मंगलवार, 20 अगस्त 2019

प्रधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
2019-8-21 • RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-18 (साल-01)
2.बुधवार,21अगस्‍त 2019
3.शक-1941,भादप्रद कृष्‍णपक्ष छठ,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:45,सूर्यास्त 7:07
5.न्‍यूनतम तापमान 27 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा में आद्रता रहेगी, बरसात की संभावना!
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा!
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार लोनी गाजियाबाद 201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी गाजियाबाद 201102
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पाक से 12 मिनट, इंडिया से 30 मिनट बात

तो अमरीका ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता शुरू कर दी है। 
लेकिन कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटने के बाद। 
इमरान खान से 12 मिनट और नरेन्द्र मोदी से 30 मिनट फोन पर बात की डोनाल्ड ट्रंप ने।
भारत की बर्बादी की बात करने वालों को कुचलना चाहिए-रेड्डी। दो व्यक्तियों के आपसी विवाद को हल करने के लिए जब तीसरा व्यक्ति संवाद के लिए आता है उसे मध्यस्थता कहा जाता है। यह माना जाता है कि अब विवाद का हल मध्यस्थता के जरिए होगा। पिछले तीन दिन से अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ की भूमिका ही निभा रहे हैं। 18 अगस्त को ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से 12 मिनट तक फोन पर बात की और 19 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संवाद किया। स्वाभाविक है कि भारत और पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर ही बात की होगी। संवाद के बाद दोनों देशों की सरकारों की। सरकार की ओर से जानकारी दी जा रही है वो ही मीडिया में प्रासारित हो रही है। दोनों ही देश अमरीका को अपना हितैषी मान रहे हैं। अमरीका पाकिस्तान का कितना हितैषी है यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन अमरीका भारत के साथ खड़ा है। इसके कई सबूत डोनाल्ड ट्रंप ने दे दिए हैं। इमरान खान ने गत माह अमरीका की यात्रा की थी, तब मीडिया के सामने ट्रंप ने कहा था कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी ने मुझ से मध्यस्थता करने के लिए कहा है। तब पूरे पाकिस्तान में खुशियां मनाई गई,क्योंकि पाकिस्तान तो यही चाहता था। हालांकि तब पीएम नरेन्द्र मोदी को छोड़कर भारत के सभी नेताओं और मंत्रियों ने ट्रंप के कथन का खंडन किया। 5 अगस्त को भारत की संसद ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाकर जम्मू कश्मीर प्रांत को केन्द्रशासित प्रदेश बना दिया। यानि अमरीका मध्यस्थता तो कर रहा है, लेकिन 370 के हटने के बाद। अब जब कश्मीर घाटी से पाकिस्तान का दखल ही बंद करवाया जा रहा है तब मध्यस्थता के क्या मायने हैं। इसे इमरान खान को समझना होगा। अब भारत की ओर से विवाद का कोई मुद्दा ही नहीं रहा है। अब नरेन्द्र मोदी का प्रयास होगा कि पाकिस्तान को चुप रहने के लिए अमरीका से मध्यस्थता करवाई जाए। यानि डोनाल्ड ट्रंप अब इमरान खान को समझाएं कि कश्मीर में आतंकी न भेजे और भड़काने वाली कार्यवाही नहीं करें। साथ ही भारत पर हमले की धमकी भी न दें। अब जब कश्मीर घाटी भी केन्द्र शासित हो गई है तो हमारे सुरक्षा बल आतंकियों, अलगाववादियों और महबूबा व उमर जैसे नेताओं से निपटने में समक्ष हैं। अब तक अनुच्छेद 370 के प्रावधानों की वजह से कश्मीर घाटी को विशेष दर्जा मिला हुआ था, इसलिए पाकिस्तान मनमानी कर रहा था। अमरीका अपनी मध्यस्थता से यदि पाकिस्तान को काबू में रखता है तो कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति हो जाएगी। कई बार डोनाल्ड ट्रंप को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। उनके बोलने के अंदाज को लेकर मजाक उड़ाया जाता है, लेकिन कश्मीर के मुद्दे पर ट्रंप ने बेहद समझदारी दिखाई है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद ही मध्यस्थता शुरू की है। 


