सोमवार, 6 मार्च 2023

नौसेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करेंगे 'रक्षामंत्री'

नौसेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करेंगे 'रक्षामंत्री'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। अरब सागर में देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सोमवार को होने वाले भारतीय नौसेना के द्विवार्षिक कमांडर सम्मेलन में भारत की नौसैनिक शक्ति में इजाफा करने और तीनों सशस्त्र बलों के बीच तालमेल बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस विक्रांत पर नौसेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल सितंबर में 40 हजार टन वजन वाले इस विमानवाहक पोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया था। लगभग 23 हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आईएनएस विक्रांत एक परिष्कृत वायु रक्षा प्रणाली और जहाज रोधी मिसाइल प्रणाली से लैस है। यह पोत 30 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर को ढोने में सक्षम है।

आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसे तैरता हुआ शहर करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यह पोत रक्षा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर बनने का परिचायक है। नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र की मौजूदा भू-रणनीतिक स्थिति के मद्देनजर सम्मेलन का अपना महत्व और प्रासंगिकता होगी। उन्होंने बताया कि राजनाथ सम्मेलन के पहले चरण के तहत आईएनएस विक्रांत में एकत्रित नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे। अधिकारी के मुताबिक, यह सम्मेलन नौसेना कमांडरों के लिए सैन्य एवं रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के साथ-साथ एक संस्थागत ढांचे के तहत वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से बातचीत करने के एक मंच के रूप में काम करेगा।

नौसेना ने कहा, इस साल के सम्मेलन की खासियत यह है कि कमांडर सम्मेलन का पहला चरण समुद्र में और पहली बार भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर आयोजित किया जा रहा है। इसमें रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे, ताकि सामान्य परिचालन वातावरण में तीनों सशस्त्र सेवाओं के बीच तालमेल के मुद्दे को संबोधित किया जा सके।

उनके भारत की रक्षा और राष्ट्रीय हितों को लेकर तीनों सशस्त्र बलों के बीच तालमेल और तत्परता बढ़ाने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा करने की भी संभावना है। सम्मेलन के पहले दिन समुद्र में परिचालन क्षमता के प्रदर्शन की भी योजना है। नौसेना ने एक बयान में कहा, नौसेना अध्यक्ष अन्य नौसेना कमांडरों के साथ पिछले छह महीनों में भारतीय नौसेना द्वारा की गई प्रमुख परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण एवं प्रशासनिक गतिविधियों का जायजा लेंगे और महत्वपूर्ण गतिविधियों एवं पहलों के लिए भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे।

बयान के मुताबिक, सम्मेलन के दौरान नौसेना कमांडरों को अग्निपथ योजना के कार्यान्वयन के संबंध में अद्यतन जानकारी भी मुहैया कराई जाएगी। इस योजना के तहत नौसेना अग्निवीरों का पहला बैच मार्च के अंत में आईएनएस चिल्का से पास आउट होने वाला है। इस बैच में महिला जवान भी शामिल हैं। नौसेना ने कहा कि कमांडरों का सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण है और इसमें समुद्री क्षेत्र में भारत के सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार किया जाएगा। उसने बयान में कहा, नौसेना ने भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप अपनी परिचालन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी है। कमांडर हमारे समुद्री हितों के समक्ष मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए नौसेना की तैयारियों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।

आज मनाया जाएगा 'होली' का त्यौहार, जानिए 

आज मनाया जाएगा 'होली' का त्यौहार, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

होली का त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष 7 मार्च को होलिका दहन होगा और 8 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। जब भी रंगों के त्योहार होली के धार्मिक महत्व की बात आती है, तो सबसे पहले मन में भक्त प्रह्लाद और उनकी बुआ होलिका का जिक्र किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस त्योहार से जुड़ी और भी कई पौराणिक कथाएं हैं। आज हम आपको देवलोक पर खेली गई पहली होली के बारे में बताते हैं।

संसार की पहली होली...

होली के त्योहार की पौराणिकता भगवान शंकर और भगवान विष्णु दोनों से जुड़ी है। हरिहर पुराण की कथा कहती है कि संसार की पहली होली देवाधिदेव महादेव ने खेली थी, जिसमें प्रेम के देवता कामदेव और उनकी पत्नी रति थीं। यह कहानी कहती है कि जब भगवान शंकर कैलाश पर अपनी समाधि में लीन थे तब तारकासुर के वध के लिए कामदेव और रति ने शिव को ध्यान से जगाने के लिए नृत्य किया था।

रति और कामदेव के नृत्य से भगवान शिव की समाधि भंग हुई तो भगवान शंकर ने अपनी क्रोध की अग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया। रति ने प्रायश्चित में विलाप किया तो अति दयालु भगवान शंकर ने कामदेव को पुन: जीवित कर दिया। इससे प्रसन्न होकर रति और कामदेव ने ब्रजमंडल में ब्रह्म भोज का आयोजन किया जिसमें सभी देवी देवताओं ने हिस्सेदारी की। रति ने चंदन की टीका लगाकर खुशी मनाई थी। कहते हैं कि ये फाल्गुन पूर्णिमा का दिन था।

ऐसे खेलें होली...

