सोमवार, 11 अप्रैल 2022

पानी के लिए कड़ा संघर्ष करते हैं पक्षी, व्यवस्था

पानी के लिए कड़ा संघर्ष करते हैं पक्षी, व्यवस्था  

सरस्वती उपाध्याय         
भीषण गर्मी में आसमान से आग बरस रही है। गर्मी में मानव हो या फिर पशु-पक्षी सभी को ठंडे जल की तलाश रहती है। लोगों के लिए तो जगह-जगह प्याऊ व नल के साथ ही पानी की उचित व्यवस्था मिल ही जाती है। लेकिन, पक्षियों को पानी के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में लोगों की जिम्मेदारी है कि वे पक्षियों के लिए दाना व पानी की उचित व्यवस्था करें‌। ताकि, खुले आसमान और धूप में विचरण करने वाले पंछियों को राहत मिल सके।
गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के सामने दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है। इस गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए।
गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। लोगों का थोड़ा सा प्रयास घरों के आस पास उड़ने वाले परिंदों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी बचा सकता है। सुबह आंखें खुलने के साथ ही घरों के पक्षियों की चहक मन को मोह लेती है। गर्मियों में घरों के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियों से प्रेम करें और उनका विशेष ख्याल रखें।
गर्मी में पानी अमृत के समान...
भोजन और पानी की होती है कमी।
गर्मी में पक्षियों के लिए भोजन की भी कमी रहती है। पक्षियों के भोजन कीड़े-मकोड़े गर्मियों में नमी वाले स्थानों में ही मिल पाते हैं। खुले मैदान में कीड़ों की संख्या कम हो जाती है, जिससे पक्षियों को भोजन खोजने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। जंगलों में पेड़ों के पत्ते झड़ जाते हैं, साथ ही जल स्त्रोत भी सूख जाते हैं। वहीं मवेशियों के लिए भी चारागाह के अलावा खेतों में पानी की समस्या होती है, इस वजह से पानी के साथ भोजन की भी कमी से मवेशियों को जूझना पड़ता है।
अपने घर की बालकनी और आंगन में आप पक्षियों के लिए पानी रख सकते हैं। ध्यान रहे कि प्लास्टिक या स्टील के बर्तन में पानी न रखें। धूप में इन बर्तनों का पानी बहुत गर्म हो जाता है। मिट्टी के बर्तन में पानी रखना सबसे अच्छा होता है। इन बर्तनों की नियमित सफ़ाई करते रहें, ताकि पक्षी रोगों से दूर रहें। आप अपने ऑफ़िस में भी अपने सहयोगियों के साथ मिल कर वहां पानी रख सकते हैं, जहां पक्षी आते हों।
 हम पक्षियों के लिए इस गर्मी के मौसम कुछ जिम्मेदारी निभा सकते है।
1) आप अपने घर के बहार मिट्टी का सतही कटोरा रख सकते हैं, ताकि छोटे पक्षी और स्तनधारी भी इससे पानी पी सकें। पक्षी को पानी देने के लिए एक उपयुक्त बर्तन को चुनें, जिसे आप आसानी से साफ कर सकें।
2)  आप अपने घर के पीछे एक छोटी सी स्थायी पूल भी स्थापित कर सकते हैं। बस थोड़ी सी जमीन खोदें और पानी को रोकने के लिए इसके चारों ओर प्‍लास्टिक या सीमेंट से एक दीवार बनाएं। आप पानी कि व्‍यवस्‍था करने के लिए इसमें एक पंप भी जोड़ सकते हैं। इससे पक्षियाँ तपती हुई गर्मी में ठन्डे पानी से स्नान कर अपने आप को राहत दे पाएंगी।
3) आप कटोरे को छत पर या बगीचे में छायादार स्थान पर रखें, कोशिश करें अधिक ऊंचाई पर रखें ताकि पक्षी बिल्लियों जैसे शिकारियों से सुरक्षित रहें। आस-पास प्राकृतिक पर्यावरण बना पाएं तो काफी अच्छा होगा।
4) आप पक्षियों को पानी के स्थान में नियमित रूप मे आने पर कुछ हफ्ते लग सकते हैं। इसलिए धैर्य रखें और साफ पानी को भरते रहें।
5) कटोरे को हर दो दिन में साफ करना याद रखें। पानी को बासी न होने दें। यदि पानी की सतह पर हरा शैवाल बनने लगे तो उसे तुरंत साफ कर लें। साथ ही ध्यान रहे पानी पुरा भरा होना चाहिए।

राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन

राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन   

दुष्यंत टीकम        
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है। इस फैसले से नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अधिकारी-कर्मचारियों को भी अब पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना इसी वित्तीय वर्ष से शुरू हो जाएगा। इस फैसले से लगभग तीन लाख अधिकारी-कर्मचारी को लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी। राज्य सरकार के विभिन्न कर्मचारी संगठन लम्बे समय से 01 नवंबर 2004 तथा उसके पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों पर नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे थे।
वित्त विभाग द्वारा पुरानी पेंशन योजना के संबंध में जारी निर्देश के अनुसार भविष्य निधि में 01 अप्रैल 2022 से मूल वेतन का 12 प्रतिशत की कटौती करने का निर्देश जारी कर दिया है। इसी प्रकार वर्ष 2004 एवं उसके पश्चात् नियुक्त राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन से नवीन अंशदायी पेंशन योजना के लिए की जा रही 10 प्रतिशत मासिक कटौती 01 अप्रैल 2022 से समाप्त कर दी गई है।
जारी निर्देश में यह भी उल्लेख किया है कि सामान्य भविष्य निधि की कटौती का ब्योरा संचालनालय, कोष लेखा एवं पेंशन स्तर पर पृथक से रखा जाएगा तथा संबंधित कर्मचारियों के नवीन सामान्य भविष्य निधि खाता क्रमांक आबंटित होने पर यह राशि उसमे दर्शायी जाएगी।

अभिनेत्री रॉय ने व्हाइट ड्रेस में तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री रॉय ने व्हाइट ड्रेस में तस्वीरें शेयर की     

कविता गर्ग        
मुंबई। टीवी की पॉपुलर एक्ट्रेस और फिल्मी पर्दे पर भी बेहतरीन शुरुआत करने वाली अभिनेत्री मौनी रॉय एक बार फिर चर्चाओं में है। मौनी ने हाल ही में अपनी शॉर्ट स्ट्रैपलेस व्हाइट ड्रेस में तस्वीरें शेयर की है। 
जिसके चर्चे अब हर तरफ हो रही है। इन तस्वीरों में मौनी व्हाइट कलर की ऑफ शोल्डर ड्रेस पहनी हुई हैं। 
इस नाइट ड्रेस को पहनकर एक्ट्रेस एक से बढ़कर एक कातिलाना पोज दे रही हैं। तस्वीरों में एक्ट्रेस कभी रूम की खिड़की के पास बैठकर पोज दे रही हैं तो कभी जमीन पर बैठकर अदाएं दिखा रही हैं।

महिलाओं द्वारा 'तरंग प्रेरणा' कैंटीन का शुभारंभ

महिलाओं द्वारा 'तरंग प्रेरणा' कैंटीन का शुभारंभ  

संदीप मिश्र    
चंदौली। पं. कमलापति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय परिसर में उ.प्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत तरंग आजीविका महिला संकुल समिति ग्राम- फुटिया, चन्दौली की महिलाओं द्वारा संचालित तरंग प्रेरणा कैंटीन का शुभारंभ, जिलाधिकारी संजीव सिंह द्वारा फीता काटकर किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि कैंटीन के खुलने से यहां भर्ती मरीजों एवं तीमारदारों को अब चिकित्सालय परिसर में ही शुद्ध एवं किफायती रेट में नाश्ता एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। 
उन्होंने कहा कि अन्य सरकारी दफ्तरों एवं स्थानों पर जहाँ अधिक लोगों का आवागमन है इसी तर्ज पर वहां भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कैंटीन खोली जाएगी। इससे महिलाओं को रोजगार उपलब्ध होगा तथा वे आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनेंगी। उन्होंने कहा कि 
महिलाओं को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।जनपद में समूह की महिलाओं को कौशल विकास की ट्रैनिंग देकर, उन्हें रोजगार देकर, आजीविका का साधन उपलब्ध कराकर इस दिशा में पूरा प्रयास किया जा रहा है।
 चिकित्साधिकारी डॉ वाई के राय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ उर्मिला सिंह, अन्य अधिकारगण सहित समूह की महिलाएं उपस्थित रहीं।