गलत बयान बर्दाश्त नहीं होंगे:
केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने 20 अगस्त को दो टूक शब्दों में कहा है कि हमारे सुरक्षा बलों को लेकर गलत बयानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत की बर्बादी की बात करते हैं। उन्हें अब कुचलना चाहिए। मालूम हो कि जेएनयू की पूर्व छात्रा शहला रशीद ने ट्वीटर पर कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की है। हालांकि इस टिप्पणी के विरोध में शहला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है। लेकिन अब शहला की टिप्पणी को लेकर विवाद उठा खड़ा हुआ है। जेएनयू में भारत के खिलाफ नारे लगते रहे हैं। शहला को उन तत्वों में माना जाता है जो कश्मीर को भारत से लग करना चाहते हैं। 
एस.पी.मित्तल


50 वें दिन भी शिक्षा कर्मियों का धरना जारी

पचास दिनों से धरने पर बैठे हैं व्यावसायिक शिक्षा के संविदा कर्मी। 
गहलोत सरकार कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही। 
राजस्थान की एक हजार सरकारी स्कूलों में कबाड़ हो रहा है सामान। 
जयपुर। कलेक्ट्रेट के बाहर व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े संविदा कर्मियों का धरना पचासवें दिन भी जारी रहा। बरसात के दौरान भी संविदा कर्मी धरने पर बैठे हुए हैं। इन संविदा कर्मियों को राजस्थान में सरकार बदलने का खामियाजा उठाना पड़ रहा है। ऐसे कोई दो हजार कर्मी प्रदेश भर में हैं। सरकार के रवैये की वजह से प्रदेश की एक हजार स्कूृलों में रखा 15-15 लाख रुपए का सामान भी कबाड़ हो रहा है। गत भाजपा शासन में कौशल विकास की दृष्टि से प्रदेश की एक हजार सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू की गई। इसके अंतर्गत एक स्कूल में दो व्यावसायिक शिक्षक भी अनबुंध पर नियुक्त किए गए। कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा देने के लिए दस से पन्द्रह लाख रुपए की मशीने उपकरण आदि भी खरीदे गए। चूंकि कौशल विकास की यह योजना केन्द्र सरकार की है इसलिए कुल खर्च की सात प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार के द्वारा देय हैं। भाजपा शासन में प्रतिवर्ष व्यावसायिक शिक्षा के शिक्षकों के अनुबंध को बढ़ाया जाता रहा। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर शिक्षकों के अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया गया। कांग्रेस सरकार ने नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू तो चार वर्ष पुराने शिक्षक कोर्ट चले गए। कोर्ट ने आदेश दिया कि पुराने शिक्षकों को हटाया नहीं जा सकता। सरकार स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा में सहयोग करने वाली संस्थाओं में बदलाव कर सकती है। लेकिन नए शिक्षकों की भर्ती नहीं कर सकती। इस आदेश के बाद उम्मीद थी कि पुराने शिक्षकों के अनुबंध का नवीनीकरण हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गत 30 जून के बाद किसी भी शिक्षक का नवीनीकरण नहीं हुआ है। इससे पहले भी कोई डेढ़ वर्ष से शिक्षकों का वेतन बकाया है। अब जहां हजारों शिक्षक नौकरी से वंचित हो गए हैं, वहीं स्कूल में रखा सामान भी कबाड़ हो रहा है। व्यावसायिक प्रशिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री कमलेश रैगर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह किया है कि शिक्षकों के अनुबंध का नवीनीकरण किया जाए। इससे स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा का काम भी ठप हो गया है। यानि राजस्थान में कौशल विकास की योजना बंद पड़ी है। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 7726912999 पर कमलेश रैगर से ली जा सकती है। 
एस.पी.मित्तल


