बुधवार, 1 मार्च 2023

भारत में ‘बेहतरीन’ डिजिटल नेटवर्क है: गेट्स 

भारत में ‘बेहतरीन’ डिजिटल नेटवर्क है: गेट्स 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। अरबपति परोपकारी बिल गेट्स ने बुधवार को कहा कि भारत में ‘बेहतरीन’ डिजिटल नेटवर्क है और ‘बहुत अच्छी’ कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन का काफी अधिक इस्तेमाल होता है। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि भारत सबसे सस्ता 5जी बाजार होगा। भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत बुधवार को ‘जुझारू और समावेशी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण- डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का वादा’ विषय पर यहां आयोजित एक सत्र में उन्होंने यह बात कही। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक ने भारत के प्रतिस्पर्धी निजी बाजार, भरोसेमंद और कम लागत वाले संपर्क की तारीफ की और कहा कि यह सबसे सस्ता 5जी बाजार होगा।

उन्होंने कहा कि भारत में शानदार डिजिटल नेटवर्क है और स्मार्टफोन का उपयोग करने वाले लोगों का प्रतिशत बहुत अधिक है। इस मौके पर दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2023 को एक ऐतिहासिक वर्ष करार दिया, और कहा कि डिजिटल तकनीक अब परिपक्व हो गई है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम मेधा, 5जी और क्वॉन्टम कंप्यूटिंग मुख्यधारा की प्रौद्योगिकी बनने के लिए तैयार हैं। मंत्री ने कहा कि भारत ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए बेमिसाल ढांचा तैयार किया है, जो लोगों के जीवन में बदलाव लाने पर केंद्रित है।

500 रुपये से कम कीमत में सिलेंडर उपलब्ध: कांग्रेस 

500 रुपये से कम कीमत में सिलेंडर उपलब्ध: कांग्रेस 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर और वाणिज्यिक गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी को ‘‘होली से पहले मोदी सरकार का तोहफा’’ करार देते हुए बुधवार को कहा, कि अगर 2024 में उसकी सरकार बनती है तो वह आम परिवारों को 500 रुपये से कम कीमत में सिलेंडर उपलब्ध करवाएगी। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राजस्थान की कांग्रेस सरकार से सीखना चाहिए क्योंकि प्रदेश में घरेलू एलपीजी सिलेंडर 500 रुपये से कम कीमत में मिल रहा है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ाए, वाणिज्यिक गैस सिलेंडर 350 रुपये महंगे। जनता पूछ रही है — अब कैसे बनेंगे होली के पकवान, कब तक जारी रहेंगे लूट के ये फ़रमान ?’’

उन्होंने तंज कसते हुए यह भी कहा, ‘‘मोदी सरकार में लागू कमरतोड़ महंगाई के तले पिसता हर इंसान !’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के ‘मित्रकाल’ में जनता की जेब काटी जा रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 2014 में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 410 रुपये थी। आज भाजपा की सरकार में सिलेंडर 1103 रुपये का मिल रहा है और सब्सिडी कुछ नहीं है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस काल में जहां मिली सब्सिडी से राहत, ‘मित्र काल’ में बस जनता की जेब कटी, और देश की संपत्ति ‘मित्र’ को खैरात में बटी।’’ कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मित्रकाल में मोदी जी ने जनता को होली से सात दिन पहले तोहफा दिया है। मोदी जी नहीं चाहते कि लोग होली पर अपनी रसोई में कुछ बनाएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान में हमारी सरकार गैस सिलेंडर 500 रुपये से कम में दे रही है।

राज्यों से सीखो मोदी जी। हमारी मांग है कि रसोई गैस की कीमत 500 रुपये से कम की जाए। अगर यह कीमत 500 रुपये से अधिक होती है तो यह जीडीपी वृद्धि के लिए ठीक नहीं होगा।’’ यह पूछे जाने पर कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जीतती है और उसकी सरकार बनती है तो क्या घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये से कम की जाएगी तो वल्लभ ने कहा, ‘‘जब हम राजस्थान में यह कर सकते हैं तो देश में ऐसा क्यों नहीं करेंगे।’’

