गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

महिला संगठन विस्तार को लेकर रूपरेखा तैयार की

महिला संगठन विस्तार को लेकर रूपरेखा तैयार की

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। उपाध्याय चेतना मंच महिला विंग जिला महासचिव सोनिया नागवान, जिला उपाध्यक्ष श्रीमती ममतेश उपाध्याय बंसल ने गत बुधवार (1 फरवरी) को प्रदेश कैम्प कार्यलय पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष से महिला संगठन विस्तार को लेकर आगामी रूपरेखा तैयार की। जिला महासचिव श्रीमती सोनिया उपाध्याय नागवान ने बताया कि नई बस्ती अटल बिहार शामली मे बिजली लाईन न होने के कारण कालोनी वासियो को बहुत समस्या हो रही है। क्षेत्रीय विधायक से मिलकर जल्द समस्या का समाधन कराया जाएगा। श्रीमती ममतेश उपाध्याय ने बस्ती की सड़क खराब की समस्या का भी निकाय चुनाव के बाद हल कराया जाएगा।

उपाध्याय चेतना मंच महिला संगठन में शामिल हुए सभी पदाधिकारियों को भी जल्द सम्मानित किया जाएगा। श्रीमती सोनिया नागवान ने खेड़ी करमू गौरव उपाध्याय हत्या प्रकरण को लेकर दुख प्रकट किया। श्रीमती ममतेश उपाध्याय बंसल ने गौरव उपाध्याय हत्या प्रकरण मे आदरणीय प्रदेश अध्यक्ष संजय उपाध्याय की पीड़ित परिवार का साथ देने के लिए सराहना की और कहा कि समाज हित मे यदि हमें भी आना पड़े, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।

बाल कल्‍याण मद, आवंटन में कटौती चिंताजनक है

बाल कल्‍याण मद, आवंटन में कटौती चिंताजनक है

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के संगठन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में श्रम मंत्रालय के बाल कल्‍याण मद में आवंटन में कटौती चिंताजनक है और ‘‘बालश्रम व बच्चों से दुर्व्यवहार’’ के मामलों में वृद्धि हो सकती है। ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘पिछले साल की तुलना में इस साल श्रम मंत्रालय के बाल कल्याण मद में 33 प्रतिशत की कटौती की गई है, जिससे संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्‍य(एसडीजी- 2025) के अंतर्गत ‘बाल श्रम मुक्त विश्व’ के प्रयासों में बाधा आ सकती है।’’

संगठन ने यह दावा भी किया कि श्रम मंत्रालय के लिए बजट में की गई इस कटौती से बाल श्रम और बच्चों की तस्करी बढ़ सकती है। संगठन ने कहा, ‘‘यह लगातार तीसरा साल है, जब श्रम मंत्रालय के तहत बच्‍चों के कल्‍याण के लिए बजटीय आवंटन में कटौती की गई है। 2021-22 में यह आवंटन 120 करोड़ रुपये का था, 2022-23 में इसे 30 करोड़ रुपये कर दिया गया और 2023-24 में यह घटकर 20 करोड़ रुपये रह गया है।’’

‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में बच्‍चों के लिए और ज्‍यादा आवंटन किये जाने की उम्‍मीद थी। हालांकि, बजट में बच्‍चों के लिए कुछ अच्‍छी चीजें भी हैं, लेकिन कुछ और बेहतर किया जा सकता था।’’

2027-28 तक तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा 'भारत'

2027-28 तक तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा 'भारत'

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पनगड़िया ने कहा है कि भारत उच्च वृद्धि के मार्ग पर लौटने को तैयार है, उन्होंने भरोसा जताया कि देश 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पनगड़िया ने कहा कि मौजूदा समय में भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा, ‘‘बस और पांच साल की बात है, 2023 तो चल ही रहा है। 2027-28 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट पेश किया जिसमें कहा गया है कि 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.5 फीसदी रहेगी।

