मंगलवार, 25 अक्तूबर 2022

महत्व: आज 'गोवर्धन' पर्वत की पूजा की जाएगी

महत्व: आज 'गोवर्धन' पर्वत की पूजा की जाएगी

सरस्वती उपाध्याय 

हर साल कार्तिक माह के शुक्ल-पक्ष की तिथि प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि कल यानी 26 अक्टूबर को है। इस दिन लोग घर की आंगन में या घर के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृत्ति बनाकर पूजा की जाती है। ज्योतिष की मानें तो इस साल गोवर्धन पूजा करने के लिए मात्र 02 घंटे 14 मिनट का ही समय है। आइए जानते हैं कब है, गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और क्या है सही विधि?

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 18 मिनच से शुरू हो रही है। प्रतिपदा तिथि का समापन 26 अक्टूबर के दोपहर 02 बजकर 42 मिनट पर होगा। इस दिन गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर की सुबह 06 बजकर 29 मिनट से लेकर 08 बजकर 43 मिनट तक यानी कुल घंटे 14 मिनट है।

गोवर्धन पूजा की विधि

गोवर्धन पूजा के दिन घर के आंगन में या दरवाजे पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाई जाती है। इसके बाद इसका पूजन किया जाता है। इसके बाद इस पर रोली, चंदन, चावल, मिष्ठान्न, बताशे, केसर, फूल, जल इत्यादि पूजा की सामग्री चढ़ाई जाती है। मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं, उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है और वे हमेशा खुशहाल रहते हैं।

गोवर्धन पूजा का महत्व

ऐसी मान्यता है कि आज कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन भगवान ने कृष्ण ने देवराज इंद्र का अंहकार नष्ट करने के लिए गोकुल के लोगों को गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए प्रेरित किया था। उसी समय से हर साल इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा विशेषकर भव्यता उत्तर भारत मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल, बरसाना में देखी जाती है।

पहचान अलग रखने के लिए ड्रेस कोड लागू किया 

पहचान अलग रखने के लिए ड्रेस कोड लागू किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। किसानों के विभिन्न संगठनों के चलते भाकियू टिकैत ने अपनी पहचान अलग रखने के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के अनुसार कार्यकर्ता और पदाधिकारी हरा गमछा, हरी-सफेद टोपी और संगठन का बिल्ला लगाएंगे। किसी भी कार्यक्रम अथवा धरना-प्रदर्शन में इसी ड्रेस के साथ कार्यकर्ता शामिल भी होंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि केन्द्रीय कार्यालय की ओर से यूनियन की राष्ट्रीय कमेटी के निर्णय के अनुसार भारतीय किसान यूनियन की सभी इकाइयों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी आन्दोलन या किसान दिवस में सभी सम्बन्धित पदाधिकारी व कार्यकर्ता संगठन का हरा गमछा, हरी-सफेद टोपी, बिल्ला के बिना अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ किसी भी स्तर पर होने वाली मीटिंग या वार्ता में पदाधिकारी व कार्यकर्ता इन तीनों पहचान के बिना शामिल नहीं होंगे। बताया जा रहा है कि यह फैसला मुजफ्फरनगर में किसान दिवस के दौरान भाकियू अराजनैतिक के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक और भाकियू के जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा के बीच गरमागरमी हो गई थी। दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं में विवाद बढ़ा तो डीएम व अन्य अफसर वहां से चले गए थे। इस तनातनी में भाकियू के दोनों गुटों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की पहचान नहीं हो पा रही थी।

इसी को लेकर अब भाकियू में नई व्यवस्था लागू की है। राकेश टिकैत ने बताया सभी पर यह नियम लागू रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि सहारनपुर की जिला ईकाई की भंग की सूचना पूर्णतः गलत है। सहारनपुर की कोई भी कार्यकारिणी भंग नहीं है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से आह्नान करते हुए कहा कि सभी अपने पद पर कार्य करते हुए किसानों के हित में अपने दायित्व का निर्वहन करें और सदस्यता अभियान चलाकर संगठन के कार्य को सुचारू रूप से करना सुनिश्चित करें।

