रविवार, 22 अगस्त 2021

देश में 720 से अधिक बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। देश के शीर्ष बाल अधिकार निकाय के आंकड़ों के अनुसार, 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में 720 से अधिक बच्चे अब तक कोविड-19 से संक्रमित हुए और किसी की भी मौत नहीं हुई। आंकड़ों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा एक आरटीआई प्रश्न के जवाब में साझा किया गया। आंकड़ों के अनुसार पिछले साल, उत्तर प्रदेश 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में से एकमात्र राज्य था जिसने सीसीआई में बच्चों के बीच कोरोना वायरस मामलों की सूचना दी थी। आंकड़ों के अनुसार, इसने 35 मामले दर्ज किए थे।

आंकड़ों के अनुसार इस साल उत्तर प्रदेश में ऐसे संस्थानों से अभी तक कोरोना वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इन 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीसीआई में रहने वाले बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई है।

हरियाणा में 2 सप्ताह और बढ़ाया गया लॉकडाउन

राणा ओबरॉय      

चंडीगढ़। हरियाणा में 2 सप्ताह और बढ़ाया गया लॉकडाउन। “महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा” की अवधि 6 सितंबर 2021 की सुबह 5 बजे तक बढ़ाई गई। हरियाणा सरकार ने किया आदेश जारी।

हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन छह सितंबर तक बढ़ा दिया है। हालांकि सरकार ने रात्रि कर्फ्यू को पहले ही हटा दिया था। रेस्टोरेंट और बार 50 फीसदी की क्षमता के साथ खुलेंगे। इस दौरान कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।


कई लोगों को बाहर निकालने के लिए अड्डा होगा बंद

काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद इसके प्रतिशोध से बचकर देश से बाहर जाने के इकलौते रास्ते काबुल हवाई अड्डा के अंदर बड़ी संख्या में जमा लोगों को बाहर निकालने के लिए 48 घंटों तक हवाई अड्डे को बंद रखा जाएगा। देश छोड़ भागने का प्रयास कर रहे अफगानों को तालिबान आतंकवादियों के प्रतिशाेध लेने की आशंका है। ये अफगानी हवाई अड्डे के भीतर और बाहर बड़ी संख्या में जमा हैं।

मीडिया रिपोर्टाें के मुताबिक रविवार को हवाई अड्डा के बाहर सात लोगों की मौत हाे गयी। अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास ने एक परामर्श जारी कर अमेरिका के नागरिकों को संभावित सुरक्षा खतरों के कारण काबुल हवाई अड्डे की यात्रा करने से बचने की सलाह दी है।

परिवहन विभाग ने रिकॉर्ड राजस्व की वसूली की

दुष्यंत टीकम         
रायपुर। परिवहन विभाग के उड़नदस्ते ने इस साल जुलाई में रिकॉर्ड राजस्व की वसूली की है। जुलाई माह में 1 करोड़ रुपये का राजस्व परिवहन विभाग के उड़नदस्ते द्वारा वसूला गया है।
परिवहन विभाग के प्रवर्तन (इंफोर्समेंट) शाखा की राज्य अस्तरीय मासिक समीक्षा बैठक शनिवार को नया रायपुर के इंद्रावती भवन के परिवहन विभाग के मुख्यालय में हुई। समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि विभाग के राजस्व में बड़ी बढ़ोत्तरी हो रही है। रायपुर जिले में उड़नदस्ता ने अपने लछ्य 75 लाख से ज्यादा 1.11करोड़ का राजस्व वसूला है। जिसमे समझौता शुल्क77.49 लाख,ई चालान 8.24 लाख और आन लाइन टैक्स के तौर पर 25.69 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं।
यह राज्य के सभी परिवहन उड़नदस्ता में सवार्धिक रहा है।
इसके लिए रायपुर प्रभारी उड़नदस्ता महेंद्र कुलदीप को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
बैठक में आलाधिकारियों ने सभी चेकपोस्ट प्रभारियों से कहा कि अतिरिक्त परिवहन आयुक्त दिपांशु काबरा ने चेकिंग के लिए अतिरिक्त संसाधन जल्द ही उपलब्ध कराने के लिये निर्देश दिए ,समीक्षा बैठक में प्रमोशन और नई भर्तियों को लेकर चर्चा हुई। बैठक में दुर्ग,कोरबा,अम्बिकापुर, जगदलपुर सहित राज्य के सात उड़नदस्ता और पाटेकोहरा,खम्हारपाली,धनवार, रेंगारपाली, चिल्फी,सहित राज्यभर के 16 अंतरराज्यीय चेकपोस्ट के अधिकारी शामिल हुए, संयुक्त परिवहन आयुक्त वेदव्रत सिरमौर, डिप्टी परिवहन आयुक्त, अंशुमान सिसोदिया, गोपीचंद मेश्राम, और सहायक परिवहन आयुक्त शोएब अहमद खान मौजूद रहे।

