सोमवार, 20 सितंबर 2021

क्वारंटीन की अनिवार्यता को खत्म किया: यूएसए

वाशिंगटन डीसी। नए नियमों के तहत अमेरिका आने वाली फ्लाइट पर बैठने से पहले यात्रियों को पूरे वैक्सिनेशन का सबूत देना होगा। फ्लाइट से तीन पहले कोविड-19 टेस्ट कराना होगा और इसके निगेटिव नतीजे दिखाने होंगे। क्वारंटीन की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। लेकिन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और मास्क लगाने पर जोर रहेगा। इससे पहले अप्रैल में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत से गैर-अमेरिकी नागरिकों के आने पर रोक लगा दी थी।
वाइट हाउस के कोविड-19 रेस्पॉन्स कोओर्डिनेटर जेफ जींट्स का कहना है कि लोगों को सुरक्षित रखने और वायरल को फैलने से रोकने के लिए फिलहाल सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन ही है। फिलहाल बच्चों की वैक्सीन नहीं आने के चलते उनके लिए इस नियम में छूट दी गई है। वहीं, नए नियम मेक्सिको और कनाडा से जमीन के रास्ते ट्रैवल पर भी लागू नहीं हैं।

समन आदेश पर नियंत्रण प्राधिकरण से जवाब मांगा

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद गौतम गंभीर, उनके फाउंडेशन और अन्य के खिलाफ कोविड-19 दवाओं के कथित अवैध भंडारण और वितरण से संबंधित एक मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने गौतम गंभीर फाउंडेशन, गंभीर और अन्य आरोपियों की याचिका पर मामले में निचली अदालत द्वारा पारित समन आदेश को लेकर दिल्ली औषधि नियंत्रण प्राधिकरण से जवाब मांगा है।

मामले को आगे की सुनवाई के लिए आठ दिसंबर को सूचीबद्ध करते हुए न्यायाधीश ने कहा, ”तब तक कार्यवाही पर रोक लगाई जाती है।” औषधि नियंत्रण विभाग ने गौतम गंभीर फाउंडेशन, इसकी सीईओ अपराजिता सिंह, अपराजित सिंह, सीमा गंभीर, गौतम गंभीर और नताशा गंभीर के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून की धारा 18 (सी) के साथ धारा 27 (बी) (दो) के तहत मामला दर्ज कराया है। आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक प्रवीण कुमार और इमरान हुसैन के खिलाफ भी आरोप लगाते हुए दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई गई है। धारा 18 (सी) के तहत बिना लाइसेंस के दवाओं के निर्माण, बिक्री वितरण पर प्रतिबंध है और धारा 27 (बी) (दो) के तहत वैध लाइसेंस के बिना बिक्री, वितरण पर तीन साल की सजा का प्रावधान है जिसे पांच तक बढ़ाया जा सकता है।

