गुरुवार, 23 मार्च 2023

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित

सरस्वती उपाध्याय 

देवी दुर्गा के हर रुप को विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है। मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं और फिर देवी की आरती करें। इस तरह मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साहस के साथ सौम्यता और विनम्रता में वृद्धि होती है।


मां चंद्रघंटा का मंत्र...


  • ऐं श्रीं शक्तयै नम:

  • या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।

  • पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥


मां चंद्रघंटा के उपाय...


नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के समक्ष एक छोटे लाल वस्त्र में लौंग, पान, सुपारी रखकर मां के चरणों में चढ़ाएं और देवी के नवार्ण मंत्र का 108 बार जाप करें। मां चंद्रघंटा के बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। अगले दिन ये लाल पोटली सुरक्षित स्थान पर रख दें। जब भी किसी शुभ कार्य के लिए जाएं या फिर कोर्ट कचहेरी से संबंधित मामलों से जुड़ा कोई कार्य हो तो इस पोटली को साथ रखे। कहते हैं, इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और शत्रु की हर चाल नाकाम होती है।

भ्रष्टाचार के एक भी आरोपी पर मुकदमा नहीं चलाया 

भ्रष्टाचार के एक भी आरोपी पर मुकदमा नहीं चलाया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। देश की पहली लोकपाल समिति के गठन और पहले लोकपाल की नियुक्ति को मंजूरी मिलने के पिछले चार सालों में भी अब तक भ्रष्टाचार विरोधी इस शीर्ष संस्था ने भ्रष्टाचार के आरोपी एक भी व्यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया है। संसद की एक समिति की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है, जिसमें उसने लोकपाल के प्रर्दशन को ‘‘संतोषजनक नहीं प्रतीत होता’’ करार दिया। हाल में संसद में पेश इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकपाल द्वारा कई शिकायतों का निपटारा इस आधार पर किया जा रहा है कि वे निर्धारित प्रारूप में नहीं हैं। समिति ने लोकपाल से वास्तविक शिकायतों को खारिज नहीं करने को भी कहा। समिति ने पिछले साल मई से खाली पड़े लोकपाल के अध्यक्ष के पद को नहीं भरे जाने के बारे में सवाल उठाया और रिक्तियों को भरने के लिए की जा रही कार्रवाई पर सरकार से जवाब मांगा।

मालूम हो कि मार्च 2109 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को देश के पहले लोकपाल के रूप में शपथ दिलाई थी। इसी महीने में लोकपाल समिति भी गठित की गई थी। लोकपाल का नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है और इसमें आठ सदस्य (चार न्यायिक और शेष गैर-न्यायिक) हो सकते हैं। लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम को 2013 में पारित किया गया था। कार्मिक, लोक शिकायत, कानून एवं न्याय पर विभाग संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘समिति लोकपाल द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से निष्कर्ष निकालती है कि बड़ी संख्या में शिकायतों का निपटारा इस आधार पर किया जा रहा है कि वे निर्धारित प्रारूप में नहीं हैं।

लोकपाल ने समिति को बताया है कि उसने आज तक भ्रष्टाचार के आरोपी एक भी व्यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया है।’’ समिति ने कहा कि उसकी सुविचारित राय है कि लोकपाल का गठन सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कानूनी और संस्थागत तंत्र को मजबूत करने के लिए किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हालांकि, लोकपाल का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं लगता है।’’ रिपोर्ट में कहा गया कि समिति का मानना है कि लोकपाल की स्थापना स्वच्छ और उत्तरदायी शासन को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत की गई थी और इसलिए, इसे अवरोधक के बजाय एक सहायक के रूप में कार्य करना चाहिए। कमेटी ने लोकपाल से सिफारिश की कि वह केवल तकनीकी आधार पर वास्तविक शिकायतों को खारिज न करे कि शिकायत निर्धारित प्रारूप में नहीं है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ऐसे मोड़ पर जब भारत जी-20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह का नेतृत्व कर रहा है, लोकपाल को इस मौके पर आगे आना चाहिए और देश में भ्रष्टाचार विरोधी परिदृश्य को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।’’ वर्ष 2022-23 के दौरान लोकपाल को कुल 2,518 शिकायतें (जो निर्धारित प्रारूप में नहीं थीं) प्राप्त हुईं। इस अवधि के दौरान प्राप्त 242 शिकायतें निर्धारित प्रारूप में थीं। इनमें से 191 का निपटारा कर दिया गया। समिति ने लोकपाल में रिक्त पदों को भी रेखांकित किया और उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा मांगा। समिति ने कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा पांच में कहा गया है कि अध्यक्ष या सदस्य का कार्यकाल समाप्त होने से कम से कम तीन महीने पहले नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति ने नोट किया है कि न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष ने मई 2022 में 70 वर्ष की आयु होने पर लोकपाल के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था और तब से न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती लोकपाल के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं।’’ समिति ने कहा कि दो न्यायिक सदस्यों की रिक्तियों को भी 2020 से नहीं भरा गया है। गत सप्ताह संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘समिति चाहती है कि उसे लोकपाल के अध्यक्ष और न्यायिक सदस्यों के रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में अवगत कराया जाए। समिति को उम्मीद है कि जांच और अभियोजन शाखा जल्द ही गठित की जाएंगी।’’

लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के अनुसार, लोकपाल एक अधिसूचना द्वारा, दोषी लोक सेवकों पर मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन निदेशक की अध्यक्षता में एक अभियोजन शाखा का गठन करेगा। कानून के अनुसार, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दंड के अधिकारी एक लोक सेवक द्वारा किए गए किसी भी कथित अपराध की प्रारंभिक जांच करने के उद्देश्य से जांच निदेशक की अध्यक्षता में एक जांच विंग का भी गठन किया जाएगा।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकपाल की स्वीकृत संख्या 82 है, जिसमें से 32 पद पर हैं। इसके अतिरिक्त, 62 कर्मचारियों को संविदा या आउटसोर्सिंग आधार पर नियोजित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘लोकपाल ने समिति को बताया कि जांच और अभियोजन शाखाओं के गठन तथा जांच एवं अभियोजन निदेशकों की नियुक्ति का काम चल रहा है।’’

महापौर व उप महापौर पद के चुनाव में जीत हासिल 

महापौर व उप महापौर पद के चुनाव में जीत हासिल 

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरू/कलबुर्गी। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के गृह जिले कलबुर्गी में बृहस्पतिवार को महापौर और उप महापौर पद के चुनाव में जीत हासिल की। गौरतलब है कि कर्नाटक में मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

महापौर चुनाव में 33 वोट पाने वाले विशाल दरगी ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश कपनूर को एक वोट से हराया। वहीं, शिवानंद पिस्ती ने अपनी कांग्रेस प्रतिद्वंदी विजयलक्ष्मी को हराकर उप महापौर पद पर कब्जा जमाया।

जापान: शादी नहीं करना चाहती हैं 14% महिलाएं

जापान: शादी नहीं करना चाहती हैं 14% महिलाएं

अखिलेश पांडेय 

टोक्यो। महिलाएं अब शादी के बंधन में बंधने से कतराने लगी हैं। इसमें जापान की महिलाएं सबसे आगे हैं। हाल ही में जारी हुई जापान गवर्नमेंट की जेंडर रिपोर्ट 2022 के अनुसार, 30s की 25.4% और 20s की 14% महिलाएं शादी नहीं करना चाहती हैं। इस रिपोर्ट में महिलाओं के शादी न करने के पीछे की वजह को भी बताया गया है। जिसे आप यहां नीचे डिटेल में पढ़ सकते हैं। शादी से जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत होती है। इसमें आपकी आजादी पार्टनर के हाथों में होती है। आमतौर पर ऐसा ज्यादातर महिलाओं के साथ होता है। क्योंकि, उन पर फाइनेंशियली और सोशल प्रेशर रहता हैं। लेकिन, सेल्फ डिपेंडेंट महिलाएं इन चीजों से फ्री रहती हैं। इसलिए ज्यादातर महिलाएं आज के समय में शादी नहीं करना चुन रही हैं।

शादी के बाद औरत अपनी खुद की पहचान पूरी तरह से खो देती है। पति का नाम और काम ही उसकी पहचान बन जाती है। लेकिन आज के समय की महिलाएं बहुत महत्वाकांक्षी हैं, और वह किसी भी कीमत पर अपनी पहचान छोड़ने के लिए तैयार नहीं होती है। यही कारण है कि वह शादी के ऊपर अपने करियर को रखती हैं। शादी होने के बाद घर और नौकरी दोनों को संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण महिलाओं को अपने सपनों को त्याग कर बच्चों के पालन-पोषण घर में बूढ़े-बुजुर्गों की सेवा करनी पड़ती है। जिसे आज के समय की महिलाएं बिल्कुल भी करना पसंद नहीं करती है।

जापान की महिलाओं के अलावा, कनाडा के लगभग आधे लोग महसूस करते हैं कि शादी जरूरी नहीं है। इसके साथ ही चिली की महिलाएं भी शादी को ज्यादा पसंद नहीं करती हैं या देर से शादी करती हैं। भारत में भी धीरे-धीरे महिलाएं शादी को लेकर उदासीन हो रही है।

सर्दी-खांसी से आराम पाने के लिए घरेलू उपचार करें 

सर्दी-खांसी से आराम पाने के लिए घरेलू उपचार करें 

सरस्वती उपाध्याय 

मौमस बदलते ही तमाम बीमारी शरीर को जकड़ लेते हीं, जिससे हम काफी परेशान रहते हैं। इन परेशानियों में सर्दी-खांसी की परेशानी भी शामिल है। सर्दी-खांसी की समस्या होने पर काफी सिरदर्द होता है। इन परेशानियों को कम करने के लिए आप तरह-तरह के घरेलू उपचार अपना सकते हैं। इन घरेलू उपचार की मदद से सर्दी-खांसी से आराम पा सकते हैं। इसके अलावा कई अन्य समस्याओं से भी राहत पा सकते हैं। आज हम इस लेख में आपको सर्दी-खांसी के लिए घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं सर्दी-खांसी के लिए घरेलू उपाय क्या हैं? 

