शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

22 अप्रैल को मनाया जाता हैं 'विश्व पृथ्वी दिवस'

22 अप्रैल को मनाया जाता हैं 'विश्व पृथ्वी दिवस'   

सरस्वती उपाध्याय            

'वर्ल्ड अर्थ डे' यानी, विश्व पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। ये दिन एक मौका होता है, जब करोड़ों लोग मिलकर पृथ्वी से जुड़ी पर्यावरण की चुनौतियों जैसे कि, क्लाइमेट चेंज। ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जैवविविधता संरक्षण के लिए प्रयास करने में और जागरुक हों और इसमें तेजी लाएं। इस दिन को इंटरनेशनल मदर अर्थ डे के रूप में भी जाना जाता है।इसे मनाने का मकसद यही है कि लोग पृथ्वी के महत्‍व को समझें और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के प्रति जागरूक हों। यही वजह है कि इस दिन पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने का संकल्प लिया जाता है।

विश्व पृथ्वी दिवस के दिन पेड़ लगाकर, सड़क के किनारे कचरा उठाकर, लोगों को टिकाऊ जीवन जीने के तरीके अपनाने के लिए प्रेरित करने जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके सेलिब्रेट किया जाता है। इसके अलावा बच्चों में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन स्कूलों और विभिन्न समाजिक संस्थाओं द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

यह है 'वर्ल्ड अर्थ डे' का इतिहास...

विश्व पृथ्वी दिवस पहली बार साल 1970 में मनाया गया था। तब से लेकर आज तक इसे हर साल 22 अप्रैल को 192 देशों में सेलिब्रेट किया जाता है। दरअसल, साल 1960 दशक में विकास कार्यों के चलते पेड़ों की बड़ी मात्रा में कटाई की गई थी, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ। इसी को देखते हुए अमेरिकी सेनिटर ने साल 1969 में लोगों को जागरुक करने के लिए वॉशिंगटन में एक सम्मेलन की घोषणा की। जिसमें स्कूल के कई बच्चे शामिल हुए। इस दौरान बच्चों समेत वहां के लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक किया गया। इसके बाद से ही इस दिन को विश्वभर में 'वर्ल्ड अर्थ डे' के रूप में मनाया जाने लगा।


कोई आए या जाए, कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ता

कोई आए या जाए, कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ता    

मनोज सिंह ठाकुर            

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रशांत किशोर की पार्टी में संभावित एंट्री को लेकर बड़ा बयान दिया है। कमलनाथ ने कहा है कि कोई आए या जाए, कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मध्य प्रदेश में पार्टी किसी पर भी निर्भर नहीं है। राजनीतिक विश्लेषक प्रशांक किशोर के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर लगातार खबरे आ रही हैं। कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने को लेकर सोनिया गांधी की हरी झंडी मिल गई है। वहीं इसके साथ ही पीके की कांग्रेस में एंट्री को लेकर बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रशांत किशोर की पार्टी में संभावित एंट्री को लेकर  बड़ा बयान दिया है। कमलनाथ ने कहा है कि कोई आए या जाए, कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मध्य प्रदेश में पार्टी किसी पर भी निर्भर नहीं है। भाजपा के नरोत्तम मिश्रा द्वारा किशोर के कांग्रेस में शामिल होने और कांग्रेस सांसद नेता कमलनाथ को ‘सबक देने’ की संभावना पर टिप्पणी करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी मध्य प्रदेश में किसी पर ‘निर्भर’ नहीं है। कमलनाथ ने कहा कि प्रशांत किशोर आए या न आए, हम तैयार हैं और मध्य प्रदेश में कांग्रेस किसी पर निर्भर नहीं हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि अगर किशोर कांग्रेस में आए, तो कमलनाथ को ‘आराम’ दिया जाएगा। कमलनाथ ने जनता से नहीं सीखा तो अब किशोर उन्हें पढ़ाएंगे। 

2024 के चुनावों से पहले किशोर के कांग्रेस में शामिल होने और उसमें सुधार करने के दावों पर विपक्षी दलों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इससे पहले, आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधा था, इसे “मृत घोड़ा” कहा था, जब किशोर ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में भव्य पुरानी पार्टी की बैठक में भाग लिया था। आप के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य और पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कांग्रेस की बैठक में किशोर की भागीदारी पर टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पीटीआई समाचार एजेंसी से कहा, “मरे हुए घोड़े को कोड़े मारने का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस एक मरा हुआ घोड़ा है।”

