शनिवार, 28 जनवरी 2023

आलू को भूनकर खाना बेहद फायदेमंद, जानिए 

आलू को भूनकर खाना बेहद फायदेमंद, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

आलू की कुछ फायदे भी हैं और नुकसान भी। लेकिन यह इसके खाने के तरीके भी निर्भर करता है। जाहिर है, अगर आप आलू को चिप्स या फ्राई के रूप में खाएंगे तो यह आपके लिए नुकसानदायक ही होगा। यह कार्बोहाइड्रेट का मुख्य स्रोत है इसलिए, वजन बढ़ाने का भी काम करता है। खैर अगर आप आलू से ज्यादा फायदा लेना चाहते हैं, तो आपको इसे भूनकर खाना चाहिए। आलू को भूनकर खाने से इसका स्वाद तो बढ़ता ही है, स्वास्थ्य फायदे भी बढ़ जाते हैं। चलिए जानते हैं आपको क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।   

एक माध्यम आकार के भुने हुए आलू में पोषक तत्वों की संख्या

कैलोरी: 161 वसा: 1 ग्राम से कम सोडियम: 17 मिलीग्राम कार्बोहाइड्रेट: 37 ग्राम आहार फाइबर: 4 ग्राम प्रोटीन: 4 ग्राम 

सूजन को कम करता है, भुने हुए आलू में कोलीन पाया जाता है, जो एक आवश्यक पोषक तत्व है। शोध से पता चलता है कि कोलीन की कमी कम से आंशिक रूप से संधिशोथ और फाइब्रोमायल्गिया जैसी सूजन संबंधी बीमाआलू की कुछ फायदे भी हैं और नुकसान भी। लेकिन यह इसके खाने के तरीके भी निर्भर करता है। जाहिर है, अगर आप आलू को चिप्स या फ्राई के रूप में खाएंगे तो यह आपके लिए नुकसानदायक ही होगा। यह कार्बोहाइड्रेट का मुख्य स्रोत है इसलिए, वजन बढ़ाने का भी काम करता है।   

खैर अगर आप आलू से ज्यादा फायदा लेना चाहते हैं, तो आपको इसे भूनकर खाना चाहिए। आलू को भूनकर खाने से इसका स्वाद तो बढ़ता ही है, स्वास्थ्य फायदे भी बढ़ जाते हैं। चलिए जानते हैं आपको क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।  

पाचन रहता है दुरुस्त

भुने हुए आलू में फाइबर अधिक होता है, जो पाचन में मदद करता है। फाइबर दस्त और कब्ज दोनों में मदद कर सकता है। पेट और आंत से जुड़े रोगों से परेशान लोगों को भुने हुए आलू का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर पाचन को दुरुस्त बनाने में सहायक हैं।  

वजन कंट्रोल करने में सहायक

भुने हुए आलू में मौजूद फाइबर और विटामिन बी 6 के साथ कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने में मदद करता है और चयापचय में सुधार करता है। इस तरह आपको वजन घटाने और कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है।  

दिल को स्वस्थ रखने में सहायक

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। भुने हुए आलू स्वाभाविक रूप से कम वसा वाले, कम कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन होते हैं। आलू पोटेशियम का भी बेहतर स्रोत हैं। कुछ शोध बताते हैं कि इसके सेवन से हृदय रोग के जोखिम भी कम हो सकते हैं।  

आलू को बेक्ड करने का तरीका

आलू भूनने के लिए आपको इसे अच्छी तरह से धोना चाहिए। आलू को अच्छी तरह से धोने से यह किसी भी खाद या रसायन से छुटकारा पाने में मदद करता है। आप इसे ओवन में या माइक्रोवेव में बेक्ड कर सकते हैं।  ओवन में बेक्ड आलू बनाने के लिए, उन्हें जैतून का तेल और मसाला के साथ रगड़ें। अपने आलू को एक पन्नी-लाइनिंग बेकिंग शीट पर रखें और उन्हें 45 मिनट से 425 डिग्री फ़ारेनहाइट पर एक घंटे के लिए बेक करें। माइक्रोवेव में आलू को पकाने के लिए, एक कांटा का उपयोग करके पूरे आलू में छेद करें। आलू को माइक्रोवेव-सेफ प्लेट पर रखें और 5 मिनट तक पकाएं। आलू को पलटें और 5 मिनट के लिए पकाएं। इस प्रक्रिया को तब तक जारी रखें जब तक आपका आलू पक न जाए।यां हो सकती हैं। आलू को भूनकर खाकर आप अपने शरीर में कोलीन को बढ़ा सकते हैं और सूजन को कम कर सकते हैं। 