उन्होंने कहा ‘‘ हम प्रण लेते हैं कि 2024 में अगर हमारी सरकार बनती है, तो घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये से अधिक नहीं होगी।’’ उल्लेखनीय 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बुधवार को 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई। राजधानी दिल्‍ली में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर का दाम अब 1103 रुपये पहुंच गया है। पहले यहां 1053 रुपये में सिलेंडर मिलता था।

विधानसभा से एक दिन के लिए निलंबित, 19 विधायक

विधानसभा से एक दिन के लिए निलंबित, 19 विधायक

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर। गुजरात में विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के 19 विधायकों को बुधवार को विधानसभा से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। एक फर्जी प्रशिक्षु पुलिस उप-निरीक्षक के सरकार द्वारा संचालित पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और फिर सदन से बहिर्गमन किया। कांग्रेस ने युवाओं के भविष्य से जुड़ा मुद्दा बताते हुए इस पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी ने अनुरोध को खारिज कर दिया। इसके बाद सदन में मौजूद कांग्रेस के 16 विधायकों और आप के तीन विधायकों ने विरोध स्वरूप बहिर्गमन किया।

गुजरात के विधायी और संसदीय मामलों के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने एक दिन के लिए इन सदस्यों के निलंबन को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें दावा किया गया कि विपक्षी विधायकों ने ‘‘पूर्व नियोजित’’ रणनीति के तहत तख्तियां लहराई और नारे लगाए। तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार का प्रस्ताव पारित हो गया, जिसमें कांग्रेस और आप के 19 विधायकों को ‘‘हंगामा करने, नारेबाजी करने और बहिर्गमन करने पर एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।’’ मंगलवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय ने कहा था कि मयूर तड़वी नाम के एक व्यक्ति को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गांधीनगर के पास करई गांव में पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षु पुलिस उप-निरीक्षक (पीएसआई) के रूप में प्रशिक्षण लेते पकड़ा गया।

मामले की अब तक की जांच से पता चला है कि तड़वी ने पीएसआई के रूप में अपने चयन का फर्जी पत्र तैयार किया और एक महीने पहले प्रशिक्षु के रूप में करई स्थित अकादमी में प्रवेश किया। हालांकि, जब 582 प्रशिक्षुओं के लिए वेतन बिल तैयार किए जा रहे थे, तब अधिकारियों ने पाया कि चयनित उम्मीदवारों की सूची में तड़वी का नाम नहीं था, जिसके बाद उसे पकड़ लिया गया। कांग्रेस ने ‘‘अत्यावश्यक लोक महत्व’’ के मामले से संबंधित विधानसभा के नियम 116 के तहत मंगलवार को सदन में चर्चा के लिए एक नोटिस दिया था, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ विधायक अमित चावड़ा ने घटना को ‘‘गंभीर’’ बताते हुए बुधवार को ही चर्चा की मांग की। चावड़ा ने कहा कि ऐसे कई अन्य लोग हो सकते हैं, जिन्होंने इस तरह अवैध तरीकों से अकादमी में प्रवेश किया हो।

चौधरी ने उनकी मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह नियमों को दरकिनार नहीं कर सकते हैं और उन्हें नियम 116 के तहत अपने जवाब के साथ आने के लिए संबंधित मंत्री को कम से कम दो दिन का समय देना होगा। कांग्रेस विधायकों ने आज ही चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी और तख्तियां लहराईं। उन्होंने गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी का इस्तीफा भी मांगा और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से स्पष्टीकरण भी मांगा। अपने जवाब में मुख्यमंत्री पटेल ने कांग्रेस की मांग की निंदा की और कहा कि उनकी सरकार हर तरह की अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने में सक्षम है।


‘नए भारत’ में पीएम को नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं

‘नए भारत’ में पीएम को नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रमुख थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीआर) का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि इस ‘नए भारत’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनकी नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि लोग उनकी सिर्फ वाह-वाह करें।

रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘एक प्रमुख शोध संगठन जो मई, 2014 के बाद सत्ता प्रतिष्ठान के करीबी था, उसे अब स्वतंत्र सोच के चलते प्रताड़ित किया जा रहा है। मोदी जी सिर्फ वाह-वाह करने वालों को ही चाहते हैं और अपनी नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे वो कितना पेशवर हो। यह ‘नया भारत’ है।’’ उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने कानूनों के उल्लंघन पर प्रमुख थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित कर दिया है। पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग के सर्वेक्षण अभियान के बाद सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया जांच के घेरे में थे।

