बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

प्लास्टिक की बोतलों से बनी है जैकेट, पीएम ने पहनी

प्लास्टिक की बोतलों से बनी है जैकेट, पीएम ने पहनी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर साढ़े तीन बजे लोकसभा में जवाब देंगे। पीएम मोदी आज संसद में एक खास जैकेट पहने नजर आए। यह नीले रंग की है, लेकिन इसकी खास बात यह है कि यह जैकेट प्लास्टिक की बोतलों PET से बनी है। यह इन बोतलों को रिसाइकल करके बनाई गई है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने पीएम को बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक में यह जैकेट भेंट की थी। ऐसी दस करोड़ बोतलों को रिसाइकल करने का लक्ष्य रखा गया है। पेट्रोल पंप के असिस्टेंट को यही जैकेट दी जाएगी।

कंपनी ने पेट्रोल पंप एवं एलपीजी एजेंसी पर तैनात अपने कर्मचारियों के लिए ऐसी वर्दी बनाने की योजना बनाई है। इसे Unbottled इनिशिएटिव नाम दिया गया है। एक यूनिफॉर्म को बनाने में कुल 28 बॉटल को रिसाइकिल किया जाता है। कंपनी की योजना हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की है। इससे पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी और पानी की भी भारी बचत होगी। कॉटन को कलर करने में भारी मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया जाता है जबकि पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाती है। इसमें पानी की एक बूंद का भी इस्तेमाल नहीं होता है। आईओसी की योजना PET बॉटल्स का इस्तेमाल करके सशस्त्र बलों के लिए नॉन-कॉम्बैट यूनिफॉर्म बनाने की भी है।

मोदी ने आईओसी की इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि ग्रीन ग्रोथ और एनर्जी ट्रांजिशन की तरफ भारत के प्रयास हमारी वैल्यूज को रिफ्लेक्ट करते हैं। सर्कुलर इकॉनमी एक तरह से हर भारतीय की जीवनशैली का हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'Reduce, Reuse और Recycle का मंत्र हमारे संस्कारों में रहा है। आज इसका भी एक उदाहरण हमें यहां अभी देखने को मिला है। प्लास्टिक की वेस्ट बॉटल्स को रिसाइकिल करके जो यूनिफॉर्म बनाई गई है, आपने उसे देखा है। फैशन की दुनिया के लिए, सुंदरता की दुनिया के लिए उसमें कोई कमी नहीं है। हर साल 10 करोड़ ऐसी बॉटल्स की रिसाइकिलिंग का लक्ष्य पर्यावरण की रक्षा में बहुत मदद करेगा।'

आईओसी ने मोदी को जो जैकेट भेंट की, उसके लिए कपड़ा तमिलनाडु के करूर की कंपनी श्री रेंगा पॉलीमर्स ने बनाया है। कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर सेंथिल शंकर ने दावा किया कि उन्होंने इंडियन ऑयल को PET बॉटल से बने नौ रंग के कपड़े दिए थे। इसमें से मोदी ने चंदन के रंग वाली जैकेट दी गई। इंडियन ऑयल ने गुजरात में प्रधानमंत्री के टेलर से यह जैकेट तैयार करवाई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की जैकेट को बनाने में औसतन 15 बॉटल्स का इस्तेमाल होता है। एक पूरी यूनिफॉर्म बनाने में औसतन 28 बॉटल्स का यूज होता है।

प्लास्टिक बॉटल से बने गारमेंट की सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि इसे कलर करने में एक बूंद पानी की भी इस्तेमाल नहीं होता है। सेंथिल ने बताया कि कॉटन को कलर करने में बहुत पानी बर्बाद होता है। लेकिन PET बॉटल्स से बने गारमेंट में डोप डाइंग का इस्तेमाल होता है। बॉटल्स से पहले फाइबर बनाया जाता है और फिर इससे यार्न तैयार किया जाता है। यार्न से फिर फैब्रिक बनता है और फिर सबसे अंत में गारमेंट तैयार किया जाता है। रिसाइकिल बॉटल से बनी जैकेट की रिटेल मार्केट में कीमत 2,000 रुपये है।

यह गारमेंट पूरी तरह ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनाया जाता है। इन बोतलों को जमीन और समुद्र के कलेक्ट किया जाता है। सेंथिल ने दावा किया कि उनकी कंपनी देश की एकमात्र ऐसी कंपनी है जो एंड टू एंड काम कर रही है। हमारे कपड़ों पर एक क्यूआर कोड होता है जिसे स्कैन करके आप उसकी पूरी हिस्ट्री जान सकते हैं। कंपनी इंडियन ऑयल के साथ पार्टनरशिप में काम कर रही है। टी-शर्ट और शॉर्ट्स बनाने में 5 से 6 बॉटल का इस्तेमाल होता है। इसी तरह शर्ट बनाने में 10 और पेंट बनाने में 20 बॉटल का इस्तेमाल होता है।

