अपन ने आवाज उठा दी भैया !!! जिस किसी का जमीर आवाज़ सुनकर जागेगा वह अपने आप अपना काम करेगा।
              अपना काम तो हो गया भैया !!! और हां जिस किसी को मेरी यह बातें मनगढ़ंत अफसाना लग रही हो। वह सादर आमंत्रित है मेरे गरीब खाने पर। मैं उसे सब कुछ उपलब्ध करवाने में सक्षम महसूस करता हूँ।


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...