रविवार, 7 अगस्त 2022

जरीन ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किए 

जरीन ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किए 

बर्मिंघम। मौजूदा विश्व चैम्पियन निखत जरीन ने रविवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किए। शानदार फॉर्म में चल रही 26 साल की निकहत ने लाइट फ्लाईवेट (48-50 किग्रा) स्पर्धा में उत्तरी आयरलैंड की कार्ले मैकनॉल पर एकतरफा फाइनल में 5-0 से जीत दर्ज की। टीम इंडिया का कॉमनवेल्थ गेम्स में यह 48वां मेडल है। जबकि बॉक्सिंग में यह तीसरा गोल्ड मेडल है। दिलचस्प बात यह है कि निकहत पहली बार देश के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीती हैं।

निखत ने पहले दौर से ही दमदार शुरुआत की और आखिरी दौर तक कायम रखा। उन्होंने यह मैच 5-0 से जीतकर रिकॉर्ड बनाया। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए निखत का यह पहला पदक है। निखत से पहले रविवार को ही बॉक्सिंग में दो और गोल्ड मेडल मिले हैं। महिला वर्ग में नीतू और पुरुष वर्ग में अमित पंघाल ने देश के लिए स्वर्ण पदक जीता।

निखत ने सेमीफाइनल में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इंग्लैंड की बॉक्सर को 5-0 से हराया। इस मैच के बाद उनके चेहरे पर गोल्ड जीतने का भरोसा साफ नजर आ रहा था। निखत ने सेमीफाइनल के प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए फाइनल में भी पंच मारकर भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। भारत ने रविवार को खबर लिखे जाने तक कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में 17 गोल्ड मेडल जीते हैं। पदक तालिका में टीम इंडिया चौथे स्थान पर आ गई है। भारत ने स्वर्ण के साथ 12 रजत और 19 कांस्य पदक जीते हैं। उन्होंने अब तक कुल 48 मेडल जीते हैं।

भारत: संक्रमण के मामलों की संख्या-4,41,45,732 

भारत: संक्रमण के मामलों की संख्या-4,41,45,732 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत में एक दिन में 18,738 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,41,45,732 हो गई है। जबकि, उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,34,933 पर पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 40 और मरीजों के दम तोड़ने के कारण मृतकों की संख्या बढ़कर 5,26,689 हो गई है। इसमें केरल में मौत के आठ मामले भी शामिल हैं, जिनका बाद में पुनर्मिलान किया गया है।

आंकड़ों मुताबिक, उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.31 प्रतिशत है, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों की राष्ट्रीय दर 98.50 प्रतिशत है। बीते 24 घंटे में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 140 की वृद्धि दर्ज की गई है। मंत्रालय के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 5.02 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 4.63 प्रतिशत दर्ज की गई है। वहीं, कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,38,84,110 हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत आंकी गई है।देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत भारत में अभी तक 206.21 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं। गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।

देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार हो गए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते एक दिन में संक्रमण से जिन मरीजों ने जान गंवाई है, उनमें से नौ की मौत महाराष्ट्र, चार-चार की छत्तीसगढ़ तथा पश्चिम बंगाल, तीन की मणिपुर, दो की मध्य प्रदेश और एक-एक मरीज की मौत बिहार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मेघालय, ओडिशा, पंजाब और त्रिपुरा में हुई है।

5 दिनों तक के लिए इंटरनेट सेवा को प्रतिबंधित किया 

5 दिनों तक के लिए इंटरनेट सेवा को प्रतिबंधित किया 

इकबाल अंसारी 

इंफाल। मणिपुर सरकार ने रविवार से पांच दिनों तक के लिए गलत खबरों और अफवाहों को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा को प्रतिबंधित कर दिया है। एच ज्ञान प्रकाश, विशेष सचिव गृह ने शनिवार को जारी आदेश में कहा कि मणिपुर के पुलिस महानिदेशक ने उन्हें राज्य में हिंसा के बारे में बताया कि और कहा कि स्थिति नियंत्रण में नहीं लाने से हालात बिगड़ सकते है।

ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन, मणिपुर (एटीएसयूएम) ने राज्य में आर्थिक नाकाबंदी लगा दी है और हिंसक घटनाओं की श्रृंखला में शनिवार को तीन वाहनों को जलाने सहित कार्यालयों पर हमला किया गया। एटीएसयूएम ने स्वायत्त जिला परिषद विधेयक मणिपुर विधानसभा में पेश करने की मांग की और दो विधेयक पेश किए जा चुके है और एक पारित हो चुका है। पुलिस ने नाकाबंदी लगाने के आरोप में एटीएसयूएम के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

प्रकाश ने कहा कि अपराध ने राज्य में सांप्रदायिक स्थिति और अस्थिर कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा कर दी है। कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें , भडकाऊ भाषण और नफरत वाले वीडियो संदेश जनता में भेज रहे है। सोशल मीडिया जनता में अफवाह फैलाने का एक बड़ा उपकरण बन गया है। जिससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर काफी गंभीर असर हो सकता है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 


