मंगलवार, 19 जुलाई 2022

गाजियाबाद: समस्याओं को लेकर प्रदर्शन, आश्वासन दिया

गाजियाबाद: समस्याओं को लेकर प्रदर्शन, आश्वासन दिया 

स्थानीय समस्याओं को लेकर लोनी तहसील का पर किया गया बड़ा प्रदर्शन, उप जिला अधिकारी को सौंपा ज्ञापन 

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन अंबावता ने तहसील लोनी, गाजियाबाद में स्थानीय अनेक समस्याओं को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सैकड़ों किसान और स्थानीय निवासियों ने भागीदारी की। इस अवसर पर संगठन के प्रवक्ता ठाकुर मुकेश सोलंकी ने सभी को समस्याओं के विषय में अवगत कराया। उन्होंने प्रदर्शन में आए, सभी किसान और स्थानीय निवासियों का धन्यवाद दिया और कहा, कि यदि हम जागृत हैं, तो सही अर्थों में हम जीवित हैं, कि मनुष्य को जागृत रहना बहुत आवश्यक है। ऐसे लोग ही समाज की अगुवाई करते हैं। हम सब उन्हीं में से हैं। प्रवक्ता ने उप जिला अधिकारी संतोष राय को समस्याओं की जानकारी देते हुए कहा, कि यदि हमारी जायज मांगों को 15 दिन के अंदर निस्तारित नहीं किया गया, तो भारतीय किसान यूनियन बड़ा प्रदर्शन करेगी।
इस अवसर पर जिला प्रभारी नरेंद्र नेता ने उप जिला अधिकारी को समझाया, कि यह समस्याएं हमारी जायज समस्याएं हैं और इनको अति शीघ्र आप सुलझाने का काम करें। उसके बाद जिला अध्यक्ष अमित कसाना ने आए हुए सभी किसानों और स्थानीय निवासियों को एकजुट रहकर अपनी मांगों को मजबूत तरीके से उठाने पर बल दिया। उसके बाद उप जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र गौतम ने हमारी एकता हमारी शक्ति है, बहुत मजबूती के साथ यह नारा दिया। जिला सचिव रितु गुर्जर ने आए हुए लोगों का उत्साह वर्धन किया।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष युवा सचिन बंसल ने भी आए हुए किसान भाईयों को संबोधित करते हुए कहा, यही एकता हमारी शक्ति है और हम स्थानीय निवासियों की हर समस्या को निस्तारित कराने का पूरा प्रयास करेंगे। उप जिलाधिकारी संतोष राय ने समस्याओं को निस्तारित कराने का आश्वासन दिया और पूरा सहयोग करने का वादा किया।
इस अवसर पर आए हुए सभी किसान और स्थानीय निवासियों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और स्थानीय नेताओं की उदासीनता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाए। जिन्हें वोट लेकर फिर जनता की समस्याएं दिखाई नहीं देती।
इस अवसर पर उत्तर पूर्वी जिला अध्यक्ष रविंद्र सिंह, चौधरी जगत सिंह, राजेंद्र सिंह, रमेश चंद्र, चंद्रपाल, मनोज, मधुर जायसवाल, नरेश, वकील सुबह सिंह, अजय, प्रधान भोपाल सिंह, नवीन बंसल का सिर्फ राजीव उर्फ लल्ला, संदीप कुमार, रामकुमार, गजेंद्र, संदीप कसाना, सूबेदार, मोइन खान, मनीष, अरुण वैश्य, अखिलेश, अरविंद मिश्रा, रवीश, पंडित राकेश जायसवाल और अपनी किसान और स्थानीय निवासियों की उपस्थिति बेहद उत्साह पूर्वक सराहनीय रहीं।

देवरिया: डीएम की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन

देवरिया: डीएम की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन

हरिशंकर त्रिपाठी

देवरिया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत बैंक शाखा प्रबंधकों का सूक्ष्म वित्त एवं वित्तीय समावेशन विषयक एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित गांधी सभागार में हुआ। इस अवसर पर बैंकर्स को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में नए आयाम जुड़ रहे हैं। इनसे ग्रामीण भारत की कई समस्याओं का समाधान हो रहा है। रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग करने एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रभावी मैकेनिज्म बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने जनपद के समस्त बैंकर्स से आरबीआई द्वारा निर्धारित नॉर्म्स के मुताबिक स्वयं सहायत समूहों के खाते खोलने तथा माइक्रोफाइनेंस उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता देने को कहा।

मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा कि जनपद में कुल 14300 एसएचजी पहले से गठित हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2521 नए समूहों का गठन होना है, जिनके लिए समूह बचत खाता खोलना होगा। समूहों के लिए 4000 कैश क्रेडिट लिंक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन सभी कार्यों में बैंकर्स के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता होगी। कार्यशाला में एआईआरडी हैदराबाद के एस सुंदरम तथा राजन बाबू ने जनपद के बैंकर्स को स्वयं सहायता समूहों की क्रेडिट लिंकेज, वित्तीय साक्षरता एवं माइक्रोफाइनेंस के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी रवि शंकर राय, डीसी मनरेगा बीएस राय, नाबार्ड के डीडीएम संचित सिंह, एलडीएम समेत बड़ी संख्या में बैंकर्स उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति पद, अल्वा ने नामांकन-पत्र दाखिल किया

उपराष्ट्रपति पद, अल्वा ने नामांकन-पत्र दाखिल किया 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। देश में उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है और इसके लिए सत्तारूढ़ एनडीए सहित विपक्षी दलों की ओर से प्रत्याशी के नाम घोषित किए जा चुके हैं। लंबे समय तक राजस्थान की सियासत का चर्चित चेहरा और वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भारतीय जनता पार्टी और एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं, पांच बार सांसद, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल रह चुकी मार्गरेट अल्वा को विपक्षी दलों ने अपना प्रत्याशी बनाया है। चुनाव प्रक्रिया के बीच नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने मंगलवार को अपना नामांकन-पत्र दाखिल कर दिया। 
इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, शिवसेना नेता संजय राउत एवं अन्य विपक्षी दल के नेता मौजूद थे। बता दें कि मार्गरेट अल्वा उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार घोषित की गई हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार ने इनके नाम का एलान किया था।

गांधी परिवार की वफादार रही हैं अल्वा...
उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की साझा उम्मीदवार घोषित की गईं मार्ग्रेट अल्वा कांग्रेस नेताओं की उस पीढ़ी से आती हैं जो लगातार गांधी परिवार की वफादार बनी रहीं। 1969 में उन्होंने इंदिरा गांधी के प्रति वफादारी के साथ कांग्रेस की राजनीति में कदम रखा था। गांधी परिवार से उनकी वफादारी चार दशक तक लगातार जारी रही और इस दौरान उन्हें इसका पूरा लाभ भी मिला। 1974 से 1998 तक पार्टी ने उन्हें लगातार राज्यसभा में भेजा। इसके बाद 1999 से 2004 तक वह लोकसभा की सदस्य रहीं। एक बार कैबिनेट मंत्री का पद भी संभाला। हालांकि 2004 में वह लोकसभा चुनाव हार गईं। बाद में वह राज्यपाल बनाई गईं।

साल 2008 में सोनिया गांधी से मतभेद...
हालांकि, 2008 में पहली बार तात्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनका मतभेद हुआ। तब अल्वा ने कर्नाटक में पार्टी नेतृत्व पर टिकट बेचने का सार्वजनिक आरोप लगाया था। दरअसल उनके बेटे निवेदित अल्वा को टिकट देने से प्रदेश नेतृत्व ने इंकार कर दिया था।

मतभेद के बाद दिया था इस्तीफा...
इसके बाद उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात हुई जिसके बाद उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। हालांकि कुछ समय बाद ही उन्होंने वापसी की और उन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल बना दिया गया। वह उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं। उनके एक अन्य पुत्र निखिल अल्वा को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। कांग्रेस प्रचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने उनकी उम्मीदवारी को देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करार दिया है।

पालतू कुत्ते का हर साल रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी

पालतू कुत्ते का हर साल रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी 

संदीप मिश्र         

कानपुर। अगर आप कानपुर में रहते हैं और आपने डॉगी पाल रखा है या पालने का सोच रहे हैं, तो ये खबर आपको जरूर जान लेनी चाहिए। कानपुर नगर निगम ने पालतू कुत्तों को लेकर नया नियम बनाया है। जिसके मुताबिक कानपुर में हर पालतू कुत्ते का हर साल रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। निगम ने रजिस्ट्रेशन फीस भी बढ़ा दी है। विदेशी नस्ल के कुत्ते के लिए आपको 500 रुपये और देसी नस्ल के कुत्ते के लिए आपको 300 रुपये देने होंगे। कानपुर नगर निगम अभी तक पालतू कुत्तों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करता था।