अधिकारियों ने बताया कि सीपीआर का विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस कानूनों के उल्लंघन के कारण निलंबित कर दिया गया है। ऑक्सफैम का एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल जनवरी में निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद गैर सरकारी संगठन ने गृह मंत्रालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी।

मानसिक विकारों से पीड़ित हैं 4.6 करोड़ 'भारतीय'

मानसिक विकारों से पीड़ित हैं 4.6 करोड़ 'भारतीय'

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम। देश में 4.6 करोड़ लोग मानसिक विकारों से पीड़ित हैं और अन्य राज्यों की तुलना में दक्षिणी राज्यों में इसका प्रसार 1.9 गुना अधिक है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के सलाहकार डॉ. नरेश पुरोहित ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अवसाद और चिंता का देश में इस बीमारी के होने में सबसे अधिक योगदान हैं लेकिन इसे आसानी ने पहचाना नहीं जा सकता है।

केरल में मानसिक विकारों में वृद्धि पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए त्रिशूर स्थित केरल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. पुरोहित ने यहां यूनीवार्ता को बताया कि इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, केरल में 35 से 45 आयु वर्ग के लोग जिन मानसिक विकारों से पीड़ित होते हैं, उनमें अवसाद और चिंता शीर्ष पर हैं।

उन्होंने कहा, “ देश में अवसाद के मामलों का योगदान 33.8 प्रतिशत है, जबकि चिंता के मामले 19 प्रतिशत हैं। स्किज़ोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, इडियोपैथिक डेवलपमेंटल इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी, कंडक्ट डिसऑर्डर और ऑटिज्म देश में अन्य आम समस्याएं हैं।” एसोसिएशन ऑफ स्टडीज फॉर मेंटल केयर के प्रधान अन्वेषक, डॉ. पुरोहित ने कहा कि मानसिक विकारों के मामले में महिलाओं और पुरुषों का अनुपात 2:1 है। यह हार्मोनल असंतुलन, पारिवारिक तनाव, काम, घर और परिवार में संतुलन और खुद को अभिव्यक्त करने में असमर्थता के कारण होता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा, “ डब्ल्यूएचओ के अनुमान के अनुसार मानसिक विकारों का बोझ 1990 से 2021 तक दोगुना हो गया है और 19.83 करोड़ लोग विभिन्न मानसिक समस्याओं से पीड़ित हैं।

इसका मतलब है कि देश में हर सात में से एक व्यक्ति मानसिक विकार से पीड़ित है और उसे मदद की ज़रूरत है।” उन्होंने कहा कि अवसाद की बढ़ती घटनाओं पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि यह परिवार और समुदाय में विभिन्न मुद्दों को जन्म देता है। उन्होंने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य को सामान्य स्वास्थ्य के साथ एकीकृत करने की मांग की जा रही है ताकि इससे जुड़े कलंक को दूर किया जा सके और लोगों तक इसकी पहुंच को आसान बनाया जा सके।”

उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीड़ित लोगों से निपटने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति की कमी है। प्रति एक लाख आबादी पर महज 0.3 मनोचिकित्सक हैं। इसके अलावा इन विकारों के इलाज के लिए बीमा के मामले में जागरूकता की कमी और बेहद खराब कवरेज भी है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य का इलाज लंबा चलता है और इसमें डॉक्टर के पास लगातार जाना, दवाएं लेना और समय-समय पर दवा में बदलाव करना शामिल है। व्यक्ति की मदद करने के लिए परिवार का एक सदस्य होना चाहिए और यह काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

सिसोदिया की ‘साफ-सुथरी छवि’ के लिए सराहना

सिसोदिया की ‘साफ-सुथरी छवि’ के लिए सराहना

अकांशु उपाध्याय/श्रीराम मौर्य 

नई दिल्ली/शिमला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया की ‘साफ-सुथरी छवि’ के लिए सराहना की। लेकिन साथ ही कहा, कि संभव है कि उन्होंने पार्टी और चुनाव के लिए ‘‘पैसा इकट्ठा’’ करने के वास्ते यह सब किया हो। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2021-22 के लिए शराब नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सिसोदिया को रविवार की शाम गिरफ्तार किया था। यह नीति अब रद्द की जा चुकी है। अपनी टिप्पणी से पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाले शांता कुमार ने कहा कि ‘आप’ ने केंद्र सरकार की नाक के नीचे दिल्ली में भाजपा को हराकर सरकार बनाई थी।

