सोमवार, 25 अप्रैल 2022

नगर आयुक्त ने मेनहोल को बंद कराने के आदेश दिए

नगर आयुक्त ने मेनहोल को बंद कराने के आदेश दिए   

अश्वनी उपाध्याय        

गाजियाबाद। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने गोविंदपुरम में खुले मेनहोल में एक बच्ची के गिरने की खबर मिलते ही तत्काल मेनहोल को बंद कराने के आदेश दिए। इस घटना में बच्ची को गाजियाबाद नगर निगम तथा जन सहयोग से बाहर निकाला गया किसी प्रकार की कोई हानि नहीं हुई है। नगर आयुक्त ने इस घटना से संबंधित अधिकारी को शहर में काम कर रही कंपनी वन सिटी वन ऑपरेटर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए साथ ही अधिकारियों को पूरे शहर में इस प्रकार की समस्या का निस्तारण करने हेतु निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं।

एमएनए महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि शहर वासियों के सहयोग हेतु गाजियाबाद नगर निगम हर प्रकार से हमेशा तत्पर रहता है।  शहर वासियों से अपील की गई है कि इस प्रकार की कोई भी समस्या अगर देखने में आती है तो तत्काल गाजियाबाद नगर निगम संबंधित विभाग में सूचित करें तथा कार्यवाही में सहयोग प्रदान करें।

आईएएस अफसरों की नवीन पदस्थापना, आदेश

आईएएस अफसरों की नवीन पदस्थापना, आदेश 

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। राज्य शासन ने सोमवार को कई भारतीय प्रशासनिक सेवा अफसरों की नवीन पदस्थापना के आदेश जारी किए हैं। जारी सूची के अनुसार 1992 बैच के सुब्रत साहू अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री तथा अतिरिक्त प्रभार अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग (रेल परियोजनाएं) अपर मुख्य सचिव आवास एवं पर्यावरण ,अध्यक्ष छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को केवल अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करते हुए अपर मुख्य सचिव वन विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। 
इनका शेष प्रभार यथावत रहेगा। 
वही 1994 बैच के मनोज कुमार पिंगुआ प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग तथा अतिरिक्त प्रभार विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी सह निवेश आयुक्त छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम सीएसआईडीसी मुख्यालय दिल्ली प्रमुख सचिव वन विभाग प्रमुख आवासीय आयुक्त छत्तीसगढ़ भवन नई दिल्ली को केवल प्रमुख सचिव वन विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करते हुए प्रमुख सचिव गृह और जेल विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
साथ ही 2006 बैच के आईएएस भारती दासन जिनके पास सचिव मुख्यमंत्री तथा अतिरिक्त प्रभार सचिव कृषि ,नोडल अधिकारी नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी और छत्तीसगढ़ गोधन योजना को केवल कृषि विभाग नोडल अधिकारी ,नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी एवं छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करते हुए सचिव स्कूल शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।गौरव कुमार सिंह कलेक्टर जिला सूरजपुर को कलेक्टर मुंगेली के पद पर पदस्थ किया गया है।

हिंदुत्व विचारधारा एक संस्कृति हैं, अराजकता नहीं

हिंदुत्व विचारधारा एक संस्कृति हैं, अराजकता नहीं  

कविता गर्ग  

मुंबई। महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर उत्पन्न हुए राजनीतिक विवाद के बीच शिवसेना ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि हिंदुत्व विचारधारा एक संस्कृति हैं, अराजकता नहीं।
शिवसेना ने दावा किया कि निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति एवं विधायक रवि राणा ने जो कुछ भी किया उसके पीछे भाजपा का हाथ था।
गौरतलब है कि राणा दम्पत्ति को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी, जिससे शिवसेना के कार्यकर्ता बेहद आक्रोशित हो गए थे और उन्होंने दम्पति के आवास के आगे विरोध प्रदर्शन किया था।

मराठी दैनिक पत्र में आरोप लगाया गया कि राणा दम्पति शहर का माहौल खराब करना चाहते हैं। सम्पादकीय में कहा गया कि उन्हें यह सब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय परिसर में करना चाहिए।
सम्पादकीय में कहा गया, ‘‘ महाराष्ट्र में हिंदुत्व ठीक चल रहा है, क्योंकि इसका नेतृत्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कर रहे हैं।

