रविवार, 18 जुलाई 2021

हिंसा का बल, अफगान पर कब्‍जा नहीं करने देंगे

काबुल/ वाशिंगटन डीसी। अमेरिका और मध्‍य एशिया के 5 देशों ने प्रण किया कि है कि वे तालिबान को हिंसा के बल पर अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा नहीं करने देंगे। अमेरिका और मध्‍य एशिया के 5 देशों ताजिकिस्‍तान, कजाखस्‍तान, किर्गिस्‍तान, तुर्कमेनिस्‍तान और उज्‍बेकिस्‍तान ने कहा है कि ताकत के बल पर आने वाली किसी भी नई अफगान सरकार को क्षेत्र से कोई समर्थन नहीं मिलेगा। इन सभी देशों ने एक संयुक्‍त बयान जारी करके तालिबान को यह खुली चेतावनी दी है जो लगातार हिंसक हमले करके अफगानिस्‍तान के बहुत बड़े हिस्‍से पर अपना कब्‍जा कर चुका है। सभी 6 देशों ने कहा कि आतंकवादी और तीसरे पक्ष की ताकतों को निश्चित रूप से अफगान जमीन का इस्‍तेमाल हमको या दुनिया के किसी अन्‍य देशों को धमकी देने के लिए नहीं करने देना चाहिए।
इस गठबंधन को 5+1 नाम दिया गया है और उन्‍होंने प्रण किया है कि अफगानिस्‍तान के संघर्ष को खत्‍म करने के लिए वे मिलकर काम करेंगे। उन्‍होंने कहा कि युद्ध की वजह से दक्षिण और मध्‍य एशियाई देशों का आर्थिक विकास बाधित हो गया है। यह बयान ताशकंद में हुए अंत‍रराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन के बाद आया है। इस पर साइन करने वाले देशों ने कहा कि वे अफगान शांति प्रक्रिया के लिए स्‍थायी और समृद्ध स्थितियां बनाने पर सहमत हो गए हैं।
इन सभी देशों का मुख्‍य जोर पूरे मुद्दे के राजनीतिक समाधान पर है। इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका, अफगान‍िस्‍तान, पाकिस्‍तान और उज्‍बेकिस्‍तान की ओर से जारी संयुक्‍त बयान में क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाने के लिए एक नए बहुपक्षीय राजनयिक प्‍लेटफार्म को बनाने पर सहमति बनी थी। 5+1 देशों के गठबंधन ने अफगानिस्‍तान में सुरक्षा, ऊर्जा, आर्थिक, व्‍यापार, संस्‍कृति और अन्‍य प्रयासों पर सहयोग करने का फैसला किया।

यूपी: गरीब बच्चों का छीना जा रहा है निवाला, दबंगई

अतुल त्यागी               
हापुड़। जिलें में थाना बाबूगढ़ के पास ग्राम अटूटा ब्लॉक  विकास खंड सिंभावली में आंगनबाड़ियों की दबंगई, गरीब बच्चों का निवाला छीना जा रहा है। जैसे कि आपको बता दें, कि आज ग्राम अटूटा के अंदर जो भी अपने बच्चों का राशन लेने गई महिलाएं व पुरुष तो आंगनबाड़ियों ने उन्हें घी और बच्चों का पाउडर देने से मना कर दिया और बोली महिलाओं ने पूछा तो कहा, कि पीछे से घी व पाउडर नहीं मिल रहा है। बात करने के लिए भी तैयार नहीं है। प्रशासन की आंखों में धूल झोखी जा रही हैं। आंगनवाड़ी अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है।
यह सब गोरखधंधा हमने गांव की कुछ महिलाओं से पूछा तो उन्होंने कहा कि गांव के अंदर सब  चीज आती है और आंगनवाड़ी की जो मैन गांव अटूटा की अंजू अग्रवाल है। वह यह कह कर टाल देती हैं कि जब हमें पीछे से नहीं मिलता तो हम कहां से दे और तो और जिन गर्व वती महिलाओं के सरकारी अस्पताल में टीका कार्ड बने हुए है। उन्हे भी नही चढ़ाती है, गांव की आसाओ ने कहा तो वहा पर भी नहीं जाती है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन ऐसे व्यक्तियों पर कार्रवाई करता है, या नहीं। अंजू अग्रवाल के ऊपर एक आगनवाड़ी अधिकारी है। जिस का नाम उर्मिला है, जो ये कहती है। इन से कुछ नही होगा, अपने आप देख लूंगी आप अपना काम करती रहे।
जिस में आज दर्जनों महिलाएं इकट्ठा हुई आंगन वाडी केंद्र पर प्रदर्शन किया। जिसमें रमेश ,विमलेश,सुनीता, मोनिका, स्वाति ,मोना, मीनाक्षी, लक्ष्मी, सरिता, सुनीता, मुनिया, गायत्री, राखी आदि मौजूद रही।
अब देखना ये होगा, ऐसे व्यक्तियों पर कार्रवाई होती हैं या फिर कागजों में ही सब कुछ सही कर के दिखा दिया जाएगा। जब गवर्नमेंट इन चीजों को गरीबों के लिए भेजती है तो कहां पर चला जाता है।

