शनिवार, 9 नवंबर 2019

महीनों रही मां और बहन के शव के साथ

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, यहां एक महिला अपनी मां और बहन के शवों के साथ दो महीने से अधिक समय से रहती मिली। देवकली पुलिस थाना क्षेत्र की आदर्श नगर कॉलोनी में पड़ोसियों द्वारा एक घर से तेज बदबू आने की शिकायत किए जाने पर गुरुवार को पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने दरवाजा खोलने पर दीपा को अपनी मां पुष्पा श्रीवास्तव और बहन विभा के मृत शरीर के साथ सोता पाया। सर्किल अधिकारी अरविंद चौरसिया ने संवाददाताओं को बताया कि दीपा के पिता व पूर्व सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट विजेंद्र श्रीवास्तव की 1990 में मौत हो गई थी। वह अपनी मां और तीन बहनों के साथ घर में रहती थी, जिनमें से एक रूपाली की कुछ साल बाद मौत हो गई।
इसके बाद पुष्पा श्रीवास्तव और उनकी बाकी दो बेटियां, विभा और दीपा मानसिक रूप से बीमार हो गईं। उन्होंने पड़ोसियों के साथ बातचीत करना बंद कर दिया था। पुष्पा और विभा की मौत लगभग दो महीने पहले हुई थी और दीपा उनके शवों के साथ रह रही थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि शव इस हद तक सड़ चुके थे कि हड्डियां दिखाई दे रही थीं, जिसका मतलब है कि दोनों की मौत करीब दो महीने पहले हुई होगी। मौत के कारण का पता लगाने के लिए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और दीपा को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है और फिर उसकी स्थिति के आधार पर या तो पागलखाने या फिर आश्रय गृह भेज दिया जाएगा।


चारा घोटाले में लालू की जमानत रद्द

रांची। अविभाजित बिहार के बहुचर्चित अरबों रुपये के चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में आज सुनवाई टल गई, जिससे उन्हें जमानत नहीं मिल सकी।
न्यायमूर्ति अपरेस कुमार सिंह की पीठ में यादव की ओर से दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत याचिका पर आज सुनवाई टल गई, जिससे उनकी जमानत की उम्मीद टूट गई। अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि 22 नवंबर 2019 निश्चित की गई है।
यादव की ओर से दायर याचिका में उनकी बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि वह सजा की अवधि का आधा से अधिक समय जेल में बीता चुके हैं। रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार राजद अध्यक्ष अनियंत्रित मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, क्रॉनिक किडनी डिजीज (स्टेज थ्री), फैटी लीवर, पेरियेनल इंफेक्शन, हाइपर यूरिसिमिया, किडनी स्टोन, फैटी हेपेटाइटिस और प्रोस्टेट जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
गौरतलब है कि यादव को चारा घोटाले के देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर 2017 को दोषी पाकर साढ़े तीन साल कारवास की सजा सुनाई थी। हालांकि इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से उन्हें जुलाई 2019 में जमानत मिल चुकी है लेकिन दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत नहीं मिल पाने के कारण वह जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।


फैसले का सम्मान पर 'संतुष्ट' नहीं: जिलानी

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद पर शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पांच मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगई के नेतृत वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया है। शीर्ष अदालत ने सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड इस फैसले से संतुष्ट नहीं है।


सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा-हम फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे। पूरे मुल्क की आवाम से अपील है कि शांति बनाए रखें। इसे लेकर कहीं भी किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।


जानें फैसला आने के बाद किसने क्या कहा…


उच्चतम न्यायालय का आभारी है निर्मोही अखाड़ा
निर्मोही अखाड़े के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा-निर्मोही अखाड़ा आभारी है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले 150 वर्षों की हमारी लड़ाई को मान्यता दी है और श्री राम जन्मस्थान मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है।


