शनिवार, 16 जुलाई 2022

उत्तराखंड: रतूड़ी के नेतृत्व में राज्यपाल को ज्ञापन

उत्तराखंड: रतूड़ी के नेतृत्व में राज्यपाल को ज्ञापन 

पंकज कपूर/श्रीराम मौर्य 

देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल जिला महानगर देहरादून द्वारा पुलिस भर्ती के परिणाम व वरीयता सूची जिलेवार घोषित करने तथा डीएलएड अभ्यर्थियों की काउंसलिंग एवं नियुक्ति जनपदवार घोषित किए जाने के लिए यू के डी पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक बीडी रतूड़ी के नेतृत्व में एक ज्ञापन राज्यपाल को जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से दिया गया। रतूड़ी ने कहा, कि वर्तमान में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में जनपद वार कोटा खत्म करने के निर्णय से, पिछड़े एवं दूरदराज के जनपदों के युवाओं के सेवानियोजित होने में कमी आ जाएगी। इसी प्रकार डीएलएड अभ्यर्थियों की काउंसलिंग तथा नियुक्ति राज्य स्तर पर की जा रही है। जबकि, रिक्तियां जनपद वार ही निर्धारित है। इस निर्णय से जनपद के युवाओं को सेवा नियोजित होने के कम अवसर मिलेंगे तथा दूसरी ओर जनपदवार रिक्तियों को भरने में भी कमी आने की पूरी संभावनाएं होगी।

अध्यक्ष महानगर दीपक रावत ने कहा कि सरकार द्वारा यह निर्णय युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक संरचना के आधार पिछड़े जनपदों के शैक्षिक और सामाजिक आधार आदि कई ऐसी बातें हैं, जिन्हें देखते हुए रोजगार राज्य स्तर पर निर्धारित नहीं किए जा सकते। कार्यकारी जिला अध्यक्ष किरण रावत का कहना है कि शैक्षिक, सामाजिक एवं शारीरिक भिन्नता के आधार पर उत्तराखंड के हर जिले की अपनी अलग-अलग समस्याएं हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए जनपद वार कोटा निर्धारित किया गया था।

वर्तमान सरकार पहाड़ी जिलों युवाओं की अनदेखी कर रही है। ज्ञापन में राज्यपाल से पुलिस चयन प्रक्रिया को जनपदवार निर्धारित करने तथा डीएलएड अभ्यर्थियों की काउंसलिंग एवं नियुक्ति को जनपदवार ही किए जाने की मांग की है। इस अवसर केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय, बहादुर सिंह रावत, सुनील ध्यानी, प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रमिला रावत, प्रदेश युवा अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, अशोक नेगी, प्रवीण रमोला, आर शंखधर, जितेंद्र सिंह, विवेक, टीकम सिंह राठौर, रेखा शर्मा, विकास भट्ट, कमलेश नौटियाल, अनुराग पांडे, नीलम रावत, निशा सिंह, सुमित डंगवाल, रविंद्र ममगई, किरण घनशाला, हिमांशु धनाई, दीपक ममगई, रावत, मिथिलेश चौहान,आदि उपस्थित थे।

देवरिया: डीएम ने सभागार में योजनाओं की समीक्षा की

देवरिया: डीएम ने सभागार में योजनाओं की समीक्षा की 

हरिशंकर त्रिपाठी       
देवरिया‌‌। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में वृद्धों के कल्याणार्थ चलाई जा रहीं योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वृद्ध सामाजिक धरोहर एवं अनुभव की खान है। उनके अनुभवों का लाभ पूरे समाज को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के तहत जनपद में मेहड़ा पुरवा में वृद्धाश्रम का संचालन किया जा रहा। यहाँ रहने वाले वृद्धों का सामाजिक उपयोग होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी जैसवार लाल बहादुर को निर्देशित किया कि वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्ध एकाकी जीवन व्यतीत न करें। उनकी रुचि एवं हुनर के अनुसार गायन, लेखन, वादन एवं बागवानी के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। वृद्धों को जनपद के विद्यालयों, धार्मिक एवं सामाजिक उपादेयता बढ़ाने की योजना बनाई जाए।
वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्धों के मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जाए और मनोवैज्ञानिक समय-समय पर शिविर आयोजित कर उनके मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखे। वृद्धों के बारे में स्कूलों एवं कार्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाए। बेघर एवं अपनों के बेरुखी झेल रहे वृद्धों को वृद्धाश्रम पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम में लब्ध प्रतिष्ठित डॉक्टर का मेडिकल कैंप आयोजित कर वृद्धों के स्वास्थ्य की नियमित जांच भी कराई जाए। उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को वृद्ध आश्रम का ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही समिति को माह में तीन बार वृद्ध आश्रम का निरीक्षण कर वहां मिल रही सुविधा की जांच करने के लिए आदेशित किया है।