षड्यंत्र: मूल निवासियों के अधिकार को खतरा हैं

अश्वनी उपाध्याय              
गाजियाबाद। भारत देश के आपसी तालमेल सौहार्द को कुछ षड्यंत्र कार्यों से मूल निवासियों के हक अधिकार को खतरा है। बामसेफ के आफसूट संगठन मेरठ मंडल समीक्षा बैठक का संचालन प्रोफेसर ओमपाल सिंह एवं अध्यक्षता माननीय वामन मेश्राम ने की। मा वामन मेश्राम ने अपने वक्तव्य में कहा कि मूल निवासियों के हक अधिकार दिलाने के लिए हम लोग लगे हुए हैं। भारत देश को आजादी नहीं मिल पाई मनु वादियों ने आजाद होकर भी अपना कब्जा किया हुआ है और मूल निवासियों के हक अधिकार दबाने पर लगे हुए हैं। भारतीय संविधान को पूर्णतया लागू करने के लिए बामसेफ और आप सूट संगठन प्रयासरत हैं. मूल निवासियों को उनके हक अधिकार प्रतिनिधित्मिव मिलना चाहिए। 
जो आज तक नहीं मिल पा रहा है उसके लिए जन आंदोलन करना भी पड़ सकता है। मुख्य अतिथि के रूप में मौलाना सज्जाद नोमानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज भारत देश में कुछ षड्यंत्रकारी बरसों से लगे हुए हैं कि भारतीय मूल निवासियों के आपसी तालमेल सौहार्द को खत्म करने की साजिश रचते रहते हैं। 
मूल निवासियों को बहुत सोच समझ कर चलने की जरूरत है अन्यथा देश को मनुस्मृति में धकेलने वाले अपने मिशन पर लगे हुए हैं। आने वाले चुनाव में एससी एसटी ओबीसी को एक मूल निवासियों की पार्टी को समझना होगा और अपने दुश्मन और अपनों का पता करने की क्षमता भी बनानी होगी। आज देश में बेरोजगारी महामारी बीमारी किसी का इलाज नहीं किया जा रहा। 
बल्कि आपसी सौहार्द सामाजिक तालमेल को खत्म करने पर भी सरकार आमादा है।
प्रोफेसर राजेंद्र सिंह यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि देश में हाहाकार मचा हुआ है। लेकिन कुछ मनुवादी धर्म की राजनीति करने पर आमादा है। देश और समाज को हिंदू मुस्लिम की खाई में धकेलना चाहते हैं। जबकि मुस्लिम हमारा खून का भाई है और इस्लाम मजहब के दुश्मन बनाने पर तुले हुए हैं। प्रोफेसर हितेश कुमार ने कहा कि शिक्षा से मोदी सरकार योगी सरकार पीछे धकेल देना चाहती है और युवाओं को बच्चों को मानसिक स्तर से कमजोर कर देना चाहती है। हम लोगों को शिक्षा की ओर अग्रसर होना चाहिए इधर-उधर वक्त जाया ना करें और समाज में आज बेरोजगारी पनप चुकी है। 
प्रदीप अंबेडकर उत्तर प्रदेश प्रभारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आने वाले चुनाव में मूल निवासियों के अधिकारों को दिलाने के लिए और बामसेफ एवं आप सूट संगठन की विचारधारा पर एकमात्र बहुजन मुक्ति पार्टी है और मूल निवासियों को इसका सहयोग करना चाहिए हम लोग भी इस पर विश्वास कर रहे हैं और 2022 में उत्तर प्रदेश को आजादी दिलाने के लिए पूर्ण रूप से भारतीय संविधान को बचाने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए अन्यथा मूल निवासियों के वर्चस्व को बचाने का कोई रास्ता नहीं है।
सभी संगठनों को आह्वान किया गया कि उ प्र 2022 में बहुजन मुक्ति पार्टी को तन मन धन से मूलनिवासी पूर्ण रुप से सहयोग करें।
समीक्षा मीटिंग में राम शरण गौतम, सुनील सैनी, हरीश कश्यप, डा. एस पी सिंह कलीमुल्लाह सैफी, हाजी अतीक अहमद, मौलाना शाहनवाज, मौलाना शाहिद, गाज़ी विनोद कुमार, मनोज कुमार, अतर सिंह गुप्ता, एडवोकेट राहुल बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आर डी गादरे दिनेश कुमार, ओमवीर सिंह, विजयपाल सिंह, विजय कश्यप, मदनलाल वीरभान, एडवोकेट रामोतार, सुभाष चन्द्र मुखी, प्रदीप अम्बेडकर, आयु गीता पैट्रिक, आयु सोहनबीरी, सरपंच गजेंद्र पाल, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, डा. सूरज पाल सिंह, इकरामुद्दीन सैफी, राम सिन्गार, मौलाना अकमल, नवीन प्रभाकर, अनिल मकवाना, मोन्टी, बाल्मीकि महेन्द्र, प्रजापति शहन्शाह, मौहम्मद सलमान, खुर्शीद गद्दी, औमकरन फूल सिंह, बौद्ध अमजद अली अन्सारी, सुरेश गौतम, संजय कुमार, वीरेन्द्र सिंह यादव, जाकिर सैफी आदि मौजूद रहे।

इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कार्यालय का उद्घाटन किया

कौशांबी। जनपद मुख्यालय मंझनपुर के समदा रोड पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कार्यालय का उद्घाटन प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सईद अहमद के कर कमलों द्वारा किया गया है। कार्यालय उद्घाटन के बाद जिला कार्यकारिणी का गठन कर पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मौके पर पार्टी के जिला अध्यक्ष हाजी परवेज महमूद ने पार्टी की नीतियों के बारे में उपस्थित लोगों को विस्तार से बताया है और उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी के निर्देशानुसार आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी कार्यकर्ता पदाधिकारी सक्रिय हो जाएं। उन्होंने कहा कि पार्टी आगामी विधानसभा के चुनाव में जिले की तीनों विधानसभा सीट पर प्रत्याशी उतारेगी और दमखम के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेगी। 
इस मौके पर सरदार हुसैन फैजी, जाफरी सैयद, मोहम्मद मेहंदी, एडवोकेट आफताब अहमद, मोहम्मद यूनुस, सर्वेश सरोज, मोहम्मद नईम, मोहम्मद इरफान, श्याम, नारायण अली अहमद, एहतेशाम हुसैन, इसरार अहमद, कामरान शेख, इकरार अहमद सहित तमाम लोग मौजूद रहे। 
गणेश साहू 

हरियाणा मंत्रीमंडल में नहीं हुआ विस्तार व फेरबदल

राणा ओबराय             
चंडीगढ़। हरियाणा की खट्टर सरकार में मंत्रीमंडल फेरबदल की चर्चाएं मोदी मंत्रीमंडल फेरबदल से पहले चल रही है। परंतु अभी तक हरियाणा के मंत्रिमंडल में ना तो विस्तार हुआ है और ना ही फेरबदल। वैसे जब-जब हरियाणा के मुख्यमंत्री दिल्ली का दौरा करते हैं, तो हरियाणा मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चाएं बलवान हो जाती है। फिर हर बार सीएम को खंडन करना पड़ता है। शायद इस बार चर्चाओं को असली जामा पहनाया जा सकता है। 
उच्च सुत्रो के अनुसार हरियाणा मंत्रीमंडल में फेरबदल अब कुछ दिनों में हो सकता है। यह भी सम्भव है कि मंत्रीमंडल से कुछ मंत्रियों की छटनी के साथ कुछ नए विधायको को मंत्रिपद सौंप दिया जाए। सीएम मनोहरलाल पीएम मोदी की तरह कसौटी पर खरा न उतरने वाले मंत्रियो की छुट्टी कर सकते हैं। हरियाणा में अभी दो नए मंत्रियों के लिए पद रिक्त है जिसमे एक जेजेपी कोटे से मन्त्री बनना तय है। अब देखना यह है कि किस विधायक की मन्त्री बनने की लॉटरी निकलेगी। ऐसा कौन सा मन्त्री होगा। जिसकी परफॉर्मेंस ठीक न होने के उसकी छुटी होगी। यह चर्चाएं भी सुनने को मिल रही है कि किसी बड़े मंत्री का विभाग की बदला जा सकता है।

