शुक्रवार, 25 मार्च 2022

फंड की वैधता को चुनौती, याचिका खारिज की

फंड की वैधता को चुनौती, याचिका खारिज की    

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने ‘पीएम केयर्स फंड’ की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवाई की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।

पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील देवदत्त कामत से कहा कि वह इस मामले में उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकते हैं। श्री कामत ने सुनवाई के दौरान पीठ के समक्ष कहा कि उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका में उठाए गए सभी मुद्दों पर गौर नहीं किया।

नामांकन की व्यवस्था को समाप्त करने की मांग

नामांकन की व्यवस्था को समाप्त करने की मांग   

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सुशील कुमार मोदी ने आज राज्यसभा में केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों के कोटे से विद्यार्थियों के होने वाले नामांकन की व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की। मोदी ने शुन्य काल के दौरान इस मामले को उठाते हुए कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में हर एक सांसद के कोटे से 10 और विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के कोटे से 17 विद्यार्थियों के नामांकन का प्रावधान है जिसे समाप्त किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के कारण हरेक साल 29 हजार विद्यार्थियों का विभिन्न कक्षाओं में नामांकन होते हैं, जो अलोकतांत्रिक है और इसमें आरक्षण के नियमों का भी पालन नहीं होता है। इससे अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि सांसदों के केंद्रीय विद्यालय में कोटा होने के कारण बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन उनसे मिलने आते हैं। जिसके कारण अलग समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसी के कारण वह इस कोटे को बढ़ाने की नहीं बल्कि समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।

मोदी ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में 40 छात्रों पर एक शिक्षक के अनुपात का प्रावधान है, लेकिन एक कक्षा में 60-60 छात्रों का नामांकन कर लिया जाता है। समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम एक कंप्यूटर प्रशिक्षित कलर्क की नियुक्ति करने की मांग की और कहा कि इससे शिक्षक पठन-पाठन का काम ठीक ढंग से कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा की स्थिति खासकर उत्तर प्रदेश में बहुत खराब है।

ऐसे विद्यालयों में मुश्किल से एक या दो शिक्षक होते हैं जिनमें से एक मिड-डे-मील का हिसाब किताब करने में ही लगे रहते हैं। एक शिक्षक को मिड-डे-मील का हिसाब देने के लिए बार-बार ब्लॉक ऑफिस जाना होता है। इसके साथ ही उन्हें कई प्रकार की बैठकों में शामिल होना होता है। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई का कार्य बुरी तरह से प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि गरीब लोग ही प्राथमिक विद्यालयों में अपने बच्चे का नामांकन कराते हैं। लेकिन उन्हें उचित शिक्षा नहीं मिल पाती है। यदि इन विद्यालयों में एक कंप्यूटर प्रशिक्षित कलर्क की नियुक्ति की जाती है तो इससे पठन-पाठन बेहतर ढंग से हो सकेगा।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-168, (वर्ष-05)
2. शनिवार, मार्च 26, 2022
3. शक-1984, चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि-नवमीं, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 07:04, सूर्यास्त: 06:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम-34+ डी सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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गुरुवार, 24 मार्च 2022