कांग्रेसियों ने धूमधाम से मनाया, तिवारी का जन्मदिन

कांग्रेसियों ने धूमधाम से मनाया, तिवारी का जन्मदिन 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। अखिल भारतीय कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य व राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी का जन्मदिन कांग्रेसियों ने जीरो रोड स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय पर धूमधाम से मनाया। शनिवार को जिलाध्यक्ष अरुण तिवारी और सुरेश यादव ने पार्टी कार्यालय में पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ केक काटकर और एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर सांसद प्रमोद तिवारी के दीर्घायु होने की कामना की। वहीं, दूसरी ओर परेड ग्राउंड स्थित कुष्ट रोग आश्रम में किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनिल पाण्डेय ने मरीजों को खाने के सामान के साथ फल बांटकर सांसद प्रमोद तिवारी का जन्मदिन मनाया। इसके साथ ही बड़ी स्टेशन स्थित लाइन शाह बाबा की दरगाह पर कांग्रेस नेता फुजैल हाश्मी ने चादर चढाकर प्रमोद तिवारी के स्वास्थ लाभ की कामना की। इस दौरान शहर अध्यक्ष प्रदीप मिश्र अंशुमन ने कहा की प्रमोद तिवारी का राजनीतिक जीवन बेबाक़ और बेदाग रहा है। वो राजनितिक लोगो के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
इस मौके पर पूर्व विधायक विजय प्रकाश, सुधाकर तिवारी, संजय तिवारी, हरिकेश त्रिपाठी, हसीब अहमद, रजनीश विश्रामदास, विवेक पाण्डेय, रामछबीले मिश्रा, देवी पाण्डेय, राहुल तिवारी, राकेश पटेल, मनोज, सियाराम मौर्य समेत आदि लोग शामिल हुए।

सीएम शिंदे ने 2 शहरों के नाम बदले: महाराष्ट्र

सीएम शिंदे ने 2 शहरों के नाम बदले: महाराष्ट्र
कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के नाम बदलकर क्रमश: छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव रखे जाने को शनिवार को मंत्रिमंडल की मंजूरी दे दी। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने से ठीक पहले, 29 जून को उनकी अगुवाई वाली पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने इन शहरों के नाम बदलने का फैसला किया था। बहरहाल, 30 जून को शपथ ग्रहण करने वाले शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि ठाकरे नीत सरकार का इन शहरों के नाम बदलने का फैसला अवैध है, क्योंकि उन्होंने यह निर्णय राज्यपाल द्वारा विधानसभा में उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कहने के बाद लिया। ठाकरे की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का फैसला किया गया था, लेकिन शिंदे नीत सरकार ने शनिवार को इसके आगे ‘छत्रपति’ जोड़ दिया। इस समय मंत्रिमंडल में केवल दो सदस्य शिंदे और फडणवीस हैं, क्योंकि इसका विस्तार अभी नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि (ठाकरे की अध्यक्षता में हुई) 29 जून की मंत्रिमंडल की बैठक के कार्य विवरण को नई सरकार (शिंदे के नेतृत्व वाली) ने शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी। बयान में कहा गया है, मंत्रिमंडल द्वारा आज स्वीकृत ताजा प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा, जिसके बाद दोनों शहरों का नाम संभाग, जिला, तालुका, नगर निगम और परिषद स्तर पर बदला जाएगा। मंत्रिमंडल ने प्रस्तावित नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम किसान नेता दिवंगत डी बी पाटिल के नाम पर रखने को भी मंजूरी दे दी। उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले महीने इस संबंध में भी फैसला किया था। शिंदे के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद एमवीए सरकार 29 जून को गिर गई थी।

