रविवार, 23 अप्रैल 2023

कौशाम्बी: आदर्श आचार-संहिता के संबंध में बैठक 

कौशाम्बी: आदर्श आचार-संहिता के संबंध में बैठक 


निर्वाचन निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराना सर्वोच्च प्राथमिकता- जिला निर्वाचन अधिकारी

जिला निर्वाचन अधिकारी ने की नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन-2023 में अध्यक्ष पद, के लिए निर्वाचन लड़ने वाले समस्त जब उम्मीदवारों के साथ आदर्श आचार-संहिता के संबंध में बैठक 

सभी उम्मीदवार आदर्श आचार-संहिता का करें अनुपालन

कौशाम्बी। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी (न0नि0) सुजीत कुमार की अध्यक्षता में उदयन सभागार में नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन-2023 में अध्यक्ष पद, नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत के लिए निर्वाचन लड़ने वाले समस्त उम्मीदवारों के साथ आदर्श आचार-संहिता के संबंध में बैठक की गई है। बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी उम्मीदवारों से कहा कि निर्वाचन निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराना सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होनें उम्मीदवारों से कहा कि आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएं। किसी भी स्तर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न किया जाय। चुनाव प्रचार वाहन, सभा तथा चौपाल आदि के लिए संबंधित उप जिलाधिकारियों से अनुमति अवश्य प्राप्त कर लिया जाएं, नियमानुसार अनुमति प्रदान की जाएगी। मतदान कर्मियों को प्रभावित करने कार्य न किया जाएं।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतदान के दिन एजेंट नियुक्त करने से संबंधित विस्तृत जानकारी दी, तथा प्रत्याशियों की समस्याओं/जिज्ञासाओं को सुनकर समाधान किया। उप जिला निर्वाचन अधिकारी जयचंद पाण्डेय ने आदर्श आचार संहिता की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किसी अन्य राजनीतिक दल/उम्मीदवार या उसके समर्थक का पुतला लेकर चलने, उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर जलाने अथवा इस प्रकार के अन्य कृत्य व प्रदर्शन नहीं करेंगे, न हीं इसका समर्थन करेंगे, निर्धारित व्यय सीमा से अधिक व्यय नहीं करेंगे। किसी भी उम्मीदवार या उम्मीदवारों के राजनीतिक विचारों या कृत्यों से असहमति एवं मतभिन्नता होते हुए भी प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण विघ्नरहित पारिवारिक जीवन के अधिकार का आदर किया जाएगा। किसी व्यक्ति के विचार/मत/कृत्य का विरोध, उसके निवास के सामने कोई भी प्रदर्शन या धरना आयोजित करके नही किया जाएगा।

चुनाव प्रचार के लिए किसी व्यक्ति की भूमि/भवन/अहाते/दीवार का उपयोग झंडा लगाने/झंडिया टाॅगने/ बैनर लगाने जैसे कार्य उस व्यक्ति की अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा और न ही अपने चुनाव कार्यकर्ताओं/एजेन्ट को ऐसा करने देंगे। किसी भी शासकीय/सार्वजनिक संपत्ति/स्थल/भवन/परिसर में/पर विज्ञापन, वॉल राइटिंग नहीं करेंगे, कटआउट/होर्डिंग/बैनर आदि नहीं लगाएंगे और ना ही किसी प्रकार से गंदा करेंगे। अन्य उम्मीदवार के पक्ष में आचार संहिता का उल्लंघन कर लगाए गए झंडे या पोस्टरों को स्वयं न हटाकर, उन्हें हटाने तथा नियम संगत कार्यवाही के लिए जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाएगा। चुनाव प्रचार के लिए वाहनों के प्रयोग के लिए जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त की जाएगी।