पाचन रहता है दुरुस्त

भुने हुए आलू में फाइबर अधिक होता है, जो पाचन में मदद करता है। फाइबर दस्त और कब्ज दोनों में मदद कर सकता है। पेट और आंत से जुड़े रोगों से परेशान लोगों को भुने हुए आलू का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर पाचन को दुरुस्त बनाने में सहायक हैं।  

वजन कंट्रोल करने में सहायक

भुने हुए आलू में मौजूद फाइबर और विटामिन बी 6 के साथ कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने में मदद करता है और चयापचय में सुधार करता है। इस तरह आपको वजन घटाने और कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है।  

दिल को स्वस्थ रखने में सहायक

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। भुने हुए आलू स्वाभाविक रूप से कम वसा वाले, कम कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन होते हैं। आलू पोटेशियम का भी बेहतर स्रोत हैं। कुछ शोध बताते हैं कि इसके सेवन से हृदय रोग के जोखिम भी कम हो सकते हैं।  

आलू को बेक्ड करने का तरीका

आलू भूनने के लिए आपको इसे अच्छी तरह से धोना चाहिए। आलू को अच्छी तरह से धोने से यह किसी भी खाद या रसायन से छुटकारा पाने में मदद करता है। आप इसे ओवन में या माइक्रोवेव में बेक्ड कर सकते हैं।  

ओवन में बेक्ड आलू बनाने के लिए, उन्हें जैतून का तेल और मसाला के साथ रगड़ें। अपने आलू को एक पन्नी-लाइनिंग बेकिंग शीट पर रखें और उन्हें 45 मिनट से 425 डिग्री फ़ारेनहाइट पर एक घंटे के लिए बेक करें। माइक्रोवेव में आलू को पकाने के लिए, एक कांटा का उपयोग करके पूरे आलू में छेद करें। आलू को माइक्रोवेव-सेफ प्लेट पर रखें और 5 मिनट तक पकाएं। आलू को पलटें और 5 मिनट के लिए पकाएं। इस प्रक्रिया को तब तक जारी रखें, जब तक आपका आलू पक न जाए।

'भारत' अपनी बात डंके की चोट पर कहता है: पीएम 

'भारत' अपनी बात डंके की चोट पर कहता है: पीएम 

अकांशु उपाध्याय/नरेश राघानी 

नई दिल्ली/भीलवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करने की जरुरत बताते हुए कहा है कि भारत दुनिया के हर मंच पर अपनी बात डंके की चोट पर कहता है और दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता भी कम की जा रही हैं। लेकिन हमें अपने संकल्प को सिद्ध कर भारत के प्रति दुनियां की उम्मीदों पर खरा उतरना है। मोदी आज भीलवाड़ा जिले के आसींद के मालासेरी डूंगरी में भगवान देवनारायण के 1111वें अवतरण दिवस पर आयोजित एक बड़ी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भगवान देवनारायण के संदेशों एवं शिक्षा को आगे बढ़ाने की जरुरत बताते हुए कहा कि गुर्जर समाज की नई पीढ़ी जो युवा हैं वे भगवान देवनारायण के संदेशों एवं शिक्षा को मजबूती के साथ आगे बढ़ाएं।

यह गुर्जर समाज को जहां सशक्त करेगा और देश को अगो बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का यह कालखंड भारत और राजस्थान के विकास के लिए अह्म है। हमें एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनियां भारत की ओर बहुत ही उम्मीदों से देख रही है, भारत ने जिस तरह अपना दम-खम दिखाया है, इस शूरवीरों की धरती का भी गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व के हर बड़े मंच पर अपनी बात डंके की चोट पर कहता है और दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है। देश के खिलाफ जो बात है, उससे दूर रहना है और हमे संकल्प सिद्ध कर दुनियां की उम्मीदों पर खरा उतरना है। प्रधानमंत्री ने कहा “मुझे विश्वास है कि भगवान देवनारायण के आर्शीवाद से हम सब जरुर सफल होंगे।

सब मिलकर कड़ा परिश्रम करेंगे और सबके प्रयास से सिद्धि प्राप्त होकर रहेगी। उन्होंने गुर्जर समाज की बहन-बेटियों ने संस्कृति की सेवा में दिए बड़े योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे अनगिनत सेनानियों को वो सम्मान नहीं मिल पाया, जो उन्हें मिलना चाहिए था।उन्होंने कहा कि आज का नया भारत, बीते दशकों की उन भूलों को भी सुधार रहा है और जिसने भी भारत की संस्कृति को सशक्त और भारत के विकास में जिनका योगदान रहा है, उन्हें सामने लाया जा रहा है।