टैक्सी को एक ऐप पर लाया जाए, रोहन खुंटे

टैक्सी को एक ऐप पर लाया जाए, रोहन खुंटे
गीता गोवंडके 
पणजी। गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे ने शनिवार को कहा कि राज्य में सभी टैक्सी को एकल ऐप पर निश्चित रूप से लाया जाना चाहिए, ताकि पर्यटकों को बेहतर अनुभव हो सके। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को नई तकनीक अपनाने की जरूरत है, ताकि परिचालन को सुव्यवस्थित किया जा सके। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि मौजूदा टैक्सी संचालक के व्यवसाय की रक्षा करने और प्रौद्योगिकी को अपनाने की आवश्यकता है।
मंत्री ने कहा, ‘‘मैं गोवा में सभी टैक्सी को एक साझा ऐप पर उपलब्ध कराने की अवधारणा का समर्थन करता हूं। राज्य सरकार और इस क्षेत्र को पर्यटक टैक्सी सेवा के लिए एक साझा ऐप तैयार करना चाहिए।’’ खुंटे ने कहा कि उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और (राज्य) परिवहन मंत्री मौविन गोडिन्हो से बात की है।
इस साल सितंबर में शुरू होने वाले नये मोपा हवाई अड्डे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह जानना होगा कि इस सुविधा के लिए कितनी टैक्सी की आवश्यकता होगी, ताकि तदनुरूप परमिट जारी किए जा सकें।

'बाबा वेंगा' की भविष्यवाणियां सच साबित हुईं

'बाबा वेंगा' की भविष्यवाणियां सच साबित हुईं
अखिलेश पांडेय 
सिडनी/ ढाका। दुनिया में एक से बढ़कर एक भविष्यवक्ता हुए हैं, जिन्हें उनकी भविष्यवाणियों के कारण दुनिया भर में जाना गया। दुनिया के सबसे फेमस भविष्यवक्ताओं की बात की जाए तो सबसे पहले हर किसी की जुबान पर एक ही नाम आता है, वो है 'बाबा वेंगा' दुनिया में अपनी भविष्यवाणियों के कारण प्रसिद्ध हुई बाबा वेंगा की कई भविष्यवाणियां सच साबित हुईं। लेकिन कई गलत भी साबित हुईं। 
वे अपने अनुयायियों को 5079 तक की भविष्यवाणी करके गई थीं। बाबा वेंगा को "बाल्कन के नास्त्रेदमस कहा जाता है। 
उन्होंने 2022 के लिए जो भविष्यवाणियां की थीं, उनमें से दो भविष्यवाणियां लगभग सच साबित हो चुकी हैं। बाबा वेंगा ने यह भी दावा किया था कि 2022 में कुछ देश पानी की कमी से परेशान रहेंगे। यह बात सभी जानते हैं कि पुर्तगाल और इटली जैसे देशों ने अपनी जनता से पानी के उपयोग को कम करने के लिए कहा है। 1950 के दशक के बाद से देश में अभी सबसे अधिक सूखा पड़ रहा है। वहीं इटली में भी 1950 के दशक के बाद से सबसे खराब सूखे से गुजर रहा है। 
बाबा वेंगा ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि 2022 में एशियाई देश और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बनेंगे, भूकंप आएगा और सूनामी भी आएगी। यह बात सब जानते हैं कि भारी वर्षा और बाढ़ ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर तबाही मचा दी थी। बांग्लादेश, भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से और यहां तक कि थाईलैंड भी बाढ़ से प्रभावित था। ऐसा लगता है कि यह भविष्यवाणी भी पूरी तरह सटीक साबित हुई है। क्योंकि इस साल इन देशों में भारी बारिश हुई है। पूरी दुनिया में अपनी भविष्यवाणियों के लिए प्रसिद्ध भविष्यवक्ता बाबा वेंगा एक फकीर थीं, जो आंखों से नहीं देख सकती थीं। वे बुल्गारिया की रहने वाली थीं और उन्होंने कई ऐसी भविष्यवाणियां की थीं, जो कि सच साबित हुईं। उनका जन्म 1911 में हुआ था और मात्र 12 साल की उम्र में ही उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। जानकारी के मुताबिक उनकी 85 प्रतिशत भविष्यवाणियां सच हो चुकी हैं, लेकिन उनके कई दावे गलत भी साबित हुए।
1996 में बाबा वेंगा की स्तन कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई थी। लेकिन मौत से पहले ही वे सन् 5079 तक की भविष्यवाणी कर चुकी थीं। बाबा वेंगा के मुताबिक सन् 5079 में दुनिया का अंत हो जाएगा। कहा जाता है कि उनके द्वारा की हुई भविष्यवाणियों को कहीं लिखा नहीं गया था, बल्कि इन भविष्यवाणियों को बाबा वेंगा ने अपने अनुयायियों को बताया था। बाबा वेंगा ने 2004 में सुनामी आने की भविष्यवाणी की थी, जो कि सच साबित हुई थी। इसके बाद ब्रिटेन की राजकुमारी डायना की मौत की भी भविष्यवाणी की थी, जो भी सच साबित हुई थी। बाबा वेंगा ने भविष्यवाणी की थी कि यूएसए (USA) के 44 वें प्रेसिडेंट अश्वेत होंगे और वे वहां के आखिरी प्रेसिडेंट होंगे। इस बारे में उनकी आधी भविष्यवाणी सच निकली क्योंकि अमेरिका के 44 वें राष्ट्रपति बराक ओबामा बने जो कि अश्वेत थे, लेकिन वे आखिरी राष्ट्रपति नहीं थे।