राज्य में हनुमान चालीसा के पाठ पर कोई रोक नहीं है, लेकिन मातोश्री के बाहर इसे करने की जिद क्यों थी?’’
दैनिक पत्र में कहा गया, ‘‘ भाजपा द्वारा फैलाई अराजकता का समर्थन नहीं किया जाएगा। हिंदुत्व एक संस्कृति है, अराजकता नहीं।’’
मुंबई पुलिस ने राणा दंपत्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और बाद में उसमें राजद्रोह का आरोप भी जोड़ दिया। रविवार को मुंबई की एक अदालत ने राणा दंपति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद रविवार देर रात अमरावती से सांसद नवनीत राणा को भायखला महिला कारावास ले जाया गया था।

शिवसेना ने आरोप लगाया कि नवनीत राणा ने अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़ते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र दिया था।
सम्पादकीय में कहा गया, ‘‘ हनुमान सत्य के मार्ग पर चलने वाले राम के अनुयायी हैं।

नवनीत राणा, जिनका आधार खुद झूठ पर बना है, वह हनुमान चालीसा के नाम पर राजनीति कर रही हैं और भाजपा इसका महिमामंडन कर रही है।’’
शिवसेना ने कहा, ‘‘ अगर भाजपा ऐसे फर्जी लोगों से हनुमान चालीसा का पाठ कराना चाहती है, तो यह भगवान राम और हनुमान का अपमान है।’’
पार्टी ने दावा किया कि नवनीत राणा ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) जैसी ‘‘धर्मनिरपेक्ष’’ पार्टियों की मदद से 2019 का चुनाव जीता था, लेकिन अब वह भाजपा के खेमे में शामिल हो गई हैं।
केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए मराठी दैनिक पत्र में कहा गया कि सभी को एक प्रस्ताव दिया जा रहा है कि ठाकरे सरकार के बारे में कुछ भी बुरा बोलें और केंद्रीय बलों की सुरक्षा पाएं।
गौरतलब है कि नवनीत राणा को हाल ही में केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र कर्मियों से लैस वीआईपी सुरक्षा प्रदान की थी।

हिंदू धर्म में 'वरुथिनी एकादशी' का महत्व, जानिए

हिंदू धर्म में 'वरुथिनी एकादशी' का महत्व, जानिए   

सरस्वती उपाध्याय 

हिंदू धर्म में प्रचलित वरुथिनी एकादशी श्री हरिविष्णु को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से कई वर्षों के तप और कन्या दान करने के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, यह व्रत रखने से मनुष्य के सभी दुख दूर हो जाते हैं और सुखों की प्राप्ति होती है। वरुथिनी एकादशी का हिन्दू धर्म में खास महत्व है। वरुथिनी एकादशी पवित्र बैसाख महीने में आती है, तो आइए भक्त को सभी दुखों से मुक्ति दिलाने वाली वरुथिनी एकादशी व्रत की पूजा-विधि और महत्व के बारे में बताते हैं।

जानें, वरुथिनी एकादशी के बारे में...

हिंदू धर्म में प्रचलित वरुथिनी एकादशी श्री हरिविष्णु को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से कई वर्षों के तप और कन्या दान करने के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, यह व्रत रखने से मनुष्य के सभी दुख दूर हो जाते हैं और सुखों की प्राप्ति होती है। इस साल वरुथिनी एकादशी 26 अप्रैल को पड़ रही है। दरिद्रता, दुख और दुर्भाग्य दूर करने हेतु एकादशी तिथि पर आप भी इस व्रत कथा का श्रवण कर सकते हैं।

वरुथिनी एकादशी है विशेष...

वरुथिनी एकादशी व्रत से प्राप्त होने वाला फल विशेष होता है। यह फल सूर्य ग्रहण के दौरान किए गए दान के समान होता है। इस व्रत के प्रभाव से सभी दुखी प्राणियों को सुख मिलता है तथा राजा को स्वर्ग प्राप्त होता है। वरुथिनी एकादशी में वरुथिनी शब्द संस्कृत भाषा के वरूथिन से बना हुआ है, जिसका अर्थ होता है प्रतिरक्षक या कवच। पंडितों की मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी व्रत करने से विष्णु भगवान भक्तों की सभी प्रकार के संकट से रक्षा करते हैं।

वरुथिनी एकादशी से जुड़ी कथा...