पनगड़िया ने कहा कि आर्थिक समीक्षा से जो बात निकल कर सामने आई है, उससे कहीं अधिक मजबूत अर्थव्यवस्था के बारे में पता चलता है, जो उस अर्थव्यवस्था से और मजबूत होगी जो आज 6.5 फीसदी की दर से वृद्धि कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत जिस स्थिति में है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि यह सात फीसदी से अधिक की वृद्धि दर तक पहुंच जाएगा।’’ अर्थशास्त्री ने यह भी कहा कि भारत आज जिस जगह खड़ा है, वह 2003 के समान है, जब वृद्धि दर आठ फीसदी के निकट पहुंच गई थी और फिर देश ने कई वर्षों तक उसी दर से वृद्धि जारी रखी थी। पनगड़िया ने कहा कि उच्च वृद्धि को लेकर उनके अनुमान का आधार वे सुधार है। जो कोविड महामारी के दौरान किए गए और साथ ही अर्थव्यवस्था की कमजोरियों को दूर किया गया।

उन्होंने कहा कि बैंकों और कॉरपोरेट जगत के बहीखाते अब काफी मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले कई वर्षों तक निश्चित ही सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगा। उन्होंने अनुमान जताया कि भारत इन वर्षों में करीब सात फीसदी की वृद्धि दर निश्चित तौर पर हासिल करेगा और यदि अर्थव्यवस्था को और खोलने के लिए कदम उठाए जाते हैं, तो आठ फीसदी की वृद्धि दर आसानी से हासिल हो सकेगी।

कार्यक्रम पर रोक, अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई

कार्यक्रम पर रोक, अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय मुंबई में पांच फरवरी को होने वाले कथित नफरती भाषण कार्यक्रम पर रोक लगाने का अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को सहमत हो गया। न्यायमूर्ति के एम जोसेफ, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि वह प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ से निर्देश लेगी और उनकी अनुमति मिलने पर मामले की शुक्रवार को सुनवाई करेगी। पीठ ने कहा, "इस संबंध में हम आपके साथ हैं, लेकिन यह समझें कि हर बार किसी रैली की घोषणा होने पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाया जा सकता है।

हम पहले ही एक आदेश पारित कर चुके हैं, जो काफी स्पष्ट है। कल्पना कीजिए कि देश भर में रैलियां हो रही हैं। हर बार उच्चतम न्यायालय के सामने कोई आवेदन होगा। यह कैसे व्यवहार्य हो सकता है?’’ पीठ ने कहा, ‘‘आप हमें बार-बार आदेश देने के लिए कहते हैं... हमने इतने सारे आदेश पारित किए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उच्चतम न्यायालय को घटना दर घटना के आधार पर कोई आदेश पारित करने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए।" पीठ ने टिप्पणी एक वकील द्वारा इस मामले का जिक्र किए जाने के बाद की।

वकील ने कहा कि हिंदू जन आक्रोश मोर्चा द्वारा मुंबई में आयोजित की जाने वाली कथित नफरती भाषण रैली के खिलाफ तत्काल सुनवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले भी इसी तरह की एक रैली आयोजित हुई थी जिसमें 10,000 लोगों ने भाग लिया और मुस्लिम समुदाय का आर्थिक एवं सामाजिक रूप से बहिष्कार करने का आह्वान किया गया था। वकील द्वारा बार-बार आग्रह किए जाने पर अदालत ने उन्हें आवेदन की एक प्रति महाराष्ट्र के वकील को देने को कहा। पीठ ने कहा, "एक प्रति राज्य को दें, हम प्रधान न्यायाधीश की मंजूरी मिलने के बाद इसे कल सूचीबद्ध करेंगे। सिर्फ इसी मामले पर।’’

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 21 अक्टूबर को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को नफरत फैलाने वाले भाषणों पर कड़ी कार्रवाई करने, दोषियों के खिलाफ शिकायत की प्रतीक्षा किए बिना तुरंत आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि भारत के संविधान में एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की परिकल्पना की गई है। न्यायालय ने यह चेतावनी भी दी थी कि इस "अत्यंत गंभीर मुद्दे" पर कार्रवाई करने में प्रशासन की ओर से देरी होने की स्थिति में अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरु की जा सकती है।

भारत में गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन का निर्माण, निर्णय 

भारत में गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन का निर्माण, निर्णय 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कोरिया की स्मार्ट उपकरण कंपनी सैमसंग ने स्थानीय बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने महंगे गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन का निर्माण भारत में करने का निर्णय लिया है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। भारत में गैलेक्सी एस23 श्रृंखला की आरंभिक पेशकश कीमत 75,000 रुपये से 1.55 लाख रुपये के बीच है।