‘दुनिया के सबसे गंदे आदमी’ हाजी का निधन 

‘दुनिया के सबसे गंदे आदमी’ हाजी का निधन 

अखिलेश पांडेय 

तेहरान। एक तरफ डॉक्टर और लोग हर दिन नहाने की सलाह देते हैं, ताकि कोई बीमारी ना हो। कहा जाता है कि स्वस्थ्य रहने के लिए स्वच्छ रहना बहुत जरुरी है। इससे तमाम बीमारियों को दूर रखा जा सकता है, जिसके लिए हाथ धो कर कुछ खाना और रोज नहाना सबसे अहम है। इस बीच ‘दुनिया के सबसे गंदे आदमी’ का मंगलवार को निधन हो गया है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कई दशकों से नहीं नहाने वाले दुनिया के सबसे गंदे आदमी की मौत हो गई है। दुनिया के सबसे गंदे आदमी के नाम से मशहूर इस ईरानी व्यक्ति की 94 वर्ष की उम्र में मौत हुई। यह ईरानी व्यक्ति पिछले 50 सालों से नहीं नहाया था इसीलिए उसे ‘दुनिया का सबसे गंदा आदमी’ कहा जाता था। इस व्यक्ति का नाम अमौ हाजी बताया जा रहा है।

…तो इसलिए नहाने से किया था तौबा

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अमौ हाजी को डर था कि अगर वह नहाएगा तो उसे इंफेक्शन हो जाएगा इसलिए उसने नहाना छोड़ दिया था। अमौ हाजी दक्षिणी फार्स प्रांत के देजगाह गाँव में अकेले रहते थे। रिपोर्टस के मुताबिक, उनकी मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है साल 2013 में इस व्यक्ति के ऊपर ‘द स्ट्रेंज लाइफ ऑफ अमौ हाजी’ नाम की एक शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई थी। डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया था कि अमौ हाजी अपना जीवन किस प्रकार जीते हैं।

‘बीमार होने’ के डर से नहाने से परहेज
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाजी ने ‘बीमार होने’ के डर से नहाने से परहेज किया था। लेकिन ‘पहली बार कुछ महीने पहले, ग्रामीण उसे नहाने के लिए बाथरूम में ले गए थे’। ग्रामीणों ने कहा कि वे ‘अपनी युवावस्था में लगे कुछ सदमों’ से उबर नहीं पाए जिसके कारण उन्होंने नहाने से इनकार कर दिया। ईरानी मीडिया के अनुसार हाजी सड़क किनारे मरने वाले जानवरों को खाते थे, जानवरों के मल से भरे पाइप से धूम्रपान करते थे। उनका मानना ​​था कि स्वच्छता उन्हें बीमार कर देगी।

शामली: गन्ने की फसल में आग, लाखों का नुकसान 

शामली: गन्ने की फसल में आग, लाखों का नुकसान 

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। जनपद शामली में कांधला थाना क्षेत्र के गांव इस्लामपुर घसौली में दो किसानों के गन्ने की फसल में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। आग लगने से दोनों किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हो गया। पीड़ित किसानों ने जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए मुआवजे की मांग की है। थाना क्षेत्र के गांव इस्लामपुर घसौली निवासी फैजुल रहमान और कृष्णपाल के खेत बराबर-बराबर है। मंगलवार को दोनों किसानों के गन्ने की फसल में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। गन्ने की फसल में आग लगने की सूचना गांव में आग की तरह फैल गई।

सूचना पर गांव के दर्जनों लोगों ने मौके पर पहुंचकर भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने से दोनों किसानों का लगभग पांच लाख रुपये का नुकसान हो गया है। पीड़ित किसानों ने जिलाधिकारी जसजीत कौर से शिकायत करते हुए मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।

पूर्व चेयरमैन और पार्षद पर फायरिंग, एडमिट कराया 

पूर्व चेयरमैन और पार्षद पर फायरिंग, एडमिट कराया 

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। फॉर्म हाउस पर टहल रहे गाजियाबाद नगर निगम के पूर्व चेयरमैन और पूर्व पार्षद पर बदमाशों ने गोली चला दी। बदमाशों की गोली से घायल हुए पूर्व चेयरमैन को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार थाना कविनगर इलाके के स्थित फॉर्म हाउस पर प्रतिदिन गाजियाबाद नगर निगम के पूर्व चेयरमैन और पूर्व पार्षद फूल कुंवर टहलते थे। पूर्व चेयरमैन शुगर से पीड़ित है।