'बूस्टर’ खुराक कोरोना से निपटने के लिए जरूरी

‘बूस्टर’ खुराक कोरोना से निपटने के लिए जरूरी
इकबाल अंसारी
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीके की ‘बूस्टर’ खुराक इससे निपटने के लिए जरूरी है क्योंकि महामारी का क्रमिक प्रभाव नुकसानदायक हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार द्वारा शनिवार से अगले 75 दिन के लिए ‘घर घर दस्तक’ नाम से बूस्टर खुराक लगाने का अभियान शुरू किया गया है।
राज्य में 18 साल से अधिक आयु के लोगों के लिए अगले 75 दिनों तक बूस्टर खुराक देने का अभियान शुरू करते हुए बोम्मई ने कहा, “कोविड-19 का बचा-खुचा प्रभाव तत्काल नहीं जाने वाला। इसका क्रमिक प्रभाव देखने को मिलेगा। इसलिए हमें सभी प्रकार की सतर्कता बरतनी होगी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर देश सही समय पर सही कदम उठाए तो महामारी को नियंत्रण में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस पर जोर दिया है।
बोम्मई ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी से निपटने के लिए आगे बढ़कर राष्ट्र का नेतृत्व किया और इस अभियान की शुरुआत की। कर्नाटक की ओर से मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने मुफ्त में टीके देकर राज्य को बड़े वित्तीय भार से बचा लिया।

'मंकीपॉक्स' की एंट्री, केंद्र सरकार अलर्ट हुईं

'मंकीपॉक्स' की एंट्री, केंद्र सरकार अलर्ट हुईं
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। घातक कोरोना वायरस ने अभीतक पूरी तरह से पीछा नहीं छोड़ा है और ऐसे में अब इसके साथ एक और नई बीमारी भारत में एंट्री कर गई है। बताया जा रहा है कि, केरल में 'मंकीपॉक्स' वायरस का एक मामला सामने आया है। मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया शख्स हाल ही में UAE से लौटा था। फिलहाल उक्त शख्स को अस्पताल में भर्ती किया गया है और उसका इलाज किया जा रहा है। संक्रमित शख्स की हालत अभी स्थिर है। इसके साथ ही इस शख्स के संपर्क में आने वाले लोगों की जानकारी निकाली जा रही है। आपको बतादें कि, 'मंकीपॉक्स' वायरस भारत तो अभी आया है। इससे पहले यह दुनिया के अन्य कई देशों में फैल चुका है।
इधर, भारत में 'मंकीपॉक्स' वायरस की एंट्री को देखते हुए अब केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है साथ ही केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को भी इसे लेकर अलर्ट और सक्रिय रहने को कहा है। केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि सभी संदिग्ध मामलों की जांच हो, टेस्ट किए जाएं और निगरानी बढ़ाई जाए। इसके साथ ही इसे लेकर इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए। इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'मंकीपॉक्स' वायरस को लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दी है। जिसमें यह बताया गया है कि 'मंकीपॉक्स' वायरस के लक्षण क्या हैं और इससे खुद का बचाव कैसे करना है।
आइए मंकीपॉक्‍स के लक्षणों, बचाव के बारे में जानते हैं।
बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें, उनके द्वारा उपयोग की जा रही चीज से भी दूरी रखें
त्वचा के घावों-दाने या जननांग पर घावों-दाने वाले लोगों के संपर्क में आने बचें।
जानवरों के संपर्क आने से बचें, खासकर मृत या जीवित/संक्रमित जंगली जानवरों के... चूहे, गिलहरी, बन्दर, जैसे जानवरों के साथ संपर्क न रखें।
जानवरों के मांस का उपयोग न करें, अफ्रीका के जंगली जानवरों से प्राप्त उत्पादों (क्रीम, लोशन, पाउडर) के उपयोग से बचें
लक्षण क्या होंगे।
'मंकीपॉक्स' वायरस में बुखार चढ़ता है और शरीर दर्द से टूटता है। अगर बुखार के साथ शरीर पर रैशेज/दाने पड़ना शुरू हो जाएं तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
अगर आप वहां रहे हैं जहां मंकीपॉक्स वायरस का केस आया है तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें
अगर आप किसी ऐसे ऐसे व्यक्ति के संपर्क में थे जिसे मंकीपॉक्स हो सकता था तो भी तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से फैलता है।

