गुरुवार, 2 जून 2022

2 से 10 जून के बीच खाद्यान्न का निशुल्क वितरण, निर्देश

2 से 10 जून के बीच खाद्यान्न का निशुल्क वितरण, निर्देश

हरिशंकर त्रिपाठी
देवरिया। जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया है कि जनपद के अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत माह मई, 2022 के सापेक्ष आवंटित खाद्यान्न का माह जून, 2022 में 02 जून से 10 जून के बीच निशुल्क वितरण कराये जाने का निर्देश आयुक्त, खाद्य तथा रसद विभाग, उ.प्र. लखनऊ द्वारा दिया गया है। जिसके अन्तर्गत वितरण कार्य किया जाएगा।
जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया है कि अंत्योदय कार्ड धारकों को प्रति कार्ड 35 कि.ग्रा. खाद्यान्न (20 कि.ग्रा. गेहूँ तथा 15 कि.ग्रा. चावल) तथा पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को राशन कार्ड में सम्मिलित प्रत्येक यूनिट 05 कि.ग्रा. खाद्यान्न (03 कि.ग्रा. गेहूँ एवं 02 कि.ग्रा. चावल) निशुल्क वितरित किया जाएगा।
जनपद के समस्त कार्डधारकों को उन्होंने अवगत कराया है कि अपने उचित दर दुकान से उपरोक्तानुसार मात्रा में आवश्यक वस्तुए उपरोक्त निर्धारित समयावधि में निशुल्क प्राप्त करें।

गांधी समेत कुछ नेता भी कोरोना संक्रमित मिलें

गांधी समेत कुछ नेता भी कोरोना संक्रमित मिलें 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी कोरोना संक्रमित पाई गई हैं। उनके अलावा बैठक में आए कुछ नेता भी संक्रमण के शिकार हो गए हैं। सुरजेवाला ने बताया कि सोनिया गांधी को कल (बुधवार) शाम को हल्का बुखार आया था, इसके बाद हुए उनकी जांच की गई तो वह कोरोना संक्रमित पाई गई। सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया गांधी पिछले एक सप्ताह में बहुत सारे नेताओं, कार्यकर्ताओं से मिलीं। जिसके कारण उन्हें संक्रमण हो गया।
सुरजेवाला ने बताया कि सोनिया गांधी ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। उन्होंने उनके संपर्क में आए सभी नेताओं से जांच कराने की अपील की है। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। वह जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगी। बता दें कि 8 जून को सोनिया गांधी को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश भी होना है। हालांकि, सुरजेवाला ने कहा है कि सोनिया गांधी ने विशेष तौर पर उन्हें कहा है कि वह 8 जून को ED(प्रवर्तन निदेशालय) के समक्ष आवश्य पेश होंगी।
 (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए समन भेजा है। ईडी सोनिया से आठ जून को पूछताछ करेगी, जबकि राहुल को बृहस्पतिवार को पेश होने को कहा है। हालांकि, राहुल देश में नहीं हैं। उन्होंने जांच एजेंसी से पांच जून के बाद कभी भी पेशी की तारीख रखने का आग्रह किया है।

