शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2022

8 बांग्लादेशियों को कोर्ट ने सजा सुनाई, घुसपैठ

8 बांग्लादेशियों को कोर्ट ने सजा सुनाई, घुसपैठ

कविता गर्ग

मुंबई। भारत में अवैध रूप से रहने वाले घुसपैठियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत के लगभग हर राज्य में आए दिन फर्जी रूप से भारत का नागरिक बनकर रहने वाले घुसपैठियों को पुलिस अपनी कार्रवाई में पकड़ती रहती है। अब ताजा मामला देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से आया है।

जहां फर्जी रूप से पिछले 4 सालों से मुंबई में रहने वाले 8 बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने पकड़ा था। अब मुंबई की एक कोर्ट ने इन बांग्लादेशियों को सजा सुनाई है। खबर के मुताबिक पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक साल 2018 से मुंबई में डेरा जमाए हुए थे। एंटी टेर्रररिज्म स्कवेड ऑफ महाराष्ट्र पुलिस ने कोर्ट में बताया कि आठ बांग्लादेशी साल 2018 से मुंबई के सबरबन कांदिवली में रह रहे थे।

टीम ने कार्रवाई करते हुए इन्हें पकड़ा था। एंटी टेर्रररिज्म स्कवेड ऑफ महाराष्ट्र पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया कि इनमें से कई नागरिकों का वीजा था लेकिन वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी यह लोग मुंबई में रह रहे थे। वहीं इनमें से कुछ बांग्लादेशियों पर फर्जी रूप से दस्तावेज बनाने के तहत भी पुलिस ने केस दर्ज किया है।

एंटी टेर्रररिज्म स्कवेड ऑफ महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई में पकड़े गए बांग्लादेशियों को एडिशनल सेशन जज कोर्ट ने फर्जी रूप से भारत में रहने का दोषी पाया। कोर्ट ने आरोपियों को 4 साल कारावास की कड़ी सजा सुनाई है।

आरोपियों के नाम करीम शेख, अपन शेख, सोहेल शेख, मासूम शेख, सुजन शेख, शरिफुल शेख, तुहैल रहमान शेख और रिदोई राजो शेख हैं। एंटी टेर्रररिज्म स्कवेड ऑफ महाराष्ट्र पुलिस ने मुंबई में अपने अभियान को और तेज कर दिया है। मालूम हो कि मुंबई और पश्चिम बंगाल समुद्री सीमा से लगे हुए हैं।

ऐसे में यहां आए दिन फर्जी रूप से भारत में रहने वाले कई बांग्लादेशियों को पुलिस अपनी कार्रवाई में पकड़ती रहती है। इससे पहले भी कई बांग्लादेश नागरिक अलग अलग कार्रवाई में पकड़े गए हैं।

सरकारी स्कूल में 100 से अधिक छात्रों को उल्टी लगी

सरकारी स्कूल में 100 से अधिक छात्रों को उल्टी लगी

इकबाल अंसारी

कृष्णागिरी। कृष्णागिरी में एक सरकारी स्कूल में 100 से अधिक छात्रों को उल्टी और बेहोश होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारी कारणों का पता लगाने में जुटे हैं, जबकि माना जा रहा है कि जहरीली हवा के रिसाव के कारण ऐसा होना संभव है। दरअसल, मामला कृष्णागिरि जिले के होसुर के पास एक सरकारी माध्यमिक विद्यालय का है। जहां शुक्रवार को कक्षा 6 और 7 के छात्र-छात्राएं उल्टी करते हुए बेहोश हो गए। छात्रों की हालत के बारे में सूचना मिलते ही आनन-फानन में स्कूल के प्रिंसिपल ने एम्बुलेंस को फोन किया और सभी छात्रों को सरकारी अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल अस्पताल में बच्चों का इलाज किया जा रहा है और आवश्यक चिकित्सा सहायता देने के लिए स्कूल में मेडिकल टीम को तैनात किया गया है।

उधर, सूचना मिलने पर जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी स्कूल में पहुंचे, जो घटना के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों को फिलहाल हवा में जहरीली गैसों का संदेह है। अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं सेप्टिक टैंक से गैस का रिसाव तो नहीं हुआ या आसपास के उद्योग से कोई जहरीली गैस तो नहीं आई, जिसमें स्कूल में पढ़ रहे बच्चों ने सांस ली और उनकी ऐसी हालत हो गई।