प्राचीन काल में वरुथिनी एकादशी से जुड़े एक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार नर्मदा नदी के किनारे मांधाता नाम के राजा राज्य करते थे। राजा मांधाता बहुत दानी और तपस्वी स्वभाव के थे। एक बार वह राजा जंगल में तपस्या कर रहे थे। उसी समय एक भालू आया और वह राजा के पैर खाने लगा। लेकिन राजा तपस्या में लीन थे। इसलिए उन्होंने भालू को कुछ नहीं कहा और विष्णु भगवान को याद करने लगे। इस प्रकार विष्णु भगवान प्रकट हुए और उन्होंने राजा को भालू से बचा लिया। लेकिन जब तक विष्णु भगवान ने राजा को बचाया तब तक भालू ने राजा के पैरो को बहुत जख्मी कर दिया था। राजा मांधता के पैरों को बहुत नुकसान हो गया। तब विष्णु भगवान ने राजा को वृंदावन जाकर वरुथिनी एकादशी करने के कहा। वरुथिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से राजा के पैर पहले की तरह ठीक हो गए। 

'वरुथिनी एकादशी' का महत्व...

हिंदू धर्म में वरुथिनी एकादशी का खास महत्व होता है। इस एकादशी को सौभाग्य और पुण्य प्रदान करने वाला कहा गया है। इस व्रत को करने से सारे पाप और कष्ट मुक्त हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी व्रत का प्रभाव कन्या दान से मिलने वाले फल के समान होता है। हिन्दू धर्म में वरुथिनी एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। इसलिए वरुथिनी एकादशी व्रत में सावधानी बरतें। इस दिन व्रती कई प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए। इसमें व्यक्ति सत्य बोलें और झूठ से बचें। एकादशी के दिन क्रोध न करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। साथ ही कांसे के बर्तन में फलाहार न करें। व्रत के दिन जुआ नहीं खेलना चाहिए। इसके अलावा एकादशी के दिन पान नहीं खाएं और दातुन का प्रयोग न करें। जो भक्त एकादशी का व्रत नहीं करते हैं, उऩ्हें एकादशी के दिन चावल नहीं खाने चाहिए।

'एकादशी व्रत' की पूजा-विधि...

वरूथिनी एकादशी की पूजा बहुत विशेष होती है। इस दिन भगवान मधुसूदन और विष्णु के वराह अवतार की पूजा होती है। एकादशी व्रत में उपवास तो एकादशी के दिन रखा जाता है। लेकिन दशमी की रात से ही सावधानीपूर्वक व्रती को भोजन त्याग देना चाहिए। साथ ही दशमी के दिन से ही व्रत के नियमों का पालन प्रारम्भ कर देना चाहिए। इसके लिए दशमी के दिन मसूर की दाल और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा दशमी के दिन केवल एक बार ही भोजन ग्रहण करें। दशमी के दिन भोजन हमेशा सात्विक करें। वरुथिनी एकादशी के दिन सुबह जल्‍दी उठें। प्रातः नित्य कर्म से निवृत हो कर घर की साफ-सफाई करें और स्नान कर साफ कपड़े पहनें। उसके बाद व्रत करने का संकल्प करें। घर के मंदिर की साफ-सफाई करें। उसके बाद विष्णु भगवान के वराह अवतार की पूजा करें। पूजा के दौरान वरुथिनी एकादशी व्रत की कथा पढ़े और प्रसाद चढ़ाकर भगवान से प्रार्थना करें। एकादशी की रात में सोएं नहीं बल्कि रात्रि जागरण में कीर्तन करें। पंडितों का मानना है कि द्वादशी के दिन ब्राह्मण को भोजन करा कर दान दें। उसके बाद पारण करें।

पाक: गर्मी के मौसम में 'लोड शेडिंग' की समस्या बढ़ीं

पाक: गर्मी के मौसम में 'लोड शेडिंग' की समस्या बढ़ीं 

अखिलेश पांडेय          

इस्लामाबाद। गर्मी में पाकिस्तान के कई शहरों में रोजोना 8 से 15 घंटे बिजली गुल हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के शहर कराची, लाहौर, रावलपिंडी, क्वेटा, पेशावर, मुल्तान, बदीन, स्वात सहित कई अन्य शहरों में बिजली संकट की परेशानी बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान की नई सरकार भी जनता की परेशानी दूर करने में नाकाम हो रही है। गर्मी के भीषण मौसम में लोड शेडिंग की समस्या बढ़ती जा रही है और लोगों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खबरों के मुताबिक, गर्मी में पाकिस्तान के कई शहरों में रोजोना 8 से 15 घंटे बिजली गुल हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के शहर कराची, लाहौर, रावलपिंडी, क्वेटा, पेशावर, मुल्तान, बदीन, स्वात सहित कई अन्य शहरों में बिजली संकट की परेशानी बढ़ती जा रही है। यहां लंबे समय तक लोड शेडिंग हो रही है, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही हैं।