अतिक्रमण कारियों के कब्जें का केस, संज्ञान लिया

बृजेश केसरवानी         
प्रयागराज। पूरामुफ्ती थाना के ठीक सामने कई करोड़ कीमत की बेशकीमती पंचायत उद्योग की जमीन पर अतिक्रमण कारियों के अवैध कब्जा के मामले को शासन ने संज्ञान ले लिया है। शासन में पंचायत उद्योग की जमीन को कब्जा मुक्त कराने का निर्देश जिला पंचायत राज अधिकारी को दिया है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने टीम भेजकर पंचायत उद्योग की जमीन पर कब्जे की जांच कराई है। शासन का निर्देश मिलते ही विभाग में हड़कंप मचा है। लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी मामले में लीपापोती करने के मूड में दिख रहे हैं। स्थानीय लोगों ने पंचायत उद्योग की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर आलीशान मकान बना लिया है। पंचायत उद्योग की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर अखंड भारत संदेश समाचार पत्र में प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित की। 
उक्त खबर को शासन ने संज्ञान लेकर जिला पंचायत राज अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए तत्काल अतिक्रमण करियों के कब्जे से पंचायत उद्योग की जमीन को कब्जा मुक्त कराते हुए सरकार के खाते में जमीन वापस लेने को कहा लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी सिर्फ खाना पूर्ति तक ही सीमित रह गए और अवैध कब्जा धारकों से बची थोड़ी बहुत जमीन पर साफ-सफाई कराकर ईमानदारी का तमगा बटोर लिए हैं। जिससे लोगों का कल्याण नहीं होना है। लोगों के बीच जिला पंचायत राज अधिकारी के प्रति भारी रोष व्याप्त है। सूत्रों की माने तो पूरामुफ्ती थाना के ठीक सामने पंचायत उद्योग की जमीन पर लगभग तीस वर्षों से अतिक्रमण करियों ने कब्जा करके रखा है। लेकिन किसी भी जिला पंचायत राज अधिकारी ने पंचायत उद्योग की जमीन कब्जा मुक्त कराने की नहीं सोची क्योंकि उन्हें खुशामत करने के लिए अवैध कब्जा धारकों के द्वारा समय-समय पर रकम पहुंचाई जाती है। जिसके कारण आज तक पंचायत उद्योग की जमीन अवैध कब्जा धारकों के चंगुल से मुक्त नहीं हो सकी है।
राजकुमार