अनुदानित मदरसों में 'राष्ट्रगान' का गायन अनिवार्य

अनुदानित मदरसों में 'राष्ट्रगान' का गायन अनिवार्य   

संदीप मिश्र       
लखनऊ। उत्तर प्रदेश, मदरसा शिक्षा परिषद ने सभी अनुदानित और गैर-अनुदानित मदरसों में नए सत्र से राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य कर दिया है। हर मदरसे को कक्षाएं शुरू करने से पहले अन्य दुआओं के साथ राष्ट्रगान शिक्षकों और छात्रों को एक साथ गाना होगा। परिषद ने गुरुवार को अपनी बैठक में मुंशी-मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं 14 मई से 27 मई के बीच कराने का भी निर्णय लिया। 20 मई के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में गर्मी की छुट्टियों और उत्तर प्रदेश बोर्ड की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन की वजह कॉलेजों के खाली न होने पर मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं राज्य अनुदानित मदरसों और आलिया स्तर के स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों में कराई जाएगी। 
परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए हर परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। यह निर्णय गुरुवार मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया।
बैठक में तय किया गया कि मदरसा बोर्ड में अब छह प्रश्नपत्रों की परीक्षा होगी। इसमें बेसिक शिक्षा की तर्ज पर कक्षा 1 से 8 तक के पाठ्यक्रम में दीनियात के अलावा हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र होंगे। इसी तरह सेकेंडरी (मुंशी-मौलवी) में अरबी-फारसी साहित्य के साथ दीनियात शामिल करते हुए एक विषय रखा जाएगा। बाकी हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र अलग होंगे। 
बैठक में तय किया गया कि मदरसों में घटती छात्र संख्या के चलते जिन अनुदानित मदरसों में छात्रों की संख्या से शिक्ष्ज्ञक के पद अधिक सृजित हैं वहां के शिक्षक जिन मदरसों में शिक्षक कम हैं वहां समायोजित के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में मदरसा शिक्षकों के पुत्र-पुत्रियों के अंग्रेजी शिक्षा ग्रहण करने की जानकारी प्राप्त करने के लिए सर्वे कराने का निर्णय लिया गया। बैठक में तय किया गया कि मदरसों में छात्र पंजीकरण ऑनलाइन कराया जाएगा और आधार बेस्ड उपस्थिति प्रणाली विकसित करते हुए अगले सत्र से लागू की जाएगी। मदरसा शिक्षकों की ससमय उपस्थिति के लिए मदरसों में बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की जाएगी। शिक्षण में गुणवत्ता बढ़ाने और भाई-भतीजावाद रोकने के लिए शिक्षक पात्रता की तर्ज पर मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा एमटीईटी लागू होगी। इस संबंध में रजिस्ट्रार को विस्तृत प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्देश दिया गया। इस निर्णय के बाद मदरसों में रिक्त होने वाले शिक्षक पदों के लिए वही अर्ह माने जाएंगे जो एमटीईटी उत्तीर्ण होंगे। बैठक में बोर्ड के सदस्य कमर अली, तनवीर रिजवी, डॉ. इमरान अहमद, असद हुसैन, वित्त एवं लेखाधिकारी अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय आशीष आनन्द और बोर्ड के रजिस्ट्रार शेषनाथ पाण्डेय उपस्थित थे।

खेल: धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़ी

खेल: धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़ी    

मोमीन मलिक         

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग में गुरुवार को बड़ा फेरबदल देखने को मिला है‌। महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़ दी है। उनकी जगह ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को कमान सौंपी गई है‌।चेन्नई टीम ने इस बार जडेजा और धोनी समेत 4 खिलाड़ियों को रिटेन किया था। जडेजा को फ्रेंचाइजी ने 16 करोड़ रुपए में रिटेन किया था‌। जबकि धोनी को इस सीजन के लिए 12 करोड़ रुपए में ही रिटेन किया। इससे यह शुरुआत में ही अंदाजा लग गया था कि जडेजा को कप्तान बनाया जा सकता है‌‌। उनके अलावा मोईन अली को 8 करोड़ और ऋतुराज गायकवाड़ को 6 करोड़ रुपए में रिटेन किया था।

33 साल के जडेजा 2012 से चेन्नई टीम के साथ बने हुए हैं। वह सीएसके टीम के तीसरे कप्तान होंगे। आईपीएल के पहले सीजन यानी 2008 से ही महेंद्र सिंह धोनी ही टीम की कमान संभाल रहे थे‌‌। धोनी ने 213 मैच में कप्तानी करते हुए टीम को 130 मैच में जीत दिलाई है। बीच में सुरेश रैना ने भी 6 मैचों में कप्तानी की है। जिसमें से टीम ने सिर्फ 2 ही मैच जीते थे। 40 साल के धोनी 2008 में लीग की स्थापना के बाद से सीएसके के कप्तान रहे हैं और यह उनका आखिरी आईपीएल हो सकता है। वह पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं।