जन जलापूर्ति पर कोई फैसला नहीं

एक करोड़ लोगों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध से पानी की निकासी जारी रहेगी, लेकिन अजमेर में सप्लाई बढ़ाने पर अभी भी कोई फैसला नहीं। 

जयपुर। बीसलपुर बांध से पानी की निकासी जारी रही। पहले 6 हजार क्यूसेक पानी निकालने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे बढ़ा कर अब 18 हजार क्यूसेक कर दिया गया है। बांध का जलस्तर 315.50 बनाए रखा गया है। असल में बांध में पानी की आवक लगातार जारी है। 20 अगस्त को भी त्रिवेणी पर जल स्तर 2.40 मीटर का रहा। इसलिए बांध से पानी की निकासी जारी रखी गई। जलदाय और सिंचाई विभाग के इंजीनियरों के अनुसार त्रिवेणी पर जब एक मीटर का जलस्तर होगा, तब बांध से पानी की निकासी बंद करने पर विचार किया जाएगा। चूंकि बांध की भराव क्षमता 315.50 मीटर है, इसलिए ज्यादा पानी संग्रह करने का जोखिम नहीं लिया जा सकता है। पूरा भरा होने पर बांध के सभी 18 रेडियल गेटों पर दबाव रहता है। जानकार सूत्रों के अनुसार यदि पानी की आवक इसी रफ्तार से रही तो बांध से 22 अगस्त तक पानी की निकासी जारी रहेगी। बांध से पानी की निकासी के दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग बीसलपुर पहुंच रहे हैं। 19 अगस्त से ही बांध के आसपास मेले जैसा माहौल है। बांध के निकट ही शिवालय बना हुआ है, इसलिए ग्रामीण भी बड़ी संख्या में प्रसादी व अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए एकत्रित हो रहे हैं। 
सप्लाई बढ़ाने पर फैसला नहीं:
एक ओर बांध से बड़ी मात्रा में पानी की निकासी हो रही है तो दूसरी ओर अजमेर जिले के शहरी क्षेत्रों में तीन दिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दस दिन पेयजल की सप्लाई हो रही है। सप्लाई के अंतराल को कम करने के लिए लगातार मांग हो रही है, लेकिन किसी भी स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही। अजमेर शहर में पेयजल वितरण का जिम्मा संभालने वाले जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता सीएल जाटव ने बताया सप्लाई के बारे में सारकार के स्तर पर निर्णय होना है। लेकिन अभी तक भी कोई निर्णय नहीं हुआ है। मालूम हो कि अजमेर के पेयजल का एक मात्र स्त्रोत बीसलपुर बांध ही है। इस बांध से अजमेर सहित जयपुर, टोंक और दौसा जिले के एक करोड़ लोगों की प्यास बुझाई जाती है। 
एस.पी.मित्तल


विवाद में फंसा राजीव गांधी जयंती का विज्ञापन

डिप्टी सीएम सचिन पायलट के विभाग द्वारा जारी विज्ञापन में सीएम अशोक गहलोत का फोटो नहीं। राजस्थान में कांग्रेस सरकार मना रही है स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती। 
राजीवजी की तरह काम करें सीएम गहलोत-पायलट।

