मंगलवार, 29 नवंबर 2022

अधिकारियों के खिलाफ ‘उचित कार्रवाई’ करें: योजना 

अधिकारियों के खिलाफ ‘उचित कार्रवाई’ करें: योजना 

इकबाल अंसारी 

गुवाहाटी। गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम सरकार से कहा है कि वह राज्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत लाभ बांटने में हुई अनियमितताओं में शामिल अधिकारियों के खिलाफ ‘‘उचित कार्रवाई’’ करे। राज्य सरकार ने पूर्व में उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि लगभग 12 लाख अपात्र किसानों को केंद्र सरकार की प्रमुख योजना के तहत लाभ मिला है। गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) अमगुरी नब निर्माण समिति द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, मुख्य न्यायाधीश आर एम छाया और न्यायमूर्ति सौमित्र सैकिया की पीठ ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ ‘‘उचित कार्रवाई’’ शुरू करने की आवश्यकता है।

पीठ ने 25 नवंबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘राज्य सरकार उपयुक्त लाभार्थियों को लाभ प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करेगी। प्रतिवादी प्राधिकरण योजना को अक्षरशः और कानून के अनुसार लागू करेगा।’’ अदालत ने असम सरकार को 2020 में तत्कालीन मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ द्वारा तैयार की गई एक सदस्यीय जांच रिपोर्ट पर भी विचार करने का निर्देश दिया। रिपोर्ट का हवाला देते हुए, कृषि विभाग के संयुक्त सचिव गुनजीत कश्यप ने फरवरी में एक हलफनामे में अदालत को सूचित किया कि 11.72 लाख अपात्र लोगों को पीएम-किसान योजना के तहत लाभ मिला। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘यह भी रिकॉर्ड में लाया गया है कि 16 जिला कृषि अधिकारी और 98 कृषि विकास अधिकारी विभागीय जांच के अधीन हैं।’’

पीठ ने कहा कि इसके अलावा, बंगाईगांव जिले के जिला कृषि अधिकारी द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने फर्जी तरीके से 734 लोगों को पोर्टल से जोड़ा था। वर्ष 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना के तहत, पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है, जो 2,000 रुपये की तीन समान किस्त में देय है। राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है। पिछले साल चार अगस्त को असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने विधानसभा को बताया था कि राज्य भर में कुल 23,33,864 किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत लाभ मिला है।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले साल 20 जुलाई को संसद को सूचित किया था कि केंद्र को 15 जुलाई, 2021 तक पीएम-किसान योजना के लिए पंजीकृत 42.16 लाख अपात्र लाभार्थी किसानों से 2,992.75 करोड़ रुपये की वसूली करनी है, जिसमें सबसे अधिक राशि असम से वसूल की जानी है। तोमर ने कहा था, ‘‘इस कुल राशि में से असम में 8.35 लाख अपात्र किसानों से 554.01 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है।’’ 

देशमुख की याचिका, 2 दिसंबर तक स्थगित सुनवाई 

देशमुख की याचिका, 2 दिसंबर तक स्थगित सुनवाई 

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर बम्बई उच्च न्यायालय ने सुनवाई मंगलवार को दो दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। देशमुख के खिलाफ यह मामला भ्रष्टाचार और पद के आधिकारिक दुरुपयोग से संबंधित है, जिसकी जांच जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो कर रहा है। न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की एकल पीठ मंगलवार को जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू नहीं कर सकी, क्योंकि सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह अस्वस्थ होने के कारण अदालत में पेश नहीं हो सके। सीबीआई की विशेष अदालत से पिछले महीने जमानत अर्जी खारिज होने के बाद देशमुख (73) ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।

उन्होंने चिकित्सीय और गुण-दोष के आधार पर जमानत की मांग की है। देशमुख की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने जल्दी सुनवाई का आग्रह किया और कहा कि उनके मुवक्किल पिछले साल नवंबर से जेल में हैं। न्यायमूर्ति कार्णिक ने कहा कि वह मामले की सुनवाई दो दिसंबर को करेंगे। न्यायमूर्ति कार्णिक ने कहा, ‘‘यह जमानत की अर्जी है, जो चिकित्सीय और गुण-दोष के आधार पर दाखिल की गयी है। मैं पहले चिकित्सीय आधार पर सुनवाई करूंगा। अगर मैं संतुष्ट हुआ, तभी मैं गुण-दोष के आधार पर सुनवाई करूंगा । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता पिछले साल नवंबर से जेल में हैं।

देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था। इस साल अप्रैल में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने राकांपा नेता को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। देशमुख अभी न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल में बंद हैं। उच्च न्यायालय ने पिछले महीने ईडी के मामले में देशमुख को जमानत दी थी।

हालांकि, भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत याचिका को सीबीआई की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया था । उच्च न्यायालय में अपनी जमानत अर्जी में देशमुख ने कहा है कि वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं और पिछले करीब एक साल से जेल में बंद हैं । याचिका में यह दावा किया गया है कि विशेष अदालत ने सीबीआई के आरोप पत्र को केवल 'कट, कॉपी और पेस्ट' करते हुये उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया।

8 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या, मृत्युदंड 

8 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या, मृत्युदंड 

इकबाल अंसारी 

पारादीप। ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले की एक फास्ट-ट्रैक अदालत ने आठ साल की एक बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मामलें में दो अभियुक्तों को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह घटना यहां के तिर्तोल थाना क्षेत्र में 2014 में हुई थी जब बच्ची एक दुकान से चॉकलेट खरीदकर घर लौट रही थी।