नेताओं को 'प्रताड़ित' करने की साजिश, निशाना

बेंगलुरू। कर्नाटक में कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान ने आरोप लगाया कि उन्हें देश के अनेक राज्यों में प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं को 'प्रताड़ित' करने की साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खान की संपत्तियों की हाल में तलाशी ली थी। खान ने यह दावा भी किया कि ऐसे प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं की एक सूची तैयार की गयी है। उन्होंने कहा, ''मेरे लोग मेरी पूंजी हैं। जब तक मैं राजनीति में हूं, मैं ऐसा कुछ नहीं करुंगा जिससे मेरे लोगों को शर्म से अपने सिर झुकाने पड़ें।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि ईडी के छापों ने उनके बारे में कई लोगों के मन में संदेह को दूर कर दिया है। खान ने कहा, ''एक घर बनाने को मेरे सबसे बड़े अपराध की तरह दिखाया जा रहा है। इसलिए ईडी ने मुझ पर छापे मारे। ईडी ने जिस उम्मीद के साथ मेरे यहां छापे मारे, वह झूठी साबित हुई।
उन्होंने आरोप लगाया, ''विभिन्न राज्यों के प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं की एक सूची तैयार की गयी है और उन्हें प्रताड़ित करने के प्रयास जारी हैं। इसी साजिश के तहत मुझे निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन मैं ऐसी चीजों से डरने वाला नहीं।ईडी ने पांच अगस्त को विभिन्न स्थानों पर खान के आवास और दफ्तरों से जुड़े परिसरों पर एक साथ तलाशी ली थी। अपने ट्वीट पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब नहीं देना चाह रहे चामराजपेट के विधायक ने कहा कि उन्हें जो कहना था, कह चुके हैं और मीडिया के सामने उन्हें और कुछ नहीं कहना।
मुस्लिम नेताओं की सूची बनाये जाने और उन्हें प्रताड़ित करने की साजिश के खान के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा, ''मैं उनसे बात करता हूं, देखते हैं कि उनका क्या पक्ष है। हम पार्टी में विचार-विमर्श करेंगे।कांग्रेस विधायक ने शुक्रवार को शिवकुमार से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस बीच खान दिल्ली में हैं और अटकलें लगने लगीं कि ईडी ने उन्हें तलब किया है।
हालांकि इस तरह की अटकलों को खारिज करते हुए खान ने कहा, ''मैं निजी कामकाज से अक्सर दिल्ली जाता हूं। ईडी ने मुझे नहीं बुलाया, यह मीडिया के दिमाग की उपज है। अगर ईडी मुझे बुलाती है तो मैं मीडिया को बताऊंगा और नोटिस दिखाऊंगा।

राजवीर के पिता का जन्म ही मुहिम के लिए हुआ

हरिओम उपाध्याय                
लखनऊ। राम मंदिर आंदोलन के झंडाबरदार रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह ने रविवार को कहा कि उनके पिता का जन्म ही इसी मुहिम के लिए हुआ था। शनिवार रात दुनिया को अलविदा कह गए 89 वर्षीय भाजपा नेता कल्याण सिंह के सांसद पुत्र राजवीर सिंह ने लखनऊ स्थित आवास पर पिता के अंतिम दर्शन के दौरान वहां लग रहे ‘जय श्री राम’ के नारों की ओर इशारा करते हुए संवाददाताओं से कहा, ”मेरे पिता का जन्म ही इसके लिए (जय श्री राम) हुआ था। वह राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध थे और अब वह राम से जा मिले हैं। वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को देखेंगे। वह रामलला के पास पहुंच चुके हैं।”
राजवीर ने रुंधे गले से कहा कि उनके पिता की तरह उनका परिवार भी खुद को राम मंदिर के लिए समर्पित करेगा। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को विधानभवन और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय ले जाया गया। पार्टी दफ्तर में मिर्जापुर से अपना दल-सोनेलाल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने सिंह के अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह के साथ राजनीति के एक युग का समापन हो गया है। सिंह उनके पिता समान थे।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, ”उनका निधन राष्ट्रवादी राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके नेतृत्व में राष्ट्रवाद ने उत्तर प्रदेश की सीमाओं को पार किया और भारत के विभिन्न हिस्सों में पहुंचा। वह राष्ट्रवाद का बड़ा चेहरा थे। वह एक सख्त प्रशासक थे और वह गलत करने वाले अपने करीबियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने से नहीं हिचकते थे।
गौरतलब है कि राम मंदिर आंदोलन के शीर्ष नेताओं में शामिल रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार रात राजधानी लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। वह लंबे समय से बीमार थे।

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...