जयपुर। प्रदेश के प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी की 75वीं  जयंती को लेकर राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की ओर से पूरे पृष्ठ का विज्ञापन छपा है। सरकार के इस विज्ञापन में ग्रामीण विकास की योजनाओं का उल्लेख तो है, लेकिन सीएम अशोक गहलोत का फोटो नहीं है। जबकि सरकार की उपलब्धियों वाले सभी विज्ञापनों में मुख्यमंत्री का फोटो लगाया जाता है। राजस्थान में पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री डिप्टी सीएम सचिन पायलट हैं। असल में पायलट के विभागों द्वारा जारी विज्ञापनों में सीएम गहलोत के फोटो से परहेज ही किया जाता है। ऐसा नहीं कि राजीव गांधी की जयंती पर जारी सरकार के विज्ञापनों में सीएम का फोटो नहीं है लगाया जा रहा है। 19 अगस्त को ही जयंती के विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर पूरे पृष्ठ के जो विज्ञापन छपे, उनमें सीएम गहलोत का फोटो लगा हुआ है। यानि सिर्फ ग्रामीण विकास और पंचायती राज के विज्ञापन में ही सीएम का फोटो नहीं है। इस विभाग के अधिकारी तो नियम कायदे समझते हैं, इसलिए सरकार के विज्ञापन में सीएम के फोटो का प्रस्ताव दिया ही होगा, लेकिन इसके बाद भी सीएम का फोटो न लगना राजस्थान में सरकार और संगठन की स्थिति को उजागर करता है। सचिन पायलट सरकार में डिप्टी सीएम होने के साथ साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। 19 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी की जयंती पर जयपुर के बिड़ला ऑडीटोरियम में अनेक कार्यक्रम हुए, लेकिन इन कार्यक्रमों में डिप्टी सीएम की कहीं भी उपस्थिति नहीं देखी गई, जबकि सीएम गहलोत दिन भर उपस्थित रहे। 20 अगस्त को जयंती पर पंचायती राज स्वायत्त शासन सशक्तिकरण को लेकर एक सत्र रखा गया। इस सत्र के मुख्य अतिथि सीएम गहलोत रहे, जबकि अध्यक्षता डिप्टी सीएम पायलट ने की। हालांकि गहलोत और पायलट आपसी मतभेदों से हमेशा इंकार करते हैं, लेकिन अनेक मौकों पर दोनों के बीच सद्भावाना भी नहीं दिखती। राजीव गांधी की जयंती पर यदि और कोई विभाग विज्ञापन जारी करता तो क्या उसके मंत्री में सीएम का फोटो नहीं लगाने की हिम्मत होती? ऐसी हिम्मत तो सचिन पायलट का ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ही दिखा सकता है। सरकारी विज्ञापन में सीएम का फोटो न छपना भले ही कुछ लोगों को मामूली बात लगे, लेकिन यह घटना राजस्थान में सरकार और संगठन के लिए बड़ी है। 
राजीव गांधी की तरह काम करे-पायलट:
20 अगस्त को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में स्व. राजीव गांधी की जयंती पर श्रद्धांजलि सभा रखी गई। इस सभा में सीएम अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, सभी मंत्री, पदाधिकारी आदि उपस्थित थे। पायलट ने प्रदेशाध्यक्ष की हैसियत से सरकार को नसीहत देने वाला भाषण दिया। पायलट ने सीएम गहलोत की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिस प्रकार राजीव गांधी जी ने संगठन को महत्व दिया, उसी प्रकार राजस्थान में भी मिलना चाहिए। सीएम साहब को चाहिए कि विधायक और कार्यकर्ता की मंशा पर घोषणाएं कर दें। राजीव गांधी ने मुम्बई के अधिवेशन में कहा था कि सत्ता के दलालों को कार्यकर्ता बाहर कर दें। जब इतना बोल्ड कदम राजीव गांधी उठा सकते हैं तो हम क्यों नहीं?
पायलट ने कहा कि सत्ता कार्यकर्ता के दम पर आती है। कार्यकर्ता ही जनता के बीच जाकर काम करता है। राजस्थान के लिए यह अच्छी बात है कि कांग्रेस की सरकार है। अपनी सरकार में कार्यकर्ता का सम्मान होना ही चाहिए। कार्यकर्ता को यह लगना चाहिए कि वह सरकार का अंग है। कार्यकर्ता ही सत्ता दिलवाता है। आने वाले दिनों में हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली और झारखंड में चुनाव होने हैं। राजस्थान के कांग्रेस के कार्यकर्ता इन राज्यों में जाकर कांग्रेस को फिर से मजबूत करेंगे। पायलट ने जिस अंदाज में भाषण दिया उससे कार्यकर्ता बेहद उत्साहित दिखा। मालूम हो कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बने आठ माह हो गए है, लेकिन अभी तक भी राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हुई हैं। कार्यकर्ता सरकारी पद पाने के इंतजार में हैं। पायलट ने प्रभावी और दमदार तरीके से कार्यकर्ताओं की भावनाएं मुख्यमंत्री के सामने रख दी है। साथ ही सत्ता के दलालों से सावधान रहने की नसीहत दी है। 
एस.पी.मित्तल


