सोमवार, 28 नवंबर 2022

गहलोत व पायलट को कांग्रेस की 'संपत्ति' बताया 

गहलोत व पायलट को कांग्रेस की 'संपत्ति' बताया 

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कांग्रेस नेता सचिन पायलट को ‘‘गद्दार’’ कहे जाने को लेकर मचे बवाल के बीच पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को दोनों नेताओं को पार्टी की ‘‘संपत्ति’’ बताया और कहा कि किसी भी नेता की बयानबाजी का ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पायलट को गहलोत द्वारा ‘‘गद्दार’’ बताए जाने के बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर गांधी ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इसमें नहीं जाना नहीं चाहता कि किसने क्या कहा। दोनों नेता (गहलोत और पायलट) कांग्रेस की संपत्ति हैं। मैं आपको इसकी गारंटी दे सकता हूं कि इसका (बयानबाजी का) ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’’

गौरतलब है कि गहलोत ने एक निजी चैनल को हाल में दिए साक्षात्कार में पायलट को ‘‘गद्दार’’ करार देते हुए कहा था कि उन्होंने वर्ष 2020 में कांग्रेस के खिलाफ बगावत की थी और गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार गिराने की कोशिश की थी इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता। गहलोत का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ की राजस्थान में दाखिल होने की तैयारियां हो रही हैं। गांधी ने इस बात का जवाब टाल दिया कि क्या मौका मिलने पर वह दोबारा अमेठी से चुनाव लड़ना चाहेंगे? उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब साल-डेढ़ साल बाद मिल सकेगा और अभी उनका पूरा ध्यान ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा, ‘‘आप चाहते हैं कि अखबार कल यह बताएं कि मैं अमेठी से अगला चुनाव लडूंगा या नहीं? मैं चाहता हूं कि अखबार ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के फलसफे के बारे में लिखें।’’ गांधी ने कहा कि देश के तीन-चार उद्योगपतियों के हाथों में सारा धन केंद्रित होने से बेरोजगारी बढ़ रही है और कांग्रेस इस समस्या को हल करने के लिए छोटे उद्यमों को बढ़ावा देगी तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रों में निवेश करेगी।

चुनाव: सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश 

चुनाव: सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश 

इकबाल अंसारी 

गोधरा। सांप्रदायिक रूप से संवेदशील माने जाने वाले गुजरात के गोधरा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश में है। क्योंकि पिछले साल के निकाय चुनाव में उसने यहां असरदार दस्तक दी थी। 

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को उम्मीद है कि इस चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिलेगा और अन्य उम्मीदवारों के बीच मतों का बंटवारा होगा जिससे उसकी राह आसान हो सकती है। एआईएमआईएम ने पिछले साल हुए गोधरा नगरपालिका के चुनाव में सात सीटें हासिल की थीं और भाजपा को निकाय की सत्ता से दूर रखने के लिए निर्दलियों के साथ समझौता भी किया था। ओवैसी की पार्टी के समर्थन से निर्दलीय संजय सोनी फरवरी, 2021 में नगरपालिका के अध्यक्ष बने, लेकिन पिछले साल नवंबर में भाजपा का समर्थन मिलने के बाद उन्होंने एआईएमआईएम का साथ छोड़ दिया।

इस बार गोधरा विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम अपनी पकड़ और मजबूत बनाने और जीतने की कोशिश कर रही है। फिलहाल यहां से भाजपा का विधायक है। साल 2002 में ट्रेन की बोगी में आग लगाए जाने की घटना के बाद पूर्वी गुजरात के पंचमहल जिले का यह कस्बा सुर्खियों में आया था। उस घटना में 59 कारसेवकों की मौत हुई थी जिसके बाद पूरे प्रदेश में हिंसा हुई थी जिससे 1000 से अधिक लोग मारे गए थे। गोधरा गुजरात की उन 14 विधानसभा सीटों में से एक है जहां एआईएमआईएम इस बार चुनाव लड़ रही है। 

ओवैसी ने यहां से अपने उम्मीदवार हसन शब्बीर कच्बा के समर्थन में एक बड़ी सभा को संबोधित किया था। भाजपा ने यहां अपने वर्तमान विधायक सीके राउलजी को टिकट दिया है। कांग्रेस ने रश्मिताबेन चौहान और आम आदमी पार्टी ने राजेश भाई पटेल को उम्मीदवार बनाया है। एआईएमआईएम के पार्षदों का आरोप है कि गोधरा की मुस्लिम बहुल बस्तियों को विकास से उपेक्षित रखा गया था तथा लोगों को सड़क, साफ-सफाई और पानी की बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही थीं। 

पार्षद फैसल सुलेजा कहते हैं, पहले, विकास हुआ है, लेकिन सिर्फ 50 प्रतिशत इलाके में। यह दूसरी तरफ (हिंदू और अन्य समुदायों की आबादी वाले इलाके) में हुआ है। एआईएमआईएम के एक अन्य पार्षद इसहाक एम गनचीभाई कहते हैं कि उनकी पार्टी के पार्षदों ने यह सुनिश्चित किया कि विकास का पैसा समान रूप से सभी इलाकों को मिले। 

गोधरा विधानसभा में करीब 2,79,000 मतदाता हैं जिनमें 72,000 मुस्लिम हैं। गनचीभाई का कहना है कि अगर मुस्लिम मतदाताओं ने एकश्मुकत समर्थन कर दिया तो बहुकोणीय मुकाबले में एआईएमआईएम की जीत पक्की है। हालांकि, निकाय चुनाव निर्दलीय लड़ चुकीं सोफिया अनवा जमाल का कहना है कि एआईएमआईएम सिर्फ वोटों का बंटवारा करेगी जिसका फायदा आखिरकार भाजपा को होगा।

राज्य के 2 नए जिले बनाने की घोषणा करेगी सीएम 

राज्य के 2 नए जिले बनाने की घोषणा करेगी सीएम 

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 29 नवंबर को होने वाली एक प्रशासनिक बैठक के दौरान सुंदरबन और बशीरहाट को राज्य के दो नए जिले बनाने की आधिकारिक घोषणा कर सकती हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी सोमवार को दी। अधिकारी ने बताया कि दोनों जिलों को दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों से अलग किया जाना है। अधिकारी ने बताया, दो नए जिले बनाने के लिए सभी आवश्यक कार्य पूरे कर लिए गए हैं। मुख्यमंत्री कल हिंगलगंज में प्रशासनिक बैठक के दौरान इनके नामों की घोषणा कर सकती हैं। बता दें कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल के जिलों की कुल संख्या 23 है।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को सुंदरबन के मैंग्रोव क्षेत्र के अपने तीन दिवसीय दौरे की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सुंदरबन जिले में दक्षिण 24 परगना के लगभग 13 ब्लॉक होने की संभावना है, जबकि बशीरहाट में उत्तर 24 परगना के छह ब्लॉक हो सकते हैं। सुंदरबन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और वर्तमान में उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में फैला हुआ है, जबकि बशीरहाट उत्तर 24 परगना का एक उप-मंडल है। पश्चिम बंगाल में वर्तमान में 23 जिले हैं। 

अधिकारी ने कहा कि राज्य को प्रत्येक जिला बनाने के लिए कम से कम 200 करोड़ रुपये का खर्च उठाना होगा। उन्होंने कहा कि बनर्जी निवासियों को हाथियों के हमलों से बचाने के लिए हिंगलगंज में पूजा करेंगी। ममता ने 25 नवंबर को विधानसभा में कहा था, मैं हिंगलगंज में प्रकृति पूजा करूंगी। हाथी के हमले बढ़ गए हैं, क्योंकि हाथी भोजन की तलाश में जंगलों से बाहर आ रहे हैं। उन्होंने सुंदरबन में हर साल चक्रवात और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना किये जाने पर भी चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि उनकी सरकार ने नीति आयोग को क्षेत्र के विकास के लिए एक मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है। 

उन्होंने कहा था, हमने नीति आयोग को सुंदरबन के लिए एक मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है। हर साल, चक्रवात और बाढ़ आती है। यदि एक मास्टर प्लान होगा, तो समस्या हल हो जाएगी। मैं वन मंत्री से इस मामले को और गंभीरता से देखने के लिए कहूंगी। बनर्जी बुधवार को दक्षिण 24 परगना में सजनेकहली का दौरा करने वाली हैं। 

गांधी का धैर्य बढ़ाने में मददगार साबित हुई 'यात्रा'

गांधी का धैर्य बढ़ाने में मददगार साबित हुई 'यात्रा'

अकांशु उपाध्याय/मनोज सिंह ठाकुर 

नई दिल्ली/इंदौर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' उनका धैर्य बढ़ाने में भी मददगार साबित हुई है। मध्यप्रदेश में छठवें दिन इंदौर के समीप बरौली में भारत जोड़ो यात्रा पहुंचने पर श्री गांधी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उनसे पिछले 80 दिनों से अधिक समय से चल रही यात्रा से जुड़े सुखद और रोचक प्रसंगों के बारे में पूछा गया था।

गांधी ने कहा कि यात्रा के दौरान वे सबको ध्यान से सुनते हैं और उनका सुनने का तरीका भी बदल गया है। वे पहले एक दो घंटे में ही ''इरिटेट'' (चिढ़ना या झल्लाना) हो जाते थे, लेकिन अब वे आठ-आठ घंटे तक लोगों को धैर्य से सुन लेते हैं। गांधी ने कहा कि अब जब वे किसी को सुनते हैं, तो सामने वाली की सोच काे ध्यान में रखकर सुनने का प्रयास करते हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यात्रा से जुड़े अन्य प्रसंग सुनाते हुए कहा कि यात्रा की शुरूआत में उनके घुटने का पुराना दर्द उभर आया था। उस समय उनके मन में तरह तरह के विचार आए। लेकिन वे उस दर्द से नहीं डरे और इसकी आदत डालते हुए चलते रहे। बाद में यह दर्द भी चला गया और वे लगातार यात्रा करते रहे। वे कन्याकुमारी से इंदौर तक लगभग दो हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं और यह यात्रा कश्मीर तक जाएगी।

गांधी ने दावा करते हुए कहा कि पदयात्रा के दौरान ही एक लगभग छह वर्ष की बालिका उनसे कुछ दूरी पर रहकर मिलना चाह रही थी। वे उसको नोटिस कर रहे थे। तभी उन्होंने बालिका काे अपने पास बुलाया। उसने कागज में कुछ लिखकर रखा था, जो उसने उन्हें यह कहते हुए थमा दिया कि वे उसे बाद में पढ़ें। गांधी के मुताबिक कुछ देर बाद उन्होंने कागज खाेला ताे उसमें लिखा था कि वह भी उनकी इस यात्रा के साथ है। संभवत: यह घटना कर्नाटक की थी। उन्होंने कहा कि इस तरह के अनेक प्रसंग इस यात्रा से जुड़े हैं। गांधी इस यात्रा को पूरी तरह ''गैरराजनैतिक'' बता रहे हैं। उनका कहना है कि वे डर, हिंसा और नफरत के खिलाफ इस यात्रा को निकाल रहे हैं और इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखकर आम लोगों की बात सुन रहे हैं और उन्हें सुना रहे हैं।

गांधी राजनीति और महत्वपूर्ण प्रश्नों पर काफी संभलकर बोलते हुए दिखे। अमेठी से उनके फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने समेत अनेक राजनैतिक प्रश्नों को वे चतुराई से टालते गए और कहा कि उनका ध्यान अभी भारत जोड़ो यात्रा पर ही है। श्री गांधी की यात्रा का आज मध्यप्रदेश में छठवां दिन है। सोमवार शाम को यह यात्रा उज्जैन के समीप तराना तक पहुंच जाएगी। यात्रा आज उज्जैन में रहेगी।