रमजान के महीने में लोगों को अपनी सेहरी और इफ्तार अंधेरे में करने को मजबूर होना पड़ रहा है। कराची के कई इलाकों में 15 घंटे तक लोड शेडिंग की खबर सामने आई है। शहर के लोड शेडिंग मुक्त क्षेत्रों में भी बिजली की कटौती देखने को मिल रही है। कई इलाकों में लोड शेडिंग की अवधि 8 से बढ़ाकर 15 घंटे कर दी गई है। के इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता के मुताबिक, राष्ट्रीय ग्रिड से 300 मेगावट की कमी के कारण यह बिजली आपूर्ति में परेशानी आ रही है। वहीं पंजाब के कई शहरी इलाकों में 8 से 9 घंटे तक लोड शेडिंग हो रही है। वहीं ग्रामीण इलाकों में 10 से 12 घंटे तक बिजली का नामोनिशान नहीं है। पावर डिवीजन ने कहा कि देश 17 हजार मेगावट बिजली उत्पादन कर रहा है लेकिन मांग बढ़ने से यह 19 हजार मेगावट तक पहुंच गई है।

 

रमजान का महीना, सहरी में 5 ड्रिंक्स का करें सेवन

रमजान का महीना, सहरी में 5 ड्रिंक्स का करें सेवन      

सरस्वती उपाध्याय 

रमजान का पवित्र महीना (Month of Ramzan) चल रहा है। इस पूरे महीने मुसलमान दिन भर रोजा रखते हैं और खुदा की इबादत करते हैं। माना जाता है कि रमजान के महीने में खुदा की इबादत करने और रोजा रखने से बाकी महीनों से ज्यादा नेकियां मिलती हैं और जन्नत का दरवाजा खुल जाता है। इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग 15 घंटे बिना कुछ खाए और पिएं रहते हैं। हालांकि, गर्मी के मौसम में दिन भर भूखा रहना बर्दाश्त किया जा सकता है। लेकिन प्यास को बर्दाश्त करना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर कुछ जरूरी चीजों का सेवन किया जाए तो दिन भर शरीर हाइड्रेट रहता है और एनर्जी भी बनी रहती है, तो आइए जानते हैं कि आप सहरी में किन चीजों का इस्तेमाल करें, जिससे पूरे दिन आप एनर्जी के साथ बिना प्यास महसूस किए गुजार सकें।

खजूर शेक...

रमजान के दिनों में इफ्तार की शुरुआत खजूर से ही की जाती है। ऐसे में अगर आप खजूर शेक बनाकर सहरी में पिएं तो आपको पूरे दिन प्यास नहीं लगेगी। खजूर में कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की कमजोरी को दूर करने का काम करते हैं।

किशमिश मिल्‍क...

किशमिश के सेवन से थकावट दूर होती है और शरीर की इम्‍यूनिटी अच्‍छी होती है। ऐसे में आप रमजान के दिनों में आधा लीटर दूध में 15 ग्राम किशमिश को डालकर उबाल लें और फ्रिज में रख दें। इसे आप सहरी में पियें। यह आपको पूरे दिन कमजोरी और प्यास से बचाएगी।

दही...

अगर आप सहरी में दही का सेवन करें तो इससे आपको दिन भर प्‍यास नहीं लगेगी और एनर्जी से भरपूर रहेंगेे। दरअसल दही में विटामिन, प्रोटीन, लैक्टोज, फास्फोरस और अधिक मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है जो हड्डियों के की सेहत से लेकर पाचन तंत्र को भी ठीक रखता है। इसके सेवन से पूरे दिन प्यास भी नहीं लगती हैै।

संतरे का जूस...

संतरे का फल अगर आप सहरी में पियें तो ये आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और आप दिन भर प्‍यास महसूस नहीं करते। संतरे में विटामिन सी, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन ए जैसे कई पोषक तत्व होते हैं जो कई बीमारियों को भी दूर रखने का काम करता हैै।

पानी पिएं...

