चुनाव: 55,92,828 मतदाता, 65.92 फीसदी मतदान
श्रीराम मौर्य
शिमला। हिमाचल प्रदेश के 68 विधानसभा के लिए शनिवार को वोट डाला गया। यह चुनाव एक ही चरण में हुआ। चुनाव मैदान में 412 प्रत्याशी हैं। वोटिंग शाम 5 पांच बजे तक चला। प्रदेश में कुल 55,92,828 मतदाता हैं। इनमें से 28,54,945 पुरुष और 27,37,845 महिलाएं मतदाता हैं। शाम पांच बजे तक 65.92 फीसदी मतदान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव यहां लाहौल-स्पीति जिले में दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र ताशिगंज में सभी 52 वोटर्स ने मतदान किया है। यहां 100 फीसदी वोटिंग हुई है। चुनाव आयोग ने 15,256 फीट की ऊंचाई पर सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ स्थापित किया था। इस बूथ पर ताशिगंज और काजा गांव के लोगों ने मतदान किया हैं।
राज्य में दोपहर तीन बजे तक 55.65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया और ये कयास लगाये जा रहे हैं कि क्या अगले दो घंटे का मतदान गत 2017 के विधानसभा चुनावों के 75.57 प्रतिशत के आंकड़े को पार करेगा। वर्ष 2007 में राज्य में 71.61 प्रतिशत और 2012 में 72.69 प्रतिशत मतदान हुआ था। राज्य में 7881 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे जिनमें से 7235 ग्रामीण और 646 शहरी क्षेत्रों में थे। इनके अलावा तीन सहायक मतदान केंद्र सिद्धबाड़ी, बड़ा भंगाल तथा ढिल्लवां में बनाए गए थे। राज्य में 157 मतदान केंद्रों पर केवल महिलाकर्मी ही तैनात थीं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्नी साधना ठाकुर और पुत्री चंद्रिका और प्रियंका के साथ सिराज के बगलामुखी मंदिर में मत्था टेका और इसके बाद आहौंण मतदान बूथ पर मतदान करने पहुंचे। उन्होंने दावा किया राज्य में इस बार परम्परा बदलेगी और राज्य में फिर भाजपा की ही सरकार बनेगी। भाजपा को पहले से ज्यादा सीटें जीतेंगे। नड्डा, उनकी पत्नी मल्लिका नड्डा तथा पुत्र हरीश नड्डा ने मतदान करने से पूर्व बिलासपुर जिले के झंडूता के स्थानीय मंदिर में मत्था टेका और विजयपुर के मतदान केंद्र पर मतदान किया। नड्डा ने मीडिया से बातचीत में राज्य में हुये विकास और जनकल्याण कार्यों के बूते पर पुन: भाजपा की सरकार बनने का दावा किया।
नड्डा ने इस मौके पर कहा कि मतदाता अपने विवेक से मतदान करेंगे तथा राज्य और देश में हुये विकास तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोरोना काल में की गई सेवाओं को अवश्य ही लोग ध्यान में रखेंगे। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर उनके पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने परिवार सहित भोरंज मतदान बूथ पर मतदान किया। पुरानी पेंशन बहाल करने के कांग्रेस के वादे को लेकर ठाकुर ने कहा कि पेंशन बंद करने और एनपीएस लाने वाली कांग्रेस ही थी। कांग्रेस 2012 में राज्य में सत्ता में थी, तब क्यों नहीं पुरानी पेंशन बहाल की।
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश का विशेष दर्जा वापिस लिया जिसे मोदी सरकार ने बहाल किया। केंद्र की भाजपा सरकार ने हिमाचल प्रदेश को आईआईटी और एम्स जैसे बड़े संस्थान दिये। राज्य की भाजपा सरकार ने विकास, सुशासन और जनकल्याण के अनेक कार्य किये तथा इन पर मुहर लगाएगी और भाजपा को पहले से भी ज्यादा सीटें देकर पुन: सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही झूठे वादे करती रही है। कांग्रेस ने 2003 और 2012 में हर घर से एक व्यक्ति को रोजगार देने की बात कही थी लेकिन सत्ता में आने पर भूल गई। जनता को कांग्रेस का असली चेहरा मालूम है।
राज्य के दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सांसद पत्नी प्रतिभा सिंह और उनके पुत्र बिक्रमादित्य सिंह ने पूजा करने के बाद मतदान किया। कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री पार्टी के बड़े नेता आनंद शर्मा ने भी मतदान किया। राज्य में अब तक परम्परागत तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होता रहा है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने भी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जिसके कारण कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय तो कहीं मजबूत निर्दलीय प्रत्याशियों की मौजूदगी से बहुकोणीय हो गया। राज्य में इस समय भाजपा सत्ता में है। वर्ष 2017 के चुनावों में भाजपा को 44, कांग्रेस को 21 सीटें मिलीं थीं। दो सीटों पर निर्दलीय और एक सीट पर माकपा प्रत्याशी जीता था।