नियम-प्रक्रिया का दायरा, हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले सरकार ने आज कहा कि वह नियम-प्रक्रिया के दायरे में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। जबकि विपक्षी दलों ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती महँगाई के साथ कई अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की है। संसदीय सौध में ढाई घंटे से अधिक समय तक चली सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आश्वासन दिया कि सरकार सत्र के दौरान सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सार्थक और स्वस्थ चर्चा की उम्मीद जताई और कहा कि चर्चा शांतिपूर्ण एवं नियमों के अंतर्गत होनी चाहिए। सदस्य लोकतंत्र की परंपरा को ध्यान में रखते हुए जो मुद्दे उठाना चाहते हैं।

सरकार नियम प्रक्रिया से सभी पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। जोशी ने कहा कि 33 दलों के 40 से अधिक नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया तथा विभिन्न विषयों पर चर्चा के सुझाव दिये। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों, खासकर विपक्षी सांसदों के सुझाव महत्वपूर्ण हाेते हैं। क्योंकि वे ज़मीन से आते हैं। उन्होंने कहा कि इन सुझावों को चर्चा में शामिल करने से बहस समृद्ध होती है।

सर्वदलीय बैठक के समाप्त होने के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में विपक्षी नेताओं ने एक अलग कक्ष में अपनी रणनीति को लेकर बैठक की। सूत्रों के अनुसार किसानों के आंदोलन, महँगाई, बेराेजगारी, पेट्रोल-डीजल के दाम और कोरोना महामारी के संकट को लेकर विपक्ष के तेवर कड़े हैं और शुरुआत में दोनों सदनों में गतिरोध देखा जा सकता है।

वेबसाइट पर देश के खिलाफ साजिश रचने का आरोप

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ख़बरों की एक वेबसाइट पर देश के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा , "यह समाचार वेबसाइट भारत को बदनाम कर रही है। इस वेबसाइट को विदेशों से वित्तीय सहायता मिलती है। यह वेबसाइट अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है।" उन्होंने कहा, "इस वेबसाइट से संबंधित एक खबर आपने पढ़ी होगी कि करोड़ों रुपये विदेशों से संदिग्ध रूप से हिंदुस्तान में आए हैं। 

उसका एक ही मकसद है कि भारत सरकार को नाकाम बताकर विदेश की कुछ ताकतों का एजेंडा चलाना। आज इस समाचार वेबसाइट के बारे में जो तथ्य सामने आया है, इससे एक बात स्पष्ट है कि 'टूलकिट' केवल भारत के कुछ राजनीतिक दल चला रहे हैं, ऐसा नहीं है। बल्कि भारत के बाहर भी एक ऐसी साजिश हो रही है, जो इस 'टूलकिट' का हिस्सा है।" संबित पात्रा ने कहा कि हमारी वैक्सीन नीति को बदनाम किया जाए, यह कुचेष्टा कुछ लोगों, कुछ संस्थाओं और कुछ 'पोर्टल्स' ने की है। इस समाचार वेबसाइट को बाहरी ताकतें पैसा भेजती थीं। 

ये 'पीपीके' नाम की कंपनी के अंतर्गत आती है। इन्होंने करोड़ो रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को स्वीकार किया। इसमें मुख्य रूप से विदेश के तीन लोग सम्मिलित थे। इसके अलावा करीब 30 करोड़ रुपये इन्होंने विदेशों की अलग-अलग एजेंसियों से प्राप्त किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया की चादर ओढ़कर पोर्टल चलाने वाले कुछ तथाकथित कार्यकर्ता हैं। जिनके साथ कुछ विदेशी ताकतें हैं और भारत के कुछ बड़े राजनीतिक दलों के नेता भी हैं। इनका एक समूह बना है। पूरे सामंजस्य के साथ ये काम करते हैं। इनका मकसद होता है देश में भ्रम, अराजकता फैलाना।