अदरक की चाय का करें सेवन...

सर्दियों में खांसी की परेशानी को दूर करने के लिए आप अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं। अदरक की चाय पीने आपके गले को गर्माहट मिलती है, जो खांसी की परेशानी को कम कर सकता है। इसके अलावा अदरक में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सर्दी और खांसी को दूर करने में प्रभावी हो सकता है।

सर्दी खांसी होने पर अपनाएं ये उपाय...

सर्दी-खांसी की परेशानी होने पर आप कई तरह के घरेलू उपचार उपलब्ध हैं।

आइए जानते हैं कुछ असरदार घरेलू उपचार के बारे में...

हल्दी वाला दूध का करें सेवन...

सर्दी-खांसी की परेशानी को दूर करने के लिए हल्दी वाला दूध पिएं। यह गले को आराम देता है। साथ ही शरीर की इम्यून पावर को भी बूस्ट कर सकता है। अगर सर्दियों में आपकी परेशानी बढ़ जाती है तो रोजाना 1 गिलास हल्दी वाला दूध पिएं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा। 

आंवला का करें इस्तेमाल...

आंवला स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर कर सकता है। इसके सेवन से सर्दी-खांसी की परेशानी को कम कर सकते हैं। 

सेब का सिरका भी कर सकते हैं इस्तेमाल...

खांसी की परेशानी होने पर सेब का सिरका आपके स्वास्थ्य के लिए काफी हेल्दी होता है। सेब का सिरका गले की खराश, सर्दी और खांसी की परेशानी कम कर सकता है। इसके लिए 1 गिलास गुनगुने पानी में सेब के सिरके को मिक्स करके पिएं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा। 

तुलसी है रामबाण...

खांसी होने पर तुलसी का सेवन दवा के रूप में किया जा सकता है। तुलसी के पत्तों का रस खांसी और जुकाम को कम करता है। साथ ही सर्दी के दौरान होने वाली अन्य समस्याओं को भी कम करने में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद होती हैं। सर्दियों के दिनों में होने वाली परेशानी को कम करने के लिए आप इन घरेलू उपायों को आजमा सकते है। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपकी परेशानी काफी ज्यादा बढ़ रही है तो इस स्थिति में एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

78 प्रतिशत पेशेवर कार्यालय जाना पसंद करते हैं

78 प्रतिशत पेशेवर कार्यालय जाना पसंद करते हैं

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। देश में कोविड महामारी का प्रकोप कम होने के बावजूद हाइब्रिड (घर और दफ्तर से काम की सुविधा) कार्य संस्कृति जारी है, लेकिन भारतीय पेशेवर दफ्तर जाना पसंद कर रहे हैं। एक सर्वे में कहा गया है कि 10 में से आठ यानी करीब 78 प्रतिशत पेशेवर अपने सहयोगियों के साथ मेलजोल और जुड़ाव के लिए कार्यालय जाना पसंद करते हैं। पेशेवर नेटवर्क मंच लिंक्डइन की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में शामिल 78 प्रतिशत पेशेवरों ने कहा कि वे अपनी पसंद के अनुरूप कार्यालय जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में शामिल 86 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे एक साल पहले की तुलना में काम पर जाने के बारे में सकारात्मक महसूस करते हैं।

लिंक्डइन की यह रिपोर्ट 1,001 से अधिक 18 वर्ष की उम्र से ऊपर के भारतीय कर्मचारियों की राय पर आधारित है। यह सर्वे 28 फरवरी से छह मार्च, 2023 के बीच किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के बाद फिर से कार्यालय खुलने पर हाइब्रिड कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए गए। साथ ही यह भी सवाल उठाया गया कि कार्यालय में समय की कमी और कम दृश्यता होने से किसी के करियर पर असर पड़ेगा। लिंक्डइन की एक रिपोर्ट से पता चला है कि 63 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि दूर से काम करने से उनके करियर पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, इतने ही प्रतिशत लोगों का मानना ​​है कि अगर वे कार्यालय में कम समय बिताते हैं तो उनके करियर वृद्धि की संभावना कम हो सकती है।

लिंक्डइन की प्रबंध संपादक नीरजिता बनर्जी ने कहा, ‘‘कार्यालय में काम करने की बात आती है, तो हम मानसिकता में बदलाव देखना शुरू कर रहे हैं। हालांकि, भारतीय पेशेवर लचीले काम के विकल्प को पसंद करते हैं, लेकिन वे कार्यालय से काम करने का भी फायदा ले रहे हैं। इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने, सहयोग और ‘टीम वर्क’ में सुधार करने और नए मौके तलाशने में मदद मिलती है।’’ 

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