इंदिरापुरम की झुग्गियों में आग, 100 गायों की मौंत

इंदिरापुरम की झुग्गियों में आग, 100 गायों की मौंत   

अश्वनी उपाध्याय           
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के इंदिरापुरम इलाके की झुग्गियों में भीषण आग लगी गई। आग इतनी भयंकर थी, पास बनी एक गौशाला तक पहुंच गई। इस हादसे में करीब 100 गायों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई और कई गायें झुलस गई हैं।
आग पहले झुग्गियों में लगी और फिर झोपड़ियों में रखे सिलेंडर इसकी जद में आ गए और ब्लास्ट हो गया। इसके बाद आग ने भयानक रूप धारण कर लिया और आस पास के इलारों में आग का तांडव शुरू हो गया।
दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं। इलाके में अधिक मात्रा में झुग्गी होने के कारण और सूखा कबाड़ होने के कारण यहां धुआं ही धुआं छा गया है। फिलहाल आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि बिजली की लाइन में शॉर्ट सर्किट होने कारण आग लगी। 
श्रीकृष्णा गोसेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि 'कबाड़ में आग लगने के कारण 100 से ज्यादा गायों की जल कर मृत्यु हो गई है। सभी बिना दूध देने वाली गाय थीं।

द कश्मीर फाइल्स, प्रोजेक्ट्स को लेकर घोषणा

द कश्मीर फाइल्स, प्रोजेक्ट्स को लेकर घोषणा   

कविता गर्ग 
मुंबई। बॉलीवुड 'द कश्मीर फाइल्स’ के निर्माता अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स और आई एम बुद्धा प्रोडक्शंस, फिल्म की पूरी टीम ने अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर घोषणा की है।
अभिषेक अग्रवाल, विवेक रंजन अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी दो फिल्मों को प्रोड्युस करने वाले हैं। जो ‘द कश्मीर फाइल्स’ की तरह होंगी और तेज नारायण अग्रवाल उन्हें प्रस्तुत करेंगे।
विवेक अग्निहोत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक मोशन वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी के प्रोडक्शन हाउस और अभिषेक अग्रवाल के प्रोडक्शन हाउस ने आगामी दो फिल्मों के लिए हाथ मिलाया है। इसमें यह भी कहा गया है कि दोनों प्रोडक्शन हाउस अब भारत की दो ऐसी सच्ची दास्तां को बड़े पर्दे पर दर्शाएंगे, जो बहुत ही भयानक है।
विवेक अग्निहोत्री ने इस वीडियो को शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा- टाइगर प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई। इस मौके पर अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स और आई एम बुद्धा फाउंडेशन के बीच एक नए सहयोग की घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। 
इस वीडियो में विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी के प्रोडक्शन हाउस और अभिषेक अग्रवाल के प्रोडक्शन हाउस ने आगामी दो फिल्मों के लिए हाथ मिलाया है। इसमें यह भी कहा गया है कि दोनों प्रोडक्शन हाउस अब भारत की दो ऐसी सच्ची दास्तां को बड़े पर्दे पर दर्शाएंगे, जो बहुत ही भयानक है।
विवेक अग्निहोत्री ने इस वीडियो को शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा- टाइगर प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई। इस मौके पर अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स और आई एम बुद्धा फाउंडेशन के बीच एक नए सहयोग की घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। 
ये फिल्म 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार और उनके पलायन की दर्दभरी दास्तां को बयां करती है। 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन के अपने दिल दहला देने वाले चित्रण के साथ ‘द कश्मीर फाइल्स’ हाल ही में 250 करोड़ रुपये के क्लब में शामिल हुई, जिसके बाद देश में चर्चा का विषय बन गया।