यौन उत्पीड़न के आरोप में दायर केस को खारिज किया

यौन उत्पीड़न के आरोप में दायर केस को खारिज किया

इकबाल अंसारी  
शिलोंग। मेघालय उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के आरोप में मोहम्मद सैमुल्लाह नाम के एक शख्स के खिलाफ दायर केस को खारिज कर दिया। अदालत ने इस पर एक बड़ा बयान दिया जिसमें कहा है कि एक नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ना और उसे सुंदर कहना तब तक यौन अपराधों की श्रेणी में नहीं आएगा, जब तक हाथ पकड़ने वाले का अपराध करने का इरादा न हो।
दरअसल यह मामला 9 साल की बच्ची से जुड़ा है। जब वह 55 साल के मोहम्मद सैमुल्लाह को पानी देने आई तो उसने बच्ची का हाथ पकड़ लिया और सहलाते हुए कहा था कि उसके हाथ सुंदर हैं। बच्ची तुरंत वहां से निकल गई और मां को इस पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद सैमुल्लाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
स्पेशल पॉक्सो (POCSO) कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (एक महिला का शील भंग) और 354A (यौन उत्पीड़न) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 7 (यौन हमला) और 9 (गंभीर यौन हमला) के तहत आरोप तय किए थे। जस्टिस डिएंगदोह ने कहा कि बंडू विट्ठलराव बोरवार बनाम महाराष्ट्र के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि ऐसे मामलों में आरोपी के इरादों के बारे में जानना जरूरी है।
जस्टिस डिएंगदोह ने कहा कि मौजूदा मामले में हम बॉम्बे हाईकोर्ट की राय से सहमत हैं कि आरोपी का किसी भी तरह से यौन उत्पीड़न का इरादा नहीं था और यह सेक्शुअल असॉल्ट के तहत नहीं आता। सिंगल बेंच जज डब्ल्यू डिएंगदोह ने आगे कहा कि आरोपी ने कथित रूप से कोई अपराध नहीं किया है। इसलिए उसे दोषी नहीं ठहराया जाएगा। जस्टिस डिएंगदोह ने कहा ऐसे में केस जारी रखना केवल समय की बर्बादी होगी। न्याय पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है।

'भूलन द मेज' फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की जाएंगी

'भूलन द मेज' फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की जाएंगी

दुष्यंत टीकम  
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की है कि 'भूलन द मेज' फिल्म की मीडिया कर्मियों और उनके परिजनों के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग की जाएंगी। उन्होंने कहा है कि 'मीडिया कर्मी अपने-अपने माध्यमों से फिल्म को प्रसारित करें जिससे छत्तीसगढ़ के कलाकारों, संस्कृति एवं पर्यटन को अधिक से अधिक बढ़ावा मिल सके।' मुख्यमंत्री ने कहा है कि 'फिल्म को टैक्स फ्री घोषित कर दिया गया है जिससे छत्तीसगढ़ के नागरिक कम दाम में ही छत्तीसगढ़ी फिल्म का आनंद उठा सकें। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से भी अधिक से अधिक संख्या में फिल्म देखने की अपील की है।' उन्होंने कहा कि 'यदि छत्तीसगढ़ की सहजता, सरलता देखनी हो तो इस फिल्म को अवश्य देखें।' बघेल ने कहा कि 'अधिक से अधिक संख्या में दर्शक फिल्म देखने जाएंगे तो फिल्म के कलाकारों का उत्साहवर्धन होगा साथ ही छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा।

