शनिवार, 3 दिसंबर 2022

काले झंडे लेकर 40 किलोमीटर की वाहन रैली निकाली

काले झंडे लेकर 40 किलोमीटर की वाहन रैली निकाली

नरेश राघानी 

अलवर। राजस्थान में अलवर के चमेली बाग स्थित कब्रिस्तान का चल रहा विवाद के दौरान आज मेव समाज ने काले झंडे लेकर करीब 40 किलोमीटर की वाहन रैली निकाली। मेव पंचायत से जुड़े युवाओं ने कब्रिस्तान की बहाली को लेकर दशहरा मैदान के पास स्थित कर्बला मैदान से काले झंडे लगाकर वाहन रैली निकाली। यह वाहन रैली जेल चौराया अंबेडकर सर्किल नंगली सर्किल सहित शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई मालाखेड़ा पहुंची। इस रैली का मुख्य मकसद कब्रिस्तान की बहाली है और कांग्रेसी नेताओं का विरोध करना है।

कांग्रेस के नेता गफूर खान ने बताया कि कब्रिस्तान के मामले में भले ही सरकार ने 2 अधिकारियों को निलंबित कर दिया हो लेकिन अभी तक वह कब्रिस्तान की जमीन कब्रिस्तान के नाम नहीं हुई है जिनके नाम डीक्री की गई थी उन्हीं के नाम वह जमीन है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर आज काला झंडा लगाकर विरोध प्रदर्शन किया और वाहन रैली निकाली इस वाहन रैली का मुख्य उद्देश्य है कि उनकी मांगे मानना और मंत्री को हमारी भावनाओं से आभास कराना है।

इधर मैनेजर शफात खान ने बताया कि शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में भंवर जितेंद्र सिंह ने यह कहा था कि हमारे संज्ञान में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरासर झूठ बोल रहे हैं। नवंबर माह में भी हमने इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन दिया। कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली से कहा और मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान से भी दो दो-तीन घंटे बात हुई हैं तो ऐसे में उनका यह बयान ताजूब भरा है कि उनके संज्ञान में नहीं है और उन्होंने कहा है कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी और पूरी तरह विरोध किया जाएगा।

यहां उल्लेखनीय है कि कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली के खास उमरैण के पूर्व प्रधान शिव लाल गुर्जर के पुत्र राजेश के नाम कब्रिस्तान की करीब 8 बीघा जमीन को अपने नाम करा लिया गया था। यह मामला खुलते ही राज्य सरकार ने अलवर के एसडीएम और तहसीलदार को निलंबित कर दिया था।

'सर्वोत्तम मानव संसाधन' नीतियों का पालन: कुमार 

'सर्वोत्तम मानव संसाधन' नीतियों का पालन: कुमार 

इकबाल अंसारी 

हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार सर्वोत्तम मानव संसाधन (एचआर) नीतियों का पालन कर रही है और राज्य में कर्मचारियों की उत्पादकता सबसे अधिक है। यहां तेलंगाना वाणिज्य उद्योग महासंघ (एफटीसीसीआई) में आयोजित मानव संसाधन क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए स्थापित पुरस्कार के चौथे संस्करण-एचआर अचीवर्स अवार्ड्स-2022 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि नया राज्य तेलंगाना पिछले आठ वर्ष में सभी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है।

इसमें राज्य की मानव संसाधन नीति का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा, “ यह संभव हुआ है क्योंकि यह राज्य सबसे अच्छी एचआर नीतियों का पालन कर रहा है और हम देश में सबसे अच्छे भुगतान करने वालों में से एक हैं। कर्मचारियों को प्रेरित किया जाता है और हमारी उत्पादकता सबसे अच्छी है जो पिछले आठ वर्ष में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में कई गुना वृद्धि में परिलक्षित हो रही है।”

फिक्की के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा, “ कार्यबल प्रबंधन आज व्यापार और सामाजिक पारिस्थितिकी तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है और कहा कि मानव संसाधन के जुड़ाव पर उद्योग में जागरुकता बढ़ी है। ” कार्यक्रम में, नौ पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें से सात विभिन्न संगठनों के एचआर विभागों और दो व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए हैं। 

विरासत के संवर्धन व संरक्षण के लिए कदम उठाया

विरासत के संवर्धन व संरक्षण के लिए कदम उठाया

इकबाल अंसारी 

गुवाहाटी। असम सरकार के एक आयोग ने राज्य में वैष्णव मठों की जमीन से अतिक्रमण हटाने और इन संस्थानों की सांस्कृतिक विरासत के संवर्धन तथा संरक्षण के लिए कदम उठाने पर जोर दिया है। वैष्णव मठों भूमि से संबंधित समस्याओं की समीक्षा और आकलन के लिए असम राज्य आयोग ने 11 जिलों में 303 मठों का दौरा करने और उनके द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों को संकलित करने के बाद अपना अंतरिम निष्कर्ष मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा को सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार अतिक्रमण हटाने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। यह पहली बार है कि इस दिशा में ठोस प्रयास किया जा रहा है।