पाक: नए प्रधानमंत्री के तौर पर शरीफ को चुना

पाक: नए प्रधानमंत्री के तौर पर शरीफ को चुना   

सुनील श्रीवास्तव
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संसद (नेशनल असेंबली) ने सोमवार को देश के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शहबाज शरीफ को चुन लिया है। आज रात आठ बजे शहबाज शरीफ पद की शपथ लेंगे। बता दें कि सप्ताह भर देश में जारी राजनीतिक संकट का अंत रविवार को इमरान खान के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बाद हो गया। जिसमें प्रधानमंत्री के पद से उन्हें हटा दिया गया। नवनिर्वाचित पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, आज सर्वशक्तिमान ने पाकिस्तान और देश के 22 करोड़ लोगों को बचाया है। यह पहली बार है जब अविश्वास प्रस्ताव का वोट सफलतापूर्वक पारित हुआ है। इस देश के लोग इस दिन को मनाएंगे।
पाकिस्तानी संसद ने देश के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शहबाज शरीफ का चुनाव कर लिया है। वे आज रात आठ बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। 
सत्ता से बाहर हुए इमरान खान की पार्टी पीटीआइ के सभी सदस्यों ने निचले सदन से इस्तीफे का एलान कर दिया। पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, श्हम सभी इस्तीफा दे रहे हैं।
पीटीआइ के सदस्यों ने वाक आउट किया। कुरैशी ने कहा कि उन्होंने चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है।
पाकिस्तान नेशनल असेंबली का सत्र शुरू हो गया है। विपक्षी उम्मीदवार और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उपाध्यक्ष व पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी नए प्रधानमंत्री पद के लिए रेस में शामिल हैं।
नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं शहबाज तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं शहबाज। नवाज शरीफ को साल 2017 में प्रधानमंत्री के के पद पर अयोग्य करार दिया गया था। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को देश के पीटीआइ की रैली में शामिल हुए सभी लोगों का धन्यवाद किया। रविवार से ही इमरान समर्थकों का विरोध प्रदर्शन जारी है। पार्टी की यह रैली इमरान खान के समर्थन में निकाली गई। उल्लेखनीय है कि नेशनल असेंबली में विपक्ष की ओर से इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जिसमें उनकी सरकार हार गई।
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के समर्थकों ने यहां पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के घर के बाहर प्रदर्शन किया। लंदन के एवनफील्ड इलाके में स्थित शरीफ के घर के बाहर पीटीआइ समर्थकों के जमा होने की खबर मिलते ही नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के समर्थक भी जुट गए। इसके बाद दोनों तरफ से एक-दूसरे के नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की गई। धक्का-मुक्की भी हुई। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। पीएमएल-एन बलूचिस्तान के पूर्व सूचना सचिव संतोष कुमार बुगती ने कहा कि शरीफ के घर के बाहर जमा भीड़ इमरान खान के खिलाफ नारे लगा रहे थी और उन्हें चोर बता रही थी।

