गुरुवार, 3 मार्च 2022

यूपी: 10 जिलें, 57 सीट, 54.12 प्रतिशत मतदान

यूपी: 10 जिलें, 57 सीट, 54.12 प्रतिशत मतदान     

संदीप मिश्र      
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए छठे चरण में प्रदेश के 10 जिलों की 57 विधानसभा सीटों पर 3 मार्च यानी गुरुवार को मतदान हुआ हैं। इस बीच रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने पूर्वांचल में जारी मतदान को लेकर वोटर्स से अधिक से अधिक मतदान करने की अपील की है। जयंत ने बिना नाम लिए बीजेपी का घेराव करते हुए कहा कि इतनी वोट डालो के किसान विरोधियों के छक्के छूट जाएं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का छठा दौर आज खत्म हो गया। चुनाव आयोग के मुताबिक प्रदेश के 10 जिलों की 57 सीटों पर गुरुवार को औसतन 54.12 प्रतिशत मतदान हुआ। अब प्रदेश में मतदान का सिर्फ सातवां और आखिरी दौर बचा है, जो 7 मार्च को होगा।
जिन 10 जिलों में चुनाव हुआ है। उनमें गोरखपुर के अलावा अम्बेडकरनगर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया और बलिया शामिल हैं। कुल 676 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस चरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर से, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह (बांसी), बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी (इटवा), पूर्व श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (फाजिलनगर) और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (तमकुही राज) से चुनाव मैदान में हैं।

झांसी: देखभाल केंद्र पर 'कार्यशाला' का आयोजन

झांसी: देखभाल केंद्र पर 'कार्यशाला' का आयोजन    

नीरज जैन        
झांसी। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे, (विश्व वन्यजीव दिवस) के अवसर पर वाइल्डलाइफ एसओएस ने उत्तर प्रदेश वन विभाग के साथ, गोरखपुर चिड़ियाघर (शहीद अशफाक उल्लाह खान प्राणि उद्यान) के ज़ूकीपर्स और पशु चिकित्सा अधिकारियों के लिए 'कैप्टिव एनिमल्स के कल्याण और प्रबंधन' पर आगरा भालू संरक्षण केंद्र और मथुरा स्थित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र पर कार्यशाला का आयोजन किया।
दो दिवसीय कार्यशाला को तीन बैचों में विभाजित किया गया है। जिनमें से पहला बैच 2-3 मार्च को गोरखपुर चिड़ियाघर के ज़ूकीपर्स, पशु चिकित्सकों और अधिकारियों सहित 10 प्रतिभागियों के लिए आयोजित किया गया है। कार्यशाला का आयोजन कैप्टिव एनिमल्स के संरक्षण और मानवीय प्रबंधन तकनीकों में सुधार के उद्देश्य से किया गया है।
कार्यशाला का पहला दिन आगरा भालू संरक्षण केंद्र में हुआ जहां जंगली जानवरों के बचाव, उनके पुनर्वास और स्वास्थ्य प्रबंधन जैसे विषयों पर वाइल्डलाइफ एसओएस के एक्सपर्ट्स द्वारा ज्ञान सांझा किया गया। बैजूराज एम.वी, डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, वाइल्डलाइफ एसओएस ने 'जंगली जानवरों के कल्याण, बचाव और पुनर्वास के महत्व' पर बात की और डॉ. एस, इलियाराजा, उप निदेशक-पशु-चिकित्सा सेवाओं ने 'बचाए गए वन्यजीवों के स्वास्थ्य प्रबंधन' पर बात कर सुझाव दिए। इसके बाद फील्ड डीमोंसट्रेशन सेशन हुआ जिसमे केंद्र में रह रहे भालुओं का मानवीय प्रबंधन तकनीकों के इस्तमाल से कैसे स्वास्थ प्रबंधन किया जा सकता है, इस पर चर्चा की गई।
कार्यशाला का दूसरा दिन मथुरा में हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में हुआ। जिसकी भारत के पहले और एकमात्र हाथी अस्पताल के दौरे के साथ शुरुवात हुई। वैज्ञानिक और मानवीय हाथी प्रबंधन तकनीक जैसे पॉजिटिव कंडीशनिंग, टारगेट ट्रेनिंग, पैरों की देखभाल आदि की सहायता से हाथी प्रबंधन, कार्यशाला के कुछ प्रमुख पहलू रहे।
कार्यशाला दो और बैचों में आयोजित की जाएगी, जो 7-8 मार्च और 11-12 मार्च को होगी। वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “ऐसी कार्यशालाएं कैप्टिविटी में रह रहे वन्यजीवों के प्रबंधन कौशल और तकनीकी विशेषज्ञता को बेहतर बनाने में बड़े पैमाने पर योगदान देंगी। वाइल्डलाइफ एसओएस जानवरों के मानवीय प्रबंधन के लिए मॉडल मानक हैं और हम पूरे भारत में समान सुविधाएं बनाने के लिए अपना ज्ञान-साझाकरण उपयोग करने के लिए हमेशा खुश हैं।
नेशनल चंबल सैंक्चुअरी प्रोजेक्ट के उप वन संरक्षक, दिवाकर श्रीवास्तव ने कहा, “जब कैप्टिव केयर में जंगली जानवरों के कल्याण और उचित प्रबंधन की बात आती है, तो वाइल्डलाइफ एसओएस से बेहतर सुविधाएं कहीं और नहीं है। 
यह केवल मानवीय प्रबंधन तकनीकों के कारण है, जो वे अपनी देखरेख में रह रहे पुनर्वासित जानवरों के कल्याण के लिए उपयोग करते हैं। ” बैजूराज एम.वी, डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, वाइल्डलाइफ एसओएस ने कहा*, “हम गोरखपुर चिड़ियाघर के प्रतिभागियों के साथ अपने ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करके बेहद खुश हैं। ऐसी कार्यशालाएं अतीत में भी फायदेमंद साबित हुई हैं।" गोरखपुर चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. एच. राजामोहन ने कहा, “हम इस कार्यशाला का हिस्सा बनकर बेहद खुश हैं। कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान न केवल हमारे जानवरों के बेहतर कल्याण में हमारी सहायता करेगा। बल्कि चिड़ियाघर के पूर्ण प्रबंधन में हमारे पशु चिकित्सा अधिकारियों और चिड़ियाघर के रखवालों की भी मदद करेगा।

