शुक्रवार, 17 मार्च 2023

'जिला स्वास्थ्य समिति' की समीक्षा बैठक: डीएम 

'जिला स्वास्थ्य समिति' की समीक्षा बैठक: डीएम 


डीएम ने की जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक

कौशाम्बी। जिलाधिकारी सुजीत कुमार द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों के साथ मुख्य चिकित्साधिकारी सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने सीएमएस एवं सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा, कि यदि किसी मरीज की दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों को शव वाहन तत्काल उपलब्ध कराया जाएं। किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाएं। उन्होने परिवार कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव की समीक्षा के दौरान अपेक्षित प्रगति न पाए जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों एवं आशाओं के भुगतान में अपेक्षित प्रगति न पाए जाने पर डैम को प्रगति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि शत-प्रतिशत प्रगति सुनिश्चित की जाएं, अन्यथा सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को आशाओं एवं एएनएम के साथ साप्ताहिक बैठक कर कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि ठीक प्रकार से कार्य न करने वाले आयुष्मान मित्रों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएं। इसके साथ ही उन्होंने गोल्डेन कार्ड बनाये जाने के कार्य में तेजी से प्रगति लाने के निर्देश दिए।

उन्होने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान फरवरी माह में स्वास्थ्य टीम द्वारा 392 ऑगनबाड़ी केन्द्रों एवं 44 विद्यालयों के बच्चों का ही स्वास्थ्य परीक्षण करने पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा, कि प्रत्येक माह कम से कम 320 विद्यालयों के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित किया जाएं। उन्होने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत नियमित रूप से अल्ट्रासाउण्ड सेन्टरों की जॉच करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी द्वारा राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर, मातृ-मृत्यु सूचना एंव आडिट, प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग कार्यक्रम एवं क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम आदि की प्रगति की भी विस्तृत समीक्षा की गई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. रवि किशोर त्रिवेदी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुष्पेन्द्र कुमार एवं सी.एम.एस. सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।

सुशील केसरवानी 

सीएम रेड्डी ने पीएम मोदी से मुलाकात की, अनुरोध 

सीएम रेड्डी ने पीएम मोदी से मुलाकात की, अनुरोध 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/अमरावती। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उनसे राज्य के विभाजन के नौ साल बाद भी लंबित कई मुद्दों पर काम में तेजी लाने का अनुरोध किया। बाद में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की और उनके साथ लंबित मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में रेड्डी ने उन्हें याद दिलाया कि केंद्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता में गठित विशेष समिति द्वारा कई दौर की चर्चा के बावजूद कुछ प्रमुख मुद्दे अनसुलझे हैं।

समिति का गठन आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में उल्लिखित विभिन्न मुद्दों पर ध्यान देने के लिए किया गया था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री रेड्डी ने वित्त वर्ष 2014-15 के लिए रिसोर्स गैप फंडिंग के तहत लंबित 36,625 करोड़ रुपये को जल्द जारी करने और पोलावरम परियोजना पर राज्य सरकार द्वारा किए गए 2,600.74 करोड़ रुपये के बकाया की प्रतिपूर्ति के अलावा 17,923 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा बढ़ाने की मांग की।

उन्होंने मोदी से पोलावरम परियोजना पर तकनीकी सलाहकार समिति के 55,548 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान को स्वीकार करने, पेयजल आपूर्ति घटक को इसका हिस्सा मानने और निर्माण में तेजी लाने के लिए तदर्थ आधार पर तत्काल 10,000 करोड़ रुपये जारी करने की भी अपील की। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की कि तेलंगाना 2014 और 2017 के बीच बिजली आपूर्ति के लिए टीएस डिस्कॉम से एपीजीईएनसीओ को 7,058 करोड़ रुपये के अपने बकाया का भुगतान करे।

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों के तर्कहीन चयन के कारण पीएमजीकेएवाई के तहत 56 लाख परिवारों को राशन की आपूर्ति पर राज्य पर अब तक 5,527 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘इसकी भरपाई के लिए, नीति आयोग की सिफारिश के अनुसार आंध्र प्रदेश को अप्रयुक्त राशन स्टॉक आवंटित किया जाना चाहिए।’’ अन्य मांगों के अलावा, मुख्यमंत्री ने मोदी से राज्य के 12 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की अनुमति देने, वाईएसआर कडप्पा जिले में इस्पात संयंत्र की कच्चे माल की जरूरतों को पूरा करने के लिए एपीएमडीसी को आवश्यक खदानें आवंटित करने और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की अपील की, जैसा कि केंद्र ने संसद में वादा किया था।