दिन भर अगर आप प्‍यासे रहते हैं तो सहरी के समय ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पीने की कोशिश करें। रमजान के दिनों में सहरी में कम-से कम तीन गिलास नॉर्मल पानी जरूर पीना चाहिए। ऐसा करने से शरीर में बने रहे टॉक्सिन को फ्लश करने में आसानी होती है।

पाकिस्तान ने तालिबान को कड़ा संदेश दिया

पाकिस्तान ने तालिबान को कड़ा संदेश दिया 

सुनील श्रीवास्तव  
इस्लामाबाद/काबूल। अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने आतंकी संगठनों को पाकिस्तान के साथ सीमा वाले क्षेत्रों से दूर स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाने की शुरुआत कर दी है। तालिबान सरकार ने यह फैसला हाल ही में हुए सिलसिलेवार क्रॉस बॉर्डर हमलों को देखते हुए लिया है। जिसमें लगभग एक दर्जन पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इस पर इस्लामाबाद की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान भी शामिल है। तालिबान का नेतृत्व यह कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि, इन संगठनों ने अमेरिका के नेतृत्व वाले विदेशी बलों के खिलाफ उसके साथ लड़ाई लड़ी थी और ये समान विचारधारा साझा करते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि हाल ही में हुईं सीमा पार हमले की घटनाओं के बाद पाकिस्तान ने तालिबान को कड़ा संदेश दिया है। पाकिस्तान ने स्पष्ट शब्दों में तालिबान से कहा है कि वह या तो इन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे या फिर इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
अधिकारी ने कहा कि इनमें से कुछ आतंकी संगठन पहले ही हमारे सीमा इलाकों से हट चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग साफ है। या तो इन आतंकी संगठनों को समाप्त किया जाए या फिर कुछ ऐसा किया जाए कि यह कभी हमारे लिए खतरा न बन सकें। बता दें कि बीते कुछ सप्ताहों में सीमा पार आतंकवादी हमलों की संख्या बढ़ी है और इनमें कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं।
आतंकी घुसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए पाकिस्तान साल 2017 से अफगानिस्तान के साथ 2600 किलोमीटर लंबी सीमा की बाड़ाबंदी कर रहा है। हालांकि, अफगानिस्तान की ओर से इसे लेकर सख्त विरोध जताया गया है। जब तालिबान ने पिछले साल अफगानिस्तान की सत्ता हासिल की थी तो पाकिस्तान को उम्मीद थी कि नई सरकार इन आतंकी समूहों को लेकर कुछ कदम उठाएगी। 
अधिकारी ने कहा कि वादे के बावजूद तालिबान ने अब तक कोई निर्णयात्मक कार्रवाई नहीं की है। इससे तालिबान को ही नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि तालिबान की सरकार को अपनी आधिकारिक मान्यता को लेकर काम करना चाहिए और ऐसा करके वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अपना मामला और कठिन बना रहे हैं। उसे आतंकी गुटों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।

पहले चरण में टेस्टिंग लैब स्थापित करने की कार्यवाही

पहले चरण में टेस्टिंग लैब स्थापित करने की कार्यवाही   

संदीप मिश्र  

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राकृतिक खेती से जो खाद्यान्न उत्पादन हो रहा है। उसके लिए सभी 18 मंडलों में पहले चरण में टेस्टिंग लैब स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही, प्राकृतिक खेती के किसानों को उचित दाम मिल सके, इसलिए हर मंडी में अलग से व्यवस्था बनाकर व्यवस्थित मार्केटिंग के कार्य को हमने आगे बढ़ाना शुरू किया है। इसके अलावा बुंदेलखंड के सात जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर विशेष प्रयास कर रही है। 

