मंगलवार, 13 जुलाई 2021

सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया: एचसी

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने कोरोना के दौरान छात्रों से वार्षिक और विकास शुल्क नहीं लेने के दिल्ली सरकार के आदेश को निरस्त करने वाली सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। 
चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 14 जुलाई को करने का आदेश दिया।
पिछले 7 जून को डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने निजी स्कूलों के संगठन एक्शन कमेटी अनऐडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट को नोटिस जारी किया था। पिछले 31 मई को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने दिल्ली सरकार के उन दो आदेशों को निरस्त कर दिया था, जिसमें निजी स्कूलों को कोरोना के दौरान छात्रों से वार्षिक और विकास शुल्क नहीं लेने का आदेश दिया गया था। जस्टिस जयंत नाथ ने कहा था कि इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं है कि वार्षिक और विकास शुल्क से स्कूल लाभ कमा रहे थे।
सिंगल बेंच के समक्ष दिल्ली के गैर सहायता प्राप्त 450 निजी स्कूलों के संगठन एक्शन कमेटी अनऐडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने 18 अप्रैल, 2020 और 28 अगस्त, 2020 को आदेश जारी कर स्कूलों को वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क वसूलने से मना कर दिया था। इन आदेशों को स्कूलों के फिजिकल खुलने तक लागू किया गया था। इसकी वजह से स्कूल छात्रों से पूरी फीस नहीं वसूल पा रहे हैं।
याचिका में कहा गया था कि ये आदेश जारी करना गैरकानूनी है और शिक्षा निदेशालय के क्षेत्राधिकार के बाहर है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने मॉडर्न स्कूल बनाम केंद्र सरकार के मामले में फैसला दिया था कि फीस बढ़ाने के पहले शिक्षा निदेशालय की अनुमति जरूरी है। दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है और कई अभिभावकों की नौकरी चली गई है। ऐसे में सामान्य रूप से स्कूल खुले बिना पूरी फीस वसूलना गैरकानूनी है।
सिंगल बेंच ने कहा था कि शिक्षा विभाग को स्कूलों की फीस पर तय करने का अधिकार तभी तक है, जब उसे पता चले कि उन फीस को वसूलने से स्कूलों को व्यावसायिक लाभ हो रहा है। शिक्षा विभाग को शिक्षा की व्यावसायिकता रोकने का अधिकार है लेकिन वो अनिश्चित काल तक फीस वसूलने से नहीं रोक सकता है। 
सिंगल बेंच ने कहा था कि स्कूलों को किराया, कर, परिवहन, इंश्योरेंस चार्ज, आडिटर्स की फीस, बिल्डिंग और फर्नीचर की रिपेयरिंग और रखरखाव में होने वाले खर्च को बंद रहने के दौरान भी वहन करना पड़ता है। अगर ये सारे काम नहीं किए जाएंगे तो स्कूलों की बिल्डिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान हो सकता है।
पिछले 28 जून को सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया था। 

मई: देश का औद्योगिक उत्पादन 29.3 फीसदी बढ़ा

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) मई महीने में सालाना आधार पर 29.3 फीसदी बढ़ा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। एनएसओ की ओर से जारी औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के मुताबिक मई महीने में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 34.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसी तरह खनन क्षेत्र का उत्पादन 23.3 फीसदी और बिजली का उत्पादन 7.5 फीसदी बढ़ा। हालांकि, मई, 2020 में औद्योगिक उत्पादन में 33.4 फीसदी की गिरावट आई थी। 
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित रहा है। उस वक्त इसमें 18.7 फीसदी की गिरावट आई थी। अप्रैल, 2020 में औद्योगिक उत्पादन 57.3 फीसदी घटा था। हालांकि, पिछले साल फरवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 5.2 फीसदी रही थी।