उन्होंने कहा कि ‘आप’ सरकार ने पांच साल तक काम किया और फिर सत्ता में वापसी की, जो एक "बड़ी उपलब्धि" है। फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक बयान के अनुसार भाजपा नेता ने कहा कि सिसोदिया ने एक साफ-सुथरी छवि वाले उपमुख्यमंत्री के रूप में ख्याति अर्जित की, जिसने ‘‘सराहनीय काम’’ किया और वह अब जेल में हैं। शांता कुमार ने कहा कि दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप होते रहे हैं।उन्होंने कहा कि इसकी कल्पना करना कठिन है कि बिना किसी अपराध के ही सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को जेल में डाला होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ‘‘सिसोदिया व्यक्तिगत तौर पर एक ईमानदार व्यक्ति हैं, लेकिन हो सकता है कि उन्होंने पार्टी और चुनाव के लिए पैसा इकट्ठा करने के वास्ते यह सब किया हो।’’ कुमार ने कहा, ‘‘मेरे विचार से यही सच है और यदि यह सच है तो देश को बड़ी गंभीरता से कुछ नये निर्णय करने होंगे।’’

उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े व्यापारियों से धन लेती है और सत्ता हासिल करने पर सरकार की मदद से भ्रष्टाचार द्वारा इस पैसे की भरपाई करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के बाद विजयी उम्मीदवार निर्वाचन आयोग के पास चुनाव मे खर्च होने का झूठा हिसाब पेश करते है। उन्होंने कहा, ‘‘जिस देश का लोकतंत्र काले धन और झूठ से शुरू होता है उस देश में सब अच्छा कैसे हो सकता है।’’

12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ हुआ 'जीएसटी'

12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ हुआ 'जीएसटी'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह फरवरी में घरेलू आर्थिक गतिविधियों और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि के बल पर 12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, जनवरी की तुलना में फरवरी में जीएसटी राजस्व में गिरावट आई है। जनवरी, 2023 में 1.57 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ था, जो अबतक का दूसरा सर्वोच्च स्तर है। अप्रैल, 2022 में एकत्रित 1.68 लाख करोड़ रुपये जीएसटी का सर्वोच्च स्तर है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को फरवरी, 2023 के जीएसटी संग्रह आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस महीने में 28 दिन ही होने से अमूमन जीएसटी संग्रह अन्य महीनों की तुलना में कम होता है।

हालांकि, इस महीने में उपकर के तौर पर 11,931 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ जो जीएसटी लागू होने के बाद का सर्वाधिक स्तर है। मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘फरवरी, 2023 में कुल जीएसटी संग्रह 1,49,577 करोड़ रुपये रहा है। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 27,662 करोड़ रुपये है जबकि राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) संग्रह 34,915 करोड़ रुपये है। वहीं, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के मद में 75,069 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए हैं। इसके अलावा 11,931 करोड़ रुपये का उपकर भी शामिल है।’’ एक साल पहले के समान महीने में जीएसटी संग्रह 1.33 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस तरह फरवरी, 2023 में जीएसटी कर संग्रह सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़ा है। यह लगातार 12वां महीना है जब जीएसटी का मासिक राजस्व 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

केपीएमजी के भारत में साझेदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटी संग्रह में यह वृद्धि घरेलू बाजार के भीतर बढ़ती आत्मनिर्भरता को दर्शाती है। उन्होंने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत भी बताया। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि इस महीने में वस्तुओं के आयात से मिलने वाले राजस्व के बजाय घरेलू कारोबार से मिलने वाले कर में वृद्धि हुई है। उन्होने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सीजीएसटी संग्रह लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। एन ए शाह एसोसिएट्स के पराग मेहता ने कहा कि उपभोक्ताओं की तरफ से महंगे उत्पादों पर व्यय बढ़ा है जिसका नतीजा कर संग्रह वृद्धि के रूप में सामने आया है।

यूपी: लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश

यूपी: लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश  संदीप मिश्र  लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके ...