गुरुवार, 24 नवंबर 2022

एसएसपी ने यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया

एसएसपी ने यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में सड़क सुरक्षा जागरूकता माह के अंतर्गत ट्रैफिक पुलिस ने गांधीगिरी की। जिन बाईकर्स ने हेलमेट नहीं लगाए थे उन्हें हेलमेट भेंट किए। जाे हेलमेट लगाकर चल रहे थे उन्हें गुलाब और सर्टिफिकेट भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया। यातायात पुलिस नवंबर माह को सड़क सुरक्षा माह के रूप में मना रही है। सड़क पर चलने वाले वाहना चालकों को सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। गुरुवार को एसएसपी विनीत जायसवाल विश्वकर्मा चौक पहुंचे और वाहन चालकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया। एसएसपी विनीत जायसवाल ने एसपी ट्रैफिक कुलदीप सिंह और एसपी क्राइम के साथ मिलकर वाहन चालकों को हेलमेट लगाने के प्रति जागरूक किया।

बाइक चालक को हेलमेट लगाने पर गुलाब और प्रशस्ति-पत्र भेंट करते एसपी ट्रैफिक कुलदीप सिंह।
बाइक चालक को हेलमेट लगाने पर गुलाब और प्रशस्ति-पत्र भेंट करते एसपी ट्रैफिक कुलदीप सिंह।

उन्होंने हेलमेट लगाकर वाहन चलाने वालों को अपनी और से गुलाब और प्रशस्ति पत्र भेंट कर उनका अभिनंदन किया। जिन दुपहिया वाहन चालकों ने हेलमेट नहीं लगाए हुए थे उन्हें यातायात पुलिस की और से नि: शुल्क हेलमेट भेंट किये। उन्हें प्रेरित किया गया कि वे भविष्य में भी यातायात नियमों का पालन करते रहें। एसएसपी ने कहा कि अपने जीवन की सुरक्षा अपने हाथ में है। यदि यातायात नियमों का पालन करते हैं तो उससे जीवन ही सुरक्षित होता है। एसपी ट्रैफिक कुलदीप सिंह ने कहा कि यातायात माह के अंतर्गत पुलिस लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक कर रही है।

'समान नागरिक संहिता' लागू करने को प्रतिबद्ध भाजपा

'समान नागरिक संहिता' लागू करने को प्रतिबद्ध भाजपा 


नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं और बहसों के पूरा होने के बाद देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने को प्रतिबद्ध है। यूसीसी के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि यह जन संघ के दिनों से ही भाजपा द्वारा देश के लोगों से किया गया एक वादा है। टाइम्स नाऊ सम्मेलन में गृह मंत्री ने कहा, “न सिर्फ भाजपा ने, बल्कि संविधान सभा ने भी संसद और राज्यों को उचित समय आने पर यूसीसी लागू करने की सलाह दी थी, क्योंकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश में कानून, धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए। यदि राष्ट्र और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं तो कानून धर्म पर आधारित कैसे हो सकते हैं? हर धर्म के व्यक्ति के लिए संसद या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित एक ही कानून होना चाहिए।”


शाह ने दावा किया कि समय बीतने के साथ संविधान सभा की इस प्रतिबद्धता को भुला दिया गया। उन्होंने कहा, “भाजपा को छोड़कर, कोई भी दल समान नागरिक संहिता के समर्थन में नहीं है। एक लोकतंत्र में स्वस्थ चर्चाएं जरूरी हैं। इस मुद्दे पर खुली एवं स्वस्थ बहस किए जाने की जरूरत है।”


गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा शासित तीन राज्यों-हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में सर्वोच्च अदालत और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया गया है, जिसके सामने अलग-अलग धर्मों के लोग इस मुद्दे को लेकर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम इस प्रक्रिया में मिलने वाले सुझावों के आधार पर कार्रवाई करेंगे। सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं के पूरा होने के बाद भाजपा यूसीसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।”


यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्ज देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने का फैसला उनके कार्यकाल का सबसे सफल फैसला था, शाह ने कहा कि कोई भी सफलता उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट के एक मंत्री हैं और हर सफलता पूरी सरकार की सफलता है।


उन्होंने कहा, “वर्षों से यह दुष्प्रचार फैलाया जा रहा था कि जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 की वजह से भारत का हिस्सा है। अब न तो अनुच्छेद 370 है और न ही 35ए, फिर भी जम्मू-कश्मीर भारत के साथ है।” गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक नयी लोकतांत्रिक पीढ़ी तैयार हो रही है, जहां 30,000 से अधिक पंच और सरपंच लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश आया है और 80 लाख पर्यटक पहुंचे हैं, जो आजादी के बाद से सर्वाधिक है।


शाह ने दावा किया कि 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत के बाद से वहां इससे जुड़ी सबसे कम वारदातें हुई हैं और पत्थरबाजी की घटनाएं भी शून्य दर्ज की गई हैं, जो उनकी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्ध है और इसे लेकर कोई दो राय नहीं है। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की जड़ें गहरी हो गई हैं, लेकिन सरकार इसे पूरी तरह से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है।”


इससे पहले, सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में दिए संबोधन में शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को दुनिया के सामने रखा जाए। उन्होंने कहा, “भारत 2025 तक पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। 2014 में देश में चार यूनिकॉर्न स्टार्टअप थे और अब यह संख्या बढ़कर सौ के पार चली गई है।”


चुनाव से पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग से जुड़े सवाल पर शाह ने कहा कि जिस किसी को शिकायत है, वह अदालत का रुख कर सकता है और इस तरह के कदमों को राजनीति के लिहाज से नहीं देखा जाना चाहिए।


जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन के विशेष सुविधाएं हासिल करने से जुड़े कथित वीडियो के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि उक्त वीडियो सही है या नहीं, यह अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी के लिए जांच का विषय होना चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि वीडियो सही है, तो जवाबदेही उनकी पार्टी की बनती है और आप मुझसे सवाल पूछ रहे हैं?


मैं भी जेल गया था और तब मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जेल में बंद होने के बाद भी मंत्री पद पर बने रहने की ऐसी बेशर्मी अभूतपूर्व है।” ऐसे मामलों में केंद्र को किसी मंत्री को हटाने की अनुमति देने वाले प्रावधानों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने भी शायद ऐसी चीजें होने की कल्पना नहीं की थी, इसलिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया।


श्रद्धा वालकर हत्याकांड पर गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस और अभियोजन पक्ष यह सुनिश्चित करेंगे कि 27 वर्षीय कॉल सेंटर कर्मी को जिसने भी मारा है, उसे कम से कम समय में कठोर से कठोर सजा मिले। गुजरात के आगामी विधानसभा चुनावों से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। शाह ने कहा, “गुजरात में हम सीटों और वोट प्रतिशत के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ देंगे।”

श्रद्धा हत्याकांड लव जिहाद का केस नहीं: औवेसी 

श्रद्धा हत्याकांड लव जिहाद का केस नहीं: औवेसी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। श्रद्धा हत्याकांड मामले ने अब राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि श्रद्धा हत्याकांड लव जिहाद का केस नहीं है। बीजेपी इसे धर्म के एंगल से देख रही है। ओवैसी ने कहा कि श्रद्धा केस राजनीतिक मुद्दा बन गया है, इस हत्याकांड को मजहबी रंग दिया जा रहा है। आगे कहा कि यह लव जिहाद का मामला नहीं है, ये एक महिला पर जुल्म और उसकी हत्या का मामला है। इसे मजहब का चश्मा लगाकर देखा जाएगा तो यह नाइंसाफी होगी।

फिलहाल में हुए आरुषी हत्याकांड का हवाला देते हुए बोले कि यदि लव जिहाद का मामला है, तो आजमगढ़ में प्रिंस यादव का मामला क्या था। एक युवती जो इंटरकास्ट में शादी कर लेती है, इस वजह से उसके माता पिता उसका मर्डर करके उसे ट्रॉली बैग में बंद कर फेंक देते हैं, उसे क्या कहोगे ? बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी इस पर सियासी रोटी सेंकती है, ये गलत है।

मीडिया को रेग्युलेट करने के लिए कानून बनाएंगे 

मीडिया को रेग्युलेट करने के लिए कानून बनाएंगे 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि डिजिटल मीडिया को रेग्युलेट करने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक कानून बनाएगी। उन्होंने आगे कहा, डिजिटल मीडिया अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी पेश करती है। बेहतर संतुलन बनाने के लिए केंद्र सरकार देखेगी कि इस पर क्या किया जा सकता है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार डिजिटल मीडिया नियमन के लिए एक विधेयक पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले समाचारों का एकतरफा संचार हुआ करता था, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के विकास से समाचारों का संचार बहुआयामी हो गया है। उन्होंने कहा कि अब गांव की छोटी-छोटी खबरें भी डिजिटल मीडिया के माध्यम से राष्ट्रीय पटल तक आ जाती है। लेकिन वर्तमान में डिजिटल मीडिया अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी पेश करता है, यह भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह स्व-नियमित है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अधिकांश प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया को स्व-नियमन पर छोड़ दिया है। 

अनुराग ठाकुर ने कहा कि एक अच्छा संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार यह देखेगी कि इस पर क्या किया जा सकता है। ठाकुर ने कहा कि इसके नियमन की आवश्यकता है और इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार जल्द ही कानून लाएगी।ठाकुर ने कहा कि मैं कहूंगा कि कानून में जो भी बदलाव किए जाएंगे, हम आपके काम को सरल और आसान बनाने के लिए करेंगे। हम इसे लेकर एक विधेयक पेश करने के लिए काम कर रहे हैं। ठाकुर ने यह भी कहा कि समाचार पत्रों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और केंद्र सरकार जल्द ही 1867 प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम को बदलने के लिए एक नया कानून लाएगी। नए कानून के तहत पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करना ऑनलाइन मोड के माध्यम से एक सप्ताह में संभव होगा, जिसके लिए अभी लगभग चार महीने लगते हैं।

उन्होंने मीडिया से जिम्मेदारी से अपना काम करने और भय एवं भ्रम का माहौल बनाने से बचने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पत्रकारों के हितों का भी ध्यान रखती है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान जिन पत्रकारों की कोविड-19 से मृत्यु हुई उनके परिजनों को केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इसके अलावा अब केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया में काम करने वाले पत्रकारों को भी मान्यता देने पर काम करना शुरू किया है।

एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं हो सकता: सीएम 

एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं हो सकता: सीएम 

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं हो सकता है। हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता है। एक आदमी जिसके पास 10 विधायक नहीं हैंजिसने विद्रोह कियाउसने पार्टी को धोखा दियाउसने गद्दारी की है।

अशोक गहलोत ने 2020 के राजनीतिक संकट का जिक्र करते हुए कहा कि ये देश के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि एक पार्टी अध्यक्ष ने ही अपनी सरकार को गिराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इसके लिए बीजेपी की तरफ से पैसा दिया गया था। बीजेपी के दिल्ली दफ्तर से 10 करोड़ रुपये आए थेमेरे पास सबूत है। इन पैसों में से किसे कितना दिया गया ये मुझे नहीं पता।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-44, (वर्ष-06)

2. शुक्रवार, नवंबर 25, 2022

3. शक-1944, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:45, सूर्यास्त: 05:25। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 12 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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