वर्तमान में गैलेक्सी एस श्रृंखला के स्मार्टफोन वियतनाम स्थित कारखाने में बनाए जाते हैं और भारत में बिक्री के लिए कंपनी इनका आयात करती है। सैमसंग ने एक बयान में कहा, ''भारत में बेचे जाने वाले सभी गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन कंपनी के नोएडा स्थित कारखाने में बनाए जाएंगे। सैमसंग देश में ज्यादातर घरेलू मांग को नोएडा कारखाने में स्थानीय विनिर्माण के जरिये पहले से ही पूरा कर रही है।

भारत में निर्मित गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन बेचने का निर्णय भारत के विनिर्माण और वृद्धि की कहानी के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।'' कंपनी ने बुधवार को गैलेक्सी एस23 श्रृंखला के स्मार्टफोन के तीन मॉडल पेश किए। ये फोन अत्याधुनिक कैमरा सेंसर से लैस हैं। पिछले साल पेश किए गए गैलेक्सी एस22 स्मार्टफोन की कीमत 72,999 रुपये से 1,18,999 रुपये के बीच थी।

मुद्राओं के नियमन पर सहमति बनाने की कोशिश 

मुद्राओं के नियमन पर सहमति बनाने की कोशिश 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्रिप्टो करेंसी बाजार में जारी उथलपुथल के बीच वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) के साथ मिलकर भारत कोशिश कर रहा है कि जी20 अध्यक्षता के दौरान आभासी मुद्राओं के नियमन पर नीतिगत सहमति बनाई जा सके। भारत इस समय दुनिया के 20 विकसित एवं विकासशील देशों के समूह जी20 का अध्यक्ष है। इस दौरान वह विभिन्न मुद्दों पर बैठकों का आयोजन कर रहा है।

सेठ ने पीटीआई-भाषा के साथ विशेष बातचीत में कहा कि क्रिप्टो मुद्राओं पर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की तरफ से जारी एक पत्र पर उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों ने 15-16 जनवरी को दिल्ली में चर्चा की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने डेढ़ दिन की एक कार्यशाला इस मुद्दे पर की थी। उसके बाद से एक संगोष्ठी के लिए चर्चा-पत्र तैयार किया जा रहा है। यह संगोष्ठी जी20 समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की बैठक के साथ ही 23 फरवरी को बेंगलुरु में होगी।’’ आर्थिक मामलों के सचिव ने उम्मीद जताई कि इस संगोष्ठी में क्रिप्टो करेंसी पर एक नीतिगत सहमति बन जाएगी।

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘इस मसले पर भारत एफएसबी के साथ भी मिलकर काम कर रहा है। इसके पीछे सोच यह है कि जी20 की अध्यक्षता भारत के पास रहने के दौरान सदस्य देशों के बीच क्रिप्टो मुद्राओं पर नीतिगत रुख और नियमन के खाके पर सहमति बन जाए।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई बार कह चुकी हैं कि भारत क्रिप्टो मुद्राओं के नकारात्मक असर से निपटने और इसके वैश्विक नियमन के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर देगा।

क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के धराशायी होने और उसके बाद क्रिप्टो बाजारों में बिकवाली तेज होने से क्रिप्टो पारिस्थितिकी को लेकर आशंकाएं गहराने लगी हैं। इस दौरान अमेरिकी नियामकों ने बिटकॉइन, ईथर और अन्य क्रिप्टो मुद्राओं को प्रतिभूति के तौर पर अयोग्य ठहरा दिया है।

दिसंबर तक के वेतन तथा पेंशन का भुगतान किया 

दिसंबर तक के वेतन तथा पेंशन का भुगतान किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय को बृहस्पतिवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त ने सूचित किया कि निगम ने कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को दिसंबर तक के वेतन तथा पेंशन का भुगतान कर दिया है और जनवरी का वेतन भी जल्द दिया जाएगा। एमसीडी आयुक्त को पिछले कुछ महीने से वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं होने के मामले में पेश होने को कहा गया था।

उन्होंने कहा कि वे भविष्य में ध्यान रखेंगे। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को दिसंबर तक का वेतन दिया जा चुका है जिनमें तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तथा शिक्षक शामिल हैं। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने एमसीडी आयुक्त की दलील पर संज्ञान लिया और मामले को चार सप्ताह बाद अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

उच्च न्यायालय ने एमसीडी कर्मियों को वेतन और पूर्व कर्मियों को पेंशन का भुगतान नहीं होने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए 30 जनवरी को आयुक्त और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।

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यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...