सेल्फ-लव: 11 जून को खुद से शादी करेंगी, क्षमा

सेल्फ-लव: 11 जून को खुद से शादी करेंगी, क्षमा

इकबाल अंसारी  
गांधीनगर। देश में शादी को सात जन्मों का रिश्ता माना जाता है। शादी का दिन हर किसी के लिए खास होता है। गुजरात की क्षमा बिंदु आने वाले 11 जून को एक शादी करने जा रही हैं, लेकिन उनकी ये शादी इन दिनों काफी चर्चा में हैं।
दरअसल, वड़ोदरा में रहने वाली 24 वर्षीय क्षमा बिंदु खुद से शादी करने जा रही हैं। उनकी इस शादी में रीति रिवाज, फेरे से लेकर पारंपरिक अनुष्ठान तक सब होगा, लेकिन बस दुल्हा नहीं होगा। इसे गुजरात का पहला आत्म-विवाह या एकल विवाह कहा जा रहा है।
इस आत्म विवाह को लेकर क्षमा बिंदु का कहना है कि मैं कभी शादी नहीं करना चाहती थी, लेकिन मैं दुल्हन बनना चाहती थी। इसलिए मैंने खुद से शादी करने का फैसला किया। शायद अपने देश में मैं सेल्फ-लव का एक उदाहरण सेट करने वाली पहली लड़की हूं।
बता दें कि क्षमा बिंदु प्राइवेट फर्म में जॉब करती है। उन्होंने बताया कि लोग इस तरह की शादी को इरेलीवेंट मान सकते हैं, लेकिन मैं यह बताना चाहती हूं महिलाएं भी मायने रखती हैं। लोग उस इंसान से शादी करते हैं जिससे वो प्यार करते हैं। मैं खुद से प्यार करती हूं इसलिए आत्म विवाह कर रही हूं। वहीं, क्षमा बिंदु के माता-पिता भी अपनी बेटी के फैसले से खुश है। उन्होंने इस शादी को आशीर्वाद भी दिया है। क्षमा ने अपनी शादी के लिए गोत्री के एक मंदिर में पांच मन्नतें लिखी हैं। इतना ही नहीं शादी के बाद क्षमा हनीमून के लिए भी जाएंगी। क्षमा ने हनीमून के लिए गोवा को चुना है, यहां पर वह दो हफ्ते रहेंगी।

फल, औषधि और आहार हैं इमली, जानिए

फल, औषधि और आहार हैं इमली, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय  
इमली का नाम सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है। इस चटपटी इमली के अपने कई गुण तो हैं ही, इसे दाल या सब्जी वगैरह में डाल दिया जाए तो स्वाद निखर आएगा। आयुर्वेद में इमली को विशेष बताया गया है। इमली देसी है या विदेशी, वह बहस का विषय है, लेकिन भारत में इसकी खपत बहुत अधिक है। 
असल में इमली है क्या ?
यह भी समझने की बात है। ऐसा क्यों कहा जाता है कि इसके पेड़ पर ‘भूत’ रहते हैं, इसलिए उसके नीचे नहीं सोना चाहिए ?
इमली का खट्टापन इतना जर्बदस्त स्वाद लिए होता है कि मनुष्य इसे खाए बिना नहीं रह पाता। चटनी को तो आप जानते ही हैं। भारतीय भोजन की जान है चटनी, क्योंकि यह स्वाद को बढ़ाती है और स्वादिष्ट चटनी बिना इमली के नहीं बन सकती। भारत की रसोई में जबर्दस्त घुसपैठ बनाने वाली इमली आई कहां से है। एक पक्ष का सीधा मानना है कि इमली अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की मूल निवासी है। खासतौर से सूडान, कैमरून और नाइजीरिया। उसके बाद यह फारस और अरब पहुंची। यह भी जानकारी मिली है कि ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में प्राचीन मिस्रवासी और यूनानी अपने भोजन व अन्य कार्यों में इमली का प्रयोग करते थे। ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में प्राचीन मिस्रवासी और यूनानी अपने भोजन व अन्य कार्यों में इमली का प्रयोग करते थे।

चरकसंहिता में है इमली का विशेष वर्णन...
भारत में इमली की स्थिति यह है कि ईसा पूर्व सातवीं-आठवीं शताब्दी में लिखे गए भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में इमली के साथ-साथ उसके समकक्ष वृक्षाम्लं और अम्लवेतस का भी वर्णन है। मजेदार बात यह है कि इमली का वैज्ञानिक नाम `इमलींडस इंडिका` है और फारसी और अरबी में ‘तामार हिंदी’ कहा जाता है। जबकि दावा यह है किया गया है कि सूडान से फारस और अरब होते हुए इमली भारत आई। उसके बाद यह पूरे एशिया क्षेत्र में फैल गई।