पुतिन को मारने के लिए 10 लाख डॉलर का इनाम

पुतिन को मारने के लिए 10 लाख डॉलर का इनाम  

सुनील श्रीवास्तव         

मास्को/कीव। यूक्रेन के ऊपर रूस की ओर से किए गए हमले को लेकर आठवें दिन रूसी कारोबारी की ओर से अपने ही देश के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार करने या मारने के लिए 10 लाख डॉलर का इनाम रखा गया है। कारोबारी ने यह खुला ऑफर मिलिट्री अधिकारियों को दिया है। बृहस्पतिवार को कारोबारी एवं पूर्व बैंकर एलेक्स कोन्याखिन की ओर से सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट के माध्यम से रूसी सेना के यूक्रेन पर आक्रमण से गुस्साकर राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन को गिरफ्तार या मारने के लिए 10 लाख डॉलर देने की यह घोषणा की गई है। 

रूसी कारोबारी मौजूदा समय में अमेरिका में है। पश्चिमी देशों की सरकारों एवं कंपनियों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आर्थिक रूप से दंडित करने की मांग करके रूसी आक्रमण का जवाब दिया है। अब रूसी कारोबारी की ओर से राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन को गिरफ्तार या मारने के लिए 10 लाख डॉलर देने का यह प्रस्ताव इस विरोध को और अधिक तेज करता है।

गाजियाबाद की सीवर समस्या, अधिकारियों की बैठक

गाजियाबाद की सीवर समस्या, अधिकारियों की बैठक   

अश्वनी उपाध्याय        

गाज़ियाबाद। जिला नगर निगम की महापौर आशा शर्मा को लंबे समय के बाद गाज़ियाबाद की जनता की याद आ ही गई। उन्होंने गुरुवार को नगर निगम कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलकर शहर का हाल जाना। शहर में सीवर समस्या के समाधान को लेकर महापौर को स्वास्थ्य विभाग एवं जलकल विभाग के अधिकारियों के हुई बैठक में सीवर जाम की समस्या का पता चला, तो उन्होंने जिम्मेदार ठेकेदार को सख्त कार्रवाई की धमकी देने की औपचारिकता भी पूरी की।दरअसल, मेयर आशा शर्मा ने जीएम जल आनंद त्रिपाठी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथलेश, अधिशासी अभियंता जैदी, डॉ अनुज सिंह, नगर निगम के सफाई इंसपेक्टर एवं जलकल विभाग के अवर अभियंता एवं वाबाग कम्पनी के डिरेक्टर विजय, प्रोजेक्ट हेड रजनीश के साथ गुरूवार को शहर की सीवर समस्या को लेकर बैठक की। 

मेयर ने सख्त निर्देश दिए कि अगर जल्द ही सीवर समस्या का समाधान नही किया गया तो कंपनी के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि शहर में सबसे ज्यादा सीवर की समस्या है। मेयर ने शहर में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि शहर में कूड़े की समस्या का भी निस्तारण नहीं किया जा रहा है। जबकि, महापौर आशा शर्मा को भली भांति ज्ञात है कि राजनैतिक दखलंदाजी के चलते गाज़ियाबाद में कूड़ा डालने के लिए स्थायी ठिकाना ही नहीं मिल पा रहा है। 