हालांकि, सरकार अपने प्रशासनिक तंत्र के माध्यम से निष्कर्ष का सत्यापन भी करेगी क्योंकि राजस्व विभाग के प्रावधानों और नए कानूनों में वर्षों से बदलाव के कारण मठ भूमि के स्वामित्व में कानूनी रूप से बदलाव हो सकता है। अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, 33,265.7 बीघा (8,413.89 हेक्टेयर) जमीन मठों के पास है और इसमें से 7,504.2 बीघा (1,898.04 हेक्टेयर) जमीन पर अतिक्रमण हो गया है। बारपेटा जिले (5,545 बीघे) में सबसे अधिक अतिक्रमण की सूचना मिली है, इसके बाद लखीमपुर, नागांव, बोंगाईगांव और धुबरी हैं।

पिछले साल कैबिनेट के एक फैसले के बाद असम गण परिषद के विधायक प्रदीप हजारिका के नेतृत्व में तीन सदस्यीय आयोग गठित किया गया था जिसमें भारतीय जनता पार्टी के विधायक मृणाल सैकिया तथा रूपक शर्मा को सदस्य बनाया गया था। आयोग का मुख्य उद्देश्य मठों की भूमि से संबंधित समस्याओं की बारीकी से जांच करना और अतिक्रमण की सीमा को सत्यापित करना तथा दीर्घकालिक समाधान के लिए विशिष्ट सिफारिशें करना है। मठ असम में वैष्णववाद की एक अनूठी विशेषता हैं, जिनकी स्थापना सामाजिक और धार्मिक सुधारक शंकरदेव ने की थी, जो असमिया संस्कृति के जनक भी हैं। ये मठ पारंपरिक प्रदर्शन कलाओं के केंद्र भी हैं।

पति की हत्या के आरोप में महिला-प्रेमी गिरफ्तार 

पति की हत्या के आरोप में महिला-प्रेमी गिरफ्तार 

कविता गर्ग 

मुंबई। मुंबई के सांताक्रुज इलाके से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बता दें यहां कविता नाम की एक महिला और उसके प्रेमी हितेश जैन को अपने पति कमल कांत की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बता दें कविता अपने पति के खाने में लगातार आर्सेनिक और थैलियम मिला रही थी। जिसके चलते कमलकांत को बीते 3 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 17 दिन बाद उसकी मौत हो गई। 

बता दें शक के आधार पर डॉक्टर्स ने खुद पुलिस को इस मामले के बारे में बताया था। जिसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-9 ने एक महिला और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया। बता दें महिला पर आरोप है कि उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति कमल कांत शहा को मौत की नींद सुला दिया। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपियों को 8 दिसंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 

बता दें कमलकांत को 3 सितंबर को बॉम्बे हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था और 19 सितम्बर तक कमलकांत यहां भर्ती रहे, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। लेकिन कमलकांत की जिस तरह से मौत हुई, उसे डॉक्टर नहीं पचा पा रहे थे। इलाज के दौरान ही डॉक्टर्स की टीम ने कमलकांत के खून का हेवी मेटल टेस्ट कराया और उस टेस्ट की रिपोर्ट ने डॉक्टर्स के शक को और ज्यादा गहरा कर दिया।  

क्योंकि रिपोर्ट में आर्सेनिक और थैलियम धातु का स्तर शरीर मे बढ़ा हुआ था। किसी भी इंसान के शरीर मे इस तरह से इन धातुओं का बढ़ना असामान्य बात होती है। इसलिए डॉक्टर्स ने आजाद मैदान पुलिस स्टेशन को इसकी जानकारी दी। आज़ाद मैदान पुलिस ने केस दर्ज कर सांताक्रुज पुलिस स्टेशन को आगे की जांच के लिए केस हैंड ओवर कर दिया। 

जिसके बाद जांच आखिरकार सांताक्रुज पुलिस स्टेशन के बजाय क्राइम ब्रांच यूनिट 9 को सौंपी गई। क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की और तमाम मेडिकल रिपोर्ट, पत्नी सहित घरवालों को बयान लिए। साथ ही कमलकांत के डाइट से जुड़ी जानकारी भी जुटाई तो पता चला कि पत्नी कविता ने प्रेमी हितेश के साथ प्लानिंग करके पति को हटाने की साजिश की थी। जिसके लिए लंबे समय से कमलकांत के खाने और पीने के चीजों में बड़ी ही चालाकी से आर्सेनिक और थैलियम मिलाकर दिया जा रहा था। शरीर के अंदर ये धातु ब्लड में पहले  से ही मौजूद रहते हैं लेकिन सामान्य से ज्यादा हो जाए तो ये जहर का काम करता है और यही कमलकांत के साथ हुआ। लगातार खाने पीने में मिल रहे स्लो पॉइजन के चलते कमल की हालत खराब होते चली गई। 