मानसून की भविष्यवाणी पर काफी विवाद हुआ

मानसून की भविष्यवाणी पर काफी विवाद हुआ
अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। हाल ही में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा की गई मानसून की भविष्यवाणी पर काफी विवाद हुआ है। कई लोगों को लगता है कि पश्चिमी देशों के मौसम विभाग की तरह आईएमडी कुशल नहीं है। लोग ये भी सवाल कर रहे हैं कि अमरनाथ गुफा में बादल फटने जैसी चरम मौसम की घटना का मौसम विशेषज्ञों द्वारा पूर्वानुमान क्यों नहीं लगाया जा सका। जबकि सरकार नई तकनीक को लगाने के लिए इतना खर्च कर रही है।
एक खबर के मुताबिक पिछले 5 वर्षों के दौरान आईएमडी की भविष्यवाणियों में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी सुधार की जरूरत है।मौसम की भविष्यवाणी के मॉडल बड़े पैमाने पर अत्यधिक विशिष्ट प्रकार के उपकरणों द्वारा एकत्र किए गए डेटा पर निर्भर करते हैं। इसके लिए डॉप्लर रडार, उपग्रह डेटा, रेडियोसोंडेस, सतह अवलोकन केंद्र और कंप्यूटिंग उपकरण जैसे विभिन्न उपकरणों की आवश्यकता होती है ताकि मौसम के विकास की भविष्यवाणी और पूर्वानुमान किया जा सके। हालांकि भारत ने इनमें से कुछ क्षेत्रों में क्षमता बढ़ा दी है, लेकिन यह यूरोप और अमेरिका के उन्नत देशों से अभी कुछ पीछे है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि देश में अभी केवल 34 रडार मौजूद हैं। पिछले 5 वर्षों में यह संख्या सिर्फ 6 बढ़ी है। वहीं अमेरिका में करीब 200 डॉप्लर रडार के साथ मौसम की भविष्यवाणी होती है। बहरहाल आईएमडी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक का दावा है कि भारत दुनिया में चक्रवात की भविष्यवाणी में बहुत आगे है और डेटा गणना के मामले में देश केवल जापान, चीन, यूरोप और अमेरिका के बाद पांचवें स्थान पर हैं। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि आईएमडी बहुत पीछे चल रहा है।
ग्राउंड नेटवर्किंग अभी भी खराब
पिछले हफ्ते जम्मू और कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटा था, लेकिन स्थानीय स्तर पर मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए वहां कोई स्थानीय रडार प्रणाली नहीं है। जबकि वहां हर साल लाखों तीर्थयात्री मानसून के मौसम में आते हैं। जम्मू, श्रीनगर और कुफरी जैसी जगहों पर रडार हैं, लेकिन अमरनाथ या कुल्लू में शायद ही कोई रडार है। हालांकि अब रडार सिस्टम इतना विकसित हो गया है कि ऐसे क्षेत्रों में एक छोटा स्थानीय रडार लगाया जा सकता है। मौसम विभाग का दावा है कि ज्यादातर जगहों पर रडार की अच्छी व्यवस्था है, लेकिन कई जगह रडार ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों और अत्यंत महत्वपूर्ण अंडमान में कोई रडार कवरेज नहीं है, जहां से कई चक्रवाती सिस्टम शुरू होते हैं। पिछले 20 साल से योजना बन रही है कि इसके लिए कार निकोबार द्वीप पर डॉप्लर रडार लगाया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो सका है।

श्रावण मास की संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज रखें

श्रावण मास की संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज रखें
सरस्वती उपाध्याय 
प्रतिमाह दो चतुर्थी होती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी कहते हैं। 17 जुलाई 2022 को श्रावण मास की संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। 
आओ जानते हैं 3 शुभ मुहूर्त, 5 मंत्र, पूजा विधि, कथा, महत्व सहित 4 उपाय।
3 शुभ मुहूर्त :

1. अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:37 से 12:31 तक।

2. विजय मुहूर्त : दोपहर : 02:20 से 03:14 तक।

3. गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:37 से 07:01 तक।
5 मंत्र :

1. 'ॐ गं गणपतये नम:।'

2. 'श्री गणेशाय नम:'। ।
3. 'ॐ वक्रतुंडा हुं।' 
4. एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। 
5. वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।
पूजन विधि
– संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें।
– पूजन के समय अपने सामर्थ्यनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित शिव-गणेश प्रतिमा स्थापित करें। 
– संकल्प के बाद विघ्नहर्ता श्री गणेश का पूरे मनोभाव से पूजन करें।
– फिर अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र चावल आदि चढ़ाएं। 
– 'ॐ गं गणपतयै नम: मंत्र बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। 
– अब श्री गणेश को मोदक का भोग लगाएं। 
– इस दिन मध्याह्न में गणपति पूजा में 21 मोदक अर्पण करते हुए, प्रार्थना के लिए निम्न श्लोक पढ़ें-

'विघ्नानि नाशमायान्तु सर्वाणि सुरनायक। कार्यं  सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि।
– पूजन के समय आरती करें। गणेश चतुर्थी कथा का पाठ करें। गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण, श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
– अपनी शक्तिनुसार उपवास करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें।
महत्व- श्री गणेश विघ्नहर्ता है। विघ्नहर्ता यानी सभी दुखों को हरने वाले देवता। अत: उनकी कृपा से जीवन के सभी असंभव कार्य सहजता से पूर्ण हो जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और श्री गणेश का पूजन करने तथा कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। इस दिन विधिपूर्वक गणेश आराधना एवं पूजन करने से वे प्रसन्न होकर शुभाशीष देते हैं। इसीलिए चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए यह व्रत किया जाता हैं। इस दिन मध्याह्न के समय में श्री गणेश का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गणेश उपासना से सुख-समृद्धि, धन-वैभव, ऐश्वर्य, संपन्नता, बुद्धि की प्राप्ति एवं वाणी में मधुरता आती है तथा गणेश के मंत्र जाप से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति भी होती है। चतुर्थी पर पूजन से पहले निम्न सामग्रियां एकत्रित कर लेना चाहिए।
1. श्री गणेश को सिंदूर अत्यंत प्रिय है, अत: चतुर्थी पर पूजन के समय उन्हें सिंदूर का तिलक करके खुद भी तिलक करें।
2. चतुर्थी के दिन शमी के पेड़ का पूजन करने से श्री गणेश प्रसन्न होते हैं। उन्हें शमी के पत्ते अर्पित करने से दुख, दरिद्रता दूर होती है।
3. चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश को गेंदे का फूल चढ़ाकर मोदक और गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें। इस उपाय से आपको हर कार्य में सिद्धि प्राप्त होगी।
4. गणेश पूजा के बाद- 'ॐ गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा' मंत्र का 108 बार जाप करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
5. धनदाता गणेश स्तोत्र का पाठ करने से अपार धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है। खुद का घर खरीदने की तमन्ना है तो श्री गणेश पंचरत्न स्तोत्र का पाठ करें, लाभ होगा।
श्री गणेश चतुर्थी व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव तथा माता पार्वती नर्मदा नदी के किनारे बैठे थे। वहां माता पार्वती ने भगवान शिव से समय व्यतीत करने के लिए चौपड़ खेलने को कहा। शिव चौपड़ खेलने के लिए तैयार हो गए, परंतु इस खेल में हार-जीत का फैसला कौन करेगा, यह प्रश्न उनके समक्ष उठा तो भगवान शिव ने कुछ तिनके एकत्रित कर उसका एक पुतला बनाकर उसकी प्राण-प्रतिष्ठा कर दी और पुतले से कहा- 'बेटा, हम चौपड़ खेलना चाहते हैं, परंतु हमारी हार-जीत का फैसला करने वाला कोई नहीं है इसीलिए तुम बताना कि हम दोनों में से कौन हारा और कौन जीता।
उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का चौपड़ खेल शुरू हो गया। यह खेल 3 बार खेला गया और संयोग से तीनों बार माता पार्वती ही जीत गईं। खेल समाप्त होने के बाद बालक से हार-जीत का फैसला करने के लिए कहा गया, तो उस बालक ने महादेव को विजयी बताया। 
यह सुनकर माता पार्वती क्रोधित हो गईं और क्रोध में उन्होंने बालक को लंगड़ा होने, कीचड़ में पड़े रहने का श्राप दे दिया। बालक ने माता पार्वती से माफी मांगी और कहा कि यह मुझसे अज्ञानतावश ऐसा हुआ है, मैंने किसी द्वेष भाव में ऐसा नहीं किया।
बालक द्वारा क्षमा मांगने पर माता ने कहा- 'यहां गणेश पूजन के लिए नागकन्याएं आएंगी, उनके कहे अनुसार तुम गणेश व्रत करो, ऐसा करने से तुम मुझे प्राप्त करोगे।' यह कहकर माता पार्वती शिव के साथ कैलाश पर्वत पर चली गईं। 
एक वर्ष के बाद उस स्थान पर नागकन्याएं आईं, तब नागकन्याओं से श्री गणेश के व्रत की विधि मालूम करने पर उस बालक ने 21 दिन लगातार गणेश जी का व्रत किया। उसकी श्रद्धा से गणेश जी प्रसन्न हुए। उन्होंने बालक को मनोवांछित फल मांगने के लिए कहा। उस पर उस बालक ने कहा- 'हे विनायक! मुझमें इतनी शक्ति दीजिए कि मैं अपने पैरों से चलकर अपने माता-पिता के साथ कैलाश पर्वत पर पहुंच सकूं और वे यह देख प्रसन्न हों।'
तब बालक को वरदान देकर श्री गणेश अंतर्ध्यान हो गए। इसके बाद वह बालक कैलाश पर्वत पर पहुंच गया और कैलाश पर्वत पर पहुंचने की अपनी कथा उसने भगवान शिव को सुनाई। चौपड़ वाले दिन से माता पार्वती शिवजी से विमुख हो गई थीं अत: देवी के रुष्ट होने पर भगवान शिव ने भी बालक के बताए अनुसार 21 दिनों तक श्री गणेश का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से माता पार्वती के मन से भगवान शिव के लिए जो नाराजगी थी, वह समाप्त हो गई। 
तब यह व्रत विधि भगवान शंकर ने माता पार्वती को बताई। यह सुनकर माता पार्वती के मन में भी अपने पुत्र कार्तिकेय से मिलने की इच्छा जागृत हुई। तब माता पार्वती ने भी 21 दिन तक श्री गणेश का व्रत किया तथा दूर्वा, फूल और लड्डूओं से गणेशजी का पूजन-अर्चन किया। व्रत के 21वें दिन कार्तिकेय स्वयं माता पार्वतीजी से आ मिले। उस दिन से श्री गणेश चतुर्थी का यह व्रत समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला व्रत माना जाता है। इस व्रत को करने से मनुष्‍य के सारे कष्ट दूर होकर मनुष्य को समस्त सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं।