हापुड़: चन्नी को सीएम बनाए जाने पर खुशी जताई

अतुल त्यागी      
हापुड़। 20 सितंबर दिन सोमवार को दलित काग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों व कांग्रेस जनों ने इंद्रगढ़ी में चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाए जाने पर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जताई। इस दौरान पूर्व विधायक गजराज सिंह भी कार्यक्रम में शरीक हुए और चरणजीत सिंह चुन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाए जाने पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा आदरणीया सोनिया गांधी,पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी जी और शीर्ष कांग्रेस के सभी नेताओं ने पंजाब में चरणजीत सिंह चुन्नी जी को मुख्यमंत्री बनाकर देश भर में दलित समाज को सबसे बड़ा तोहफा दिया हैं। 
इसके साथ ही 29 सितंबर को मेरठ में प्रियंका गांधी की होने वाली रैली के लिए अधिक से अधिक संख्या में लोगों को पहुंचने के लिए कहा। 29 सितंबर को प्रियंका गांधी बहुत बड़ा ऐलान करेंगी। एससी विभाग कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष नरेश कुमार भाटी ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार पंजाब को दलित समाज से मुख्यमंत्री मिला हैं। इसके लिए दलित समाज अपने आप को बेहद गौरवांवित महसूस कर रहा हैं। पंजाब में पहली बार दलित समाज से मुख्यमंत्री बनाए जाने पर कांग्रेस हाईकमान के फैसले का वे तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं। कार्यक्रम का संचालन सेवादल प्रदेश सचिव अंकित शर्मा ने किया।
इस दौरान एससी विभाग कांग्रेस नगर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार,वरिष्ठ कांग्रेसी व वार्ड अध्यक्ष बाबूराम आढ़ती जी,राजेश पार्चा,सेवादल यंग ब्रिगेड जिलाध्यक्ष निसार पठान खान,फरदीन,मनोज वैध पूर्व मीडिया प्रभारी गौरव गर्ग,जस्सा सिंह,तारेश्वर त्यागी,भरतलाल शर्मा,डॉक्टर सलेकचंद,कुसुम लता,लोकेश वर्मा,रतनलाल पार्चा,महेंद्र सिंह,राकेश खन्ना,मुनेंद्र सिंह,मदनलाल,मदन कुमार,प्रिंस पार्चा,राजवीर,धर्मवती,राजू रेडियो वालेअशोक कुमार मुर्गे वाले,हंसराज,राहुल कुमार आदि कांग्रेस जन मौजूद रहें।

यूपी: यूनियन हॉल में संपन्न हुआ कार्यकर्ता सम्मेलन

कौशाम्बी। जय जवान जय किसान मंच का कार्यकर्ता सम्मेलन लखनऊ के कोऑपरेटिव सोसाइटी यूनियन हॉल में संपन्न हुआ। पूरे प्रदेश से संगठन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। संगठन की अध्यक्षता संगठन के संयोजक सुशील जयहिंद जय जवान जय किसान मंच ने की और किसानों के अधिकारों को लेकर चिंतन भी किया गया। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में जो सरकारी काम कर रहे हैं। किसानों के अधिकारों को नजरअंदाज कर रही हैं। 
बैठक में सारे कार्यकर्ताओं ने एक प्रस्ताव पास किया कि अगर सरकार किसानों की फसल का उचित मूल्य किसानों के लिए बिजली और पानी समय से नहीं उपलब्ध करती है तो संगठन सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाएगा। वक्ताओं ने कहा कि आज किसान दुखी है। नौजवान के बीच बेरोजगारी चरम सीमा पर है। वक्ताओं ने कहा कि हम सब लोगों को देश और समाज में फैली हुई बुराइयों के खिलाफ आवाज उठानी होगी। जय जवान जय किसान मंच के संरक्षक श्री कृष्ण मिश्रा एडवोकेट ने कहा किसानों के हितों को लेकर 2 अक्टूबर को स्वर्गीय लाल बहादुर की जयंती पर कौशांबी जनपद के मंझनपुर मुख्यालय से किसान जन जागरण यात्रा का आयोजन किया जाएगा। बैठक में वीरेंद्र चौरसिया, हरिकेश शर्मा, राहुल पाल, संदीप निषाद, पुखराज तिवारी, त्रिपुरारी पाल, राकेश जयसवाल, मनजीत राजेश यादव, विवेक गुप्ता, कौशल पोरवाल, अखिलेश त्रिपाठी, अवधेश तिवारी, यतेन्द्र गोविंद ठाकुर व अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया संचालन शरद चंद्र राय हर्ष त्रिपाठी ने किया।
राजकुमार 