अदालत के निर्णय से हल हुआ बहुत बड़ा मसला
मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा-हम सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। हमने पहले भी कहा था कि अदालत का फैसला मानेंगे। आज भी कह रहे हैं कि हम इसे मानते हैं। अब देखना है कि सरकार हमें मस्जिद निर्माण के लिए कहां जगह मिलती है। फिलहाल अदालत के इस निर्णय से एक बहुत बड़ा मसला हल हो गया है।


दावा खारिज होने का अफसोस नहीं-निर्मोही अखाड़ा


निर्मोही अखाड़े के वरिष्ठ पंच महंत धर्मदास ने कहा कि विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समय सीमा के तहत प्रतिबंधित है।


हिंदू महासभा ने फैसले को बताया ऐतिहासिक
अदालत का फैसला आने के बाद हिंदू महासभा के वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा-यह ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले के साथ, सर्वोच्च न्यायालय ने विविधता में एकता का संदेश दिया है।


मोदी ने पाक पीएम का शुक्रिया अदा किया

करतारपुर गलियारे के लिए पीएम मोदी ने इमरान खान को कहा'शुक्रिया'


नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री पीएम मोदी, गुरदासपुर के बीजेपी सांसद सनी देओल, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल डेरा बाबा नायक पहुंचें। प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन होना बहुत खुशी की बात है।


पीएम मोदी ने कहा कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश-उत्सव से पहले, इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट करतारपुर साहिब कॉरिडोर का खुलना हम सभी के लिए दोहरी खुशी लेकर आया है। गुरु नानक देव सिर्फ सिख पंथ की, भारत की ही धरोहर नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा पुंज हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की एकता, भारत की रक्षा-सुरक्षा से लेकर, गुरुनानक देवजी से लेकर गुरु गोविंद जी तब हर गुरु साहब ने कई बलिदान दिए हैं। इसी परंपरा को आजादी की लड़ाई और आजाद भारत की रक्षा में सिख साथियों ने पूरी शक्ति से निभाया है।


पीएम मोदी ने कहा, "बीते 1 साल से देश और विदेश में कीर्तन, कथा, प्रभात फेरी, लंगर, जैसे आयोजनों के माध्यम से गुरु नानक देव की सीख का प्रचार किया जा रहा है। इससे पहले गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव को भी इसी तरह भव्यता के साथ पूरी दुनिया में मनाया गया था।"करतारपुर गलियारे के लिए पीएम मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने डेरा बाबा नानक में चेक पोस्ट के उद्घाटन के दौरान कहा, "भारत की भावनाओं का सम्मान करने के लिए मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी का धन्यवाद करता हूं।"


स्मोकिंग डिप्रेशन-सिजोफ्रेनिया का जन्मदाता

अगर आप डेली स्मोकर या चेन स्मोकर हैं तो आपको जल्द ही अपनी इस आदत को छोडऩे के लिए सख्ती से खुद पर लगाम लगानी होगी। हाल ही हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि जो लोग रोज टोबैको (तंबाकू) स्मोकिंग करते हैं, उन लोगों में डिप्रेशन और सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारियां होने का रिस्क बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस स्टडी के लीड ऑर्थर रॉबिन वूटन के अनुसार, मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियों का सामना कर रहे लोगों का ट्रीटमेंट करते समय हम अक्सर उनकी धूम्रपान और तंबाकू की आदत को अनदेखा करते हैं, जबकि हमारी स्टडी में यह बात साफतौर पर साबित हुई है कि टोबैको स्मोकिंग अवसाद और सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक सेहत से जुड़ी दिक्कतों को बढ़ाने के लिए अपना रोल प्ले करता है। रॉबिन वूटन, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। वूटन आगे कहते हैं कि हमारी इस स्टडी से पता चलता है कि हमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए भी धूम्रपान के सेवन से लोगों को बचाना होगा। धूम्रपान से होनेवाली इन समस्याओं के प्रति और अधिक प्रयासों के साथ जागरुकता फैलानी होगी। इस शोध से जुड़ी रिसर्च टीम ने ब्रिटेन के बायोबैंक डेटा से यूरोप के 462,690 व्यक्तियों का डेटा उपयोग किया, डेटा में शामिल लोगों में 8 प्रतिशत वर्तमान धूम्रपान करने वाले और 22 प्रतिशत पूर्व में धूम्रपान करने वाले लोग हैं, जो अब इस आदत को छोड़ चुके हैं।