'भांग मसाला' मिल्क बनाने की रेसिपी, जानिए

'भांग मसाला' मिल्क बनाने की रेसिपी, जानिए      

सरस्वती उपाध्याय        
मार्च के माह में आने वाली होली का त्यौहार बहुत मनाया जाने वाला है। ये रंगों और मस्ती से भरा त्यौहार है। इसमें लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और स्वादिष्ठ खाने से मेहमानों का स्वागत करते हैं। ऐसे में गुरुवार को हम आपके लिए घर पर भांग मसाला मिल्क बनाने की आसान रेसिपी लेकर आए हैं। वैसे तो होली के त्यौहार में भांग पीने का रिवाज है। लेकिन भांग आपकी और बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है।
इसलिए भांग मसाला मिल्क की ये आसान रेसिपी।आपके लिए होली सेलिब्रेसन के दौरान बेहतरीन साबित हो सकती है। इस ड्रिंक से आपके मुंह का स्वाद भी अच्छा बना रहता है और आप पूरे समय ताजगी से भरा महसूस भी करेंगे, तो चलिए जानते हैं। 
भांग मसाला मिल्क बनाने की रेसिपी।
भांग मसाला मिल्क बनाने की सामग्री...
20 ग्राम काजू।
20 ग्राम बादाम।
20 ग्राम पिस्ता।
1 चम्मच इलायची पाउडर।
2 चम्मच भांग पाउडर।
50 ग्राम चीनी।
1/8 चम्मच केसर।
1 लीटर दूध।
रेसिपी...
इसको बनाने के लिए आप सबसे पहले एक ब्लेंडर में काजू, बादाम, पिस्ता और इलायची पाउडर डालें।
इसके साथ ही आप इसमें एक चम्मच चीनी, 1/8 चम्मच केसर और भांग पाउडर को अच्छी तरह से पीसकर एक स्मूद पेस्ट बना लें। 
फिर आप एक बर्तन में दूध को अच्छी तरह उबाल लें।
इसके बाद इसमें काजू, पिस्ता, भांग और इलायची का पेस्ट को अच्छे से मिला लें।
फिर आप इसमें लगभग 50 ग्राम चीनी डालें और अच्छी तरह मिला दें।
इसके बाद जब दूध में उबाल आ जाए तो आप इसको कम आंच पर कुछ मिनट पकाकर गैस बंद कर दें।
फिर आप इसको एक सर्विंग गिलास में डालें और बादाम के टुकड़ों से गार्निश करके सर्व करें।

यूके: 24 घंटे में कोरोना के 33 नए मामलें मिलें

यूके: 24 घंटे में कोरोना के 33 नए मामलें मिलें        

पंकज कपूर       

देहरादून। उत्तराखंड में वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण का प्रकोप थमने लगा है। राज्य में कोरोना वायरस मामलों में निरंतर कमी आ रही है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के सभी 13 जनपदों में कोरोना वायरस के कुल 33 नये मामले सामने आए है। वहीं, दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत भी हुई है। 

गुरुवार को उत्तराखंड स्टेट कंट्रोल रूम देहरादून द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के कुल 33 नए मामले सामने आए है। जबकि राज्य में 117 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। वही दैनिक पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 0.64 फ़ीसदी पर पहुंच गई है। वहीं, विभिन्न अस्पतालों में भर्ती दो कोरोना मरीजों की मौत हुई है।