मुख्यमंत्री योगी ने यह बातें सोमवार को नीति आयोग के नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअली सहभागिता करते हुए कहीं। नीति आयोग ने गो आधारित प्राकृतिक खेती और इनोवेटिव एग्रीकल्चर विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया था। मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन के अंत में कुछ सुझाव भी दिए। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने प्राकृतिक खेती को लेकर किए जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हम आभारी हैं कि केंद्रीय बजट में भी प्राकृतिक खेती को स्थान दिया गया है। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि पीएम की प्रेरणा से 2020 में हमने प्रदेश में नमामि गंगे यात्रा निकाली थी। इसके बाद हमने प्रदेश में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया था, जिसमें सात सौ से अधिक प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए प्रशिक्षकों ने हिस्सा लिया था। उत्तर प्रदेश में एक बड़े भूभाग में हम लोग प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ा रहे हैं और उसके बड़े अच्छे और चमत्कारिक परिणाम हमें देखने को मिले हैं। खासतौर पर नमामि गंगे और परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत पिछले तीन साल में प्रदेश में पहले चरण में जैविक खेती को आगे बढ़ावा दिया और 2020 के बाद से प्राकृतिक खेती को अपनाकर इस क्षेत्र में अनेक नवाचार भी किए हैं। नमामि गंगे योजना में भी प्रदेश के 27 जिलों में गंगा के तटवर्ती 10 किमी के अंदर प्राकृतिक खेती में ही औद्यानिकीकरण और कृषि वानिकी को शामिल करते हुए दो लाख से अधिक किसानों को जोड़ने के एक बड़े अभियान को हम आगे बढ़ा रहे हैं।

कार्यक्रम में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री आंध्र प्रदेश जगन मोहन रेड्डी, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही आदि मौजूद थे। 


पहली बार 3 माह में तीन मुख्य न्यायाधीश

पहली बार 3 माह में तीन मुख्य न्यायाधीश

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। यह पहला मौका होगा, जब देश की सर्वोच्च अदालत तीन माह में तीन मुख्य न्यायाधीश देखेगी। मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की यह प्रक्रिया अगस्त से नवंबर तक चलेगी। इतना ही नहीं, इस वर्ष सात माह में पांच न्यायाधीश भी सुप्रीम कोर्ट से रुखसत होंगे, सेवानिवृत्त होंगे और उनकी जगह वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस उदय उमेश ललित लेंगे। उनका कार्यकाल दो से ढाई माह का होगा और 65 वर्ष की आयु के बाद वह रिटायर हो जाएंगे। नवंबर में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। उनका कार्यकाल पूरे दो वर्ष का होगा, इस प्रकार तीन माह के छोटे अंतराल में तीन मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च अदालत का नेतृत्व करेंगे। जस्टिस ललित जहां वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत किए गए थे। वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के पुत्र हैं।
सेवानिवृत्त के मामले में जस्टिस विनीत शरण 10 मई को रिटायर होंगे, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एएम खानविल्कर 7 जून तथा 29 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे। मुख्य न्यायाधीश रमना 26 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे। जस्टिस इंदिरा बनर्जी 23 सितंबर को रिटायर होंगी। इससे सुप्रीम कोर्ट में महिला जजों की संख्या घटकर तीन रह जाएगी।
इसके बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता 16 अक्तूबर को अपना कार्यालय छोड़ेगे। वरिष्ठता नियमों के अनुसार जस्टिस ललित, जस्टिस रमना के बाद मुख्य न्यायाधीश पद संभालेंगे और 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ मुख्य न्यायाधीश बनेंगे और वह 10 नवंबर, 2024 तक पूरे दो वर्ष देश के मुख्य न्यायाधीश रहेंगे।
मुकदमों के लंबन पर असर होगा
कोविड-19 से उबरने के बाद जब कोर्ट चीजों को दुरुस्त कर ही रहा था तो रिटायरमेंट की यह लहर निश्चित रूप से कामकाज को प्रभावित करेगी। मुकदमों के लंबन पर इस लहर का सीधा प्रभाव पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट में 1 अप्रैल, 2022 तक 70362 केस लंबित हैं। इनमें से 19 फीसदी केस पीठों के सामने विचार के लिए रखने योग्य नहीं हैं, क्योंकि ये अधूरे पड़े हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट में यदि 8 नवंबर तक कोई नई नियुक्ति नहीं हुई तो नौ रिक्तियां हो जाएंगी। परंपरा के अनुसार सेवा के आखिरी महीनों में मुख्य न्यायाधीश नई नियुक्तियां नहीं कर सकते। ऐसे में मौजूदा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमना को मई, जून और जुलाई में नियुक्तियों के लिए प्रयास करना होगा।
इसके बाद जस्टिस ललित के पास नियुक्तियां करने के लिए एक माह बचेगा, क्योंकि उनका कार्यकाल दो माह से कुछ ज्यादा का ही है। रिटायर होने से एक माह पूर्व मुख्य न्यायाधीश को अगले मुख्य न्यायाधीश का नाम सरकार को भेजना पड़ता है। यह संस्तुति करने के बाद मुख्य न्यायाधीश नई नियुक्तियों के कोलेजियम (पांच वरिष्ठतम जजों का चयन मंडल) में बैठ सकते।