फैसले पर 'मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' की निराशा

अयोध्या पर फैसला- सुप्रीम कोर्ट से फैसले से खुश नहीं है पर्सनल लॉ बोर्ड, लेकिन करता है फैसले का सम्मान


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मस्जिद का निर्माण 'प्रमुख स्थल' पर किया जाना चाहिए और सरकार को उस स्थान पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित करना चाहिए जिसके प्रति अधिकांश हिन्दुओं का मानना है कि भगवान राम का जन्म वहीं पर हुआ था। कोर्ट के निर्णय पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निराशा जताई है।


लॉ बोर्ड के जफरयाब जिलानी ने कहा, 'हम इस निर्णय पर मशविरा करेंगे कि इस पर रिव्यू फाइल करें कि नहीं। सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का आदर करते हैं और पूरे मुल्क अनुरोध करते हैं कि वो इस जजमेंट को लेकर कोई प्रदर्शन ना करें। निर्णय से हम खुश नहीं नहीं हैं। हम कोर्ट के निर्णय के हर पार्ट की आलोचना नहीं कर रहे हैं लेकिन कुछ पार्ट से हम सहमत नहीं हैं। जजमेंट पढ़कर आगे का फैसला करेंगे।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, शीर्ष अदालत ने एक लैंडमार्क जजमेंट दिया है। मेरी सभी लोगों से अपील है कि शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखें।' हिंदू महासभा के वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा- यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले के साथ, सर्वोच्च न्यायालय ने विविधता में एकता का संदेश दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- सभी को शीर्ष अदालत का फैसला स्वीकार करना चाहिए और शांति का माहौल बनाए रखा चाहिए।


बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'सभी को शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करना चाहिए। सामाजिक सौहार्द के लिए ये बहुत लाभकारी होगा। इस मामले पर अब आगे कोई विवाद नहीं होगा, ऐसी मैं उम्मीद करता हूं। मेरी सभी से अपील है कि शांति बनाए रखें।' मुस्लिम पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार इस मामले पर अपना फैसला सुना दिया। मैं कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करता हूं।'


फैसले पर कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करती है। हम सभी संबंधित पक्षों व सभी समुदायों से निवेदन करते हैं कि भारत के संविधान में स्थापित 'सर्वधर्म सम्भाव' और भाईचारे के उच्च मूल्यों को निभाते हुए अमन-चैन का वातावरण बनाए रखें। हर भारतीय की जिम्मेदारी है कि हम सब देश की सदियों पुरानी परस्पर सम्मान और एकता की संस्कृति व परंपरा को जीवंत रखें।


भारत-भक्ति को अमल में लाने का समय

अयोध्या पर फैसले के बाद बोले मोदी, ये समय सभी के लिए भारतभक्ति की भावना का है


नई दिल्ली। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।


उन्होंने ट्वीट करते हुए आगे लिखा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है: यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है। हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।


प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा। हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है। भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।


