मंगलवार, 10 मई 2022

'सशस्त्र बल विशेषाधिकार' अधिनियम हटेंगा

'सशस्त्र बल विशेषाधिकार' अधिनियम हटेंगा 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि जल्द ही पूरे असम से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) को हटा लिया जाएगा। क्योंकि बेहतर कानून-व्यवस्था और उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौते के कारण पहले ही राज्य से इसे आंशिक रूप से हटा दिया गया है।
सुरक्षा स्थितियों में सुधार के मद्देनजर केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में आफस्पा के तहत आने वाले अशांत क्षेत्रों को धीरे-धीरे घटाना शुरू किया है। केंद्रीय गृह मंत्री असम के दो दिवसीय दौरे पर हैं। असम पुलिस को मंगलवार को ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ (राष्ट्रपति के ध्वज) से सम्मानित करने के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के प्रयासों के कारण अधिकतर उग्रवादी संगठनों ने शांति समझौता किया है और ‘‘वह दिन भी अब दूर नहीं जब पूरा राज्य उग्रवाद और हिंसा से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।
’उन्होंने कहा, सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को 23 जिलों से पूरी तरह और एक जिले से आंशिक रूप से हटा दिया गया है। मुझे विश्वास है कि पूरे राज्य से इसे जल्द ही हटा दिया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि जो लोग आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आए हैं, उनके पुनर्वास के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें काम कर रही हैं।
अमित शाह ने कहा, असम पुलिस का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। इसने उग्रवाद, सीमा संबंधी मुद्दों, हथियारों, मादक पदार्थ और मवेशियों की तस्करी, गैंडों का शिकार और जादू टोना जैसे सामाजिक मुद्दों से निपटने में सफलता प्राप्त की है और अब वह देश के अग्रणी पुलिस बलों में से एक के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि यह ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ के सही हकदार हैं। इससे पहले, शाह ने यहां अलंकरण परेड समारोह में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत की उपस्थिति में राज्य पुलिस को यह सम्मान दिया था।
ध्वज पर असम के नक्शे, यहां के जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 36 सितारे, एक सींग वाले गैंडे और असम पुलिस की आदर्श पंक्ति तथा प्रतीक चिन्ह अंकित है। असम देश का 10वां राज्य है, जिसे ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ से सम्मानित किया गया है। शांति और युद्ध के दौरान राष्ट्र की अनुकरणीय सेवा के लिए किसी भी सैन्य या पुलिस इकाई को दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान है।
असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को यहां एक पौधा भी लगाया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इस गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। गठबंधन सरकार की पहली वर्षगांठ के अवसर पर शाह ने एक जनसभा को भी संबोधित किया।

मोटरसाइकिल की टक्कर में बुजुर्ग-पोते की मौंत

मोटरसाइकिल की टक्कर में बुजुर्ग-पोते की मौंत 

मनोज सिंह ठाकुर  
दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक अज्ञात वाहन और मोटरसाइकिल की टक्कर में 65 वर्षीय बुजुर्ग और उसके 20 वर्षीय पोते की मौंत हो गई। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
बटियागढ़ थाना प्रभारी मनीष मिश्रा ने बताया कि हादसा सोमवार रात दूल्हा देव गांव के पास हुआ जब व्यक्ति अपने परिवार के एक सदस्य के विवाह का निमंत्रण परिचितों को देने जा रहे थे। 
उन्होंने बताया कि हादसे के बाद दादा-पोते दोनों को बटियागढ़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान कादर खान और उनके पोते इरशाद खान के रूप में हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