उदयन सभागार में 'डीएलआरसी' की बैठक सम्पन्न

उदयन सभागार में 'डीएलआरसी' की बैठक सम्पन्न     

सुशील केसरवानी                 
कौशाम्बी। जिलाधिकारी सुजीत कुमार की अध्यक्षता में सम्राट उदयन सभागार में जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) की बैठक सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने सभी बैंको के अधिकारियों से कहा कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत सभी ऋण आवेदन जो स्वीकृत हो गये हैं, उन सभी को निस्तारित करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही उन्होने विभागीय अधिकारियों को भी स्वीकृत ऋण आवेदनों पर विशेष ध्यान देते हुए निस्तारित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने लम्बित ऋण आवेदनों को 02-03 दिनों में निस्तारित करने के निर्देश दिये। 
उन्होंने बैंको के अधिकारियों से कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जायें। बैठक में बताया गया कि स्वयं सहायता समूह के खातों को खोलने में बैंको द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। जिस पर जिलाधिकारी ने लापरवाही बरतने वाले बैंकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिये जिलाधिकारी ने विभिन्न योजनाओं-किसान क्रेडिट कार्ड, मत्स्य पालन किसान क्रेडिट कार्ड, पशु पालन किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना सहित आदि योजनाओं के अन्तर्गत प्राप्त ऋण आवेदनों पर अब तक की गयी कार्यवाही की विस्तृत समीक्षा करते हुए ऋण आवेदनों को निस्तारित करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि कोई भी ऋण आवेदन लम्बित न होने पाये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शशिकान्त त्रिपाठी, एलडीएम सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

डीएम की अध्यक्षता, मजिस्ट्रेट-व्यवस्थापकों की बैठक

डीएम की अध्यक्षता, मजिस्ट्रेट-व्यवस्थापकों की बैठक  

हरिशंकर त्रिपाठी                 

देवरिया। बृहस्पतिवार को माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर-प्रदेश प्रयागराज द्वारा आयोजित हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाएं नकल विहीन एवं शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन की अध्यक्षता में समस्त केंद्रों के सेक्टर मजिस्ट्रेेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट एवं केंद्र व्यवस्थापकों की बैठक टाउन हॉल सभागार में आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को परीक्षा के दौरान उनके दायित्व के साथ कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा की शुचिता को प्रभावित करने वाले नकल माफियाओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में 218 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। हाई स्कूल में 67,802 विद्यार्थी तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा में 56,751 परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा की शुचिता को बनाए रखने के लिए तीन सुपर जोनल मजिस्ट्रेट, 5 जोनल मजिस्ट्रेट तथा 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। 9 परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील तथा 4 परीक्षा केंद्रों को अतिसंवेदनशील श्रेणी में चिन्हित किया गया है। एलआईयू, पुलिस बल, सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रथम एवं द्वितीय पाली में प्रतिदिन निरीक्षण करेंगे और उसकी आख्या कंट्रोल रूम तथा जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे।
परीक्षा कक्ष में वॉइस रिकॉर्डर के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिसकी निगरानी विद्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम से की जाएगी। परीक्षा केंद्र पर किसी भी तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एवं मोबाइल को लाने की अनुमति नहीं होगी। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्र पर डबल लॉक अलमारी में सुरक्षित रखें गए हैं। डबल लॉक को स्टैटिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में केंद्र व्यवस्थापक एवं बाह्य केंद्र व्यवस्थापक द्वारा खोला तथा बंद किया जाएगा। जिस अलमारी को प्रश्न पत्रों हेतु डबल लॉक अलमारी बनाया गया है। उसमें प्रश्न पत्र के अतिरिक्त कोई अन्य सामग्री नहीं रखी जाएगी। परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र के प्रकटन की दशा में संबंधित स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक एवं बाह्य केंद्र व्यवस्थापक को उत्तरदायी माना जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराने की जिम्मेदारी स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और बाह्य केंद्र व्यवस्थापक की है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार, एडीएम (वित्त एवं राजस्व) नागेंद्र कुमार सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी अमृत लाल बिंद, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम गुँजन द्विवेदी, एसडीएम सदर सौरभ सिंह, एसडीएम रुद्रपुर, डीआईओएस देवेंद्र कुमार गुप्ता, बीएसए सन्तोष कुमार राय सहित विभिन्न अधिकारी, सेक्टर मजिस्ट्रेटगण व केंद्र व्यवस्थापकगण मौजूद थे।

