रविवार, 8 जनवरी 2023

पानी पीना भी बन सकता है 'मौंत का कारण'

पानी पीना भी बन सकता है 'मौंत का कारण'

सरस्वती उपाध्याय 

आमतौर पर ये माना जाता है, कि हम सभी को ज्यादा पानी पीना चाहिए। लोग एक-दूसरे को ज्यादा पानी पीने की भी सलाह देते हैं। लोगों का ये मानना होता है कि इससे हमारी हेल्थ ठीक रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा पानी पीना आपके लिए मौंत का कारण बन सकता है ?हालांकि, सर्दी में लोग वैसे भी कम पानी पीते हैं, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जो हर दिन जरूरत से ज्यादा पानी ये सोच कर पीते हैं कि इस वजह से वह फिट रहेंगे। लेकिन हम आपको बता दें कि एक रिसर्च के मुताबिक, मार्शल आर्ट्स किंग ब्रूस ली की मौत भी ज्यादा पानी पीने से हुई थी। आज हम बताने जा रहे हैं कि ज्यादा पानी पीना आपके सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है और विज्ञान क्यों आपको मना करता है कि आप हद से ज्यादा पानी ना पिएं ?

बता दें कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि जब आप एक तय मात्रा से ज्यादा रोजाना पानी पीने लगते हैं तो आपके किडनी पर इसकी वजह से ज्यादा बोझ पड़ता है। आपकी किडनी इस एक्स्ट्रा लोड को बर्दाश्त नहीं कर पाती और इस वजह से वह फेल कर जाती है। मार्शल आर्ट्स किंग ब्रूसली के साथ भी ऐसा ही हुआ था। पहले उनकी मौत पर कहा गया कि उनकी मौत स्लो प्वाइजन की वजह से हुई है।

हालांकि, नए शोध में पता चला कि उनकी मौत के पीछे की वजह स्लो प्वाइजन नहीं बल्कि ज्यादा पानी पीना था, जिस वजह से उनकी किडनी फेल हो गई थी। आपको ये भी बता दें कि विज्ञान कहता है कि जब आप जरूरत से ज्यादा पानी पीने लगते हैं तो आप ओवरहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं।दरअसल, ज़्यादा पानी पीने की वजह से आपके शरीर में तापमान, अपशिष्ट निष्कासन और अपच जैसे कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं, इन्हें ही ओवरहाइड्रेशन कहा जाता है। ओवरहाइड्रेशन के बाद इंसान का शरीर हायपोनाट्रेमिया की स्थिति में आ जाता है। इसकी वजह से होता ये है कि शरीर में से इलेक्ट्रोलाइट्स तेज़ी से काफी मात्रा में घटने लगते हैं, जो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

आपने अक्सर कई लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि वह दिन भर में 8 गिलास पानी पीते हैं। लेकिन, क्या एक इंसान को इतने पानी की जरूरत होती है ? दरअसल, विज्ञान कहता है कि एक पुरुष के लिए औसतन 15.5 कप यानि लगभग 3.7 लीटर पानी की जरूरत रोज होती है। वहीं महिलाओं के लिए 11.5 कप यानि 2.7 लीटर पानी की जरूरत होती है। 

भारत में पहला रिटेल स्टोर खोलने की तैयारी: एप्पल 

भारत में पहला रिटेल स्टोर खोलने की तैयारी: एप्पल 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत में अपना पहला रिटेल स्टोर खोलने की टेक दिग्गज एप्पल ने तैयारी कर ली है। रिटेल स्टोर के लिए कंपनी ने कर्मचारियों की भर्ती भी शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एपल के करियर पेज ने "भारत में विभिन्न स्थानों" में विभिन्न नौकरियों की जानकारी को लिस्ट कर दिया है। बता दें कि टाटा ग्रुप भी देशभर में करीब 100 छोटे एपल स्टोर्स खोलने की तैयारी कर रहा है। इन स्टोर्स में आईफोन और आईपैड जैसे एपल के लोकप्रिय प्रोडक्ट्स की बिक्री की जाएगी। जबकि एपल रिटेल स्टोर, टाटा एपल स्टोर से काफी बड़े होने वाले हैं।  

रिपोर्ट के अनुसार, एपल जल्द भारत में फ्लैगशिप रिटेल स्टोर खोलने वाला है। हालांकि, कंपनी ने अब तक भारत में रिटेल स्टोर खोलने को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एपल लंबे समय से भारत में फिजिकल रिटेल स्टोर्स स्थापित करने की योजना बना रही है। बता दें कि भारतीय स्मार्टफोन मार्केट दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते स्मार्टफोन मार्केट में से एक है। एप्पल के बारे में फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि भारत में अपना पहला फ्लैगशिप रिटेल स्टोर खोलने की तैयारी कर रहा है और उसने रिटेल स्टोर के कर्मचारियों को काम पर रखना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी बिजनेस एक्सपर्ट, ऑपरेशंस एक्सपर्ट और टेक्नीकल स्पेशलिस्ट जैसी पदों पर भर्ती कर रही है। 