प्रतिदिन की तरह फॉर्म हाउस पर टहल रहे पूर्व चेयरमैन को नकाबपोश बदमाशों ने गोली मार दी। चेयरमैन ने अपना बचाव करते हुए अपनी लाइसेंस पिस्टल से गोली चलाई, जिसके बाद बदमाश मौके से फरार हो गये। बदमाशों की गोली से घायल हुए चेयरमैन को उपचार के लिये एक निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। बदमाशों द्वारा चलाई गई गोली पूर्व चेयरमैन की जांघ से पार हो गई।

आयोग ने गूगल पर 936.44 करोड़ का जुर्माना लगाया

आयोग ने गूगल पर 936.44 करोड़ का जुर्माना लगाया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सर्च इंजन गूगल की मनमानी रोकने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी सीसीआई ने एक बार फिर जुर्माना लगाया है। प्ले स्टोर नीतियों में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। अक्टूबर माह में दूसरी बार है जब गूगल पर नकेल कसने के लिए जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले सीसीआई की ओर से करीब 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। इस तरह, गूगल पर महीने में अब तक 2300 करोड़ रुपये के करीब जुर्माना लग चुका है। बता दें कि हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह कार्रवाई एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर की गई थी।

इसके अलावा, सीसीआई ने प्रमुख इंटरनेट कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और बंद करने का निर्देश दिया था। गूगल को एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपने कामकाज के तरीके को संशोधित करने का निर्देश भी दिया गया है। गूगल ने दी थी प्रतिक्रिया: सीसीआई की पहली कार्रवाई पर सर्च इंजन गूगल की प्रतिक्रिया भी आई थी। कंपनी ने कहा था, "सीसीआई का निर्णय भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक बड़ा झटका है। यह एंड्रॉइड की सुरक्षा सुविधाओं पर भरोसा करने वाले भारतीयों के लिए गंभीर सुरक्षा जोखिम के अवसर दे रहा है। यह फैसला भारतीयों के लिए मोबाइल उपकरणों की लागत बढ़ा रहा है।" इसके साथ ही गूगल ने फैसले की समीक्षा करने की बात कही थी।

टीचर की करतूत से परेशान होकर स्कूल जाना छोड़ा

टीचर की करतूत से परेशान होकर स्कूल जाना छोड़ा

मनोज सिंह ठाकुर 

ग्वालियर। एमपी के ग्वालियर में 58 वर्षीय टीचर की शर्मनाक करतूत सामने आई है। वह स्कूल में पढ़ने वाली छात्रों के साथ गंदी हरकत करता था। टीचर की करतूत से परेशान होकर चार लड़कियों ने स्कूल जाना छोड़ दिया। इसके बाद उन सभी अपने पैरेंट्स को इसकी जानकारी दी। घटना की जानकारी मिलने के बाद पैरेंट्स ने हंगामा किया। इसके बाद आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। 58 वर्षीय टीचर पर आरोप है कि वह क्लास में पढ़ाते वक्त लड़कियों के कपड़े में हाथ डालता था। विरोध करने पर परीक्षा में फेल करने की धमकी देता था। मामला सामने आने के बाद ग्वालियर कलेक्टर ने टीचर को बर्खास्त कर दिया है।

यह पूरा मामला ग्वालियर के उटीला थाना क्षेत्र स्थित आरौली का है। एक विद्यालय में पदस्थ टीचर मुंशीलाल माहौर ने लड़कियों के साथ गलत हरकत की है। आरोपी शिक्षक की उम्र 58 साल है। बताया जाता है कि इसकी हरकत से परेशान होकर कई लड़कियों ने स्कूल आना छोड़ दिया है। परिवार के लोग जब लड़कियों को स्कूल भेजते तो वह आनाकानी करती थीं। साथ ही रोने लगती। परिजनों ने जब उनसे बातचीत की तो शिक्षक की हरकत के बारे में उसने जानकारी दी।