दूसरे देशों के सामान का बाजार बनें भारत, अस्वीकार

दूसरे देशों के सामान का बाजार बनें भारत, अस्वीकार   

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में विनिर्माण उद्योग को प्रोत्साहित करने पर बल दिए जाने के महत्व को गुरुवार को रेखांकित करते हुए कहा, “यह भारत केवल दूसरे देशों के सामान का बाजार बन कर रह जाए, यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। ” उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में अभी विनिर्माण कारोबार का योगदान कम है लेकिन संभावनाएं विशाल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा और प्रतिभाशाली आबादी के जनसांख्यिकीय लाभांश, लोकतांत्रिक व्यवस्था, प्राकृतिक संसाधनों जैसे सकारात्मक कारकों के बल पर हमें दृढ़ संकल्प के साथ मेक इन इंडिया की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होना चाहिए। नरेंद्र मोदी उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा बजट 2022-23 के प्रावधानों पर केंद्रित आन लाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। यह प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित आठवां बजट-उपरांत वेबिनार है। इस संगोष्ठी का विषय था 'मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' (दुनिया के लिए करें भारत में विनिर्माण)।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार के बजट में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान हैं। उन्होंने कहा, “ यह स्वीकार्य नहीं है कि भारत जैसा देश केवल एक बाजार बनकर रह जाए। ” उन्होंने महामारी और अन्य अनिश्चितताओं के दौरान आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान की ओर इशारा करते हुए कहा कि इससे मेक इन इंडिया का महत्व और भी बढ़ गया है। प्रधानमंत्री ने कहा,“ युवा और प्रतिभाशाली आबादी के जनसांख्यिकीय लाभांश, लोकतांत्रिक व्यवस्था, प्राकृतिक संसाधनों जैसे सकारात्मक कारकों के बल पर हमें दृढ़ संकल्प के साथ मेक इन इंडिया की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होना चाहिए। ”
उन्होंने जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट (त्रुटि और प्रदूषण से मुक्त) विनिर्माण के अपने आह्वान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “अगर हम राष्ट्रीय सुरक्षा के परिदृश्य में देखें तो आत्मनिर्भर भारत और भी महत्वपूर्ण है। ”
उन्होंने कहा कि भारत में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा सकल घरेलू उत्पाद का 15 प्रतिशत है,लेकिन मेक इन इंडिया से पहले अनंत संभावनाएं हैं और हमें भारत में एक मजबूत विनिर्माण आधार बनाने के लिए पूरी ताकत से काम करना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने सेमी-कंडक्टर और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे क्षेत्रों में नई मांग और अवसरों का उदाहरण दिया, जहां निर्माताओं को विदेशी स्रोतों पर निर्भरता को दूर करने की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी तरह, स्टील और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में भी स्वदेशी विनिर्माण के लिए ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने बाजार में उत्पाद की उपलब्धता और उसकी तुलना में भारत में बने उत्पाद की उपलब्धता के बीच अंतर के बारे में चर्चा की। उन्होंने अपनी निराशा को दोहराते हुए कहा कि भारत के विभिन्न त्योहारों के दौरान विदेशी प्रदाताओं द्वारा सामग्रियों की आपूर्ति की जाती है, जबकि वे स्थानीय निर्माताओं द्वारा आसानी से प्रदान की जा सकती हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 'वोकल फॉर लोकल' का दायरा दिवाली पर 'दीया' खरीदने से कहीं आगे जाता है।

प्रधानमंत्री ने स्थानीय उत्पादों के लिए नए गंतव्य खोजने की आवश्यकता पर बल डाला। उन्होंने निजी क्षेत्र को अनुसंधान एवं विकास पर खर्च बढ़ाने और अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता लाने और अपग्रेड करने का आह्वान किया। 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने के बारे में, प्रधानमंत्री ने कहा, “ दुनिया में बाजरा की मांग बढ़ रही है। विश्व बाजारों का अध्ययन करके, हमें अपनी मिलों को अधिकतम उत्पादन और पैकेजिंग के लिए पहले से तैयार करना चाहिए उन्होंने कहा, “आपको वैश्विक मानकों को बनाए रखना होगा और आपको विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा में आगे भी निकलना होगा। 

उन्होंने कहा कि इस बजट में ऋण सुविधा और प्रौद्योगिकी उन्नयन के माध्यम से एमएसएमई को अत्यधिक महत्व दिया गया है। सरकार ने एमएसएमई के लिए 6,000 करोड़ रुपये के कार्यक्रम की भी घोषणा की है। बजट में बड़े उद्योगों और एमएसएमई के लिए किसानों के लिए नए रेलवे लॉजिस्टिक्स उत्पादों को विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। डाक और रेलवे नेटवर्क के एकीकरण से छोटे उद्यमों और दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की समस्याओं का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए घोषित पीएम डिवाइन के मॉडल का उपयोग करके क्षेत्रीय विनिर्माण परिवेश को मजबूत किया जा सकता है। इसी तरह, विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम में सुधार से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

श्री मोदी ने सुधारों के प्रभाव के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि पीएलआई में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के लिए दिसंबर 2021 में 1 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया गया है। कई अन्य पीएलआई योजनाएं कार्यान्वयन के महत्वपूर्ण चरणों में हैं।
प्रधानमंत्री ने 25 हजार अनुपालनों को हटाने और लाइसेंसों के स्वत: नवीनीकरण के बारे में चर्चा की, जिससे अनुपालन संबंधी बोझ में उल्लेखनीय कमी आई है। इसी तरह,डिजिटलीकरण नियामक ढांचे में गति और पारदर्शिता लाता है। उन्होंने कहा, ‘कॉमन स्पाइस फॉर्म से लेकर राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली से लेकर कंपनी स्थापित करने तक, अब आप हर कदम पर हमारे विकास के अनुकूल दृष्टिकोण को महसूस कर रहे हैं।

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...