1. अंक-303, (वर्ष-05)

2. सोमवार, अगस्त 8, 2022

3.शक-1944, श्रावण, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 05:20, सूर्यास्त: 07:15। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 27 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै.। उत्तरभारत में बरसात की संभावना। 

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक कासहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीरसिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

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शनिवार, 6 अगस्त 2022

10,196.94 करोड़ का रिकॉर्ड घाटा हुआ: एचपीसीएल 

10,196.94 करोड़ का रिकॉर्ड घाटा हुआ: एचपीसीएल 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को रिकॉर्ड घाटा हुआ है। कंपनी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 10,196.94 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड घाटा हुआ। यह किसी भी तिमाही में एचपीसीएल को हुआ सबसे बड़ा घाटा है। एक साल पहले की समान अवधि में उसे 1,795 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा हो सकता है। इसकी वजह है, देश की सरकारी तेल कंपनियां को हो रहा घाटा। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) को वित्त वर्ष 2022-2023 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 10,196.94 करोड़ का नुकसान हुआ है। ये किसी भी तिमाही में कंपनी को हुआ सबसे ज्यादा घाटा है।

पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 1,795 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। वहीं जनवरी-मार्च तिमाही में यह आंकड़ा 1,900.80 करोड़ रुपए पहुंच गया था। इससे पहले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने भी अप्रैल-जून में 1,992.53 करोड़ रुपए का नेट लॉस दर्ज किया था, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में नेट प्रॉफिट 5,941.37 करोड़ रुपए और जनवरी-मार्च तिमाही में 6,021.9 करोड़ रुपए था। देश की दो दिग्गज सरकारी कंपनियों को सैकड़ों करोड़ के घाटे से उबरने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ा सकती हैं, ताकि इस नुकसान की भरपाई की जा सके। अप्रैल-जून क्वार्टर में भारत में कच्चे तेल का इंपोर्ट औसतन 109 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर था, लेकिन रिटेल पंप की पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग 85-86 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से थीं। इससे कंपनियों को नुकसान हुआ। IOCL ने अप्रैल-जून तिमाही के दौरान पेट्रोल और डीजल 10 रुपए और 14 रुपए प्रति लीटर के नुकसान पर बेचा। रूस-यूक्रेन जंग के कारण कच्चे तेल के दामों में भारी अस्थिरता बनी हुई है। कच्चा तेल लंबे समय से 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है। इस कारण भारतीय कंपनियों को भी महंगा कच्चा तेल इंपोर्ट करना पड़ रहा है। हालांकि भारत ने रूस से डिस्काउंट वाला कच्चा तेल भी खरीदा है। कितना खरीदा और किस रेट में खरीदा है। इसका जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

सरकार ने कहा है कि तेल कंपनियां खुदरा कीमतों में संशोधन करने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि तीनों सरकारी तेल कंपनियों ने दरों को फ्रीज करने के कारणों के बारे में जानकारी नहीं दी है। जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी, लेकिन 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया। इसके बाद से ही ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं। पेट्रोल-डीजल कीमतों में आखिरी बार 6 अप्रैल को बढ़ोतरी की गई थी। यानी 4 महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं। वहीं, मई में सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल पर 8 और डीजल पर 6 रुपए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी। इससे पेट्रोल के दाम 9.5 रुपए और डीजल 7 रुपए सस्ता हो गया था।

चुनाव: देश के नए उपराष्ट्रपति होंगे, धनखड़ 

चुनाव: देश के नए उपराष्ट्रपति होंगे, धनखड़  

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ मतदान शाम 5 बजे खत्म हो गया। इसके बाद शाम 6 बजे वोटों की काउंटिंग शुरू की गई। अब कभी भी नतीजे घोषित किए जा सकते हैं। वहीं, एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की जीत तय मानी जा रही है। इसलिए बीजेपी कार्यकर्ता अभी से जश्न मना रहे हैं। वहीं, बीजेपी कार्यालय में भी जश्न की तैयारियां हो रही है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ देश के नए उपराष्ट्रपति होंगे। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी और विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया। धनखड़ को 528 वोट मिले। इसमें से 15 वोट अमान्य रहे। जबकि मार्गरेट अल्वा को 182 वोट पड़े। धनखड़ ने विपक्ष के उम्मीदवार को 346 मतों के अंतर से हराया।

लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर उनके नाम का औपचारिक ऐलान किया। हालांकि एनडीए उम्मीदवार धनखड़ के जीत के कयास शुरुआत से ही लगाए जा रहे थे। शनिवार को संसद में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 780 में से 725 सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। टीएमसी के 34 सांसदों, एसपी और शिवसेना के दो और बीएसपी के एक सांसद ने वोटिंग से किनारा किया। शाम पांच बजे तक मतदान चला और एक घंटे बाद यानि 6 बजे से काउंटिंग शुरू हुई। उपराष्ट्रपति पद की दौड़ भी पूरी हो चुकी है। एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ देश के अगले उपराष्ट्रपति होंगे। उन्होंने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 मतों के अंतर से हराया। धनखड़ को 528 वोट मिले, अल्वा को 182 जबकि 15 वोट रद्द हुए। धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने बधाई दी। उनके उपराष्ट्रपति बनने पर दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में जश्न मनाया गया।

