शुक्रवार, 15 जुलाई 2022

पृथ्वी को स्वच्छ व हरा-भरा रखने के लिए जागरूक किया

पृथ्वी को स्वच्छ व हरा-भरा रखने के लिए जागरूक किया 

पंकज कपूर/योगेन्द्र कुमार साहू 
देहरादून/हल्द्वानी। एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू, पर्यावरण प्रेमी वन अनुसंधान केन्द्र प्रभारी मदन सिंह बिष्ट के नेतृत्व में संस्था के माध्यम से उत्तराखंड के लोक पर्व हरेला के आगमन पर हल्द्वानी दमुवाढूंगा स्थित क्वीन्स पब्लिक स्कूल में संस्था पदाधिकारियों ने फलदार छायादार पौधे लगाकर आम जनमानस को पौधारोपण करने एवं वृक्षों को संरक्षण कर पृथ्वी को स्वच्छ एवं हरा-भरा रखने के लिए जागरूक किया।
इस दौरान एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था संरक्षक हरीश चन्द्र पाण्डेय क्वीन्स पब्लिक स्कूल के प्रबंधक आरपी सिंह ने संयुक्त रुप से कहा, कि सर्वप्रथम लाभ तो वृक्ष शब्द से ही लगने लगता है। इसलिए पर्यावरण और मानव का संबंध बहुत ही घनिष्ठ है। क्योंकि स्वस्थ जीवन और पृथ्वी ग्रह पर जीवन के अस्तित्व में पर्यावरण की महत्वपूर्ण भूमिका है और हम सभी का भोजन हवा पानी एवं अन्य जरूरतें पर्यावरण पर ही निर्भर हैं। क्योंकि, अनेक वृक्षों के छाल बीज फल पत्ते कई प्रकार की दवाइयों में उपयोग किये जाते है। जैसे कि नीम के पत्तो को पानी मे उबालकर नहाने से शरीर के रोग दूर होते है। इसी प्रकार उसके डालियां दातुन के रूप मे उपयोग किया जाता है। साथ ही बहुत से वृक्ष आयुर्वेदिक औषधि होने के साथ वातावरण को स्वच्छ एवं निर्मल रखकर प्राणदायक ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और वृक्षों के द्वारा मिलने वाले लाभों में वाहनों द्वारा उत्सर्जित धुएं और उद्योगों से निकलते प्रदूषण को वृक्षों की उपस्थिति के कारण काफी हद तक नियंत्रित कर वातावरण शुद्ध हो जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने पर्यावरण को बचाए रखकर उसकी रक्षा हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। क्योंकि, बिना वृक्षों के हमको शुद्ध वातावरण प्राप्त नहीं हो सकता है। इसलिए सभी को अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए।
इस दौरान वृक्षारोपण करने में संस्था संरक्षक हरीश चन्द्र पाण्डेय, अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू, सचिव नन्दकिशोर आर्या, कोषाध्यक्ष बलराम हालदार, मार्गदर्शक आरपी सिंह, मदन सिंह बिष्ट, विनोद जयसवाल, रितिक साहू, गोविन्द, मिस्त्री संदीप यादव, दीपक पलाडिया, जगदीश बिष्ट, धर्मेश नेगी, कविता बिष्ट, उषा पाण्डेय, भारती बेलवाल, ममता पाण्डेय, जानकी देवी, अनिता भंडारी, नीलम चिलकोटी, कविता पाण्डेय, पूजा बोरा, निशा जोशी, निर्मला पाण्डेय, गीता बिष्ट, नीलू कुमारी, प्रमिला गोस्वामी, तनूजा बाथयाल, आरती कुमारी, नीतू बिष्ट, पूजा सेन, चंचल सती, ओपी कपूर, वत्सल शाह, घनश्याम जोशी, सुमित गोयल, भारत आर्या पेर्मेंद्र कुमार, निलेश गुप्ता, विनोद आर्या, सूरज, मिस्त्री सुशील राय, मुकेश कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।