29 सितंबर को जनसभा को संबोधित करेंगी प्रियंका

सत्येंद्र पंवार      

मेरठ। स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिधरा के ऐतिहासिक मैदान पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की साढे 4 वर्ष की नाकामियों को जनता के बीच उजागर करने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा आगामी 29 सितंबर को जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी सिंह गर्जना करेंगे। सोमवार को महानगर के बुढ़ाना गेट स्थित जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर आयोजित की गई प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी धीरज सिंह गुर्जर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पता नहीं अपनी किस उपलब्धि का प्रचार करते हुए घूम रहे हैं। कोरोना काल में मरीजों के अस्पताल में भर्ती न होने, लोगों के सिर पर सिलेंडर ढोने, सरकार की नाकामियों के कारण पैदल चलकर घरों को जाते मजदूरों के बीच रास्ते में दम तोड़ने की उपलब्धि सरकार के नाम पर दर्ज है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने दम पर उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए बहुमत हासिल कर अपनी सरकार बनाएगी। उन्होंने दावा किया कि महानगर में आगामी 29 सितंबर को आयोजित की जाने वाली कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा की जनसभा में तकरीबन डेढ़ लाख कार्यकर्ता इकट्ठा होंगे। इस मौके पर जिला अध्यक्ष अवनीश, महानगर अध्यक्ष जाहिद अंसारी, प्रदेश के महासचिव विदित चौधरी, प्रदेश सचिव एवं जिला प्रभारी अजीत सिंह डोला व प्रदेश सचिव शहर प्रभारी नसीम खान उपस्थित रहे। 

जिलाध्यक्ष दिनेश की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक

हरिओम उपाध्याय           
मोदीनगर। भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यसमिति की संगठनात्मक बैठक जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल की अध्यक्षता में नगर पालिका कार्यालय मोदीनगर में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य वक्ता हरियाणा के करनाल से सांसद एवं क्षेत्रीय चुनाव प्रभारी संजय भाटिया रहे। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर संगठनात्मक चर्चा करते हुए कार्यकर्ताओं को अहम टिप्स दिए।
जिला अध्यक्ष दिनेश सिंघल ने बैठक में आए हुए सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अपनी- अपनी जिम्मेदारियों को निष्ठा से निर्वाहन करते हुए पार्टी के कार्यों को पूर्ण करने का कार्य करें।
बैठक का संचालन जिला महामंत्री नवेन्द्र गौड़ ने किया। इस दौरान मुख्य रूप से क्षेत्रीय महामंत्री विकास अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष ममता त्यागी, विधायक डॉ. मंजू शिवाच, नंदकिशोर गुर्जर, जिला उपाध्यक्ष चैनपाल सिंह, देवेंद्र चौधरी, स्वदेश जैन, जिला महामंत्री अनूप बैंसला, जितेंद्र चित्तौड़ा, राजेंद्र बाल्मीकि, जिला मंत्री आकाश गौतम, राहुल बैसला, अश्वनी कुमार, पवन सोम खेड़ा, सुदेश भारद्वाज, मीडिया प्रभारी धजय खारी आदि मौजूद रहे।

चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से भाजपा के पेट में दर्द हुआ

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि पंजाब में एक गरीब और दलित के बेटे चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है। जिस वजह से वह उन्हें अपमानित करने की साजिश कर रही है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बसपा प्रमुख मायावती पर भी उनके एक बयान को लेकर पलटवार किया और चुनौती दी कि वह पंजाब में शिरोमणि अकाली दल एवं बसपा के गठबंधन की ओर से किसी दलित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करें।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से भाजपा की पेट में दर्द है। इसलिए वह छींटाकशी करके चन्नी जी और दलितों का अपमान करने की साजिश कर रही है। मोदी जी दलितों के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन उन्होंने देश में किसी दलित को मुख्यमंत्री नहीं बनाया।”
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ”क्या किसी गरीब और दलित का बेटा मुख्यमंत्री नहीं बन सकता? भाजपा, आप, बसपा और अकाली दल की पेट में दर्द क्यों हो रहा है?” सुरजेवाला के मुताबिक, कांग्रेस ने दलित समुदाय के व्यक्तियों को राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री के पद पर पहुंचने का मौका दिया। मायावती के एक बयान को लेकर उन पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ”हम मायावती जी का सम्मान करते हैं।
वो हमारी बुजुर्ग हैं। हम उनसे कहते हैं कि वह भी घोषणा कर दें कि पंजाब में अकाली दल और बसपा का मुख्यमंत्री उम्मीदवार दलित होगा।” मायावती ने चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने को चुनावी हथकंडा बताते हुये कहा है कि विधानसभा चुनाव में बसपा और अकाली दल गठबंधन से कांग्रेस बहुत ज्यादा घबरायी हुई है, इसीलिये उसने ऐसा किया है।