विश्व में संक्रमित संख्या-18.99 करोड़ से अधिक हुईं

वाशिंगटन डीसी। विश्वभर में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के संक्रमितों की संख्या बढ़कर 18.99 करोड़ से अधिक हो गई है और अब तक इसके कारण 40.82 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केंद्र (सीएसएसई) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 192 देशों एवं क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 18 करोड़ 99 लाख 98 हजार 957 हो गयी है जबकि 40 लाख 82 हजार 349 लोग इस महमारी से जान गंवा चुके हैं। विश्व में महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना वायरस की रफ्तार फिर से तेज हो गई है। यहां संक्रमितों की संख्या 3.40 करोड़ से अधिक हो गयी है और 6.08 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है।

दुनिया में कोरोना संक्रमितों के मामले में भारत दूसरे और मृतकों के मामले में तीसरे स्थान पर है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 41,157 नये मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर तीन करोड़ 11 लाख छह हजार 065 हो गया है। इस दौरान 42 हजार चार मरीजों के स्वस्थ होने के बाद इस महामारी को मात देने वालों की कुल संख्या बढ़कर तीन करोड़ दो लाख 69 हजार 796 हो गयी है। सक्रिय मामले 1365 घटकर चार लाख 22 हजार 660 हो गये हैं। इसी अवधि में 518 मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर चार लाख 13 हजार 609 हो गया है। देश में सक्रिय मामलों की दर घटकर 1.36 फीसदी, रिकवरी दर बढ़कर 97.31 फीसदी और मृत्यु दर 1.33 फीसदी  के मामले में अब तीसरे स्थान पर है, जहां कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ रहे हैं और अभी तक इससे 1.93 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 5.41 लाख से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है। ब्राजील कोरोना से हुई मौतों के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है।

संक्रमण के मामले में फ्रांस चौथे स्थान पर है जहां कोरोना वायरस से अब तक 59.17 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 1.11 लाख से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है। रूस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 58.60 लाख से अधिक हो गई है और इसके संक्रमण से 1.45 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या 55.22 लाख से अधिक हो गयी है और 50,488 मरीजों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस फिर पांव पसार रहा है, यहां प्रभावितों की कुल संख्या 54.07 लाख से अधिक हो गयी है और 1,28,960 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों के मामले में ब्रिटेन पांचवें स्थान पर है। अर्जेंटीना में संक्रमितों की संख्या बढ़कर करीब 47.49 लाख हो गयी है तथा मृतकों की संख्या 1,01,434 हो गई है। कोलंबिया में कोरोना वायरस से 46.21 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 1,15,831 लोगों ने जान गंवाई है। इटली में कोरोना प्रभावितों की संख्या 42.84 लाख से अधिक हो गयी है और 1,27,864 मरीजों की जान जा चुकी है।

स्पेन में इस महामारी से 41 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 81,096 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में वायरस की चपेट में आने वालों की संख्या 37.51 लाख से अधिक हो गई है और 91,369 लोगों की मौत हो चुकरान ने संक्रमण के मामले में पोलैंड को पीछे छोड़ दिया है और वहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 35.01 लाख से ज्यादा हो गयी है तथा मृतकों का आंकड़ा 86,966 तक पहुंच गया है। पोलैंड में कोरोना वायरस से 28.32 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और इस महामारी से 75,212 लोग जान गंवा चुके हैं।

इंडोनेशिया कोरोना मामले में मैक्सिको से आगे निकल गया है। इंडोनेशिया में कोरोना संक्रमण के मामले 28.32 लाख के पार पहुंच गये हैं जबकि 72,489 लोगों की मौत हो चुकी है। मैक्सिको में कोरोना से 26.54 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और यह देश मृतकों के मामले विश्व में चौथे स्थान पर है जहां अभी तक इस वायरस के संक्रमण से 2,36,240 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यूक्रेन में संक्रमितों की संख्या 23.17 लाख से अधिक है और 55,151 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस बीच दक्षिण अफ्रीका ने पेरू को पीछे छोड़ दिया है। दक्षिण अफ्रीका में संक्रमितों की संख्या 22.83 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 66,676 लोगों की मौत हो चुकी है।