प्रदूषण से बचाव के घरेलू नुस्खे

घरेलू और प्राकृतिक नुस्खे अपनाएं, फेफड़ों को पलूशन से बचाएं
दिल्ली-एनसीआर में हुई हल्की बारिश भी प्रदूषण को पूरी तरह से साफ नहीं कर पायी। दिल्ली और आसपास के शहरों का अब भी 300 के आसपास बना हुआ है। चारों तरफ धुंध और स्मॉग की परत छायी हुई है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को आंखों में जलन, गले में दर्द और सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है। यह जहरीली हवा हमारे फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कैसे छोटे-छोटे कदम उठाकर आप अपने फेफड़ों को साफ रख सकते हैं… हालांकि लंग्स यानी फेफड़े सेल्फ-क्लेन्सिंग होते हैं यानी कि वे अपनी सफाई खुद कर सकते हैं। लेकिन अगर हर दिन हमारे लंग्स लगातार प्रदूषण वाली जहरीली हवा के संपर्क में आएं तो लंग्स में कंजेशन और जलन की समस्या हो सकती है जिस वजह से आपको हेवीनेस महसूस होता है। प्रदूषित हवा में मौजूद धूल के कण, केमिकल्स, जहरीली हवा, स्मोक आदि ऐसी चीजें हैं जो कई लंग्स में जाकर जमा हो जाती हैं। लिहाजा नैचरल तरीके से लंग्स को डिटॉक्स करना भी बेहद जरूरी है। अपने लंग्स यानी फेफड़ों की सफाई के लिए स्टीम थेरपी सबसे बेस्ट है। स्टीम को सांस के माध्यम से अंदर लेने पर एयर पैसेज यानी सांस की नली खुल जाती है और फेफड़ों में जमा म्यूकस भी बाहर आता है। सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है और पलूशन और स्मॉग की दिक्कत इस वक्त ज्यादा रहती है लिहाजा हर दिन स्टीम थेरपी का इस्तेमाल करें ताकि आपके फेफड़े, कंजेशन से मुक्त रहें। इसमें कोई शक नहीं ग्रीन टी हमारी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। वेट लॉस, बेहतर पाचन के साथ-साथ लंग्स को क्लीन करने में भी मदद कर सकती है ग्रीन टी। ऐंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर ग्रीन टी फेफड़ों में होने वाले जलन और खुजली की समस्या को दूर कर लंग्स के नाजुक टिशूज को बचाने का भी काम करती है। साउथ कोरिया के 1 हजार वयस्कों पर हुई एक स्टडी के मुताबिक जिन लोगों ने हर दिन 2 कप ग्रीन टी पी उनका लंग फंक्शन ग्रीन टी न पीने वालों की तुलना नें ज्यादा बेहतर था। खाने-पीने की भी ऐसी कई चीजें हैं जो हमारे एयर पैसेज को क्लीन कर सांस लेने में होने वाली दिक्कत को दूर कर सकती हैं। जैसे- हल्दी, चेरीज, ऑलिव, अखरोट, बीन्स, हरी पत्तेदार सब्जियां- ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें खाने से हमारे फेफड़े नैचरल तरीके से क्लीन रहेंगे। इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं। ऐंटीऑक्सिडेंट और ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री प्रॉपर्टी से भरपूर शहद भी लंग कंजेशन को दूर करने में मददगार है। अस्थमा, टीबी, गले में इंफेक्शन समेत सांस से जुड़ी कई बीमारियों को ठीक करने और फेफड़ों को राहत पहुंचाने में मददगार साबित हो सकता है शहद। हर दिन 1 चम्मच कच्चे शहद का सेवन, फेफड़ों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। घर के बाहर के पलूशन को आप कंट्रोल नहीं कर सकते लेकिन घर के अंदर की हवा को साफ रखना आपके हाथों में है। लिहाजा इन बातों का ध्यान रखें…- एक अच्छा एयर प्योरिफायर खरीदें जो घर के अंदर की हवा को साफ रखेगा।- घर को साफ रखें। कार्पेट, शेल्फ, किताबें आदि चीजों पर धूल को जमा न होने दें।- आप चाहें तो प्योरिफायर की जगह हवा शुद्ध करने वाले इंडोर प्लांट्स जैसे- ऐलोवेरा, बांस का पौधा, पीस लीली, स्पाइडर प्लांट आदि भी लगा सकते हैं।