जल्द होगा ट्रैक्टर-बुलडोजर का मुकाबला: टिकैत

जल्द होगा ट्रैक्टर-बुलडोजर का मुकाबला: टिकैत    

भानु प्रताप उपाध्याय           

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुलडोजर द्वारा की जा रही कार्रवाई पर बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि जिस तरह से एक धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है, उससे इंटरनेशनल स्तर पर एक गलत मैसेज जा रहा है।इसके साथ टिकैत ने सरकार को तीन महीने के अंदर किसानों को 10 साल पुराने ट्रैक्‍टर बंद करने के आदेश पर भी घेरा है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में 10 साल पुराने लोग हैं पहले वो सरेंडर देंं। इसके साथ कहा कि अभी तो एक ही बुलडोजर चला है, लेकिन दिल्ली में 4 लाख ट्रैक्टर चले थे और लोग घबरा गए थे।

इसके साथ टिकैत ने कहा कि सरकार 10 साल पुराने ट्रैक्टरों को बंद करने की बात कह रही है। लेकिन बहुत जल्द ही ट्रैक्टर सड़कों पर आएंगे और बुलडोजर का मुकाबला होगा। दरअसल, शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत किसानों की समस्याओं को लेकर जिला कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बकाया ऋण के रूप में कुछ किसानों को डिफाल्टर घोषित करते हुए उनकी जमीन की नीलामी के बैंकों द्वारा नोटिस भेजे गये हैं। राकेश टिकैत ने डीएम चंद्रभूषण सिंह से आग्रह किया कि किसानों की समस्या को समझते हुए बैंकों से कार्रवाई रोकने के साथ ही समझौते के आधार पर मामले को निपटने के आदेश करें।

जहांगीरपुरी मामले पर कही ये बात...

इस दौरान जब राकेश टिकैत की दिल्ली जहांगीरपुरी हिंसा में धर्म विशेष के लोगों को टारगेट किए जाने की बात पूछी तो उन्‍होंने कहा कि धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है और इसका इंटरनेशनल स्तर पर एक गलत मैसेज जा रहा है। साथ ही कहा कि सभी लोग बाहर से आए हुए हैं। हम भी तो जर्मनी से आए हैं। साथ ही कहा कि अब तो कोर्ट कचहरी में कहीं के भी कागज बनवा लो। मुजफ्फरनगर की कचहरी में तो आप कहीं पर भी पहचान पत्र और आधार कार्ड बनवा लो। इस तरह की घटनाओं से देश का विकास रुकता है, तो आपस में नफरत फैलती है। इन चीजों को छोड़कर सभी को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। बुलडोजर तो उन अधिकारियों पर चलना चाहिए। जिनके समय में अतिक्रमण हुआ है। फिलहाल, संविधान अलमारी में बंद है।

300 साल पुराने शिव मंदिर को जमींदोज किया

300 साल पुराने शिव मंदिर को जमींदोज किया   

नरेश राघानी             
अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के राजगढ़ में 300 साल पुराने शिव मंदिर को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया। शिवालय पर जूते पहनकर चढ़ने और मूर्तियों पर कटर मशीन चलाने से हिंदूवादी संगठन भड़क गए हैं। इसके विरोध में नगर पालिका के ईओ, एसडीएम और राजगढ़ विधायक के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए तहरीर दी गई है। लेकिन अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

इसको लेकर बीजेपी भी कांग्रेस की गहलोत सरकार पर हमलावर है। बीजेपी नेशनल आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा है कि हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना ही कांग्रेस का सेक्युलरिज्म है। मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, ''राजस्थान के अलवर में विकास के नाम पर तोड़ा गया 300 साल पुराना शिव मंदिर करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना- यही है कांग्रेस का सेक्युलरिज्म।'' इसके बाद एक और ट्वीट में मालवीय ने कहा, ''18 अप्रैल को राजस्थान के राजगढ़ कस्बे में बिना नोटिस प्रशासन ने 85 हिंदुओं के पक्के मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चला दिया।''

