मंगलवार, 17 अगस्त 2021

बैठक: मैनपुरी जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा

हरिओम उपाध्याय                      
मैनपुरी। यूपी के में सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष बोर्ड की बैठक रखी गई थी। जिला पंचायत की बैठक में मैनपुरी जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया। जिला पंचायत अध्यक्ष ने अर्चना भदौरिया ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है। बैठक में जिपं सदस्य योगेंद्र प्रताप सिंह की ओर से मैनपुरी का नाम मयन नगर रखे जाने का प्रस्ताव रखा गया था। 
बैठक में इस प्रस्ताव पर 25 सदस्यों में से 23 सदस्यों ने प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।  जबकि 2 सदस्यों ने नाम बदलने का कारण जानना चाहा। हालांकि प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। मुहर लगने के बाद यह प्रस्ताव जिला पंचायत की ओर से प्रमुख सचिव संस्कृति के यहां भेजा जाएगा। 
उसके बाद शासन निर्णय लेगा कि मैनपुरी का नाम मयन नगर होगा या फिर मैनपुरी।
जिला पंचायत अध्यक्ष अर्चना भदौरिया ने कहा, "मयन ऋषि की तपोभूमि के कारण इस जनपद का नाम मयनपुरी था। भाषा की गलती के कारण मैनपुरी को शुद्ध नाम देते हुए मयन नगर किया गया है। हालांकि, अभी केवल बोर्ड में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। अब सरकार तय करेगी कि मैनपुरी का नाम मैनपुरी ही रहेगा या मयन नगर कर दिया जाएगा।
विपक्ष सोशल मीडिया पर कर रहा विरोध...
इस प्रस्ताव की जानकारी जिले में जंगल में लगी आग की तरह फैल गई। कही, जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो नाम परिवर्तन के पक्ष और विपक्ष में बहस शुरू हो गई. मैनपुरी सदर से समाजवादी पार्टी के विधायक राजकुमार यादव फेसबुक पर विरोध जताया है. वह मैनपुरी के नाम बदलने को लेकर काफी खफा नजर आ रहे हैं। वहीं, कुछ लोग मयन नगर नाम को लेकर काफी उत्साहित दिख रहे हैं, तो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
हाल ही में फिरोजाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव हुआ पारित...
कांच के काम और महिलाओं की चूड़ियों के लिए पहचाना जाने वाला फिरोजाबाद जल्द ही नई पहचान पाएगा। जिला पंचायत की बैठक में फिरोजाबाद जिले का नाम हिन्दू राजा चंद्रसेन के नाम पर चंद्रनगर करने का प्रस्ताव पारित हो गया। बीजेपी के सांसद चंद्रसेन जादौन ने भी इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया था।

ईंधन की कीमतों में कमी नहीं करने का कारण बताया

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। देश में ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों के कारण लोगों परेशान है। बढ़ती कीमत को लेकर महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। आम जनता सहित विपक्षी दल लगातार सरकार से ईंधन की कीमतों कटौती करने की मांग कर रही है। इसी बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईंधन की कीमतों में कमी नहीं करने का कारण बताया है। साथ ही ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कोई कटौती नहीं करने की बात कही। सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'यूपीए सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपये के तेल बांड जारी कर ईंधन की कीमतों में कमी की थी। मैं पिछली यूपीए सरकार द्वारा खेली गई चालबाजी से नहीं जा सकती।
ऑयल बॉन्ड की वजह से हमारी सरकार पर बोझ आया है। इसलिए हम पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं कर पा रहे।'
वित्त मंत्री ने कहा, 'लोगों का चिंतित होना सही है। जब तक केंद्र और राज्य कोई रास्ता नहीं निकालते, इसका कोई समाधान संभव नहीं है।वित्तमंत्री ने कहा, 'फिलहाल ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कोई कटौती नहीं की जाएगी। यूपीए सरकार द्वारा जारी तेल बांडों के लिए किए जा रहे ब्याज भुगतान से राजकोष पर बोझ है। सरकार ने पिछले 5 वर्षों में तेल बांड पर ही ब्याज में 70,195.72 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है।'
उन्होंने कहा, 'हमें अभी भी 2026 तक 37,000 करोड़ रुपये का ब्याज देना होगा। ब्याज भुगतान के बावजूद, 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मूलधन अभी भी लंबित है। अगर मुझ पर तेल बांड का बोझ नहीं होता तो मैं ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने की स्थिति में होते।