बच्चियों की बात सुनकर उनके परिजन स्कूल पहुंचे। इसके बाद आरोपी टीचर वहां से फरार हो गया। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने टीचर के खिलाफ छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद उस इलाके में आक्रोश है। लड़कियों को भय दिखाकर लंबे समय से टीचर गंदी हरकत कर रहा था। लड़कियों ने आरोप लगाया कि क्लास में टीचर पढ़ाने के दौरान पीछे खड़े हो जाते थे। इस दौरान वह कपड़े में हाथ डालने लगते थे। साथ ही शरीर पर भी हाथ फेरते थे। कई बच्चियों ने जब इसका विरोध किया तो वह फेल करने की धमकी देता था। वहीं, कुछ लड़कियां तो इस डर से बोल भी नहीं पा रही हैं। महिला पुलिस अधिकारियों ने उनसे बात करने की कोशिश भी की लेकिन वह बोल नहीं पाईं।

टीचर को किया बर्खास्त

वहीं, घटना के बारे में ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को भी जानकारी मिली है। इसके बाद उन्होंने बड़ी कार्रवाई की है। आरोपी टीचर को कलेक्टर ने बर्खास्त कर किया है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।

सक्सेना ने माफी योजना ‘समृद्धि 2022-23’ पेश की

सक्सेना ने माफी योजना ‘समृद्धि 2022-23’ पेश की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एकबारगी संपत्ति कर माफी योजना ‘समृद्धि 2022-23’ पेश की है। उन्होंने मंगलवार को इस योजना को पेश करते हुए कहा कि यह शहर के लाखों आवासीय और वाणिज्यिक संपत्ति मालिकों को बड़ी राहत प्रदान करेगी। समृद्धि योजना 26 अक्टूबर से शुरू होकर 31 मार्च, 2023 तक चलेगी। इसकी समयसीमा का विस्तार नहीं किया जाएगा

इस संबंध में जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, योजना के तहत आवासीय संपत्ति के मालिक वर्तमान और पिछले पांच वर्षों की केवल मूल संपत्ति कर राशि का भुगतान कर सकते हैं। वहीं, वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए संपत्ति मालिक पिछले छह वर्षों की मूल राशि का भुगतान कर सकते हैं और जुर्माना तथा ब्याज समेत पिछले लंबित बकाये पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।

उपराज्यपाल ने कहा कि समृद्धि 2022-23 दिल्ली नगर निगम की एक जन-हितैषी पहल है, जो निवासियों को एक बड़ी राहत प्रदान करेगी और संपत्ति के मालिकों को लंबित विवादों और संबंधित उत्पीड़न से छुटकारा पाने में मदद करेगी।

दीपावली पर पटाखें व आतिशबाजी, प्रदूषण बढ़ा

दीपावली पर पटाखें व आतिशबाजी, प्रदूषण बढ़ा

अकांशु उपाध्याय/विजय भाटी/राणा ओबरॉय 

नई दिल्ली‌/गौतमबुद्ध नगर/चंडीगढ़। राजधानी दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद दिल्लीवालों ने दिवाली के मौके पर देर रात तक आतिशबाजी की। पटाखे फोड़े जाने की अगली सुबह दिल्ली में प्रदूषण का लेवल काफी बढ़ गया है। दिल्ली के साथ ही नोएडा में भी प्रदूषण काफी बढ़ गया है। शाम के वक्त से ही लोगों ने आतिशबाजी शुरू कर दी और रात चढ़ने के साथ ही पटाखों की आवाज तेज होती गई। लोगों को पटाखे चलाने से रोकने के लिए नियम बनाए जाने के बावजूद शाम होते ही दक्षिण से लेकर उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिम दिल्ली समेत शहर के विभिन्न इलाकों में लोगों ने आतिशबाजी शुरू कर दी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले हफ्ते कहा था कि दिल्ली में दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर छह महीने तक की जेल की सजा और 200 रुपये का जुर्माना लग सकता है।