अमृत महोत्सव के तहत स्वास्थ्य मेले का आयोजन

अमृत महोत्सव के तहत स्वास्थ्य मेले का आयोजन  

भानु प्रताप उपाध्याय             

मुजफ्फरनगर। आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) बघरा, बुढ़ाना में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने किया। शाहपुर व चरथावल में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने मेले का उद्घाटन किया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड टीकाकरण, नियमित टीकाकरण, खून की जाँच, मलेरिया की जाँच, सामान्य औषधि, आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी कार्ड, परिवार नियोजन की सुविधा निशुल्क उपलब्ध करायी गयी। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग आदि के द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के बारे में प्रदर्शनी लगाकर जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधित कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों अच्छा इलाज मिल रहा है। मेले में कोई भी व्यक्ति चिकित्सक से परामर्श कर दवा ले सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया, मेले के दौरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की ओर से चलाई जा रही योजनाओं व कार्यक्रमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया। मेले में सामान्य चिकित्सा, मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, टीकाकरण, परिवार नियोजन परामर्श, मोतियाबिंद की जांच, कान, नाक एवं गले, दांतों की जांच, त्वचा की जांच, पोषण के लिए परामर्श, एड्स नियंत्रण के लिए परामर्श, कुष्ठ नियंत्रण, टीबी नियंत्रण, मलेरिया की जांच सुविधा उपलब्ध रही। हजारों लोगों ने स्वास्थ्य मेले का लाभ लिया।

खालिद के भाषण को अप्रिय व उकसाने वाला बताया

खालिद के भाषण को अप्रिय व उकसाने वाला बताया    

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली दंगों से संबंधित षड्यंत्र मामलें के आरोपी उमर खालिद की एक याचिका की शुक्रवार को सुनवाई करते हुए नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) विरोधी आंदोलन के दौरान दिये गए उसके भाषण को अप्रिय और उकसाने वाला बताया। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने उमर खालिद के 17 मार्च 2020 के भाषण के एक विशेष वाक्य को संज्ञान में लेते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह का भाषण देना दुनिया के किसी भी कोने में स्वीकार्य नहीं होगा। दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद(34) को सितंबर 2020 में गिरफ्तार कर उन पर उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) की धाराएं लगाई थीं। पुलिस ने आरोप लगाया कि दिल्ली दंगे एक "पूर्व नियोजित, गहरी साजिश का हिस्सा थे जो उमर खालिद और अन्य लोगों द्वारा रची गई थी।"

उमर खालिद ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसमें उसे जमानत नहीं दी गई थी। निचली अदालत ने पिछले महीने यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उसके खिलाफ यूएपीए "प्रथम दृष्टया" सही था।उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने उसके कृत्यों की समग्रता से जांच करते हुए कहा कि यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि दिल्ली की अदालत ने उसे जमानत देने से क्यों इनकार कर दिया, और उसके भाषण को उसके सामने रखने के लिए कहा। उमर खालिद सीएए-विरोधी प्रदर्शन के एक व्हाट्सऐप ग्रूप का हिस्सा था।

उमर खालिद के बचाव में उसके वकील ने कहा कि जिस अपराध के लिए उनके मुवक्किल को दोषी ठहराया जा रहा है, उस घटना के समय वह दिल्ली में मौजूद भी नहीं था।उन्होंने कहा, "पूरी दिल्ली में सारी हिंसा की लगभग 750 प्राथमिकियां दर्ज की गयीं। अचानक छह मार्च की यह ताजा प्राथमिकी आती है और उस प्राथमिकी में उमर खालिद का नाम आता है। उसमें जमानती अपराध थे। उस प्राथमिकी में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।"अदालत ने पूछा, "आरोप पत्र दायर किया गया है? तो कौन सी धाराएं हैं जिनके साथ आप पर आरोप लगाया गया है?" वकील ने जवाब दिया कि आरोप तय नहीं किए गए हैं। जब फिर से आरोपों के बारे में सवाल किया गया, तो वकील ने कहा, "अफवाह ,माई लॉर्ड।"