बांग्लादेशी शब्द लिखे जाने पर नाराजगी व्यक्त की

पंकज कपूर                   
देहरादून। प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति उत्तराखंड ने संजय नगर वार्ड नंबर 11 में रुदपुर में प्रेस वार्ता करते हुए उत्तराखंड सरकार द्वारा बांग्ला समाज को जारी होने वाले प्रमाण पत्रों से पूर्व पाकिस्तानी शब्द को हटाकर बांग्लादेशी शब्द लिखे जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए उत्तराखंड सरकार को घेरने का काम किया।
प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर गांगुली ने का की उत्तराखंड सरकार बंगाली समाज के साथ एक बार फिर खिलवाड़ करने का काम किया है उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने बंगाली समुदाय की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए पूर्व पाकिस्तानी शब्द को हटाकर बांग्लादेशी शब्द लिख दिया है। जो कि अपमानजनक है।
बंगाली समाज इसकी घोर निंदा करता है और उत्तराखंड सरकार से मांग करता है कि वह अपने फैसले को वापस लेकर बंगाली समाज के प्रमाण पत्रों से पूर्व पाकिस्तानी और बांग्लादेशी शब्द को हटाने का काम करें अन्यथा बंगाली समाज उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।

मानदेय बढ़ाने की मांग पर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया

पंकज कपूर                              
रुद्रपुर। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सेविकाओं ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। एडीएम के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा आगनबाडी कार्यकर्ताओं मिनी कार्यकर्ता कर्मचारी संगठन के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में विशाल रैली निकाला एसडीएम विशाल मिश्रा से उन्होंने कहां की महंगाई यों में 600 रुपए प्रतिदिन को हिसाब से 18 हजार रुपये महीना मानदेय दिया जाए। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यकर्ताओं का आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बखूबी से योगदान दे रहे हैं। वहां जिला अध्यक्ष अनीता सिंह, मीरा बोस, उर्मिला मिश्रा, अमरजीत कौर, पुष्पेंद्र कौर, जसमिंदर कौर, इंदिरा पोखरिया राधा देवी आदि थे।

यूके: कॉलेज प्रशासन ने हस्तक्षेप करना शुरू किया

पंकज कपूर                         
नैनीताल। कुमाऊं का सबसे बड़ा अस्पताल हर समय विवादों में रहता है। आये दिन तीमारदारों से लेकर मरीजों तक से अभ्रदता के आरोप लगते रहते है। अब टेंडर को लेकर चर्चाओं में है। सुशीला तिवारी अस्पताल के परिसर में मेडिकल स्टोर के टेंडर में खास लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश होने के आरोप लग रहे हैं। बकायदा इसका विरोध भी शुरू हो गया है। जिसके बाद मामला बढ़ता देख कॉलेज प्रशासन ने हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है।
दरअसल सुशीला तिवारी के मेडिकल स्टोर के टेंडर को लेकर नई शर्तें लगा दी गई हैं। आरोप है कि व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर में पांच करोड़ से अधिक का टर्नओवर प्रतिवर्ष मांगा गया है। साथ ही सरकारी, अद्र्ध सरकारी या मेडिकल कॉलेज का पांच वर्ष का अनुभव प्रमाण पत्र जैसी शर्त भी लगाई गई है। ऐसे में टेंडर की शर्तों को लेकर दवा विक्रेता विरोध शुरू कर दिया।बकायदा सोमवार को प्राचार्य के समक्ष एक दवा विक्रेता रवि गुप्ता ने टेंडर को लेकर सवाल खड़े करते हुए लिखित में आपत्ति दर्ज कराई है। टेंडर के लिए 5 करोड़ 70 लाख रुपये हैसियत का प्रमाण पत्र भी मांगा गया है। गुप्ता ने कहा कि निविदा की शर्त पूरी करने के बाद हैसियत प्रमाण पत्र का कोई औचित्य नहीं है। इसका टेंडर 26 अगस्त को खुलेगा। इसके अलावा पिछली निविदाओं में कार्यक्षेत्र का पांच वर्ष का अनुभव मांगा गया था। लेकिन इस बार सरकारी, अद्र्ध सरकारी चिकित्सालय या मेडिकल कॉलेज से पांच वर्ष का कार्य अनुभव प्रमाण पत्र की बात कही गई है। इन शर्तों से स्थानीय फुटकर या थोक विक्रेताओं को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
इस संबंध में राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरुण जोशी का कहना है कि टेंडर को लेकर आपत्ति आयी है। इस मामले में अध्ययन किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि टेंडर से मरीजों को अधिक फायदा हो। अगर कुछ जरूरी होगा तो कार्यवाही की जायेगी।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-367 (साल-02)
2. बुधवार, अगस्त 18, 2021
3. शक-1984,सावन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:44, सूर्यास्त 07:10।
5. न्‍यूनतम तापमान -21 डी.सै., अधिकतम-37+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेंगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...