जिलानी मियां का एक रोजा उर्स-ए-जिलानी मनाया

संदीप मिश्र          
बरेली। आला हजरत के पोते मुफस्सिर-ए-आजम हजरत इब्राहीम रजा खान (जिलानी मियां) का रविवार को एक रोजा उर्स-ए-जिलानी मनाया गया। उर्स की सभी तकरीबात दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की सदारत में अदा की गई। कुल की रस्म का आयोजन सुबह 7 बजे किया गया। इसके बाद दोपहर तक कार्यक्रम चला। दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि 45वें एक रोजा उर्स का आगाज फजर की नमाज के बाद कुरानख्वानी के साथ हुआ। 
नात-ओ-मनकबत के बाद मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी, मौलाना डा. एजाज अंजुम ने जिलानी मियां के जिंदगी पर रोशनी डालते हुए कहा कि मसलक-ए-आला हजरत और मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के लिए उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। फातिहा कारी रिजवान रजा, मुफ्ती अनवर अली, मुफ्ती कफील हाशमी आदि ने पढ़ी।
खुसूसी दुआ सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने की। इस मौके पर कारी अब्दुर्रहमान कादरी, मुफ्ती अफरोज आलम, मुफ्ती जमील, मुफ्ती मोइनुद्दीन, मुफ्ती सैयद शाकिर अली, जुबैर रजा खान, मास्टर कमाल, अनवारूल सादात, शाहिद नूरी, अजमल नूरी, परवेज नूरी, औररंगजेब नूरी, ताहिर अल्वी, हाजी जावेद खान, मंज़ूर खान, शान रजा, तारिक सईद, सुहैल चिश्ती आदि मौजूद रहे।

नई धान खरीद नीति में एफपीओ को बाहर किया

संदीप मिश्र        
बरेली। कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को आय बढ़ाने के मकसद से पहली बार सरकार ने कोविड महामारी में धान खरीद की जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद गेहूं खरीद का मौका आया तो ऐसी शर्तें लगाईं कि ज्यादातर एफपीओ खरीद से बाहर हो गए। बाकी कसर नई धान खरीद नीति में एफपीओ को खरीद व्यवस्था से ही बाहर कर पूरी कर दी गई। इससे जहां एफपीओ और छोटे व लघु सीमांत किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को तो झटका लगा ही। वहीं इस फैसले से संगठनों में जबर्दस्त नाराजगी है।
रविवार को कृषक उत्पादक संगठन समेत कई ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद वीना कुमारी मीना और अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी को प्रत्यावेदन भेजकर धान खरीद का अवसर दिलाने की मांग की है। मगर किसी स्तर से कोई आश्वासन न मिलने से उनमें नाराजगी बढ़ रही है।
यह कहना है एफपीओ संचालकों का
हर एफपीओ में एक से दो हजार लघु-सीमांत किसान जुड़े हैं। इन किसानों के धान की मात्रा कम होने से इनकी बिक्री आसानी से नहीं हो पाती। इनका धान बिचौलियों के हाथों बिकता है, जिससे इन्हें पूरी कीमत नहीं मिल पाती है। एफपीओ लघु व सीमांत किसानों से ही खरीद करती है। लेकिन एफपीओ को खरीद नीति से बाहर करने से यह समस्या फिर बढ़ जाएगी। एफपीओ के लिए काम केवल कागजी है। प्रेम मौर्या, निदेशक, पीलीभीत कृषक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी
एक तरफ किसानों की आय दोगुनी करने की बात करने वाली योगी सरकार ने एफपीओ की क्रियान्वयन नियमावली 2020 बनाई। इसके तहत किसानों के लिए 17 विभाग मिशन मोड में एक साथ कार्य करेंगे। इसका उद्देश्य हर किसान परिवार को उद्यमी के रूप में संगठित कर आत्मनिर्भर बनाना है लेकिन किसान ही अपनी बनाई कंपनी से खरीद नहीं कर सकते। इसलिए धान खरीद से एफपीओ को बाहर किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण व किसान विरोधी है। एफपीओ को नीति में शामिल किया जाना चाहिए।