कानपुर नगर निगम के मुताबिक, अगर कोई कुत्ता पाल रहा है और उसने उसका रजिस्ट्रेशन नहीं करावाया है तो कुत्ता मालिक से जुर्माना वसूला जाएगा। इसके अलावा नगर निगम कुत्ता जब्त भी कर सकता है। गौरतलब है कि लखनऊ में पालतू पिटबुल कुत्ते द्वारा अपनी मालकिन की नोच नोचकर हत्या का मामला सामने आने के बाद कई जिला प्रशासन सतर्क हो गए हैं। कानपुर में अगर कोई पालतू कुत्ता रखता है और उसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है और उसपर जुर्माना लगाया जाएगा। 

यही नहीं, डॉग ऑनर के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। कानपुर से पहले गोरखपुर और मिर्जापुर जिला प्रशासन भी पालतू कुत्तों को लेकर नया नियम लागू कर चुका है। दोनों ही जगह पर पालतू कुत्तों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई है। वहीं दूसरी तरफ लखनऊ नगर निगम ने पिटबुल डॉग के लाइसेंस पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है। लखनऊ नगर निगम के मुताबिक विदेशी नस्ल के कुत्ते का ट्रेनिंग, टीके और उसके बर्ताव का निरीक्षण करने के बाद ही लाइसेंस बनाया जाएगा।

जाति प्रमाण-पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए

जाति प्रमाण-पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए  

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। अग्निवीर योजना की शुरुआत से ही विपक्ष लगातार हमलावर रहा है। अब एक बार विपक्ष ने जाति प्रमाण-पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि सेना की ओर से इस संबंध में जवाब आ गया है। इसके बाद भाजपा ने विपक्षी दलों पर तंज कसा है।
सेना में भर्ती के आवेदकों से जाति पूछने पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि "मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर"।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि "आरएसएस जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा। सेना में आरक्षण नहीं है तो जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है? आजादी के बाद 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर अग्निपथ व्यवस्था लागू नहीं थी। सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छँटनी नहीं होती थी लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75% सैनिकों की छँटनी करेगी।"
इससे पहले बिहार की सत्ताधारी पार्टी और भाजपा के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट कर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूछा कि सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

जाति मामले पर सेना की सफाई...

भारतीय सेना के अनुसार अग्निपथ योजना के तहत सेना भर्ती प्रक्रिया में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। सेना भर्ती के दौरान जाति प्रमाण पत्र लेने की व्यवस्था पहले से चली आ रही है। साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सेना की ओर से बताया गया था कि सेना की भर्ती में धर्म और जाति का कोई रोल नहीं है लेकिन यह प्रशासनिक जरूरत है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी जवाब दे चुके हैं कि भर्ती प्रक्रिया 1949 से चली आ रही व्यवस्था के अनुरूप है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

विपक्ष पर भाजपा का तंज...

इस मामले में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कुछ पार्टियां समय-समय पर भारतीय सेना पर सवाल उठाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रही है। पात्रा ने कहा कि भारतीय सेना जाति-धर्म से ऊपर है। भारतीय सेना के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी देश की सेना पर सवाल खड़े करते रहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय सेना में जाति अथवा धर्म के आधार पर कोई भर्ती प्रक्रिया नहीं होती। सेना ने स्वयं वर्ष 2013 में सुप्रिम कोर्ट में एफिडेविट के माध्यम से स्पष्ट किया था की सेना भर्ती में जाति-धर्म का कॉलम सिर्फ रिकॉर्ड के लिए है। विपक्ष के नेता इस पर भ्रम पैदाकर सेना का अपमान कर रहे हैं।

खनन माफिया ने डीएसपी को डंपर से कुचला, मौंत

खनन माफिया ने डीएसपी को डंपर से कुचला, मौंत 

राणा ओबरॉय 
चंडीगढ़/नूंह। हरियाणा में नूंह से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि यहां खनन माफिया ने डीएसपी को डंपर से कुचलकर मार डाला। तावड़ू इलाके के पंचगांव में पहाड़ी पर अवैध खनन की सूचना मिलने के बाद डीएसपी सुरेंद्र सिंह छापा मारने गए थे। डंपर से कुचले जाने की वजह से उनकी मौके पर ही मौंत हो गई। मंगलवार दोपहर सवा 12 बजे हुई इस वारदात के बाद पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

