रविवार, 1 जनवरी 2023

मुफ्ती की मां को पासपोर्ट जारी करने से मना, फटकार 

मुफ्ती की मां को पासपोर्ट जारी करने से मना, फटकार 

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती की मां को पासपोर्ट जारी करने से मना करने पर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा है कि पासपोर्ट अधिकारी सीआईडी के ‘‘प्रवक्ता की तरह व्यवहार नहीं कर सकता।’’ न्यायमूर्ति एम. ए. चौधरी ने महबूबा की मां गुलशन नजीर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि पासपोर्ट जारी करने या इसके नवीनीकरण के उनके अनुरोध को खारिज करने का कोई आधार नहीं है। न्यायाधीश ने शनिवार को सुनाए अपने फैसले में कहा, “याचिकाकर्ता के खिलाफ रत्ती भर भी ऐसे आरोप नहीं है।

जो किसी सुरक्षा चिंता की ओर इशारा करते हों। सीआईडी-सीआईके द्वारा तैयार की गई पुलिस सत्यापन रिपोर्ट में पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 6 के वैधानिक प्रावधानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।” न्यायाधीश ने कहा, “याचिकाकर्ता के संबंध में एकमात्र पहलू उनकी ओर से अलग से या महबूबा मुफ्ती के साथ संयुक्त बैंक खातों से हुए कुछ लेनदेन की जांच के संदर्भ में दो एजेंसियों-प्रवर्तन निदेशालय और सीआईडी-सीआईके- द्वारा की गई जांच है।”

अदालत ने कहा कि पासपोर्ट अधिकारी द्वारा पासपोर्ट जारी करने से मना करना “सोच-समझ कर फैसला नहीं लेना” है। अदालत ने कहा, “कम से कम, पासपोर्ट अधिकारी को यदि आवश्यक हो तो तथ्यों व परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में पुलिस व सीआईडी से यह पूछना चाहिए कि क्या याचिकाकर्ता के खिलाफ कुछ भी प्रतिकूल है।” सीआईडी रिपोर्ट और संदर्भित तथ्यों व परिस्थितियों पर गौर करने के बाद अदालत ने कहा, “पासपोर्ट अधिकारी सीआईडी के प्रवक्ता के तौर पर काम नहीं कर सकता।” अदालत ने कहा, ‘‘जब एक प्राधिकार को शक्ति दी गई है तब इसका उपयोग न्यायपूर्ण तरीके से होना चाहिए और मनमाने तरीके से नहीं, जैसा कि इस मामले में किया गया।’’

अदालत ने कहा कि खुद के 80 वर्ष से अधिक उम्र का होने का दावा करने वाली याचिकाकर्ता को किसी प्रतिकूल सुरक्षा रिपोर्ट के अभाव में भारतीय नागरिक के तौर पर विदेश यात्रा के लिए संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उन्हें प्रदत्त मूल अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। याचिका स्वीकार करते हुए अदालत ने उक्त आदेश को निरस्त कर दिया और पासपोर्ट अधिकारी को नये सिरे से पूरे विषय पर विचार करने तथा फैसले की प्रति उन्हें तामील किये जाने की तारीख से छह हफ्तों के अंदर आदेश जारी करने को कहा।

यौन उत्पीड़न मामला, मंत्री सिंह ने खेल विभाग छोड़ा

यौन उत्पीड़न मामला, मंत्री सिंह ने खेल विभाग छोड़ा

अमित शर्मा 

चंडीगढ़। यौन उत्पीड़न के मामलें में आरोपी हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह ने रविवार को खेल विभाग छोड़ दिया और कहा कि उन्होंने नैतिक आधार पर यह कदम उठाया है। राज्य की एक महिला जूनियर एथलेटिक्स कोच की शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस द्वारा सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सिंह (36) पर महिला को बंधक बनाने और धमकी देने का भी आरोप लगाया गया है। मंत्री द्वारा कोच के खिलाफ शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद शनिवार को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ने एक समिति का गठन किया था। मंत्री ने शिकायत में दावा किया था कि कोच ने उनकी छवि खराब की है।

सिंह ने कहा कि जब तक समिति अपनी रिपोर्ट नहीं दे देती, तब तक वह नैतिकता के आधार पर अपना खेल विभाग मुख्यमंत्री को सौंप रहे हैं। मंत्री ने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कोच द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया। यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि उन्होंने अपना विभाग छोड़ दिया है या विभाग से इस्तीफा दे दिया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी के अग्रवाल की ओर से शनिवार को जारी आदेश के मुताबिक हरियाणा के खेल एवं युवा मामलों के राज्य मंत्री संदीप सिंह की ओर से एक शिकायत मिली है। डीजीपी ने कहा, ‘‘इस संबंध में मंत्री पर लगे आरोप सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर भी प्रसारित हो रहे हैं।’’

उन्होंने कहा,‘‘समिति तुरंत विषय वस्तु की गहन जांच करेगी और जल्द से जल्द इस (डीजीपी के) कार्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।’’ चंडीगढ़ पुलिस ने एक महिला कोच की शिकायत पर हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और बंधक बनाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, “हरियाणा की एक महिला कोच की शिकायत के आधार पर चंडीगढ़ के सेक्टर 26 थाने में दिनांक 31.12.2022 को भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354ए, 354बी, 342, 506 के तहत मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच जारी है।” राज्य की एक जूनियर एथलेटिक्स कोच ने बृहस्पतिवार को मंत्री पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे और एक दिन बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