बादल फटने से चारों तरफ तबाही का मंजर पसरा

पंकज कपूर             
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से चारों तरफ तबाही का मंजर पसर गया है। सवेरे के समय बादल फटने के बाद पहाड़ी से आए मलबे और बारिश ने गांव में भारी तबाही मचाई है। इस घटना में बीआरओ मजदूरों के घरों और झोपड़ियों को भारी नुकसान हुआ है।
सोमवार को चमोली में पंती गांव की ऊपरी पहाड़ी पर बादल फट गया। बादल फटने से गिरे पानी से पहाड़ का मलबा 35 केवी बिजली सब स्टेशन के पास बहने वाले गधे रे में आ गया। जिस कारण ग्वालदम-कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंती में खड़े दर्जनों छोटे-बड़े वाहन मलबे के पानी की चपेट में आ गए। बादल फटने से बहकर आया पानी बीजीबीआर के मजदूरों के अस्थाई आवासीय मकानों के भीतर घुस गया। जिससे उनमें रखा सामान तहस-नहस हो गया। बादल फटने के बाद आई आपदा से लोगों को भारी नुकसान हुआ है। जानकारी मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन स्थानीय लोगों को साथ लेकर बचाव एवं राहत कार्य में जुटा हुआ है। बीआरओ के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। थाना अध्यक्ष ध्वजवीर सिंह पवार के मुताबिक नारायण बगड़ पंती गांव में सवेरे के समय बादल फटने की सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन को दी थी। 
मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लेते हुए राहत कार्य शुरू कराए हैं। उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से हिमालयी राज्य उत्तराखंड काफी संवेदनशील है। जिसके चलते राज्य के पहाडी इलाकों में बादल फटने, पहाडियां खिसकने और भूस्खलन की घटनाये होती रहती है। उधर बीते दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में पहले से ही जनजीवन अस्त व्यस्त हैं और कई संपर्क मार्गों पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। कुछ दिनों पहले ही श्रीनगर गढ़वाल में सिरोबगढ़ के पास बादल फटने से बड़ी तबाही मची थी। इस दौरान बद्रीनाथ हाईवे पर भारी लैंडस्लाइड भी हुआ था। जिसकी चपेट में तीन वाहन आ गए थे। उसका मलबा इलाके के फैल गया था जिससे लोगों को भारी नुकसान झेलने को मजबूर होना पडा था।

हेड कांस्टेबल ने खुद को गोली मारकर खुदखुशी की

हरिओम उपाध्याय        
प्रयागराज। सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाने में तैनात हेड कांस्टेबल ने प्रयागराज में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। उसका शव जीआरपी को पुलिस लाइन के टॉयलेट में मिला है। मृतक के पास सरकारी पिस्टल पडी हुई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जीआरपी जवान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
सोमवार को कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाने में तैनात हेड कांस्टेबल चिंतामणि यादव ने प्रयागराज में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। प्रयागराज पुलिस लाइन के टॉयलेट में जीआरपी के जवान का शव बरामद हुआ है। उनके शव के समीप में ही सरकारी पिस्टल पडी हुई थी।
जीआरपी के जवान ने आत्महत्या किन कारणों से की है पुलिस द्वारा इस बाबत जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस द्वारा सूचना मिलने के बाद एसपी जीआरपी एसएस मीना और मृतक हेड कांस्टेबल के परिवार के सदस्य भी प्रयागराज पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि हेड कांस्टेबल चिंतामणि पिछले काफी समय से छुट्टियां ना मिलने के चलते डिप्रेशन में पहुंच गए थे। कानपुर जीआरपी सीओ कमरुल हसन का कहना है कि जवान द्वारा की गई आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
अवकाश नहीं मिलने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