समिति ने रेपो रेट को 6.50% करने का फैसला किया 

समिति ने रेपो रेट को 6.50% करने का फैसला किया 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.50% करने का फैसला किया है। मई 2022 के बाद से रेपो रेट में यह लगातार छठी बढ़ोतरी है। गौरतलब है कि रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई, बैंकों को कर्ज़ देता है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, वित्त वर्ष 2023-2024 में रियल GDP ग्रोथ 6.4% की संभावना है। उन्होंने कहा, 2023-24 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति औसतन 5.6% रहने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के उद्देश्य से बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे मुख्य नीतिगत दर बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है।

इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। वहीं अगले वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी। 

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल माध्यम से प्रसारित बयान में कहा, मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।

उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, रेपो दर में वृद्धि की यह गति पिछली पांच बार की वृद्धि के मुकाबले कम है और बाजार इसकी उम्मीद कर रहा था। आरबीआई मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये इस साल मई से लेकर अबतक कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। 

इससे पहले, मई में रेपो दर 0.40 प्रतिशत तथा जून, अगस्त तथा सितंबर में 0.50-0.50 प्रतिशत तथा दिसंबर में 0.35 प्रतिशत बढ़ायी गयी थी। केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है। 

नीतिगत दरों में छठवीं बार वृद्धि, घर-कार ऋण होगा महंगा

रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई को लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य से आज लगातार छठवीं बार नीतिगत दरों में बढोतरी की जिससे घर, कार और अन्य ऋण अब और महंगे हो जायेंगे। आरबीआई ने गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति की बुधवार को समाप्त हुयी तीन दिवसीय बैठक के बाद यह घोषणा की।दास ने घोषणा करते हुये कहा कि अक्टूबर 2022 के बाद दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई में तेजी से नरमी आयी है, जो विशेषकर खाद्य पदार्थों की कीमतों के घटने से हुआ है। उन्होंने कहा कि छह सदस्यीय समिति में से चार सदस्यों ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढोतरी किये जाने के पक्ष में मतदान किया जबकि दो ने इसके विरोध में। इस तरह से बहुमत के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही समिति ने विकास को गति देने तथा महंगाई को लक्षित दायरे में बनाये रखने के पक्ष में ये निर्णय लिया है। 

उन्होंने कहा कि मध्यावधि में विकास को गति देते हुये खुदरा महंगाई को चार प्रतिशत के लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ ही डॉ. शशांक भिड़े, डॉ राजीव रंजन और डॉ. माइकल देबब्रत ने रेपो दर में बढोतरी और समायोजन की नीति को वापस लेने का पक्ष लिया जबकि डॉ. असीमा गोयल और प्रो. जयंत आर. वर्मा ने इसके विरोध में मतदान किया।

कोरोना महामारी के बाद रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में करने के उद्देश्य से लगातार छठवीं बैठक में रेपो दर में बढोतरी की है। इससे आम लोगों के लिए घर, कार और अन्य प्रकार के ऋण अब महंगें हो जायेंगे क्योंकि अब तक जितनी बार रेपो दर में बढोतरी की गई है। बैंकों ने इसका भार उपभोक्ताओं पर डाला है। 

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बुधवार को पेश द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक की मुख्य बातें इस प्रकार हैं...

प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया। मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मत दिया। चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के सात प्रतिशत रहने का अनुमान। 2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी। मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में। ...खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान। 

चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत पर रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके घटकर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान। बीते साल और इस वर्ष अभी तक अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम उतार-चढ़ाव। ....चालू खाते का घाटा 2022-23 की दूसरी छमाही में नीचे आएगा। दुकानों पर भुगतान के लिए भारत आने वाले यात्रियों को भी यूपीआई सुविधा देने का प्रस्ताव। शुरुआत में यह सुविधा जी20 देशों के यात्रियों को मिलेगी।

भूकंप: तुर्की के 10 प्रांतों में 'आपातकाल' की घोषणा 

भूकंप: तुर्की के 10 प्रांतों में 'आपातकाल' की घोषणा 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

अंकारा/डमस्कस। तुर्की और सीरिया में भीषण भूकंप आने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 8000 से अधिक हो गई है। भूकंप के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन ने देश के 10 प्रांतों में 3 महीने के आपातकाल की घोषणा की है। तुर्की के 12,000 से अधिक राहत व बचाव कर्मी प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।