'कोविशील्ड' वैक्सीन की प्रभावकारिता, चिंता

'कोविशील्ड' वैक्सीन की प्रभावकारिता, चिंता

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने 1 संस्करण के विरुद्ध कोविशील्ड वैक्सीन की प्रभावकारिता के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों को कोविशील्ड की दोनों खुराकें मिली हैं और वे पहले कभी संक्रमित नहीं हुए हैं, उनकी ओमिक्रॉन बीए.1 वैरिएंट के खिलाफ बेअसर करने की शक्ति उन लोगों की तुलना में बहुत कम देखी गई, जो संक्रमण से उबर चुके हैं और दोनों खुराक ले ली है।
Omicron BA.1 वैरिएंट के मुकाबले कोविशील्ड कम प्रभावी।
ओमिक्रॉन के खिलाफ कोविशील्ड की क्षमता चिंता पैदा करती है।
कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron BA.1) अभी भी पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है। इस बीच, वैज्ञानिकों ने ओमाइक्रोन के बीए.1 संस्करण के खिलाफ कोविशील्ड वैक्सीन की प्रभावकारिता के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों को कोविशील्ड की दोनों खुराकें मिली हैं और वे पहले कभी संक्रमित नहीं हुए हैं, उनकी न्यूट्रलाइज़िंग पावर ओमिक्रॉन BA.1 वैरिएंट के मुकाबले बहुत कम देखी गई है। ऐसे लोग जो संक्रमण से उबर चुके थे और उन्होंने कोविशील्ड की दोनों खुराकें लीं, उनमें जोखिम अधिक देखा गया।
ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (ICMR-NIV) द्वारा किया गया अध्ययन जल्द से जल्द बूस्टर खुराक लेने की आवश्यकता की ओर इशारा करता है। इस शोध के लिए कोविशील्ड की दूसरी खुराक के 180 दिन बाद 24 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के सीरम सैंपल लिए गए। इसके साथ ही उन 17 लोगों के भी सैंपल लिए गए जिन्हें कोरोना नहीं हुआ था और उन्होंने कोविशील्ड की दोनों डोज ले ली थीं। इन लोगों में कोविशील्ड की दोनों खुराक लेने के बाद भी ओमाइक्रोन संक्रमण पाया गया।
तीसरे समूह में वे लोग शामिल थे जो कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद SARS-CoV-2 के संपर्क में आए थे। इस समूह के लोगों के सीरम नमूने संक्रमण के संपर्क में आने के 14-30 दिन बाद एकत्र किए गए थे। इनमें से केवल 21 मामलों में पूरा जीनोम प्राप्त किया जा सका।
शोधकर्ताओं ने पाया कि सभी नमूनों ने Omicron की तुलना में B.1, बीटा और डेल्टा वेरिएंट को अधिक प्रभावी ढंग से बेअसर कर दिया। हालांकि, सीरम नमूने में ओमाइक्रोन के खिलाफ एंटीबॉडी का न्यूनतम औसत 0.11 पाया गया। जबकि अन्य मामलों में इसका औसत 11.28 और 26.25 रहा।
एक वैज्ञानिक के अनुसार, डेल्टा या अन्य प्रकारों की तुलना में सबसे अधिक उत्परिवर्तन वाले ओमाइक्रोन टीकाकरण वाले लोगों में प्रतिरक्षा को विकसित करने में अधिक कुशल हैं। इससे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने ओमाइक्रोन वैरिएंट के बारे में एक अध्ययन के बाद कहा था कि कोविड वैक्सीन की डबल डोज का एंटीबॉडी स्तर छह महीने के बाद कम होने लगता है।
इस अध्ययन के लिए लोगों को तीन समूहों में बांटा गया था। पहले समूह में उत्तर प्रदेश के 18 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्होंने कोविशील्ड की पहली खुराक और कोवैसीन की दूसरी खुराक ली। जबकि दूसरे और तीसरे समूह में 40 ऐसे लोगों को रखा गया था जिन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सीन दोनों की खुराक ली थी।
यह बताया गया कि कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन की दूसरी खुराक देने से डेल्टा या अन्य ‘चिंता के वेरिएंट’ के खिलाफ अच्छी प्रतिक्रिया मिली। हालांकि, कोरोना के ओमाइक्रोन वेरिएंट के खिलाफ सभी समूहों में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी स्तर में कमी देखी गई।