बस पलटने से चालीस छात्रो को लगी चोट

इकबाल अंसारी


पताही के पचपकडी बाजार स्थित एक निजी विद्यालय की बस सोमवार को पताही थाना क्षेत्र के पदुमकेर हनुमान मंदिर के पास पलट गई। बस में सवार 40 बच्चे चोटिल हो गए।


मोतिहारी। पताही के पचपकडी बाजार स्थित एक निजी विद्यालय की बस सोमवार को पताही थाना क्षेत्र के पदुमकेर हनुमान मंदिर के पास पलट गई। बस में सवार 40 बच्चे चोटिल हो गए। बस बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। गनीमत है कि कोई बच्चा गंभीर से जख्मी नहीं हुआ है। इस दुर्घटना की सूचना पर लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े और बच्चों को बस से बाहर निकालने में कदद करने लगे। दूसरी ओर, अभिभावकों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि घटना की सूचना विद्यालय के संचालक द्वारा उन्हें नहीं दी गई। आनन-फानन में छात्र-छात्राओं को दूसरे वाहन से घर भेजने का काम होने लगा। जानकारी मिलने पर अभिभावक जैसे-तैसे घटनास्थल पर पहुंचे। इधर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोदनारायण कुमार ने जिलाधिकारी से पताही प्रखंड क्षेत्र एवं पचपकडी में संचालित निजी विद्यालयों की जांच कराकर वाहनों के संचालन से संबंधित मानकों का पालन सुनिश्चित कराने की मांग की है। बता दें कि ज्यादातर निजी शिक्षण संस्थान सरकारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं। सुविधाओं के नाम पर मोटी रकम की वसूली तो की जा रही है, मगर उसके अनुरूप बच्चों को सुविधाएं नहीं मिल रहीं हैं। वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जा रहा है। इस पर निगरानी के लिए कोई प्रशासनिक व्यवस्था नहीं है। इस बात से लोगों में आक्रोश है।


चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज:एचसी

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन मामलों में कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति सुनील गौर ने मामले पर अपना फैसला सुनाया। उन्होंने 25 जनवरी को इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। चिदंबरम ने हाईकोर्ट से तीन दिनों की मोहलत मांगी है। इससे पहले जिरह के दौरान सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने ही चिदंबरम की अर्जी का इस आधार पर विरोध किया था कि उनसे हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि वह सवालों से बच रहे हैं। दोनों जांच एजेंसियों ने दलील दी थी कि चिदंबरम के वित्तमंत्री के तौर पर कार्यकाल के दौरान मीडिया समूह को 2007 में विदेश से 305 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त करने के लिए एफआईपीबी मंजूरी प्रदान की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने दलील दी कि जिन कंपनियों में धनराशि हस्तांतरित की गई वे सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर चिदंबरम के पुत्र कार्ति द्वारा नियंत्रित हैं और उनके पास यह मानने का एक कारण है कि आईएनक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी उनके पुत्र के हस्तक्षेप पर प्रदान की गई। उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई 2018 को चिदंबरम को दोनों ही मामलों में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था जिसे समय समय पर बढ़ाया गया।


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...