हिमाचल चुनाव की घोषणा, गुजरात दिवाली के बाद

हिमाचल चुनाव की घोषणा, गुजरात दिवाली के बाद

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा इसलिए नहीं की गई ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और बड़े-बड़े वादे करने तथा उद्घाटन करने का समय मिल जाए।


पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘निश्चित तौर पर यह इसलिए किया गया ताकि प्रधानमंत्री को और बड़े-बड़े वादे करने तथा उद्घाटन करने का समय मिल जाए। यह हैरान करने वाला नहीं है। ’कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया, ‘गुजरात के चुनावों की तारीख़ दिवाली के बाद घोषित होंगीं। तब तक सरकारी खर्चे पर प्रधानमंत्री मोदी खूब जी भर कर प्रचार कर सकते हैं, साथ ही रेवड़ियां भी बांट सकते हैं!’


बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी। इस पहाड़ी राज्य में एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा जबकि आठ दिसंबर को मतगणना की जाएगी। आयोग की ओर से हालांकि गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की गई। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आठ जनवरी को समाप्त होगा।

जर्मनी ने यूक्रेन को वायु रक्षा प्रणाली संयंत्र प्रदान किए 

जर्मनी ने यूक्रेन को वायु रक्षा प्रणाली संयंत्र प्रदान किए 
सुनील श्रीवास्तव
वॉशिंगटन डीसी। रूस के हमले के बाद नाटो देशों ने यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता बढ़ा दी है। यूक्रेन ने कहा है कि उसे जर्मनी से आईरिस टी एसएलएम वायु रक्षा प्रणाली मिली है। इसकी चार प्रणालियाँ हैं।

दावा किया जा रहा है कि यह एक परिष्कृत वायु रक्षा प्रणाली है, जिसका अभी तक उपयोग नहीं किया गया है। यह विमान, हेलीकॉप्टर, क्रूज मिसाइल या रॉकेट पर हमला करने से बचने के लिए मिसाइल को चकमा देता है। एक मध्यम आकार के शहर को ऐसी प्रणाली से संरक्षित किया जा सकता है। एसएलएम 20 किमी की ऊंचाई और 40 किमी की दूरी तक किसी भी लक्ष्य को लक्षित कर सकता है। यह प्रणाली रूसी हमलों को विफल करने में अहम भूमिका निभा सकती है। इससे पहले बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में भी 50 देशों के रक्षा अधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम देने पर चर्चा हुई थी।

यूक्रेन के ज़ापोरिज्ज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र में रूसी हमले के कारण पांच दिनों में दूसरी बार बिजली गुल हो गई है। ऐसा प्लांट को ठंडा रखने वाले डीजल प्लांट के लिए खतरे को देखते हुए किया गया है।

उपग्रह नष्ट करने वाली मिसाइलें बना रहा है चीन

उपग्रह नष्ट करने वाली मिसाइलें बना रहा है चीन

अखिलेश पांडेय

लंदन। रूस की आक्रामकता से पूरी दुनिया चिंतित है। इस बीच ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि रूस नहीं चीन इन दिनों सबसे बड़ा खतरा है। डिजिटल करेंसी जैसी नई तकनीकों में चीन का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। चीन इसका इस्तेमाल अपनी आबादी, पड़ोसी देशों और लेनदारों को नियंत्रित करने के लिए कर रहा है। ब्रिटिश खुफिया एजेंसी जीसीएचक्यू के प्रमुख सर जेरेमी फ्लेमिंग ने कहा कि अंतरिक्ष में चीन की ताकतकी बढ़ती। यह अंतरिक्ष को जीतने के लिए स्टार वार्स फिल्म जैसे हथियार विकसित कर रहा है। इसके Baidu सैटेलाइट नेटवर्क का इस्तेमाल किसी को भी कहीं भी ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। फ्लेमिंग ने चेतावनी दी कि रूस और चीन दोनों के पास उपग्रह रोधी हथियार हैं। ये सैटेलाइट मिसाइलों के समान हैं लेकिन चीन अब लेजर सिस्टम पर काम कर रहा है। यह संचार, निगरानी और जीपीएस उपग्रहों को नष्ट कर देता हैहो सकता है। यदि उपग्रह नष्ट हो जाता है, तो मिसाइल लक्ष्य का पता नहीं लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को वैश्विक प्रौद्योगिकी पर हावी होने की चीन की नीति पर अंकुश लगाने की जरूरत है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-370, (वर्ष-05)

2. शनिवार, अक्टूबर 15, 2022

3. शक-1944, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 06:18, सूर्यास्त: 06:15। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

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