पीएम व राष्ट्रपति बाइडन ने ऑनलाइन बैठक की

पीएम व राष्ट्रपति बाइडन ने ऑनलाइन बैठक की   

अखिलेश पांडेय           
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन, दोनों नेताओं के बीच यह ऑनलाइन बैठक सोमवार को वाशिंगटन में भारत और अमेरिका के बीच 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता के चौथे सत्र से पहले हुईं।
कार की गति को नियंत्रित करने से पहले अपने दिमाग की गति को नियंत्रित करना सबसे जरूरी है।
छत्तीसगढ़ के शिवरी नारायण का मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से गहरा नाता है। इसे पांचवां धाम और गुप्त तीर्थ भी माना जाता है। यह वही स्थान है, जहां वनवास के दौरान राम ने शबरी के हाथों से जूठे बेर खबर थे।
रूस यूक्रेन जंग, श्रीलंका में आर्थिक संकट और पाकिस्तान में सियासी उठापटक के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बैठक की। दोनों नेताओं के बीच ये बैठक वर्चुअल हुईं। माना जा रहा है कि ये बैठक कल शाम 7:30 से 8 बजे के बीच हो सकती है। दोनों नेताओं ने इस दौरान मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने के साथ ही दक्षिण एशिया, हिंद-प्रशांत के हालिया घटनाक्रम और पारस्परिक हित के वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
दोनों नेताओं के बीच यह ऑनलाइन बैठक सोमवार को वाशिंगटन में भारत और अमेरिका के बीच 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता के चौथे सत्र से पहले होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ 11 अप्रैल को वाशिंगटन में इस वार्ता के चौथे सत्र के तहत बातचीत करेंगे।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन बैठक के दौरान मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने के साथ ही दक्षिण एशिया, हिंद-प्रशांत के हालिया घटनाक्रम और पारस्परिक हित के वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। ऑनलाइन बैठक दोनों पक्षों को द्विपक्षीय व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से अपने नियमित और उच्च स्तरीय संपर्क को जारी रखने में सक्षम बनाएगी।
खबर के अनुसार, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, ''राष्ट्रपति बाइडन हमारी सरकारों, अर्थव्यवस्थाओं और हमारे लोगों के बीच संबंधों को और गहरा करने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ ऑनलाइन बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा कि बाइडन और मोदी इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनमें कोविड-19 महामारी को समाप्त करना, जलवायु संकट का मुकाबला करना, वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा, लोकतंत्र और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाये रखना शामिल हैं।
साकी ने कहा कि दोनों नेता हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे के विकास और उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे के बारे में जारी बातचीत को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, ''दोनों पक्ष यूक्रेन के खिलाफ रूस के क्रूर युद्ध के परिणामों और ऊर्जा एवं खाद्य सामग्री की बढ़ती कीमतों जैसे मुद्दों से निपटने के लिए करीबी समन्वय जारी रखेंगे।
बाइडन ने इससे पहले मार्च में क्वॉड के अन्य नेताओं के साथ मोदी से बातचीत की थी।

'नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार' के मामलें में कसा शिकंजा

'नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार' के मामलें में कसा शिकंजा   

अखिलेश पांडेय          
इस्लामाबाद। नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार के मामलें में अब प्रवर्तन निदेशालय ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
शाहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तानी आवाम की दुआएं अल्लाह ने कबूल कीं‌, वह पाकिस्तान के अगले व 23वें प्रधानमंत्री होंगे।
समाचार एजेंसी ने जानकारी दी है कि मल्लिकार्जुन खड़गे से नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार मामले में प्रवर्तन निदेशालय लंबी पूछताछ कर रही है। मल्लिकार्जुन खड़गे को आज ईडी के सामने पेश होने के लिए तलब किया गया।
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन 1938 में शुरू किया गया था। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस अखबार का इस्तेमाल आज़ादी की लड़ाई में किया। नेहरू ने 1937 में एसोसिएटेड जर्नल बनाया था, जिसके तहत 3 अखबारों का प्रकाशन किया जा रहा था। हिंदी में नवजीवन, उर्दू में कौमी आवाज़ और अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड। लेकिन 2008 तक एसोसिएटेड जर्नल ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। इसके बाद यह भी जानकारी सामने आई कि एसोसिएटेड जर्नल पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज भी चढ़ चुका है।
नेशनल हेराल्ड मामले में बड़े घोटाले का खुलासा वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2012 में किया था। सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी ने अपने पार्टी के पैसे से सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया को 90 करोड़ रुपए उधार दिए और इसके बाद उसी पैसे राहुल सोनिया की कंपनी यंग इंडिया ने नेशनल हेराल्ड अखबार निकालने वाली कंपनी एसोसिएट जनरल को खरीद लिया। ऐसे में कंपनी की करीब 5 हजार करोड़ की संपत्ति गांधी परिवार के पास चली गई। इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने सोनिया और राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव दिवंगत ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया से 12 अप्रैल तक स्वामी की याचिका पर जवाब देने को कहा है।