सोमवार को आए भूकंप ने तुर्की और सीरिया की कमर तोड़ दी है। इस आपदा में करीब 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और ये आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है और अस्पताल पीड़ितों से पटे पड़े हैं। इस भीषण आपदा के बीच भारत लगातार तुर्की और सीरिया को मदद पहुंचा रहा है। भारत ने राहत सामग्री के अलावा 30 बिस्तरों की चिकित्सा सुविधा वाले इंडियन आर्मी फील्ड अस्पताल को भी मौके पर भेजा है। 

गौरतलब है कि तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहरामनमारस में सोमवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:17 बजे 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके कुछ मिनट बाद देश के दक्षिणी प्रांत गजियांटेप में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया और कहरामनमारस में फिर दोपहर बाद 01:24 बजे 7.6 तीव्रता का भूकंप आया। चीन का 82 सदस्यीय बचाव दल चार्टर्ड एयर चाइना के विमान से 8,000 किमी से अधिक की उड़ान भरने के बाद बुधवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे तुर्की के अदाना हवाई अड्डे पर पहुंचा।

भूकंप ने तुर्की और सीरिया को काफी नुकसान पहुंचाया है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और आशंका जताई गई है कि हजारों लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं। इस बीच बर्फबारी और खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है। खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर की लैंडिंग नहीं हो पा रही है। ऐसे में राहत सामग्री सड़क के रास्ते ही पहुंच पा रही है। 

तुर्की और सीरिया में आए भूकंप की वजह से लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। अभी तक करीब 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस आपदा में करीब 20 हजार लोगों के मरने की आशंका जताई है। सीरिया में भूकंप से तबाही के बाद 6 टन राहत सहायता लेकर भारतीय वायुसेना का विमान सीरिया रवाना हो गया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विमान की रवानगी का वीडियो ट्वीट कर बताया कि खेप में जीवन रक्षक दवाएं और आपातकालीन चिकित्सा वस्तुएं शामिल हैं। उन्होंने लिखा, भारत इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।

भारत ने तुर्की में भीषण भूकंप के बाद हुई तबाही के मद्देनज़र वहां 30 बेड की मेडिकल यूनिट स्थापित करने के लिए सेना का दल भेजा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, मेडिकल यूनिट के शुरुआती कॉम्पोनेंट्स को वायुसेना के सी17 विमान से 45 सदस्यीय मेडिकल टीम के साथ...भेजा गया है। यूनिट में एक्स-रे मशीन और वेंटिलेटर्स भी होंगे।

सीरिया में भूकंप के बाद मलबे के नीचे एक 7-वर्षीय सीरियाई लड़की की अपने भाई को बचाने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि मोहम्मद सफा ने तस्वीर शेयर कर ट्वीट किया, वे 17 घंटों तक मलबे के नीचे दबे रहे। तस्वीर पर एक यूज़र ने कहा, चमत्कार होते हैं। सीरिया के आफरीन शहर में भूकंप के बाद मलबे में दबी एक महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है। सीरिया के पत्रकारों के अनुसार, बच्ची के माता-पिता को बचाया नहीं जा सका। वहीं, बच्ची को मलबे से निकाले जाने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक शख्स बच्ची को सुरक्षित स्थान पर ले जाता दिखा।

बहुत जल्द प्रदेश संगठन में फेरबदल हो सकता है

बहुत जल्द प्रदेश संगठन में फेरबदल हो सकता है

संदीप मिश्र 

लखनऊ। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है और बहुत जल्द प्रदेश संगठन में फेरबदल हो सकता है। साथ ही, भाजपा की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन की भी संभावना बढ़ गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने 'पीटीआई-भाषा' को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि संगठन में बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन बहुत जल्‍द आंशिक पुनर्गठन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा, ''राजभर जी (सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर) हमारे साथ रहे हैं और निश्चित रूप से अगर विचारधारा से सहमत हैं तो उन्हें अपने साथ काम करने का पार्टी अवसर देगी, ऐसा मुझे विश्वास है।''

भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की पिछले माह लखनऊ में हुई बैठक में भूपेंद्र सिंह चौधरी ने लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 80 सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था और इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की थी। हालांकि चौधरी से अब तक उनकी प्रदेश कमेटी गठित न होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,''मुझे पार्टी ने मध्य सत्र में अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का अवसर दिया। संगठन के कुछ लोग सरकार में मंत्री बने हैं तो मैंने आंशिक पुनर्गठन के लिए पार्टी के नेतृत्व से निवेदन किया और मुझे उसकी अनुमति मिली है। जल्द ही हम इस प्रक्रिया में आगे बढ़ेंगे। बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं होगा लेकिन आंशिक पुनर्गठन का कार्य किया जाएगा।''