जानकारी के मुताबिक, टाटा ग्रुप भी जल्द देशभर में करीब 100 छोटे एपल स्टोर्स खोलने की तैयारी कर रहा है। इन स्टोर्स में आईफोन और आईपैड जैसे एपल के लोकप्रिय प्रोडक्ट्स की बिक्री की जाएगी। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एपल स्टोर्स के लिए टाटा के स्वामित्व वाली इनफिनिटी रिटेल के साथ बातचीत कर रही है।इनफिनिटी रिटेल भारत में क्रोमा स्टोर चलाती है। रिपोर्ट के अनुसार, एपल स्टोर मॉल के साथ-साथ हाई-स्ट्रीट और पड़ोस के स्थानों में खोले जाएंगे और यह स्टोर्स एपल के प्रीमियम रिसेलर स्टोर से छोटे होंगे। आमतौर पर, प्रीमियम रिसेलर स्टोर 1,000 वर्ग फुट में फैले होते हैं, लेकिन टाटा के इन स्टार्स को देशभर में 500-600 वर्ग फुट में बनाया जाएगा। छोटे स्टोर आईफोन, आईपैड और एपल वॉच बेचेंगे।

परियोजना को पुनर्जीवित करने की अपील: तमिलनाडु 

परियोजना को पुनर्जीवित करने की अपील: तमिलनाडु 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने रामेश्वरम में रामसेतु के वास्तविक स्वरूप की मौजूदगी के केंद्र के दावे के मद्देनजर सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना को पुनर्जीवित करने की अपील की है। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि के लिए परियोजना को पुनर्जीवित करने और भारतीय बंदरगाहों की माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने की बात कही।

इस परियोजना को दो जुलाई, 2005 को 2,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शुरू किया गया था, लेकिन सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक रामसेतु के विध्वंस के खिलाफ पर्यावरणविदों और हिंदू कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद यह परियोजना ठप पड़ गई थी। पार्टी ने 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान दावा किया था कि सत्ता में आने पर वह परियोजना को पूरा करेगी, ताकि तमिलनाडु के दक्षिणी इलाकों का आर्थिक लाभ हो सके।

केंद्र की भाजपा सरकार पर धार्मिक आधार पर परियोजना को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यूपीए शासन के दौरान शुरू की गई परियोजना जारी रहती तो जबरदस्त विकास होता। उन्होंने शनिवार रात यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री और द्रमुक के वरिष्ठ नेता टी. आर. बालू की आत्मकथा ‘पथिमारा पायनम’ का विमोचन करने के बाद कहा, “आप जानते हैं कि सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना को किसने रोका था।

यह भाजपा थी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को सूचित किया था कि यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि रामेश्वरम में रामसेतु मौजूद था।” तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा परियोजना शुरू करने में बालू की प्रमुख भूमिका थी। स्टालिन ने इस कार्यक्रम में दावा किया, “अगर इस परियोजना को स्थगित नहीं किया गया होता, तो तमिलनाडु को बहुत फायदा होता।” उन्होंने कहा, “तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि यह परियोजना भारत का गौरव होती।” उन्होंने कहा कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती, इससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलता और माल ढुलाई की राज्य की क्षमता में वृद्धि होती।

त्रिपुरा: प्रवासी पक्षियों की नई प्रजातियां देखी 

त्रिपुरा: प्रवासी पक्षियों की नई प्रजातियां देखी 

इकबाल अंसारी 

अगरतला। त्रिपुरा के गोमती जिले की सुखसागर झील में इस साल साइबेरिया और यूरोप के प्रवासी पक्षियों की नई प्रजातियां देखी गईं। एक पक्षी विज्ञानी ने यह जानकारी दी। इस साल पहली बार देखे गए यूरोपीय पक्षियों में ‘रफ’, ‘ओरिएंटल प्रिटिनकोल’ और साइबेरियाई ‘कॉमन क्रेन’ हैं।पक्षी विज्ञानी और राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य दीपांकर सिन्हा ने  बताया, “सुखसागर झील में साइबेरिया और यूरोप के पक्षियों की तीन नयी प्रजातियां देखी गई हैं। इस साल प्रवासी पक्षियों का झील में आना भी अद्भुत है।” संपर्क करने पर, उप वन संरक्षक, के. जी. रॉय ने कहा, “हमने यह भी देखा है कि अच्छी संख्या में प्रवासी पक्षी झील में आ रहे हैं।

इस साल की पक्षी गणना अगले महीने की जाएगी, इसलिए अभी हम राज्य में प्रवासी पक्षियों की सही संख्या नहीं बता सकते हैं।” सहायक वन संरक्षक अनीमा दास ने कहा कि पिछले साल की गणना के अनुसार राज्य की झीलों और जल निकायों में कम से कम 1,45,008 प्रवासी पक्षी देखे गए थे।प्रवासी पक्षी सिपाहीजला वन्यजीव अभयारण्य, गोमती जलाशय, गोमती वन्यजीव अभयारण्य, अगरतला में कॉलेज टिल्ला झील, सिपाहीजला जिले में रुद्रसागर झील, तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य, एनआईटी कॉलेज जलाशय में आते हैं। वन अधिकारियों ने कहा कि हर साल यूरोपीय, अफ्रीकी और उत्तरी अमेरिकी देशों से प्रवासी पक्षियों की 100 से अधिक प्रजातियां त्रिपुरा आती हैं। 

अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव से पर्यटकों की संख्या बढ़ी 

अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव से पर्यटकों की संख्या बढ़ी 

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर/अहमदाबाद। गुजरात के पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने रविवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव से विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। बेरा ने अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव के शानदार शुभारंभ अवसर पर स्वागत संबोधन में रविवार को यहां कहा कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ़्रांस, रूस, जर्मनी, ग्रीस, इज़राइल, मिस्र, कोलम्बिया, डेनमार्क, न्यूज़ीलैण्ड, इंडोनेशिया, इटली, मेक्सिको, दक्षिण अफ़्रीका, बेल्जियम, बहरीन, इराक़, मलेशिया, पॉलैण्ड, मॉरिशस, पुर्तगाल, स्विट्ज़रलैण्ड, नीदरलैण्ड, श्रीलंका, नेपाल, जॉर्डन, ज़िम्बाब्वे, अल्जीरिया, बेलारूस सहित 68 देशों तथा भारत के 14 राज्यों के पतंगबाज इस अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव में सहभागी बने हैं।

अहमदाबाद सहित वडोदरा, वडनगर, सोमनाथ, राजकोट, धोलेरा, धोरडो में पतंगोत्सव-2023 का आयोजन किया गया है। यहां के साबरमती रिवरफ्रंट पर आयोजित पतंगोत्सव में कुल 850 से अधिक पतंगबाज हिस्सा ले रहे हैं। पर्यटन मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि 14 जनवरी को मनाए जाने वाले मकरसंक्रांति पर्व की महिमा है। उत्तरायण पर्व को बच्चे-बड़े-बूढ़े सभी साथ मिलकर मनाते हैं तथा इस पर्व का आनंद उठाते हैं। उन्होंने कहा कि 14 जनवरी को सूर्यनारायण के उत्तरार्ध की ओर आने के कारण हम आकाश में पतंग उड़ा कर इस उत्सव को मनाते हैं। उत्तरायण के उत्सव में प्रकृति के जतन का संदेश है। उत्तरायण में आकाश स्वच्छ बनता है, जो ईश्वर एवं मानव के बीच संचार को तेज़ बनाता है।

उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग ने अपने कैलेण्डर में उत्तरायण को विशेष स्थान देकर हमारी संस्कृति तथा सभ्यता को एक विशिष्ट पहचान देने का प्रयास किया है। श्री बेरा ने कहा कि पिछले दो दशकों में राज्य के विकास की चहुँओर हो रही प्रशंसा में पतंगोत्सव भी अभिन्न है। पतंगोत्सव में देश-विदेश के पतंगबाज़ सहभागी होते हैं। अहमदाबाद सहित विभिन्न स्थानों पर पतंगोत्सव का आयोजन होता है।अहमदाबाद सहित वडोदरा, वडनगर, सोमनाथ, सोमनाथ, राजकोट, धोलेरा, धोरडो में पतंगोत्सव-2023 का आयोजन किया गया है। अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव से विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। ऐसे उत्सवों के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था को वेग मिलने के साथ-साथ रोज़गार के अवसर भी बढ़े हैं। उत्तरायण के त्योहार पर आकाश में विभिन्न रंग छा जाते हैं, जो धार्मिक विविधता में एकता व उल्लास के रंगों का प्रतीक है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ़्रंट पर आयोजित पतंगोत्सव में कुल 68 देशों के लगभग 125 पतंगबाज, देश के 14 राज्यों के 65 पतंगबाज तथा गुजरात के विभिन्न जिलों के 660 से अधिक पतंगबाज़ सहभागी हुए हैं। यह आवश्यक है कि इस अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव से अन्य राज्य सीख लेकर संस्कृति व प्रकृति का जतन करें। इस अवसर पर अहमदाबाद के महापौर किरीटभाई परमार, पर्यटन सचिव हारित शुक्ला, पर्यटन आयुक्त आलोककुमार पाण्डेय, अहमदाबाद ज़िला कलेक्टर अनिल धामेलिया, देश-विदेश से आए आमंत्रित अतिथि, पतंगबाज़, राजनयिक प्रतिनिधि, स्थानीय विधायक, अहमदाबाद मनपा के पदाधिकारी, पार्षद और अन्य महानुभाव भी उपस्थित रहे।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-89, (वर्ष-06)

2. सोमवार, जनवरी 9, 2023

3. शक-1944, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:24, सूर्यास्त: 05:33। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 10 डी.सै., अधिकतम- 19+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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