कैलेण्डर वर्ष 2019 के कृति पुरस्कारों की घोषणा 

कैलेण्डर वर्ष 2019 के कृति पुरस्कारों की घोषणा 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग की साहित्य अकादमी द्वारा कैलेण्डर वर्ष 2019 के कृति पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। इसमें 13 अखिल भारतीय जबकि 15 प्रादेशिक कृति पुरस्कार शामिल हैं। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि अखिल भारतीय पुरस्कार में प्रति रचनाकार को एक लाख रूपये एवं प्रादेशिक पुरस्कार में प्रति रचनाकार को 51,000 रूपये के साथ शॉल, श्रीफल, स्मृति-चिन्ह और प्रशस्ति के साथ अलंकृत किया जाता है।

अधिकारी ने बताया कि अखिल भारतीय पंडित माखनलाल चतुर्वेदी (निबंध) पुरस्कार डॉ. मनोज पाण्डेय, नागपुर की कृति आलोचना के नये परिप्रेक्ष्य को दिया गया है, जबकि अखिल भारतीय गजानन माधव मुक्तिबोध (कहानी) सच्चिदानंद जोशी, दिल्ली की कृति "पल भर की पहचान'' को दिया गया है।

अधिकारी ने बताया कि अखिल भारतीय राजा वीरसिंह देव (उपन्यास) प्रोफेसर मनीषा शर्मा, अमरकंटक की कृति ये इश्क... को, अखिल भारतीय आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (आलोचना) डॉ. कविता भट्ट, उत्तराखण्ड की कृति भारतीय साहित्य में जीवन मूल्य को, अखिल भारतीय पंडित भवानी प्रसाद मिश्र (गीत एवं हिन्दी गजल) डॉ. आर. पी. सारस्वत, सहारनपुर की कृति "तुम बिन को और अखिल भारतीय अटल बिहारी वाजपेयी (कविता) डॉ. इन्दु राव, हरियाणा की कृति छांह संस्कृति की'' को दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अखिल भारतीय कुबेरनाथ राय (ललित निबंध) राजेश जैन, दिल्ली की कृति ईश्वर की आत्मकथा को, अखिल भारतीय विष्णु प्रभाकर (आत्मकथा जीवनी) डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, मोहाली की कृति श्री गुरु नानक देवजी को, अखिल भारतीय निर्मल वर्मा (संस्मरण) प्रो. सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी, इंदौर की कृति बदलती हवाएँ' को, अखिल भारतीय महादेवी वर्मा (रेखाचित्र) प्रशांत पोल, जबलपुर की कृति वे पंद्रह दिन को, अखिल भारतीय प्रोफेसर विष्णुकांत शास्त्री (यात्रा-वृत्तांत) डॉ. सुधा गुप्ता 'अमृता', कटनी की कृति "चलें भ्रमण की ओर को, अखिल भारतीय भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (अनुवाद) संतोष रंजन, भोपाल की कृति थेल्मा मेरी कोरिली को और अखिल भारतीय नारद मुनि (फेसबुक/ब्लाग /नेट) पुरस्कार अजय जैन 'विकल्प',इंदौर को उनके पेज फेसबुक,ब्लॉग व नेट को दिया गया है।

अधिकारी ने बताया कि इन 13 अखिल भारतीय कृति पुरस्कारों के अलावा 15 प्रादेशिक कृति पुरस्कारों की घोषणा भी की गई है, जिनमें वृन्दावन लाल वर्मा (उपन्यास) पुरस्कार डॉ. अश्विनी कुमार दुबे, इंदौर की कृति "किसी शहर में'' और सुभद्रा कुमारी चौहान (कहानी) डॉ. गरिमा संजय दुबे, इंदौर की कृति "दो ध्रुवों के बीच की आस'' शामिल हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-48, (वर्ष-06)

2. मंगलवार, नवंबर 29, 2022

3. शक-1944, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:45, सूर्यास्त: 05:25। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 12 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...