एक बार फिर बड़े पर्दे पर नजर आएंगे, धरम पाजी

एक बार फिर बड़े पर्दे पर नजर आएंगे, धरम पाजी
कविता गर्ग 
मुंबई। धर्मेंद्र अपने जमाने के वो स्टार हैं, जिनके नाम से ही फिल्में हिट हो जाया करती थीं। जल्द एक बार फिर से वो बड़े पर्दे पर नजर आने वाले हैं। सोशल मीडिया पर धरम साहब काफी एक्टिव रहते हैं। उनके ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अच्छे खासे फॉलोवर्स भी हैं। सोशल मीडिया पर अपने फैंस को पुरानी तस्वीरों और वीडियोज के जरिए वह ट्वीट करते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने राज कपूर साहब का एक अनसीन वीडियो शेयर किया है, जिसको शायद ही आपने कभी देखा होगा। इस वीडियो के जरिए वह जिंदगी का सच बयां कर रहे हैं।
अपने जमाने के दिग्गज एक्टर्स में से एक रहे धर्मेंद्र  ने ट्विटर पर वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में राज कपूर अपनी फिल्मों के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं। वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन दिया ‘दिल छू लेने वाली बात, जिंदगी का सच बता रहे हैं राज साहब… एक जीनियस।
वीडियो की बात करें तो वीडियो राज कपूर साहब के एक इंटरव्यू का है, जिसमें वह अपनी ही फिल्मों के बारे में बात कर रहे हैं। वीडियो में राज कपूर ने कहा, ‘मां अपने सभी बच्चों को जन्म देती है, लेकिन कभी उनका नसीब नहीं लिख सकती। मेरी फिल्मों के साथ भी ऐसा ही हुआ। कुछ चलीं और कुछ नहीं चल सकीं। लेकिन जो फिल्में नहीं चल सकीं, वही मेरे दिल के करीब हैं। दो ऐसी फिल्मों का नाम लेते हुए उन्होंने ‘मेरा नाम जोकर’ और ‘जागते रहो’ का नाम लिया। राज कपूर वीडियो में कह रहे हैं, ‘शायद ये फिल्में या तो खराब थीं या लोगों को समझ में नहीं आईं।
राज कपूर के साथ धर्मेंद्र का बहुत प्यारा रिश्ता था। दोनों ने कुछ फिल्मों में भी साथ काम किया। उसमें मनमोहन देसाई की मल्टी-स्टारर फिल्म ‘नसीब’ भी एक है। राज कपूर का 2 जून 1988 को 64 साल की उम्र में निधन हो गया था।
आपको बता दें कि लंबे समय के बाद धर्मेंद्र बड़े पर्दे पर नजर आने वाले हैं। करण जौहर की फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में नजर आने वाले हैं। इसके अलावा वह अपनी होम प्रॉडक्शन फिल्म ‘अपने 2’ में भी नजर आएंगे जिसमें सनी, बॉबी और करण देओल मुख्य भूमिकाओं में हैं।