पीएचसी में हेल्थ एटीएम लगाने का फैसला लिया

हरिओम उपाध्याय                    
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हेल्थ एटीएम की सुविधा से लैस होंगे। योगी सरकार ने प्रदेश के सभी सीएचसी और पीएचसी में हेल्थ एटीएम लगाने का फैसला लिया है। लोग इन मशीनों के जरिये खुद अपने स्वास्थ्य की जांच कर सकेंगे। ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, टेंप्रेचर और आक्सीजन के साथ शरीर से जुड़ी तमाम चीजों की जांच मुफ्त में हो सकेगी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने सोमवार को यहां बताया कि प्रदेश सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शुरू हो रही इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ ग्रामीण और कस्बों में रहने वाले लोगों को मिलने जा रहा है। 
इन अत्याधुनिक मशीनों के जरिये लोग बॉडी मास इंडेक्स, ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिक ऐज, बॉडी फैट, हाईड्रेशन, पल्स रेट, हाइट, मसल मास, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा और वजन की जांच कर सकेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि डॉक्टर डेली कंसलटेंसी के माध्यम से सीधे हेल्थ एटीएम से जुड़े होंगे। जांच कराने वाले लोगों को चिकित्सक सलाह भी देंगे। हेल्थ एटीएम में ओपीडी जैसी सुविधा मिलेगी। बीमारी के हिसाब से डाइट चार्ट, मेंटल स्ट्रेस कम करने के तरीके भी चिकित्सक रिपोर्ट के आधार बताएंगे। हेल्थ एटीएम के लग जाने से लोगों को जहां जांच की सुविधा मिलेगी वहीं अपने स्वास्थ्य के प्रति उनमें जागरूकता भी बढ़ेगी।
 उन्होंने बताया कि कोरोना जैसी महामारी के दौर में योगी सरकार के इस कदम को लोगों के लिए बेहद फायदेमंद माना जा रहा है। हेल्थ एटीएम को एटीएम की तर्ज पर सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाएगा। इनकी देखरेख और बेहतर संचालन के लिए तकनीशियनों की तैनाती की जाएगी। राज्य सरकार इस योजना के जरिये जहां एक तरफ बेहतर स्वास्थ्य पर काम कर रही हैं वहीं दूसरी ओर तकनीशियनों की तैनाती से रोजगार की एक नई राह भी खोलने जा रही है। 
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों को इसके लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। कई औद्योगिक समूहों ने ‘हेल्थ एटीएम’ उपलब्ध कराने की इच्छा सरकार से जताई है। मुख्यमंत्री  योगी ने ऐसे सभी लोगों से संपर्क कर इस अभियान में सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि हेल्थ एटीएम अगली पीढ़ी का हेल्थकेयर डिलीवरी प्लेटफॉर्म है। तत्काल इलाज के लिए यह टेलीकंसल्टेशन और डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को तकनीक के माध्यम से जोड़ती है। हेल्थ एटीएम के जरिये बॉडी मास इंडेक्स, ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिक ऐज, बॉडी फैट, हाईड्रेशन, पल्स रेट, हाइट, मसल मास, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा, वजन सहित कुल 59 पैरामीटर की जांच कर सकते हैं। तत्काल बॉडी स्क्रीनिंग के लिए 16 पैरामीटर की जांच हो सकेगी। लाइफ स्टाइल से जुड़ी जांच जैसे ग्लूकोज, हीमोग्लोबिन, लिपिड प्रोफाइल आदि की भी जांच की जा सकेगी। कई तरह के रैपिड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, गर्भावस्था, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, एचआईवी के साथ ही 12 लीड ईसीजी, डिजिटल स्टेथोस्कोप, डर्मास्कोप, ओटोस्कोप जैसे टेस्ट भी किए जाएंगे। 

आलिया को लेकर फिल्म बना सकते हैं संजय: मुंबई

कविता गर्ग                 
मुंबई। बॉलीवुड के जानेमाने फिल्मकार संजय लीला भंसाली, ऋतिक रौशन और आलिया भट्ट को लेकर फिल्म ‘इंशाअल्लाह’ बना सकते हैं। संजय लीला भंसाली फिल्म ‘इंशाअल्लाह’ सलमान खान को लेकर बनाना चाहते थे लेकिन बात नहीं बन सकी।
संजय लीला भंसाली इस समय ‘हीरा मंडी’ वेब सीरीज पर काम कर रहे हैं। भंसाली फिल्म ‘इंशाअल्लाह’ पर भी काम कर रहे हैं। 
संजय लीला भंसाली ने एक बार फिर ‘इंशाअल्लाह’ प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। इस फिल्म में आलिया भट्ट के अपोजिट ऋतिक रौशन काम करते नजर आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि ऋतिक रौशन और संजय लीला भंसाली के बीच फिल्म को लेकर कई बैठकें हो चुकी हैं। ऋतिक को स्क्रिप्ट पसंद आई है लेकिन उन्होंने कुछ बदलाव करने की रिक्वेस्ट की है। संजय लीला भंसाली ने भी स्क्रिप्ट पर दोबारा काम शुरू कर दिया है। ‘इंशाअल्लाह’ के 2022 के सेकंड हाफ में फ्लोर पर जाने की उम्मीद है।

कोरोना वार्ड में आग लगने से 50 लोगों की मौंत हुईं

बगदाद। दक्षिण इराक के दी कार प्रांत स्थित अल हुसैन टीचिंग अस्पताल के कोरोना वायरस वार्ड में आग लगने से कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई तथा अनेक लोग घायल हो गए। इराक के चिकित्सा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि नासिरया शहर के इस अस्पताल में कम से कम 50 लोगों की मौत हुई है तथा अन्य की हालत नाजुक बनी हुई है। मरने वाले लोग बुरी तरह झुलस गए थे। उन्होंने बताया कि आग इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट के कारण लगी।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आग ऑक्सीजन सिलेंडर फटने की वजह से लगी। 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आग लगने के कारण के बारे में कुछ नहीं कहा है। दो चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में यह वार्ड तीन महीने पहले खुला था और इसमें 70 बेड थे। 
कार के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता अम्मार अल जामिली ने बताया कि जब आग लगी तब कम से कम 63 मरीज वार्ड के भीतर थे। इराक के किसी अस्पताल में इस वर्ष आग लगने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले, अप्रैल में बगदाद के एक अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक फटने की वजह से आग लगी थी और तब कम से कम 82 लोगों की मौत हो गई थी।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-332 (साल-02)
2. बुधवार, जुलाई 14, 2021
3. शक-1984,अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:38, सूर्यास्त 07:16।
5. न्‍यूनतम तापमान -36 डी.सै., अधिकतम-40+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेंगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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