उसी दौरान चार लोग उसे सुनसान जगह पर ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया एवं बाद में पीड़िता की हत्या कर दी। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून (पॉक्सो) अदालत ने दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अदालत ने शेख आसिफ और शेख अलीक को सामूहिक बलात्कार और हत्या सहित अन्य आरोपों में दोषी ठहराया और मौत की सजा सुनाई थी। अदालत ने 27 गवाहों के बयानों पर गौर करने के बाद फैसला सुनाया।

गढ़वी को त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना होगा

गढ़वी को त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना होगा

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ईशुदान गढ़वी खंभालिया से मैदान में हैं, जिसके चलते इस सीट पर सबकी नजरें हैं। गढ़वी को इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना होगा, जहां से कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक विक्रम मदाम को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने मुलुभाई बेरा को उतारा है। आप में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक लोकप्रिय गुजराती समाचार वाचक रहे गढ़वी की छवि अच्छी है और वह राज्य में अपनी पार्टी के मुख्य प्रचारक के रूप में उभरे हैं, लेकिन चुनावी जानकारों का कहना है कि इस निर्वाचन क्षेत्र के सामाजिक समीकरण उनके लिए एक चुनौती हैं। 

दिग्गज नेता व पूर्व लोकसभा सदस्य मदाम और राज्य के पूर्व मंत्री बेरा दोनों अहीर समुदाय से संबंध रखते हैं। जाति के हिसाब से इस सीट पर अहीर समुदाय से संबंध रखने वालों की संख्या सबसे अधिक है जबकि मुसलमान मतदाता भी काफी महत्वपूर्ण हैं। चुनाव पर नजर रखने वालों का कहना है कि मतदान में जाति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और आप नेता गढ़वी को नुकसान हो सकता है क्योंकि इस सीट पर उनके समुदाय के मतदाताओं की संख्या बहुत कम है जबकि मुसलमानों का रूझान कांग्रेस की तरफ है। 

हालांकि, गढ़वी ने खुद को एक किसान के बेटे के रूप में पेश किया है। उन्होंने कहा है कि वह सभी के लिए काम करेंगे और सामुदायिक पहचान को बढ़ावा नहीं देंगे। आप के नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि गढ़वी रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल करेंगे। कांग्रेस और भाजपा दोनों के कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि मुकाबला उनके दलों के बीच है और आप इस लड़ाई में तीसरे स्थान पर रहेगी। 

हालांकि, आप सदस्यों का कहना है कि परंपरागत रूप से दोनों बड़े दलों को उनकी पार्टी के आने से “झटका” लगा है। भाजपा ने 2007 और 2012 में यह सीट जीती थी, लेकिन 2014 के उपचुनाव में वह कांग्रेस से हार गई थी। कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में यह सीट बरकरार रखी थी। खंभालिया देवभूमि द्वारका जिले में पड़ता है, जो सौराष्ट्र क्षेत्र का एक हिस्सा है। इस सीट पर पहले चरण में एक दिसंबर को मतदान होना है। राज्य में दूसरे चरण के तहत पांच दिसंबर को मतदान होना है, जबकि मतगणना आठ दिसंबर को होगी।

सेबी ने अपनी सलाहकार समितियों का पुनर्गठन किया

सेबी ने अपनी सलाहकार समितियों का पुनर्गठन किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और सामाजिक शेयर बाजार से संबंधित अपनी सलाहकार समितियों का पुनर्गठन किया है। सेबी ने अपनी एफपीआई सलाहकार समिति में फेरबदल करते हुए कहा कि पूर्व वित्त सचिव हसमुख अधिया अब 16 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता करेंगे।

पहले इस समिति की अध्यक्षता भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम कर रहे थे। बाजार नियामक ने बताया कि जीआईसी के प्रबंध निदेशक च्यू हाई जोंग और जेपी मॉर्गन के माइकल ड्रमगूले को इस समिति में शामिल किया गया है। सेबी ने सामाजिक शेयर बाजार से संबंधित समिति में समुन्नति फाइनेंशियल इंटरमीडिएशन एंड सर्विसेज के संस्थापक एवं सीईओ अनिल कुमार, सस्टेनेबिलिटी (एचसीएल टेक) के वैश्विक प्रमुख संतोष जयरामन, गाइडस्टार इंडिया की संस्थापक एवं सीईओ पुष्पा अमन सिंह और बीआईएल रायर्सन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप इनक्यूबेटर फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक हेमंत गुप्ता को शामिल किया है।

मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमैन और इन्फोसिस के पूर्व निदेशक टीवी मोहनदास पई, ओमिड्यार नेटवर्क इंडिया की एमडी रूपा कुडवा; और बीएआईएफ विकास शोध फाउंडेशन के गिरीश जी सोहानी अब समिति का हिस्सा नहीं हैं। इस 18 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता अब ग्रासरूट रिसर्च एंड एडवोकेसी मूवमेंट (जीआरएएएम) के अध्यक्ष आर बालासुब्रमण्यम करेंगे। पहले इसके प्रमुख इशात हुसैन (एसबीआई फाउंडेशन के निदेशक और टाटा संस के पूर्व वित्त निदेशक) थे।

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन



प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-49, (वर्ष-06)

2. बुधवार, नवंबर 30, 2022

3. शक-1944, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:45, सूर्यास्त: 05:25। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 12 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

email:universalexpress.editor@gmail.com 

संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...