कौशल से भाजपा संगठन को प्रभावशाली बनाया

हरिओम उपाध्याय           
लखनऊ। 30 साल पहले आरएसएस से नाता ऐसा जुड़ा कि समर्पण भाव से काम करते-करते वह एक मुकाम तक आ पहुंचे। सियासी तड़क-भड़क से दूर रहते हुए उन्होंने अपने सांगठनिक कौशल से भाजपा संगठन को यूपी में प्रभावशाली बनाए रखा। वर्तमान में गृहमंत्री अमित शाह के सानिध्य में सब कुछ सीख उसे धरातल पर उतार कर उन्होंने साबित किया कि वह वर्तमान में यूपी भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य हैं। अपने सरल स्वभाव से कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय उत्तर प्रदेश में भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल के जन्मदिन पर विशेष। प्रदेश के कोटपुतली गांव में 20 सितंबर 1969 में जन्मे सुनील बंसल अपने जन्म के ठीक 20 साल बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में जनरल सेक्रेटरी यानी महामंत्री का चुनाव लड़ रहे थे।
20 साल की उम्र में छात्र राजनीति की चुनावी जंग में उतरने वाले सुनील बंसल ने पहले ही चुनाव में अपने चुनावी मैनेजमेंट से जीत हासिल कर ली थी। इस जीत ने ही उनको संगठन एवं चुनावी प्रबंधन सिखा दिया था। 1 साल बाद वरिष्ठ भाजपा नेता जब लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर निर्माण को लिए रथ यात्रा लेकर निकले थे तो सुनील बंसल तब आरएसएस के प्रचारक बन चुके थे।साल 1990 से संघ में काम करने करते सुनील बंसल उसी में रम गए। 2010 में यूथ अगेंस्ट करप्शन के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर काम करने के बाद अचानक 2014 में जब लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने शुरू हुई और अमित शाह को उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रभारी बनाया गया तो उनके सहयोगी के तौर पर सुनील बंसल का नाम सामने आया था। तब राजनैतिक हलकों में चर्चा थी कि अमित शाह के सहयोगी बनाए गए सुनील बंसल कौन है ।वर्तमान में गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशन में सुनील बंसल लखनऊ आ गए और उन्होंने बीजेपी दफ्तर के एक कमरे को अपना वार रूम बना लिया। अमित शाह यूपी के सियासी गुणा भाग को समझ रहे थे तो भी सुनील बंसल उनके राइट हैंड बन कर भाजपा को जिताने के लिए संगठन को सशक्त बनाने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए। अपने रूम कम दफ्तर में सुनील बंसल एक आईपैड, मोबाइल, टेलीफोन एवं टीवी के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं एवं विपक्षी दलों की कार्यशैली पर नजर गड़ाए हुए थे। अमित शाह के राजनीतिक कौशल और सुनील बंसल के सहयोग का ही नतीजा था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने करिश्माई नेता नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश तो जीता ही उत्तर प्रदेश में भी विपक्ष का सूपड़ा साफ करते हुए 80 लोकसभा सीटों में से 73 सीटें जीत संदेश दे दिया था कि आगे और भी बदलाव होगा। 
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री रह चुके सुनील बंसल की संगठन पर पकड़ एवं लोकसभा चुनाव में यूपी में उनका काम देख चुके हाईकमान ने उन्हें उत्तर प्रदेश में भाजपा का महामंत्री संगठन राकेश जैन के स्थान पर बना दिया। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश को पूरी तरह मथ चुके सुनील बंसल ने पहले ही दिन से मिशन 2017 को अपना लक्ष्य बना लिया था , तब भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उन पर पूरा भरोसा करते थे। कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हो चुके सुनील बंसल ने अलग-अलग टीमें बनाकर विधानसभा सीट स्तर पर काम शुरू कर दिया था । उनसे जुड़े सूत्रों का कहना है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में एक एक विधानसभा सीट पर तीन तीन टीम भेजी । वो इनसे फीडबैक लेते थे, जहां कमी दिखाई पड़ती थी तो स्थानीय स्तर पर उस में व्यापक सुधार कराते थे। सुनील बंसल ने अमित शाह के नेतृत्व में उन जातियों को भाजपा से जोड़ने की मुहीम चलाई जो भाजपा को वोट नहीं करती थी। इधर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी पारिवारिक कलह में उलझ रही थी उधर भाजपा अपनी कमियों को सुधारने में जुटी थी। नतीजा आया तो भाजपा ने 312 सीटें लेकर तमाम विपक्ष को धड़ाम कर दिया था।
ट्रैवल्स और किताबों को पढ़ने का शौक रखने वाले सुनील बंसल का विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद कद और बढ़ गया था मगर सादगी पसंद और संगठन को समर्पित सुनील बंसल राजनीति की चमक में तनिक भी नहीं खोए। सुनील बंसल की कार्यशैली बताती है कि वह पर्दे के पीछे रहकर काम करना अधिक पसंद करते हैं। उन पर अमित शाह का भरोसा और सुनील बंसल की कार्यशैली के कारण उनको 2018 में राजस्थान में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात चली, मगर बताया जाता है कि उनका टारगेट 2019 में यूपी में भाजपा को फिर से लोकसभा चुनावों में बड़ी जीत दिलाना था इसलिए उन्होंने यूपी नहीं छोड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सुनील बंसल ने भाजपा आलाकमान के दिशा निर्देशन में इस तरह की रणनीति बनाई कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में तमाम विपक्ष के एक साथ हो जाने के बाद भी बड़ी जीत हासिल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वर्तमान में होम मिनिस्टर अमित शाह के निर्देशन में पहले 2014 का लोकसभा फिर 2017 का विधानसभा और अब 2019 का लोकसभा चुनाव सफल रणनीति से जीतने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत की रग रग से परिचित हो गए सुनील बंसल को यूपी में भाजपा का चाणक्य कहा जाता है।अब सुनील बंसल संगठन के साथ मिलकर साल 2022 में यूपी में होने विधानसभा चुनाव बीजेपी को फिर से जिताने की मुहीम में जुटे हुए है ।