कावड़ियों को माला पहनाई, पुष्प वर्षा: सौहार्द

कावड़ियों को माला पहनाई, पुष्प वर्षा: सौहार्द
भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। जनपद में मुस्लिम समाज के लोगों ने कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा कर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की। सरवट में पवित्र गंगा जल लेकर आ रहे कांवड़ यात्रियों को मुस्लिम समाज के लोगों ने फूलों की माला पहनाई और उन पर पुष्प वर्षा की। कहा कि यही देश की संस्कृति है।
कांवड़ यात्रियों के स्वागत में मौजूद मुस्लिम समाज के लोग।
कांवड़ यात्रियों के स्वागत में मौजूद मुस्लिम समाज के लोग। 
2 वर्ष के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के चलते कांवड़ यात्रा स्थगित रही। इस बार श्रावण मास शुरू होते ही जिले में हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लेकर आ रहे कांवड़ यात्रियों का सैलाब धीरे धीरे उमड़ना शुरू हो गया है। इसके साथ ही जनपद में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल भी पेश हो रही है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सरवट में मुस्लिम समाज के लोगों ने कांवड़ लेकर आ रहे श्रद्धालुओं का फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया। कांवड़ यात्रियों पर पुष्प वर्षा भी की गई। मुस्लिम समाज के लोगों ने सरवट में एकत्र होकर कांवड़ यात्रियों पर पुष्प वर्षा कर मोहब्बत और धार्मिक एकता की मिसाल पेश की।

कांवड़ यात्रियां के स्वागत के लिए खड़े मुस्लिम समाज के लोग।
कांवड़ यात्रियां के स्वागत के लिए खड़े मुस्लिम समाज के लोग।
30 साल से कांवड़ यात्रियों का करते आ रहे हैं सत्कार
सरवट निवासी मो. जुल्फिकार ने बताया कि मुजफ्फरनगर को मोहब्बत नगर के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने बड़ो से सुना कि कांवड़ उनके गांव से ही शुरू हुई। पहले उनके गांव सरवट का नाम श्रवण था जो कालांतर में सरवट कहलाया जाने लगा। उन्होंने बताया कि गत 30 वर्षों से वे लोग हरिद्वार से आने वाले कांवड़ यात्रियों को सत्कार करते हैं। उन्होंने बताया कि कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु उनके मेहमान हैं। जाति धर्म को भुलाकर उनका आदर किया जाता है। अहमद हुसैन ने बताया कि वह कांवड़ भाईयों का स्वागत कर रहे हैं, उनकी परेशानियों के बारे में पूछ रहे हैं। शरबत और पानी पिला रहे हैं। ऐसा कर मोहब्बत का संदेश देना चाहते हैं।
कांवड़ यात्रियों के स्वागत में मुस्लिम समाज के लाेगों ने लगाए बोर्ड।
कांवड़ यात्रियों के स्वागत में मुस्लिम समाज के लाेगों ने लगाए बोर्ड।

मैच: केकेआर ने आरसीबी को 1 रन से हराया

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