उन्होंने इसके पहले संगठनात्मक व्यवस्था को स्पष्ट करते हुए कहा, ''भाजपा की एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है। देश में इस वर्ष नौ राज्यों में और अगले वर्ष लोकसभा का चुनाव होना है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव होना है तो भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाया है और उसी क्रम में प्रदेश, जिलों, मंडलों का कार्यकाल 2024 तक बढ़ गया है।''

पिछड़ी जातियों में प्रभावी जाट समुदाय से आने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी को भाजपा ने पिछले वर्ष अगस्त में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था और उन्होंने इसके बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में पंचायती राज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। संगठन और सरकार में दोहरा दायित्व निभा रहे लोगों के बारे में जब उनसे पूछा गया कि भाजपा में तो एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत है और आपने भी प्रदेश अध्यक्ष बनते ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन कई पदाधिकारी मंत्री बनने के बाद भी संगठन के पदों पर बने हैं तब उन्होंने कहा, ''कुछ लोग सरकार में हैं लेकिन संगठन के रोजमर्रा के कामों में उनका दखल नहीं है। उनकी गतिविधि संगठनात्मक कार्यों में नहीं है। सरकार में उन्हें जो दायित्‍व मिला उसे ईमानदारी से बेहतर ढंग से निभा रहे हैं।''

गौरतलब है कि राज्य सरकार के नगर विकास और ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, परिवहन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष और सहकारिता राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर अभी प्रदेश महामंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं। इनके अलावा राज्‍य सरकार की मंत्री बेबी रानी मौर्य पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। भाजपा के पूर्व सहयोगी रहे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से फिर नजदीकी बढ़ने और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गठबंधन के संकेत पर चौधरी ने कहा कि ''हमारा रूख स्पष्ट है, हम सबका स्वागत करते हैं। जो भी हमारे विचार से सहमत हैं और हमारे साथ काम करना चाहता तो उसे साथ रखने में कोई समस्या नहीं है। हम सबको साथ लेकर चलेंगे। राजभर जी हमारे साथ रहे हैं और निश्चित रूप से अगर विचारधारा से सहमत हैं तो उन्हें अपने साथ काम करने का पार्टी अवसर देगी, ऐसा मुझे विश्वास है।''

राजभर ने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और उनकी पार्टी ने चार सीट पर जीत हासिल की थी। वह योगी सरकार में मंत्री बने। हालांकि दो वर्ष के भीतर ही भाजपा से उनका गठबंधन टूट गया और वह सरकार से बाहर हो गये। राजभर की पार्टी ने 2022 समाजवादी पार्टी से हाथ मिला लिया था और विधानसभा की 403 सीटों में छह सीटों पर जीत हासिल की थी। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में आने से सपा प्रमुख से राजभर की दूरी बढ़ गयी और वह विरोध में मुखर हो गये। बाद में उनका गठबंधन टूट गया और अब वह सपा की नीतियों के मुखर विरोधी हो गये हैं। गौरतलब है कि अपना दल (सोनेलाल) के साथ गठबंधन कर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 80 सीटों में से 64 सीट जीती थीं जबकि कांग्रेस ने एक, सपा ने पांच और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10 सीट जीती थीं। तब सपा-बसपा ने मिलकर गठबंधन में चुनाव लड़ा था।

यूपी: आईएएस अफसर अभिषेक को निलंबित किया 

यूपी: आईएएस अफसर अभिषेक को निलंबित किया 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। लापरवाही पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त एक्शन। यूपी कैडर के आईएएस अफसर अभिषेक सिंह को निलंबित कर दिया है। अभिषेक सिंह निलंबित 3 महीने से बिना बताए ड्यूटी से गायब चल रहे थे। इससे पहले वो अक्टूबर 2014 में भी निलंबित रह चुके हैं। निलंबन के दौरान अभिषेक राजस्व परिषद से संबंद्ध रहेंगे। 2011 बैच के IAS अभिषेक सिंह को जल्द दिया जाएगा आरोप पत्र।

बता दें कि गुजरात चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करने के चलते प्रेक्षक के पद से हटाए गए थे अभिषेक सिंह। अभिषेक सिंह को 2015 में 3 साल के लिए दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति दी गई थी। 2018 में प्रतिनियुक्ति की अवधि 2 साल के लिए बढ़ाई गई थी। लेकिन उस दौरान अभिषेक सिंह मेडिकल लीव पर चले गए।

बता दें अभिषेक सिंह अखिलेश सरकार में कानपुर मामले में चर्चित आईएएस रही दुर्गा शक्ति नागपाल के पति हैं। अभिषेक सिंह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं और कई फिल्मों में रोल भी निभा चुके हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-119, (वर्ष-06)

2. बृहस्पतिवार, फरवरी 9, 2023

3. शक-1944, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 22+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

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