उमर खालिद के वकील ने बताया कि सिर्फ एक भाषण था। पुलिस उस भाषण के लिए अनुरोध करने वाले टीवी चैनलों के पास गई। चैनलों ने उन्हें बताया कि उन्हें यह एक राजनेता से मिला है। यह भाषण अमरावती में दिया गया था। उन्होंने कहा, "इसके अलावा कोई और भाषण नहीं था। भाषण हिंदी में है। विशेष अदालत ने यह निष्कर्ष तक नहीं दिया कि यह भाषण भड़काऊ है।"इसके बाद खंडपीठ ने भाषण के मजमून की मांग की जिसे हिन्दी में अदालत के सामने पढ़ा गया।
उमर खालिद ने अपने भाषण में अमरावती को अपना घर बताते हुए कहा था कि उसे इस 'घर वापसी' से कोई समस्या नहीं है, लेकिन उसे दूसरे 'घर वापसी' से समस्या है। उसके वकील ने मजमून पढ़कर बताया कि अपने भाषण में उमर खालिद ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आरएसएस और हिंदू महासभा के ब्रिटिश सरकार के साथ कथित संबंधों का जिक्र किया था और शाहीन बाग में उन सभी महिलाओं को धन्यवाद दिया था जो उनके खिलाफ दुष्प्रचार के बावजूद प्रदर्शन पर बैठी थीं। वकील ने भाषण का अशं पढ़ा। जिसमें लिखा था, "आतंक के उस दौर में, अगर किसी ने बाहर निकलने की हिम्मत की, तो वह शाहीन बाग की महिलाएं थीं। उन्होंने शाहीन बाग को बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन शाहीन बाग को चुप नहीं कराया जा सका।”
खंड पीठ ने यहां बात रोकते हुए कहा, "इन अभिव्यक्तियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, क्या आपको नहीं लगता कि यह लोगों को उत्तेजित करती हैं? आपको नहीं लगता कि 'जब आपके पूर्वज अंग्रेजी की दलाली कर रहे थे' भड़काऊ भाषा है?" अदालत ने कहा, "इससे यह आभास होता है कि केवल एक समुदाय अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहा था। क्या गांधीजी ने कभी ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया था? क्या भगत सिंह ने कभी इसका इस्तेमाल किया था? क्या गांधीजी ने हमसे यही कहा था? हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ कोई समस्या नहीं है। लेकिन यह भाषा क्या है? क्या स्वतंत्र भाषण इन बयानों को बढ़ा सकता है? क्या यह 153 ए और 153 बी के प्रावधानों के साथ मेल खाता है?"
न्यायालय ने कहा, "हमें आश्चर्य नहीं है कि प्राथमिकी भाषण के इस हिस्से पर आधारित है। प्रथम दृष्टया यह स्वीकार्य नहीं है। यह लोकतंत्र और स्वतंत्र भाषण संसार के किसी भी कोने में स्वीकार्य नहीं है।अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 27 अप्रैल को मुकर्रर करते हुए कहा, "अगली तारीख पर, कृपया हमें इस मुद्दे पर भारतीय न्यायशास्त्र बतायें।"

अगले 4-5 साल के दौरान 1 लाख लोगों को रोजगार

अगले 4-5 साल के दौरान 1 लाख लोगों को रोजगार  

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि ड्रोन सेवा क्षेत्र में अपार संभावनाएं है और यह क्षेत्र अगले चार-पांच साल के दौरान लगभग एक लाख लोगों को रोजगार देगा। सिंधिया ने इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) के एक कार्यक्रम में कहा, हमने ड्रोन क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी एक योजना शुरू की है। जिसमे 60 करोड़ रुपये के कारोबार वाले ड्रोन विनिर्माण उद्योग को अगले तीन वर्षों में 120 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।

सिंधिया ने कहा, ड्रोन क्षेत्र में तेजी से विस्तार हो रहा है और इसके विनिर्माण में लगभग 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की हम उम्मीद कर रहे हैं। ड्रोन सेवा क्षेत्र में हम अगले चार से पांच साल में 1,00,000 नौकरियों सृजित होने की उम्मीद कर रहे हैं। इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं है।

शरीर को ताकतवर बनाने में बेहद कारगर हैं 'कंटोला'