अंग्रेजी शराब के साथ पकड़ा कारोबारी, बाइक जब्त

अंग्रेजी शराब के साथ पकड़ा कारोबारी, बाइक जब्त

34 लीटर शराब के साथ पकड़ा गया शराब कारोबारी
अविनाश श्रीवास्तव 
पटना/बेगूसराय। जहां बिहार राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश के द्वारा शराब के व्यापार पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा रखी है। इसके बावजूद भी बिहार में शराब तस्करी से जुड़े कई मामले सामने आते रहते हैं। कहीं ना कहीं, प्रशासनिक स्तर पर चूक के कारण यह अवैध व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है। प्रखंड के जवाही दियार इलाके में 14/07/2022 संध्या गस्ती के समय 34.530ml अंग्रेजी शराब के साथ धंधेबाज पकड़ा गया। साथ ही में हीरो सुपर स्प्लेंडर बाइक भी चक्की ओपी पुलिस ने जब्त कर ली। साथ ही उसकी पहचान राजू कुमार यादव, पिता उमाशंकर यादव, जवाही दियार का रहने वाला है। जिसे शुक्रवार को पुलिस ने कांड दर्ज का उपस्थापन हेतु माननीय न्यायालय भेज दिया।

तहसीलदार-लेखपाल के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

तहसीलदार-लेखपाल के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने करेली स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में मण्डलीय प्रशिक्षु नायब तहसीलदार एवं लेखपाल के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रशिक्षण शुभारम्भ कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रशिक्षण पूरे मनोयोग के साथ करिएगा, जितना अच्छी तहर से प्रशिक्षण लेगे, उतना ही बेहतर कार्य करेंगे तथा सुख तभी मिलता है, जब आप अच्छा कार्य करते है। प्रशिक्षण से ही आगे बढ़ने एवं सीखने का मौका मिलता है। राजस्व विभाग में बहुत बारिकी से कार्य करना पड़ता है, वे तभी बेहतर कर पायेंगे, जब प्रशिक्षण अच्छी तरह से प्राप्त करेंगे।
कार्य का निस्तारण समयबद्धता एवं गुणवत्ता पूर्ण जितना होगा, उतना ही अच्छा होता है तथा आगे का और कार्य भी इसी प्रशिक्षण पर आधारित होता है तथा अपने प्रशासकीय दायित्वों का निर्वहन करना होगा। इस अवसर पर अपर मण्डलायुक्त प्रशासन सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, मुख्य राजस्व अधिकारी एवं एडीएम प्रशासन हर्ष देव पाण्डेय सहित सम्बंधित अपर नगर मजिस्टेªट उपस्थित रहे।

भीमशंकर मंदिर का महत्व, जानिए पूजन विधि

भीमशंकर मंदिर का महत्व, जानिए पूजन विधि

सरस्वती उपाध्याय
भीमशंकर मंदिर भोरगिरि गांव खेड़ से 50 कि.मि. उत्तर-पश्चिम पुणे से 110 कि.मि में स्थित है। यह पश्चिमी घाट के सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है। यहीं से भीमा नदी भी निकलती है। यह दक्षिण पश्चिम दिशा में बहती हुई रायचूर जिले में कृष्णा नदी से जा मिलती है। यहां भगवान शिव का प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है। भीमशंकर महादेव काशीपुर में भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर और तीर्थ स्थान है। यहां का शिवलिंग काफी मोटा है। जिसके कारण इन्हें मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है। पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है। आसाम में शिव के द्वाद्श ज्योर्तिलिगों में एक भीमशंकर महादेव का मंदिर है। काशीपुर के मंदिर का उन्हीं का रूप बताया जाता है।

प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र भीमशंकर मंदिर महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित सह्याद्रि नामक पर्वत पर है। यह स्थान नासिक से लगभग 120 मील दूर है। यह मंदिर भारत में पाए जाने वाले बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। 3,250 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर का शिवलिंग काफी मोटा है। इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। इसी मंदिर के पास से भीमा नामक एक नदी भी बहती है, जो कृष्णा नदी में जाकर मिलती है। पुराणों में ऐसी मान्यता है कि जो भक्त श्रद्वा से इस मंदिर के प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद 12 ज्योतिर्लिगों का नाम जापते हुए इस मंदिर के दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर होते हैं तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं।

भीमशंकर मंदिर का इतिहास...

भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। शिवपुराण में कहा गया है कि पुराने समय में कुंभकर्ण का पुत्र भीम नाम का एक राक्षस था। उसका जन्म ठीक उसके पिता की मृ्त्यु के बाद हुआ था। अपनी पिता की मृ्त्यु भगवान राम के हाथों होने की घटना की उसे जानकारी नहीं थी। बाद में अपनी माता से इस घटना की जानकारी हुई तो वह श्री भगवान राम का वध करने के लिए आतुर हो गया। अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए उसने अनेक वषरें तक कठोर तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर उसे ब्रह्मा जी ने विजयी होने का वरदान दिया। वरदान पाने के बाद राक्षस निरंकुश हो गया। उससे मनुष्यों के साथ साथ देवी-देवता भी भयभीत रहने लगे। धीरे-धीरे सभी जगह उसके आंतक की चर्चा होने लगी। युद्ध में उसने देवताओं को भी परास्त करना प्रारंभ कर दिया। उसने सभी तरह के पूजा पाठ बंद करवा दिए। अत्यंत परेशान होने के बाद सभी देव भगवान शिव की शरण में गए। भगवान शिव ने सभी को आश्वासन दिलाया कि वे इस का उपाय निकालेंगे। भगवान शिव ने राक्षस तानाशाह भीम से युद्ध करने की ठानी। लड़ाई में भगवान शिव ने दुष्ट राक्षस को राख कर दिया और इस तरह अत्याचार की कहानी का अंत हुआ। भगवान शिव से सभी देवों ने आग्रह किया कि वे इसी स्थान पर शिवलिंग रूप में विराजित हो़। उनकी इस प्रार्थना को भगवान शिव ने स्वीकार किया और वे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के रूप में आज भी यहां विराजित हैं।

मंदिर की संरचना...

भीमशंकर मंदिर नागर शैली की वास्तुकला से बनी एक प्राचीन और नई संरचनाओं का समिश्रण है। इस मंदिर से प्राचीन विश्वकर्मा वास्तुशिल्पियों की कौशल श्रेष्ठता का पता चलता है। इस सुंदर मंदिर का शिखर नाना फड़नवीस द्वारा 18वीं सदी में बनाया गया था। कहा जाता है कि महान मराठा शासक शिवाजी ने इस मंदिर की पूजा के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान की। नाना फड़नवीस द्वारा निर्मित हेमादपंथि की संरचना में बनाया गया एक बड़ा घंटा भीमशंकर की एक विशेषता है। अगर आप यहां जाएं तो आपको हनुमान झील, गुप्त भीमशंकर, भीमा नदी की उत्पत्ति, नागफनी, बॉम्बे प्वाइंट, साक्षी विनायक जैसे स्थानों का दौरा करने का मौका मिल सकता है। भीमशंकर लाल वन क्षेत्र और वन्यजीव अभयारण्य द्वारा संरक्षित है जहां पक्षियों, जानवरों, फूलों, पौधों की भरमार है। यह जगह श्रद्धालुओं के साथ-साथ ट्रैकर्स प्रेमियों के लिए भी उपयोगी है। यह मंदिर पुणे में बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां दुनिया भर से लोग इस मंदिर को देखने और पूजा करने के लिए आते हैं। भीमाशंकर मंदिर के पास कमलजा मंदिर है। कमलजा पार्वती जी का अवतार हैं। इस मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है।

भीमशंकर मंदिर जाने का समय...

यहां आने वाले श्रद्धालु कम से कम तीन दिन जरूर रुकते हैं। यहां श्रद्धालुओं के लिए रुकने के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई है। भीमशंकर से कुछ ही दूरी पर शिनोली और घोड़गांव है जहां आपको हर तरह की सुविधा मिलेगी। यदि आपको भीमशंकर मंदिर की यात्रा करनी है तो अगस्त और फरवरी महीने की बीच जाएं। वैसे आप ग्रीष्म ऋतु को छोड़कर किसी भी समय यहां आ-जा सकते हैं। वैसे जिन्हें ट्रैकिंग पसंद है उन्हें मानसून के दौरान बचने की सलाह दी जाती है।

कैसे पहुंचें ?