भाजपा के अहंकार व क्रूरता का प्रतीक बना 'बुलडोजर'

भाजपा के अहंकार व क्रूरता का प्रतीक बना 'बुलडोजर'

संदीप मिश्र 

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा है, कि बुलडोजर भाजपा के अहंकार और क्रूरता का प्रतीक बन गया है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वाराणसी के दशाश्वमेध घाट के समीप ऐतिहासिक चितरंजन पार्क के किनारे की गुमटियों को बुलडोजर से रौंदकर लोगों की आजीविका छीनने वाली भाजपा सरकार को अब वाराणसी विकास प्राधिकरण का नाम बदलकर ‘वाराणसी विनाश अनाधिकरण’ कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुलडोजर भाजपा के अहंकार और क्रूरता का प्रतीक बन गया है।

पीएम मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए: खड़गे

पीएम मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए: खड़गे

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है, कि विदेश में भारतीयों का मान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नहीं गिराया, बल्कि यह काम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है और इसके उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। खडगे ने शुक्रवार को यहां कहा कि मोदी ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया तथा अन्य कई देशों में जाकर भारतीयों का अपमान किया। इसलिए मोदी को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए। उनका कहना था कि कांग्रेस ने हमेशा देश का मान बढ़ाया है। इसलिए गांधी के माफ़ी मांगने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा “खुद मोदी ने 6-7 देशों में जाकर, विदेशी धरती पर जाकर बोलें हैं कि ‘हिन्दुस्तान के लोग ये बोल रहें हैं कि हमने क्या पाप किया, जो हम भारत में पैदा हुए’ ऐसा व्यक्ति हमको देशद्रोही बोल रहा है। मोदी ने भारत के नागरिकों का अपमान किया, आपको माफ़ी मांगनी चाहिए।” भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के गांधी को लेकर की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए खडगे ने कहा “जेपी नड्डा जो बोल रहें हैं। हम इसकी घोर निंदा करते हैं। उनको मालूम होना चाहिये कि मोदी जी ने चीन में जाकर, अमेरिका में जाकर, दक्षिण कोरिया में जाकर भारत के नागरिकों का अपमान किया।

मोदी को इसके लिए माफ़ी मांगनी चाहिए। हमारा माफ़ी मांगने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आजादी की लड़ी है जबकि भाजपा का इसमें कहीं कोई योगदान नहीं है। उन्होंने कहा ‘‘जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में रत्ती भर भी योगदान नहीं दिया, वो असली देशद्रोही हैं। भाजपा भयावह बेरोज़गारी, कमरतोड़ महंगाई और ‘परम मित्र’ के घोटाले को छिपाने के लिए, इससे ध्यान भटकाने के लिये वो ये सब बातें कर रहें हैं।” गांधी को सच्चा देशभक्त बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा ‘‘जो व्यक्ति लोकतंत्र की बात करता है, उस पर चिंता जताता है, वो देशद्रोही नहीं हो सकता। वो सच्चा देशभक्त है। अगर संसद में राहुल गांधी को बोलने का मौक़ा मिलेगा तो हम भाजपा के इन आरोपों का पुरज़ोर जवाब देंगे।”

'ब्लू व्हेल' के दिल का वजन 181 किलोग्राम दर्ज 

'ब्लू व्हेल' के दिल का वजन 181 किलोग्राम दर्ज 

अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। ब्लू व्हेल दुनिया की सबसे बड़ी जीव हैं। 30 मीटर तक लंबे और 200 टन वजनी ब्लू व्हेल के दिल का आकार इतना ज्यादा बड़ा है कि उसे देखकर ही लोग दंग रह जाते हैं। हाल ही, सोशल मीडिया पर ब्लू व्हेल के दिल की एक तस्वीर छा गई है। इस फोटो को बिजनेसमैन हर्ष गोयनका ने पोस्ट किया है। हर्ष गोयनका ने 13 मार्च को कनाडा के 'रॉयल ओंटारियो म्यूजियम' में संरक्षित और प्रदर्शित ब्लू व्हेल के दिल की फोटो ट्विटर पर पोस्ट की।

उन्होंने कैप्शन में बताया- यह एक ब्लू व्हेल का संरक्षित दिल है, जिसका वजन 181 किलोग्राम है। यह 1.2 मीटर चौड़ा और 1.5 मीटर लंबा है। इस दिल की धड़कन को 3.2 किमी से अधिक दूर से सुना जा सकता है। गोयनका का ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कई यूजर्स ने इस पर प्रतिक्रिया भी दी। कई यूजर्स ने कुदरत की सराहना की। आपकी इस पर क्या राय है ?