पाक: गोलियां चला कर किया 'नए साल' का स्वागत

पाक: गोलियां चला कर किया 'नए साल' का स्वागत

अखिलेश पांडेय 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में कराची सहित कई बड़े शहरों में नए साल का स्वागत हवा में गोलियां चला कर किया गया। जिसमें कम से कम 22 लोग घायल हो गए। घायलों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। शनिवार रात 12 बजते ही नये साल का स्वागत करने के लिए कराची में गोलीबारी की आवाज़ गूंज उठी। पाकिस्तानी टेलीविजन नेटवर्क जियो टीवी के मुताबिक, कराची के अलग-अलग हिस्सों में की गई हवाई गोलीबारी में बच्चों और महिलाओं समेत कई लोग घायल हो गए। हालांकि, शहर में हथियारों के प्रदर्शन पर रोक है। अस्पतालों के सूत्रों ने बताया कि घायल हुए आठ लोगों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि चार घायलों को जिन्ना अस्पताल में और महिलाओं और बच्चों सहित 10 लोगों को अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया।

कोरंगी में गोलीबारी के सिलसिले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से तीन पर हत्या की कोशिश का आरोप लगाया गया है। समाचार चैनल की खबर के मुताबिक, कराची के लोग नये साल का जश्न मनाने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े। सिंध के गवर्नर कामरान टेसोरी भी लोगों के साथ नुमाइश चौरंगी इलाके में आतिशबाजी देखने पहुंचे। इसी तरह के जश्न की खबरें लाहौर, इस्लामाबाद और रावलपिंडी से भी मिली हैं। लाहौर से भी लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। पाकिस्तान में नये साल का जश्न विवादास्पद रहा है। धर्मगुरुओं का कहना है कि नये साल का जश्न मनाना और पश्चिमी संस्कृति की नकल करना ‘गुनाह’ है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इस वार्षिक कार्यक्रम को मनाने के लिए सड़कों पर उमड़ने वाले लोगों की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है।

राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने नव वर्ष पर देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मुबारकबाद दी और पाकिस्तान के विकास, प्रगति और समृद्धि के साथ-साथ दुनिया में शांति के लिए दुआ की। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में उम्मीद जताई कि 2023 पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया से भुखमरी, युद्ध, आतंकवाद, अपराध, संप्रदायवाद और वर्ग विभाजन को खत्म करने वाला वर्ष साबित होगा।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों की 31,000 शिकायतें

महिलाओं के खिलाफ अपराधों की 31,000 शिकायतें

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को वर्ष 2022 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की लगभग 31,000 शिकायतें मिलीं, जो 2014 के बाद सबसे ज्यादा हैं। वर्ष 2021 में एनसीडब्ल्यू को 30,864 शिकायतें मिली थीं जबकि 2022 में यह संख्या थोड़ी बढ़कर 30,957 हो गई।एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 30,957 शिकायतों में से अधिकतम 9,710 गरिमा के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं जबकि इसके बाद घरेलू हिंसा से संबंधित 6,970 और दहेज उत्पीड़न से संबंधित 4,600 शिकायत आयोग को प्राप्त हुई।

आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 54.5 प्रतिशत (16,872) शिकायतें सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुईं। दिल्ली से 3,004 शिकायतें जबकि महाराष्ट्र से 1,381, बिहार से 1,368 और हरियाणा से 1,362 शिकायतें मिलीं। आंकड़ों के मुताबिक, गरिमा के साथ जीने के अधिकार और घरेलू हिंसा से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिलीं।

जीएसटी संग्रह 1.49 लाख करोड़ से अधिक हुआ 

जीएसटी संग्रह 1.49 लाख करोड़ रुपये से अधिक हुआ 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि दिसंबर में जीएसटी संग्रह सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''दिसंबर 2022 के दौरान एकत्रित सकल जीएसटी राजस्व 1,49,507 करोड़ रुपये है। 

इसमें सीजीएसटी 26,711 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 33,357 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 78,434 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर जमा किए गए 40,263 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,005 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर जमा किए गए 850 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं।'' दिसंबर लगातार 10वां महीना है। जब जीएसटी राजस्व 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

इससे पहले नवंबर में जीएसटी संग्रह सालाना आधार पर 11 प्रतिशत बढ़कर 1.46 लाख करोड़ रुपये था। अप्रैल में संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहंच गया था। अब तक का दूसरा सबसे बड़ा जीएसटी संग्रह अक्टूबर में 1.52 लाख करोड़ रुपये रहा है। दिसंबर 2022 में वस्तुओं के आयात से राजस्व आठ प्रतिशत अधिक था और घरेलू लेनदेन से राजस्व (सेवाओं के आयात सहित) समीक्षाधीन अवधि में 18 प्रतिशत बढ़ा।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-82, (वर्ष-06)

2. सोमवार, जनवरी 2, 2023

3. शक-1944, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:24, सूर्यास्त: 05:30। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 19+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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