पूर्व विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई

पूर्व विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई    

अमित शर्मा       
चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। सुरजीत सिंह धीमान मालवा क्षेत्र के प्रमुख नेता हैं। पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने पार्टी की इस कार्रवाई का पत्र जारी कर जानकारी दी। आदेश में कहा गया है कि पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाता है।
पंजाब में अपराधियों के खिलाफ सख्त डीजीपी वीके भावरा, लोगों से पुलिस का साथ देने की अपील करते हुए कहा- ‘एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स करेगी तेज कार्रवाई’
दरअसल पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान ने नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन में कांग्रेस हाईकमान के फैसले पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने पंजाब प्रदेश अध्यक्ष के पद पर अमरिंदर सिंह बराड़ (राजा वडिंग) की घोषणा के बाद बयान दिया था कि राजा वडिंग वही इंसान हैं, जिनका नाम ड्रग मामले व पैसों के लेनदेन में आने के बाद वे बादल परिवार के सामने झुक गए थे। वह मौकापरस्त और भ्रष्टाचारी हैं। धीमान के इस बयान के कुछ घंटे बाद ही उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई सीधे राजा वडिंग ने की है। हैरानी की बात यह है कि निष्कासन से पहले सुरजीत सिंह धीमान को पार्टी की ओर से कोई नोटिस तक नहीं दिया गया।
सुरजीत सिंह धीमान ने 2002 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और उसके बाद दो बार विधानसभा के चुनाव उन्होंने जीते। 2007 में संगरूर जिले के दिर्बा विधानसभा क्षेत्र से वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े। परिसीमन प्रक्रिया में जब दिर्बा को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया, तो धीमान को 2012 में संगरूर जिले के अमरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भी मैदान में उतारा गया, लेकिन वह उस समय अकाली दल के उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे। फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से अमरगढ़ से चुनाव लड़कर धीमान ने जीत हासिल की थी।

सरकारी नौकरी की तलाश, अभ्यर्थियों के लिए मौका

सरकारी नौकरी की तलाश, अभ्यर्थियों के लिए मौका 

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे अभ्यर्थियों के लिए सुनहरा मौका है। आयकर विभाग में स्पोर्ट्स कोटे के तहत कुल 24 पदों पर भर्तियां की जा रही हैं। इच्छुक और योग्य अभ्यर्थी 18 अप्रैल, 2022 तक ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। के मुताबिक आयकर विभाग की तरफ से भर्ती के जरिए टैक्स असिस्टेंट सहित मल्टी टास्किंग स्टाफ व अन्य के पदों पर भर्तियां की जाएंगी। इसके लिए अभ्यर्थी आवेदन फॉर्म आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।
इनकम टैक्स इंस्पेक्टर- किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट होना चाहिए।
टैक्स असिस्टेंट- किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ 8000 की डिप्रेशन प्रति घंटे की दर से डाटा एंट्री स्पीड।
मल्टी टास्किंग स्टाफ- 10वीं पास होना चाहिए।
अभ्यर्थियों को किसी भी खेल की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल हुआ होनाा चाहिए। साथ ही एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज या इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड द्वारा आयोजित इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में शामिल हुआ होना चाहिए। इसके अलावा ऑल इंडिया स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा आयोजित नेशनल टूर्नामेंट में स्टेट स्कूल टीम की ओर से खेला होना चाहिए।