डीएम खत्री ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाई

डीएम खत्री ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाई  

बृजेश केसरवानी                        
प्रयागराज। विश्व क्षय रोग दिवस पर स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में जागरूकता रैली, हस्ताक्षर अभियान व पोषाहार वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। क्षय रोग जागरूकता रैली को जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही कलेक्ट्रेट परिसर स्थित संगम सभागार में 40 टीबी संक्रमित मरीजों को पोषाहार वितरित किया गया। 
रैली जिलाधिकारी कार्यालय से होते हुए जिला क्षय रोग कार्यालय तक गयी। रैली को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने जनपद को टीबी मुक्त बनाने के लिए जनसमुदाय से अपील की। उन्होने कहा कि टीबी एक ऐसी बीमारी है।
जिसके प्रति लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है। टीबी के लक्षण दिखाई देने पर घबराएँ न बल्कि नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं। टीबी के मरीज का उपचार समय पर जरूरी है। एक टीबी मरीज 10 से 15 स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर सकता है। सरकार टीबी मरीजों का इलाज व दवाओं से लेकर जांच निःशुल्क मुहैया कराती है। कलेक्ट्रेट स्थित संगम सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नानक सरन, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके तिवारी व एडीएम सिटी मदनदीप के नेतृत्व में टीबी मरीजों के लिए पोषाहार वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। टीबी मरीजों को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नानक सरन ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को जल्द से जल्द प्राप्त करने के उद्देश्य से विभाग छः माह तक हर टीबी मरीज को प्रत्येक माह पौष्टिक आहार (पोषाहार) वितरित करेगा। टीबी संक्रमित मरीज पोषाहार व नियमित दवा के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर टीबी को हराएंगे। पोषाहार में मरीजों को मूँगफली, भुना चना, गुड, सत्तू, तिल/गज़क, हौर्लिक्स प्रतिमाह एक-एक किलो प्रदान किया जाएगा। 
पोषाहार वितरण हेतु जनपद के सभी ब्लॉकों के बीडीओ को मरीजों की सूची भेजी गई है। बीडीओ के माध्यम से सीएचसी, पीएचसी में प्रत्येक माह पोषाहार का वितरण किया जाएगा। शहरी क्षेत्र के टीबी मरीजों को राज्य क्षय रोग चिकित्सालय तेलियरगंज में पोषाहार वितरित किया जाएगा। 

यूके: यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का फैसला

यूके: यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का फैसला      

पंकज कपूर                            
देहरादून। शपथ लेने के एक दिन बाद ही उत्तराखंड के नवनिर्वाचित सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कि हमने उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता, अर्थात यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले पर अपनी सहमति जताई है। 
अब इस मामले पर बहुत जल्द विशेषज्ञों की एक टीम गठित की जाएगी और राज्य भर में यूनिफॉर्म सिविल कोडलागू किया जाएगा। आपको बता दें कि देशभर में उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य है। जो यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने जा रहा है।