आप यहां सड़क और रेल मार्ग के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं। आप शिवाजीनगर, पुणे से राज्य परिवहन की बसें प्राप्त कर सकते हैं। किराया रु। 155 है और पुणे से वहाँ पहुँचने में लगभग 4-5 घंटे लगते हैं। महाशिवरात्रि या प्रत्येक माह में आने वाली शिवरात्रि को यहां पहुंचने के लिए विशेष बसों का प्रबन्ध भी किया जाता है।

पूजन विधि...

पूजन के 16 उपचार होते हैं, जैसे 1. पांच उपचार, 2. दस उपचार, 3. सोलह उपचार।
1. पांच उपचार : गंध, पुष्प, धूप, दीप और नेवैद्य।
2. दस उपचार : पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र निवेदन, गंध, पुष्प, धूप, दीप और नेवैद्य।
 
3. सोलह उपचार : पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नेवैद्य, आचमन, ताम्बुल, स्तवपाठ, तर्पण और नमस्कार। पूजन के अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा भी चढ़ाना चाहिए।
 
आप जिस भी उपचार के माध्यम से पूजा करना चाहते हैं करें।
 
सोमवार की पूजा...

1. सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।
 
2. सोमवार के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
 
3. उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें।
 
4. फिर शिवलिंग पर दूध, फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं। मंत्रोच्चार सहित शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल एवं बेल की पत्तियां चढ़ाएं। माता पार्वती जी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
 
5. इसके बाद उनके समक्ष धूप, तिल के तेल का दीप और अगरबत्ती जलाएं।
 
6. इसके बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

7. पूजा के अंत में शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।
 
8. पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करें।
 
9. शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी आवश्यक है।
 
10. व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए।
 
11. दिन में दो बार (सुबह और सायं) भगवान शिव की प्रार्थना करें।
 
12. संध्याकाल में पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोलें और सामान्य भोजन करें।
 
पूजा का कॉमन तरीका...
 
1. पूजन में शुद्धता व सात्विकता का विशेष महत्व है, इस दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत हो भगवान का स्मरण करते हुए भक्त व्रत एवं उपवास का पालन करते हुए भगवान का भजन व पूजन करते हैं।
 
2. नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद अपने ईष्ट देव या जिसका भी पूजन कर रहे हैं उन देव या भगवान की मूर्ति या चि‍त्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें। मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें।
 
3. पूजन में देवताओं के सामने धूप, दीप अवश्य जलाना चाहिए। देवताओं के लिए जलाए गए दीपक को स्वयं कभी नहीं बुझाना चाहिए।
 
4. फिर देवताओं के मस्तक पर हलदी कुंकू, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं। फिर उनकी आरती उतारें। पूजन में अनामिका अंगुली (छोटी उंगली के पास वाली यानी रिंग फिंगर) से गंध (चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी) लगाना चाहिए।
 
5. पूजा करने के बाद प्रसाद या नैवेद्य (भोग) चढ़ाएं। ध्यान रखें कि नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है। प्रत्येक पकवान पर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है।

 6. अंत में आरती करें। जिस भी देवी या देवता के तीज त्योहार पर या नित्य उनकी पूजा की जा रही है तो अंत में उनकी आरती करने नैवेद्य चढ़ाकर पूजा का समापन किया जाता है।
 
7. घर में या मंदिर में जब भी कोई विशेष पूजा करें तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन भी किया जाता। लेकिन विस्तृत पूजा तो पंडित ही करता है अत: आप ऑनलाइन भी किसी पंडित की मदद से विशेष पूजा कर सकते हैं। विशेष पूजन पंडित की मदद से ही करवाने चाहिए, ताकि पूजा विधिवत हो सके।