कीटनाशकों के आयात के दरवाजे खोलने की साजिश

कीटनाशकों के आयात के दरवाजे खोलने की साजिश 

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। देश के जाने माने कृषि विशेषज्ञ एवं भारत कृषक समाज के अध्यक्ष डॉ. कृष्णवीर चौधरी ने आरोप लगाया है कि कृषि मंत्रालय की नौकरशाही देश में बनने वाली असरदार एवं सस्ती कीटनाशक दवाओं का उत्पादन बंद करने और निजी फायदे के लिए विदेशी कीटनाशकों के आयात के दरवाजे खोलने की साजिश रच रही है।
डॉ. कृष्णवीर चौधरी ने हाल ही में आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में मिर्च की फसल की बरबादी का हवाला देते हुए देश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिख कर आगाह किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नाक के नीचे नौकरशाही दुस्साहस पूर्ण ढंग से कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 में ऐसे प्रावधान लाने की कोशिश में है। जिससे देश में बनने वाली प्रभावी कीटनाशक दवाओं का उत्पादन बंद हो जाये जिनका निर्यात तेजी से बढ़ रहा है और विदेशी कीटनाशकों का आयात फिर से शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार बदल गयी लेकिन भ्रष्ट व्यवस्था अभी तक बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका के आर्थिक संकट में कृषि उत्पादन में कमी का प्रभाव सर्वगोचर है और इसी प्रकार से अंतरराष्ट्रीय ताकतें कुछ भ्रष्ट अधिकारियों, दलाल स्वैच्छिक संगठनों की मदद से भारतीय कृषि व्यवस्था को बिगाड़ने का षड्यंत्र रच रही हैं। उन्होंने कृषि मंत्री को दिये पत्र में कहा है कि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में मिर्च उगाने वाले किसानों से वह स्वयं मिल कर आये हैं और इन किसानों में कई के परिवार बरबाद हो गये हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मिर्च की फसल में कीड़े लगने के कारण 4000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है लेकिन किसानों का कहना है कि नुकसान अनुमान से कहीं अधिक है।
डॉ. चौधरी ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि मिर्च की फसल में लगी बीमारियों की रोकथाम के लिए कोई भी दवा कारगर नहीं थी। कुछ किसानों ने बताया की दशकों पहले कोई दवा बाजार में मिलती थी जो मिर्च में लगी थ्रिप्स सम्बन्धी बीमारी पर बहुत कारगर थी लेकिन केंद्र सरकार ने उस पर रोक लगा दी है जिससे वह दवाई बाजार में मिलना बंद हो गई है। उन्होंने मांग की कि कृषि मंत्रालय के उन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए जो विकल्प की उपलब्धता बताकर कारगर दवाओं पर प्रतिबन्ध लगाते अथवा लगवाते हैं।
किसान नेता ने पत्र में कृषि मंत्री से कहा, “आपके संज्ञान में लाना चाहता हूँ कि आपके मंत्रालय ने 27 कारगर एवं प्रचलित दवाओं के बंद करने की प्रक्रिया आरम्भ की है। ये दवाएं अनेकों फसलों की अनेकों बीमारियों एवं कीट पतंगों के नियंत्रण में कारगर है एवं किसान कई दशकों से इन दवाओं का उपयोग सफलतापूर्वक कर रहे हैं और विश्व के तमाम विकसित देशों में इन कीटनाशक दवाओं का प्रयोग विभिन्न फसलों पर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, ये कीटनाशक दवाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के अनुरूप है जिनका निर्यात लगातार बढ़ता जा रहा है और देश में हजारों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की आय हो रही है। उन्होंने कहा कि इन 27 दवाओं की हिस्सेदारी भारतीय बाजार में लगभग 40 फीसदी से अधिक है। इनके बंद होने पर भारतीय कृषि एवं किसानों पर आंध्र प्रदेश की मिर्च की खेती के समान प्रभाव पड़ना तय है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय कीटनाशक दवाओं पर रोक लगाने के बाद देश के किसान कई गुना महंगी विदेशी कीटनाशक दवाएं खरीदने के लिए विवश होंगे। इससे किसानों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ेगा और देश में अनावश्यक रूप से कीटनाशकों का आयात बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि लगातार वर्ष दर वर्ष भयंकर कीट पतंगों एवं बीमारियों से प्रभावित हो रही है इनमे लोकस्ट, सफ़ेद सुंडी, फॉल आर्मी वार्म, आदि प्रमुख हैं। ऐसे में किसानों के बीच प्रचलित दवाओं पर प्रतिबन्ध लगाना किसानों की आय एवं कृषि उत्पादन दोनों को प्रभावित करेगा। यह सब आयातक लॉबी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की अधिकारियों से मिलीभगत की साज़िश है।