शरीर को ताकतवर बनाने में बेहद कारगर हैं 'कंटोला'  

सरस्वती उपाध्याय            
आयुर्वेद में कंटोला को औषधि माना जाता है। इसके सेवन से कई बीमारियों में लाभ होता है और शरीर को ताकतवर बनाने में बेहद कारगर हैं। इसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, विटानिंस, कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटैशियम, सोडियम, कॉपर और जिंक समेत सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। आप इसे सब्जी या अचार के तौर पर खा सकते हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी और बदलती जीवनशैली में स्वस्थ रहने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसी सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके सेवन से आपके शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिल सकते हैं। इस सब्जी का नाम है कंटोला। इसे काकरोल, ककोड़ा, मीठा करेला और पपोरा आदि नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इस सब्जी को औषधि माना जाता है। इसके सेवन से कई बीमारियों में लाभ होता है और शरीर ताकतवर बनता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, विटानिंस, कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटैशियम, सोडियम, कॉपर और जिंक समेत सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। आप इसे सब्जी या अचार के तौर पर खा सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको कंटोला खाने के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

पेट की बीमारियों से छुटकारा...

कंटोला खाने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। इससे गैस कब्ज और अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में भी मदद करते हैं।

वेट लॉस में मददगार...

कंटोला में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और आयरन होता है‌।उस केस में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। कंटोला की सब्जी खाने से वजन घटाने में मदद मिलती है।

ब्लड प्रेशर नियंत्रित करे...

बीपी के मरीजों के लिए भी कंटोला का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इसमें मेमोरडीसन और फाइबर की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। जिससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

कैंसर से बचाव...

कंटोला के सेवन से कैंसर से बचाव होता है। इसमें ल्यूटेन जैसे कैंसर रोधी तत्व पाए जाते हैं। जो कैंसर से बचाव करने में मदद करते हैं।

आँखों के लिए फायदेमंद...

कंटोला का सेवन करने से आंखों को भी लाभ होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-ए पाया जाता है। जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके अलावा, कंटोला को खाने से आंखों में जलन, धुंधलापन और खुजली की समस्या से भी निजात मिलता है।

त्वचा के लिए लाभकारी...

कंटोला का सेवन हमारी त्वचा के लिए भी लाभकारी है। इसमें बीटा कैरोटीन और ल्यूटेन जैसे तत्व मौजूद होते हैं को बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

मुठभेड़: 2 आतंकी ढेर, 1 जवान शहीद हुआ

मुठभेड़: 2 आतंकी ढेर, 1 जवान शहीद हुआ  

इकबाल अंसारी
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जारी मुठभेड़ में शुक्रवार को दो आतंकी ढेर हो गए‌।इस मुठभेड़ में एक सुरक्षाबलों का एक जवान भी शहीद हो गया और चार घायल हुए हैं। जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने समाचार एजेंसी से कहा है कि हुई मुठभेड़ में कुल दो आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने घेराबंदी कर इलाका खाली करा दिया है। मुठभेड़ जारी है। ऐसा लग रहा है कि आतंकी घर में छिपे हुए हैं।
बताया जा रहा है कि विजयपुर के पल्ली गांव में प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकड़े गए संदिग्धों के तार देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े हैं। 
23 जनवरी 2021 को बार्डर आउट पोस्ट पानसर में मिली टनल मामले में देश विरोधी गतिविधियों के तहत दर्ज एफआईआर में दोनों के नाम शामिल कर लिए गए हैं। एफआईआर संख्या 8/2021 के तहत आईपीसी की धारा 120 बी,122,121 ए और 16/18/38 यूएलए(पी) के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में कुछ लोगों की संदिग्ध मूवमेंट के भी लगातार इनुपट मिल रहे थे जिसके बाद पुलिस, सीआरपीएफ और एसओजी ने आईबी से सटे गांव लच्छीपुर, ग्याल बंड, महेशे चक, मंडाला में तलाशी अभियान चलाया। दबिश के दौरान पांच लोगों को संदिग्ध मूवमेंट में पकड़ा गया, जिसमें से तीन को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया जबकि दो को जांच के लिए जम्मू भेज दिया गया। वीरवार को सुबह दोनों को वापिस राजबाग थाने लाया गया, जिसके बाद उनके खिलाफ देश द्रोह सहित आधा दर्जन मामलों में एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी गई है।