देश भर में दिवाली का त्योहार सोमवार को मनाया गया और इस दिन पटाखे फोड़ना पुरानी परंपरा है। हालांकि बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली में लगातार दूसरे साल पटाखे फोड़ने पर बैन था। दिवाली के अगले दिन दिल्ली में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 323 है जो बहुत ही खराब स्तर माना जाता है। यह पूरे दिल्ली का हाल है, कुछ इलाकों में एक्यूआई 400 को भी पार कर गया है। नोएडा में भी प्रदूषण काफी बढ़ा हुआ है और यहां एक्यूआई 342 है। हालांकि, 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 312 रहा, जो दिवाली के दिन सात साल में दूसरा सबसे बेहतर एक्यूआई है। इससे पहले 2018 में दिवाली पर एक्यूआई 281 दर्ज किया गया था।विशेषज्ञों ने इस बात की आशंका जताई थी कि अगर इस साल फिर से ज्यादा पटाखे फोड़े गए तो वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है।

वायु गु‍णवत्ता प्रणाली और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान (सफर) ने पहले पूर्वानुमान जताया था कि अगर पिछले बरस की तरह ही इस बार भी पटाखे फोड़े जाते हैं, तो दिवाली की रात को हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच सकती है और एक और दिन रेड जोन में रह सकती है। बुराड़ी में रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा, वे शिक्षित लोग हैं फिर भी ऐसा कर रहे हैं। बच्चे इससे क्या सीखेंगे। पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, शाहदरा, यमुना विहार समेत कई इलाकों में यही स्थिति रही। कुछ निवासियों ने कहा कि इस बार पटाखों की आवाज पिछले साल से कम थी, लेकिन रात नौ बजे के बाद पटाखों की आवाज बढ़ गई। दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी की निगरानी के लिए 408 दल गठित किए गये थे। दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्तों के नेतृत्व में 210 दल गठित किए थे। वहीं, राजस्व विभाग ने 165 दल और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 33 दल गठित किए। पड़ोसी हरियाणा के दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में भी लोगों ने पटाखे फोड़े।

स्टेशन पर पहली सुरंग का सफलतापूर्वक ब्रेक थ्रू किया 

स्टेशन पर पहली सुरंग का सफलतापूर्वक ब्रेक थ्रू किया 

अकांशु उपाध्याय/अश्वनी उपाध्याय/सत्येंद्र पंवार 

नई दिल्ली/गाजियाबाद/मेरठ। दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली भारत की पहली रीजनल ट्रेन का कार्य प्रगति पर है। साल 2025 से पहले यह रैपिड ट्रेन आपको दौड़ते हुए नजर आएगी। इसी कड़ी में बेगम पुल आरआरटीएस स्टेशन पर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की पहली सुरंग का सफलतापूर्वक ब्रेक थ्रू किया गया। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने बताया कि सुदर्शन 8.3 टनल बोरिंग मशीन को गांधी पार्क से निर्मित लॉन्चिंग शॉप से लांच किया गया है। अब इसे बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन के रीट्रीव किया जाएगा। टनल के शुभारंभ के मौके पर सिंह के साथ मंडल कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, जिलाधिकारी दीपक मीणा और मेरठ एसएसपी भी शामिल थे।

यह उपलब्धि इंजीनियरों की और कर्मचारियों की मेहनत से 4 महीने में हासिल की गई है। 750 मीटर लंबी सुरंग की बोरिंग और निर्माण कार्य समय हुआ है। यह टनलिंग कार्य फर्स्ट ड्राइव है। जिसे सुदर्शन 8.3 मशीन द्वारा पूरा किया गया है। यह टीबीएम समांतर टनल का निर्माण भी करेगी इसलिए टीबीएम को शाफ्ट में ही डिस्मेंटल किया जाएगा. इतना ही नहीं दो अन्य सुदर्शन 8.1 और 8.2 भैंसाली से फुटबॉल चौक तक 1.8 किलोमीटर समानांतर बोर कर रहे हैं।