श्री चौधरी ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भारतीय कंपनियों की अलग पहचान है जो कि निर्यात के आंकड़ों से साबित होता है। वर्ष 2019-20 का निर्यात 23 हजार 700 करोड़ रूपए था जो बढ़कर 2020-21 में 26 हजार 500 करोड़ रूपए से ज़्यादा गया हो गया। भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता और कम कीमतों की वजह से विश्व के विकसित देशों में भारी मांग बढ़ रही है एवं भारत से निर्यात में वर्ष दर वर्ष निरंतर वृद्धि हो रही है। यही वजह है कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार की ताकतें भारतीय कंपनियों के कृषि रसायनों की विश्व बाज़ार में बढ़ती हिस्सेदारी से दुखी हैं और भारत काे बाज़ार से बाहर करने के लिए पिछले कुछ वर्षों से तरह तरह के हथकण्डे अपना रही हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों की वैश्विक बाज़ार में हिस्सेदारी को प्रभावित करने के लिए भारत के कुछ स्वैच्छिक संगठनों को विदेशी फंडिंग की जा रही है जिससे भारतीय कंपनियों के द्वारा बनाये हुए जेनेरिक मोलेक्युल्स को बदनाम करके बंद करवाने के प्रयासों में लगे रहते हैं। दूसरी ओर भारत के किसानों को आयातित कृषि रसायनों पर निर्भर बनाने की साजिशें की जा रही हैं। यह स्वैच्छिक संगठन अपने विदेशी दान प्रदाताओं के इशारों पर नाचते हैं और उन्ही के इशारों पर काम करते हैं। यही नहीं बल्कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने कुछ भारतीय कंपनियों को अपना प्रवक्ता नियुक्त कर रखा है जो यह आभास दिलाते हैं की उनके द्वारा उठाये गए सभी मुद्दे भारतीय कंपनियों के मुद्दे हैं।
डॉ. चौधरी ने कीटनाशक प्रबंधन विधेयक को लेकर पिछले वर्ष कृषि संबंधी संसदीय स्थायी समिति में कुछ सुझाव दिये थे जिन्हें काफी हद तक समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्वीकार भी किया है। उन्होंने समिति को बताया था कि इस विधेयक में आयातित फार्मूलेशन के पंजीकरण से पहले, उसमे उपयुक्त होने वाले सक्रिय तत्त्व (टेक्निकल) के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं किया है और ना ही टेक्निकल के स्त्रोत का कोई सत्यापन किया जाता है। जबकि भारतीय कंपनियों को अपने उत्पादों के पंजीकरण के लिए विस्तृत नमूने एवं टेक्निकल के स्त्रोत की जरुरत होती है। इससे विदेशी कंपनियों को लाभ मिलता है। यह ‘मेक इन इंडिया’ की निति के विरुद्ध है। उन्होंने सुझाव दिया था कि विधेयक में आयातित फार्मूलेशन के पंजीकरण के लिए टेक्निकल का पंजीकरण अनिवार्य करने का प्रावधान होना चाहिए। क्योंकि दुनिया के सभी विकसित देशों में बिना टेक्निकल रजिस्टर किये, फार्मूलेशन रजिस्टर नहीं किया जाता। फार्मास्युटिकल्स और ड्रग्स इंडस्ट्री में भी यही किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से यह विधेयक भारत में उन कीटनाशकों (पेस्टीसाइड) के निर्यात की अनुमति को बाधित करता है जिन्हे किन्हीं कारणवश भारत में उपयोग करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है लेकिन उनका उपयोग अन्य विकसित देशों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसका भारत से होने वाले निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा एवं देश को निर्यात से होने वाली विदेशी मुद्रा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और भारतीय कंपनियों के द्वारा विश्व में बनाये हुए बाजार पर चीन का कब्ज़ा हो जायगा। इसे रोकने के लिए उन कीटनाशकों (पेस्टीसाइड) के उत्पादन की अनुमति जारी रखने का प्रावधान किया जाना चाहिए जिनके उपयोग को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है एवं अन्य देशों में अभी भी जारी है। इसी प्रकार से ‘वितरण' की परिभाषा में से ‘अंतरराष्ट्रीय बाज़ार’ शब्द हटा दिया जाना चाहिए।
डॉ. चौधरी ने कृषि मंत्री से मांग की है कि कीटनाशक विधेयक को लेकर संसदीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार करके शामिल करना चाहिए ताकि देश की कृषि व्यवस्था पर संकट नहीं आये। उन्होंने यह मांग भी कि इसे लेकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक की अगुवाई में एक समीक्षा समिति बनायी जानी चाहिए जिसमें मंत्रालय के अधिकारी नहीं हों।

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