बैठक में अधिकारियों ने कहा कि चुनाव प्रचार हेतु लाउडस्पीकर एवं साउंड बॉक्स का प्रयोग पूर्वानुमति लेकर ही करेंगे और इनका प्रयोग रात 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा। स्थायी तौर पर लाउडस्पीकर एवं साउण्ड बाक्स नही स्थापित किया जाएगा। टीवी चैैनल/केबिल नेटवर्क/ वीडियो वाहन अथवा रेडियो से किसी भी प्रकार का विज्ञापन/प्रचार जिला प्रशासन की अनुमति के पश्चात ही किया जाएगा। कोई भी मुद्रक या प्रकाशक या कोई व्यक्ति ऐसी कोई निर्वाचन/प्रचार सामाग्री, जिसके मुख पृष्ठ पर उसके मुद्रक व प्रकाशक का नाम और पता न हो, मुद्रित या प्रकाशित नही करेगा और न ही मुद्रित या प्रकाशित कराएगा। मुद्रण के अंतर्गत फोटोकॉपी भी सम्मिलित होगी। किसी भी व्यक्ति द्वारा राजनैतिक दलों/प्रत्याशियों की अनुमति के बिना उनके पक्ष में निर्वाचन विज्ञापन या प्रचार सामग्री प्रकाशित नहीं करायी जाएगी। यदि कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन करता है, तो उसका यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 171-एच के अंतर्गत दंडनीय होगा।

सभा/रैली/जुलूस का आयोजन जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लेकर किया जाएगा। किसी अन्य राजनैतिक दल/उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित सभाओं और जुलूसो आदि में किसी भी प्रकार से बाधा या विघ्न उत्पन्न नहीं किया जाएगा। सभा/रैली/जुलूस को इस प्रकार आयोजित किया जाएगा कि यातायात में बाधा उत्पन्न न हो। जुलूसों और सभाओं या रैलियों में जिला प्रशासन द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अंतर्गत प्रतिबंधित असलहे, लाठी-डंडे/ईट-पत्थर आदि लेकर नहीं चलेंगे। सभा/रैली/जुलूस में लाउडस्पीकर या किसी प्रचार वाहन /वीडियो वाहन का उपयोग जिला प्रशासन की अनुमति लेकर करेंगे। रात के 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक लाउडस्पीकर/साउण्ड बाक्स का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व सार्वजनिक सभा व चुनाव प्रचार बंद कर दिया जाएगा। इसमें टीवी/केबिल चैैनल/रेडियो/प्रिट मीडिया आदि द्वारा चुनाव प्रचार/विज्ञापन भी सम्मिलित होगा। किसी भी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन से संबंधित पहलुओं पर आलोचना नहीं की जाएगी। मत प्राप्त करने के लिए जातीय, साम्प्रदायिक और धार्मिक भावना का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहारा नहीं लिया जाएगा। पूजा स्थलों यथा-मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर व गुरुद्वारा आदि का उपयोग निर्वाचन में प्रचार के लिए तथा निर्वाचन संबंधी अन्य कार्यों के लिए नहीं किया जाएगा। 

निर्वाचन कार्य में लगे हुए अधिकारियों के साथ शांतिपूर्वक, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तथा सुव्यवस्थित ढंग से मतदान संपन्न कराने के लिए सहयोग करेगें। फर्जी मतदान करने अथवा कराने के लिए किसी व्यक्ति को न तो उकसाएंगे, न ही मदद करेंगे। मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने/वापस ले जाने के लिए वाहन नहीं उपलब्ध कराया जाएगा। वोट डालने के लिए कोई भी मतदाता स्वयं अथवा अपने परिवार के सदस्यों के लिए अपने निजी वाहन को मतदान केंद्र के 100 मीटर रेडियस तक ही ले जा सकेंगे। मतदान के दिन मतदान केंद्र के 100 मीटर के रेडियस के अंदर चुनाव प्रचार नहीं करेंगे, न हीं वोट मांगेंगे। मतदान केंद्र में या उसके आसपास आपत्तिजनक आचरण नहीं करेंगे। मतदान से संबंधित अधिकारियों के कार्य में बाधा नही डालेंगे, न हीं उनसे अभद्र व्यवहार करेंगे। मतदान केंद्रों पर कब्जा करने अथवा मतदाता को मतदान से रोकने या उसे मतदान स्थल तक जाने में बाधा उत्पन्न करने का कार्य नहीं करेंगे।