पीएम जगन्नाथ के साथ राज्यपाल-सीएम की बैठक

पीएम जगन्नाथ के साथ राज्यपाल-सीएम की बैठक  

संदीप मिश्र         
वाराणसी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक कर रहे हैं। होटल ताज गैंगेज में शुक्रवार को करीब दस बजे यह बैठक शुरू हो गई। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ एक दिन पूर्व ही वाराणसी आ गए थे। वहीं, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद संग राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी होटल पहुंचकर मुलाकात की। 
इस दौरान दोनों देशों के आधिकारिक प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। वहीं सुबह 11.30 बजे बैठक समाप्‍त हो गई तो सीएम योगी आदित्‍यनाथ और पीएम प्रविंद जगन्‍नाथ बाबतपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी ताज होटल पहुंचे और मारीशस के पीएम के साथ मुलाकात की। इस दौरान भारत और मारीशस के झंडों को ताज होटल और आसपास के क्षेत्रों में लगाया गया है। भारत और मारीशस के संबंधों की थीम पर साज सज्‍जा के साथ ही पारंपरिक तरीके से कलाकारों द्वारा सांस्‍कृतिक कार्यक्रम प्रस्‍तुत कर मारीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्‍नाथ का स्‍वागत किया गया। 
वाराणसी में राज्‍यपाल और मुख्‍यमंत्री संग बैठक के बाद प्रविंद जगन्‍नाथ तीन दिवसीय वाराणसी दौरे के बाद यहां से रवाना हो जाएंगे। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक बैठक का विषय शासन स्‍तर से स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन सांस्कृतिक सहयोग और व्यापारिक- औद्योगिक गतिविधियों संग दोनों देशों के अलावा वाराणसी से पर्यटन को बढ़ावा देने के मुद्दों पर बातचीत केंद्रित हो सकती है। मारीशस के पीएम संग राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी मुलकात की और दोनों देशों के संबंधों पर विमर्श किया। इसके बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उनके साथ बैठक कर दोनों देशों के साथ ही उत्‍तर प्रदेश संग मारीशस के संबंधों को लेकर मंथन करने के साथ व्‍यापारिक व पर्यटन के साथ सांस्‍कृतिक संबंधों को और मजबूत करने की संभावनाओं की पड़ताल की।

महिलाओं के रिलेशनशिप के लिए एक गलत दृष्टिकोण

महिलाओं के रिलेशनशिप के लिए एक गलत दृष्टिकोण  

कविता गर्ग           

मुंबई।‌‌ बॉलीवुड अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा का मानना है कि भारत में महिलाओं के रिलेशनशिप के लिए एक गलत दृष्टिकोण है। लोग किसी महिला के लिए कम उम्र के पुरुष को डेट करना अक्सर अपवित्र मानतें हैं। अदाकारा ने भी कहा कि जब कोई महिला अपने से कम उम्र के लड़के को डेट करती हैं तो उसे ‘डेस्पेरेट’ ‘मौक़ापरस्त’ और ‘बुड्ढी’ कहा जाता है। बता दें कि मलाइका अरोड़ा बॉलीवुड की बिंदास अदाकारा में गिनी जाती हैं। उनका स्टाइल और उनका हाजिर जवाबी वाला अंदाज लोगों को काफी पसंद है। वह हमेशा से एक निडर शख्सियत रही हैं, जिन्होंने ट्रोलिंग और बेवजह आलोचना के बावजूद अपना सिर ऊंचा रखा है।को अक्सर उनके फैशन सेंस और अपने से छोटे एक्टर अर्जुन कपूर को डेट करने के लिए ट्रोल किया जाता है।

बता दें कि मलाइका तलाकशुदा हैं और वह एक बेटे की मां भी हैं। मलाइका अरोड़ा की शादी अरबाज खान से हुई थी। हालांकि शादी के 19 साल बाद कपल ने तलाक लेने का फैसला किया था। इसके बाद मलाइका अरोड़ा और अर्जुन कपूर के रिश्ते की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। मलाइका-अरबाज से एक बेटा भी है।