पेरु में कोरोना संक्रमितों की संख्या 20.92 लाख से अधिक हो गयी है, जबकि 1,95,047 लोगों की जान जा चुकी है। नीदरलैंड में कोरोना से अब तक 18.16 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और यहां इस महामारी से 18,060 लोग जान गंवा चुके हैं। चेक गणराज्य में कोरोना से अब तक 16.70 लाख से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं और यहां इस महामारी से 30,336 लोग जान गंवा चुके हैं। महामारी के उद्गम स्थल वाले देश चीन में 1,04,257 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4,848 लोगों की मौत हो चुकी है।पड़ोसी देश बंगलादेश कोरोना संक्रमितों के मामले में पाकिस्तान से आगे निकल चुका है। बंगलादेश में कोरोना वायरस से करीब 10.92 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 17,669 मरीजों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान में अब तक कोरोना से 9.89 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 22,781 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा दुनिया के अन्य देशों में भी कोरोना वायरस संक्रमण से स्थिति खराब है। 

दशहरी की तीन गुना अधिक कीमत चुकाने को तैयार

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। फलों का राजा आम की मल्लिका किस्म की लोकप्रियता न केवल उत्तर प्रदेश में बढ़ी है। बल्कि इसका आकर्षक फल चौसा को टक्कर दे रहा हैं। हैरानी की बात यह है कि मल्लिका के प्रशंसक दशहरी की तीन गुना अधिक कीमत चुकाने को तैयार हैं। 
लखनऊ में आम की पसंद चौसा और लखनऊ सफेदा हैं, लेकिन इस वर्ष गोमती नगर में आप फलों की दुकानों में मुस्कुराते हुए मल्लिका के फल भी खरीद सकते हैं। इस तथ्य के बावजूद कि लखनऊ में केंद्रीय आम अनुसंधान केंद्र (अब केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान) ने 1975 में मल्लिका के पौधों को लखनऊ में लगाया पर विगत कई दशकों तक इस किस्म के फल बाजार में उपलब्ध नहीं थे।
इसका मुख्य कारण मलिहाबाद में आम के बागों और आसपास के क्षेत्रों में मल्लिका के कम संख्या में पौधे पाए जाते हैं। बागवानो ने धीरे-धीरे महसूस किया कि मल्लिका स्वाद, रूप और खाने के गुणों के मामले में एक उत्कृष्ट किस्म है।
चूंकि अधिकांश लोग इस किस्म के फलों की उच्च गुणवत्ता से अनजान थे, इसलिए नई किस्म होने के कारण बाज़ार में कम मात्रा में उपलब्ध थे। कई दशकों तक केवल कुछ बागवान या आम के कुछ विशेष प्रेमी इस विशेष किस्म का मजा लेते रहे। यह बाज़ार में देर से आने वाली किस्म है और देश के अधिकांश आम उगाने वाले क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाली साबित हुई है।
यह कर्नाटक और तमिलनाडु में व्यवसायिक तौर पर उगाई जा रही है क्योंकि बेंगलुरु के बाजार में फल बहुत अच्छी कीमत पर बेचे जाते हैं। संस्थान के निदेशक शैलेन्द्र राजन के अनुसार दक्षिण भारतीय आम नीलम मल्लिका की माता है और पिता दशहरी। फल का आकार माता-पिता दोनों से ही काफी बड़ा होता है, कुछ फलों का वजन 700 ग्राम से अधिक हो जाता है।
पहले फल तोड़ने पर पकने के बाद भी फलों में खटास रहती है लेकिन जब उन्हें सही अवस्था में तोड़ा जाए तो मिठास और खटास का अद्भुत संतुलन मिलता है। विशेष स्वाद के अतिरिक्त फल का गूदा सख्त होता है इसलिए स्वाद और बेहतरीन हो जाता है|

फल नारंगी पीले रंग का होता है, जिसमें आकर्षक गहरे नारंगी रंग का गूदा और एक बहुत पतली गुठली होती है। फल में भरपूर गूदा होने के कारण ग्राहक को पैसे की अच्छी कीमत मिल जाती है। गोमती नगर के एक वेंडर के मुताबिक, मल्लिका के बारे में जानने वाले लोग इस विशेष किस्म के फल की मांग करते हैं। मल्लिका के फल का मजा लेने के बाद लोग इस किस्म के दीवाने हो जाते हैं।