मतदाताओं को पहचान पर्चियां सादे कागज पर दी जाएगी और उन पर कोई प्रतीक उम्मीदवार का नाम नहीं होगा। मतदान के दिन मतदान केंद्रों के निकट लगाए गए शिविर लघु आकार के होंगे और आसपास अनावश्यक भीड़ नहीं होने देंगे, उस पर कोई झंडा, प्रतीक अथवा अन्य कोई प्रचार सामग्री प्रदर्शित नहीं की जाएगी एवं न हीं खाद्य पदार्थ दिए जाएंगे।

सुशील केसरवानी

आज नेताओं के सम्मेलन का आयोजन करेगा 'मंत्रालय'

आज नेताओं के सम्मेलन का आयोजन करेगा 'मंत्रालय'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत सरकार का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व मलेरिया दिवस के प्रणेता के रूप में, 24 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में एशिया प्रशांत क्षेत्र के नेताओं का मलेरिया गठबंधन (एपीएलएमए) के साथ साझेदारी में मलेरिया उन्मूलन के लिए एशिया प्रशांत नेताओं के सम्मेलन का आयोजन करेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के मार्गदर्शन में यह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के लिए कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है।

सम्मेलन एशिया प्रशांत क्षेत्र के नेताओं को मलेरिया उन्मूलन की दिशा में चल रहे प्रयासों पर चर्चा करने और वर्ष 2030 तक मलेरिया से मुक्त एशिया प्रशांत क्षेत्र के लक्ष्य की दिशा में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रगति को पुन: सशक्त बनाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाले सत्रों में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय प्रगति पर नज़र रखना, जोखिम वाली आबादी तक पहुँच की प्रगति में तेजी लाने के लिए अनुसंधान, नवाचार और नई तकनीकों का लाभ उठाना और बीमारी को समाप्त करने के लिए सरकार के समग्र दृष्टिकोण को अपनाना शामिल होगा।

भारत ने हाल के वर्षों में मलेरिया उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है और वैश्विक स्तर पर इसकी सराहना की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ‘हाई बर्डन टू हाई इम्पैक्ट’ पहल का हिस्सा रहने वाले उन 11 देशों में से केवल भारत ने कोविड-19 महामारी की सर्वाधिक प्रभाव के दौरान मलेरिया के मामलों में गिरावट दर्ज की है। वर्ष 2015 से 2022 तक मलेरिया के मामलों में 85.1 प्रतिशत और और मृत्यु में 83.6 प्रतिशत की गिरावट आई है।

सम्मेलन की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल करेंगे। इस कार्यक्रम में मिजोरम के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण, डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, विश्व स्वास्थ्य संगठन, एसईएआरओ, एपीएलएमए सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्री शामिल होंगे। सोलोमन द्वीप के महामहिम स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कुल्विक तोगमना और फिजी गणराज्य के महामहिम स्वास्थ्य मंत्री डॉ. एटोनियो लालबालावु भी इस सम्मेलन में भाग लेने वालों में शामिल हैं। विभिन्न सरकारी विभागों, विकास भागीदारों और कॉरपोरेट्स के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे।

पनबिजली परियोजना को लेकर सतर्क है...सरकार 

पनबिजली परियोजना को लेकर सतर्क है...सरकार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि भारत में प्रवेश से पहले चीनी इलाके में ब्रह्मपुत्र नदी पर 60 हजार मेगावाट क्षमता की पड़ोसी देश की पनबिजली परियोजना को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क है और इस पर पैनी नजर बनाये हुए है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के कारण भारतीय हित प्रभावित न हों, इसे लेकर सरकार पूरी तरह से जागरूक है। शेखावत ने कहा, ‘‘ चीन पहले लगातार इस बात से इंकार करता रहा है कि इस तरह की उसकी कोई बांध परियोजना है। लेकिन गत दो-तीन वर्षों में, पहले वहां की सरकारी कंपनी ‘पावर चाइना’ ने और बाद में वहां की सरकार ने अपनी पंचवर्षीय योजना में इस बात का उल्लेख किया है।’’