‘हेलो’ के साथ बातचीत में मलाइका ने अपनी पर्सनल लाइफ पर बात करते हुए कई सवालों का बिंदास जवाब दिया। अदाकारा ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमारे देश में महिला संबंधों के लिए एक गलत दृष्टिकोण हैै। रिपोर्ट के अनुसार, मलाइका ने कहा, “ब्रेकअप या तलाक के बाद महिलाओं का जीवन होना बहुत जरूरी है। हमारे देश में महिला संबंधों के लिए एक गलत धारणा बनी हुई है। किसी महिला के लिए कम उम्र के पुरुष को डेट करना अक्सर अपवित्र माना जाता हैै। ने आगे कहा कि तलाक के बाद महिलाओं के जीवन में ये जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि वह एक मजबूत महिला हैं और अब बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा, “मैं यह सुनिश्चित करने के लिए खुद पर काम करती हूं कि मैं हर दिन मजबूत, फिट और खुश हूं।

जैसा कि सब जानते हैं कि मलाइका अपने बॉयफ्रेंड अर्जुन कपूर से उम्र में बड़ी हैं। ऐसे में जब उनसे एक बार पूछा गया कि क्या दोनों के बीच उम्र का फासला उनके रिश्ते को अलग बनाता है। इस बॉलीवुड ब्यूटी क्वीन ने कहा था कि इससे उन्हें और अर्जुन को कोई फर्क नहीं पड़ा, लेकिन समाज पूरी तरह से अलग मामला है।मलाइका कहती हैं, “दुर्भाग्य से, हम ऐसे समाज में रहते हैं जो समय के साथ प्रगति करने से इंकार कर देता है। छोटी लड़की के साथ रोमांस करने वाले एक बड़े आदमी की हर जगह प्रशंसा होती है, लेकिन जब महिला बड़ी हो जाती है, तो उसे ‘डेस्पेरेट’ ‘मौक़ापरस्त’ और ‘बुड्ढी’ कहा जाता है। ऐसा सोचने वाले लोगों के लिए मेरे पास बस एक ही लाइन है, टेक ए फ्लाइंग।

परीक्षा: 23 से प्रारंभ होगा कॉपियों का मूल्यांकन

परीक्षा: 23 से प्रारंभ होगा कॉपियों का मूल्यांकन    

संदीप मिश्र       

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) द्वारा हर साल कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इस साल यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा कुछ देरी के साथ 24 मार्च 2022 से शुरू होकर 13 अप्रैल 2022 तक चली थी। यूपी बोर्ड रिजल्ट से जुड़े सभी अपडेट्स upmsp.edu.in पर चेक करते रहें। यूपी बोर्ड प्रैक्टिकल परीक्षा 2022 शुरू हो चुकी है। इस साल प्रैक्टिकल परीक्षाओं को दो चरणों में थ्योरी एग्जाम के सेंटर पर ही आयोजित किया जा रहा है। वहीं, यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 की कॉपियों का मूल्यांकन प्रोसेस कल यानी 23 अप्रैल, 2022 से शुरू हो जाएगा।

इसके लिए बोर्ड ने कई गाइडलाइंस जारी की हैं। सभी शिक्षकों को इनका अनिवार्य रूप से पालन करना होगा‌। यूपी बोर्ड रिजल्ट (UP Board Results 2022) मई 2022 में upmsp.edu.in पर अपलोड किया जाएगा।

यूपी बोर्ड माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 में शामिल हुए स्टूडेंट्स को एक्सट्रा मार्क्स मिलेंगे। पॉइंट्स में समझिए पूरा मामला।
1- बोर्ड परीक्षा में कुछ सवाल गलत थे, जिनके बदले में परीक्षार्थी को पूरे अंक दिए जाएंगे।
2- इस साल अच्छी हैंडराइटिंग के लिए भी स्टूडेंट्स को एक्सट्रा मार्क्स दिए जाने की बात सामने आई है।
3- यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों को स्टेप प्रोसेस में जांचा जाएगा। अगर 5 नंबर के सवाल में किसी छात्र ने दो स्टेप्स भी सही लिखे हैं तो उसे दो नंबर दिए जाएंगे।

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