किस्म प्रेमी एक किलो के लिए सौ रुपये तक देने को तैयार हैं, जबकि विक्रेता को देश के अन्य शहरों में इस किस्म के बेचने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। कई जगह विक्रेता चौसा और कुछ अन्य किस्मों की आड़ में मल्लिका को बेचकर लोगों को गुमराह करते हैं। आम की एक किस्म को लोकप्रिय होने में कई दशक लग जाते हैं।
उदाहरण के लिए, मल्लिका के मामले में, लोगों को इसकी उत्कृष्ट फल गुणवत्ता के बारे में जानने में लगभग 40 साल लग गए। मल्लिका के पौधों की विभिन्न आम उत्पादक क्षेत्रों में मांग बढ़ रही है और तो और जापानियों को भी यह किस्म बहुत पसंद आ रही है।
एक अच्छी तरह से पका हुआ मल्लिका फल अल्फांसो, दशहरी और चौसा जैसी शीर्ष किस्मों में से किसी को भी मात दे सकता है। हालांकि, पेड़ से फल को उचित समय पर चुनना महत्वपूर्ण है; अन्यथा, किस्म के असली स्वाद का आनंद नहीं लिया जा सकता है।विभिन्न किस्मों की मांग बढ़ने से शहर में आम विक्रेताओं की बेचने की शैली भी बदल रही हैं। वे चौसा, लखनऊ सफेदा के अतिरिक्त कई अन्य किस्मों को एक ही समय में बेचते हैं। कुछ साल पहले, आम के मौसम के अंत मे केवल चौसा और लखनऊ सफेदा के ही फल मिलते थे।

17 विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। सरकार सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान कई विधेयकों को पारित कराने के एजेंडे के साथ सदन में जाएगी। वहीं, विपक्ष भी कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने और ईंधन की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। सरकार ने इस सत्र के दौरान 17 विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया है। 
इनमें से तीन विधेयक हाल में जारी अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाएंगे क्योंकि नियम है कि संसद सत्र शुरू होने के बाद अध्यादेश के स्थान पर विधेयक को 42 दिनों या छह सप्ताह में पारित करना होता है, अन्यथा वे निष्प्रभावी हो जाते हैं। इनमें से एक अध्यादेश 30 जून को जारी किया गया था जिसके जरिये रक्षा सेवाओं में किसी के विरोध प्रदर्शन या हड़ताल में शामिल होने पर रोक लगाई गई है।
आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 आयुध फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) के प्रमुख संघों द्वारा जुलाई के अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी देने की पृष्ठभूमि में लाया गया है। संबंधित संघ ओएफबी के निगमीकरण के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। लोकसभा द्वारा 12 जुलाई को जारी बुलेटिन के मुताबिक अध्यादेश का स्थान लेने के लिए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 को सूचीबद्ध किया गया है।वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग-2021 अन्य विधेयक है। 
जो अध्यादेश की जगह लाया जाएगा। वहीं, विपक्ष कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की कथित कमी और राज्यों को टीके के वितरण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है।
विपक्ष पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि को लेकर भी सरकार से जवाब मांगेगा। संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा। बुलेटिन में सूचीबद्ध वित्तीय विषयों में वर्ष 2021-22 के लिए अनपूरक मांग और अनुदान पर चर्चा शामिल है। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को संसद सदस्यों से अपील की कि महामारी के बीच वे लोगों के साथ खड़े हों और सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर।


बाढ़ में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 156 हुईं

बर्लिन। जर्मनी में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 156 हो गई है। स्थानिय अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। अखबार ने कोब्लेंज़ पुलिस विभाग के हवाले से बताया कि बाढ़ से 12 और लोगों की मौत हुई है। रविवार सुबह तक दक्षिण-पश्चिमी जर्मन के राइनलैंड-पैलेटिनेट प्रांत में 110 लोगों की मौत हुई है। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया प्रांत में शनिवार शाम तक मरने वालों की संख्या 45 थी, जबकि बेर्चटेस्गेडेन के बवेरियन क्षेत्र में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई है।
कोब्लेंज़ पुलिस विभाग की तरफ से रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार, अकेले अहरवीलर जिले में 110 से अधिक लोगों की मौत हुई हैं और 670 अन्य घायल हुए हैं। भारी बारिश और बाढ़ के कारण शनिवार की रात जर्मनी के बवेरिया के बेर्चटेस्गडेनर लैंड जिले में आपातकाल घोषित किया गया।
जर्मनी के सैक्सन स्विटजरलैंड में भी शनिवार देर रात बाढ़ की सूचना मिली और इस क्षेत्र में बाढ़ और भूस्खलन के बीच ड्रेसडेन-प्राग मार्ग पर रविवार दोपहर तक रेल सेवा को रोक दिया गया है।

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