उन्होंने कहा कि पहले ‘पावर चाइना’ ने और बाद में वहां की सरकार ने अपनी पंचवर्षीय योजना में उल्लेख किया कि ब्रह्मपुत्र नदी जहां पर भारत में प्रवेश करती है, उससे पहले ऊपरी इलाके में कई तरह के ढांचे खड़े कर 60 हजार मेगावाट पनबिजली पैदा की जायेगी। शेखावत ने कहा, ‘‘ भारत सरकार निरंतर इस विषय पर पैनी नजर रखे हुए है और भारत के हितों पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े, इसके लिए हर संभव कदम उठाने के लिए जागरूक भी हैं और आगे काम भी करेंगे।’’

गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में कई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि चीन, अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बड़ी पनबिजली परियोजना का निर्माण कर रहा है। चीन की सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के हवाले से वर्ष 2021 में कहा गया था कि चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की वर्ष 2021 में हुई बैठक में 14वीं पंचवर्षीय योजना को मंजूरी दी गई थी।चौदहवीं पंचवर्षीय योजना में ब्रह्मपुत्र नदी की धारा पर बांध बनाना शामिल था। ब्रह्मपुत्र को तिब्बत में यारलुंग सांगपो कहा जाता है, जिस पर बांध बनाने का प्रस्ताव किया गया था। इस पर भारत और बांग्लादेश ने चिंता जताई थी। चीन ने इस तरह की चिंताओं को दूर करते हुए कहा था कि वह उनके हितों को ध्यान में रखेगा।

वर्ष 2022 में संसद में पेश जल संसाधन संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, समिति को विदेश मंत्रालय द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्य धारा पर तीन जल विद्युत परियोजनाओं को चीनी प्राधिकार ने मंजूरी दी है। समिति को यह भी बताया गया था कि ब्रह्मपुत्र नदी पर विकास संबंधी कार्यों को लेकर भारत जैसे देशों के हितों को सुनिश्चित करने के लिये चीनी प्रशासन के समक्ष लगातार विचार एवं चिंताएं व्यक्त की जाती रही हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने बताया था कि जल विद्युत परियोजना ‘रन ऑफ द रिवर’ (नदी के प्रवाह के साथ) पर है और इसमें ब्रह्मपुत्र नदी का जल विभाजन शामिल नहीं है। हालांकि, संसदीय समिति ने आशंका व्यक्त की थी कि पानी को तालाबों में संग्रहित किया जा सकता है और टर्बाइन चलाने के लिए छोड़ा जा सकता है, जिससे कुछ समस्याएं हो सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान 30 दिनों तक रोजा रखा: खान