हिमालयी क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर आशंका जताई 

हिमालयी क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर आशंका जताई 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/लद्दाख/बीजिंग। लद्दाख पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने हिमालयी क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर अपने अध्ययन में आशंका जताई है कि भविष्य में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की झड़पें बढ़ सकती हैं। चीन की ओर से सीमा के उस पार लगातार सैन्य बुनियादी ढांचा खड़ा किया जा रहा है, जिससे हालात बिगड़ने के आसार हैं। लद्दाख पुलिस ने स्थानीय खुफिया इनपुट के आधार पर तैयार अपनी रिपोर्ट में अभी और झड़प होने की आशंका जताई है। दिल्ली में संपन्न डीजीपी-आईजी बैठक में यह रिपोर्ट साझा की गई। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हुई झड़प में कई भारतीय जवान शहीद हुए। सैन्य एवं रणनीतिक वार्ताओं के चलते सीमा पर तनाव कम हुआ है लेकिन इसके बाद पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी सीमा पर चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के साथ झड़प की। तब भी हमारे जवानों ने उन्हें पीछे हटने को मजबूर किया। 2013-14 के बाद से दो से तीन साल के अंतराल में एलएसी पर लगातार तनाव की स्थिति पैदा होती रही है।

बच्चे के जन्म को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार 

बच्चे के जन्म को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार 

इकबाल अंसारी 

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार कम उम्र में विवाह और इस दौरान बच्चे के जन्म को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब राज्य सरकार ने बाल विवाह और कम उम्र में मां बनने की परिपाटी को रोकने के लिए सख्त कानून लाने और यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धाराओं का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।

यहां आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा, ‘‘हजारों पति अगले पांच से छह महीने में गिरफ्तार होंगे क्योंकि 14 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना अपराध होगा, भले वे वैध तरीके से उसके पति हैं।’’ उन्होंने कहा कि लड़कियों के विवाह की कानूनी उम्र 18 साल है और जो इससे कम उम्र की लड़की से शादी करेंगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

शर्मा ने कहा, ‘‘कई(जो कम उम्र की लड़कियों से शादी करेंगे) जेल का सामना कर सकते हैं।’’ मातृत्व पर बोलते हुए शर्मा ने कहा कि महिलाओं को मां बनने को लेकर लंबे समय तक प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उम्र बढ़ने पर जटिलताएं बढ़ती हैं। उन्होंने कहा कि मां बनने की उचित उम्र 22 से 30 वर्ष है।’’ उन्होंने मुसकुराते हुए कहा कि जिन महिलाओं ने अबतक शादी नहीं की है उन्हें परिणय सूत्र में बंध जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुत कम उम्र में मां बनने के खिलाफ हैं लेकिन साथ ही महिलाओं को बहुत इंतजार नहीं करना चाहिए जैसा कई करती हैं...ईश्वर ने हमारे शरीर को ऐसा बनाया है कि सभी चीजों के लिए एक उचित उम्र है।’’ गौरतलब है कि असम मंत्रिमंडल ने सोमवार को फैसला किया कि जो पुरुष 14 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करेंगे उनके खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार 14 से 18 साल उम्र तक की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

असम के अगले 'डीजीपी' होंगे सिंह: सीएम 

असम के अगले 'डीजीपी' होंगे सिंह: सीएम 

इकबाल अंसारी 

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह राज्य के अगले पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) होंगे। सिंह, राज्य पुलिस के मौजूदा डीजीपी भास्कर ज्योति महंत की जगह लेंगे। महंत इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

सिंह फिलहाल राज्य पुलिस बल में विशेष डीजीपी हैं। शर्मा ने यहां एक सरकारी कार्यक्रम में भाषण के दौरान सिंह के अगला डीजीपी बनने का जिक्र किया। जब बाद में पत्रकारों ने नयी नियुक्ति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह एक नियमित मामला है।”

शर्मा ने कहा, “गृह विभाग द्वारा शुक्रवार को अधिसूचना जारी की गई थी।’’ हालांकि, आधिकारिक आदेश अभी तक मीडिया के साथ साझा नहीं किया गया है। सिंह ने नियुक्ति के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह राज्य के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना जारी रखेंगे।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-109, (वर्ष-06)

2. रविवार, जनवरी 29, 2023

3. शक-1944, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:28, सूर्यास्त: 05:40। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 18+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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