बंदरगाह से 73 किलोग्राम हेरोइन जब्त की: पुलिस

बंदरगाह से 73 किलोग्राम हेरोइन जब्त की: पुलिस 

अमित शर्मा 
चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में राज्य के नावा शेवा बंदरगाह से 73 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है। पंजाब पुलिस ने एक बयान में कहा कि पिछले एक सप्ताह में उसने केंद्रीय एजेंसियों की मदद से संयुक्त अंतरराज्यीय अभियान के दौरान 148 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है।
पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मादक पदार्थों के खिलाफ जारी हमारी लड़ाई में पंजाब पुलिस ने आज एक और बड़ी कामयाबी हासिल की। महाराष्ट्र पुलिस के साथ चलाए गए संयुक्त अभियान में न्हावा-शेवा बंदरगाह से 73 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई है।’’ उन्होंने कहा कि अभियान जारी है और इस मामले से संबंधित अन्य पहलुओं की पड़ताल की जा रही है।

23 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की अनुमति नहीं

23 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की अनुमति नहीं 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक अविवाहित गर्भवती महिला को 23 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की अनुमति नहीं दी। महिला याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत के समक्ष दलील दी कि महिला अविवाहित है और वह बड़ी मानसिक पीड़ा से गुजर रही है, इसलिए वह बच्चे को पालने की स्थिति में नहीं है।
उन्होंने अविवाहित महिलाओं के गर्भपात से संबंधित कानून भेदभावपूर्ण है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने सुनवाई के बाद कहा, “ हम आपको उस बच्चे को मारने की अनुमति नहीं देंगे। हमें बहुत अफसोस है। यह वस्तुतः भ्रूण हत्या के बराबर है।”
न्यायालय ने कहा, “ हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लड़की को कहीं सुरक्षित रखा जाए और वह प्रसव करा सके। बच्चे को गोद लेने के लिए लोगों की बड़ी कतार है। ” अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को प्रसव होने तक कहीं सुरक्षित स्थान पर रखा जाए, बाद में बच्चे को गोद लिया जा सकता है।

एक साल में 3 गैस-सिलेंडर लेने का मौका मिलेगा

एक साल में 3 गैस-सिलेंडर लेने का मौका मिलेगा

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। महंगाई से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अब आपको एक साल में तीन गैस-सिलेंडर लेने का मौका मिलेगा। दरअसल, केंद्र सरकार गरीबों की हर संभव मदद करने की कोशिश कर रही है। पहले सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त राशन दिया जाता था, अब राशन कार्ड धारकों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिया जा रहा है।
इन्हें मिलेगा मुफ्त  गैस सिलेंडर
अगर आप भी अंत्योदय कार्ड धारक हैं तो मजा आने वाला है। केंद्र सरकार की ओर से कार्डधारकों को गैस सिलेंडर मुफ्त दिया जाएगा। उत्तराखंड की धामी सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राशन कार्ड धारकों को सालाना 3 एलपीजी सिलेंडर मुफ्त में दिए जाएंगे।

हालांकि, सरकार के इस कदम से सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, लेकिन आम लोगों को इसका फायदा जरूर मिलेगा। इस घोषणा के साथ ही इसमें कुछ शर्तें भी हैं जिनका पालन करना जरूरी होगा।मुफ्त गैस सिलेंडर  लेने के लिए लाभार्थी का उत्तराखंड का निवासी होना अनिवार्य है। अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को गैस कनेक्शन कार्ड से जोड़ा जाना चाहिए। अगर आप भी उत्तराखंड सरकार की इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इस महीने यानि जुलाई में अपना अंत्योदय कार्ड लिंक करें। यदि आप कार्ड को लिंक नहीं कराते हैं, तो आप सरकार की मुफ्त गैस सिलेंडर की योजना से वंचित हो जाएंगे। उत्तराखंड सरकार के इस फैसले से राज्य के करीब दो लाख अंत्योदय कार्ड धारकों को बड़ा फायदा होगा। वहीं, इस योजना से सरकार को कुल 55 करोड़ रुपये का बोझ उठाना पड़ेगा।

अगले 5 दिनों में लू चलने की संभावना जताई

अगले 5 दिनों में लू चलने की संभावना जताई इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। दिल्ली समेत देशभर में गर्मी बढ़ रही है। आने वाले दिनों के लिए भारत मौसम वि...