1,200 करोड़ की संपत्ति पर चलेगा बुलडोजर

1,200 करोड़ की संपत्ति पर चलेगा बुलडोजर 

संदीप मिश्र  

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 50 बड़े माफियाओं के 1,200 करोड़ रुपये की संपत्ति पर बुलडोजर चलने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराधियों के खिलाफ अपने अभियान को और तेज करने की तैयारी में है। अगले 2 साल में प्रदेश के 50 सबसे बड़े माफियाओं पर पूरी तरह नकेल कसने का प्लान तैयार किया गया है। सीएम योगी की ओर से मांगे जाने पर यूपी पुलिस ने जो प्लान पेश किया है। उसके मुताबिक अगले दो साल में इन माफियाओं की 1,200 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जाएगी। माना जा रहा है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले सरकार अपराध के खिलाफ सख्ती को लेकर अपनी छवि और मजबूत करना चाहती है।

मिली जानकारी के मुताबिक सीएम योगी के सामने पुलिस ने जो प्रजेंटेशन दिया है। उसमें कहा गया है कि 100 दिनों के भीतर 25 माफियाओं के बजाय 50 प्रमुख माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की सप्तावार समीक्षा की जाएगी और कोर्ट में लंबित केसों में अगले 100 दिन में दोष सिद्ध कराया जाएगा। खनन, शराब, पशु, वन, भू-माफिया को चिन्हित करके धारा 14 (1) गैंगस्टर ऐक्ट के तहत 500 करोड़ रुपए की जब्तीकरण का लक्ष्य रखा गया है। टॉप 10 अपराधियों को चिह्नित करके पूरे प्रदेश में लगभग 15 हजार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यूपी पुलिस ने छह महीने में गैंगस्टर एक्ट के तहत 800 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करने का लक्ष्य रखा है। सभी जिलों में शाम के समय बाजारों और भीड़ वाले स्थानों पर पुलिस की फुट पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। प्रदेश के 10 जिलों में हाईटेक लॉ एंड ऑर्डर क्यूआरटी टीम स्थापित की जाएगी। आतंकवाद निरोधक बल ने कहा है कि अगले 100 दिनों में देश विरोधी गतिविधियों जैसे अवैध धर्मांतरण, आतंकवाद, नक्सलवाद, अवैध शस्त्र तस्करी, टेरर फंडिंग, आईएसआई पाक अजेंट, स्लीपर सेल्स, ऑनलाइन रेडिक्लाइजेशन, अवैध अप्रवासी रोहिंग्या/बांग्लादेशियों व अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी सिंडिकेट के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।

वरिष्ठ लिपिक को रिश्वत लेते हुए अरेस्ट किया

वरिष्ठ लिपिक को रिश्वत लेते हुए अरेस्ट किया

नरेश राघानी
श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में सीमावर्ती श्रीकरणपुर कस्बे में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सोमवार सुबह एक वरिष्ठ लिपिक को एक मामलें में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। एसीबी के पुलिस उपाधीक्षक वेदप्रकाश लखोटिया ने बताया कि एडवोकेट रोशनलाल नायक निवासी देवता कॉलोनी, श्रीकरणपुर द्वारा की गई शिकायत और सत्यापन में रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे कोर्ट) के वरिष्ठ लिपिक हेमंत कुमार को 400 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
लाख श्री लखोटिया ने बताया कि एडवोकेट रोशनलाल ने गत दिनों शिकायत की, कि वरिष्ठ लिपिक दीवानी प्रकरणों में साक्ष्य अभिलेखन कार्य देने की एवज में कमीशन के रूप में रिश्वत की मांग कर रहा है। 
रिश्वत नहीं देने पर धमकाता है कि वह साक्ष्य अभिलेखन का कार्य आवंटित नहीं करेगा। इसके अलावा वह विभिन्न दस्तावेजों की नकल देने के बदले में खर्च पानी के रूप में भी रिश्वत वसूल करने की कोशिश करता है। इसका सत्यापन होने के बाद सुबह साढ़े सात बजे कोर्ट खुलने के कुछ देर बाद ही वरिष्ठ लिपिक हेमंत कुमार को अधिवक्ता रोशनलाल से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।

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