यूपी: अतीक के खिलाफ कार्यवाहियां तेज की गई

हरिओम उपाध्याय           
लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय अर्थात ईडी के राडार पर अब उत्तर प्रदेश की अलग.अलग जेलों में बंद चल रहे सपा नेता आजम खान, गैंगस्टर बसपा विधायक मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद की संपत्तियां आ गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस के बाद अब मुख्तार और अतीक के खिलाफ ईडी की ओर से भी कार्यवाहियां तेज कर दी गई है।
परिवर्तन निदेशालय की ओर से गैंगस्टर से बसपा विधायक बने मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद के अलावा पूर्व मंत्री आजम खान के खिलाफ पूर्व में मनी लांड्रिंग के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। अब कोर्ट से ईड़ी को इन तीनों नेताओं को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति मिल गई है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम जल्द ही मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद और पूर्व मंत्री आजम खान से पूछताछ कर सकती है। पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी इन तीनो ही नेताओं की आय और संपत्तियों के स्रोत का पता करेंगे। इन्होंने किस तरह अरबों रुपए का आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया है। उनके कौन.कौन से कारोबार हैं।
आय के मुख्य स्रोत कौन.कौन से हैं। इस बारे में ईडी इनसे पूछताछ कर अब जानकारी जुटायेगी। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय की ओर से आजम खान, अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रयागराज एवं मऊ के स्थानीय प्रशासन ने अतीक अहमद एवं मुख्तार की अरबों रुपए की संपत्तियों को जब्त कर लिया है अथवा उनको जमींदोज करा दिया है। तीन दशकों के दौरान मुख्तार अंसारी और अतीक ने उत्तर प्रदेश के तकरीबन आधा दर्जन से ज्यादा शहरों के भीतर करोड़ों रुपए की भूमि की खरीद फरोख्त की थी।
साथ ही कई बेशकीमती सरकारी जमीनों पर कब्जा भी किया था। उधर सपा नेता एवं पूर्व मंत्री आजम खान पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप लगा है। आरोप है कि पूर्व मंत्री आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी के नाम पर जिन जमीनों का अधिग्रहण किया गया था, उनमें से कई जमीने सरकारी हैं और यूनिवर्सिटी बनाने में सरकारी पैसे का इस्तेमाल किया गया है।

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