देश की शांति भंग करने पर छोड़ता नहीं है 'भारत'

देश की शांति भंग करने पर छोड़ता नहीं है 'भारत'

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/बेंगलुरु। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत किसी को छेड़ता नहीं है और यदि कोई देश की शांति भंग करता है तो उसे छोड़ता नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी युद्ध तथा हिंसा की वकालत नहीं की, हालांकि, वह अन्याय और दमन पर तटस्थ नहीं रह सकता। वह इस्कॉन द्वारा बेंगलुरु के वसंतपुरा स्थित उसके भव्य राजाधिराज गोविंद मंदिर में आयोजित गीता दान योजना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

राजनाथ सिंह ने महाभारत का उल्लेख करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिये थे, उन्हें श्रीमद भगवद्गीता के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि गीता पढ़ने और उसे आत्मसात करने से व्यक्ति निर्भय होता है। इस्कॉन बेंगलुरु ने इस महीने सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों के अलावा एक लाख भगवद्गीता पुस्तक वितरित करने की योजना बनाई है। इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा तथा इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ आदि गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि 30 दिनों तक चलने वाले इस यज्ञ के दौरान, 1 लाख भगवदगीता बांटने की योजना बनाई गई है। ज्ञान के दान से बड़ा क्या हो सकता हैं। ज्ञान ही तो ऐसा धन है जो बांटने से बढ़ता है। इस्कॉन बैंगलोर का यह प्रयास गीता के Immortal Wisdom को लोगों तक पहुंचाएगा, इसका मुझे पूरा विश्वास हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि गीता दान यज्ञ महोत्सव के माध्यम से भगवान कृष्ण के शाश्वत संदेश को जन-जन तक पहुचाने और उसे लोगों को समझाने और अपने जीवन मे उतारने के लिए जो प्रयत्न इस्कॉन बैंगलोर निरंतर कर रहा हैं उसकी जितनी भी सराहना की जाए उतना कम हैं। मैं हमेशा कहता हूँ भारत कभी किसी को छेड़ता नहीं पर जब भारत को कोई छेड़ता है तो हम उसे छोड़ते भी नहीं हैं। यही श्रीमद्भगवद्गीता का भी संदेश है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया को यह भी समझना होगा कि अगर युद्ध और हिंसा हमारी प्रवृत्ति नहीं तो अन्याय सहना और अधर्म के प्रति तटस्थ रहना भी हमारे चरित्र का हिस्सा नहीं रहा हैं। गीता का ज्ञान भारत के समाज का आधार हैं। हम सब इस बात को मानते हैं कि भारत एक ऐसा देश हैं जो हमेशा से शान्तिप्रिय रहा हैं। हिंसा, युद्ध यह कभी भी हमारी प्रवृत्ति नहीं रही हैं। इसलिए भारत ने कभी किसी दूसरे देश पर न हमला किया ना कभी किसी की एक इंच ज़मीन पर कब्जा किया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं मानता हूं  कि हमारी भौतिक आकांक्षाएं एक अटूट बंधन पैदा करती हैं और इन बंधनों को तोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। हमें अपनी इच्छाओं, बुनियादी जरूरतों और Spiritual Calling के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। आप सबके साथ गीता का वह सन्देश बांटना चाहता हूँ जो मैंने अपनी जीवन यात्रा में एक सीख की तरह हमेशा अपने पास रखा: जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, उसी का नजरिया सही होता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिमी देशों में Self-Help Books का काफी प्रचलन हैं। यह वह किताबे होती हैं जो पाठकों को उनकी व्यक्तिगत समस्याओं को हल खोजने में मदद करने की मंशा से लिखी जाती हैं। मैं मानता हूँ कि अगर हम गीता का अच्छी तरह से अध्ययन कर लें तो हमे किसी और Self-Help Book की आवश्यकता नहीं होगी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं मानता हूं कि गीता को सिर्फ एक धार्मिक ग्रन्थ की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। इसमें निहित ज्ञान हम सब के लिए, और खासकर युवा वर्ग के लिए एक Inspiration है। गीता के बहुमूल्य उपदेशों को अपनाकर हम जीवन में सही विकल्प चुनने में हमेशा सफल हो सकते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत हमेशा से ज्ञान का केंद्र रहा हैं। और हमारे इस ज्ञान के अस्तित्व को न केवल दूसरे देशो ने स्वीकार किया हैं बल्कि अपनाया भी हैं। भगवदगीता ने दुनिया के कई महान और प्रसिद्ध लोगों को न केवल प्रभावित किया है बल्कि उनके जीवन को भी पूरी तरह से बदल दिया। सभी भौतिक सफलता के बावजूद लोग आध्यात्मिक कल्याण की तलाश में हैं और आधुनिकता के बावजूद हम अपने अस्तित्व के सवालों के जवाब खोजने के लिए आखिर में अपने धर्म का ही दरवाज़ा खटखटाते हैं। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि धर्म और संस्कृति के प्रति हमारा लगाव कभी भी हमारे विकास मे अवरोध पैदा नहीं कर सकता हैं। मैं उस सोच को नकारता हूँ जो आधुनिकता और परंपरा के बीच एक अंतर्निहित संघर्ष देखता है। आपका कल था, इसी लिए आज हैं. अतीत था तभी वर्त्तमान हैं। अतीत को नकारना वर्त्तमान को नकारने जैसा हैं। जो मनुष्य जीवन-मृत्यु के भँवर से ऊपर उठ जाता है, वही अपने समाज, राष्ट्र के लिए निडर होकर कुछ कर सकता है। उसी के अंदर क्रांति जन्म ले सकती है और वही समाज को एक दिशा दे सकता है, समाज को बदलाव की ओर उन्मुख कर सकता है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि गीता हमें अंतर्मन की ओर देखने का ज्ञान देती है। आत्मा से जोड़ती है, जो परमात्मा का ही एक अंश है। जो शाश्वत है, और अनश्वर है। आत्मा को केंद्र में रखने वाला प्राणी सुख-दुख से ऊपर उठकर दुख से ऊपर उठकर आनंद की प्राप्ति करता है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि गीता हमें ऐसा सूत्र प्रदान करती है, जिसके सहारे हम अपनी आत्मा का दर्शन कर सकते हैं। आज इंसान को बाहरी दुनिया की बड़ी चिंता रहती है। दिल्ली में क्या हो रहा है, अमेरिका में क्या हो रहा है, लंदन में, फ्रांस में क्या घटित हो रहा है, उसे बड़ी चिंता रहती है: पर हमारे मन में क्या घटित हो रहा है, हम किस ओर जा रहे हैं, इसे देखने के लिए अपने अंतस में झाँकने की फुर्सत किसी को नहीं होती है। हम बाहरी दुनिया में इतने खोये होते हैं कि उसमें ही सुख ढूँढ़ते हैं। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि हरि अनंत हरि कथा अनंता' की भांति गीता भी मैं समझता हूं अनंत है, और इसकी व्याख्या अनंत है। अब तक जिन ग्रंथों के सर्वाधिक भाष्य मिलते हैं, गीता उनमें से एक है। स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी से लेकर पंडित नेहरू, महर्षि अरविंदो, लोकमान्य तिलक ने गीता को अपने-अपने ढंग से देखा है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं समझता हूं, अनादिकाल से चले आ रहे मानवीय भावों को उदात्त करने का एक माध्यम है। गीता शाश्वत है, नित्य है, सत्य है। इसलिए गीता का कोई एक दिवस न होकर हरेक दिवस होना चाहिए।  आप Maths की history निकाल सकते हैं, और किसी को father of Mathematics घोषित कर सकते हैं। आप Physics, Chemistry, Biology की history निकाल सकते हैं। आप History की भी history निकाल सकते हैं, और किसी को father of History घोषित कर सकते हैं। पर आप मन की history नहीं निकाल सकते हैं। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि हम सब तो आम इंसान हैं। अपनी बुद्धि के अनुसार गीता का एक दिवस मान लेते हैं, और प्रतिवर्ष उसकी जयंती मनाते हैं। पर वास्तव में तो गीता मनाने की नहीं, बल्कि मानने का आग्रह है। मानने की भी नहीं, बल्कि यह जीने का आग्रह है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि श्रीमदभगवतगीता की जयंती मनाना, इस बात का प्रतीक है, कि हम गीता को एक ग्रंथ भर नहीं मानते हैं। हम गीता को कुछ विचारों, और सूत्रों की अभिव्यक्ति भर नहीं मानते हैं। बल्कि गीता को हम, जीती-जागती ज्ञान गंगा मानते हैं, जो प्राचीन काल से मानव को अपने ज्ञानामृत से सींचती चली आई है। राजनाथ सिंह ने कहा कि संतों की क्षणभर की संगति को तो हमारे यहां बड़े पुण्यकर्म का प्रतिफल बताया गया है। आज मैं आप सभी संतों के बीच हूं, तो निश्चित ही यह मेरे पुण्यों का प्रभाव है, मेरे अच्छे कर्मों का प्रतिफल है, जिसके चलते मुझे आप लोगों का सत्संग प्राप्त हुआ है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-53, (वर्ष-06)

2. रविवार, दिसंबर 04, 2022

3. शक-1944, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:44, सूर्यास्त: 05:24। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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