गर्भावस्था के दौरान 30 दिनों तक रोजा रखा: खान

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड को अलविदा कह चुकी सना खान, पति मुफ्ती अनस सैयद के साथ अपने पहले बच्चे का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। सना ने हाल ही में खुलासा किया कि उन्होंने रमजान के पवित्र महीने के दौरान पूरे 30 दिनों तक रोजा रखा। सना खान ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रेग्नेंसी के ट्राइमेस्टर के दौरान काफी आसानी से रोजा किया और यह भी बताया कि वह इस हालत में भी वो क्यों रोजा रखना चाहती थीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सना खान की डिलेवरी जून 2023 में आने वाली हैं। अप्रैल में उन्हें पहली बार बेबी बंप फ्लॉन्ट करते हुए देखा गया था। एक इंटरव्यू के दौरान, सना खान ने खुलासा किया कि वह हर साल अपने पति मुफ्ती अनस सैयद के साथ सऊदी अरब में ईद मनाती थीं, लेकिन इस बार उन्होंने इसे मुंबई में मनाया। सना खान ने तीसरे ट्राइमेस्टर में रोजा के बारे में भी बात की और कहा कि वह अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान भी रोजा रखना चाहती थीं क्योंकि एक विशेष अनुष्ठान होता है। कहा जाता है कि अगर कोई प्रेग्नेंसी के दौरान भी रोजा रखता हो तो उसे बाकी लोगों की तुलना में दोगुना फल मिलता है। 
सना खान ने कहा, "हर साल, मैं त्योहार के लिए अपने पति के साथ सऊदी में होती थी। इस साल, मैं ईद के लिए घर पर ही हूं। आमतौर पर हम खाना बनाते हैं, दावत देते हैं और आनंद लेते हैं, जो हम मुंबई में करेंगे।" इस बार मैं रोजा रखना चाहती थी। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप गर्भवती हैं तो उपवास दो लोगों के लिए गिने जाते हैं। इसलिए, 30 रोजे का मतलब गर्भवती महिला के लिए 60 रोजे हैं।

सना खान ने गर्भावस्था के दौरान उपवास के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा, "जब भी मैं अपने कजिन को प्रेग्नेंसी के दौरान रोजा करते हुए देखती थी, तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं उसी स्थान पर रह पाऊंगी। सच में मैंने प्रेग्नेंसी के 5-6 महीने उल्टी की है। मैं रमजान के दौरान ऐसा अनुभव न करने के लिए प्रार्थना करती रही। मेरे ससुराल वाले और पति भी निश्चित नहीं थे कि मुझे यह करना चाहिए, लेकिन मैं चाहती थी और मेरे तीसरे ट्राइमेस्टर के दौरान मुझे ज्यादा क्रेविंग नहीं हुई, इसलिए मैं रोजा कर पाई।"

पोंजी ऐप पर शिकंजा कसने की तैयारी: मंत्रालय 

पोंजी ऐप पर शिकंजा कसने की तैयारी: मंत्रालय 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि उनका मंत्रालय पोंजी ऐप पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि भोले-भाले निवेशकों की गाढ़ी कमाई को बचाने के लिए इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) तथा रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।सीतारमण ने पोंजी ऐप के खिलाफ निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि उन्हें भी सावधानी बरतनी चाहिए और आकर्षक प्रतिफल के बहकावे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे ऐप भी हैं, जो लोगों तक पहुंच रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि हम यह कर सकते हैं, हम ऐसा कर सकते हैं। आपको इतना पैसा दिलाएंगे।’’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘उनमें से कई पोंजी हैं। इन पर शिकंजा कसने के लिए हम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’ पोंजी योजना निवेशकों के साथ धोखाधड़ी है, जिसमें नए निवेशकों से जुटाए धन से पुराने निवेशकों को पैसा दिया जाता है, और कुछ समय के बाद यह योजना पूरी तरह से डूब जाती है। उन्होंने कर्नाटक के तुमकुरु में एक कार्यक्रम में कहा कि निवेशकों को भी अपनी मेहनत की कमाई की रक्षा करनी चाहिए और इस संबंध में सावधानी के साथ फैसला करना चाहिए।

2019 का चुनाव जीतने के लिए हमलों का इस्तेमाल

2019 का चुनाव जीतने के लिए हमलों का इस्तेमाल

इकबाल अंसारी 

अगरतला। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने रविवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव जीतने के लिए किया था। माणिक ने यह दावा जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद किया है। मलिक ने आरोप लगाया था कि पुलवामा आतंकी हमला व्यवस्था की विफलता का परिणाम था, जिसमें व्यापक सुरक्षा और खुफिया खामियां शामिल हैं। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को एक आत्मघाती हमलावर द्वारा आतंकी हमला किया गया था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे।

माणिक सरकार ने यहां पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, माहौल का इस्तेमाल कर, उसने (भाजपा) 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और घटना के समय जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक अब इस बारे में बोल रहे हैं। बालाकोट की घटना के ठीक बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा था कि उस साल अप्रैल-मई में हुए आम चुनाव से पहले बेरोजगारी जैसे अन्य ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस घटना के पीछे एक गहरी साजिश थी।