यदि आप दिशाओं को ध्यान में रखकर रंग खेलेंगे तो ये आपके लिए बहुत लाभकारी हो सकता है। आपका घर पूर्वमुखी है और आप इस दिशा में होली खेल रहे हैं तो घर में सौहार्दपूर्ण वातावरण के विकास एवं मान-सम्मान में वृद्धि के लिए सात्विक और ऊर्जा प्रदान करने वाले रंग जैसे लाल,पीला,हरा,गुलाबी,नारंगी आदि का इस्तेमाल समृद्धि को बढ़ाता है। उत्तर मुखी घर के लिए पीले,हरे,आसमानी और नीले रंगों का प्रयोग इस दिशा में होली खेलने के लिए बहुत शुभ माने गए है। ऐसा करने से आप अपने जीवन में स्पष्टता और उन्नति के नए अवसरों को आमंत्रित कर सकते हैं। दक्षिण मुखी घर मेंआप गहरा लाल,नारंगी,गुलाबी एवं बैंगनी रंगों का प्रयोग कर सकते हैं। इस प्रकार से खेली गई होली आपके जीवन में सुरक्षा, यश एवं आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित होगी। और यदि आपका घर पश्चिम मुखी है तो सुनहरे, हल्के नीले एवं सफ़ेद रंगों का इस्तेमाल करआप अपने जीवन में लाभ एवं प्राप्तियों को आमंत्रित कर सकते हैं।

होलिका दहन शुभ मुहूर्त...

होलिका दहन तिथि- 07 मार्च 2023, मंगलवार

होलिका दहन शुभ मुहूर्त- 06 मार्च, 2023 को शाम 04 बजकर 17 मिनट से 07 मार्च, 2023 को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक।

कैसे किया जाता है होलिका दहन...

होलिका दहन में किसी पेड़ की शाखा को जमीन में गाड़कर उसे चारों तरफ से लकड़ी, कंडे या उपले से ढक दिया जाता है। इन सारी चीजों को शुभ मुहूर्त में जलाया जाता है। इसमें छेद वाले गोबर के उपले, गेंहू की नई बालियां और उबटन डाले जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे साल भर व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति हो और सारी बुरी बलाएं इस अग्नि में भस्म हो जाती हैं।होलिका दहन पर लकड़ी की राख को घर में लाकर उससे तिलक करने की परंपरा भी है। होलिका दहन को कई जगह छोटी होली भी कहते हैं।

'प्रेस की आजादी' के खिलाफ होने का आरोप: यूडीएफ 

'प्रेस की आजादी' के खिलाफ होने का आरोप: यूडीएफ 

इकबाल अंसारी 

तिरुवनंतपुरम। केरल में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा और कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी 'यूडीएफ' ने सोमवार को राज्य विधानसभा में एक-दूसरे पर प्रेस की आजादी के खिलाफ होने का आरोप लगाया। उन्होंने एक प्रमुख मलयालम समाचार चैनल से जुड़े कुछ घटनाक्रम के बाद ये आरोप-प्रत्यारोप लगाए। यूडीएफ ने मलयालम समाचार चैनल के कोच्चि कार्यालय पर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कथित हमले और रविवार को कोझीकोड में उसके कार्यालय पर पुलिस के कथित छापे के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया।

केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सदन को स्थगित करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि प्रेस की आजादी का कोई उल्लंघन नहीं किया गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी और विपक्ष ने इसके विरोध में सदन से बहिर्गमन कर दिया। स्थगन प्रस्ताव का विरोध करते हुए विजयन ने कहा कि एलडीएफ हमेशा प्रेस की आजादी के लिए लड़ा है और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा लेकिन भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस मीडिया की आजादी के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समाचार चैनल ने ये भ्रामक खबरें प्रसारित कीं, कि राज्य के स्कूलों में कई छात्र मादक पदार्थ की गिरफ्त में हैं और उसने इस संबंध में एक नाबालिग लड़की की मर्जी के बिना उसका फर्जी वीडियो साक्षात्कार बनाया।

