सोमवार, 24 अप्रैल 2023

गांधी की टिप्पणी को लेकर मुकदमा, सुनवाई पर रोक 

गांधी की टिप्पणी को लेकर मुकदमा, सुनवाई पर रोक 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। पटना उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ यहां की एक अदालत में चल रही मुकदमे की सुनवाई पर सोमवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने गांधी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाही पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया है कि चूंकि उन्हें पहले ही गुजरात की एक अदालत द्वारा इसी तरह के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है, इसलिए उनपर उसी अपराध के लिए फिर से मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के वकील एस डी संजय ने बताया, “उच्च न्यायालय ने 15 मई तक मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी है। उसी तारीख पर हम याचिका पर अपना जवाब दाखिल करेंगे।” साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक चुनावी रैली में राहुल गांधी के भाषण देने के कुछ दिनों बाद सुशील मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

यहां की सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामले की सुनवाई के लिये गठित विशेष अदालत ने हाल के एक आदेश में गांधी को याचिका के संबंध में 25 अप्रैल को उसके समक्ष पेश होने को कहा था। गौरतलब है गांधी को ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले में सूरत की एक अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था और दो साल कैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

ऑस्टियोआर्थराइटिस, नई कोशिका थैरेपी विकसित 

ऑस्टियोआर्थराइटिस, नई कोशिका थैरेपी विकसित 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिकों ने ऑस्टियोआर्थराइटिस के उपचार के लिए एक इंजेक्शन से दी जाने वाली नई कोशिका थैरेपी विकसित की है, जो उनके मुताबिक सूजन कम करती है और उपास्थियों (कार्टिलेज) को फिर से विकसित करती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस से दुनियाभर में 52 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होते हैं, जिन्हें दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। जोड़ों में किसी चोट की वजह से उपास्थि के चोटिल होने के कारण यह समस्या पैदा होती है, जिसे प्राकृतिक तरीके से सुधारा नहीं जा सकता। 

अमेरिका स्थित वेक फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट फॉर रिजेनरेटिव मेडिसिन (डब्ल्यूएफआइआरएम) की प्रमुख लेखक जोहन्ना बोलांडर ने कहा, हमने देखा कि ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ों में क्या समस्या होती है, हमने इसकी तुलना सामान्य स्थिति से की और एक इम्युनोथैरेपी सेल उपचार पद्धति विकसित करने के लिए इस सूचना का उपयोग किया। ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों से जुड़ी बीमारी है। जोड़ में एक श्लेष झिल्ली होती है। यह एक संयोजी ऊतक होता है, जो जोड़ की आंतरिक सतह को विभाजित करता है। झिल्ली जोड़ की रक्षा का काम करती है और एक स्वस्थ वातावरण बनाए रखने और घर्षण मुक्त गतिविधि प्रदान करने के लिए जरूरी कोशिका तत्वों से भरे एक स्नेहक द्रव को अलग रखती है। 

सह-अध्ययनकर्ता गैरी पोलिंग ने कहा कि चोट लगने पर श्लेष झिल्ली में सूजन आ जाती है और उपास्थि को नुकसान होता है। उन्होंने कहा, समय के साथ सूजन बढ़ जाती है और जोड़ की हड्डियों की परत के रूप में काम करने वाली उपास्थि क्षतिग्रस्त हो जाती है तथा आसपास के ऊतकों में सूजन बढ़ जाती है। रोगियों को इस स्थिति में बहुत दर्द होता है, सूजन होती है और कई बार दैनिक गतिविधियां अवरुद्ध हो जाती हैं। ‘साइंस एडवांसेस’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में इस बात का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया कि ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ में ऐसा क्या हो रहा है, जो सुधार प्रक्रिया को रोकता है...!

विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने की वकालत की

विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने की वकालत की

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को यहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और उन्होंने विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने की वकालत की। दोनों क्षेत्रीय नेताओं ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मिलकर तैयारी करने की जरूरत पर जोर दिया। दोनों नेताओं की मुलाकात को ‘सकारात्मक’ बताया गया है, जिसमें बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी उपस्थित थे। राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में बैठक के बाद कुमार ने कहा, ‘‘बेहद सकारात्मक बातचीत हुई। विपक्षी दलों को एकसाथ बैठकर रणनीति तैयार करने की जरूरत है।’’ बैठक से बाहर आकर ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘हमें यह संदेश देना है कि हम सभी एक साथ हैं।’’

दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा के बारे में अभी ज्यादा विवरण नहीं मिला है। दोनों ने केवल प्रमुख बिंदुओं के बारे में ही बताया। सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने बैठक में इस बारे में बातचीत की कि वे चुनाव से पहले कारगर गठबंधन बनाने के लिए किस तरह मिलकर काम कर सकते हैं। कुमार ने सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया, ‘‘भारत के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा, शासन करने वालों को केवल प्रचार करने में दिलचस्पी है।’

ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी के साथ पिछले महीने इसी तरह की बैठकें की थीं। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए कुमार ने इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। 