मील का पत्थर होगा पहला ब्रेक थ्रू

सिंह ने कहा सुदर्शन 8.3 का पहला ब्रेकथ्रू आरआरटीएस परियोजना में एक मील का पत्थर है‌। मेरठ जैसे ऐतिहासिक और भीड़ भाड़ वाले इलाके में इस तरह की मेगा इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना का निर्माण एक चुनौतीपूर्ण और जटिल प्रक्रिया है और इसमें जटिल लॉजिस्टिक्स प्रबंधन की आवश्यकता होती है। इसमें कई तरह के जोखिम शामिल होते हैं और इनसे निपटने के लिए रणनीतिक योजना की आवश्यकता होती है। सिंह के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में यूपी के अधिकारियों के साथ ही टीम एनसीआरटीसी, जनरल कंसल्टेंट्स, डिजाइनरों और कॉन्ट्रेक्टर्स की बड़ी भूमिका है।

इस तरह होगा स्टेशनों का निर्माण

मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल मेरठ में भूमिगत स्टेशन बनेंगे, जिनमें से मेरठ सेंट्रल और भैसाली मेट्रो स्टेशन हैं। जबकि बेगमपुल स्टेशन आरआरटीएस और मेट्रो दोनों सेवाएं प्रदान करेगा। एनसीआरटीसी मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर ही स्थानीय पारगमन सेवाएं, मेरठ मेट्रो प्रदान करने जा रहा है, यानी यहां 21 किमी की दूरी पर 13 स्टेशन होंगे।

भारत में दिखा साल का आखिरी 'सूर्य ग्रहण'

भारत में दिखा साल का आखिरी 'सूर्य ग्रहण'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। मंगलवार को लगने वाले सूर्य ग्रहण पर सब की नजर है। आइसलैंड के बाद अब भारत में भी जगह-जगह सूर्य ग्रहण लग चुका है। आइसलैंड में दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर पड़ना शुरू हुआ था। माना जा रहा है ये ग्रहण 27 साल के बाद पड़ा है। भारत में ये सूर्य ग्रहण नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा, प्रयागराज, लखनऊ, हैदराबाद, पुणे, भोपाल, चंडीगढ़, नागपुर में दिखाई देगा। भारत में सूर्य ग्रहण का कुल समय लगभग 1 घंटे 40 मिनट रहेगा।

सूर्य ग्रहण को देखते हुए सीएम योगी आए नजर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सूर्य ग्रहण का लुफ्ट उठाते नजर आए। उन्होंने आखों पर ग्लास लगाकर सूर्य ग्रहण देखा।

बता दें, ये सूर्य ग्रहण भारत देश में कुछ जगहों पर नजर आएगा। सूर्य ग्रहण 2022 के वैज्ञानिक पक्ष की बात करें तो चंद्रमा जब सूर्य को पूरी तरह से ढंक लेता है, तो इसे ग्रहण कहा जाता है। ज्‍योतिषियों के अनुसार भारत में ग्रहण दिखने पर ही सूतक काल को प्रभावी माना जाता है।

ज्‍योतिषविदों की मानें तो सूर्य ग्रहण देखे जाने के समय के हिसाब से ही सूतक काल की गणना की जाती है। 25 अक्‍टूबर को सूर्य ग्रहण लगने पर इसका व्‍यापक प्रभाव भारत में दिखेगा। देश-दुनिया में ग्रहण के असर से अशुभ की आशंका भी जताई जा रही है। ग्रहण का सूतक काल  मान्य है। क्‍योंकि, अपने देश में धार्मिक मान्‍यताओं के लिहाज से सूर्य ग्रहण 2022 को आम जनजीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता।

समझें क्यों और कैसे लगता है सूर्य ग्रहण
चंद्रमा जब सूर्य को आंशिक या फिर पूरी तरह ढंक देता है और सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती। ऐसे में आकाश में होने वाली इस विशेष खगोलीय घटना को ही सूर्य ग्रहण 2022 कहा जाता है। सूर्य को आंशिक रूप से जब चंद्रमा ढंकता है तो इसे आंशिक सूर्यग्रहण कहा जाता है। चंद्रमा अगर सूर्य के मध्य भाग को ढंकता है, तो सूर्य एक अंगूठी की तरह दिखने लगता है, जिसे विज्ञान की भाषा में वलयाकार सूर्य ग्रहण 2022 कहते हैं।

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