2 किशोरियों से बलात्कार करने का आरोप

2 किशोरियों से बलात्कार करने का आरोप  

कविता गर्ग  
मुंबई। महाराष्ट्र में फिल्मों में अभिनय का मौका दिलाने के बहाने, दो किशोरियों से बलात्कार करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मीरा भायंदर-वसई विरार पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि करीब एक साल पहले आरोपी दोनों किशोरियों को वसई इलाके स्थिति एक जंगल में ले गया, जहां उसने कथित रूप से कई बार उनका बलात्कार किया और उनके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध भी बनाएं। दोनों किशोरियों की आयु 13 वर्ष है।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने पीड़िताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की कथित धमकी देकर उनसे 70,000 रुपए भी मांगे। अधिकारी ने बताया कि लड़कियों के माता-पिता ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई।
जिसके बाद नालासोपारा में व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 384 (जबरन वसूली) और 506 (आपराधिक धमकी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है।

केंद्रीय मंत्री मिश्रा के भाषण का उल्लेख किया

केंद्रीय मंत्री मिश्रा के भाषण का उल्लेख किया 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के एक भाषण का उल्लेख किए जाने के बाद मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने किसानों के पक्ष में खड़े होने की बजाय, अपने मंत्री का साथ दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में न्याय की लड़ाई जारी रहेगी।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने ट्वीट किया, लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में सबसे अहम पहलू था गृह राज्य मंत्री का किसानों को देख लेने की धमकी वाला भाषण। भाजपा सरकार ने किसानों के पक्ष में खड़े होने की बजाय, अपने मंत्री की लाठी मजबूत की।  प्रियंका गांधी ने जोर देकर कहा, न्याय के लिए संघर्ष जारी है।
पीड़ित किसान परिवार और हम सब मिलकर न्याय की लौ बुझने नहीं देंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने लखीमपुर खीरी हिंसा के चार आरोपियों- लवकुश, अंकित दास, सुमित जायसवाल और शिशुपाल की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू कथित तौर पर संलिप्त हैं।
पीठ ने एसआईटी (विशेष जांच दल) के इस निष्कर्ष को भी ध्यान में रखा कि यदि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने घटना से कुछ दिन पहले किसानों के खिलाफ जनता के बीच कुछ कटु वक्तव्य न दिये होते तो शायद यह घटना न होती। पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थानाक्षेत्र में हिंसा के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई थी।
यह घटना तब हुई जब केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे।
घटना के बाद गुस्साए किसानों ने चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

शिव कुमार के निधन से सांस्कृतिक जगत दरिद्र हुआ

शिव कुमार के निधन से सांस्कृतिक जगत दरिद्र हुआ 

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विख्यात संतूर वादक और संगीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मंगलवार को कहा कि उनके निधन से सांस्कृतिक जगत दरिद्र हो गया। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, शिव कुमार शर्मा के निधन से हमारा सांस्कृतिक जगत मंगलवार को दरिद्र हो गया। उन्होंने संतूर को वैश्विक ख्याति दिलाई। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा।

उनसे हुई मुलाकातें और संवाद मुझे याद आ रहे हैं। उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’’ शिव कुमार शर्मा का मुंबई में मंगलवार को सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। वह भारत के जानेमाने शास्त्रीय संगीतकारों में से एक थे और अगले सप्ताह उन्हें भोपाल में एक कार्यक्रम प्रस्तुत करना था।

संस्थापक की जमानत याचिका पर जवाब मांगा

संस्थापक की जमानत याचिका पर जवाब मांगा 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ संगठन के संस्थापक खालिद सैफी की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। खालिद ने साल 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़ी कथित साजिश के मामले में खुद को जमानत देने की मांग की है।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने निचली अदालत के आठ अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली खालिद की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए पुलिस को नोटिस जारी किया। निचली अदालत ने खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने नोटिस को स्वीकार किया। 11 जुलाई को होगी। खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने कहा कि उनका मुवक्किल 800 दिनों से अधिक समय से हिरासत में है और उसका मामला अन्य सह-आरोपियों से काफी अलग है। निचली अदालत ने यह कहते हुए खाालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत होते हैं। अधिनियम की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे। खालिद पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों का कथित तौर पर मास्टरमाइंड होने का आरोप है। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-214, (वर्ष-05)
2. बुधवार, मई 11, 2022
3. शक-1944, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:33, सूर्यास्त: 07:01।
5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-41+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...