सुप्रीम फैसले से दोनों वर्ग सहमत

नई दिल्ली। पूरा देश टीवी के आगे बैठा टकटकी लगाए हुए ऐतिहासिक फैसले का इंतजार कर रहा था। पांच सदस्यों की खंडपीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया। एक-एक कर फैसला सामने आते गए। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सबसे पहले शिया वक्फ बोर्ड की याचिका को खारिज किया। उसके बाद निर्मोही अखाड़ा के याचिका को भी खारिज करते हुए कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को इस मामले में दावा करने का अधिकार ही नहीं है। पांच लिफाफे में बंद फैसले एक-एक कर सामने आते गए और सस्पेंस खुलता चला गया। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि विवादित भूमि नजूल भूमि है और यहां 1949 से मूर्तियां रखी गई है। अदालत ने एएसआई रिपोर्ट को आधार मानते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद किसी खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी। उसके नीचे मंदिर के अंश पाए गए थे। वह मंदिर 12 वीं सदी में बना हुआ मंदिर था। वहीं अदालत ने यह भी माना कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, इसे लेकर कोई संशय नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए विवादित जमीन के तीन हिस्से करने के फैसले को पलट दिया। वही अंत में सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया गया कि विवादित जमीन रामलला को सौंपी जाएगी। जहां आगामी 3 महीने में केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाकर मंदिर का निर्माण करेगी। वहीं मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ की जमीन कहीं और दी जाएगी। दोनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।


 


पराविद्या के विज्ञानवेता

मुनिवरो, आज हम तुम्हारे समक्ष पूर्व की भांति मनोहर वेद मंत्रों का गुणगान गाते चले जा रहे हैं। यदि तुम्हें प्रतीत हो गया होगा आज हमने पूर्व से जिन वेद मंत्रों का पठन-पाठन किया हमारे यहां परंपरागतो से ही उस मनोहर वेदवानी का प्रसार होता रहता है। जिस पवित्र वेद वाणी में उस परमपिता परमात्मा की महिमा का गुणगान गाया जाता है। क्योंकि वह महिमावादी है और वही यज्ञोमयी है। क्योंकि यह उसका आयतन है। उसका ग्रह है उसका सदन है और वह उसी में निवास कर रहा है। इसीलिए हम उस परमपिता परमात्मा की महिमा और उसकी अनंता के ऊपर सदैव विचार-विनिमय करते रहते हैं। और यह गीत गाते रहते हैं कि वह परमपिता परमात्मा अनंतमयी है और वह पुरोहित है। पुरोहित उसे कहा जाता है जो परा विद्या को प्रदान करने वाला है। पराविद्या कौन सी है। जिसे वह प्रदान करता है मानव के आत्म उत्थान के लिए जो कोई ज्ञान है। उसी को उधरवा में गमन कराने का नामकरण पुरोहित प्रदान करता रहता है। हम यह विचार-विनिमय करते रहे हैं कि वह परमपिता परमात्मा पुरोहित है। अनंतमयी है और उसकी अनंतता एक-एक परमाणु में एक-एक कण मे रहती है। इसलिए हम परमपिता परमात्मा की सदैव उपासना करते रहे हैं, और वह जो पुरोहित है पराविद्या को प्रदान करने वाला है। जिस पराविद्या से मानव के अंतरात्मा का उत्थान होता है और मानत्व प्राणत्व को आत्मा में निहित किया जाता है! तो ज्ञान और विज्ञान का नामकरण हमारे यहां पुरोहित के द्वारा ही प्राप्त होता रहता है!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 10, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-96 (साल-01)
2. रविवार, नवंबर 10, 2019
3. शक-1941, कार्तिक-शुक्ल पक्ष, तिथि- त्रयोदशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:33,सूर्यास्त 05:37
5. न्‍यूनतम तापमान -14 डी.सै.,अधिकतम-23+ डी.सै., छिटपुट बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...