फल, औषधि और आहार हैं इमली...
भारत में इमली की जबर्दस्त खपत है। दक्षिण भारत सहित पूरे भारत में सब्जियों, स्पेशल डिश, चटनी आदि में इसका खूब प्रयोग होता है। इसके बावजूद भारत में इसका व्यापार व्यवस्थित नहीं है। इमली की सबसे ज्यादा उपज बिहार, उड़ीसा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु आदि राज्यों में होती है। इमली को किस श्रेणी में रखा जाए। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे फल बताया गया है तो आयुर्वेद से जुड़े चिकित्सक इसे औषधि की श्रेणी में रखते हैं तो फूड विशेषज्ञ इसे आहार मानते हैं। असलियत यह है कि तीनों ही श्रेणी में इमली का जलवा चल रहा है।
आयुर्वेदिक ग्रंथों में इमली को फल बताया गया है तो आयुर्वेद से जुड़े चिकित्सक इसे औषधि की श्रेणी में रखते हैं तो फूड विशेषज्ञ इसे आहार मानते हैं।
कई बीमारियों को कंट्रोल करती है। इमली
‘चरकसंहिता’ में कहा गया है कि इमली की तासीर गर्म है और यह वात व कफ को ठीक करती है। यह मदिरा का नशा कम करती है और हिचकी को रोकती है। फूड एंड न्यूट्रिशियन कंसलटेंट नीलांजना सिंह के अनुसार कहा जाता है कि खट्टा शरीर के लिए नुकसानदायक है, लेकिन इमली इस मिथक को तोड़ती है। इसका सेवन हाईपरटेंशन को कम करता है, बेड कॉलेस्ट्रॉल का घटाता और गुड कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। यह एंटी बैक्टिरियल भी है और इसमें एंटी ऑक्सिडेंट के भी गुण हैं। इस बात पर शोध चल रहा है कि इमली की गुठली केंसर का इलाज कर सकती है।
इमली में काफी मात्रा में हाइड्रोऑक्साइट्रिक एसिड होता है, जो फैट को जलाने वाले एन्जाइम का पोषण करता है।
उन्होंने बताया कि इमली पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है। इमली में काफी मात्रा में हाइड्रोऑक्साइट्रिक एसिड होता है, जो फैट को जलाने वाले एन्जाइम का पोषण करता है। इसमें फाइबर और आयरन भी है‌। इसका अधिक सेवन शरीर में एलर्जी पैदा कर सकता है, दांतों को भी जकड़ देता है। इसका अधिक सेवन पेट को गुड़गुड़ा सकता है। डायबिटिक लोगों को भी इमली का कम सेवन करना चाहिए।

भूत का मसला बड़ा ही रोचक है...
इमली को लेकर हमें एक मिथक की जानकारी मिली कि इसके पेड़ के नीचे सोने या आसपास ज्यादा समय तक रहने से ‘भूत’ पकड़ लेते हैं, मनुष्य बीमार हो जाता है और उसकी त्वचा पर निशान पड़ जाते हैं। इसी ‘भूत’ के चलते चक्कर आते हैं, जी मितलाता है और कमजोरी भी महसूस होती है। इसलिए इमली के पेड़ को दूर से ही प्रणाम कर लेना चाहिए। इस मसले पर सरकारी अस्पताल में कार्यरत आयुर्वेदाचार्य डॉ. आरपी पराशर ने बताया कि असल में यह पेड़ अपने चारों ओर अम्लता का आवरण बनाए रखता है। इसके अलावा इसकी पत्तियों से सूक्ष्म द्रव भी निकलता है। इन दोनों के कारण ही शरीर में अम्लीय वायु प्रवेश करती रहती है, जिससे चक्कर व जी मितलाने की प्रवृत्ति पैदा हो जाती है। साथ ही त्वचा पर चकत्ते भी पड़ जाते हैं, इसलिए हमारे बड़े-बूढ़ों ने जोड़ दिया कि इस पेड़ पर भूत-प्रेत का वास होता है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-237, (वर्ष-05)
2. शुक्रवार, जून 3, 2022
3. शक-1944, ज्येष्ठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:33, सूर्यास्त: 07:01।
5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-43+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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संपर्क सूत्र :- +919350302745
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डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की पंकज कपूर  नैनीताल/हल्द्वानी। उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में नैनीताल ...