ढोल नगाड़ों के साथ भाजपा कार्यकर्ता नाचते हुए नजर आए। किन-किन सांसदों ने वोटिंग नहीं की उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 55 सांसदों ने वोटिंग के अधिकार का प्रयोग नहीं किया। इनमें से टीएमसी के 34 सांसद शामिल थे। हालांकि टीएमसी के दो सांसदों ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के आदेश के बावजूद वोटिंग में हिस्सा लिया। ये नाम शिशिर और दिव्येंदु अधिकारी के हैं। इसके अलावा एसपी और शिवसेना के दो और बीएसपी के एक सांसद ने भी वोटिंग नहीं की। भाजपा के दो सांसदों- सनी देओल और संजय धोत्रे ने भी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए वोटिंग से किनारा किया। पीपीई किट पहनकर वोट डालने पहुंचे सिंघवी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण पीपीई किट पहनकर संसद भवन पहुंचे और अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

पीएम मोदी ने डाला पहला वोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले संसद भवन पहुंचकर वोट डाला। पीएम मोदी के अलावा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने व्हील चेयर में पहुंचकर वोट डाला। सोनिया गांधी समेत कांग्रेस और सत्ताधारी पक्ष के सांसदों ने वोटिंग की।

कौन हैं जगदीप धनखड़

राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक सुदूर किठाना गांव में कृषि परिवार में जन्मे जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति तक का सफर बेहद दिलचस्प है। जगदीप धनखड़ साल 1989 में जनता दल पार्टी के सांसद के तौर पहली बार राजस्थान के झुंझुनू जिले से संसद पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दी। 1993 में वे अजमेर जिले के किशनगढ़ से राजस्थान विधानसभा पहुंचे। साल 2019 में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।

आक्रोशित ठेकेदारों ने प्रक्रिया का बहिष्कार किया 

आक्रोशित ठेकेदारों ने प्रक्रिया का बहिष्कार किया 

पंकज कपूर 

अल्मोड़ा। पर्वतीय कांट्रेक्टर एसोसिएशन के बैनर तले अपनी 05 सूत्रीय मांगों को लेकर राजकीय ठेकेदार आंदोलन पर अडिग हैं। आक्रोशित ठेकेदारों ने शनिवार को नगर पालिका बागेश्वर में चल रही नीलामी प्रक्रिया का बहिष्कार कर दिया और बढ़ी हुई रॉयल्टी वापस लेने की पुरजोर मांग उठाई। इस दौरान ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन भी किया। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हीराबल्लभ भट्ट के नेतृत्व में ठेकेदार नारेबाजी करते हुए नगर पालिका कार्यालय पहुंचे, जहां चल रही टैंडर प्रकिया का विरोध किया। उन्होंने सरकार से रॉयल्टी में 5 गुना बढ़ोतरी को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए नगर पालिका में विभिन्न निर्माण कार्याे की निविदा प्रक्रिया का बहिष्कार किया। ठेकेदारों का कहना है कि उनके देयकों से पांच गुना रॉयल्टी वसूले जाने, खनिज न्यास के तहत ठेकेदारों के देयकों से काटी जा रही 25 प्रतिशत अतिरिक्त रॉयल्टी समेत पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को सुनने को तैयार नहीं है।

यदि तय समय में उनकी मांग नहीं मानी गई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। तय किया कि जले स्तर पर आपदा के तहत चल रहे निर्माण कार्यों को बंद कर मशीनों को बंद कर देंगे। सभी निर्माण संस्थाओं में तालाबंदी करेंगे। विकास कार्य प्रभावित होने की जिम्मेदारी शाासन और प्रशासन की होगी। इस मौके पर महामंत्री संजय नेगी, प्रमोद मेहता, मोहन भट्ट, पप्पू राणा, लाल सिंह दीवान, नवीन परिहार, आरडी जोशी, सोनू खेताल, भुवन लोहनी, दिनेश गड़िया, विनोद पाठक, दिनेश मेहता, नवीन रावल, ईश्वर पांडेय, जंगदीश पाठक, दीपक रौतेला, महेश जोशी, नवीन दुबड़िया, राम सिंह गौड़, गिरीश पाठक आदि मौजूद रहे।

मैच: केकेआर ने आरसीबी को 1 रन से हराया

मैच: केकेआर ने आरसीबी को 1 रन से हराया  मिनाक्षी लोढी कोलकाता। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 के मैच नंबर-36 में कोलकाता नाइट राइडर्स (के...