सरकारी गाड़ी के पास खड़े थे डीएसपी, डंपर की टक्कर से नीचे गिरे। तावड़ू पुलिस को सूचना मिली थी कि पंचगांव की पहाड़ी में बड़े स्तर पर अवैध खनन चल रहा है। डीएसपी सुरेंद्र सिंह पुलिस टीम के साथ पहाड़ी पर रेड मारने पहुंचे। उन्होंने मौके पर खनन कर रहे माफिया को रोकने का प्रयास किया, तो उन लोगों ने डीएसपी पर पत्थरों से भरा डंपर चढ़ा दिया। उस समय डीएसपी सुरेंद्र सिंह अपनी सरकारी गाड़ी के पास खड़े थे। डंपर की टक्कर से वह नीचे गिर गए और डंपर उनके ऊपर से निकल गया। सुरेंद्र सिंह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

3 महीने बाद था सुरेंद्र सिंह का रिटायरमेंट...
डीएसपी सुरेंद्र सिंह हिसार जिले के आदमपुर क्षेत्र के गांव सारंगपुर के रहने वाले थे। वे 12 अप्रैल 1994 को हरियाणा पुलिस में ASI के पद पर भर्ती हुए थे। पुलिस से अब 31 अक्टूबर को उनकी सेवानिवृत्ति होनी थी। बताया गया है कि अवैध खनन रोकने गए डीएसपी सुरेंद्र सिंह ने अपनी गाड़ी अड़ा कर वहां से गुजर रहे डंपर को रोका था। इसके बाद गाड़ी से नीचे उतरे तो डंपर ने उनको कुचल दिया।

माफिया को छोड़ेंगे नहीं: अनिल विज
नूंह में DSP सुरेंद्र सिंह हत्या के मामले में गृहमंत्री अनिल विज ने कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जितनी फोर्स लगानी पड़े, लगाएंगे पर खनन माफियाओं को बख्शेंगे नहीं।

खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि इलाके में अवैध खनन चल रहा था। खनन कहां हो रहा है, इसकी जानकारी ले रहे हैं। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अरावली पहाड़ियों पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन
तावड़ू क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियों पर बड़े स्तर पर अवैध खनन किया जा रहा था। प्रशासन ने इस पर रोक लगाने के लिए 3 जून को ही उपमंडल स्तर पर एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया था। इसमें कई विभागों के अधिकारी शामिल थे। डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई को भी कमान दी गई थी।

एसडीएम तावडू सुरेंद्र पाल के अनुसार टास्क फोर्स गठित कर अरावली के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध खनन पर लगाम लगाने की कार्रवाई प्रशासन कर रहा था। टास्क फोर्स को सप्ताह में दो बार अरावली क्षेत्र के लगते गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेना था। डीएसपी मंगलवार को अवैध खनन की सूचना पर यहां पहुंचे तो उनकी हत्या कर दी गई।

गठबंधन सरकार पर हर हथकंडा अपनाने का आरोप

गठबंधन सरकार पर हर हथकंडा अपनाने का आरोप 

अखिलेश पांडेय         
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष गठबंधन सरकार पर हर वह हथकंडा अपनाने का आरोप लगाया, कि हम (पीटीआई) चुनाव हार जाएं। इमरान खान ने यह आरोप पंजाब की 20 सीटों के उपचुनाव में पाकिस्ताम मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के खिलाफ अपनी पार्टी की प्रचंड जीत के बाद लगाया।
उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार की सभी मशीनरी का इस्तेमाल हमारे खिलाफ किया गया।" उन्होंने कहा कि अगर अगले चुनाव इस तरह से होते हैं, तो राजनीतिक अस्थिरता बढ़ेगी।
पीटीआई के अध्यक्ष ने कहा कि शीर्ष अदालत ने अपने 01 जुलाई के आदेश में सरकार को अपनी मशीनरी का उपयोग नहीं करने का आदेश दिया था, लेकिन पीएमएल-एन ने आदेश का "उल्लंघन" किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने (पीएमएल-एन) हर तरह से हस्तक्षेप किया। उन्होंने एफआईआर दर्ज की, हमारे लोगों को परेशान करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया। मैं उन पुलिस अधिकारियों को सलाम करता हूं, जिन्होंने सरकार के दबाव पर ध्यान नहीं दिया।

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की पंकज कपूर  नैनीताल/हल्द्वानी। उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में नैनीताल ...