हड़तालों के ‘खतरों को रोकने’ के लिए क्या कर रहें है ?

हड़तालों के ‘खतरों को रोकने’ के लिए क्या कर रहें है ?

कविता गर्ग 

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार से शुक्रवार को पूछा कि गैरकानूनी हड़तालों के ‘‘खतरों को रोकने’’ के लिए वह क्या कर रही है ? अदालत ने कहा कि इन सब से आम नागरिकों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस.वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की खंडपीठ अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर करते हुए यह बात कही। याचिका में शिक्षण और चिकित्सकीय क्षेत्र के कर्मचारियों सहित अन्य सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल को तत्काल वापस लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने की मांग को लेकर राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इससे राज्य में प्रशासनिक कामकाज और कई सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने अदालत को बताया कि हड़ताल ‘‘अवैध’’ है और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है कि हड़ताल के कारण किसी भी व्यक्ति को परेशानी न हो। पीठ ने सरकार से स्पष्ट रूप से यह बताने को कहा कि वह बुनियादी सुविधाओं व आवश्यक सेवाओं तक जनता की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठा रही है।

अदालत ने कहा, ‘‘ हमें चिंता है आम नागरिक आवश्यक सेवाओं से वंचित न रह जाएं। आम नागरिकों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। हम जानना चाहते हैं कि इस खतरे को रोकने के लिए राज्य क्या कदम उठा रहा है। लोगों को बुनियादी सुविधाएं तथा आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार क्या कर रही है।’’ अदालत ने मामले को 23 मार्च के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा कि लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन सरकार का यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह उचित कार्रवाई करे, ताकि किसी को परेशानी न हो। 

पीएम के खिलाफ 'विशेषाधिकार हनन' का नोटिस 

पीएम के खिलाफ 'विशेषाधिकार हनन' का नोटिस 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का एक नोटिस दिया है। उन्होंने इस नोटिस में आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री द्वारा कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेहरू उपनाम रखने का सुझाव देना, दोनों नेताओं के विशेषाधिकार का उल्लंघन है और सदन की अवमानना है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने अपने नोटिस में क प्रधानमंत्री के उस सुझाव को ‘‘हास्यास्पद’’ करार दिया कि उन्हें (सोनिया और राहुल) नेहरू उपनाम का इस्तेमाल करने में क्यों शर्म आती है। उल्लेखनीय है कि संसद के बजट सत्र के पहले चरण में नौ फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में गांधी परिवार के सदस्यों पर सीधा हमला बोलते हुए पूछा था कि उन्हें नेहरू उपनाम का इस्तेमाल करने में शर्म क्यों आती है।

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि 600 सरकारी योजनाएं सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसी कार्यक्रम में अगर नेहरू के नाम का उल्लेख नहीं होता है तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं और उनका लहु एकदम गर्म हो जाता है कि नेहरू जी का नाम क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे ये समझ नहीं आता है कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम (उपनाम) रखने से डरता क्यों है । क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने से। क्या शर्मिंदगी है। इतना बड़ा महान व्यक्तित्व अगर आपको मंजूर नहीं है, परिवार को मंजूर नहीं है और हमारा हिसाब मांगते रहते हो।’’ वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को पता है कि पिता का उपनाम बेटी को नहीं मिलता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह जानने के बावजूद प्रधानमंत्री ने मजाक उड़ाया।’’

वेणगोपाल ने नोटिस में कहा है कि प्रधानमंत्री का लहजा और अभिप्राय ‘‘अपमानजनक’’ था। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आक्षेप के समान है, जो उनके विशेषाधिकारों का उल्लंघन करता है और सदन की अवमानना के समान भी है।’’ उन्होंने नोटिस में कहा, ‘‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपमानजनक, अरुचिकर और मानहानिकारक टिप्पणी करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही की मांग करता हूं।’’ 

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की पंकज कपूर  नैनीताल/हल्द्वानी। उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में नैनीताल ...