भाजपा के एक और विधायक ने पद से इस्तीफा दिया 

भाजपा के एक और विधायक ने पद से इस्तीफा दिया 

इकबाल अंसारी 

इंफाल। मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक और विधायक ने सोमवार को अपने प्रशासनिक पद से इस्तीफा दे दिया। इस महीने प्रशासनिक पद से इस्तीफा देने वाले ख्वाइरकपम रघुमणि इस पूर्वोत्तर राज्य में सत्तारूढ़ दल के चौथे विधायक हैं। उरीपोक के भाजपा विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि ने मणिपुर नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (एमएएनआईआरईडीए) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है।

मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को भेजे अपने त्याग पत्र में रघुमणि ने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से और जनहित में पद छोड़ रहे हैं। ‘‘मैंने महसूस किया है कि एमएएनआईआरईडीए के अध्यक्ष के रूप में मेरे इस पद पर बने रहने की जरूरत नहीं है।’’ भाजपा की राज्य इकाई में अपने प्रशासनिक पदों से लगातार विधायकों के इस्तीफों से इन अटकलों को बल मिल रहा है कि बीरेन सिंह सरकार के लिए सबकुछ ठीक नहीं है।

थोकचोम राधेश्याम ने आठ अप्रैल को मुख्यमंत्री के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद 17 अप्रैल को लंगथबल से विधायक करण श्याम ने पर्यटन निगम मणिपुर लिमिटेड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। वांगजिंग टेंथा के विधायक पाओनम ब्रोजेन ने 20 अप्रैल को ‘‘व्यक्तिगत कारणों’’ का हवाला देते हुए मणिपुर डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। मुख्यमंत्री ने 21 अप्रैल को पार्टी की एक बैठक करने के बाद दावा किया था, ‘‘पार्टी में कोई संकट नहीं है।’’

नगा समुदाय के अवशेषों को वापस लाने की प्रक्रिया 

नगा समुदाय के अवशेषों को वापस लाने की प्रक्रिया 

अखिलेश पांडेय 

लंदन/कोहिमा। ब्रिटेन के एक संग्रहालय से नगा समुदाय के मानव अवशेषों को वापस लाने की प्रक्रिया जारी है। ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड के ‘पिट रिवर म्यूजियम’ (पीआरएम) में नगा समुदाय के 213 मानव अवशेषों समेत दुनिया भर की कई प्राचीन वस्तुएं रखी हैं। पीआरएम ने 2020 में घोषणा की थी कि वह प्रदर्शनी से मानव अवशेषों और अन्य ‘‘असंवेदनशील वस्तुओं’’ को हटाएगा। इसका पता चलने पर ऑस्ट्रेलिया की एक नगा मानविकीविद् डॉली कोन्याक ने स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में रहने वाले नगा समाजशात्री डॉ. अरकातोंग लोंगकुमेर से संपर्क किया और उन्होंने पीआरएम की निदेशक लॉरा वान ब्रोएखोवेन से संवाद किया। ब्रोएखोवेन ने इसके बाद ‘फोरम फॉर नगा रेकन्सिलिऐशन’ (एफएनआर) से मानव अवशेषों को वापस भेजे जाने की प्रक्रिया में मदद करने का आग्रह किया।

एफएनआर केंद्र के साथ शांति वार्ता कर रहे विभिन्न नगा धड़ों के बीच सुलह की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। ब्रिटेन के लोग नगालैंड और इस क्षेत्र में नगा आबादी वाले अन्य क्षेत्रों से इन मानव अवशेषों को एक सदी से भी अधिक समय पहले ले गए थे और इन मानव अवशेषों को वापस भेजा जाना ‘‘अनौपनिवेशीकरण’’ प्रक्रिया का हिस्सा है।

एफएनआर के संयोजक वती ऐयर ने कहा कि संगठन इस प्रक्रिया में मदद कर रहा है, जो अभी प्रारंभिक चरण में है। एफएनआर की सदस्य एलेन कोन्याक जमीर ने बताया कि फोरम ने डॉली कोन्याक एवं लोंगकुमेर और नगा समाज के कुछ अन्य सदस्यों के साथ मिलकर 2020 में एक ‘रिकवर, रिस्टोर एंड डीकोलोनाइज’ (पुन:प्राप्ति, पुन: स्थापना और उपनिवेश का समापन) दल का गठन किया, जो मानव अवशेषों को वापस लाने की प्रक्रिया में मदद करेगा।

जमीर ने बताया, ‘‘हमें पता चला है कि मानव अवशेषों को जबरन ले जाया गया था और उन्हें दफनाने की उचित रस्म नहीं निभाई गई थी या उनके साथ गरिमापूर्ण व्यवहार नहीं किया गया था। उन्हें मनोरंजन के लिए सूचना देने या अनुसंधान के उद्देश्य से ले जाया गया था जो हमारे मूल्यों और विश्वास के विरुद्ध है।’’ 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-193, (वर्ष-06)

2. मंगलवार, अप्रैल 25, 2023

3. शक-1944, बैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि-पंचमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम- 34+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

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