भारत के युद्धक विमानों ने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की थी। मलिक के साक्षात्कार पर हैरानी जताते हुए माणिक ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रायचौधरी ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। माणिक ने कहा, पूर्व राज्यपाल के साक्षात्कार देने के बाद मैं सोच रहा था कि उन्हें सीबीआई द्वारा बुलाया जाएगा और यह सही साबित हुआ, क्योंकि उन्हें कथित बीमा घोटाले से संबंधित एक मामले में संघीय जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मलिक से जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। सात महीने में यह दूसरी बार है जब विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रह चुके मलिक से संघीय एजेंसी पूछताछ करेगी। बिहार, जम्मू कश्मीर, गोवा और अंत में मेघालय में राज्यपाल रहे मलिक से पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई अधिकारियों ने पूछताछ की थी।

मलिक द्वारा द वायर को एक साक्षात्कार दिए जाने के बमुश्किल एक हफ्ते बाद सीबीआई ने यह कदम उठाया। साक्षात्कार में मलिक ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी की थी, विशेष रूप से जम्मू कश्मीर के मामले से निपटने के संबंध में, जहां उन्होंने तत्कालीन राज्य के दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजन से पहले अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया था।

माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य ने कहा कि देश ने पहली बार ऐसी प्रतिक्रियावादी सरकार को देखा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर लोग एक साथ आते हैं, तो भाजपा को हराया जा सकता है। माणिक ने कहा, त्रिपुरा में हाल के विधानसभा चुनावों में 60 प्रतिशत मतदाताओं ने उनका (भाजपा) समर्थन नहीं किया। खुले तौर पर भाजपा की आलोचना करने वाली टिपरा मोथा ने भाजपा की चुनाव जीतने में मदद की।

कई चर्चित हस्तियों का 'ब्लू टिक' बहाल किया: ट्विटर 

कई चर्चित हस्तियों का 'ब्लू टिक' बहाल किया: ट्विटर 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। सोशल मीडिया मंच ट्विटर ने करोड़ों फॉलोअर्स वाले कई चर्चित हस्तियों (सेलिब्रिटीज) का ब्लू टिक (वेरिफिकेशन बैज) बहाल कर दिया है। कुछ दिन पहले ही कंपनी ने भुगतान नहीं करने वाले खातों के ब्लू टिक हटा दिए थे। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसी सप्ताह शाहरुख खान और सलमान खान से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी जैसी चर्चित हस्तियों और राजनीतिज्ञों के ट्विटर खातों से ब्लू टिक हटा दिए गए थे।

ट्विटर के मालिक एलन मस्क की माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने इसी सप्ताह शुल्क नहीं चुकाने वाले खातों के ब्लू टिक हटाने शुरू कर दिए थे। अब कई चर्चित हस्तियों के ट्विटर खातों पर ब्लू टिक आश्चर्यजनक रूप से वापस आ गए हैं। सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे शीर्ष क्रिकेटरों के ब्लू टिक हटा दिए गए थे लेकिन अब उनके ट्विटर खातों पर यह वापस आ गया है। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि क्या इन लोगों द्वारा इसके लिए भुगतान किया गया है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के ट्विटर खाते पर भी ब्लू टिक वापस आ गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने इसके लिए कोई भुगतान नहीं किया है। नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने ब्लू टिक मिलने की खुशी ट्विटर पर ही जाहिर की। ब्लू टिक बहाल करने को लेकर ट्विटर की ओर से हालांकि कोई बयान नहीं आया है। कई ऐसे चर्चित लोगों के ट्विटर खातों पर भी ब्लू टिक बहाल हो गए हैं, जिनका निधन हो चुका है। इनमें चैडविक बोसमैन, कोबे ब्रायंट और माइकल जैक्सन शामिल हैं। 

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...