चैनल के कोच्चि कार्यालय पर एसएफआई कार्यकर्ताओं के कथित हमले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों के समूह के अनुसार यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन था लेकिन एशियानेट से मिली शिकायत के अनुसार मामला दर्ज किया गया है और आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, मामले में जांच की जा रही है। वहीं, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन और कांग्रेस विधायक पी सी विष्णुनाद ने कहा कि चैनल के खिलाफ सरकार की कार्रवाई एलडीएफ की अपनी आलोचना के प्रति असहिष्णुता को दिखाती है। विपक्ष ने समाचार चैनल के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई को वाम मोर्चे की प्रतिशोध की राजनीति करार दिया।

18-19 मार्च को कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक

18-19 मार्च को कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। समाजवादी पार्टी (सपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक 18-19 मार्च को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित की जाएगी। पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में साल के अंत में तीन हिंदी भाषी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल के लोकसभा चुनावों के लिए सपा की नीति और रणनीति पर चर्चा की जाएगी।

सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 11 साल के अंतराल के बाद कोलकाता में आयोजित की जा रही है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव ने शहर में पिछली बैठक की अध्यक्षता की थी। नंदा ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, हमारे पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव 17 मार्च को कोलकाता आएंगे और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। 18 मार्च से हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शुरू होगी। उन्होंने कहा, हम छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति पर चर्चा करेंगे। अखिलेश और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच मुलाकात की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर नंदा ने कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं है।

उन्होंने कहा, फिलहाल कुछ भी तय नहीं किया गया है। अगर वह (ममता) शहर में होंगी, तो स्वाभाविक है कि दोनों नेता आपस में मिलेंगे। पश्चिम बंगाल में 2021 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान अखिलेश ने ममता के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को समर्थन देने की घोषणा की थी। इसके बाद, ममता ने 2022 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के लिए राज्य में अखिलेश के पक्ष में प्रचार किया था। बंगाल की पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार में मंत्री रह चुके नंदा ने वर्ष 2010 में अपनी पश्चिम बंगाल सोशलिस्ट पार्टी का सपा में विलय कर दिया था।

नंदा ने कहा, “यह पहली बार नहीं है, जब समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कोलकाता में आयोजित की जा रही है। यह 2012 समेत पांच मौकों पर शहर में आयोजित की जा चुकी है। हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित की जाती है।

हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ ली

हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ ली

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ ली। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने न्यायमूर्ति अमित शर्मा को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों और वकीलों की उपस्थिति में न्यायाधीशों के लाउंज में हुआ।

उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने 15 फरवरी को सिफारिश की थी कि न्यायमूर्ति अमित शर्मा को उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश बनाया जाए। केंद्र सरकार ने तीन मार्च को उनकी नियुक्ति को अधिसूचित किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के 60 पद स्वीकृत हैं, जिनके सापेक्ष दस महिला न्यायाधीश सहित कुल 45 न्यायाधीश कार्यरत हैं। 

जीवन रक्षकों का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल: पीएम 

जीवन रक्षकों का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल: पीएम 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान दवाओं, टीकों और चिकित्सकीय उपकरणों जैसे जीवन रक्षकों का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किया गया और उनकी सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में विदेशों पर भारत की निर्भरता कम करने की लगातार कोशिश कर रही है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय अनुसंधान विषय पर आयोजित बजट पश्चात एक वेबिनार में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दशकों से स्वास्थ्य क्षेत्र में एकीकृत दृष्टिकोण व दीर्घकालिक नजरिये की कमी से जूझ रहा था, लेकिन उनकी सरकार ने इसे केवल स्वास्थ्य मंत्रालय तक ही सीमित नहीं रखा और इसे संपूर्ण सरकार का नजरिया बनाया।

उन्होंने क्षेत्र में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारे उद्यमियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत को किसी भी प्रौद्योगिकी का आयात न करना पड़े और वह आत्मनिर्भर बने। प्रधानमंत्री ने कहा कि इलाज को वहनीय बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत (सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना) और जन औषधि केंद्रों (जहां सस्ती दरों पर दवाएं बेची जाती हैं) ने नागरिकों के क्रमश: 80,000 करोड़ रुपये और 20,000 करोड़ रुपये बचाए हैं। मोदी ने कहा कि देश के दवा क्षेत्र ने वैश्विक महामारी के दौरान वैश्विक स्तर पर विश्वास अर्जित किया।

उन्होंने इस क्षेत्र में विश्वास का निर्माण और पूंजीकरण करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार केवल स्वास्थ्य देखभाल पर ही नहीं, बल्कि नागरिकों के पूर्ण कल्याण पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि अब महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे को टियर-2 शहरों और छोटी बस्तियों में ले जाया जा रहा है, जिससे वहां एक स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है कि लोगों को उनके घरों के पास जांच सुविधाओं सहित इलाज भी मुहैया कराया जाए। 

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