शक्तिकांत ने 'आरबीआईएच' का उद्घाटन किया

शक्तिकांत ने 'आरबीआईएच' का उद्घाटन किया 

इकबाल अंसारी           

बेंगलुरु भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को बेंगलुरु में 100 करोड़ रुपये के शुरुआती अंशदान से तैयार रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) का उद्घाटन किया। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि आरबीआईएच की स्थापना देश में वित्तीय नवाचार को प्रोत्साहन देने के इरादे से की गई है।इस नवाचार केंद्र के जरिये वित्तीय सेवाओं एवं उत्पादों तक निम्न-आय समूह की पहुंच को बढ़ावा देने वाली पारिस्थितिकी बनाने की कोशिश की जाएगी।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि भारत में वित्तीय क्षेत्र तक विश्वस्तरीय नवाचार लाने के साथ ही वित्तीय समावेशन की दिशा में भी यह केंद्र काम करेगा। इसके जरिये बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र, स्टार्टअप पारिस्थितिकी, नियामकों और अकादमिक जगत को एक मंच पर लाने की कोशिश की जाएगी। रिजर्व बैंक ने कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा आठ की कंपनी के तौर पर आरबीआईएच का गठन किया है। इसके लिए शुरुआती तौर पर 100 करोड़ रुपये की पूंजी लगाई गई है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं हुईं अभिनेत्री कंगना

सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं हुईं अभिनेत्री कंगना   

कविता गर्ग          

मुंबई। अभिनेत्री कंगना रनौत और गीतकार जावेद अख्तर बीच चल रहे मानहानि केस पर पिछले कई दिनों से कोर्ट में सुनवाई हो रही है। लेकिन, कंगना इन सुनवाई के दौरान पेश हो नहीं हो रही है। बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई के दौरान भी कंगना कोर्ट में पेश नहीं हुईं। इसे लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कंगना को खूब फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि कंगना अपने प्रोफेशनल काम में लगातार व्यस्त हैं।लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह किसी मामले में आरोपी हैं‌।

कंगना रनौत ने हाल में अंधेरी मेट्रोपोल‍िटन मज‍िस्‍ट्रेट में याचिका दायर की थी कि उन्‍हें लेखक जावेद अख्‍तर के केस में पेश होने से परमानेंट र‍ियायत म‍िल जाए। लेकिन कोर्ट ने उनकी ये याचिका खारिज कर दी थी‌ कंगना कथित तौर पर इस मामले में केवल दो बार कोर्ट में पेश हुई हैं। एक बार जब मामले पर पहली बार सुनवाई हुई थी और दूसरी बार जब उन्होंने मजिस्ट्रेट के खिलाफ पक्षपात का आरोप लगाया था।

ईटाइम्स ने एक न्यूज पोर्टल के हवाले से बताया है, मजिस्ट्रेट आरआर खान ने कहा कि कंगना रनौत कथित तौर पर ‘इस मामले की सुनवाई के लिए अपनी शर्तों के अनुसार तय कर रही हैं।’ उनकी परमानेंट पेशी में छूट की याचिका को खारिज करते हुए, मजिस्ट्रेट ने कहा कि कंगना को कानून की स्थापित प्रक्रिया और अपने जमानत बांड के नियमों और शर्तों का पालन करना होगा। मजिस्ट्रेट आरआर खान ने आगे कहा कि वह एक सेलिब्रिटी हैं और उनके प्रोफेशनल कार्य हो सकते हैं।लेकिन वह यह नहीं भूल सकतीं कि वह इस मामले में एक आरोपी हैं। बता दें कि साल 2020 में, सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू जावेद अख्तर का नाम लेते हुए उन्हें ‘सुसाइड गैंग’ का हिस्सा बताया था, जो बॉलीवुड में उनके जैसे ‘आउटसाइडर’ को अपनी जिंदगी खत्म करने पर मजबूर करते हैं।

नवरात्रि का नौवां दिन मां 'सिद्धिदात्री' को समर्पित

नवरात्रि का नौवां दिन मां 'सिद्धिदात्री' को समर्पित  सरस्वती उपाध्याय  मां दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प...